रविवार, 6 अप्रैल 2014

sex myth

सेक्स के साथ लोगों ने अपने अनुसार कई कहानियां बनाई है जो समाज में प्राचीन समय से ही एक भ्रांति के रूप प्रचलित है,और हम इन पर विश्वाव भी करते है जिसका नतीजा यह होता है कि हम अपनी सेक्स लाइफ में कभी ना कभी कुछ तनावमहसूस करते हैइसलिए आज हम आपको ऎसी ही कुछ भ्रातियों से अवगत कराने जा रहा है जिसे जानने-समझने के बादआपकी सेक्स लाइफ पहले से बेहतर और सुरक्षित बन सकती है।
यौन-संबंधों में पहल पुरूषों को करनी चाहिए : यह धारणा ज्यादातर महिलाओं में होती है कि पुरूष को ही पहले आगे आनाचाहिए और उन्हें सिर्फ उनकी इच्छाओं की पूर्ति करनी चाहिए जबकि ऎसा बिल्कुल नहीं है। वास्तव में यौन आवश्यकता एकशारीरिक आवश्यकता हैइसलिए इसमें दोनों को समान रूप से भागीदार होना चाहिए। महिलाएं सेक्स के दौरान अक्सर अपनीइच्छाओं को छुपाती है परन्तु आपको ऎसा  करके पूरे जोश के साथ अपने साथी का साथ देना चाहिए। यह आप दोनों कोबेहतर आनंद और अच्छी समझ प्रदान करेगा।
फस्र्ट टाइम ब्लीडिंग होना कुंवारेपन की निशानी है यह एक ऎसी गलत धारणा है जिसने कई घर बरबाद किए है। अक्सर लोगोंका मानना है कि अगर पहली बार यौन-संबंध बनाते समय महिला को ब्लीडिंग नहीं हुआ है तो शायद वह पहले भी किसी केसाथ शारीरिक संबंध बना चुकी हैं। यह बिल्कुल गलत है असल में ब्लीडिंग होना महिलाओं में उपस्थित हायमन झिल्ली के फटजाने से होता है परन्तु यह हायमन झिल्ली सेक्स के दौरान ही नहीं बल्कि साइकिल चलानेघुडसवारी करनेखेलने-कूदने आदिसे भी फट सकती है। इसलिए बिना किसी ठोस सबूत के अपने साथी पर अविश्वास  करें। आपका विश्वास ही आपके प्यारऔर रिश्तों की मिठास के लिए महत्वपूर्ण है।
पुरूष द्वारा योनि से बाहर स्खनल करने से गर्भधरण नहीं होता हैयह एक गलतफहमी है कि बिना गर्भनिरोधक के प्रयोग के भीपुरूष द्वारा योनि से बाहर स्खनल करने पर गर्भधारण नहीं होता है। वास्तव में सेक्स के दौरान वीर्य सहित अन्य द्रव उत्सर्जितहोते रहते है जिनमें शुक्राणु मौजुद रहते है जो आसानी से अंडाशय से मिलकर गर्भधारण की स्थिति ला सकते हैं। यह संकमणके लिए भी जिम्मेदार हो सकते है। कोई भी पुरूष शुक्राणुओं को लीक होने से पहले ही  जाने से नहीं रोक सकता इसलिएहमेशा गर्भनिरोधक का इस्तेमाल कीजिए।
पीरियड के दौरान सेक्स करने से गर्भधारण नही होता है:यह भी एक भ्रांति ही है असल में शुक्राणु सेक्स करने के कई दिनों बादतक जीवित रहते है इसलिए पीरियड के दौरान भी आप गर्भ धारण कर सकती है हांलाकि इस दौरान शुक्राण थो़डे शिथिल जरूरहोते परन्तु इनकी उपस्थिति को अनदेखा नही किया जा सकता है। पीरियड के साथ एक और गलतफहमी जुडी है कि इस दौरानसेक्स नही करना चाहिए दरअसल यह ठीक है कि इस अवस्था में गर्भाशय  उसका मुंह काफी संवेदनशील हो जाता है। औरसेक्स के दौरान लिंगयोनि में प्रवेश कर गर्भाशय के मुंह पर आघात करता है जिससे जख्म  इंफेक्षन होने का खतरा ब़डसकता है। परन्तु हाइजीन का ध्यान रखा जाए तो एक अच्छे गर्भनिरोधक के प्रयोग के साथ आपसी सहमती से पीरियड केदौरान यौन-संबंध बनाए जा सकते है।
कंडोम पूरी तरह सुरक्षित होता हैयह सच है कि कंडोम एच.आई.वी और अन्य यौन संचारित रोगो से सुरक्षा प्रदान करता है,परंन्तु त्वचा का वह भाग जो कंडोम द्वारा नही ढका होता है बीमारिया फैलाने में सक्षम होता है। कई लोगो का यह भी मानना हैकि कंडोम को धोकर पुनइस्तेमाल किया जा सकता है वास्तव मे आप एक कंडोम को दुबारा इस्तेमाल नही कर सकते है अगरआप एक ही समय मे पुनसेक्स कर रहे है तो 30 मिनट के भीतर कंडोम को बदल लेना चाहिए क्योंकि एक बार इस्तेमाल होजाने की स्थिति मे यह ढीला हो जाता है और इसके फटने की संभावना बढ़ जाती है।
सेक्स केवल युवाओ के लिए है:अक्सर लोगो का मानना है कि युवावस्था में ही सेक्स करना चाहिएलेकिन यह पूर्णयतयागलत हैएक अच्छे शारीरिक  मानसिक विकास के लिए हर उम्र के लोगों के लिए सेक्स उपयोगी साबित होता है। यदि आपऔर आपका साथी मानसिक  शारीरिक रूप से तैयार है तो किसी भी उम्र मे यौन संबंधो का आनंद लिया जा सकता है.

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