चिलगोज़ा के फायदे और उपयोग-
चिलगोजा – Pine Nuts
चिलगोजा, पिस्ता, बादाम की तरह ही एक ड्राई फ्रूट है। आयुर्वेद के अनुसार, चिलगोजा एक बहुगुणी औषधि है। चिलगोजा के सेवन से एक-दो नहीं बल्कि कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। चलिए जानते हैं चिलगोजा खाने के फायदे क्या होते हैं।
चिलगोजा क्या होता है?
चिलगोजा का इस्तेमाल मेवे के रूप में होता है। यह एक पौष्टिक तथा स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ एक औषधि भी है। चिलगोजा के तेल का भी प्रयोग औषधि के रूप में होता है। चिलगोगा के वृक्ष लगभग 24 मीटर ऊंचे, एवं 3 मीटर चौड़े, तथा मध्यम आकार होते हैं। पेड़ की छाल पतली, चिकनी, खुरदरी, और भूरे रंग की होती है। इसके पत्ते तीन गुच्छों वाले और कठोर होते हैं।
चिलगोजा (pine nuts) के फल 2.5 सेमी लम्बे, चपटे, और भूरे रंग के होते हैं। इस फल को ही चिलगोजा कहते हैं। इसके बीज 2-2.5 सेमी लम्बे, गहरे भूरे रंग के होते हैं। फलों के अन्दर की गिरी सफेद, मीठी होती है। चिलगोजा के वृक्ष में फरवरी से दिसम्बर तक फूल, और फल होते हैं। चिलगोजा के बीज वृक्षों से नीचे गिरते हैं। इन्हीं बीजों को बाजार में बेचा जाता है।
चिलगोजा के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार, चिलगोजा खाने के फायदे (chilgoza benefits), औषधीय प्रयोग, इस्तेमाल की मात्रा, एवं विधियां ये हैंः-
चिलगोजा के फायदे से होती है शारीरिक कमजोरी दूर
शारीरिक कमजोरी की शिकायत है तो चिलगोजा का सेवन करें। बच्चे भी चिलगोजा का प्रयोग कर सकते हैं। चिलगोजा की गिरी का सेवन करने से हाथ-पैर की कमजोरी दूर होती है, और शरीर स्वस्थ होता है।
नपुंसकता की समस्या, और कामोत्तेजना के लिए चिलगोजा का प्रयोग
वर्तमान में कई लोग नपुंसकता, और सेक्स संबंधी विकार से ग्रस्त हैं। अस्वस्थ्य जीवनशैली, अस्वस्थ्य आहार का सेवन, या शारीरिक रोग आदि कई कारण हैं, जिनके कारण लोगों को ऐसी बीमारियां होती हैं।
1 गिलास दूध में 5-10 ग्राम चिलगोजा गिरी का चूर्ण, तथा मिश्री मिलाकर पीने से वीर्य संबंधी रोग दूर होता है, और वीर्य स्वस्थ होता है।
· चिलगोजा (pine seeds) के सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होती है, शरीर में उत्तेजना आती है, कामशक्ति (सेक्सुअल पॉवर) पॉवर बढ़ती है। वीर्य की बीमारी ठीक होती है।
· धातु की बीमारी में 20-25 बीज की गिरी को दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
· जो लोग सेक्सु्ल पॉवर या यौन शक्ति की कमी से परेशान रहते हैं, वे चिलगोजा, बादाम, मुनक्का, छुहारा, तथा अंजीर को मिलाकर दूध में पकाएं। दूध को ठंडाकर लें, और इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे उनका शरीर स्वस्थ्य होगा, और कामशक्ति में बढ़ोतरी होती है।
पाचनतंत्र विकार में चिलगोजा के सेवन से लाभ
आप जो खाना खाते हैं, उसे पाचनतंत्र पचाने का काम करता है। जब पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, तो भोजन को सही से पचाता है। इसी तरह पाचनतंत्र के बीमार हो जाने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना बन जाती है। चिलगोजा खाने के फायदे इसमें भी होता है। पाचन क्रिया खराब होने पर चिलगोजा का सेवन करना चाहिए। इससे पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, और सही तरह से काम करता है।
चिलगोजा के फायदे से खांसी और दमा का इलाज
दुनिया भर में दमा रोग से हजारों ग्रस्त हैं। यह एक गंभीर रोग है। चिलगोजा की 5-10 ग्राम गिरी को पीस लें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से दमा में फायदा होता है। इसे पीने से खांसी में भी आराम मिलता है।
चिलगोजा के फायदे से गठिया में लाभ
चिलगोजा (pine seeds) के तेल को लगाने से गठिया का दर्द ठीक होता है।
चिलगोजा के फायदे बुखार उतारने में
बुखार से पीड़ित मरीज चिलगोजा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। बुखार होने की स्थिति में 18-18 ग्राम त्रिफला, त्रिकटु, दालचीनी, चित्रक, ककुभ मूल, सालिम लें। इनके साथ ही बाबूना का फूल, 100 ग्राम अंगूर, 4 ग्राम चिलगोजा मज्जा, तथा 6 ग्राम नारियल लें। इनका पेस्ट बनाकर पका लें। इसे गाढ़ा बना लें। इसमें 375 ग्राम मधु मिला लें, और जेली (चटनी) बना लें। इस जेली (चटनी) को 5-10 ग्राम सुबह और शाम सेवन करें। इससे बुखार में लाभ होता है।
चिलगोजा का इस्तेमाल कैसे करें?
चिलगोजा का सेवन इस तरह किया जा सकता हैः-
· चिलगोजा का चूर्ण- 2-5 ग्राम
आप चिलगोजा का इस्तेमाल कर भरपूर फायदा लेना चाहते हैं, तो इसके इस्तेमाल से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह जरूर लें।
· चिलगोजा (pine seeds) के सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होती है, शरीर में उत्तेजना आती है, कामशक्ति (सेक्सुअल पॉवर) पॉवर बढ़ती है। वीर्य की बीमारी ठीक होती है।
· धातु की बीमारी में 20-25 बीज की गिरी को दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
· जो लोग सेक्सु्ल पॉवर या यौन शक्ति की कमी से परेशान रहते हैं, वे चिलगोजा, बादाम, मुनक्का, छुहारा, तथा अंजीर को मिलाकर दूध में पकाएं। दूध को ठंडाकर लें, और इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे उनका शरीर स्वस्थ्य होगा, और कामशक्ति में बढ़ोतरी होती है।
पाचनतंत्र विकार में चिलगोजा के सेवन से लाभ
आप जो खाना खाते हैं, उसे पाचनतंत्र पचाने का काम करता है। जब पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, तो भोजन को सही से पचाता है। इसी तरह पाचनतंत्र के बीमार हो जाने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना बन जाती है। चिलगोजा खाने के फायदे इसमें भी होता है। पाचन क्रिया खराब होने पर चिलगोजा का सेवन करना चाहिए। इससे पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, और सही तरह से काम करता है।
चिलगोजा के फायदे से खांसी और दमा का इलाज
दुनिया भर में दमा रोग से हजारों ग्रस्त हैं। यह एक गंभीर रोग है। चिलगोजा की 5-10 ग्राम गिरी को पीस लें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से दमा में फायदा होता है। इसे पीने से खांसी में भी आराम मिलता है।
चिलगोजा के फायदे से गठिया में लाभ
चिलगोजा (pine seeds) के तेल को लगाने से गठिया का दर्द ठीक होता है।
चिलगोजा के फायदे बुखार उतारने में
बुखार से पीड़ित मरीज चिलगोजा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। बुखार होने की स्थिति में 18-18 ग्राम त्रिफला, त्रिकटु, दालचीनी, चित्रक, ककुभ मूल, सालिम लें। इनके साथ ही बाबूना का फूल, 100 ग्राम अंगूर, 4 ग्राम चिलगोजा मज्जा, तथा 6 ग्राम नारियल लें। इनका पेस्ट बनाकर पका लें। इसे गाढ़ा बना लें। इसमें 375 ग्राम मधु मिला लें, और जेली (चटनी) बना लें। इस जेली (चटनी) को 5-10 ग्राम सुबह और शाम सेवन करें। इससे बुखार में लाभ होता है।
चिलगोजा का इस्तेमाल कैसे करें?
चिलगोजा का सेवन इस तरह किया जा सकता हैः-
· चिलगोजा का चूर्ण- 2-5 ग्राम
आप चिलगोजा का इस्तेमाल कर भरपूर फायदा लेना चाहते हैं, तो इसके इस्तेमाल से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह जरूर लें।
चिलगोजा के साइड इफेक्ट
जिस तरह अच्छी चीजों को खाने से शरीर में लाभ होता है, और सामान्य से अधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान हो सकता है। उसी तरह चिलगोजा के अत्यधिक सेवन से भी कुछ हानि हो सकती है, जो ये हैः-
· चिलगोजा की गिरी देर से पचती है।
· इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से पेट संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।
आप उपरोक्त रोगों की रोकथाम में चिलगोजा का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए डॉक्टर की सलाह से चिलगोजा का इस्तेमाल करना चाहिए।
चिलगोजा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Chilgoza Found or Grown?)
चिलगोजा की खेती कई स्थानों पर की जाती है। भारत में उत्तर-पश्चिम में चिलगोजा की खेती होती है। हिमालय में 1800-3000 मीटर की ऊंचाई पर देवदार व चीड़ के वृक्षों के साथ-साथ चिलगोजा भी पाया जाता है। यह विश्व में अफगानिस्तान, बलूचिस्तान एवं पाकिस्तान में भी पाया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए Dr.B.K.Kashyap से संपर्क करें 9305273775
Kashyap Clinic Pvt. Ltd.
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