गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) क्या है?




स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म क्या है? (Spontaneous Orgasm)

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) का एक प्रकार है। जिस तरह सेक्स के बाद पुरुष चरम सुख की प्राप्ति करता है, उसी तरह महिलाएं भी चरम सुख का अनुभव करती हैं। उसे फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) कहते है।

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म, सेक्शुअल सेंसरी स्टिम्युलेशन (Sexual sensory stimulation) की वजह से होता है। यह भले ही थोड़े समय के लिए हो, लेकिन यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करता है। इसीलिए इस तरह के स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) बार-बार महसूस किए जा सकते हैं। हालांकि इसकी कोई वजह आज तक नहीं खोजी गई है, लेकिन कहा जाता है कि इसके ट्रिगर होने के अंडर लाइन फैक्टर्स हो सकते हैं। जिसकी वजह से शरीर स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) महसूस करता है।
 
क्या स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) सबके लिए अच्छा अनुभव लाता है?

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म कुछ महिलाओं के लिए अच्छा, तो वहीं कुछ के लिए परेशानी का सबब बन कर आता है। कुछ महिलाएं जो स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म का कभी-कभी अनुभव करती हैं, उन्हें यह प्लेजरेबल महसूस होता है। वहीं कुछ महिलाओं में स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) गलत समय पर और गलत जगह पर होता है, जिसकी वजह से शर्मिंदगी महसूस होती है और काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कुछ  महिलाओं को स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) की वजह से जेनिटल एरिया में दर्द का अनुभव भी होता है, जिसके कारण वे सेक्स एंजॉय नहीं कर पाती।


क्या स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) होना आम है?

हालांकि यह कितने लोगों को हुआ और कब हुआ, इस तरह की कोई रिसर्च अब तक एक्स्पर्ट्स के पास नहीं है, इसलिए लोगों में स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म होने का रेशो तय करना मुश्किल है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह शर्मिंदगी का कारण बन सकता है, इसलिए लोग इससे जुड़ी स्टडी में भाग नहीं लेना चाहते। यही कारण है कि अब तक पता नहीं लगाया जा सका है कि स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) जैसी स्थिति आमतौर पर लोगों को कितनी दफ़ा होती है।
 
स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) क्यों होता है?

वैसे तो स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) होने का मुख्य कारण पता नहीं लग पाया है, लेकिन फिर भी कुछ अंडरलाइन फैक्टर्स हैं, जो बॉडी के रिस्पांस को ट्रिगर कर सकते हैं। जो इस प्रकार हैं –


परसिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (Persistent genital arousal disorder)

परसिस्टेंट  अराउजल  जेनिटल डिसऑर्डर, जिसे पीजीएडी (PGAD) भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति सेक्शुअल फीलिंग और सेक्स से जुड़ी हुई नहीं होती। कई बार आपको यह फीलिंग तब होती है, जब आप सेक्स के बारे में नहीं सोच रहे होते। इसकी वजह से आपको दिक्कत हो सकती है। 
स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) के कई साइड इफेक्ट माने गए हैं, वह इस प्रकार हैं –

· जेनिटल एरिया (Genital area) में अचानक ब्लड फ्लो का बढ़ जाना

· जेनिटल एरिया में प्रेशर और कसाव महसूस होना

· अचानक इरेक्शन होना

ऐसी स्थिति में भले ही आपको टेंपरेरी रिलीफ महसूस हो, लेकिन स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) बार-बार होने की वजह से यह तकलीफ में बदलते देर नहीं लगती। पीजीएडी का सही कारण अब तक पता नहीं लगाया जा सका है, लेकिन कहा जाता है कि उस नर्व को ट्रिगर करता है, जो जेनिटल एरिया में सेंसेशन भेजने का काम करती है।

इससे सम्बंधित स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) दो प्रकार के हो सकते है, अनकॉन्शियस और कॉन्शियस ऑर्गेज्म। आइए जानते हैं, इन्हें कैसे पहचाना जा सकता है?


अनकॉन्शियस ऑर्गेज्म (Unconscious orgasms)

अक्सर अनकॉन्शियस स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) लोगों को नींद के दौरान होता है, जिसे वेट ड्रीम्स के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि कई बार अनकॉन्शियस ऑर्गेज्म में इजैक्युएशन नहीं होता, लेकिन फिर भी आपको स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म फील हो सकता है। नींद के दौरान जब आपके जेनिटल एरिया (Genital area) में ब्लड फ्लो अचानक बढ़ जाता है, तो आपको स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म हो सकता है। यह स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म वजायनल एक्टिवेशन या वजायनल लुब्रिकेशन (Vaginal lubrication) के बग़ैर भी हो सकता है।
 
कॉन्शियस ऑर्गेज्म (Conscious orgasms)

कॉन्शियस ऑर्गेज्म पीजीएडी (PGAD) की तकलीफ की तरह ही अचानक हो सकता है, जिसकी वजह से आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति की वजह अब तक पता नहीं चल पाई है, लेकिन इस पर रिसर्च जारी है। इसके अलावा स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) के यह कारण भी हो सकते हैं –

· कुछ खास तरह की दवाइयां

· एक्सरसाइज

· चाइल्ड बर्थ

यह तीनों स्थितियां भी स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) का कारण बनती है। ऐसी स्थिति में आप कुछ समय के लिए या बार-बार स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म महसूस कर सकते हैं।
 
क्या आप स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) को रोक सकते हैं?


स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म को रोकना तभी संभव है, जब इसके कारण को रोका जाए। आपको इसके ट्रिगर पहचानने होंगे, जिसे अवॉइड कर आप स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म को रोक सकते हैं। 

· यदि आपको पीजीएडी (PGAD) की समस्या है, तो आपको उन एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए, जिसमें वायब्रेशन और प्रेशर आपके वजायनल एरिया पर महसूस हो। ऐसी स्थिति में आपको स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म की समस्या बार-बार हो सकती है ।

· कुछ मामलों में स्ट्रेस के कारण भी स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) होता हुआ देखा गया है, इसलिए आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट रूटीन की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा आप कुछ तरह के योगा और मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं। इनमें शामिल हैं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, वॉक लेना, दोस्तों के साथ समय बिताना, म्यूजिक सुनना। इस तरह की रिलैक्सिंग के चलते आप स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) के ट्रिगर पॉइंट से दूर रह सकते हैं।
 
स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) के बारे में डॉक्टर को बताने की जरूरत कब पड़ती है?

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपकी नींद में खलल पड़ता है, ऐसे में जब आपको अक्सर ये तकलीफ़ होने लगे, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है। जब आपकी नींद ठीक ढंग से नहीं होती, तो आपको स्ट्रेस की समस्या हो सकती है। इसलिए यदि स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) आपकी नींद और रोजाना के कामकाज पर असर डालने लगे, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।


स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म का इलाज : कैसे है मुमकिन? (Treatment of Spontaneous Orgasm)

जब बात हो रही है स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) में इलाज की, तो स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म के इलाज में सबसे पहले स्ट्रेस मैनेजमेंट किया जाता है, जिसमें आपको कुछ तरह की थेरेपी और दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। जो इस प्रकार है –

· बिहेवियरल थेरेपी या सेक्स थेरेपी (Sex Therapy)

· मेडिकेशन बंद करना

· जेनिटल एरिया में डिसेंसिटाइजिंग एजेंट या टॉपिकल नंबिंग क्रीम लगाना

· नर्व के रिपेयर के लिए सर्जरी करना

इस तरह के इलाज स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) की स्थिति में दिए जा सकते हैं, जो आपकी सहायता के लिए होते हैं। डॉक्टर आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह इलाज कर सकते हैं।



आपको एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि सेक्शुअल हेल्थ के बारे में बात करना आपके लिए बेहद जरूरी है, खासतौर पर महिलाओं को फीमेल ऑर्गेज्म (Orgasm) को लेकर सचेत रहना चाहिए। ज्यादातर महिलाओं को स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म की समस्या होती है, ऐसे में आपको इसकी वजह से अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी सेक्स लाइफ पर नजर रखें और स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) की स्थिति को पहचानकर उसके लिए जरूरी क़दम उठाएं।



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गुरुवार, 5 जनवरी 2023

टेस्टोस्टोरोन (सेक्स हॉर्मोन ) की कमी से पुरुषों में दिखते हैं ये लक्षण, न करें इन्हें नज़रअंदाज़


टेस्टोस्टोरोन (सेक्स हॉर्मोन) की कमी से पुरुषों में दिखते हैं ये लक्षण, न करें इन्हें नज़रअंदाज़


उम्र बढ़ने के साथ-साथ अक्सर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है. इस सेक्स हार्मोन की कमी होने पर पुरुषों में कुछ लक्षण साफ़ दिखाई देने लगते हैं. पर उन्हें इस बात का एहसास तक नहीं होता, आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में-

टेस्टोस्टेरोन एक सेक्स हार्मोन है, जिसका निर्माण पुरुषों के शरीर में होता है।  टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का काम पुरुषों में कामेच्छा (सेक्स ड्राइव) को बढ़ाना होता है।  लेकिन जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आने लगती है, तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  इस हार्मोन का संबंध उनके सेक्सुअल डेवलपमेंट से भी होता है।  इन लक्षणों से आप जान सकते हैं कहीं आपके शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन की कमी तो नहीं हो रही है। 


किन कारणों से होती है पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी?

· पिट्यूटरी ग्रंथि में इंफेक्शन या ट्यूमर के कारण

· कैंसर के लिए उपचार के लिए कराई जाने वाली कीमोथेरेपी से

· रेडिएशन उपचार

· किसी आनुवांशिक रोग के कारण

· शरीर में आयरन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ने पर

· बहुत अधिक तनाव के कारण

· किडनी से जुड़े रोग होने पर

· रोज़ाना अल्कोहल का सेवन करने पर

· मोटापा

· किसी तरह का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होने पर

· किडनी फेल होने पर



· उम्र बढ़ने के साथ दरअसल पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होना मेडिकल प्रॉब्लम है, जिसका सीधा संबंध डायबिटीज टाइप 2 और मोटापे से है ।  खून की जांच करने पर ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर का पता चलता है. जानकारी के लिए बता दें कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बदलता रहता है. इसका स्तर कभी कम, तो कभी ज़्यादा होता रहता है, लेकिन जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है, तो शरीर में इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। 

किस उम्र में कम होता है टेस्टोस्टेरोन का स्तर?


औसतन पुरुषों में 45 साल के बाद टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है।  लेकिन टेस्टोस्टेरोन का स्तर कितना होना चाहिए, यह बताना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि भोजन में मौजूद पोषक तत्व, बीएमआई, अल्कोहल, बीमारी, दवाओं और उम्र की वजह से रोज़ाना टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। 

क्या हैं लक्षण?

मूड में बदलाव होना:

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने पर शरीर में कई तरह के भावनात्मक बदलाव आने लगते हैं।  इस हार्मोन का ज़रूरत से ज़्यादा स्तर कम होने पर पुरुषों के मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है।  
जैसे- हमेशा बहुत ज़्यादा परेशान रहना, चिड़चिड़ापन और तनावग्रस्त रहना, चिंता और बेचैनी का बढ़ना आदि।  जब टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य रहता है, तो उनका मूड ठीक रहता है और पहले की तुलना में वे अच्छा महसूस करते हैं.

मांसपेशियों में ताकत महसूस न होना:



शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर सबसे पहला असर मांसपेशियों पर पड़ता है. टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होने पर मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. डॉक्टरी दवाओं के साथ-साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को धीरे-धीरे बैलेंस किया है.

फैट जमा होने पर:

मोटापे से ग्रस्त पुरुषों के शरीर में अधिक फैट जमा रहता है और अधिक फैट जमा होने के कारण उनमें टेस्टोस्टेरोन की कमी आने लगती है.

याददाश्त कम होना:

जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने लगती है, धीरे-धीरे उनकी याददाश्त कमज़ोर होने लगती है.

सेक्स इच्छा में कमी: पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने में टेस्टोस्टेरोन का अहम रोल होता है. लेकिन जब इस सेक्स हार्मोन के स्तर में कमी आती है, तो पुरुषों की सेक्स करने की इच्छा कम होने लगती है.

अधिक तनाव होना:

बहुत अधिक मानसिक और शारीरिक तनाव लेने से भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रभावित होता है. दोनों तरह का तनाव

बढ़ने पर शरीर में कॉर्टिसोल का लेवल भी कम हो जाता है, जिसके कारण भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है.

पर्याप्त नींद न लेना:

जो पुरुष नियमित रूप से 8-10 घंटे की पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनके टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी आने लगती है. पर्याप्त नींद न लेने का एक कारण तनाव भी है, जब शरीर में तनाव बढ़ता है, तो टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होने लगता है। 

जब हो शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी हो तो क्या करें?

· तनाव रहित रहने का प्रयास करें। 

· मेटाबॉलिज्म को दुरस्त रखें। 

· 8-10 घंटे की पूरी और अच्छी नींद लें। 

· रोज़ाना 30-40 मिनट तक वर्कआउट करें। 

· वर्कआउट रूटीन में वेटलिफ्टिंग भी शामिल करें। 

· डायट में फैट्स की मात्रा कम करें ।  हो सके तो ज्यादा ट्रांस फैटवाला फूड नज़रअंदाज़     करें। 

· डाइट में हेल्दी फूड खाएं, ताकि वजन नियंत्रित रहे। 


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रविवार, 11 सितंबर 2022

सेक्स के बाद रखें हाइजीन का ख्याल ? अपनायें जरूरी सावधानियाँ



सेक्स के बाद रखें हाइजीन का ख्याल ? अपनायें  जरूरी सावधानियाँ 

एक गुड सेक्स का मतलब क्या होता है? गुड सेक्स का मतलब ये नहीं होता है कि आप संतुष्ट हो गए है या आप सेक्स करने के बाद खुद को बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। गुड सेक्स का मतलब होता है कि सेक्स के बाद हाइजीन का भी ध्यान रखना। अक्सर ऐसा होता है कि सेक्स करने के बाद हम साफ-सफाई का ध्यान नहीं देते हैं तो हमें कई तरह की सेक्सुअल बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए सेक्सुअल हाइजीन का आपको पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए। 

सेक्स के बाद हाइजीन क्यों जरूरी है? (Why is Hygiene Important After Sex?)

“कई बार ऐसे मामले देखे गए हैं कि सेक्स के बाद हाइजीन का ध्यान ना रखने पर गंभीर इंफेक्शन हो जाते हैं। इसके लिए सेक्स के पहले, सेक्स के दौरान और सेक्स के बाद साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जिसमें महिलाओं के सेक्स के बाद पेशाब जरूर करना चाहिए, तो वहीं पुरुषों को सेक्स के दौरान कॉन्डम का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से सेक्स के बाद होने वाले इंफेक्शन का रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है।”


सेक्स के बाद हाइजीन कैसे रखें? (How to keep hygiene after sex?)

सुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाना ही सुरक्षित सेक्स माना जाता है। सेक्स करने का तरीका चाहे जो है, लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए कि महिला व पुरुष दोनों सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) से बचें। अगर आप सुरक्षित तरीके से ओरल सेक्स नहीं करेंगे, तो आपको खुजली, दाद या किसी भी तरह की एलर्जी हो सकती है। इसलिए सेक्स के बाद हाइजीन का ध्यान रखने के लिए आपको निम्न टिप्स को गंभीरता से फॉलो करना चाहिए :
 
गुप्तांगों की सफाई करें (Clean the genitals)

सेक्स के चाहे किसी भी प्रकार का इस्तेमाल आपने किया हो, लेकिन सेक्स के बाद सफाई करना ना भूलें। सेक्स के बाद अपने प्राइवेट पार्ट की जरूर सफाई करनी चाहिए। लेकिन कई बार महिलाएं सफाई का गलत तरीका अपनाती हैं। सेक्स के बाद अगर स्पर्म वजायना में रह गया है तो वह उसे उंगली डाल कर साफ करती हैं, ये एक गलत तरीका है। पहले आपको यूरीन करना चाहिए। इसके बाद आप अगर थोड़ी देर खड़ी हो जाए तो स्पर्म खुद ही बाहर निकल जाएगा। इसके बाद सिर्फ पानी से वजायना को साफ कर लें। वहीं, कुछ महिलाएं सेक्स के बाद वजायनल वॉश का इस्तेमाल करती है, ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे वजायना को नुकसान पहुंच सकता है।

दूसरी तरफ पुरुषों को भी सेक्स के बाद अपनी हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए। सेक्स के बाद पेनिस की फोर स्किन को हटा कर अच्छी तरह से पानी से साफ करना चाहिए। अगर आप फोर स्किन हटा कर साफ नहीं करेंगे तो आपको इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ अगर पेनिस और वजायना को पानी से धोना संभव ना हो तो आप बिना सेंट वाले बेबी वाइप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 
सेक्स के बाद यूरिन जरूर पास करें (Must pass urine after sex)

महिला हो या पुरुष सेक्स के बाद हाइजीन रखने के लिए यूरीन जरूर पास करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो सकता है। कई बार ऐसा देखा गया कि यूरेथ्रा में मौजूद बैक्टीरिया सेक्स के दौरान कई बार वजायना तक आ जाते हैं। ऐसे में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सेक्स के बाद महिलाओं को यूरीन जरूर पास करना चाहिए। वही, पुरुषों को भी यूरीन पास करने से पेनिस में मौजूद बैक्टीरिया फल्श हो जाते है। अगर आपको ऐसा लगता है कि सेक्स बाद यूरिन नहीं आई है तो इसके लिए सेक्स करने से पहले या बाद में एक गिलास पानी पिएं और फिर जा कर के यूरिन पास करें।
 
सेक्स टॉय की सफाई भी है जरूरी (Cleaning of sex toy is also important)

अगर आपने सेक्स के दौरान सेक्स टॉय का इस्तेमाल किया है तो उसकी सफाई बहुत जरूरी हो जाती है, क्योंकि सेक्स टॉय पर कई तरह के बैक्टीरिया पनप सकते हैं जो दोबारा सेक्स टॉय के इस्तेमाल से आपके एनस या वजायना में जा सकते हैं। इसलिए सेक्स करने के बाद सेक्स टॉयज को गर्म पानी और साबुन से अच्छी तरह से साफ कर के सुखा लेना चाहिए। इससे बैक्टीरिया के पनपने का चांस काफी हद तक कम हो जाता है।
 
ओरल सेक्स के बाद माउथवॉश जरूर करें (Mouthwash must be done after oral sex)

ओरल सेक्स के बाद मुंह तो धुलना चाहिए, लेकिन ओरल सेक्स में सबसे ज्यादा ध्यान सेक्स करने से पहले रखना चाहिए। सेक्स करने से पहले अपने गुप्तांगों की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए।जिससे गुप्तांगों पर मौजूद बैक्टीरिया ओरल सेक्स के दौरान मुंह में ना जा सकें। इसके अलावा सेक्स के बाद मुंह को अच्छी तरह से पानी से धुलें। आप चाहें तो ब्रश भी कर सकते हैं, लेकिन ब्रश करना आपका अपना निजी फैसला होगा।
 
एनल सेक्स के बाद हाइजीन है बहुत जरूरी (Hygiene is very important after anal sex)


एनल सेक्स के बाद हाइजीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि सेक्स के दौरान एनल में मौजूद बैक्टीरिया पेनिस पर लग सकते हैं और वे पेनिस पर इंफेक्शन फैला सकते हैं। ऐसे में जब भी एनल सेक्स करें तो पेनिस की फोर स्किन को पीछे की तरफ खींच कर अच्छे से पानी से साफ करें। वहीं, अगर एनल सेक्स के लिए क्लाइटोरिस का इस्तेमाल हुआ है तो भी उसके ऊपर मौजूद हुड को थोड़ा पीछे कर के साफ करें। कोशिश करें कि एनल सेक्स के बाद गुनगुने पानी से गुप्तांगों को साफ करें।


सेक्स के बाद हाथों को धोएं (Wash hands is necessary after sex)

सेक्स के दौरान अपने साथी के कई अंगों को छूते हैं। ऐसे में जब उंगलियां वजायना या पेनिस से गुजरती है तो उन पर मौजूद बैक्टीरिया हाथों में भी आ जाते हैं। ऐसे में सेक्स के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं। हाथों की सफाई के लिए आप हैंड वॉश और गुनगुने पानी की मदद ले सकते हैं। हैंड वॉश करने से एक जगह से दूसरे जगह पर बैक्टीरिया का ट्रांसफर का रिस्क भी कम हो जाता है। इसलिए सेक्स के बाद हैंड वॉश को अपने सेक्स के बाद हाइजीन का हिस्सा बनाएं।

इस तरह से आपने जाना कि सेक्स के बाद हाइजीन कितना जरूरी है और आप इसका ध्यान किस तरह से रख सकते हैं। इसलिए आज से आप सेक्स के बाद हाइजीन को अपने सेक्स लाइफ का एक अहम हिस्सा बना लीजिए। क्योंकि गुड सेक्स करना है तो सेक्स के बाद हाइजीन का पूरा ध्यान रखना होगा।  
अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। 


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गुरुवार, 1 सितंबर 2022

योगासन जो आपकी सेक्स लाइफ को बनाएंगे शानदार

                       
योगासन जो आपकी सेक्स लाइफ को बनाएंगे शानदार

योग और सेक्स एक बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ उनके विकास के लिए काफी अहम भूमिका निभा सकता है। 
    हर तीन में से एक कपल को सेक्स से जुड़ी कोई न कोई समस्या होती है। लेकिन जिसके बारे में हमारे देश में अभी भी लोग खुलकर बात करने से कतराते हैं।  एक अच्छा शारीरिक संबंध व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट बनाए रखने में मदद कर सकता है। कई बार खराब लाइफ स्टाइल का असर सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकता है। जिसे बेहतर बनाने के लिए आप योग की मदद ले सकते हैं।
    योग सेक्स, महिलाओं से लेकर पुरुषों में सेक्स से जुड़ी कई तरह की समस्याओं को दूर करने में काफी मदद कर सकता है।  योग सेक्स के फायदों और योग से बेहतर सेक्स लाइफ कैसे बनाई जा सकती है जानते है डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist) द्वारा  :-

योग से बेहतर सेक्स लाइफ कैसे पाएं?

हम सभी जानते हैं कि योग की मदद से हम स्ट्रेस, बढ़ते वजन को कम करने के साथ-साथ पाचन क्रियाओं में भी सुधार ला सकते हैं। साथ ही, योग के कुछ प्रकार शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित योग करने से शरीर में कोर्टिसोल का लेवल कम करके उसे नियंत्रित किया जा सकता है। कोर्टिसोल एक हार्मोन है जो शरीर में तनाव के स्तर के बढ़ने और घटने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। वहीं, तनाव बढ़ने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं जो यौन इच्छा में कमी आने का भी एक सबसे बड़ा कारण बन सकता है। इसलिए यौन उत्तेजना बढ़ाने के लिए योग बेहतर विकल्प माना जाता है।

इन योग से बेहतर बनाए सेक्स जीवन 

कामेच्छा बढ़ाने के लिए योगासन रोजाना अपने दिनचर्या में शामिल करें  –

पद्मासन

नियमित तौर पर पद्मासन का अभ्यास करने से शरीर में स्ट्रेस लेवल को आसानी से कम किया जा सकता है और यौन शक्ति को बढाया जा सकता है, जिससे बेहतर सेक्स लाइफ पाना संभव हो सकता है। इस आसन से मांसपेशियां, पेट, मूत्राशय और घुटनों में खिंचाव उत्पन्न होता है, जो इन अंगों को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है। पद्मासन की मुद्रा में हमारा शरीर एक तरह से ध्यान लागने की मुद्रा में होता है। जो हमारे मन में चल रहे कई तरह की भावनाओं और जिज्ञासों को शांत करके मन को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकता है।

पद्मासन योग कैसे करें

                        
· पद्मासन करने के लिए फर्श पर योग मैट बिछाएं और उस पर सीधे बैठ जाएं।

· अपने बैठने की मुद्रा में रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधी रखें और टांगों को फैलाकर रखें।

· अब धीरे से दाएं घुटने को मोड़कर बायीं जांघ के ऊपर पर रखें। ध्यान रखें कि आपके दाएं पैर की एड़ी पेट के निचले हिस्से को छूती रहे।

· इसकी तरह दूसरा पैर भी दाएं पैर के जांघ के ऊपर रखें।

· अब दोनों पैरों के क्रॉस होने के बाद अपने हाथों को आप आरामदायक मुद्रा में रख सकते हैं।

· इस मुद्रा के दौरान सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा ही रखें।

· मुद्रा में आने के बाद लंबी और गहरी सांसें लेते रहें।

· फिर सिर को धीरे से नीचे की तरफ ले जाएं और ठोड़ी को गले से छूने की कोशिश करें।

· इस मुद्रा में एक मिनट तक बैठने के बाद आपको यही प्रक्रिया पैरों की अवस्था में बदलाव लाते हुए यानी इसी आसन को दूसरे पैर को ऊपर रखकर अभ्यास करना होगा।

· इस मुद्रा को आप 10 से 15 मिनट के लिए कर सकते हैं।

हलासन ( Plow Pose)
                   
हलासन को अंग्रेजी में प्लो पोज (Plow Pose) भी कहते हैं। इस योगासन का नाम हलासन इसलिए है, क्योंकि इस मुद्रा में शरीर हल की तरह दिखाई देता है। हल एक तरह का उपकरण होता है जिसका इस्तेमाल खेतों की जुताई करने के लिए किया जा सकता है। इस योग सेक्स से डीप पेनिट्रेशन मिलता है। इससे उन्हें पार्टनर को ज्यादा उत्तेजना मिल सकती है।

हलासन योग कैसे करें

                           

· फर्श पर योग मैट बिठाएं और उस पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं।

· अब अपने हाथों को शरीर से सटा लें और हथेलियों को जमीन की तरफ चिपका कर रखें।

· फिर अपनी सांस अंदर की ओर खींचते हुए दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाते हुए पैरों से टांगे कमर तक 90 डिग्री का कोण बनाएं।

· ऐसा करने पर पेट की मांसपेशियों पर दबाव बनता है।

· अब टांगों को ऊपर उठाते हुए अपने हाथों से कमर को सहारा दें। ताकि, कमर को ऊपर की तरफ ऊठा सकें।

· अब सीधी टांगों को कमर से ऊपर की तरफ बढ़ाते हुए सिर की तरफ झुकाएं और पैरों को सिर के पीछे ले जाने का प्रयास करें।

· इसके बाद आपको पैरों के अंगूठे से जमीन को छुएं।

· हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रख लें और हथेलियों को पहले की तरह ही जमीन की तरफ रखें।

· इस मुद्रा में आपको एक मिनट तक बने रहना है और सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सांस छोड़ते हुए, टांगों को वापस जमीन की तरफ ले जाएं।

· ध्यान रखें कि सांसों को धीरे-धीरे छोड़ें और उसी स्वर में आपने पैरों को भी जमीन की तरफ बढ़ाएं इस दौरान किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें।

· यही प्रक्रिया आप 10 से 15 बार दोहरा सकते हैं।

मार्जरासन योग (Cat Pose) 

इसे मार्जरासन या मार्जरी आसन दोनों ही कह सकते हैं। यह एक संस्कृत भाषा का शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बनता है। इसमें “मार्जरी” शब्द का अर्थ “बिल्ली” होता है और “आसन” का अर्थ “मुद्रा या स्थिति” होता है। इसे वजह से इसे अंग्रेजी में कैट पोज (Cat pose) भी कहा जाता है। क्योंकि, इस आसान को करते समय व्यक्ति का शरीर एक बिल्ली के समान दिखाई देता है। इस आसन को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियां लचीलाी बनती है। ये तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और सेक्स की इच्छा बढ़ाने में भी मदद भी कर सकता है।


मार्जरासन योग कैसे करें

                       

· सबसे पहले मार्जरासन योग करने के लिए आपको फर्श पर एक योगा मैट बिछाना होगा।

· फिर मैट पर अपने दोनों घुटनों को टेक कर बैठ जाएं।

· अब आसन को करने के लिए आप वज्रासन की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं।

· मैट पर बैठने की मुद्रा में आने के बाद अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें।

· इसके बाद, अपने दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने हिप्स (कूल्हों) को ऊपर की तरफ उठाएं।

· अब अपनी जांघों को ऊपर की ओर सीधा करते हुए पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं।

· जब आप इस मुद्रा में आ जाएंगे, तो आपका चेस्ट फर्श के समान्तर होगा और आपके शरीर की मुद्रा एक बिल्ली के समान दिखाई देगी।

· इस मुद्रा में आने पर आपको एक लंबी सांस लेनी होगी और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाना होगा, फिर अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ ले जाना होगा और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाना होगा।

· फिर अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए आपको अपने सिर को नीचे की ओर झुकाना होगा और मुंह की ठुड्डी को अपने सीन की तरफ लाना होगा।

· अब फिर से अपने सिर को पीछे की ओर करें और इस प्रक्रिया 10 से 20 बार दोहराहएं।

· ध्यान रखें कि इस मुद्रा को करते समय घुटनों के बीच की दूरी को कम या ज्यादा न करें और आपके हाथ भी झुकने नहीं चाहिए।

ब्रिज पोज या सेतुबंधासन (Bridge Pose) (Setu Bandhasana)
                       
ब्रिज पोज या सेतुबंधासन मुद्रा महिलाओं के लिए बेहतर हो सकती है। यह पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने में मदद करती है और मांसपेशियों को मजबूत करके सेक्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।

ब्रिज पोज या सेतुबंधासन कैसे करें

                        

· सबसे पहले फर्श पर योग मैट बिछाएं और जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।

· इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ते हुए कमर के हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं।

· इस दौरान पैरों और कूल्हों के बीच दूरी बनाएं।

· श्रोणि (pelvis) जमीन से 10 से 12 इंच ऊपर होनी चाहिए।

· इसके बाद पैरों के घुटने और एड़ियां एक सीधी रेखा में रखें।

· फिर कूल्हों और घुटनों को ऊपर उठाए हुए पोजिशन में ही अपने दोनों हाथों से पैर के टखनों को पकड़ें।

· अब श्वास लें और हल्के से अपने पीठ के निचले हिस्से को जमीन से ऊपर उठायें।

· इसके बाद अपने सीने को ऊपर ऊठाएं और ठोड़ी के पास ले जाने की कोशिश करें।

· इसके बाद धीरे-धीरे और सामान्य रूप से सांस लें।

· इस मुद्रा में आपको 30 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहना है। फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए आपको वापस से जमीन पर सीधा लेट जाना है और कुछ सेकंड बाद फिर से यह मुद्रा दोहरानी है। इसे आप 5 से 10 बार कर सकते हैं।

बालासन (Balasana) (Child’s Pose)
                    
बालासन काफी आसान और फायदेमंद आसन है। इसका अभ्यास करने से आपके कूल्हे की मांसपेशियां लचीनी बन जाती हैं। इससे आपके शरीर को आराम मिलता है, जिससे आपका तनाव व चिंता का स्तर कम हो जाता है। तनाव व चिंता कम होने की वजह से आपका सेक्शुअल परफॉर्मेंस बेहतर हो जाता है। तो आइए जानते हैं कि इस योगासन को कैसे किया जाता है।

 बालासन कैसे करें

                        

· सबसे पहले आप जमीन पर एक मैट बिछाकर जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं।

· बैठते हुए ध्यान रखें कि आपके पंजे पूरी तरह से जमीन को छू रहे हों।

· अब अपने घुटनों को कूल्हों की चौड़ाई के बराबर खोल लें।

· इसके बाद अपनी सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें।

· अब अपने हाथों को कंधों के नीचे रखें और कूल्हों को एड़ियों की तरफ वापिस ले जाएं और शरीर को स्ट्रेच करें।

· कोशिश करें कि आपका माथा मैट को छूने लगे।

· इस पुजिशन में 30 सेकंड तक रहें और फिर सामान्य हो जाएं।

योग के माध्यम से न सिर्फ आप अपने सेक्स का समय बढ़ा सकते हैं, बल्कि सेक्स में घट रही रूचि को भी बढ़ा सकते हैं। एक अध्ययन में 40 महिलाओं को शामिल किया गया। जिन्हें 12 सप्ताह तक इसी तरह के योग मुद्राओं का अभ्यास करवाया गया। अध्ययन के बाद, शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में पाया कि योग के कारण महिलाओं के सेक्स जीवन में काफी सुधार हुआ था। जिसे देखते हुए उनमे से कुछ महिलाओं ने आपने दैनिक जीवन में नियमित तौर पर सेक्स करने की भी इच्छा जताई।

अगर आप अपनी किसी भी सेक्स से जुड़ी समस्या के लिए योग सेक्स अपनाने के बारे में विचार कर रह हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर या योग एक्सपर्ट की सलाह भी अवश्य लें। क्योंकि, योग सेक्स करने के लिए आपको इन मुद्राओं की सही जानकारी होनी बेहद जरूरी हो सकती है।

अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।



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शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

इन यौन समस्याओं के संकेतों का न करें नजर अंदाज हो सकते है गंभीर परिणाम तुरंत SEXOLOGIST से संपर्क करें

                           

इन यौन समस्याओं के संकेतों का न करें नजर अंदाज हो सकते है गंभीर परिणाम तुरंत SEXOLOGIST से संपर्क करें। 


यौन समस्याओं की वजह से कई बार रिश्तों में भी दरार आ जाती है। लेकिन अक्सर विशेषकर भारत में लोग ऐसी स्थितियों में मदद मांगने की बजाय चुप रहना बेहतर समझते हैं। जानकारी के अभाव में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है क्योंकि लोग कम जानकारी के कारण एक्सपर्ट्स से बात करने में संकोच करते हैं। अगर आप भी इन यौन समस्याओं से पीड़ित है तो सेक्सुअल एक्सपर्ट से संपर्क करने में संकोच न करें ।

1. लो सेक्स ड्राइव –  लो सेक्स ड्राइव का अर्थ है कि आप अपने पार्टनर के नज़दीक नहीं आना चाहते। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे- हार्मोनल बदलाव (महिला पुरूष दोनों में),
शारीरिक कमियां, थकान या कोई दवा। प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी कई बार लो सेक्स ड्राइव की समस्या हो सकती है। अगर यह समस्या बहुत दिनों तक रहती है तो  इसका परिणाम आपके पार्टनर को भी भुगतना पड़ता है बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से बात करें।

2. फिज़ियोलॉजिकल समस्याएं- अक्सर पुरुषों को इरेक्टाइल  डिसफंक्शन, प्रीमैच्योर इजैक्यूलेशन या पेनिट्रेट करने या पेनिट्रेशन के बाद सेक्स में दिक्कत होती है तो ये फिज़ियोलॉजिकल समस्या है। इनका इलाज संभव है। किसी सेक्सुअल एक्सपर्ट से बात करने पर आपको सही उपचार की जानकारी मिल सकती है। तो वहीं महिलाओं को वैजाइना में सूखापन या संकुचन, प्री-मेनोपॉज, वैजाइना ट्रॉमा जैसी स्थितियों में इंटरकोर्स में परेशानी हो सकती है। सही समय पर डॉक्टर से सम्पर्क कर इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

3. सेक्सुअल डिज़ायर में अंतर- दोनों पार्टनर्स के बीच सेक्सुअल रिलेशन्स के प्रति एक समान ऊर्जा नहीं दिखायी पड़ती। आप दोनों में से किसी एक को तनाव, लो सेक्स ड्राइव या ऐसी कुछ और समस्या हो सकती है। हालांकि सबसे अच्छा यही होगा कि आप दोनों खुलकर बात करें और एकसाथ सेक्सलॉजिस्ट से मिलें। समस्या का सही कारण पता लगाने और उसके इलाज के लिए एक टीम के तौर पर जाना ज़्यादा फायदेमंद होगा।

4. सेक्स ऑब्सेस्ट: अगर सेक्सुअल विचार आपके दिमाग में हमेशा छाए रहते हैं और यह आपके कामकाज़ और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित कर रहे हैं तो यह एक साइकोलॉजिकल समस्या हो सकती है। जिसे जल्द इलाज की आवश्यकता हो सकती है। किसी थेरपिस्ट या सेक्सोलॉजिस्ट से बात करने से इस समस्या के मूल कारण का पता लगाया जा सकेगा।

5. सेक्स के बाद अपराधबोध -
कुछ लोगों के लिए सेक्स के साथ गिल्ट या अपराधबोध जुड़ा होता है। इसका कारण चाइल्ड अब्यूज़ जैसे कुछ बुरे अनुभव हो सकते हैं या कोई विशेष कारण। कारण कुछ भी हो लेकिन इस समस्या और भावना से मुक्त होने के लिए आपको किसी एक्सपर्ट से बात करनी चाहिए।

6. ऑरगैज़्म नहीं होता –
अक्सर महिलाओं को यह शिकायत होती है जबकि पुरुषों को ईजैक्यूलैशन के साथ ही ऑर्गैज़्म हो जाता है। सेक्स ड्राइव, अच्छे पार्टनर और लवमेंकिग के बावजूद अगर आपको ऑरगैज़्म नहीं महसूस होता तो तुरंत सेक्सोलॉजिस्ट से बात करनी चाहिए।

7. डिज़ायर के बावजूद कुछ नहीं कर पा रहे- कई बार ऐसा होता है कि सबकुछ सही होने के बावजूद आप इंटरकोर्स नहीं कर पाते या फिर इंटरकोर्स में बहुत दर्द महसूस होता है। यह एक संकेत हो सकता है कि आपको किसी सेक्सोलॉजिस्ट से बात करना चाहिए।


अधिक जानकारी के लिए Dr.B.K.Kashyap से संपर्क करें 9305273775



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शुक्रवार, 5 अगस्त 2022

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए डॉक्टरों द्वारा निर्देशित हर्ब्स, शाकाहारी और मांसाहारी फूड्स



                               

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए डॉक्टरों द्वारा निर्देशित हर्ब्स, शाकाहारी और मांसाहारी फूड्स ||

वीर्य की गुणवत्ता (Sperm Quality) और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ना (Increase Sperm Count) पुरुषों की हेल्दी सेक्स लाइफ (Men's Sex Life) के लिए बहुत जरूरी है।
"जो पुरुष अपने स्पर्म को बढ़ाने या उसकी गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान नहीं देते, वे अपनी सेक्स लाइफ का आनंद नहीं ले पाते और न ही पिता बनने के लायक रहते हैं।"

इसलिए जो पुरुष संतान की चाहत रखते हैं और सेक्स का आनंद उठाना चाहते हैं उनको स्पर्म बढ़ाने (Sperm Quality) पर ध्यान देना चाहिए। इसको नजरअंदाज करने से ही वैवाहिक जीवन में परेशानी आने लगती है।


वीर्य और शुक्राणुओं की कमी से होने वाली समस्याये 


वीर्य और शुक्राणुओं की कमी से पुरुषों में बांझपन की समस्या बढ़ रही है। इतना ही नहीं इसी वजह से वे सेक्स लाइफ का आनंद नहीं ले पाते। वीर्य जितना अधिक और हेल्दी होगा ऑर्गेज्म उतना ही होगा। इसलिए सेक्स लाइफ का पूर्णतः मजा लेना है तो वीर्य और शुक्राणुओं की कमी को जल्द दूर कर लें।

पुरुषों में बढ़ती शुक्राणुओं की कमी (Men Sperm Count Problems)

आजकल पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी बड़ी समस्या बन रही है। डॉक्टर  के पास हर दिन कई मरीज सिर्फ इसी समस्या को लेकर आते हैं। हमारा पहला प्रयास घर के खाने से ही इस दिक्कत को दूर करने का होता है।

गांव के पुरुषों में यह दिक्कत बहुत कम है जबकि शहरी पुरुषों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। क्योंकि दोनों के खान पान, लाइफ स्टाइल में बहुत बड़ा अंतर है।


 
ग्रामीण पुरुषों के स्पर्म काउंट अधिक (Rural Man Sperm Count)

 पुरुषों का 60 मिलियन स्पर्म काउंट होना चाहिए। जबकि ग्रामीण इलाकों से आए पुरुषों की गिनती तो 100 मिलियन से ऊपर पहुंच जाती है। जबकि शहरी पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या 60 मिलियन तक भी नहीं पहुंच पाती। इसके अलावा स्पर्म मोटेलिटी रेट भी गांव के पुरुषों का अधिक है।

वीर्य और स्पर्म घटने के कारण (Cause Of Low Sperm Count)

शरीर के अंदर होने वाली हर प्रक्रिया हमारी लाइफ स्टाइल से प्रभावित होती है। आप जिस तरह का खाना खाएंगे वैसी ही चीजें देखने को मिलेंगी। वीर्य या स्पर्म घटने के कुछ मुख्य कारण हैं :
 
1. खाने पीने की बुरी आदत (Food Habits)

जो लोग सिगरेट, तंबाकू, शराब, जंक फूड आदि का सेवन करते हैं। उनका स्पर्म सबसे अधिक प्रभावित होता है। इसलिए इन चीजों को छोड़ देना चाहिए।
 
2. मानसिक स्थिति (Mental Status)

तनाव भरी जिंदगी जीने वाले पुरुषों की सेक्स लाइफ में बहुत अधिक समस्या देखने को मिलती है। इसलिए स्ट्रेस वाली लाइफ से दूरी बनाएं।


3. मेहनतकश जीवन से दूरी (Lazy Men)

जिन पुरुषों को मेहनत करने में आलस्य आता है। उनका स्पर्म कभी सही नहीं हो सकता। इसलिए हमें प्रतिदिन वर्कआउट, योग करना चाहिए।


नोटः जाने-अंजाने अंडकोष या गुप्तांगों पर चोट लगने के कारण भी वीर्य नहीं बन पाता है। इसलिए उपरोक्त तीन आदतों को छोड़ने के बाद भी फायदा नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर से मिलें।
 
वीर्य बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज (Exercise To Increase Sperm)

वीर्य बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करने की आदत डालें। किसी भी तरह की डाइट से ज्यादा जरूरी है घर पर ही योग, कसरत करें। इसके अलावा हर दिन टहलने और दौड़ने जाएं। अगर जिम जाते हैं तो और भी बढ़िया।
 
वीर्य-वाली सब्जियां स्पर्म बढ़ाने (Best Vegetables For Sperm)

· लहसुन में विटामिन बी6 अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो फर्टिलिटी बढ़ाने में बेहद कारगर माना जाता है।

· पालक के सेवन से फोलिक एसिड मिलता है। इसमें मिलने वाले आयरन और विटामिन सी भी वीर्य बढ़ाने का काम करते हैं।

· मिर्च के सेवन से शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन बनता है। इससे स्ट्रेस दूर करने और फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।

· टमाटर के एंटीऑक्सीडेंट, कार्टोनॉयड और लाइकोपिन वीर्य बढ़ाने में तेजी से मदद करते हैं।
वीर्य- स्पर्म बढ़ाने वाले फल (Best Fruits For Sperm)

· अनार फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है।

· केले में ब्रोमेलिन नामक एन्जाइम भी मिलता है जो सेक्स हार्मोन बढ़ाने में मदद करता है।

· तरबूज के सेवन से पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ती है। इसमें मिलने वाला लाइकोपिन फर्टिलिटी बढ़ाने का काम करता है।

· संतरा, मौसमी, किवी, अमरूद (खट्टे फल) विटामिन सी युक्त फल खाने से पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।

· सेब में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मिलते हैं, जो पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करता है।

· आम और लीची भी वीर्य के लिए सही होते हैं।

नोटः फलों और सब्जियों पर से पेस्टिसाइड्स (कीटनाशक) के प्रभाव को कम करने के लिए इनको अच्छी तरह साफ कर के खाएं। इसके अलावा फर्टिलाइजर्स और पेस्टिसाइड्स मुक्त चीजों का सेवन करें।
 
वीर्य- स्पर्म बढ़ाने ड्राइ फ्रूट्स (Best Dry Fruits For Sperm)

ड्राइ फ्रूट्स- बादाम, किशमिश, अखरोट, पिस्ता आदि का प्रतिदिन सेवन करें। हालांकि इनको गर्मी में कम खाएं और सर्दी में ज्यादा खा सकते हैं। इसलिए गर्मी में बादाम, किशमिश को भिगोकर खाना सही माना जाता है।
 
वीर्य- स्पर्म बढ़ाने के लिए हर्बल उपाय (Herbal Sperm Booster)

हर्बल उपाय- अश्वगंधा, अलसी, सिंघाड़ा, त्रिफला, सफेद मूसली, शुक्रमातृ वटिका आदि का सेवन करने से भी वीर्य और शुक्राणु को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
वीर्य- स्पर्म बढ़ाने वाला मांसाहारी खाना (Non Veg Foods For Sperm)

नॉन वेजिटिरियन फूड्स खाने वाले मटन, मछली (हिल्सा), अंडे का सेवन कर सकते हैं। इससे भी सेक्स लाइफ पर अच्छा असर पड़ता है। इससे वीर्य और स्पर्म बढ़ाने में मदद मिलती है।

इस तरह वीर्य और शुक्राणुओं की कमी से जूझ रहे पुरुष डॉ. द्वारा बताए गए डाइट प्लान के अनुसार मांसाहारी और शाकाहारी चीजों का सेवन करें। इसके बाद उनको पहले की तुलना में काफी अधिक बदलाव देखने को मिलेगा।





स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) क्या है?

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म क्या है? (Spontaneous Orgasm) स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) का एक प्रकार है। जिस तरह सेक्स के ब...