शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

स्त्रियों के लिए रज मुद्रा योग रज मुद्रा केवल स्त्रियों के लिए है ऐसा नहीं, बल्कि अगर पुरुष इस मुद्रा को करते हैं तो उनके वीर्य संबंधी समस्त रोग दूर हो जाते हैं। मुद्रा विधि- रज मुद्रा बनाना बहुत ही आसान है। कनिष्ठा (छोटी अंगुली) अंगुली को हथेली की जड़ में मोड़कर लगाने से रज मुद्रा बन जाती है। इसका लाभ- रज मुद्रा से स्त्रियों के मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं। इसके अलवा सिर में भारीपन रहना, छाती में दर्द, पेट, पीठ, कमर का दर्द आदि रोग भी रज मुद्रा करने से दूर हो जाते हैं। स्त्री के सारे प्रजनन अंगों की परेशानियों को ये मुद्रा बिल्कुल दूर कर देती है।

स्त्रियों के लिए रज मुद्रा योग

रज मुद्रा केवल स्त्रियों के लिए है ऐसा नहीं, बल्कि अगर पुरुष इस मुद्रा को करते हैं तो उनके वीर्य संबंधी समस्त रोग दूर हो जाते हैं।

मुद्रा विधि- रज मुद्रा बनाना बहुत ही आसान है। कनिष्ठा (छोटी अंगुली) अंगुली को हथेली की जड़ में मोड़कर लगाने से रज मुद्रा बन जाती है।

इसका लाभ- रज मुद्रा से स्त्रियों के मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं। इसके अलवा सिर में भारीपन रहना, छाती में दर्द, पेट, पीठ, कमर का दर्द आदि रोग भी रज मुद्रा करने से दूर हो जाते हैं। स्त्री के सारे प्रजनन अंगों की परेशानियों को ये मुद्रा बिल्कुल दूर कर देती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नपुंसकता (Erectile Dysfunction) का प्राकृतिक समाधान :आयुर्वेद और घरेलू उपायों से पायें यौनशक्ति और आत्मविश्वास

  नपुंसकता ( Erectile Dysfunction ) का प्राकृतिक समाधान: आयुर्वेद और घरेलू उपायों से पायें यौनशक्ति और आत्मविश्वास परिचय नपुंसकता  ( Ere...