ध : क्यों जरूरी है हर उम्र के लिए
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दूध हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दूध प्रोटीन,खनिज और विटामिन का पौष्टिक एवं सस्ता स्त्रोत है। बावजूद इसके,दूध को दरकिनार करके सोडा, जूस और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स जैसे अधिक मीठे पेय पदार्थो का सेवन किया जाता है। इससे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी आहार संबंधी बीमारियां होने का खतरा होता है। अधिक मीठे पेय पदार्थो के स्थान पर पोषक तत्वों से युक्त दूध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कि हर उम्र में दूध क्यों जरूरी है?
बचपन-
बचपन में शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक बच्चों को ज्यादा शक्कर युक्त पेय पदार्थ नहीं बल्कि दूध देना चाहिए। दूध में मौजूद प्रोटीन संतुलित अमीनो एसिड से बनता है जो जैविक रूप से उपलब्ध है। यह आसानी से पच जाता है और शरीर में इसका इस्तेमाल होता है। दूध के कैल्शियम से बच्चे की विकासशील हड्डियों, दांतों और मस्तिष्क के ऊतकों को बढ़ने में मदद मिलती है और यह कोशिकीय स्तर पर उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देता है जो मांसपेशियों एवं तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता को संचालित करती हैं। अतिरिक्त पोषण तत्वों से युक्त दूध से विटामिन डी मिलता है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण विटामिन है जो हड्डियों की मजबूती के लिए शरीर को कैल्शियम,फास्फोरस को पचाने में मदद करता है। लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है। पाचन और तंत्रिका प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है और प्रतिरोधक क्षमता को सहारा देता है। 11 साल की उम्र तक के बच्चों को रोजाना कम से कम दो बार दूध और डेयरी उत्पाद देने चाहिए।
किशोरावस्था-
मजबूत हड्डियों के लिए किशोरों को भी शुगर युक्त पेय पदार्थो के बजाय दूध लेना चाहिए क्योंकि किशोर असाधारण शारीरिक परिवर्तन से गुजरते हैं। उन्हें हार्मोस संबंधी,मांसपेशियों एवं रक्त संचार के अधिकतम विकास के लिए ऊर्जा युक्त पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो की आवश्यकता होती है। किशोरावस्था ही वह ऐसा समय होता है जब हड्डियां मजबूत होती हैं। ऐसे में दूध बहुत फायदेमंद हो सकता है ताकि जीवन में कभी भी आपकी हड्डियों में कमजोरी नहीं आए तथा ओस्टियोपोरोसिस की समस्या न हो। दूध के आश्चर्यजनक फायदों के मद्देनजर किशोरों को रोजाना तीन या अधिक बार कम वसा वाले दूध उत्पादों का सेवन करना चाहिए।
वयस्क अवस्था-
इस अवस्था में भी शरीर को कैल्शियम की जरूरत होती है। विटामिन डी और फास्फोरस के बगैर सभी उम्र के वयस्कों के लिये हड्डियों के कमजोर होने का खतरा होता है, इसलिए दूध की आवश्यकता बनी रहती है। ब्रोकोली और पालक के रूप में अन्य कैल्शियम युक्त गैर डेयरी आहार का सेवन करना अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन इनमें से कुछ में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जिससे कैल्शियम के अवशोषण में बाधा पड़ सकती है। पालक में ऑक्सोलेट अधिक होते हैं जो कैल्शियम अवशोषण में बाधा डालते हैं जबकि ब्रोकोली आदि अन्य सब्जियों में मौजूद कैल्शियम दूध की तरह आसानी से नहीं पचता है।
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दूध हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दूध प्रोटीन,खनिज और विटामिन का पौष्टिक एवं सस्ता स्त्रोत है। बावजूद इसके,दूध को दरकिनार करके सोडा, जूस और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स जैसे अधिक मीठे पेय पदार्थो का सेवन किया जाता है। इससे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी आहार संबंधी बीमारियां होने का खतरा होता है। अधिक मीठे पेय पदार्थो के स्थान पर पोषक तत्वों से युक्त दूध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कि हर उम्र में दूध क्यों जरूरी है?
बचपन-
बचपन में शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक बच्चों को ज्यादा शक्कर युक्त पेय पदार्थ नहीं बल्कि दूध देना चाहिए। दूध में मौजूद प्रोटीन संतुलित अमीनो एसिड से बनता है जो जैविक रूप से उपलब्ध है। यह आसानी से पच जाता है और शरीर में इसका इस्तेमाल होता है। दूध के कैल्शियम से बच्चे की विकासशील हड्डियों, दांतों और मस्तिष्क के ऊतकों को बढ़ने में मदद मिलती है और यह कोशिकीय स्तर पर उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देता है जो मांसपेशियों एवं तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता को संचालित करती हैं। अतिरिक्त पोषण तत्वों से युक्त दूध से विटामिन डी मिलता है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण विटामिन है जो हड्डियों की मजबूती के लिए शरीर को कैल्शियम,फास्फोरस को पचाने में मदद करता है। लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है। पाचन और तंत्रिका प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है और प्रतिरोधक क्षमता को सहारा देता है। 11 साल की उम्र तक के बच्चों को रोजाना कम से कम दो बार दूध और डेयरी उत्पाद देने चाहिए।
किशोरावस्था-
मजबूत हड्डियों के लिए किशोरों को भी शुगर युक्त पेय पदार्थो के बजाय दूध लेना चाहिए क्योंकि किशोर असाधारण शारीरिक परिवर्तन से गुजरते हैं। उन्हें हार्मोस संबंधी,मांसपेशियों एवं रक्त संचार के अधिकतम विकास के लिए ऊर्जा युक्त पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो की आवश्यकता होती है। किशोरावस्था ही वह ऐसा समय होता है जब हड्डियां मजबूत होती हैं। ऐसे में दूध बहुत फायदेमंद हो सकता है ताकि जीवन में कभी भी आपकी हड्डियों में कमजोरी नहीं आए तथा ओस्टियोपोरोसिस की समस्या न हो। दूध के आश्चर्यजनक फायदों के मद्देनजर किशोरों को रोजाना तीन या अधिक बार कम वसा वाले दूध उत्पादों का सेवन करना चाहिए।
वयस्क अवस्था-
इस अवस्था में भी शरीर को कैल्शियम की जरूरत होती है। विटामिन डी और फास्फोरस के बगैर सभी उम्र के वयस्कों के लिये हड्डियों के कमजोर होने का खतरा होता है, इसलिए दूध की आवश्यकता बनी रहती है। ब्रोकोली और पालक के रूप में अन्य कैल्शियम युक्त गैर डेयरी आहार का सेवन करना अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन इनमें से कुछ में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जिससे कैल्शियम के अवशोषण में बाधा पड़ सकती है। पालक में ऑक्सोलेट अधिक होते हैं जो कैल्शियम अवशोषण में बाधा डालते हैं जबकि ब्रोकोली आदि अन्य सब्जियों में मौजूद कैल्शियम दूध की तरह आसानी से नहीं पचता है।
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