रविवार, 29 मार्च 2015

सुहागरात को बनाना चाहते हैं यादगार तो यह लेख आपके लिए..

.अक्सर हम शादी से ठीक पहले सुहागरात के सपनों को मन ही मन बिखेर कर बैठ जाते हैं। कैसे होगा, क्या होगा, कितनी देर होगा और किस हद तक होगा। इन सवालों के जवाब रोमांच और हिचक में कभी-कभार भटक जाते हैं व हम अपनी बेशकीमती रात को यूं ही गंवा देते हैं। का जानें क्या करें जब आए आपकी सुहागरात-  अब दूल्हे को चाहिए कि वह अपने सुहागसेज की तरफ धीरे धीरे आगे बढ़े। इसके बाद दुल्हन अपने पति के अभिवादन करने के लिए सेज से उतरने की कोशिश करे। इसके बाद दूल्हे को चाहिए कि वह अपनी पत्नी को बैठे रहने के लिए सहमति दें और इसके साथ ही थोड़े से फासले पर बैठ जाए। अब दूल्हा दुल्हन का घूंघट धीरे-धीरे उठाए तथा मुंह दिखाई की रस्म को पूरा करते हुए कोई उपहार जैसे अंगूठी, चेन, हार आदि दुल्हन को देना चाहिए। इसके बाद पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ कुछ मीठी-मीठी बातें करते हुए परिचय बढ़ाएं। पति को चाहिए कि हल्के हाथ से अपनी पत्नी के हाथों को स्पर्श करे। उसे अपने हंसमुख चेहरे तथा बातों से हंसाने की कोशिश करें। इसके बाद धीरे-धीरे जब पत्नी की शर्म कम होती जाए तो उसे आलिंगन में भर लें और उसके गालों पर चुंबन करें। इसके लिए धीरे धीरे पत्नी के दोनों गालों पर, फिर गर्म जलते हुए होठ पर, फिर होठों से फिसलते हुए उसके गर्दन पर और फिर छाती पर चूमें। जब लगे कि वह आपके और करीब आना चाहती है तो उसे पूरा सुख धीरे-धीरे देने की कोश‍िश करें। यदि पत्नी आपके साथ आलिंगन-चुंबन में सहयोग देने लगे तो पुरुष को चाहिए कि वह उसके शरीर के कई उत्तेजक अंगों को छूने का प्रयास करें जैसे- स्तनों का स्पर्श करें, धीरे-धीरे उनको सहलाएं तथा बाद में धीरे-धीरे दबाएं। इसके बाद आपको चाहिए कि उसकी कमर, जांघ तथा नितंब आदि की तारीफ करें और धीरे-धीरे अपने हाथों से उसके कपड़े को उठाकर, हाथों को अंदर डालकर जंघाओं को सहलाएं। इस क्रिया के समय में उसकी सांसे भी तेज चलने लगेंगी और कांपने लगेंगी। जब इस प्रकार की क्रिया पत्नी करने लगे तो पुरुष को समझ लेना चाहिए कि वह अब सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। अधिकतर सुहागरात के दिन पुरुष अपनी कामोत्तेजना को शांत करने के बाद यह नहीं देखता है कि मेरी पत्नी भी संतुष्ट हुई है या नहीं। यदि स्त्री संतुष्ट हो जाती है तो उसका शरीर ढीला पड़ जाता है, पसीना आने लगता है, आंखे बंद हो जाती हैं और लज्जा उसके चेहरे पर दुबारा से दिखाई देने लगती है।

सेक्स करने से पहले याद रखीं ये बातें तो आप पाएंगे 100% 'चरम सुख

सेक्स करने से पहले याद रखीं ये बातें तो आप पाएंगे 100% 'चरम सुख' ------आप हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पार्टनर का भग शिश्न (क्लिटरिस) कहां है? यह बिलकुल आपके सामने होता है। यदि सेक्स के आनंद को बढ़ाना चाहते हैं तो आप इसे ना पहचानने का जोखिम बिलकुल न लें। हमेशा ध्यान रखें कि यह ठीक कहां है, न इसके ऊपर है और न ही इसके नीचे। अपना ध्यान पूरी तरह से इस पर केन्द्रित करें और इसके साथ लम्बे समय तक खेलने का मजा लें। साथी के साथ बिस्तर पर आने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपके पैरों में मोजे नहीं होने चाहिए क्योंकि ऐसे समय पर गंदे मोजे या इनकी बदबू आपके साथी को नाराज कर सकती है।  चिकनाई ... चिकनाई .... और चिकनाई। हो सकता है कि आप अपने द्रव से ही सराबोर हो रहे हों, लेकिन आपका जो मुख्य काम है वह चिकनाई बिना नहीं हो सकता है। इसलिए आपको चिकने पदार्थों, द्रवों की जरूरत होगी तभी आपका असल काम असल अर्थ में शुरू हो सकेगा। कुछ डर्टी टाक हो जाए.... कुछ महिलाएं तब बहुत अधिक उत्तेजित होती हैं अगर वे अपनी कल्पनाओं में भी कामुक होने लगती हैं। इसलिए इस बात को लेकर कुछ डर्टी टाक करें कि आप दोनों मिलकर क्या करने वाले हैं। हो सके तो इस काम के लिए अपने साथी को भी प्रोत्साहित करें क्योंकि ऐसा करने से आप दोनों का ही सबसे बड़ा सेक्स आर्गन 'आपका ‍मस्तिष्क' सेक्स के लिए सक्रिय हो जाएगा और पूरी तरह से उत्तेजित भी हो जाएगा। कई महिला और पुरुष ऑरल सेक्स भी पसंद करते हैं। अत: पुरुष यदि ऐसा करते हैं तो पहले गीले हो जाएं क्योंकि सूखा रहना आपके साथी को परेशान ही नहीं वरन तकलीफ भी दे सकता है। यह सुनिश्चत करें ‍कि अगर आप अपनी जीभ को साथी की योनि में डाल रहे हैं तो यह आपकी लार से पर्याप्त गीली हो। आपकी सूखी जीभ साथी की योनि में खुजली पैदा कर सकती है या इसे घायल कर सकती है। अपने हाथों पर गौर करें.... यह बात ध्यान रखें कि आप और आपकी साथी के बीच हाथ हैडलाइट का काम करते हैं...हाथ ऐसे लगाएं मानो रोशनी डाल रहे हों। आमतौर पर जो बात हमें पसंद नहीं होती है उसे भी हम अपने हाथ के इशारों से बताते हैं कि ऐसा न करें। इसलिए ध्यान रखें कि आप कितने ही उत्तेजित क्यों न हो गए हों, लेकिन महिला के निपल्स को ना तो जोर से भींचें, ना दबाएं और ना ही मुंह से काटें। एक महिला का यह सबसे ज्यादा संवेदनशील हिस्सा होता है इसलिए इन्हें इतनी ही संवेदनशीलता के साथ प्यार करें। कभी-कभी हल्का सा स्पर्श आपके पार्टनर में उत्तेजना का संचार कर देता है। ...और उसकी शारीरिक क्रियाओं से आप इस सुखद स्पर्श का अनुमान भी लगा सकते हैं। रगड़ने की कोशिश तो बिलकुल न करें। सेक्स के दौरान हलके हाथ से नाजुक अंगों को सहलाना बहुत अधिक प्रभावी होता है। आपके होठों का एक हल्का सा चुम्बन बेहतर है। इसलिए लैब्राडोर रिट्रीवर की तरह से अपनी जीभ से चाटने का काम नहीं करें। इससे तो आपका साथी गुस्सा भी हो सकता है। बहुत ही हल्के से कुतरने जैसा कुछ करें। अर्थात कहीं-कहीं आप हलके से अपने दांतों का उपयोग भी कर सकते हैं। पर ध्यान रहे यह उत्तेजना बढ़ाने के लिए है दर्द बढ़ाने के लिए नहीं। आप जानते हैं कि महिला साथी को सबसे अच्छा क्या लगता है? वह उस आदमी को प्यार ही नहीं करती वरन पूजती है जो कि उसकी हाथ की अंगुलियों या पैरों की अंगुलियों को बारी-बारी प्यार से चूमें और चूंसे। पुरुषों को ऐसा करना चाहिए मानो उनका मुंह एसबेस्टस का बना हो और महिला प्यार की आग में जल रही हो। जब आप सेक्स के लिए तैयार हो रहे हों तो उस समय अपने ऊपर तनाव को हावी न होने दें। अगर आप किसी महिला को गहरे और एकाग्रचित्त होकर देखने लगेंगे तो ऐसा उसे ऐसा लगेगा मानो आप अपने दिमाग में कुछ योजनाएं बना रहे हैं, उसे प्यार नहीं कर रहे हैं। इसलिए अपने साथी पर जब भी निगाह डालें, हल्की-सी मुस्कान के साथ। उसे प्यार से निहारें। आपके देखने के अंदाज में इतना असर होना चाहिए कि आपके पार्टनर के पूरे शरीर में सनसनी फैल जाए। फिर देखिए कि उसे कितना अच्छा लगता है। अपनी प्रेयसी के स्तनाग्रों (निप्पल्स) को कभी ना भूलें। वैसे भी स्त्री के सबसे आकर्षक अंगों में जहां मर्द की नजर सबसे अधिक ठहरती है, वे स्तन ही तो हैं। आपके हाथों को स्त्री की योनि तक पहुंचाने से पहले इन्हें निपल्स पर रखें यानी आपके प्यार का पहला स्टॉप। ... और फिर धीरे-धीरे चलते हुए अंतिम स्टॉप तक पहुंचें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि कोई भी स्टॉप न छूटे। प्रत्येक स्टॉप को आप उसके हिस्से का 'प्यार का ईंधन' देते जाने का काम करें। तभी आपके के सेक्स का सुहाना सफर पूरा होगा और अंत में आपको ऐसा लगेगा कि आप दो नहीं एक शरीर और एक जान हैं। बेहतर सेक्स के लिए महिलाओं को उपाय पुरूष सेक्स का जितना आनंद लेते हैं, महिलाएं भी सेक्स को उतना ही आनंद लेती हैं। हां ये बात अलग है महिलाओं का सेक्स को फील करने और उसे एंज्वाय करने का अंदाज अलग होता है। महिलाएं भावनात्क रूप से पहले जुडना पसंद करती हैं यानी वे फोरप्ले को अधिक एन्जॉय करती हैं। जैसे पुरूषों को सेक्स में प्रयोग करने में आनंद है, ठीक वैसे ही महिलाओं को भी कई सेक्स पोजीशंस पसंद आती है। फर्क इतना ही कि महिलाएं उन सेक्स पोजीशंस को अधिक पसंद करती हैं जिससे वह जल्दी ही चरमोत्कर्ष तक पहुंच जाती हैं। अकसर महिलाएं अपने दिल की बात छुपाती हैं और सेक्स को भरपूर एन्जॉय नहीं कर पाती। यदि आप भी सेक्स को एन्जॉय करना चाहती हैं तो इन टिप्स को आजमाएं। किस करें : आपको यदि अपने पुरूष पार्टनर को किस करने का मन है तो आप उसे खुलकर किस करें। पुरूषों को उत्तेजित करने की बेहतरीन चाबी है किस। इससे आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाएगा। बातें करें : पुरूष आमतौर पर çस्त्रयों की निजी भावनाओं के प्रति कन्फ्यूज रहते हैं। इसलिए बातें करना जरूरी है। यदि आप अपने पार्टनर से सामने खुलकर बात नहीं कर पाती हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने पार्टनर से फोन पर बात करें। फोन पर एरोटिक बातचीत से आपकी झिझक काफी कम होगी। सेक्स बुरा नहीं : कई बार महिलाओं के मन में सेक्स के प्रति गलत धारणाएं बैठ जाती हैं और वे इस प्रक्रिया को खुलकर एंज्वाय नहीं कर पातीं। इसलिए जरूरी है कि आप कभी सेक्स को गंदा या बुरा ना समझें बल्कि इसे भी लाइफ का महत्वपूर्ण हिस्सा मानें और खुलकर एन्जॉय करें। सकारात्मक सोच :सेक्स के प्रति सकारात्मक सोच जरूरी है। यदि आपको पार्टनर सेक्स को अधिक प्राथमिकता देता है तो इसे गलत समझने की बजाय पॉजिटिव रूप में लीजिए। पार्टनर की सेक्स में दिलचस्पी अंत में आपके प्रति प्यार में ही बदलने वाली है। यदि आप सेक्स में पार्टनर का साथ देंगी तभी उससे अधिक खुल पाएंगी। प्रयोग करें : आपको चाहिए कि आप सेक्&प्त8205;स के लिए नए-नए प्रयोगों को आजमाएं। इससे आपमें आत्मविश्वास बढेगा। ओरल सेक्स या साथ बैठकर कोई इरोटिक फिल्म देखने से परहेज न करें। यह आपकी सेक्स लाइफ में न सिर्फ नयापन लाता है बल्कि आपके बीच सेक्स संबंधी झिझक को खत्म करते हुए नजदीकियों को बढाता है। निडर बनें : सेक्स लाइफ को एन्जॉय करने के लिए महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे मन में शंका ना पालें। ना ही ये सोचें कि उनका पार्टनर उनके बारे में क्या सोचेगा। 

शनिवार, 28 मार्च 2015

क्या सेक्स के वक्त आप अपने पार्टनर को पूरी खुशी नहीं दे पाती हैं? क्या आपको पता है मर्दों के वो नाजुक अंगस्थल जहां छूने से वे हो जाते हैं चरम सुख देने को बेताब? पुरुषों के 10 ऐसे संवेदनशील अंग, जहां पर हल्का-सा स्पर्श भी उन्हें रोमांचित कर देता है..-------नेक- यहां हल्की-सी छुअन भी उनके शरीर में झनझनाहट पैदा कर सकती है। अगली बार उनकी गर्दन पर गर्म सांसे फेंकते हुए किस करिए, उसके बाद का अहसास आप भूल नहीं पाएंगी। कान कान में ही फुसफुसाने और उसको चूमने तक ही सीमित न रहें, बल्कि कान के पीछे का हिस्सा भी काफी संवेदनशील होता है। उनके कान के टॉप को अपने दांतों से हल्का-सा काटें और वहां पर जोर-जोर से सांसे लें। सेक्स का मजा दोगुना हो जाएगा। हिप मर्दों के हिप काफी सेंसिटिव होते हैं। जब वे आपके उपर छाए हों, या जब भी मौका मिले, उनके हिप्स को जरूर ध्यान में रखें। वहां पर हल्का-सा मसाज भी पुरुषों को बहुत उत्तेजित करता है। त्वचा स्किन मर्दों को उत्तेजित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सेक्स में सबसे ज्यादा यही अंग शामिल रहता है। त्वचा को चूमने, उसे रगड़ने से ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाती है और पुरुषों को उत्तेजित होने में मदद मिलती है। तो अगली बार उन हसीन लम्हों के लिए पूरी तैयारी करके जाइए। एड़‍िया- अपने पार्टनर के पैरों का हल्का-सा मसाज करें, यह न सिर्फ उन्हें जोश दिलाएगा, बल्कि उनकी परफॉर्मेंस को भी कई गुना बढ़ाने में मदद करेगा। और वैसे भी, जब वह ऑफिस से थक-हार कर घर आएंगे, तो एक हल्का सा फुट मसाज उनके लिए बड़ी राहत की वजह बनेगा। फिर तो आराम से खेलिए प्यार वाला खेल। जीभ यह बताने की जरूरत नहीं है कि एक लंबा और प्यारा-सा किस सेक्स के दौरान कितना जरूरी होता है। यह आपके पार्टनर को उत्तेजित करने का सबसे आसान तरीका है। हां, किस करते वक्त यह याद रखें कि हर मूव के बाद इसमें कुछ नयापन हो। पहले हल्का किस, फिर धीरे-धीरे गहरे किस करते रहना चाहिए। और हां, इस दौरान अपनी जीभ का जमकर इस्तेमाल करें। होंठ जैसा कि हमने पहले ही कहा, किस करना प्यार में तड़का लगाने का सबसे कारगर तरीका है। आप अपने पार्टनर के होठों को चूसकर, उन्हें चूमकर उन्हें काफी उत्तेजित कर सकते हैं। उसके बाद तो सेक्स के खूबसूरत अहसास के लिए तैयार रहिए। जांघों का भीतरी हिस्सा यह आपके पार्टनर के लिंग के पास का सबसे करीबी हिस्सा होता है, और यहां हल्की-सी छुअन भी काफी जोश दिला सकती है। तो अगली बार एक कमाल के सेक्स अनुभव के लिए तैयार रहिए। चेहरा क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जब आप अपने पार्टनर के चेहरे को छूती हैं, तो उसके चेहरे पर कितनी चमक आ जाती है? मर्दों को लड़कियों द्वारा चेहरा छूना बहुत ही अच्छा लगता है।

सेक्स के वक्त अपनाए यह तरीके तो आपकी गर्लफ्रेंड आजीवन सिर्फ आपके साथ ही बनाएगी सम्बंध

सेक्स के वक्त अपनाए यह तरीके तो आपकी गर्लफ्रेंड आजीवन सिर्फ आपके साथ ही बनाएगी सम्बंध ----सेक्स के लिए सिर्फ उत्साहित और उत्तेजित ही ना हों, उसे जानें, समझें फिर करें। सेक्स की शुरुआत स्पर्श द्वारा होती है। स्पर्श मात्र से ही स्त्री-पुरुष दोनों उत्तेजना का अनुभव करने लगते हैं। सेक्स विशेषज्ञों का कहना है कि सही तरीके से किया गया स्पर्श स्त्री को अत्यंत सुख देता है। शेयर योर सेक्स नॉलेज कहता है कि स्त्री को मैथुन के बजाए स्पर्श से अधिक सुख मिलता है। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार सेक्स क्रिया के पहले स्त्री को विशेष रुप से किया गया स्पर्श उसे सेक्स के चरम आनंद का अनुभव कराता है। •सेक्स क्रिया करने से पहले स्त्री के कामुक अंगों के छूने से उनमें उत्तेजना पैदा होती है। •सेक्स क्रिया में स्त्री को उत्तेजित करने के लिए आप अपने हाथों, चेहरे और होंठों से भी उसके कामुक अंगों को स्पर्श कर सकते हैं। •सेक्स क्रिया को सफल और आनंदित बनाने के लिए अपने हाथों से स्त्री के यौन उत्तेजक अंगों को हल्के हाथों से स्पर्श करना चाहिए। •चेहरे से स्त्री के उत्तेजक अंगों को स्पर्श करते हुए लम्बी-लम्बी गर्म सांस छोड़नी चाहिए। अपने होठों से भी स्त्री के यौन उत्तेजक अंगों को स्पर्श करना चाहिए। •सेक्स क्रिया से पहले काम इच्छा को तेज करने के लिए स्त्री को पहले हल्के से अपनी बांहों में भरना चाहिए। इसके बाद जैसे-जैसे स्त्री में उत्तेजना बढ़ती जाए वैसे-वैसे अपनी बांहों को कसते जाए। इस तरह बांहों में भरने से जब उसमें भरपूर उत्तेजना आ जाए तो फिर सेक्स क्रिया करनी चाहिए। •स्त्री को अपनी छाती से लगाकर अपनी दोनों बांहों से आलिंगन में भरने से भी उसमें उत्तेजना तेज होती है। इस तरह स्त्री को बांहों में भरने से वह काफी रोमांचित और उत्तेजित हो जाती है। •सेक्स के प्रति उत्तेजना पैदा करने के लिए स्त्री को अपनी बांहों में भरते हुए उसके स्तनों को हल्के से दबाना व सहलाना भी स्त्री में सेक्स उत्तेजना बढ़ाने की अच्छी क्रिया है। •स्त्री को उत्तेजित करने के लिए उसे दोनों पैरों से जकड़कर उसकी कमर को अच्छी तरह दबाना चाहिए। •सेक्स क्रिया का अधिक आनन्द पाने के लिए आप अपने एक हाथ से स्त्री के गर्दन को आलिंगन करें और दूसरे हाथ से यौनांग को हल्के-हल्के सहलाएं। इस तरह सेक्स से पहले स्त्री के अंगों को छूने एवं सहलाने से भी स्त्री को बेहद आनन्द का अनुभव होता है। •इसके अतिरिक्त स्त्री के स्तनों पर चेहरा रखकर अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को जकड़ने से भी स्त्री की कामोत्तेजना तेज होती है और फिर सेक्स करने से शारीरिक व मानसिक आनन्द का अनुभव होता है। •स्त्री को बांहों में भरने और गोद में उठाने से भी कामोत्तेजना तेज होती है जिसके बाद सेक्स क्रिया में स्त्री-पुरुष दोनों को ही शारीरिक व मानसिक सुख प्राप्त होता है। •सेक्स क्रिया का सही सुख प्राप्त करने के लिए स्त्री को पूरी तरह से बांहों में भरकर दबाना भी सेक्स सुख के लिए अच्छी क्रिया है। ऐसा करने से स्त्री की उत्तेजना तेज हो •सेक्स संबंध बनाने से पहले स्त्री को चुंबन करना चाहिए। पुरुष को चाहिए कि स्त्री के होंठों को पहले हल्के से छूकर चुंबन करें। •स्त्री को बांहों में भरकर उसके होंठों पर लंबा चुंबन लें। इस तरह किये जाने वाले चुंबन से स्त्री में तेज उत्तेजना पैदा होती है। •सेक्स क्रिया करने से पहले स्त्री को बांहों में भरकर अंग-अंग चूमें और बीच-बीच में हाथों से यौनांग को सहलाएं। •स्त्री के बंद होंठों का भरपूर चुंबन लेने से सेक्स उत्तेजना बढ़ती है। •स्त्री के होंठों को अपने मुंह में लेकर चुंबन करने से सेक्स उत्तेजना होंठों की त्वचा और श्लैष्मिक झिल्ली द्वारा सीधे यौनांग तक पहुंच जाती है। •यदि स्त्री के किसी खास अंगों को छोड़कर उसके पूरे शरीर का बार-बार चुंबन लें तो वह भरपूर उत्तेजित हो जाएगी। उसे सेक्स का खूब आनन्द मिलेगा। •आंखों को बन्द करके चुंबन लेने से सेक्स का रोमांच बढ़ता है। इसलिए सेक्स क्रिया में अधिक रोमांच के लिए आंखों को बन्द करके चुंबन करना चाहिए। •स्त्री का भगांकुर सबसे संवेदनशील अंग होता है और इस अंगों में चुंबन लेने से भरपूर सेक्स आनन्द मिलता है। इसके अलावा स्त्री के पूरे शरीर में गुदगुदी करने से भी उत्तेजना बढ़ती है।

सेक्स को दें 'टाइमिंग' का तोहफा, पाएं चुटकियों में चरम सुख

 कहावत भी है कि इंतजार का फल मीठा होता है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि यह सेक्‍स के दौरान भी लागू होती है। सेक्‍स में इंतजार का फल बेहतर संबंधों के रूप में सामने आता है। सेक्‍स के लिए तड़पाने का भी मजा है, इसलिए थोड़ा उनसे दूर-दूर भी रहें। दूर रहने का मतलब यह नहीं है कि आपको उनसे अलग हो जाना है, या घर के किसी और रूम में चले जाना है। इस दूरी का मतलब है कि वो जितना आपके पास आएं, आप उतनी ही चंचल हो जाएं। इस दौरान थोड़ी-बहुत शरारतें और नोंक-झोंक भी कर सकती हैं। आमतौर पर पार्टनर जब सेक्‍स के मूड में आते हैं, तो बहुत जल्‍दी में रहते हैं। बेड पर जाते ही शुरू होते हैं और अपना सबकुछ तुंरत ही गंवा देते हैं। पार्टनर को थोड़ा इंतजार कराएं और फिर बेड पर जाएं। ऐसा न हो कि जब तक भावनाएं अपने चरम पर न पहुंचे, उससे पहले ही आप बेड पर हों। पार्टनर से सेक्‍स में फोरप्‍ले इंपॉर्टेंट रोल निभाता है। इसलिए सेक्स से पहले फोरप्‍ले में कोई कंजूसी न दिखाएं। इस दौरान आपको एक-दूसरे के इतना करीब होना चाहिए कि आप उनकी सांसे खुद महसूस कर सकें। अच्छा होगा अगर आप दोनों साथ शॉवर लें। इस दौरान पानी में आपकी उंगलियां उनके शरीर के उन हिस्सों को छूती रहेंगी, जिनसे उत्तेजना बढ़ती है। शॉवर के दौरान जी भरकर एक-दूसरे को निहारें, किस करें, आलिगंनबद्ध होकर बिताएं समय साथ। यह बेचैनी प्यार के लिए नजर आनी चाहिए। एक-दूसरे के साथ खेलते हुए आपको कपड़े उतारने हैं। ध्यान रहे कि इसमें से एक भी कदम ऐसा न हो जिससे यह लगे कि आपको बेड पर जाने की कुछ ज्यादा ही बेकरारी है। तभी आप सेक्स का चरम सुख प्राप्त कर पाएंगे व खुद व पार्टनर के बीच 'तृप्त‍ि' का अनुभव हो सकेगा।

मंगलवार, 24 मार्च 2015

सेक्‍स टिप्‍स, जो बना देंगे आपको चैंप!

वैसे तो सेक्‍स एक अहसास है जिसे महसूस किया जाता है, लेकिन इस दौरान अगर आप कुछ टिप्‍स अपनाएं तो इसका मजा दुगुना हो जाता है। ये छोटे-छोटे सेक्‍स टिप्‍स हैं, लेकिन इनका असर बहुत ज्‍यादा होता है।


सेक्‍स के दौरान स्‍त्री के ऊपर पुरुष वाला कॉन्‍सेप्‍ट बहुत पुराना और कारगार है, लेकिन हर बार अगर पुरुष ही स्‍त्री के ऊपर रहे तो यह बोरिंग हो जाता है। ऐसे में ज्‍यादा मजा लेने के लिए जरूरी है कि स्त्रियों को ऊपर की स्थिति में लाया जाए। इस पोजिशन में महिलाएं खुद को इस गेम में कंट्रोलर महसूस करती हैं। इससे मस्‍ती में भरपूर इजाफा होता है।


हालांकि इस दौरान यह ध्‍यान रखें कि आप कंफर्टेबल हैं या नहीं। अगर फीमेल पार्टनर ऊपर की पोजिशन में हो, तो वह इस गेम की 'स्‍पीड' को खुद ही कंट्रोल कर सकती है। ऐसे में वह खुद तय कर सकती है कि उसे क्‍या अच्‍छा लग रहा है।


कामक्रीडा के दौरान छूने का विशेष महत्‍व होता है। इसलिए आप पहले ही यह पता कर लें कि शरीर के किस भाग को सहलाने या रगड़ने से आपके पार्टनर को ज्‍यादा उत्तेजना महसूस होती है। इसी के अनुसार कामक्रीडा की शुरुआत करें, इससे आप चरम सुख तक पहुंचते हुए एक अलग ही तरह का अनुभव महसूस करेंगे।


बेडरूम में चॉकलेट सॉस रखें, जिस अंग की ओर अपने पार्टनर का ध्‍यान खींचना हो, इस सॉस को उसके ऊपर अच्‍छे तरीके से लगा लें। इससे बाद अपने हाथों से नहीं जीभ से चॉकलेट सॉस हटाएं। हमेशा बेडरूम में ही सेक्‍स नीरसता ला देता है, इसलिए बीच-बीच में बालकनी, वॉशरूम या गार्डेन जैसी जगहों पर भी खुले तरीके से यौन-संबंध का आनंद लें।


अपने पार्टनर का पूरा फोकस अपनी ओर लाने के लिए सेक्‍सी अंदाज में कराहना या सी-सी की आवाज निकालना भी एक बेहतर तरीका है। वात्‍स्‍यायन ने कामसूत्र में इसे 'सीत्‍कार' कहा है। हर बार एक ही पोजिशन में सेक्‍स न करें. हर बार कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करें। अपने पार्टनर से खूब प्‍यार भरी बातें करें. इन प्‍यार भरी बातों में सेक्‍स का नशा घुला हो, तो बात ही क्‍या है।


संबंध बनाने से पहले अगर नहा-धोकर तरोताजा हो लें, तो सेक्‍स का मजा दोगुना हो जाएगा। अपनी आंखें बंद कर लें, इसके बाद ख्‍वाबों की दुनिया में खो जाएं। कल्‍पना करें कि आप उससे संभोग कर रहे हैं, जिससे आपका मन चाह रहा हो।


स्‍त्री के गर्दन पर कोमलता के साथ किस करें। यह भाग भी संवेदनशील होता है. महिलाओं को इस पर चुंबन खूब भाता है। फीमेल पार्टनर को चार्ज होने का पूरा मौका दें। इसके लिए आप चाहे कोई भी तरीका अपना सकते हैं। चीभ के अगले भाग और उंगलियों का पूरा इस्‍तेमाल कर सकते हैं। लगातार संभोग करने की बजाए बीच-बीच में थोड़ी देर का ब्रेक लें। इससे तरोताजा होने का मौका तो मिलेगा ही, सेक्‍स की तलब भी बढ़ेगी।


बेडरूम में भी कलाकारी दिखालाने का मौका न चूकें। चित्रकारी के लिए इस्‍तेमाल किया जाने वाला पेंट ब्रेश लें और इसे अपने पार्टनर के सभी संवेदनशील अंगों पर फिराएं। अच्‍छी तरह स्‍नान करने के बाद बिस्‍तर पर जाकर देह पर शहद की कुछ बूंदे गिरा दें। इसके बाद देखें कि आगे क्‍या-क्‍या होता है। अल्‍कोहल की थोड़ी-सी मात्रा सेक्‍स में जान डाल देती है। यह उत्तेजना बढ़ाने का काफी मददगार साबित होता है. बस इतना ध्‍यान रखें कि कभी भी ज्‍यादा मात्रा में इसका सेवन न करें, नहीं तो मजा किरकिरा हो सकता है।


सेक्‍स के दौरान गहराई से सांस लें। इससे आपको वातावरण खुशनुमा बनाने में मदद मिलेगी। पार्टनर के सभी संवेदनशील अंगों पर जीभ फिराएं और फिर लगातार ऐसी ही शरारतें करें। इसे मजा और बढ़ जाता है।


अगर मौसम गर्म हो, तो बर्फ के कुछ टुकड़े लेकर अपने पार्टनर के संवेदनशील अंगों पर डाल दें। इससे रोमांच और बढ़ जाएगा। इसके अलावा बर्फ का एक टुकड़ा मुंह में रखकर उनके संबेदनशीन अंगों पर फिराए। फिर देखिए कैसे वो बर्फ पहले पिछलकर आपकी बांहों में सिमट जाएगी।

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शुक्रवार, 20 मार्च 2015

ऐसे पुरूष महिलाओं के आकर्षण का केंद्र होते हैं

महिलाओं के आकर्षण का केंद्र बनने के लिए जो पुरुष अपने रख रखाव को लेकर अधिक चौकन्नें रहते हैं वो जानें क्या सच में महिलाएं आकर्षित हो पाती हैं। आस्ट्रेलिया में हुए एक शोध के अनुसार प्रचलन से अलग अंदाज़ रखने वाले पुरुषों की ओर महिलाएं अधिक आकर्षित होती हैं।
सबसे जुदा दिखने के हैं बहुत से फायदे
अध्ययनकर्ताओं ने अपने अध्ययन के दौरान पाया कि जिस स्थान पर क्लीन शेव पुरुषों की अधिकता होती है उस स्थान पर महिलाएं दाढ़ी अथवा मूंछ वाले पुरुषों को अधिक पसंद करती हैं जबकि जिस स्थान पर मूंछ या दाढ़ी वाले पुरूषों की अधिकता होती है वहां क्लीन शेव पुरुषों को महिलाएं अधिक पसंद करती हैं।
इसके अतिरिक्त यह भी माना गया कि अक्सर महिलाएं अपने रख रखाव को लेकर कम से कम सजग पुरुषों की ओर अधिक खिंची चली जाती हैं।
इससे पूर्व हुए यूरोपीय परिवेश पर आधार‌ित कुछ अन्य शोधों में यह भी पाया गया कि गहरे भूरे रंग के बालों वाले पुरुष महिलाओं के आकर्षण का केंद्र अधिक बनते हैं जबकि पुरुषों के आकर्षण का केंद्र वह महिलाएं अधिक होती हैं जिनका रूप लावण्य उनके किसी परिचित से मिलता जुलता न हो।
पुरुषों के रख रखाव को लेकर यह अपने आप में पहले तरीके का अध्ययन है। यह अध्ययन रॉयल सोसायटी जर्नल बायोलॉजिकल पेपर में प्रकाशित हुआ है।

सेक्स से जुड़े कुछ सच-झूठ

सेक्स ऐसा विषय है जिस पर लगभग हर व्यक्ति बात करने से कतराता है लेकिन एक समय के बाद सेक्स व्‍यक्ति की जरूरत बन जाता है। सेक्स को लेकर लोगों में बहुत से भ्रम व्याप्त है। कुछ लोग सेक्स को बहुत खराब और गंदा मानते हैं तो कुछ सेक्स को अच्छा व मनोरंजन का साधन मानते हैं। कुछ लोग विवाह के बाद सेक्स को अच्छा मानते है तो कुछ के लिए सेक्स मूड की तरह है। सेक्स से जुड़े कई आश्चर्यजनक तथ्य है।
कहते हैं सेक्स स्वास्‍थय के लिए अच्छा होता है, यह सही भी है। लेकिन जरूरी नहीं कि सेक्स हमेशा अच्छा होता है।सेक्स सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक सुख भी देता है इसीलिए जरूरी है कि सेक्स से पहले मानसिक जुड़ाव हो।कहते हैं कि नशे में सेक्स का आनंद दुगुना हो जाता है जबकि यह भ्रम के सिवा कुछ नहीं।यह सच है कि समय से पहले यौन संबंध बनाने से शारीरिक और मानसिक विकास पर बहुत प्रभाव पड़ता है।एक भ्रम यह भी है कि शादी से पहले सेक्स का वैवाहिक जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन सच तो यह है शादी से पहले सेक्स करने से वैवाहिक जीवन की खुशी छिनने का खतरा रहता है। यह अवधारणा कि शादी से पहले सेक्स आपको शादी के लिए तैयार करता है, भी बिलकुल गलत है।आपने अक्सर सुना होगा कि जो लोग अपनी सेक्स इच्छाओ को पूरी तरह से खुलकर नहीं बता पाते यानी उनके इस संकोच का कोई अहम कारण है , वो वह किसी बीमारी से ग्रस्त होते है या फिर उनमें कोई कमी है। यह बात भी एक भ्रम है। सेक्स के दौरान खुद पर संयम रखना बेहद जरूरी है।जहां सेक्स के प्रति खुलापन बढ़ा है और युवावर्ग भी विवाहपूर्व संबंध बनाने में कोई गुरेज नहीं करता। ऐसे में उन्हें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही ली जाने वाली प्रिकॉशंस और कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के बारे में अधिक जानकारी होना भी जरूरी है।यह सही है कि यौन-संबंध एक व्यक्तिगत अधिकार है और इसमे किसी एक के लिए प्रतिबद्धता होना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में इस बात का महत्व कम रह गया है।रिश्तों में सेक्स ही प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के साथ-साथ आत्मीय संबंध होना भी जरूरी है तभी आप सेक्स के महत्व को समझ सकते हैं।
कहने का अर्थ है कि सेक्स को लेकर किसी भी तरह का भ्रम या आशकांए मन में नही रहनी चाहिए। विवाह के बाद सेक्स करना चाहिए , लेकिन सेक्स के लिए मूड का होना भी जरूरी है।

बैडरूम में कामसूत्र अपनाने के टिप्स

ि आप भी सेक्स करने जा रहे हैं और आप कामसूत्र ग्रंथ के टिप्स को अप्लाई करने जा रहे हैं तो उसमें दिए कुछ टिप्स जरूर अपनाएं। आइए जानें कामसूत्र के तरीके से सेक्स की शुरूआत करने के टिप्स के बारे में।

कमरे की साफ-सफाई- सेक्स की शुरूआत से पहले जरूरी है कि कमरे की अच्छी तरह से साफ-सफाई की गई हो। इतना ही नहीं बैड पर धुली हुई चादर बिछी होनी चाहिए।

* सुगंधित कमरा- यदि आप सेक्स करने जा रहे हैं तो वैसा माहौल भी होना चाहिए जिससे दोनों पार्टनर उस माहौल में अच्छी तरह से रम सकें। ऐसे में कमरे का खुशबूदार होना जरूरी है। कमरे में भीनी-भीनी खुशबू आनी चाहिए। आप चाहे तो आरोमा प्रोडक्ट या फिर परफ्यूम इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

* सजावट भी है जरूरी - आपको चाहिए‌ कि आप कमरे को अच्छे से सजाएं। कमरे को कैंडल और फूलों से सजाएं। कमरे में सुंदर पेटिंग्स लगी होनी चाहिए। इतना ही नहीं कमरे में लाइट एकदम मंदिम होनी चाहिए। जिससे आप अपने पार्टनर से अपने बेइंतहा प्यार का इजहार कर सकें।

* नहाना है जरूरी- दोनों पार्टनर के लिए कामसूत्र में यह खास हिदायत दी गई है कि माहौल बनाने के साथ-साथ दोनों पार्टनर्स का मन से तैयार होना भी जरूरी है। इसके लिए दोनों को अपने शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी है। आप दोनों को नहाकर ही कमरे में दाखिल होना चाहिए। इतना ही नहीं पहले पुरूष कमरे में आए और उसके बार महिला को इन्वाइट करें।

* ड्रेस का रखें ख्याल- कामसूत्र के अनुसार महिला और पुरूष दोनों को ही आकर्षक ड्रेस में होना जरूरी है जिससे दोनों एक-दूसरे की तरफ आकर्षित हों साथ ही ऐसे समय में तारीफ करने से ना कतराएं।

* म्यूजिक भी लगाएं- आप चाहे तो कोई इंस्टूमेंट म्यूजिक बजा सकते हैं लेकिन बहुत ही हल्के स्वर में या फिर कोई भी थीम बेस्ड गाना चला सकते हैं। जो कि रोमां‌टिक हो।

बातचीत करें- कामसूत्र के अनुसार, पुरूष को महिला को पहले प्‍यार से बैड पर बैठाना चाहिए उसके बाद बातचीत का सिलसिला आरंभ करना चाहिए। ताकि दोनों की ही झिझक एकदम गायब हो जाए। बातचीत रोमांटिक या फिर एक-दूसरे के बारे में भी हो सकती है। साथ ‌ही पुरूष को पहले महिला के कंधे पर अपना हाथ रखना चाहिए, उसके बाद ही धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए जिससे महिला सहज हो सकें।

* उपहार दें- पुरूष को महिला पार्टनर से प्यार का इजहार करने के लिए कोई उपहार लेकर आना चाहिए और ये भी ख्याल रखें कि आप दोनों के अलावा रूम में कोई तीसरा व्यक्ति प्रवेश ना कर पाएं।

इन टिप्स से आप अपने प्यार का इजहार भी कर सकते हैं और सेक्स की शुरूआत भी शानदार तरीके से कर सकते हैं।

मंगलवार, 17 मार्च 2015

संभोगरत स्‍त्री अपनी यौन उत्‍तेजना नाखुनों के खरोंच और गहरे दबाव से दर्शाती है

 आचार्य वात्‍स्‍यायन ने कामसूत्र में नखक्षेद अर्थात संभोग के दौरान नाखुनों से खरोंचने और इसमें निहित उसकी उद्दाम काम भावना का वर्णन किया है। वात्‍स्‍यान का मत है कि काम वासना जब उफान पर होता है तो स्‍त्री-पुरुष उत्‍तेजनावश एक-दूसरे को नोचने-खसोटने से बाज नहीं आते। स्‍त्री की उत्‍तेजना और उसका लज्‍जाजनक स्‍वभाग उनके नाखुनों के तेज खरोंच और गहरे दबाव से पता चल जाता है। पुरुष भी अधिक उत्‍तेजना में अपने नाखुनों व दांत का प्रयोग करता है।

संभोग जब उफान पर होता है और स्‍त्री-पुरुष चर्मोत्‍कर्ष की ओर बढ़ रहे होते हैं तो उनका एक-दूसरे में समा जाने का भाव बढ़ता चला जाता है। नाखुन एक-दूसरे के शरीर में धंसते चले जाते हैं। बाद में दोनों जब अपने इस निशान को देखते हैं तो उनके अंदर फिर से काम वासना भड़क उठती है। प्रेम और काम की बारंबारता के लिए ऐसे निशानों को आचार्य वात्‍स्‍यायन ने जरूरी कहा है।

पुरुष और स्त्रियों द्वारा किन अंगों पर नाखुन गड़ाना चाहिए

* संभोग की तीव्र उत्‍तेजना के क्षण में स्त्रियां अक्‍सर पुरुष की पीठ पर अपने नाखुन का निशान बनाती हैं। वह चरमोत्‍कर्ष के समय विह्वल हो उठती है और आनंदविभोर होकर पुरुष की पीठ, गर्दन, कंधे पर अपने नाखुनों को धंसाती चली जाती हैं। कान और होंठ पर भी वह नाखुन व दांत का निशान बनाने से नहीं चूकती।

* वहीं वासनाग्रस्‍त पुरुष स्त्रियों के स्‍तन, स्‍तन के चुचूक, स्‍तरों के ऊपर की छाती, गर्दन, पेट, जांघ, नितंब, दोनों जांघों के जोड़, पेड़ू और कमर के चारों ओर नाखुनों के निशान बनाता है।

नखक्षत व दांतों के काटने आदि का विधान प्रेम में नयापन लाता है
* आचार्य वात्‍स्‍यायन का मत है कि प्रेम में हमेशा नयापन होना चाहिए ताकि प्रेम कभी पुराना न पड़े। एक-दूसरे के प्रति चाहत हमेशा बरकरार रहे। इसीलिए संभोग के क्षण में नित नए-नए प्रयोग करते रहना चाहिए। नखक्षत व दांतों के काटने आदि का विधान प्रेम में नयापन लाता है।

* आचार्य का मत है कि परदेस यात्रा या लंबे समय के लिए बाहर जाने से पूर्व पुरुष-स्‍त्री गहरे संभोग में उतरें। उस वक्‍त पुरुष अपनी यादगार के रूप में स्‍त्री की जंघाओं, योनि व स्‍तनों पर तीव्र नाखुन का खरोंच लगाना चाहिए। पति के जाने के बाद स्त्रियां जब अपने गुप्‍त स्‍थानों पर नाखूनों के निशान देखती हैं तब वह फिर से प्रेम से भर उठती हैं।

लंबे समय तक वियोग रहने के बाद भी यह निशान उन्‍हें उस रात की याद दिलाता है और उनका प्रेम एक बार फिर से नया हो उठता है। पत्र और आज के समय मोबाइल या फोन के जरिए दोनों उस रात और उस रात पड़े निशान की आपस में चर्चा कर फिर से उस गुदगुदी का अहसास कर सकते हैं। इससे दूरी भी नजदीकी में बदल जाती है। उनका स्‍पष्‍ट मत है कि यदि प्रेम की याद कराने वाला नखक्षत नहीं होता तो बहुत समय के लिए बिछड़े हुए प्रेमियों के प्रेम में कमी आती चली जाएगी।

* यदि कोई अपरिचित स्‍त्री दूर से जब पियाप्‍यारी उस स्‍त्री के स्‍तनों के ऊपर छाती या होंठ पर ऐसे निशान देखती है तो वह समझ जाती है कि यह स्‍त्री अपने पिया की कितनी प्‍यारी होगी। हो सकता है उस स्‍त्री को देखकर उस अजनबी स्‍त्री के अंदर वासना भड़क उठे और वह भी अपने दांपत्‍य जीवन में प्रेम के नएपन की ओर अग्रसर हो।

* कोई युवती जब किसी पुरुष के छाती या पीठ पर नाखुनों के ऐसे निशान देखती है तो उसका मन भी चंचल हो उठता है और वह भी अपने प्रेम भरे जीवन में अनोखपन लाने को उतावला हो उठती है।

* आचार्य का स्‍पष्‍ट मत है कि वासना के भड़कने पर संभोग के क्षण में उसकी अभिव्‍यक्ति के लिए नाखूनों से खरोंचने और दांत गड़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्‍ता नहीं है। प्रेम का यह प्रकटीकरण स्‍त्री पुरुष को एक-दूसरे के बेहद नजदीक लाता है।

नुकीले और तेज नाखुन उत्‍तेजना को सही प्रदर्शित करते हैं

कामसूत्र में कहा गया है कि जिन स्‍त्री पुरुष की काम वासना तीव्र होती है, उन्‍हें अपने बाएं हाथ के नाखून नोकीले, ताजा कटे हुए, मैल रहित और फटे हुए नहीं होने चाहिए। संभोग का मजा तभी है, जब नाखुन नुकीले, चिकने व चमकीले हों।

महाराष्‍ट्र की महिलाएं खूब करती हैं नखक्षत का प्रयोग
* आचार्य के अनुसार, गौड़ प्रांत अर्थात मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद एवं पूर्व प्रदेश बिहार, बंगाल आदि की महिलाओं के नाखून बड़े-बड़े, हाथ की शोभा बढाने वाले एवं देखने में मोहक होते हैं।

* दक्षिण भारतीय नारियों के नाखुन छोटे, लेकिन गहरे घाव बनाने लायक होते हैं।

* महाराष्‍ट्र की स्त्रियों के नाखुन मझोले होते हैं। महाराष्‍ट्र की महिलाएं संभोग के समय नखक्षत का प्रयोग खूब करती हैं।

सेक्‍स के दौरान स्‍त्री को कब और कैसे होता है चरम तृप्ति का अहसास?

यौन उत्‍तेजना का पहला अनुभव मस्तिष्‍क में होता है। इसके बाद सभी तंत्रिकाओं (नर्व्‍स) में खून तेजी से दौड़ने लगता है। इस कारण संभोगरत स्‍त्री का चेहरा तमतमा उठता है। कान, नाक, आंख, स्‍तन, भगोष्‍ठ व योनि की आंतरिक दीवारें फूल जाती हैं। भगांकुर का मुंड भीतर की ओर धंस जाता है और ह़दय की धड़कने बढ़ जाती हैं। योनि द्वार के अगलबगल स्थित बारथोलिन ग्रंथियों से तरल पदार्थ निकल कर योनि पथ को चिकना बना देता है, जिससे पुरुष लिंग का गहराई तक प्रवेश आसान हो जाता है। डाक्‍टर किंसे के अनुसार, जब तक पुरुष का लिंग स्‍त्री योनि की गहराई तक प्रवेश नहीं करता, तब तक स्‍त्री को पूर्ण आनंद नहीं मिलता है।

उत्‍तेजना के कारण स्‍त्री के गर्भाशय ग्रीवा से कफ जैसा दूधिया गाढ़ा स्राव निकल आता है। गर्भाशय ग्रीवा के स्राव के कारण गर्भाशय मुख चिकना हो जाता है, जिससे पुरुष वीर्य और उसमें मौजूद शुक्राणु आसानी से तैरते हुए उसमें चले जाते हैं।
काम में संतुष्टि का अनुभव
यौन उत्‍तेजना के समय स्‍त्री की योनि के भीतर व गुदाद्वार के पास की पेशियां सिकुड़ जाती हैं। ये रुक-रुक कर फैलती और सिकुड़ती रहती है। यह इस बात का प्रमाण है कि स्‍त्री संभोग में पूरी तरह से संतुष्‍ट हो गई हैं। पुरुष अपने लिंग के ऊपर पेशियों के फैलने सिकुड़ने का अनुभव कर सकता है।
स्‍त्री आर्गेज्‍म की कई अवस्‍था
* संभोग काल में हर स्‍त्री की चरम तृप्ति एक समान नहीं होती है। हर स्‍त्री के आर्गेज्‍म अनुभव अलग होता है। डॉ विलि, वैंडर व फिशर के अनुसार, चरमतृप्ति या आर्गेज्‍म प्राप्ति काल में स्‍त्री की योनि द्वार, भगांकुर, गुदापेशी व गर्भाशय मुख के पास की पेशियां तालबद्ध रूप में फैलने व सिकुड़ने लगती है। कभी-कभी ये पांचों एक साथ गतिशील हो जाती है, उस समय स्‍त्री के आनंद की कोई सीमा नहीं रह जाती है।
* कोई स्‍त्री अनुभव करती है कि उसका गर्भाशय एक बार खुलता फिर बंद हो जाता है। इसमें कई स्त्रियों के मुंह से सिसकारी निकलने लगती है।
* कुछ स्त्रियों में संपूर्ण योनि प्रदेश, गुदा से लेकर नाभि तक में सुरसुराहट की तरंग उठने लगती है। कई बार यह तरंग जांघों तक चली जाती है। उस समय स्‍त्री के चरम आनंद का ठिकाना नहीं रहता।
* कुछ स्त्रियों को लगता है कि उनकी योनि के भीतर गुब्‍बारे फूट रहे हैं या फिर आतिशबाजी हो रही है। यह योनि के अंदर तीव्र हलचल का संकेत है, जो स्‍त्री को सुख से भर देता है।
आर्गेज्‍म काल में स्‍त्री की दशा
डॉ विलि, वैंडर व फिशर के अनुसार, जिस वक्‍त संभोग में स्‍त्री को आर्गेज्‍म की प्राप्ति होती रहती है उस वक्‍त उसकी आंखें मूंद जाती है, स्‍तन के कुचाग्र फड़कने लगते हैं, कानों के अंदर झनझनाहट उठने लगती है, शरीर में हल्‍कापन महसूस होता है, मन सुख की लहर दौड़ पड़ती है, प्रियतम के प्रति प्रेम से मन भर उठता है और कई बार हल्‍की भूख का भी अहसास होता है। कई स्त्रियों को पेशाब लग जाता है।
पुरुष में वीर्यपात तो स्‍त्री में क्‍या?
पुरुष के आर्गेज्‍म काल में उसके लिंग से वीर्य का स्राव होता है, जिसमें उसे आनंद की प्राप्ति होती है। लेकिन आर्गेज्‍म की अवस्‍था में स्‍त्री में ऐसा कोई स्राव होता है या नहीं, कामकला के विद्वानों में इस बात को लेकर मतभेद है। डॉ विलि, वैंडर व फिशर के मतानुसार, अधिक कामोत्‍तेजना के समय स्‍त्री का गर्भाशय सिकुड़ता है, जिससे गर्भाशय का श्‍लैष्मिक स्राव योनि में गिर पड़ता हैा बहुत से स्त्रियों के गर्भाशय से कफ जैसा पदार्थ निकलता है और संपूण योनि पथ को गीला कर देता है। इस स्राव में चिपचिपाहट होती है।

सोमवार, 16 मार्च 2015

खेलें प्‍यार में चुंबन का जुआ

स्‍त्री पुरुष जब संभोग के आनंद से सराबोर होने के क्षण में होते हैं तो उस क्षण में नाखुन गड़ाने, चुंबनों की बौछार करने आदि से वे नहीं हिचकते। यह सब स्‍वत: चरमोत्‍कर्ष के निकट जाने के क्रम में होता चला जाता है। वात्‍स्‍यायन का मत है कि चुंबन, नखछेद, दशनछेद, प्रहणन और संभोग के समय पुरुष लिंग और योनि से घर्षण की वजह से मुंह से निकलने वाले सीत्‍कार पर किसी का जोर नहीं रहता है। इनके वशीभूत होकर स्‍त्री पुरुष बस आनंद के नाव में हिलकोरे लेना चाहते हैं।
वात्‍स्‍यायन एवं अन्‍य काम कला विद्वानों ने अधर (निचले होंठ) चुंबन के कई भेद बताए हैं, जिन्‍हें यहां वर्णित किया जा रहा है-
* प्रथम संभोग में चुंबन का अधिक प्रयोग नहीं हो पाता है क्‍योंकि उस वक्‍त तक पुरुष नारी का विश्‍वास नहीं हासिल कर पाता है और उनके बीच एक झिझक की दीवार खड़ी रहती है।
* संभोग की बारंबारता के दौरान हर अंग पर तरह-तरह से चुंबन अंकित करना चाहिए, जिससे प्रेम की आग भड़क उठे और संभोग आनंददायक बन जाए।
* मस्‍तक, गाल, पुरुष का सीना, नारी के स्‍तन, होंठ, मुख का भीतरी भाग, जिह्वा, दोनों जांघों के जोड़, बगल (कांख), नाभि आदि ऐसे केंद्र हैं, जहां चुंबन की बारंबारता से उत्‍तेजना बढ़ती है।
स्त्रियों के लिए चुंबन के तीन प्रकार बताए गए हैं
निमित्‍तक- शुरुआती मुलाकात में जब प्रेमी प्रेमिका से चुंबन का आग्रह करे और प्रेमिका को शर्म आ रही हो तो वह केवल निमित्‍त बन जाए। प्रेमिका आंखें बंद कर अपना होठ धीरे से बढ़ा दे ताकि प्रेमी उसके अधर पर अपने होंठ रख सके। पुरुष को पहला चुंबन हल्‍के अंदाज में ही लेना चाहिए ताकि पहले चुंबन की गुदगुदी का अहसास आजीवन बनी रहे।
स्‍फुरितक- जब प्रेमिका की लज्‍जा थोड़ी कम हो जाए तो दोनों चुंबन का खेल शुरू कर सकते हैं। प्रेमी अब अपना होंठ प्रेमिका के मुख में डाले तो प्रेमिका को चाहिए कि उसके होंठ को अपने दोनों होठों के बीच लेकर उसे हल्‍के से दबाए। इस बीच वह अपने निचले होठों को हल्‍का फड़काए और ऊपरी होंठ को स्थिर रखे। इससे प्रेमी को ऐसा अहसास होता है कि प्रेमिका उस पर अहसान कर रही है। और पुरुष की यह खासियत है कि जब स्‍त्री प्रेम के दौरान उस पर अहसान जताती है तो वह उस पर मर मिटता है।
घट्टितक- यह उस प्रेमिका के लिए है जिसकी लज्‍जा अपने प्रेमी के समक्ष समाप्‍त हो चुकी है और उसमें प्रेम में पहल करने की उमंग हिलकोरे ले रही है। वह अपने होंठ से पुरुष के होंठ पूरी तरह से दबा लेती है। वह अपनी आंखें बंद कर लेती है और पुरुष की आंखें अपने हाथों से ढंक लेती है और फिर कभी होठों को चूसती है तो कभी जिह्वा की नोक से उसके होठों व जिह्ववा को रगड़ती रहती है। वैज्ञानिकों का मत भी है इसमें यौन हार्मोन का जबरदस्‍त स्राव होता है और दोनों एक-दूसरे में पिघलने के लिए व्‍याकुल हो उठते हैं। चुंबन की यह प्रक्रिया शराब से भी अधिक नशीली होती है।
स्‍त्री पुरुष दोनों की सहभागिता वाला चुंबन
* सम- इसमें स्‍त्री पुरुष दोनों एक दूसरे के अधरों को सामन रूप से चूसते हुए आनंद पाते हैं
* तिर्यक- प्रेमी प्रेमिका थोड़े तिरछे होकर अपने होठों को गोलाई में लाकर चुंबन करते हैं
* उदभ्रांत- दोनों एक दूसरे का सिर व टोढी पकड़ कर मुंह को अपनी ओर घुमाकर चूमते हैं
* पीडि़तक- अधर व जिह्वा की नोक का प्रयोग करते हुए एक दूसरे को चूमना व चूसना। इसमें प्रेमपूर्ण पीड़ा का अहसास होता है। ऐसा अत्‍यधिक उत्‍तेजना के क्षण में स्‍वत: होता चला जाता है। इस पीड़ा में भी दोनों को मजा आता है।
* अवपीडि़तक- प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे के निचले होठों को अंगूठे व तर्जनी उंगली से पकड़ कर गोल बना दें और फिर उसे अपने होंठ से दबाएं।
चुंबन का जुआ
संभोग के क्षणो में छेड़छाड़ संभोग को आनंद दायक बना देता है। वैसे आज अधिकांश दांपत्‍य जीवन में छेड़छाड़ व प्‍यार की कमी और एकरसता व नीरसता का जोर है। प्रेम व संभोग के क्षण भी रूटीन होकर रह गए हैं। पुरुष केवल वीर्यपात और संतान प्राप्ति के लिए और महिलाएं पुरुष साथी की इच्‍छा रखने के लिए संभोग क्रिया को अंजाम देती हैं, जिससे न प्रेम व संभोग की वास्‍तविक पहचान हो जाती है और न ही उन्‍नत श्रेणी की आत्‍मा वाली संतान ही पैदा हो रही है।
आचार्य वात्‍स्‍यायन का मत है कि संभोग की शुरुआत करते हुए चुंबन आदि का जुआ खेलना चाहिए। स्‍त्री पुरुष एक-दूसरे से छेड़छाड़ करते हुए एक दूसरे के निचले होठ को अपने होठ से पकड़ने का प्रयास करे और जो सबसे पहले निचले होंठ को पकड़ ले उसे जीता हुआ माना जाए। फिर उसकी आज्ञा के अनुसार दूसरा संपूर्ण यौन क्रिया में व्‍यवहार करे।
हारने वाले का भी अपना मजा है। यदि प्रेमिका हार जाए तो वह प्रेमी पर बेईमानी का आरोप लगाए, उसके होठों को दांत से काट कर भागे, अपना होंठ उसके जकड़न से छ़ड़ाने के लिए मनुहार करे, पीठ फेर ले-ऐसे गुण प्रेम को हजार गुना बढ़ा देते हैं और दोनों का संबंध प्रगाढ़तम होता चला जाता है।

संभोग में सीधे प्रवेश की जगह करें चुंबन से शुरुआत


संभोग में सीधे प्रवेश की जगह दंपत्तियों के एक-दूसरे को चूमना, सहलाना और छेड़छाड़ करने से प्‍यार प्रगाढ़ होता है। फिर संभोग केवल एक वासना नहीं होकर, प्‍यार बन जाता है। कामसूत्र में प्‍यार में गहरे उतरने से पहले चुंबन की सलाह दी गई हैा ऊपरी होंठ व अधर (निचले होंठ) के चुंबन में एक नशा सा छाता जाता है और स्‍त्री पुरुष प्‍यार में सरोबार होते चले जाते हैं। जब नशा धीरे-धीरे बढ़ने लगात है तो चुंबन का दायरा, होंठ, मस्‍तक, आंख और गाल से नीचे उतरते हुए स्‍तन, उसके चुचूक, बगलों, नाभी, जांघों के जोड़ और फिर उसके नीचे सरकता चला जाता है। बदन के हर हिस्‍से में किया गया चुंबन, प्रेमियों के अंदर प्‍यार की ज्‍वार उत्‍पन्‍न कर देता है जो आखिर में संभोग में स्‍खलन के बाद ही उतरता है।

वात्‍स्‍यायन ने लिखा है कि होंठों व मुख के अलावा किए जाने वाले चुंबन का चार भेद है (kissing tips)-
*सम- यह चुंबन दोनों जांघों के जोड़, नितंब, बगलों और स्‍त्री द्वारा पुरुष के सीने पर किया जाता है
*पीडि़त- यह चुंबन स्‍तनों, दोनों गालों, नाभी और नाभी के नीचे पेड़ू पर किया जाता है
*अंचित- यह स्‍तनों और दोनों बगलों(कांख) पर किया जाता है
*मृदु- यह ललाट एवं आंखों पर किया जाता है
चुंबन भड़काती है वासना की आग- यह स्‍त्री या पुरुष में से कोई सो रहा हो और उसके दूसरे साथी का मन प्‍यार के लिए मचल रहा हो तो वह सोते हुए साथी पर चुंबनों की बौछार करते हुए उसे जगाने की चेष्‍टा करता है। इससे सोए हुए साथी के अंदर भी वासना भड़क उठती है और दोनों प्‍यार में सराबोर हो जाते हैं।

काम में मशगुल साथी को रिझाए- जब एक साथी काम में मशगुल हो और दूसरे का मन प्‍यार करने के लिए तड़प रहा हो तो वह उस पर सवार होकर चुंबनों की बौझार कर सकता है। इससे दूसरा साथी समझ जाता है कि उसका साथी क्‍या चाह रहा है। आज के संदर्भ में लैपटॉप और फेसबुक पर व्‍यस्‍त साथी को बिस्‍तर पर लाने के लिए चुंबन से बेहतर कोई हथियार नहीं हो सकता। यह चुंबन हर तरह के मर्यादा को तोड़ने वाली हो तो कितना ही व्‍यस्‍त साथी हो, संभोग के लिए मचल उठेगा।
संभोग के प्रति उदासीन साथी में भी भरता है रोमांच- संभोग के प्रति यदि एक साथी काफी दिनों से उदासीनता भरा बर्ताव कर रहा हो तो उसके अंदर इच्‍छा जागृत करने के लिए पहले उसके शरीर की मालिश से शुरुआत करनी चाहिए। फिर मसाज के साथ-साथ एक-एक अनावृत अंग पर गर्म होठों की तपिश उसके अंदर चिंगारी भड़काना शुरू कर देता है।
ऐसे क्षण में जांघों पर किया जाने वाला चुंबन सीधे तीर की तरह सारे बदन में उतर जाता है और सिहरन पैदा कर देता है। फिर पैर, उसकी ऊंगलियों व उसके पोरों पर चुंबन और उसे मुंह में भरकर चूसने की प्रक्रिया उदासीन साथी को संभोग के लिए आतुर कर देगा।
सेक्स में कैसे आती है उत्तेजना

पेनिस (लिंग) में इरेक्शन विचार से होता है, स्पर्श से होता है। दिमाग में एक सेक्स सेंटर है। जब वह उत्तेजित होता है तो संदेश लिंग की तरफ जाता है। बदन में खून का प्रवाह तेज हो जाता है। पूरे शरीर में पेनिस में खून का प्रवाह सबसे ज्यादा तेज होता है। इसी वजह से लिंग में उत्तेजना ओर स्त्रियों की योनि में गीलापन आता है। पेनिस के इरेक्शन के लिए योग्य हॉर्मोन का होना जरूरी है। पुरुषों में 60 साल के बाद और महिलाओं में 45 साल के बाद हॉर्मोन की कमी होने लगती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन क्या है: सेक्स के दौरान या उससे पहले पेनिस में इरेक्शन (तनाव) के खत्म हो जाने को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता कहते हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कई तरह का हो सकता है। हो सकता है, कुछ लोगों को बिल्कुल भी इरेक्शन न हो, कुछ लोगों को सेक्स के बारे में सोचने पर इरेक्शन हो जाता है, लेकिन जब सेक्स करने की बारी आती है, तो पेनिस में ढीलापन आ जाता है। इसी तरह कुछ लोगों में पेनिस वैजाइना के अंदर डालने के बाद भी इरेक्शन की कमी हो सकती है। इसके अलावा, घर्षण के दौरान भी अगर किसी का इरेक्शन कम हो जाता है, तो भी यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की निशानी है।

इरेक्शन सेक्स पूरा हो जाने के बाद यानी इजैकुलेशन के बाद खत्म होना चाहिए। कई बार लोगों को वहम भी हो जाता है कि कहीं उन्हें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन तो नहीं। सीधी सी बात है कि आप जिस काम को करने की कोशिश कर रहे हैं, वह काम अगर संतुष्टिपूर्ण तरीके से कर पाते हैं तो सब ठीक है और नहीं कर पा रहे हैं तो समस्या हो सकती है। जिन लोगों में यह दिक्कत पाई जाती है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनका कॉन्फिडेंस लेवल भी कम हो सकता है। वजह: इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह शारीरिक भी हो सकती है और मानसिक भी। अगर किसी खास समय इरेक्शन होता है और सेक्स के समय नहीं होता, तो इसका मतलब यह समझना चाहिए कि समस्या मानसिक स्तर की है। खास समय इरेक्शन होने से मतलब है- सुबह सोकर उठने पर, पेशाब करते वक्त, मास्टरबेशन के दौरान या सेक्स के बारे में सोचने पर। अगर इन स्थितियों में भी इरेक्शन नहीं होता तो समझना चाहिए कि समस्या शारीरिक स्तर पर है। अगर समस्या मानसिक स्तर पर है तो साइकोथेरपी और डॉक्टरों द्वारा बताई गई कुछ सलाहों से समस्या सुलझ जाती है।


- शारीरिक वजह ये चार हो सकती हैं : चार छोटे एस (S) बड़े एस यानी सेक्स को प्रभावित करते हैं। ये हैं : शराब, स्मोकिंग, शुगर और स्ट्रेस।
- हॉर्मोंस डिस्ऑर्डर्स इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की एक खास वजह है।
- पेनिस के सख्त होने की वजह उसमें खून का बहाव होता है। जब कभी पेनिस में खून के बहाव में कमी आती है तो उसमें पूरी सख्ती नहीं आ पाती और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। कुछ लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि शुरू में तो पेनिस के अंदर ब्लड का फ्लो पूरा हो जाता है, लेकिन वैजाइना में एंटर करते वक्त ब्लड का यह फ्लो वापस लौटने लगता है और पेनिस की सख्ती कम होने लगती है।
- नर्वस सिस्टम में आई किसी कमी के चलते भी यह समस्या हो सकती है। यानी न्यूरॉलजी से जुड़ी समस्याएं भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह हो सकती हैं।
- हमारे दिमाग में सेक्स संबंधी बातों के लिए एक खास केंद्र होता है। इसी केंद्र की वजह से सेक्स संबंधी इच्छाएं नियंत्रित होती हैं और इंसान सेक्स कर पाता है। इस सेंटर में अगर कोई डिस्ऑर्डर है, तो भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है।
- कई बार लोगों के मन में सेक्स करने से पहले ही यह शक होता है कि कहीं वे ठीक तरह से सेक्स कर भी पाएंगे या नहीं। कहीं पेनिस धोखा न दे जाए। मन में ऐसी शंकाएं भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह बनती हैं। इसी डर की वजह से लॉन्ग-टर्म में व्यक्ति सेक्स से मन चुराने लगता है और उसकी इच्छा में कमी आने लगती है।
- डॉक्टरों का मानना है कि 80 फीसदी मामलों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह शारीरिक होती है, बाकी 20 फीसदी मामले ऐसे होते हैं जिनमें इसके लिए मानसिक कारण जिम्मेदार होते हैं।
ट्रीटमेंट
पहले इस समस्या को आहार-विहार और कसरत करने से ठीक करने की कोशिश की जाती है, लेकिन जब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता तो कोई भी ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर समस्या की असली वजह का पता लगाते हैं। इसके लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। वजह के अनुसार आमतौर पर इलाज के तरीके ये हैं:
1. हॉर्मोन थेरपी : अगर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह हॉर्मोन की कमी है तो हॉर्मोन थेरपी की मदद से इसे दो से तीन महीने के अंदर ठीक कर दिया जाता है। इस ट्रीटमेंट का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
2. ब्लड सप्लाई : जब कभी पेनिस में आर्टरीज की ब्लॉकेज की वजह से ब्लड सप्लाई में कमी आती है, तो दवाओं की मदद से इस ब्लॉकेज को खत्म किया जाता है। इससे पेनिस में ब्लड की सप्लाई बढ़ जाती है और उसमें तनाव आने लगता है।
3. सेक्स थेरपी : कई मामलों में समस्या शारीरिक न होकर दिमाग में होती है। ऐसे मामलों में सेक्स थेरपी की मदद से मरीज को सेक्स संबंधी विस्तृत जानकारी दी जाती है, जिससे वह अपने तरीकों में सुधार करके इस समस्या से बच सकता है।
4. वैक्यूम पंप, इंजेक्शन थेरपी और वायग्रा : वैक्यूम पंप, इंजेक्शन थेरपी और वायग्रा जैसे ड्रग्स की मदद से भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर किया जा सकता है। वैसे कुछ डॉक्टरों का मानना है कि वैक्यूम पंप और इंजेक्शन थेरपी अब पुराने जमाने की बात हो चुकी हैं।
- वैक्यूम पंप : आजकल बाजार में कई तरह के वैक्यूम पंप मौजूद हैं। रोज अखबारों में इसके तमाम ऐड आते रहते हैं। इसकी मदद से बिना किसी साइड इफेक्ट के इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का हल निकाला जा सकता है। वैक्यूम पंप एक छोटा सा इंस्ट्रूमेंट होता है। इसकी मदद से पेनिस के चारों तरफ 100 एमएम (एचजी) से ज्यादा का वैक्यूम बनाया जाता है जिससे पेनिस में ब्लड का फ्लो बढ़ने लगता है, और तीन मिनट के अंदर उसमें पूरी सख्ती आ जाती है। लगभग 80 फीसदी लोगों को इससे फायदा हो जाता है। चूंकि इसमें कोई दवा नहीं दी जाती है, इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। वैक्यूम पंप आमतौर पर उन लोगों के लिए है जो 50 की उम्र के आसपास पहुंच गए हैं। यंग लोगों को इसकी सलाह नहीं दी जाती है, फिर भी जो भी इसका इस्तेमाल करे, उसे डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
- वायग्रा : इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए वायग्रा का इस्तेमाल अच्छा ऑप्शन है, लेकिन इसका इस्तेमाल किसी भी सूरत में बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं करना चाहिए। वायग्रा में मौजद तत्व उस केमिकल को ब्लॉक कर देते हैं, जो पेनिस में होने वाले ब्लड फ्लो को रोकने के लिए जिम्मेदार है। इससे पेनिस में ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है और फिर इरेक्शन आ जाता है। वायग्रा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को ठीक करने में फायदेमंद तो साबित होती है, लेकिन यह महज एक टेंपररी तरीका है। इससे समस्या की वजह ठीक नहीं होती।
इनका असर गोली लेने के चार घंटे तक रहता है। वायग्रा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए। कई मामलों में इसे लेने के चलते मौत भी हुई हैं। गोली लेने के 15 मिनट बाद असर शुरू हो जाता है।
अगर हाई और लो ब्लडप्रेशर, हार्ट डिजीज, लीवर से संबंधित रोग, ल्यूकेमिया या कोई एलर्जी है तो वायग्रा लेने से पहले विशेष सावधानी रखें और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही चलें।
- सर्जरी : जब ऊपर दिए गए तरीके फेल हो जाते हैं, तो अंतिम तरीके के रूप में पेनिस की सर्जरी की जाती है।
प्रीमैच्योर इजैकुलेशन
प्रीमैच्योर इजैकुलेशन या शीघ्रपतन पुरुषों का सबसे कॉमन डिस्ऑर्डर है। सेक्स के लिए तैयार होते वक्त, फोरप्ले के दौरान या पेनिट्रेशन के तुरंत बाद अगर सीमेन बाहर आ जाता है, तो इसका मतलब प्रीमैच्योर इजैकुलेशन है। ऐसी हालत में पुरुष अपनी महिला पार्टनर को पूरी तरह संतुष्ट किए बिना ही फारिग हो जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पुरुष का अपने इजैकुलेशन पर कोई अधिकार नहीं होता। आदर्श स्थिति यह होती है कि जब पुरुष की इच्छा हो, तब वह इजैकुलेट करे, लेकिन प्रीमैच्योर इजैकुलेशन की स्थिति में ऐसा नहीं होता।
- सेरोटोनिन जैसे न्यूरो ट्रांसमिटर्स की कमी से प्रीमैच्योर इजैकुलेशन की समस्या हो सकती है।
- यूरेथेरा, प्रोस्टेट आदि में अगर कोई इंफेक्शन है, तो भी प्रीमैच्योर इजैकुलेशन हो सकता है।
- दिमाग में मौजूद सेक्स सेंटर एरिया में अगर कोई डिस्ऑर्डर है तो भी सीमेन का डिस्चार्ज तेजी से होता है।
- कुछ लोगों के पेनिस में उत्तेजना पैदा करने वाले न्यूरोट्रांसमिटर्स ज्यादा संख्या में होते हैं। इनकी वजह से ऐसे लोगों में टच करने के बाद उत्तेजना तेजी से आ जाती है और वे जल्दी क्लाइमैक्स पर पहुंच जाते हैं।
- कई बार एंग्जायटी, टेंशन और सीजोफ्रेनिया की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
दवाएं : प्रीमैच्योर इजैकुलेशन की वजह को जानने के बाद उसके मुताबिक खाने की दवाएं दी जाती हैं। इनकी मदद से प्रीमैच्योर इजैकुलेशन को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इसमें करीब दो महीने का वक्त लगता है। इन दवाओं के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।
इंजेक्शन थेरपी: अगर खाने की दवाओं से काम नहीं चलता तो इंजेक्शन थेरपी दी जाती है। इनसे तीन मिनट के अंदर पेनिस हार्ड हो जाता है और यह हार्डनेस 30 मिनट तक बरकरार रहती है। इसकी मदद से कोई भी शख्स सही तरीके से सेक्स कर सकता है। ये इंजेक्शन कुछ दिनों तक दिए जाते हैं। इसके बाद खुद-ब-खुद उस शख्स का अपने इजैकुलेशन पर कंट्रोल होने लगता है और फिर इन इंजेक्शन को छोड़ा जा सकता है।
टोपिकल थेरपी : यह टेंपररी ट्रीटमेंट है। इसमें कुछ खास तरह की क्रीम का यूज किया जाता है। इन क्रीम की मदद से डिस्चार्ज का टाइम बढ़ जाता है। इनका भी कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
सेक्स थेरपी : दवाओं के साथ मरीज को कुछ एक्सरसाइज भी सिखाई जाती हैं। ये हैं :
स्टॉप स्टार्ट टेक्निक : पार्टनर की मदद से या मास्टरबेशन के माध्यम से उत्तेजित हो जाएं। जब आपको ऐसा लगे कि आप क्लाइमैक्स तक पहुंचने वाले हैं, तुरंत रुक जाएं। खुद को कंट्रोल करें और सुनिश्चित करें कि इजैकुलेशन न हो। लंबी गहरी सांस लें और कुछ पलों के लिए रिलैक्स करें। कुछ पलों बाद फिर से पेनिस को उत्तेजित करना शुरू कर दें। जब क्लाइमैक्स पर पहुंचने वाले हों, तभी रोक लें और रिलैक्स करें। इस तरह बार बार दोहराएं। कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि शुरू करने और स्टॉप करने के बीच का समय धीरे धीरे ज्यादा हो रहा है। इसका मतलब है कि आप पहले के मुकाबले ज्यादा समय तक टिक रहे हैं। लगातार प्रैक्टिस करने से इजैकुलेशन कब हो इस पर काबू पाया जा सकता है।
कीजल एक्सरसरइज : कीजल एक्सरसाइज न सिर्फ प्रीमैच्योर इजैकुलेशन को कंट्रोल करने में सहायक है, बल्कि प्रोस्टेट से संबंधित समस्याएं भी इससे ठीक की जा सकती हैं। इसके लिए पेशाब करते वक्त स्क्वीज, होल्ड, रिलीज पैटर्न अपनाना होता है। यानी पेशाब का फ्लो शुरू होते ही मसल्स का स्क्वीज करें, कुछ पलों के लिए रुकें और फिर से रिलीज कर दें। इस दौरान इस प्रॉसेस का बार बार दोहराएं। इन सेक्स एक्सरसाइज की प्रैक्टिस अगर कोई शख्स चार हफ्ते तक लगातार कर लेता है तो उसके बाद वह 8 से 10 मिनट तक बिना इजैकुलेशन के इरेक्शन बरकरार रख सकता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि काफी टाइम बाद सेक्स करने से भी व्यक्ति जल्दी स्खलित हो जाता है। ऐसे मामलों में इन एक्सरसाइजों को कर लिया जाए तो इस समस्या से भी निजात पाई जा सकती है।
मास्टरबेशन
सेक्स के दौरान पेनिस जो काम योनि में करता है, वही काम मास्टरबेशन के दौरान पेनिस मुट्ठी में करता है। मास्टरबेशन युवाओं का एक बेहद सामान्य व्यवहार है। जिन लोगों के पार्टनर नहीं हैं, उनके साथ-साथ मास्टरबेशन ऐसे लोगों में भी काफी कॉमन है, जिनका कोई सेक्सुअल पार्टनर है। जिन लोगों के सेक्सुअल पार्टनर नहीं हैं या जिनके पार्टनर्स की सेक्स में रुचि नहीं है, ऐसे लोग अपनी सेक्सुअल टेंशन को मास्टरबेशन की मदद से दूर कर सकते हैं। जो लोग प्रेग्नेंसी और एसटीडी के खतरों से बचना चाहते हैं, उनके लिए भी मास्टरबेशन उपयोगी है।
नॉर्मल: मास्टरबेशन बिल्कुल नॉर्मल है। सेक्स का सुख हासिल करने का यह बेहद सुरक्षित तरीका है और ताउम्र किया जा सकता है, लेकिन अगर यह रोजमर्रा की जिंदगी को ही प्रभावित करने लगे तो इसका सेहत और दिमाग दोनों पर गलत असर हो सकता है।
कुछ तथ्य
- सामान्य सेक्स के तीन तरीके होते हैं - पार्टनर के साथ सेक्स, मास्टरबेशन और नाइट फॉल। अगर पार्टनर से सेक्स कर रहे हें तो जाहिर है सीमेन बाहर आएगा। सेक्स नहीं करते, तो मास्टरबेशन के जरिये सीमेन बाहर आएगा। अगर कोई शख्स यह दोनों ही काम नहीं करता है तो उसका सीमेन नाइट फॉल के जरिये बाहर आएगा। सीमेन सातों दिन और चौबीसों घंटे बनता रहता है। सीमेन बनता रहता है, खाली होता रहता है।
- मास्टरबेशन करने से कोई शारीरिक या मानसिक कमजोरी नहीं आती।
- पेनिस में जितनी बार इरेक्शन होता है, उतनी बार मास्टरबेशन किया जा सकता है। इसकी कोई लिमिट नहीं है। हर किसी के लिए अलग-अलग दायरे हैं।
- इससे बाल गिरना, आंखों की कमजोरी, मुंहासे, वजन में कमी, नपुंसकता जैसी समस्याएं नहीं होतीं।
- सीमेन की क्वॉलिटी पर कोई असर नहीं होता। न तो सीमेन का कलर बदलता और न वह पतला होता है।
- इससे पेनिस के साइज पर भी कोई असर नहीं होता। जो लोग कहते हैं कि मास्टरबेशन से पेनिस का टेढ़ापन, पतलापन, नसें दिखना जैसी समस्याएं हो जाती हैं, वे खुद भी भ्रम में हैं और दूसरों को भी भ्रमित कर रहे हैं।
- कुछ लोगों को लगता है कि मास्टरबेशन करने के तुरंत बाद उन्हें कुछ कमजोरी महसूस होती है, लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। यह मन का वहम है।
- मास्टरबेशन एड्स और रेप जैसी स्थितियों को रोकने का अच्छा तरीका है।
- कामसूत्र या आयुर्वेद में कहीं यह नहीं लिखा है कि मास्टरबेशन बीमारी है।
- 13-14 साल की उम्र में लड़कों को इसकी जरूरत होने लगती है। कुछ लोग शादी के बाद भी सेक्स के साथ-साथ मास्टरबेशन करते रहते हैं। यह बिल्कुल नॉर्मल है।
मिथ्स क्या हैं
1. पेनिस का साइज छोटा है तो सेक्स में दिक्कत होगी। बड़ा पेनिस मतलब सेक्स का ज्यादा मजा।
सचाई : छोटे पेनिस की बात नाकामयाब दिमाग में ही आती है। दुनिया में ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे पेनिस के स्टैंडर्ड साइज का पता किया सके। वैजाइना की सेक्सुअल लंबाई छह इंच होती है। इसमें से बाहरी एक तिहाई हिस्सा यानी दो इंच में ही ग्लांस तंतु होते हैं। अगर किसी महिला को उत्तेजित करना है, तो वह योनि के बाहरी एक तिहाई हिस्से से ही उत्तेजित हो जाएगी। जाहिर है, अगर उत्तेजित अवस्था में पुरुष का लिंग दो इंच या उससे ज्यादा है, तो वह महिला को संतुष्ट करने के लिए काफी है। ध्यान रखें, खुद और अपने पार्टनर की संतुष्टि के लिए महत्वपूर्ण चीज पेनिस की लंबाई नहीं होती, बल्कि यह होती है कि उसमें तनाव कैसा आता है और कितनी देर टिकता है। पेनिस की चौड़ाई का भी खास महत्व नहीं है। योनि इलास्टिक होती है। जितना पेनिस का साइज होगा, वह उतनी ही फैल जाएगी। बड़ा पेनिस किसी भी तरह से सेक्स में ज्यादा आनंद की वजह नहीं होता।
2. पेनिस में टेढ़ापन होना सेक्स की नजर से समस्या है।
सचाई : पेनिस में थोड़ा टेढ़ापन होता ही है। किसी भी शख्स का पेनिस बिल्कुल सीधा नहीं होता। यह या तो थोड़ा दायीं तरफ या फिर थोड़ा बायीं तरफ झुका होता है। इसकी वजह से पेनिस को वैजाइना में प्रवेश कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है। ध्यान रखें, घर में दाखिल होना महत्वपूर्ण है, थोड़े दायें होकर दाखिल हों या फिर बायें होकर या फिर सीधे। ऐसे मामलों में इलाज की जरूरत तब ही समझनी चाहिए योनि में पेनिस का प्रवेश कष्टदायक हो।
3. बाजार में तमाम तेल हैं, जिनकी मालिश करने से पेनिस को लंबा मोटा और ताकतवर बनाया जा सकता है। इसी तरह तमाम गोलियां, टॉनिक आदि लेने से सेक्स पावर बढ़ोतरी होती है।
सचाई : पेनिस पर बाजार में मिलने वाले टॉनिक का कोई असर नहीं होता, असर होता है उसके ऊपर बने सांड या घोड़े के चित्र का। इसी तरह जब पेनिस पर तेल की मालिश की जाती है, तो उस हाथ की स्नायु मजबूत होती हैं, जिससे तेल की मालिश की जाती है, लेकिन पेनिस की मसल्स पर इसका कोई भी असर नहीं होता।
4. पेनिस में नसें नजर आती हैं तो यह कमजोरी की निशानी है।
सचाई : पेनिस में अगर कभी नसें नजर आती भी हैं तो वे नॉर्मल हैं। उनका पेनिस की कमजोरी से कोई लेना देना नहीं है।
5. जिन लोगों के पेनिस सरकमसाइज्ड (इस स्थिति में पेनिस की फोरस्किन पीछे की तरफ रहती है और ग्लांस पेनिस हमेशा बाहर रहता है) हैं, वे सेक्स में ज्यादा कामयाब होते हैं।
सचाई : सरकमसाइज्ड पेनिस का सेक्स की संतुष्टि से कोई लेना-देना नहीं है। यह तब कराना चाहिए जब उत्तेजित अवस्था में पुरुष की फोरस्किन पीछे हटाने में दिक्कत हो।
6. सेक्स पावर बढ़ाने नुस्खे, गोलियां (आयुर्वेदिक और एलोपैथिक), मसाज ऑयल, शिलाजीत आदि बाजार में हैं। इनसे सेक्स पावर बढ़ाई जा सकती है।
सचाई : बाजार में आमतौर मिलने वाली ऐसी गोलियों और दवाओं से सेक्स पावर नहीं बढ़ती। आयुर्वेद के नियम कहते हैं कि मरीज को पहले डॉक्टर से मिलना चाहिए और फिर इलाज करना चाहिए। हर मरीज के लिए उसके हिसाब से दवा दी जाती है, दवाओं को जनरलाइज नहीं किया जा सकता।
एक पक्ष यह भी
यूथ्स की सेक्स समस्याओं पर एलोपैथी और आयुर्वेद की सोच में अंतर मिलता है। जहां एक तरफ एलोपैथी में माना जाता है कि सीमेन शरीर से बाहर निकलने से शरीर और दिमाग को कोई नुकसान नहीं होता, वहीं आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करने वाले लोग सीमेन के संरक्षण की बात करते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टरों के मुताबिक :
- महीने में दो से आठ बार तक नाइट फॉल स्वाभाविक है, लेकिन इससे ज्यादा होने लगे, तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक है।
- मास्टरबेशन करने से याददाश्त कमजोर होती है। एकाग्रता और सेहत पर बुरा असर होता है।
- प्रीमैच्योर इजैकुलेशन और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को आयुर्वेद में दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए मरीज को खुद डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना चाहिए। दरअसल, आयुर्वेद में मरीज विशेष के लक्षणों और हाल के हिसाब से दवा दी जाती है, जिनका फायदा होता है।
- बाजार में आयुर्वेद के नाम पर बिकने वाले मालिश करने के तेल, कैपसूल और ताकत की दवाएं जनरल होती हैं। इन बाजारू दवाओं से सेक्स पावर बढ़ाने या पेनिस को लंबा-मोटा करने में कोई मदद नहीं मिलती। ये चीजें आयुर्वेद को बदनाम करती हैं।
- विज्ञापनों और नीम-हकीमों से दूर रहें। तमाम नीम-हकीम आयुर्वेद के नाम पर युवकों को बेवकूफ बनाकर पैसा ठगते हैं। इनसे बचें और हमेशा किसी योग्य डॉक्टर से ही संपर्क करें।
- मर्यादित सेक्स करने से जिंदगी में यश बढ़ता है और परिवार में बढ़ोतरी होती है, जबकि अमर्यादित और बहुत ज्यादा सेक्स रोगों को बढ़ाता है।
- मल-मूत्र का वेग होने पर और व्रत, शोक और चिंता की स्थिति में सेक्स से परहेज करना चाहिए।
- जो चीजें शरीर को सेहतमंद रखने में मदद करती हैं, वही चीजें सेक्स की पावर बढ़ाने में भी मददगार हैं। ऐसे में अगर आप स्वास्थ्य के नियमों का पालन कर रहे हैं और सेहतमंद खाना ले रहे हैं तो आपको सेक्स पावर बढ़ाने वाली चीजें अलग से लेने की कोई जरूरत नहीं है।

सोमवार, 9 मार्च 2015

अनेक रोगों की दवा भी है सेक्स
आप शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे कि भला सेक्स भी रोगों की दवा हो सकता है? तो इसमें चौंकने जैसी कोई बात नहीं है। डॉक्टरों व वैज्ञानियों ने शोध करके यह पता लगाया है कि सेक्स अनेक रोगों की दवा भी है। जहां विवाहित जीवन में सेक्स एक-दूजे के बीच सुख, आनन्द, अपनापन लाता है, वही एक-दूजे के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को भी बनाए रखता है।सेक्स से शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। सेक्स से शरीर में उत्पन्न एस्ट्रोजन हार्मोन ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी नहीं होने देता है। सेक्स करने से एब्*डराफिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे त्वचा सुंदर, चिकनी व चमकदार बनी रहती है।एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर के लिए एक चमत्कार है, जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। सफल व नियमित सेक्स करने वाले दंपति अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। उनका सौंदर्य भी लंबी उम्र तक बना रहता है। उनमें उत्*तेजना, उत्साह, उमंग और आत्मविश्*वास भी अधिक होता है। सेक्स से परहेज करने वाले शर्म, संकोच, अपराधबोध व तनाव से पीड़ित रहते हैं।दिमाग को तरोताजा रखने व तनाव को दूर करने के लिए नियमित सेक्स एक अच्छा उपाय है। सेक्स के समय फेरोमोंस नामक रसायन शरीर में एक प्रकार की गंध उत्पन्न करता है, जिसे आप सेक्स परफ्यूम भी कह सकते हैं। यह सेक्स परफ्यूम दिल व दिमाग को असाधारण सुख व शांति देता है। सेक्स हृदय रोग, मानसिक तनाव, रक्*तचाप और दिल के दौरे से दूर रखता है। सेक्स से दूर भागने वाले इन रोगों से अधिक पीड़ित रहते हैं।सेक्स व्यायाम भी है:सेक्स एक प्रकार का व्यायाम भी है। इसके लिए खास किस्म के सूट, शू या महंगी एक्सरसाइज सामग्री की आवश्यकता नहीं होती। जरूरत होती है बस शयनकक्ष का दरवाजा बंद करने की। सेक्स व्यायाम शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव को दूर करता है और शरीर को लचीला बनाता है। एक बार की संभोग क्रिया, किसी थका देने वाले व्यायाम या तैराकी के 10-20 चक्करों से अधिक असरदार होती है। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा दूर करने में सेक्स काफी सहायक सिद्ध होता है। सेक्स करने से शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे कि चर्बी घटती है। एक बार की संभोग क्रिया में 500-1000 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। सेक्स के समय लिया गया चुंबंन भी मोटापा दूर करने में सहायक सिद्ध होता है। विशेषज्ञों के अनुसार सेक्स के समय लिए गए एक चुंबन से लगभग 9 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। इस तरह 390 बार चुंबन लेने से आधा किलो वजन घट सकता है।दर्दो की अचूक दवा:आह, उह, आउच, कमर दर्द, पीठ दर्द से परेशान पत्*नी आज नहीं, अभी नहीं करती है, लेकिन यदि वह बिना किसी भय के पति के साथ संभोग क्रिया में शामिल हो जाए तो उसके दर्द को उड़न-छू होने में देर नहीं लगती। सिरदर्द, माइग्रेन, दिमाग की नसों में सिकुड़न, उन्माद, हिस्टीरिया आदि का सेक्स एक सफल इलाज है। अनिद्रा की बीमारी में बिस्तर पर करवट बदलने या बालकनी में रातभर टहलने के बजाय बेड पर बगल में लेटी या लेटे साथी से सेक्स की पहल करें, फिर देखें कि खर्राटे आने में ज्यादा देर नहीं लगती। नियमित रूप से संभोग क्रिया में पति को सहयोग देने वाली पत्*नी माहवारी के विकारों से दूर रहती है। रात्रि के अंतिम पहर में किया गया सेक्स दिनभर के लिए तरोताजा कर देता है।सेक्स को सिर्फ यौन संबंध बनाने तक ही सीमित न रखें। इसमें अपनी दिनचर्या की छोटी-छोटी बातें, हंसी-मजाक, स्पर्श, आलिंगन, चुंबंन आदि को भी शामिल करें, संभोग क्रिया तभी पूर्ण मानी जाएगी। सेक्स के बारे में यह बात ध्यान रखें कि अपनी पत्*नी के साथ या पति के साथ किया गया सेक्स स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखता है। इस प्रसंग में यह बात विशेष ध्यान देने योग्य है कि जहां विवाहित जीवन में पत्*नी के साथ संभोग क्रिया अनेक तरह से लाभप्रद है, वहीं अवैध रूप से बनाए गए सेक्स संबंधों से अनिद्रा, हृदय रोग, मानसिक विकार, ठंडापन, सिफलिस, सूजाक, गनोरिया, एड्स जैसे अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है।


महिलाओं के कामुक अंग
कानकानों के चारों ओर चैतन्य नसों का जमावड़ा होता है, जो कान को उत्तेजना के प्रति अतिरिक्त चैतन्य बनाती हैं. अपनी उंगलियों से उन्हें हल्के से सहलाइए या खींचिये, कान के पीछे की ओर चूमे और कान के निचले गुद्देदार हिस्से को हल्के से काटे. इससे महिलाओं में उत्तेजना पूर्ण सनसनाहट का संचार होता है. कई महिलाएं अपने कान में जीभ फेरना पसंद नहीं करती लेकिन सौम्य तरीके से कान के चारों ओर जीभ घुमाना भी उनमें उत्तेजना का संचार करता है.होंठचूमना… किसी महिला के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वांइट होता है. जब रिलेशन बन रहे होते हैं तो किस(kiss) ऐसी पहली चीज होती है सर्वप्रथम अस्वीकार की जाती है, लेकिन इसमें देर नहीं करना चाहिये. होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं. इन्हें तुरंत सीधे तौर पर इसलिए जीभ में नहीं डुबाना चाहिये. आपकी किस द्वारा सौम्यता से कामुकता में तीव्रता से परिवर्तन होता है. सबसे पहले उसके निचले होंठो पर अपनी जीभ फेरें फिर उसे अपने होंठों के बीच फंसाकर चूसे साथ ही उसे भी ऐसा करने दें. जब आप उसे किस कर रहें हो तो अपने हाथ उसकी गर्दन पर रखे या फिर उसकी कमर या नितंबों पर या फिर इस दौरान उसके इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं यह दिखाने के लिये कि आप उससे कितना कुछ चाहते हैं.गर्दनइसे चूमना, चाटना, सौम्य तरीके से काटना और हल्के से थपथपाना उसको सिसकने के मजबूर कर देता है. लेकिन यहां जोर से नहीं काटना चाहिये क्योंकि यहां की त्वचा ब्रेक हो सकती है.कंधेगर्दन की तरह- कई महिलाएं कंधों को चूमने और आलिंगन करने से काफी उत्तेजना का अनुभव करती हैं. पूर्व की तरह जो प्रक्रिया गर्दन में कर रहे हैं वही करते हुए कंधों तक आएं ताकि उस पता चल सके कि आप कितने सेन्सुअल लवर हैं.कोहनीकोहनी के अंदर की ओर चूमने से महिलाओं में हल्की उत्तेजना का संचार होता है. कोहने के अंदर की ओर की त्वचा कोमल होती है, इस जगह हल्के से काटते हुए किस करते चले जाएं. देखें इससे उसे कैसे आनंद की अनुभूति होती है.अंगुलियांमहिलाओं की उंगलियां भी काफी उत्तेजक होती हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस ओर ध्यान नहीं देते. उंगलियों के पोरों को हल्के-हल्के सहलाते हुए दबाने से महिलाओं में तीव्र उत्तेजना का संचार होता है. साथ ही जैसे-जैसे उत्तेजना बढ़ती जाती है आपको उसकी उंगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए फिर होंठो से सहलाते हुए धीरे धीरे चूसना चाहिए. इस क्रिया से वह नशे की सी स्थिति में आ जाएगी. यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि उंगलियों में सर्वाधिक कामुक बिन्दु उसके पोर होते हैं.स्तनस्तन महिला के सेक्सुअल और कामुक अंगों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. यह महिलाओं में सेक्सुअल आकांक्षा के साथ सेक्सुअल उत्तेजना जागृत करने में सहायक होता है साथ ही सेक्सुअल उत्तेजना के लिये अत्यंत संवेदनशील होता है. परन्तु इसके लिए सीधे छलांग नहीं लगा देनी चाहिये. आप अपने रास्ते उसके शरीर में नीचे की ओर जाते जाएं व उन्हें सहलाते रहे लेकिन स्तनों को तब तक न छुएं जब तक कि आपको यह न पता चल जाए कि वह स्वयं चाह रही है कि आप उसके स्तनों को छुएं. शुरुआती दौर में उनके साथ सौम्य तरीके से पेश आएं. इसके लिये शुरुआत किनारे से करें, फिर केन्द्रीभूत तरीके से गोल घेरे में अपनी उंगलियां उसके स्तनों के चारों ओर घूमाएं, ऐसा तब तक करें कि जब तक कि स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुंच जाएं, यहां कुछ देर तक उंगलियां फिराने के बाद निप्पल तक पहुंचना चाहिए. अब आप तो निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएं, खींचे, दबाएं, चूमे और चूसे. इस दौरान आप चाहें तो सौम्य तरीके से हल्के से दांतो से काट सकते हैं. जब आप का मुंह एक स्तन पर है तो इस दौरान आपका हाथ दूसरे स्तन पर खेलना चाहिए तभी वह सब कुछ सौंपने को आतुर होगी. इसके पश्चात स्तन बदल कर यही क्रिया दोहराएं. फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिये साथ ही बीच में अपने पार्टनर से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी क्रिया आनंददायी लगती है. कभी भी पार्टनर की इच्छाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिये. स्तनों के बीच की हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है जबकि यह भी कामुक क्षेत्र होता है.पीठशुरुआत हल्के तरीके से सहलाने से करें. इसके लिए कंधों के निचले हिस्से से शुरू करें फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर आती जायें(इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधे छूने से बचे यह खतरनाक हो सकता है). इस दौरान पीठ पर मिले जुले कभी हल्के कभी तेज थपथपाहट करनी चाहिये. इसे और बेहतर बनाने के लिये टेलकम पावडर या तेल का प्रयोग कर सकते हैं. यहां यह ध्यान दें कि उसकी पीठ के किस हिस्से में टच करने पर ज्यादा उत्तेजना का संचार होता हैं इसके लिये आप चाहें तो अपने पार्टनर से पूछ सकते हैं. फिर उसकी पीठ के मध्य में रीढ़ की हड्डी के उपर बने नालीदार हिस्से पर हल्के हाथ से उंगलियां फिराते हुए नीचे की ओर नितंबों तक आना चाहिये यह क्रिया चाहें तो कई बार दोहरा सकते हैं. ऐसा करने से उसे आराम की अनुभूति तो होगी ही, साथ ही इससे रक्त का संचार उसके पेल्विक क्षेत्र की ओर होने लगता है- इससे उसकी उत्तेजना चरम की ओर पहुंचने लगती है. उसकी पीठ के निचले हिस्से में या ठीक नितंब के उपर बने गङ्ढे (dimple) भी उत्तेजक अंग होते हैं. उसकी रीढ़ के समानान्तर ऊपर से नीचे की ओर(top to the bottom) जीभ फेरने पर उसके उत्तेजना की आग सुलग उठती है.नितंब या कूल्हेकई महिलाएं अपने नितंबों को जोर से दबाना या तेज दबाव की मालिश पसंद करती हैं. आप यहां पर शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा ज्यादा दबाव दे सकते हैं. कुछ महिलाएं नितंब पर हल्के थप्पड़ो का प्रहार पसंद करती हैं- किन्तु ऐसा करने से पहले अपने पार्टनर से पूछ लें.इस मामले को जोर का दबाव या थपथपाहट मजाक का विषय नहीं बनाना चाहिये – क्योंकि कई महिलाएं अपने नितंब के आकार को लेकर काफी आशंकित रहती हैं.मोन्सजैसे ही आप भग क्षेत्र या बाह्य जननेन्द्रियों (genital area) को पाते हैं, तो उसमें छलांग लगाना काफी सरल होता है लेकिन उसके पहले भगशिश्न के उपर स्थित उस गुद्देदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों (pubic hair) से घिरा होता है. इसे थपथपाना और रगड़ना उसे सिसकने को मजबूर कर देगा वहीं रोमों को(यदि हैं तो) उंगलियों में फंसाकर हल्के से खींचने पर उसे मीठे दर्द की अनुभूति होती है जो उसमें उत्तेजना का संचार करती है.भगशिश्नयह महिलाओं का सबसे कामुक अंग होता है. भगशिश्न को आसानी से खोजा जा सकता है. यह भगोष्ठ (vaginal lips) के उपर की ओर उभरा हुआ हिस्सा होता है. यह उत्तेजक उत्तकों से बना हुआ होता है और इसका काम पुरुषों को शिश्न मुण्ड की ही तरह होता है. उत्तेजना के दौरान यह रक्त से भरा रहता है. कुछ महिलाओं का भगशिश्न इतना सेन्सटिव होता है कि कई बार परेशानी का सबब भी बन जाता हैं क्योंकि हल्की सी छुअन भी उसमें उत्तेजना भर देती है. इस तरह की स्थितियों में इसे सीधे न छूकर इसके किनारों से स्पर्श करना चाहिए और उस नीचे (base) से उत्तेजित करना चाहिये. कुछ महिलाएं जैसे-जैसे उत्तेजित होती जाती हैं वैसे-वैसे वे अपने भगशिश्न में ज्यादा दबाव चाहती हैं. लेकिन भगशिश्न में दबाव व स्पर्श के लिये पार्टनर से पूछ कर ही हरकत करना चाहिये. यदि आप मुखमैथुन कर रहें हैं तो भगशिश्न तक किनारे से पहुंचे. इस तरीके से उसे ज्यादा आनंद आएगा.योनियोनि वह दूसरा क्षेत्र है जहां कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुंच जाते हैं. जब आप वहां पहुंच जाएं तो उसके बाहर रुके, तब आपको काफी पसंदीदा तरीके से अंदर के लिये वेलकम किया जाएगा. जैसे ही महिला उत्तेजित होती है उसका गर्भद्वार उपर की ओर खिसक जाता है जिससे योनि कीगहराई बढ़ जाती है और आपको गहरे तक प्रवेश का आनंद मिलता है. इस लिए यह आपकी पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं. जितना समय यहां दिया जाएगा उतना ही आनंद आपको लिंग प्रवेश पर मिलेगा.जी-स्पॉटयोनि की गहराई के एक तिहाई रास्ते पर यह क्षेत्र योनि की बाहरी दीवार पर (आमाशय या पेट के सामने न कि गुदा की ओर ) एक स्पंजी क्षेत्र पाया जाता है यह लगभग मुंह के उपरी हिस्से की तरह होता है जब जीभ से छुआ जाता है. यदि इस जगह पर लगातार उंगली चलाई जाती है तो कई महिलाएं काफी मात्रा में पानी छोड़ती है. पानी की यह धार काफी तेज भी होती है. वहीं कुछ महिलाओं को ऐसा अनुभव होता है कि मानों उन्हें पेशाब जाना हो, तो कई को कुछ और ही अनुभूति होती है. कुल मिला कर जी-स्पाट उत्तेजना के महिलाओं में अलग-अलग अनुभव होते हैं. इसलिए अपने पार्टनर से पूछिये कि उसे क्या अनुभूति हो रही है और उसे कैसा लग रहा है.

औरत ये भी समझें

 रिलेशनशिप का एक बड़ा पहलू है सेक्स, लेकिन अक्सर कुछ गलत थॉट्स इन स्पेशल मोमेंट्स को खराब कर देते हैं। ऐसे में कई बातों पर महिलाओं को सोच बदलने की जरूरत हैहर बात की तरह सेक्स में भी एक-दूसरे की फीलिंग्स की कद्र करके ही रिलेशन अच्छा बनाया जा सकता है। ऐसे में लेडीज को मेल ऐंगल से भी बात समझने की जरूरत है, तभी रिश्ता हमेशा फ्रेश रहेगा।


अग्रेसिव है चाहतहाल में एक रिसर्च के मुताबिक मेल पार्टनर भी चाहते हैं कि जिस तरह वे अपनी फीमेल पार्टनर के साथ इंटीमेट होने के लिए अग्रेसिव रहते हैं, उनकी पार्टनर भी वैसा ही फील करे। जबकि महिलाएं अक्सर इस लेवल पर अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस नहीं कर पातीं या फिर कहीं ना कहीं अपनी फीलिंग्स कंट्रोल कर लेती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स आपको खुलकर रिलेशन जीने की सलाह देते हैं।


लुक्स की टेंशनआप अपने पार्टनर के साथ टाइम स्पेंड करना चाहती हैं, लेकिन अपने लुक्स को लेकर टेंशन में रहती हैं। कभी आप अपने बैली फैट के बारे में सोचती हैं, तो कभी मेकअप के बारे में। यही वजह है कि जब आप बेड पर होती हैं, तब अपने पार्टनर से पूरी तरह मिक्सअप नहीं हो पातीं। जबकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस पॉइंट पर हर हज्बंड चाहता है कि उसकी वाइफ उस वक्त सारी टेंशन छोड़कर बस प्लेजर फील करे।


जस्ट सेक्सअक्सर सभी वाइफ सोचती हैं कि उनके हज्बंड के लिए सेक्स बस ही सेक्स है। लेकिन कुछ रिसर्च बताती हैं कि लड़का-लड़की रिलेशनशिप में आने के बाद ही अपनी सेक्स लाइफ अच्छे से एंजॉय कर पाते हैं और ऐक्ट के बाद सेटिस्फाइड भी होते हैं। वैसे, एक रिसर्च यह भी बताती है कि मैरिड लोग अपनी सेक्स लाइफ ज्यादा अच्छे से एंजॉय करते हैं।


हमेशा रेडी नहींक्या आप भी यही सोचती हैं कि पुरुष हमेशा सेक्स के लिए किसी भी टाइम रेडी रहते हैं। लेकिन यह बिल्कुल सही नहीं है। हां, टीनेज में सेक्स उनके लिए अडवेंचर या प्लेजर हो सकता है, लेकिन मैरिड लाइफ में ऐसा नहीं है। एक रिसर्च बताती है कि इस बात को लेडीज ऐक्सेप्ट नहीं कर पातीं और जब उनके हज्बंड उन्हें सेक्स के लिए ना कहते हैं, तब वे रिलेशन को लेकर इनसिक्योर होने लगती हैं। जाहिर है कि वाइफ को हज्बंड को लेकर यह सोच बदलनी होगी, तभी वह सामने वाले की फीलिंग्स की रिस्पेक्ट कर पाएंगी।


गाइडेंस ना देंआप अपने पार्टनर के साथ लव टाइम स्पेंड कर रही हैं और साथ ही आप उन्हें इंस्ट्रक्शंस भी दे रही हैं कि अब उन्हें क्या करना है, तो अपनी यह आदत अभी बदल दें। दरअसल, कोई मेल नहीं चाहता है कि वाइफ इसे इस सब्जेक्ट पर गाइड करे। अगर आप ऐसा करती हैं, तो वह आपके सामने अपनी फीलिंग्स फ्री होकर नहीं शेयर कर पाएंगे। वैसे, रिलेशनशिप एक्सपर्ट का मानना है कि मेन्स अपनी वाइफ को सेटिस्फाइड करना बहुत अच्छे से जानते हैं, इसलिए वे इंस्ट्रक्शंस लेना पसंद नहीं करते।


कुछ करना हो नयाअगर आपका हज्बंड आपको कुछ नया करने के लिए कहता है, तो यह ना सोचें कि वह रिलेशन से खुश नहीं हैं। ऐसी बातों पर लेडीज अक्सर सही मूव्स लेने की बजाय अपना मूड ऑफ कर लेती हैं। जबकि आपको इसे दिल पर ना लेते हुए कुछ नया करने के बारे में सोचना चाहिए, जो दोनों के कंफर्ट जोन में हो।

कैसे बढ़ाए यौन-शक्ति
अकसर लोग यौन-शक्ति को बढ़ाने कि लिए तरह-तरह के उपचार, उपाए और नुस्खे खोजते रहते है। कई लोग तो यौन-शक्ति की कमी को लेकर इतने परेशान हो जाते है कि वो महंगे से महंगा उपाए भी करने से परहेज नहीं करते। लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है, अगर आप कुछ घरेलु नुस्खों को अपनाए तो आपकी सेक्स लाइफ की परेशानियां भी हो सकती है छूमंतर।
लहुसन:- कच्चे लहसुन की 2-3 कलियो का प्रतिदिन सेवन करना यौन-शाक्ति बढ़ाने का बेहतरीन घरेलु उपचार है।
प्याज:- लहसुन के बाद प्याज एक और कारगर उपाय है। सफेद कच्चे प्याज का प्रयोग अपने नित्य आहार मे करें।
काले चने:- काले-चने से बने खाद्य-पदार्थ जैसे डोसा आदि का हफ्ते मे 2-3 बार प्रयोग काफी लाभकारी होता है।
गाजर:- 150 ग्राम बारीक कटी गाजर को एक उबले हुए अंडे के आधे हिस्से मे एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में एक बार सेवन करे। इसका प्रयोग लगातार 1-2 महीने तक करें।
भिंडी:- प्राचीन भारतीय साहित्य के अनुसार 5-10 ग्राम भिंडी की ज़ड के पाउडर को एक गिलास दूध तथा दो चम्मच मिश्री मे मिलाकर नित्य सेवन करने से आपकी यौन-शक्ति कभी कम नही प़डेगी।
सफे द मूसली:- यूनानी चिकित्सा के अनुसार सफेद मूसली का प्रयोग भी बेहद लाभदायक होता है। 15 ग्राम सफेद मूसली को एक कप दूध मे उबालकर दिन मे दो बार पीने से यौन-शक्ति बढ़ती है।
सहजन:- 15 ग्राम सहजन के फूलो को 250 मिली दूध मे उबालकर सूप बनाए। यौन-टौनिक के रूप मे इसका सेवन करे।
अदरक:- आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच शहद तथा एक उबले हुए अंडे का आधा हिस्सा, सभी को मिलकार मिश्रण बनाए प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक महीने तक सेवन करे।
खजूद:- बादाम, पिस्ता खजूर तथा श्रीफल के बीजो को बराबर मात्रा मे लेकर मिश्रण बनाए। प्रतिदिन 100 ग्राम सेवन करे।
किशमिश:- 30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोए, 200 मिली दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन करे। ध्यान रखिए की प्रत्येक बार ताजा मिश्रण तैयार करे। धीरे धीरे 30 ग्राम किशमिश की मात्रा को 50 ग्राम तक करें।
ताजे फलो का सेवन:- यौन-शक्ति कमजोरी से पीडित रोगियो को शुरू में 5-5 घंटे के अंतराल से विशेष रूप से ताजा फलो का आधार लेना चाहिए उसके बाद वह पुन: अपनी नियमित खुराक धीरे-धीरे प्रारंभ कर सकते है। रोगी को धूम्रपान , शराब चाय तथा कॉफी के सेवन से बचना चाहिए, और विशेष रूप से सफेद चीनी तथा मैदे या उनसे बने उत्पादो का परहेज करना चाहिए।

गुरुवार, 5 मार्च 2015

आपकी सेक्स समस्या और उपाय ...!एक प्रयास है आपकी सेक्स समस्या का निराकरण करने का .....

महिला और पुरुष ‌की काम उत्तेजना-एक साथ कैसे हो....!
* आप थके हुए हैं और कोई अच्छी किताब में खो जाना चाहते हैं – इसी वक़्त आपका साथी पूरी तरह उत्तेजित है और वो आपमें खो जाने की इच्छा रखता है। मेरी नज़र में यह काफी महिलाओं के लिए एक बहुत ही आम स्थिति है.

* ये समझना मुश्किल हो जाता है कि अचानक मेरे पुरुष साथी की ये इच्छा कैसे जाग्रत हो गयी.

सम्भोग सिर्फ एक औपचारिकता के लिए ना करें:-
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सबसे पहली सलाह – सम्भोग सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए ना करें, बल्कि इसलिए करें क्यूंकि आपको ये करना पसंद है।
* सचमुच समझना मुश्किल ही है, लेकिन प्लान के मुताबिक दोनों की उत्तेजना एक साथ हो, इसके भी उपाय हैं।
* बहुत सी महिलाएं महसूस करती हैं कि उनका सम्भोग करने का मन नहीं हो तो भी अपने पुरुष साथी की इच्छा के लिए वो सम्भोग कर लेती हैं। यदि ‪#‎सम्भोग‬ के लिए आपकी यह सोच है तो संभव है कि समय के साथ आपका दिमाग ये सचमुच मान ले कि आपको सम्भोग वाकई पसंद ही नहीं है।
* सम्भोग का आनंद सिर्फ एक सहूलियत ही नहीं, बल्कि महिलाओं की ज़रूरत भी है। यदि आप सम्भोग से पहले उत्तेजित ना हों तो सम्भोग चिकनाई के अभाव में एक दर्दनाक क्रिया में परिवर्तित हो जाता है।पुरुष सम्भोग में अपना आनंद ढूँढते हैं, महिलाओं को भी ऐसा करना चाहिए
* बहुत सी महिलाओं को ये सच बुरा लगता है कि उन्हे सम्भोग आनंददायी नहीं लगता। लेकिन संभव है कि उन्हे सम्भोग तो पसंद हो लेकिन जिस तरह का सम्भोग उन्हें मिल रहा हो वे आनंद दायक ना हो।मैं ऐसे में महिलाओं को स्थिति में बदलाव की सलाह देती हूँ। महिलाओं को ये सोचना चाहिए कि उन्हें क्या चाहिए ना कि ये कि उन्हें क्या नहीं चाहिए।
* अक्सर पुरुषों की सोच सम्भोग के बारे में ऐसी ही होती है।वोआनंद चाहते हैं। महिलाओं को भी सम्भोग के आनंद के बारे में पुरुषों की तरह सोचना चाहिए। ये समझना चाहिए कि यौन सुख साधारण चीज़ है, कोई बोनस नहीं।
* मेथी का इस्तेमाल करने वाले पुरूषों की सेक्स पावर 25 फीसदी ज्यादा रहती है। मेथी के बीज में सैपनियन नाम का केमिकल होता है, जो सेक्स हार्मोन को शरीर में बढा देता है।
* हिमालय में पायी जाने वाली एक फफूंद वियाग्रा का बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।कुमाऊं में 'कीड़ा जड़ी' कहा जाता है. तिब्बत में इसे यारसागुम्बा कहा जाता है। इस जड़ी को इकट्ठा करने के लिए कुमाऊं में लोगों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ग्रामीण गुफा में जाकर इसकी तलाश करते हैं।
* यदि कोई पुरूष या महिला रोज एक गिलास अनार का जूस पीता है, तो उसे सेक्स पावर बढ़ाने के लिए किसी भी तरह के वियाग्रा की जरूरत नहीं है। अनार का जूस सेक्स की इच्छा को जगाने वाले हॉर्मोन टेस्टास्टेरॉन की मात्रा को बढ़ाता है। प्रतिदिन जूस पीने से यह मात्रा 16 से 30 फीसदी तक बढ़ जाती है।
* तरबूज के गूदे और छिलके में सिट्रुलिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं में वियाग्रा जैसा असर पैदा कर देता है। बूढ़ा भी जवान की तरह हरकत करने लगता है।
* अगर किसी को मेथी, अनार या तरबूज से फायदा मिलता है तो उसे दवाओं के चक्कर में पड़ने की जरुरत नहीं है। क्योकि ये सब कुदरत की देन हैं इसमें कोई खतरा नहीं है। इसे हमारे लिए ही बनाया गया है।
2. खुद को असक्षम पाते है सेक्स के लिए तो करे ये उपाय.....!
* यौन दुर्बलता एक गंभीर समस्या है आज के युग में हमारे प्रदूषित खान -पान की वजह से और स्वयं के गलत हरकतों के कारण युवक-युवतियां असमय ही दुर्बलता के शिकार होते जा रहे है ..और इस तरह की समस्याओं में डॉक्टर के पास जाने से घबराते हैं।
* ऐसे में घरेलू उपाय को अपनाकर सेक्स लाइफ को बुस्टअप कर सकते हैं:-
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग 

* आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी शीशी में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।
*लहसुन आपके खाने का स्वाद ही नहीं बढाता है बल्कि आपकी सेक्स लाइफ को भी बढाता है| ऐसे में अगर आप लहसुन नहीं खा रहे हैं तो आज से ही खाना शुरू कर दीजिये| क्योंकि लहसुन की 2-3 कलियां और प्याज का प्रतिदिन सेवन से यौन- शाक्ति बढ़ती है। ऐसे में अगर आप सप्ताह में दो से तीन बार काले चने से बने खाद्य पदार्थों को प्रयोग में ला रहे है तो आपके लिए यह लाभकारी है|
* 15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन
दुर्बलता दूर होती है।
* एक सेब में हो सके जितनी ज्यादा से ज्यादा लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग शीशी में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40 दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।
* 15 ग्राम सफेद मूसली को एक कप दूध मे उबालकर दिन मे दो बार पीने से ज्यादा शक्तिशाली महसूस करेंगे।
* कच्चा गाजर या इसका जूस भी यौन शक्ति को बढ़ाने में मददगार है। हफ्ते में दो बार भिंडी और सहजन खाने से काफी फायदा होता है।
* 15 ग्राम सहजन के फूलो को 250 मिली दूध मे उबालकर सूप बनाए। इसे यौन-टौनिक के रूप मे इस्तेमाल करें। इसके अलावा आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच शहद तथा एक उबले हुए अंडे का आधा हिस्सा, सभी को मिलकार मिश्रण बनाए प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक महीने तक सेवन करें।
* बादाम, पिस्ता खजूर तथा श्रीफल के बीजो को बराबर मात्रा मे लेकर मिश्रण बनाए। प्रतिदिन 100 ग्राम सेवन करें।
* इसके अलावा आप 30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोए, 200 मिली दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन लें।
* घी के साथ उड़द की दाल को भूनकर और इसके अंदर दूध को मिलाकर तथा अच्छी तरह से पकाकर इसकी खीर तैयार कर लें। इसके बाद इसमें चीनी या खांड मिलाकर इसका इस्तेमाल करने से वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है तथा संभोग करने की शक्ति भी बढ़ जाती है।
* 5 मिलीलीटर से 10 मिलीलीटर के आसपास पुराने सेमल की जड़ का रस निकालकर व इसका काढ़ा बना लें तथा इसके अंदर चीनी मिला लें। इस मिश्रण को 7 दिनों तक पीने से वीर्य की बहुत ही अधिक बढ़ोत्तरी होती है|
* 100 ग्राम आंवले के चूर्ण को लेकर आंवले के रस में 7 बार भिगों लें इसके बाद इसे छाया में सूखने के लिए रख दें। इसके सूख जाने के बाद इसको इमामदस्ते से कूट-पीसकर रख लें। रोजाना इस चूर्ण को एक चम्मच लेकर शहद के साथ मिलाकर चाट लें तथा इसके ऊपर से एक गिलास दूध पी लें। इसका सेवन करने से आपकी यौन शक्ति में आई दुर्बलता दूर हो जायेगी|
* सूर्यास्त से पहले बरगद के पेड़ से उसके पत्ते तोड़कर उसमें से निकलने वाले दूध की 10-15 बूंदें बताशे पर
रखकर खाएं। इसके प्रयोग से आपका वीर्य भी बनेगा और सेक्स शक्ति भी अधिक हो जाएगी।
* चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू तथा दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर
दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।
* वीर्य अधिक पतला होने पर 1 चम्मच शहद में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना सुबह के समय खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसका विस्तृत रुप से इस्तेमाल करने से संभोग करने की शक्ति बढ़ जाती है.
आयुर्वेद में भी क्रियात्मक क्षमता बनाए रखने की बहुत सी दवाएं हैं:-
वसंत मालती:-
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स्त्री-पुरूष् दोनों में शारीरिक क्षमता और दुर्बलता, चाहे किसी कारण भी हो, नाशक स्वर्ण तथा मोती युक्त औष्ाधि है। ज्वरों के पश्चात के दौर्बल्य में भी अत्यंत उपयोगी है।
वसंत कुसुमाकर:-
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बलवर्घक, कामोत्तेजक, मधुमेह नियंत्रक के रूप में प्रयुक्त होता है। इसमें सोना, मोती, कस्तूरी, चांदी आदि प्रयुक्त होते हैं।
वसंत तिलकरस:-
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विशेष् रूप से पुरूष् द्वारा उपयुक्त बलवर्घक वाजीकरण तथा कामोद्दीपक, स्वर्णमुक्ता आदि प्रधान औष्धियां हैं। वृहऊंगेश्वस, वंगेश्वर दोनों ही मूल्यवान दवाइयां हैं। çस्त्रयों के जननांगों के रोगों, श्वेत प्रदर, कामशीतलता आदि तथा पुरुषों के दुर्बलता शीघ्रपतन, शुक्रमेह आदि में लाभदायक दवाएं हैं।
शक्रवल्लभ रस:-
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पुरुषों द्वारा अधिक सेवनीय बलवर्घक पौष्टिक उत्तेजक वाजीकर औष्ाधियां हैं। इसमें भी सोना, मोती आदि मूल्यवान दवाएं डाली जाती हैं।
शतावरी मोदक:-
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प्रमुख रूप से स्त्रियों द्वारा सेवन की जाने वाली यह औषधि शक्तिवर्घक स्तन रोग नाशक जननांगों के प्रदरों व गर्भाशय शिथिलता नाशक है।
शिलाजीत शुद्ध:-
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स्त्रियों व पुरुषों के सभी रोगों में उपयोगी। निरंतर प्रयोग से सभी रोग होने से रोकता है। बुढ़ापा थामता है दीर्घजीवन देता है।
शुक्रमातृकावटी व शिवा गुटिका:-
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अधिकतर पुरुषों को वीर्यविकारों, मूत्ररोगों, वायुविकारों, प्रोस्टेट वृद्धि आदि में दिया जाता है। शिव गुटिका स्त्रियों के कमरदर्द, थकान और मूत्र रोगों में उपयोगी है।
मदनानंद मोदक, नारी गुटिका, कौंचपाक, मूसलीपाक, मदनमोदक ये दवाइयां पुरूष्ाों द्वारा विशेष कर यौन शक्ति वृद्धि बनाए रखने व पूरे वर्ष के लिए पुष्टि प्रदान के लिए प्रयुक्त होती है। इनमें कुछ नशीले पदार्थ भांग, अफीम आदि में प्रयुक्त किए जाते हैं। कामेश्वर, कामचूड़ामणि, मन्मथ रस ये स्त्री व पुरुषों दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी है। शक्ति, बल सामथ्र्य तथा कार्यक्षमता वर्घक बलवर्घक दवाइयां हैं।ये सामान्यत: नीम-हकीम तथा बिना चिकित्सक के परामर्श से इनका प्रयोग नौजवान लड़के ज्यादा करते हैं।
रतिवल्लभ मूंगपाक, सौभाग्यशुंठी ये दोनों दवाइयां मुख्यत: स्त्रियों के सेवनार्थ बनी हैं। प्रथम ये दवाये जननांगों को शक्ति, पुष्टि संकोच, गर्भाधान योग्य बनाती हैं। सोहाग सोंठ प्रसव के बाद की दुर्बलता, पीड़ा कमरदर्द, थकान, ज्वर को मिटाती है। आयुर्वेद में कामोत्तेजक, स्तंभक, वाजीकरण शक्तिवर्घक तथा स्त्री के स्त्रीत्व को पुष्पित और प्रशस्त रखने वाली दवाओं की कमी नहीं है।
3. लिंग कमजोर है तो पुष्ट करे ये है उपाय ....!
* आज हर युवा वर्ग कुसंगति में पड़ कर अपने ही शरीर को पतन की ओर ले जाने में अग्रसर है समाज में इसका एक योगदान सोसल साइट को भी जाता है देर रात गए अश्लीलता से भरे साईट को देख कर अपने मन मस्तिष्क को उन्मुक्त करते हुए अनेक बीमारियों का शिकार हो रहे है वैसे भी आज के युग में दूषित खान -पान से युवाओं को कुछ नहीं मिल रहा उसपे जंक फ़ूड , अनियमित दिन चर्या से रोगों की बहुतायात बढ़ी है सभी युवा से विनम्र निवेदन है ये इश्वेर का दिया शरीर आपकी श्रेठ पूंजी है ,इसे यूँ न बेकार की बातो में खराब करे ...!
* जो लोग पीड़ित हो चुके है आज ही सोचे और अभी से संकल्प ले इससे मुक्ति पाने का क्युकि ये आपकी जमा पूंजी है जो जीवन पर्यन्त आपका साथ देने वाली है .पीड़ित लोग करे ये उपाय :-

* रीठे की छाल और अकरकरा को बराबर मात्रा में लेकर शराब में मिलाकर खरल कर लें। इसके बाद लिंग के आगे के भाग को छोड़कर लेप करके ऊपर से ताजा साबुत पान का पत्ता बांधकर कच्चे धागे से बांध दें। इस क्रिया को नियमित रूप से करने से लिंग मजबूत हो जाता है।
* सुअर की चर्बी और शहद को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर लिंग पर लेप करने से लिंग में मजबूती आती है।
* हींग को देशी घी में मिलाकर लिंग पर लगा लें और ऊपर से सूती कपड़ा बांध दें। इससे कुछ ही दिनों में लिंग मजबूत हो जाता है।
* भुने हुए सुहागे को शहद के साथ पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है।
* जायफल को भैंस के दूध में पीसकर लिंग पर लेप करने के बाद ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। सुबह इस पत्ते को खोलकर लिंग को गर्म पानी से धो लें। इस क्रिया को लगभग 3 सप्ताह करने से लिंग पुष्ट हो जाता है।
* शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
* बकरी के घी को लिंग पर लगाने से लिंग मजबूत होता है और उसमें उत्तेजना आती है।
* बेल के ताजे पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर लगाने से लिंग में ताकत पैदा हो जाती है।
* धतूरा, कपूर, शहद और पारे को बराबर मात्रा में मिलाकर और बारीक पीसकर इसके लेप को लिंग के आगे के भाग (सुपारी) को छोड़कर बाकी भाग पर लेप करने से संभोग शक्ति तेज हो जाती है।
* असगंध, मक्खन और बड़ी भटकटैया के पके हुए फल और ढाक के पत्ते का रस, इनमें से किसी भी एक चीज का प्रयोग लिंग पर करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली बनता है।
* पालथ लंगी का तेल, सांडे का तेल़, वीर बहूटी का तेल, मोर की चर्बी, रीछ की चर्बी, दालचीनी का तेल़, आधा भाग लौंग का तेल, 4 भाग मछली का तेल को एकसाथ मिलाकर कांच के चौड़े मुंह में भरकर रख लें। इसमें से 8 से 10 बूंदों को लिंग पर लगाकर ऊपर से पान के पत्ते को गर्म करके बांध लें। इस क्रिया को लगातार 1 महीने तक करने से लिंग का ढीलापन समाप्त हो जाता है़, लिंग मजबूत बनता है। इस क्रिया के दौरान लिंग को ठंडे पानी से बचाना चाहिए।
* एक लौंग को चबाकर उसकी लार को लिंग के पिछले भाग पर लगाने से संभोग करने की शक्ति तेज हो जाती है।
* 20 ग्राम लोंग को 50 ग्राम तिल के तेल में जला कर मालिश करने से लिंग में मजबूती आती है
* शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
4.पहली बार जब सम्भोग करे तो रक्खे ध्यान .....!
* इस लेख में किसी कुँवारी लड़की के साथ पहली बार सम्पूर्ण सम्भोग की विधि बताई गई है। इसे हिन्दी में कौमार्य-भंग, योनिछेदन, सील तोड़ना व अंग्रेज़ी में Deflowering कहते हैं। यह किसी भी लड़की के लिए उसके जीवन की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण घटना होती है जिसे वह ज़िंदगी भर नहीं भूल सकती।

* यह एक ऐसा अवसर होता है जिसकी वह तब से कल्पना कर रही होती है जब से उसके बदन में यौन-कामुकता का जन्म होता है और वह अपने स्त्रीत्व का अनुभव करने लगती है। अकसर लड़कियाँ अपनी शादीशुदा या अनुभवी सहेलियों से इस बारे में चर्चा करती हैं... और यह भी देखा गया है कि ज़्यादातर लड़कियाँ अपने अनुभव बढ़ा-चढ़ा कर ही बयान करती हैं जिससे उनके मर्द पर आंच ना आए।
* अपनी सहेलियों की मधुर कहानियाँ सुन कर लड़कियों के मन में लुभावने सपनों का जन्म होना स्वाभाविक है। अब यह पुरुषों पर निर्भर है कि वे अपनी प्रेयसी या पत्नी के भोले और बरसों से संजोये हुए सपनों को कितना साकार कर पाते हैं या उन्हें कुचल देते हैं।

* किसी लड़की का कौमार्य भंग करना पुरुष के लिए एक बहुत ही ज़िम्मेदारी का काम होता है। उसे इस मौक़े को उतनी ही तवज्जोह देनी चाहिए जितनी किसी पूजा को दे जाती है। उसे लड़की के लिए यह मौक़ा हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहिए। उसे इस दिशा में हर वह प्रयत्न करना चाहिए जिससे लड़की अपना सबसे मूल्यवान उपहार उस पुरुष को देते हुए खुश हो।
* पुरुष के लिए यह इतना कठिन काम नहीं है क्योंकि एक कुँवारी लड़की की अपेक्षाएं ज्यादा नहीं होतीं। वह यौन के सुखों से अब तक अनभिज्ञ होती है और उसके मन में आकांक्षा, व्यग्रता, चिंता और डर जैसे कई विचार घूम रहे होते हैं। पुरुष का कर्तव्य बनता है कि वह उसकी भावनाओं की कद्र करते हुए बड़े प्यार से उसको धीरे धीरे इस नई डगर पर ऐसे ले जाए कि वह उसके साथ बार-बार उस डगर पर चलना चाहे।
सुहागरात की तैयारी:-
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* मर्दों और लड़कियों दोनों के लिए सबसे ज़रूरी तैयारी है अपनी शारीरिक स्वच्छता या सफाई। यौन सम्भोग एक ऐसा मिलन है जिसमें हमारा संपर्क एक दूसरे के पूरे अंग से होता है। तो लाज़मी है कि हमारा पूरा शरीर एकदम साफ़ हो। गुप्तांगों की सफाई तो ज़रूरी है ही, साथ ही साथ हमारे बाकी अंग, खास तौर से मुँह, जीभ और बगलें साफ़ होना बहुत आवश्यक हैं। बेहतर होगा अगर दोनों जने बिस्तर पर जाने से पहले नहा लें। लड़कियों को चाहिए कि अपनी योनि, गुदा, नाभि और स्तनों को अच्छे से धो लें और लड़कों को अपने लिंग को अच्छे से साफ़ कर लेना चाहिए।
* अगर लिंग खता हुआ नहीं है (uncircumcised) तो उसके सुपाड़े की परत को जांच लेना चाहिए। कई बार वहाँ गंदगी (smegma) छिपी होती है जो दिखती नहीं है। शरीर से कोई दुर्गन्ध नहीं आनी चाहिए। मेरी सलाह है कि शरीर पर कोई खुशबू (इत्र, सेंट, डियो इत्यादि) लगाने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ साफ़-सुथरा बदन ही काफी है जिससे हमारे बदन की प्राकृतिक गंध (Pheromones) नष्ट ना हो जाए जो यौनाकर्षण में एक अहम भूमिका निभाती है। हाँ, लड़कों को अपनी उँगलियों के नाखून छोटे कर लेने चाहिए और यकीन करना चाहिए कि वे नुकीले नहीं हैं। नाखून काटने के बाद उन्हें फ़ाइल कर लेना चाहिए वरना अनजाने में लड़की के गुप्तांगों को ज़ख़्मी कर सकते हैं।
* इसके अलावा यौन संसर्ग के लिए आवश्यक है कि एक शीतल कमरा हो जिसमें एक आरामदेह बड़ा बिस्तर हो। कमरे के साथ बाथरूम लगा हुआ हो जिसमें ठण्डे और गर्म पानी का बंदोबस्त हो। गोपनीयता और एकांत के लिए गहरे परदे और मंद रोशनी बेहतर रहेगी। बिस्तर पर तीन-चार तकिये और एक-दो तौलिए होने चाहिए। कुछ लोगों की राय में वातावरण को रूमानी बनाने के लिए सुगन्धित मोमबत्तियाँ और हल्का संगीत होना चाहिए। मैं इसे ज़रूरी नहीं समझता। अगर हो सके तो ठीक है पर ज़रूरी नहीं है।

* मेरी राय में जब लड़का-लड़की यौन के आवेश में आ जाते हैं तो उनकी सब इन्द्रियाँ सिर्फ सम्भोग पर केंद्रित हो जाती हैं और वातावरण की सुगंध या संगीत का अहसास उन्हें कतई नहीं होता।
* किसी भी सम्भोग के पहले पेट हल्का होना चाहिए। तो, दोनों को हल्का भोजन करना चाहिए और कच्चा प्याज-लहसुन से परहेज़ करना चाहिए जिससे मुँह से दुर्गन्ध ना आये। वैसे भी खाना खाने के बाद मुँह अच्छे से साफ़ कर लेना चाहिए।
* अमूमन लोग सोचते हैं कि संभोग का मज़ा बढ़ाने के लिए मदिरा-पान कर लेना चाहिए। पर यह ना तो ज़रूरी है और ना ही मैं इसकी सलाह देता हूँ। मैं मदिरा-पान के खिलाफ नहीं हूँ और एक-आध पैग में कोई बुराई भी नहीं है परन्तु यौन का मज़ा जो पूरे होशो-हवास में आता है वह नशे की हालत में कहाँ आ सकता है। यौन तो खुद ही सर्वोत्तम नशा है.....
* फिर शराब का सहारा किस लिए ....? वैसे भी डॉक्टरों का मानना है कि शराब लिंग के लिए उत्तेजक नहीं बल्कि एक अवरोधक का काम करता है। शराब के बाद पुरुष सेक्स के बारे में बातें तो बहुत कर सकता है पर उसकी पौरुष शक्ति कमज़ोर हो जाती है और कई बार वह सम्भोग में विफल भी हो सकता है।
* हाँ, एक और बात.... अपने मोबाइल फोन बंद करना ना भूलें वरना वे ऐसे समय बजेंगे कि सारा मज़ा किरकिरा हो जायेगा।
* पुरुष के लिए ज़रूरी है कि वह किसी बात के लिए जल्दबाज़ी न दिखाए। भले ही लड़का-लड़की पहले से एक दूसरे को जानते हों या फिर पहली बार एकांत में मिल रहे हों.....
* शुरुआत में दोनों को एक अजीब सी झिझक होगी। लड़की को खास तौर से काफी संकोच और असमंजस हो सकता है .... थोड़ी-थोड़ी घबराहट भी हो सकती है। कुछ मर्द भी ऐसे मौक़ों पर घबराहट महसूस कर सकते हैं खास तौर से वे जिन्हें अपना लिंग छोटा लगता हो या जिन्हें शीघ्र-पतन का डर हो। मेरी राय में दोनों को ही अपनी शंकाओं पर काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए और प्रकृति की इस नायाब अनुभूति का आनन्द उठाने का प्रयास करना चाहिए।
* बेहतर होगा अगर शुरुआत बातचीत से की जाये। पुरुष को पता होना चाहिए कि सेक्स के प्रांगण में हर तरह की पहल उसे ही करनी होती है। लड़की को ऐसे मौक़े पर ‪#‎लज्जा‬ और झिझक ही शोभा देती है। ठीक तरह से बातचीत करने के लिए भी पहले से तैयारी करना बेहतर होगा। पुरुष को चाहिए कि इस बारे में पहले से सोच ले क्या क्या बात करनी है वरना उस वक्त दिमाग धोखा दे सकता है।
* अकसर लड़कियों को अपने घरवालों की और खुद की तारीफ सुनना अच्छा लगता है। अगर ‪#‎सुहाग‬-रात शादी के बाद मनाई जा रही है तो अकसर लड़की काफी थकी हुई होती है .... उसकी थकान दूर करने के लिए पुरुष उसके हाथ, कंधे, बाजू, सिर इत्यादि दबाने के बहाने उसको छू सकता है। इससे शुरू-शुरू की झिझक तोड़ने में सहायता मिलेगी और लड़की को साहस भी मिलेगा।

* सम्भोग से पहले लड़की को निर्वस्त्र करना एक ऐसा अवसर है जो दोनों को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है। इस अवसर का सही उपयोग करना चाहिए। अगर पुरुष लड़की का शरीर दबा कर उसकी थकान मिटाने में जुटा है तो वह आसानी से धीरे धीरे उसके कपड़े इस तरह अलग कर सकता है मानो वे उसके रास्ते में आ रहे हों। लड़की का चीर-हरण धीरे धीरे करना चाहिए। अकसर लड़कियाँ ऊपरी कपड़े उतरवाने में ज्यादा संकोच नहीं करतीं पर पहली बार किसी के सामने ब्रा और पैन्टी उतरवाने में शर्म के कारण आपत्ति कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो पुरुष को लड़की की इच्छा की कद्र करनी चाहिए और रुक जाना चाहिए। इस समय वह खुद अपने आप को निर्वस्त्र कर सकता है। कुछ लड़कियों को रोशनी में नंगा होने से संकोच होता है तो उजाला कम कर देना चाहिए ... पर बिलकुल अँधेरा ठीक नहीं है।
* हालाँकि मेरा यह मानना है कि सच्चा पुरुष वही है जो स्त्री की इच्छाओं की कद्र करे और उसकी भौतिक कमजोरी का नाजायज़ फ़ायदा ना उठाये। पर यह भी सही है कि पुरुष को दृढ़ता से वे सब काम करने चाहिए जो कि उचित और ज़रूरी हों। अगर लड़की को ज्यादा ही संकोच या आपत्ति हो तो उसे अपना हक़ जता कर या ज़रूरत हो तो थोड़ा बल इस्तेमाल करके लड़की को सही मार्ग पर लाना चाहिए। इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि लड़की का बलात्कार किया जाये .... आशा है पाठक मेरा उद्देश्य समझ गये होंगे।
* सम्भोग का उद्देश्य तो सब जानते हैं .... पुरुष के लिंग का स्त्री की योनि में प्रवेश और फिर जितनी ज्यादा देर हो सके मैथुन करना। इस उद्देश्य को पाने के लिए पुरुष के लिंग और स्त्री की योनि को सम्भोग के लिए तैयार होना चाहिए, अर्थात पुरुष का लिंग सख्ती से खड़ा होना चाहिए और लड़की की योनि भीगी हुई होनी चाहिए। प्रकृति ने इसका प्रावधान किया हुआ है और जब भी स्त्री-पुरुष यौनाग्नि से उत्तेजित होते हैं तो स्वतः ही उनके यौनांग सम्भोग के लिए तत्पर हो जाते हैं। लेकिन वर्षों के सामाजिक प्रतिबंधों और सांस्कारिक बंदिशों के कारण हमारी लड़कियों में यौन के प्रति भांति भांति की गलत धारणाएं हैं जो उन्हें यौन-संसर्ग के आनन्दों को लूटने से रोकती हैं। अतः जहाँ पुरुष यौन-आवेश में आसानी से उत्तेजित हो जाता है वहीँ हमारी स्त्री संकुचित रह जाती है जिससे उसकी इन्द्रियाँ अपना प्राकृतिक काम नहीं कर पातीं। इससे उसकी योनि में रस-संचार में देरी लगती है और वह सम्भोग के लिए जल्दी तैयार नहीं हो पाती। यह दोष प्राकृतिक नहीं बल्कि सामाजिक है। पुरुष को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और स्त्री को धीरज के साथ यौन के लिए तैयार करना चाहिए।
* लड़की को उत्तेजित करना आसान है पर इनकी उत्तेजना का स्रोत मर्दों से परे होता है। हमारी पाँच मूल इन्द्रियाँ हैं ..... दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, स्वाद और गंध। वैसे तो मैथुन में सभी इन्द्रियों का प्रयोग होता है लेकिन स्त्री-पुरुष में उत्तेजना पैदा करने में इन्द्रियों का योगदान अलग-अलग होता है। मर्दों में दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण होती है और उसके बाद स्पर्श। मर्दों को उकसाने में गंध, श्रवण और स्वाद बहुत कम असर करते हैं। स्त्रियों में स्पर्श सबसे अधिक कारगर होता है और इसके बाद क्रमशः श्रवण, गंध, दृष्टि और स्वाद आते हैं। इसीलिये नंगी लड़की की तस्वीर या ब्लू-फिल्म देखकर लड़के आसानी से उत्तेजित हो जाते हैं जबकि लड़कियाँ नहीं होतीं। उन्हें उत्तेजित होने के लिए प्यारे प्यारे स्पर्श के साथ अच्छी अच्छी बातें सुनना और सुगन्धित वातावरण ज़रूरी हैं। एक सफल आशिक़ इस बारीकी को अच्छी तरह समझता है।
* मतलब यह कि लड़की को नंगा करके, उसे आरामदेह बिस्तर पर लिटा कर, उससे प्यार भरी बातें करते हुए उसके शरीर पर हल्के-हल्के हाथ फेरना चाहिए। अगर बिस्तर के पास ताज़ा फूलों का गुलदस्ता और कुछ भीनी अगरबत्तियाँ हों तो अच्छा रहेगा। इस तरह लड़की की सही इन्द्रियों का उपयोग होगा और मर्द की उपयुक्त इन्द्रियों का भी क्योंकि वह नंगी लड़की को देख और छू रहा होगा। उससे प्यार भरी बातें करना बहुत ज़रूरी है। लड़की की कामुकता जगाने के लिए उसके कान और मर्द के हाथ और उँगलियाँ बहुत काम आते हैं।
* पहले लड़की को उलटा लिटा दो। उसकी बाजुओं को बदन से थोड़ा अलग कर दो और टांगों को भी थोड़ा खोल दो। फिर उसके पास बैठ कर उसकी पीठ पर अपने हाथ फिराओ। पीठ के बीच से शुरू करते हुए अपनी उँगलियों और नाखूनों से पीठ पर गोलाकार रेखाएँ खींचो। साथ ही झुक-झुक कर उसकी गर्दन और पीठ पर अपने होंठों से चुम्बन करो। अब अपनी उँगलियाँ पीठ से हटा कर उसकी दोनों बगलों पर चलाओ। इससे उसको गुदगुदी होगी और वह इधर-उधर हिलेगी। धीरे-धीरे अपने हाथों को उसके नितंब (चूतड़) और जाँघों से बचाते हुए टांगों पर ले आओ। कुछ देर उसकी पिण्डलियों और टांगों पर हाथ फिराओ और फिर उसके पैर के तलवों को सहलाते हुए उसके पाँव की उँगलियों के बीच अपनी उँगलियाँ घुसा कर उनकी मालिश करो। बीच-बीच में नीचे झुक कर उसके बदन पर इधर-उधर चुम्मियाँ लेते रहो, साथ ही उससे कुछ ना कुछ प्यारी बातें कहते रहना अच्छा रहेगा।
* अब, अपने हाथ उसके पाँवों से सरका कर उसकी जाँघों और नितंब पर ले आओ। यह बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है और लड़की ज़रूर कसमसाएगी। उसकी कसमसाहट का आनन्द लेते हुए उसके इस हिस्से से खिलवाड़ करो। अपने हाथों और उँगलियों से इस पूरे इलाक़े का निरीक्षण करो। वह अपनी टाँगें भींचने का प्रयत्न करेगी पर उन्हें थोड़ा खुला ही रखो और उसकी जाँघों के मर्मशील हिस्से को ऊँगली के सिरे और नाखूनों से सहलाओ। अब, एक-एक बड़ी पुच्ची उसके दोनों चूतड़ों पर जमाओ और एक ऊँगली उसके बीच की दरार में डाल कर ऊपर से नीचे तक एक-दो बार चलाओ। ध्यान रहे कि अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल निरंतर होना चाहिए। अगर एक हाथ नितंब के लिए काफी है तो दूसरा हाथ पीठ पर चला सकते हो।
* लड़की के बदन के पूरे पिछवाड़े को सहलाने के बाद उसको पलट कर सीधा कर दो। हो सकता है लज्जा-वश वह अपनी टाँगें सिकोड़ ले और अपने हाथों से अपने स्तन ढक ले। ऐसे में दृढ़ता से उसकी टाँगें सीधी करो और उसके हाथों को हटा कर बगल के साथ कर दो। उसके हाथ उठा कर उसके सिर के पास कर दो तो और भी अच्छा रहेगा।
* अब जैसे पीठ पर किया था वैसे ही उसके पेट पर एक हाथ फेरना शुरू करो और दूसरे से उसके सिर के बाल सहलाओ। साथ ही उसके माथे, आँखों, नाक, कान और ठोड़ी पर पुच्चियाँ करो। लड़कियों के कान और उनके पीछे का इलाका उन्हें बहुत गुदगुदाता है, वहाँ पुच्ची करो।
अभी उसके होंठों पर चुम्बन ना करो ....
* अब अपना ध्यान उसकी टांगों और पाँव पर ले जाओ और प्यार से उन पर हाथ फिराओ। उसके तलवे गुद्गुदाओ और उसके घुटनों पर अपनी हथेलियाँ जमा कर गोल-गोल घुमाओ। अपने पोले-पोले हाथों और नाखूनों से उसकी जाँघों को कुरेदो। अधिकांश लड़कियाँ इस समय तक कामुकता में लोप हो गई होती हैं.... उनके दिल की धड़कन और साँसें तेज हो जाती हैं, बदन अकड़ने सा लगता है, स्तन उभरते हैं और स्तनाग्र पैने होने लगते हैं। जब ये संकेत मिलने लगें तो समझ लो लड़की लगभग तैयार है। अधिकांश मर्द इस पूरी क़वायद के दौरान उत्तेजित ही रहते हैं।
* अब एक तकिया लड़की के नितंबों के नीचे रख कर उसे थोड़ा उठा दो और खुद उसके घुटनों और जाँघों के बीच बैठ जाओ। अपना वज़न उसकी टांगों पर न डालो। अब आगे झुक कर उसके स्तनों को दोनों हाथों में लेकर प्यार से मसलना और सहलाना शुरू करो, साथ ही उसके होंठों पर अपना मुँह रखकर प्यार करो। अपनी जीभ से उसके मुँह को खोल कर जीभ अंदर डालने की कोशिश करो और फिर उसकी जीभ से खिलवाड़ करो।
* इस अवस्था में तुम्हारे हाथ रास्ते में आ सकते हैं तो उन्हें हटा कर लड़की को लेटे-लेटे ही आलिंगन में ले लो और अपने सीने से उसके स्तनों को मलो। अब तुम्हारा पेट उसके पेट को छू रहा होगा। ज़्यादातर लड़कियाँ इस समय अपनी टाँगें स्वतः खोल कर मोड़ लेती हैं। अगर वह ना करे तो अपने पाँव और घुटनों से उसकी टाँगें खोल दो। उसके मुँह, गर्दन और स्तनों पर पुच्चियाँ करते हुए अपना एक हाथ उसकी योनि पर ले जाओ। उसकी योनि के इर्द-गिर्द उंगली फिराते हुए उसके कटाव में हलके से दबाव डालो। लगभग सभी लड़कियों की योनि इस समय भीगी हुई मिलेगी। अगर भीगी है और मर्द का लिंग भी तैयार है तो सम्भोग हो सकता है।
* अगर पुरुष के लिए यह सम्भोग का पहला मौक़ा है तो सकता है उसे स्त्री के यौनांगों का ठीक से ज्ञान ना हो और वह अपने निशाने से चूक सकता है या फिर गलत निशाना लगा सकता है। कुछ मर्द इतने नादान होते हैं कि वे गुदा को ही अपना लक्ष्य समझते हैं। शायद वे सोचते हैं कि योनि सिर्फ पेशाब के लिए होती है और उनका मोटा लिंग उसमें नहीं घुस पाएगा। जबकि कुछ मर्दों को यह गलत धारणा नहीं होती और उन्हें मालूम भी होता है कि उन्हें योनि को ही भेदना है पर उन्हें उस छेद को अपने लिंग के सुपारे से ढूँढना नहीं आता।अच्छा होता अगर भगवान ने एक आँख मर्दों के सुपारे पर भी लगाई होती !!
* जो पुरुष पहली बार यह कर रहे हों उनके लिए लाज़मी है या तो लड़की उनके लिंग को पकड़ कर सही छेद पर टिका दे पर अगर वह शर्मीली है तो पुरुष अपनी उंगली से छेद को टटोल ले और फिर वहीं अपने सुपारे को टिका दे।
* वैसे तो सम्भोग के लिए कई आसन हैं पर पहली बार के लिए एक ऐसा आसन होना चाहिए जो दोनों के लिए सरल हो, जिसमें मर्द का नियंत्रण रहे और जिसमें गहराई तक लिंग प्रवेश मुमकिन हो। इसके लिए लड़की पीठ के बल नीचे लेटी हो और मर्द उसके ऊपर हो (missionary position) उचित है। इसीलिए मैंने अपने पात्रों को इस अवस्था में छोड़ा है।
* अब बहुत ही अहम समय आ गया है जब लड़का अपना लिंग लड़की की योनि में डालने की कोशिश करेगा। लड़के को उठ कर लड़की की टांगों के बीच अपने घुटनों के बल बैठ जाना चाहिए और लड़की के नीचे रखे तकिये के सहारे उसके नितंबों को पर्याप्त ऊँचाई देनी चाहिए। अगर तकिया पतला है तो दो तकिये ले सकते हैं। अब लड़की की टाँगें पूरी तरह खोल कर चौड़ी कर देनी चाहिए और लड़के को घुटनों के बल आगे-पीछे खिसक कर अपने आप को सही जगह ले आना चाहिए जिससे उसका लिंग योनि में आसानी से प्रवेश कर सके। ज़रूरत हो तो लड़की की टाँगें उठा कर मर्द के कन्धों पर भी रखी जा सकती हैं। इससे लिंग काफी गहराई तक अंदर जा सकता है। अब अपनी उंगली से मर्द को योनि का मुआयना करते हुए उसके छेद का पता लगा लेना चाहिए। फिर आगे झुक कर अपना सुपाड़ा उंगली की जगह रख कर टिका देना चाहिए। यह सुनिश्चित कर लें कि योनि भीगी हुई है वरना अपने थूक से या तेल से लिंग को गीला कर लें। अब सब तैयार है।
* इस समय लड़की का संकुचित होना स्वाभाविक है। वह आकांक्षा और आशंका से जूझ रही होती है। पुरुष को चाहिए कि वह उसे दिलासा दे, उसका साहस बढ़ाये तथा उसे आश्वस्त करे कि वह उससे प्यार करता है और उसे तकलीफ नहीं पहुँचाएगा।
* इसके लिए कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है .... सिर्फ प्यार से उसके सिर और बदन पर हाथ फेरना काफी होगा।
* अब पुरुष के प्रहार करने की घड़ी आ गई है। उसे आगे झुक कर लड़की के कन्धों को विश्वासपूर्वक पकड़ लेना चाहिए जिससे वह ज्यादा हिल-डुल ना सके। फिर अपने सुपारे पर शरीर द्वारा इस तरह दबाव बनाना शुरू जिससे सुपारा योनि में घुसने लगे।
* अब लड़की की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना चाहिए। उसके लिए यह एक नया अनुभव है और उसके मन का डर उसे रुकने के लिए उकसाएगा। थोड़ी बहुत आपत्ति को तो नज़रंदाज़ कर सकते हैं पर अगर लड़की को ज्यादा तकलीफ हो रही हो तो पुरुष को रुक जाना चाहिए। कुछ देर अंदर की ओर दबाव बनाये रखने के बाद ढील देनी चाहिए और फिर से उतना ही दबाव बनाना चाहिए। लड़की को धीरे-धीरे सुपारे को योनि-द्वार में महसूस करने और उसके आकार को भांपने का मौक़ा देना चाहिए जिससे वह शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आप को ढाल सके। आखिर वह भी सम्भोग के लिए उतनी ही लालायित है अपितु आशंकित भी है।
* दो-तीन बार इस तरह दबाव डालने से योनि-द्वार थोड़ा खुल सा जाएगा और सुपाड़ा उसमें फंसने लगेगा। अब और अधिक प्रवेश तब ही हो पाएगा जब लिंग योनि की कौमार्य-झिल्ली को भेदे। इसके लिए पुरुष को अपना लिंग इतना बाहर निकाल लेना चाहिए जिससे कि सुपाड़ा योनि-द्वार का रास्ता ना खो जाये। फिर स्त्री के शरीर को कसकर पकड़ कर और उसे बिना किसी चेतावनी दिए एक ज़ोरदार धक्का अंदर की ओर लगाना चाहिए।
* इससे लड़की को दर्द तो ज़रूर होगा पर और उसकी झिल्ली का पतन आसानी से हो जायेगा। लिंग को एक झटके में अंदर डालने से दर्द भी क्षणिक ही होगा। झिल्ली-भेदन से कुछ खून भी निकल सकता है जो कि किन्हीं कारणों से मर्दों को बहुत अच्छा लगता है। पर इस रक्त-प्रवाह से घबराने की बात नहीं है। यह झिल्ली के फटने से हुआ प्रवाह है जो थोड़ी देर में अपने आप रुक जायेगा। अगर यह खून ना निकले तो ज़रूरी नहीं कि लड़की कुंवारी नहीं है। लड़कियों की झिल्ली सिर्फ सम्भोग से ही नहीं कई और कारणों से भी फट सकती है जैसे घुड़-सवारी, साइकिल चलाना, योगाभ्यास, जिमनास्टिक्स या कोई दुर्घटना। इसलिए मर्द को लड़की के चरित्र पर सोच-समझ कर शक करना चाहिए।
* कौमार्य-झिल्ली योनि-द्वार से करीब एक इंच की गहराई में होती है अतः इसे भेदने के लिए पूरा लिंग अंदर डालने की ज़रूरत नहीं है। वैसे भी एक कुंवारी योनि में एक विकसित लिंग को एक ही झटके में पूरा अंदर डालना नामुमकिन सा है। यह तो तभी संभव है जब कोई खूंखार मर्द किसी अबला लड़की का बेरहमी से बलात्कार करे।
* इस अचानक किये प्रहार के बाद पुरुष को लड़की को प्यार से आलिंगन-बद्ध कर लेना चाहिए और उसे देर तक पुचकारना चाहिए। इस पूरे समय उसे अपना लिंग बाहर नहीं निकालना चाहिए जिससे योनि को उसे ग्रहण करने का और अपने आकार को समायोजित करने का समय मिले। जब लगे कि लड़की अब संभल गई है तो लड़के को धीरे-धीरे दो-तीन बार लिंग को अंदर-बाहर करना चाहिए। इस समय लिंग को उतना ही अंदर ले जाएँ जितना पहले झटके में गया था।
* जब योनि इस घर्षण को स्वीकार करने लगे तो धीरे-धीरे लिंग को निरंतर बढ़ती हुई गहराई से अंदर डालना शुरू करना चाहिए। यह पुरुष के लिए एक बहुत ही आनन्ददायक अहसास होता है जब उसका सुपारा योनि की अंदर से चिपकी हुई दीवारों को हर प्रहार के साथ थोड़ा-थोड़ा खोलता जाता है, मानो एक नया रास्ता बना रहा हो।
* मेरा आशय है कि लड़की को भी उसकी इस निरंतर अंदर से खुलती हुई योनि का आभास सुखदायक होता होगा और उसको अब पहली बार चिंता-मुक्त आनन्द की अनुभूति होती होगी। जब ऐसा होगा तो लड़की के माथे से शिकन मिट जायेगी, उसका कसा हुआ शरीर थोड़ा शिथिल हो जायेगा और वह मैथुन से मानसिक विरोध बंद कर देगी।
* फिर हौले-हौले उसका साहस बढ़ेगा और हो सकता है वह सम्भोग में सहयोग भी करने लगे। वह कितनी जल्दी सहयोग करने लगती है यह पुरुष के यौन-सामर्थ्य, उसके आचरण और अपने साथी के प्रति उसकी चिंता पर निर्भर है। पुरुष जितना लड़की का ध्यान रखेगा, लड़की उससे भी ज्यादा उसका सहयोग करेगी और उसे खुश रखने का भरपूर प्रयास करेगी। यह बात यौन में ही नहीं, जीवन के हर पहलू में लागू हैं।
* अब वह स्थिति आ गई है जब पुरुष चाहे तो अपना पूरा लिंग अंदर-बाहर करना शुरू कर सकता है। और उसे यह करना भी चाहिए क्योंकि तब ही उसे मैथुन का पूरा मज़ा आएगा। अगर लिंग को जड़ तक अंदर बार-बार नहीं पेला तो क्या सम्भोग किया !!
* जहाँ तक लड़कियों का सवाल है, उनकी योनि कि तंत्रिकाएँ योनि-द्वार से करीब दो इंच अंदर तक ही होती हैं। उसके बाद योनि में कोई अहसास का माध्यम नहीं होता। इसीलिए लड़की को यौन सुख देने के लिए ढाई इंच का लिंग भी काफी है। बड़ा लिंग होना तो मर्दों की सनक है जिसे वे मर्दानगी का द्योतक मान बैठे हैं वरना औरतों को तो मर्दानगी उनके आचरण और व्यवहार में दिखती है .... उनकी शिष्टता, शौर्य और खुद्दारी में दिखती है, ना कि उनके लिंग की लम्बाई में।
* अकसर मर्द किसी कुंवारी लड़की को भेदने के बाद ज्यादा देर तक मैथुन नहीं कर पाता क्योंकि उसकी उत्तेजना एक नई योनि के आभास से शीघ्र ही चरम सीमा तक पहुँच जाती है!

पुरुष गुप्त रोगों में लौंग वाला दूध पीने के फायदे

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