बुधवार, 30 जून 2021

आदतें जो पुरुषो की सेक्स लाइफ को कमजोर बनाती है -



पुरुषों की सेक्स लाइफ को कमजोर बनाती हैं  कुछ आदतें,  डॉक्टर बी0 के0 कश्यप  से समझें उसके समाधान-


यौन स्वास्थ्य पुरुष (Men’s Sexual Wellness) और महिला दोनों के लिए स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है, क्योंकि सेक्स जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है। यौन समस्याएं (Sex Problems) यह बताती हैं कि शरीर में कहीं बड़ी कमी आ रही है।  इसलिए पुरुषों को भी अपनी सेक्स समस्या को नजरअंजाद नहीं करना चाहिए। इसके लिए बहुत अधिक कुछ करने की आवश्यकता नहीं है। बस, पुरुषों को अपनी कुछ आदतों को सुधारना होगा।

1. असुरक्षित सेक्स की आदत

पुरुषों को संभोग करने से पहले और बाद में सुरक्षा का खास ध्यान एकाध बार नहीं बल्कि हमेशा रखना चाहिए। इसकी वजह से आप न सिर्फ एचआईवी/एड्स (HIV/ AIDS) बल्कि कई जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं। इसलिए हेल्दी सेक्स लाइफ (Healthy Sex Life) की आदतों को जान लें।

2. फोरस्किन को अनदेखा करना

पुरुषों के लिए फोरस्किन भी जरूरी है। रोजाना स्नान करते वक्त लिंग के ऊपरी हिस्से की त्वचा (फोरस्किन) को आगे पीछे करके इसे नियमित तौर पर साफ करना चाहिए। इससे न सिर्फ लिंग स्वस्थ और संक्रमण से मुक्त रहता है बल्कि इससे टाइट फोरस्किन या फिमोसिस जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।

टाइट फोरस्किन वाले पुरुष के लिए संभोग क्रिया अक्सर मजेदार नहीं रहती और वे इससे परहेज करते हैं। मेरे पास ऐसे मरीज भी जाए जिनकी शादी को 11 साल हो गए, लेकिन वे टाइट फोरस्किन की वजह से संभोग सुख का आनंद नहीं उठा सके। फोरस्किन हटाना इस समस्या का सामान्य समाधान है। इस दिक्कत से बचने के लिए एंड्रोलाॅजिस्ट से मिलें।



3. नपुंसकता को छिपाना

लिंग सख्ती के साथ खड़ा नहीं होने की समस्या आम है। इससे अधिकतर पुरुष जूझते हैं। मगर वही लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। कई लोग फुल इरेक्शन के बगैर हस्तमैथुन करते हैं। जिससे कि ये समस्या और बढ़ जाती है।

इतना ही नहीं नपुंसकता को लेकर वे अपने दिमाग में भ्रांतिया भर लेते हैं। इसलिए वे एंड्रोलाॅजिस्ट को दिखाने से शर्माते हैं। जब वे इसे अनदेखा करते हैं या बिना चिकित्सा परामर्श के वियाग्रा आदि दवा  का सेवन करने लगते हैं।

मगर बाद में वे पूरी तरह नपुंसकता का शिकार हो जाते हैं। इसलिए अगर आप को शीघ्रपतन या कोई अन्य सेक्शुअल समस्या  है तो डॉक्टर से तुरंत मिलें।

4. पोर्न को हकीकत समझना-

पोर्न देखने की आदत हर किसी के लिए खराब है। पोर्न की लत के कारण भी सेक्स की समस्या जन्म लेती है। मेरे पास आने वाले कई मरीजों का कहना था कि वे वैवाहिक जिंदगी का मजा नहीं ले सकते, क्योंकि वे अपने पार्टनर या पार्टनर द्वारा उत्तेजित करने वाले तरीकों को पसंद नहीं करते।

पोर्नोग्राफी का आदी होने से उनके मन में महिलाओं के लिए बाॅडी इमेज प्रभावित होती है। इसलिए कभी भी पोर्न को निजी जीवन में उतराने की कल्पना नहीं करनी चाहिए क्योंकि आप आम आदमी हैं कोई पोर्नस्टार नहीं।

5. हस्तमैथुन के लिए बेचैनी-

वैसे तो हस्तमैथुन एक अच्छी क्रिया है किंतु अगर इसमें ही खो गए तो आप अपना तन-मन दोनों ही खो देते हैं। हालांकि इसकी कोई सीमा नहीं है कि आप कितनी बार सुरक्षित रूप से हस्तमैथुन कर सकते हैं।

हमें ऐसी रोगी भी मिले जिन्होंने महीनों तक दिन में 10 बार हस्तमैथुन किया। हस्तमैथुन सेक्स संबंधी तनाव दूर करने का त्वरित जरिया है, जबकि संभोग पूरी तरह से अलग मामला है। इसलिए संभोग का सुख चाहिए तो आपको इसकी लत नहीं लगानी चाहिए। अच्छी चीजों की आदत डालें और किसी भी चीज की लत नहीं लगने देनी चाहिए। तब जाकर आप पौरुष जीवन का सुख भोग सकते हैं। साथ ही सेक्स संबंधित बीमारी के संकेत दिखने पर बिना शर्म और देरी किए तुरंत डॉक्टर से मिलें।

निष्कर्ष (Conclusion)

पुरुषों की सेक्स लाइफ को कमजोर बनाने में आपकी गंदी आदतों का योगदान भी होता है। मगर हम उस बात पर जोर नहीं देते हैं। अपनी आदतों को सुधारने की बजाय अन्य चीजों से इसको दूर करने की सोचते हैं। कई बार यही आदतें पुरुषों की सेक्स लाइफ को खत्म कर देती है। इसलिए इन 5 आदतों से खुद को दूर रखें। यहां पर हमने इन आदतों को लेकर एक डॉक्टर से बातचीत की और उन्होंने उसके समाधान बताए हैं। यदि अपनी सेक्स लाइफ को तंदरुस्त रखना चाहते हैं इन बातों का ख्याल रखें।




मंगलवार, 15 जून 2021

सफेद मूसली के फायदे और उपयोग









सफेद मूसली -

सफेद मूसली (safed musli) को शक्तिवर्द्धक जड़ी बूटी माना जाता है, इसलिए आयुर्वेद में औषधि के रूप में इसका बहुत इस्तेमाल किया जाता है। सफेद मूसली की जड़ और बीज, विशेष रूप से औषधि के रूप में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि अत्यधित मात्रा में पाए जाते हैं। 

सफेद मूसली क्या है? (What is Safed Musli?)

मूसली फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी जड़ मोटी तथा गुच्छों में होती है। इसका कंद (bulb) मीठा, कामोत्तेजक और कफ को कम करने में मदद करता है। यह स्तनों में दूध को बढ़ाने में मदद करता है। यहां तक सफेद मूसली मोटापा  (obesity), अर्श या पाइल्स (piles), सांसों के रोग, खूनी की कमी या एनिमिया (anemia) में भी लाभ पहुंचाता है। आप इसका लाभ ह्रदय विकार (heart disease) तथा डायबिटीज (diabetes) जैसे रोगों में भी ले सकते हैं। सफेद मूसली का वानस्पतिक नाम Chlorophytum borivilianum (क्लोरोफायटम बोरिबिलिएनम्) है। सफेद मूसली Liliaceae (लिलिएसी) कुल का है।



सफेद मूसली के फायदे उपयोग (Safed Musli Benefits & Uses )-



ब्रेस्टमिल्क को बढ़ाने में उपयोगी सफेद मूसली -


माताओं के स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए सफेद मूसली फायदे का लाभ उठाना चाहिए। इसके लिए सफेद मूसली का प्रयोग इस तरह से करना चाहिए। 2-4 ग्राम सफेद मूसली के चूर्ण में बराबर भाग मिश्री मिला लें। इसे दूध के साथ सेवन करें। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।


दस्त को रोकने में सफेद मूसली के फायदे -

सफेद मूसली का सेवन करने पर दस्त की परेशानी से निजात मिल सकता है। 2-4 ग्राम सफ़ेद मूसली की जड़ के चूर्ण को दूध में मिला लें। इसका प्रयोग करने से दस्त, पेचिश तथा भूख की कमी जैसी परेशानियों में लाभ मिलता है।

पेट की बीमारी में सफेद मूसली के फायदे -

पेट में गड़बड़ी, पेट दर्द, खाना ना खाने की इच्छा, दस्त जैसी समस्याएं होने पर सफेद मूसली का सेवन करें। इसके लिए सफेद मूसली के कंद के चूर्ण का सेवन करना चाहिए। 1-2 ग्राम कंद (bulb) के चूर्ण का सेवन करने से दस्त, पेट की गड़बड़ी, पेट दर्द और भूख ना लगने की समस्या ठीक होती है।

मूत्र संबंधी समस्या में सफेद मूसली के फायदे -

कई लोग को पेशाब करते समय दर्द होता है। इस रोग में मूसली बहुत फायदेमंद होता है। मूसली जड़ के चूर्ण को 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे राहत मिलती है।



सुजाक रोग में सफेद मूसली चूर्ण के फायदे -

सुजाक एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन से संबंधित रोग है, जो यौन संपर्क के कारण होता है। अगर इसका समय पर इलाज ना किया गया तो नपुंसक होने की संभावना भी रहती है। सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन करने से सुजाक में लाभ मिलता है।

ल्यूकोरिया में सफेद मूसली के फायदे -

ल्यूकोरिया महिलाओं को होने वाली एक बीमारी है। इस रोग के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। आप सफेद मूसली का प्रयोग करके ल्यूकोरिया को ठीक करने में मदद पा सकते हैं। इसको ठीक करने के लिए 1-2 ग्राम सफेद मूसली के कंद चूर्ण का सेवन करें।

कमजोरी दूर करने में सफेद मूसली के फायदे- 

कभी-कभी संतुलित आहार नहीं ले पाने, या फिर अन्य कारणों से लोगों को शारीरिक कमजोरी की शिकायत हो जाती है। इसमें सफेद मूसली चूर्ण का सेवन करने से लाभ मिलता है। सफेद मूसली के कंद के 2-4 ग्राम चूर्ण में मिश्री मिला लें। इसे दूध के साथ सेवन करें। सफेद मूसली का उपयोग सामान्य कमजोरी तथा लिंग से संबंधित कमजोरी दूर करने में होती है। आप 2-4 ग्राम मूसली के चूर्ण में, समान मात्रा के शर्करा डाल लें। इसे गाय के दूध के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।

· 1-2 ग्राम जड़ के चूर्ण में समान मात्रा में मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से कमजोरी दूर होती है, और वीर्य दोष (Semen) ठीक होता है।

· सफेद मूसली की जड़ के 1-2 ग्राम चूर्ण में बराबर भाग में मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से सामान्य शारीरिक दुर्बलता और शुक्र-दुर्बलता की परेशानी ठीक होती है।

गठिया के दर्द में सफेद मूसली के फायदे -

गठिया के लिए सफेद मूसली बहुत फायदेमंद होता है। सफेद मूसली के कंद (bulb) को पीसकर लगाने, या सफ़ेद मूसली चूर्ण का सेवन करने से गठिया के दर्द से आराम मिलता है।

कामेच्छा को बढ़ाने में लाभकारी सफेद मूसली -

कई बार काम के तनाव के कारण, या किसी शारीरिक समस्या के कारण, या फिर दवा के साइड इफेक्ट के कारण सेक्स करने की इच्छा में कमी आ जाती है। सफेद मूसली के साथ, समान मात्रा में गुडूची सत्त्, कौंञ्च बीज, गोखरू, सेमलकंद, आँवला तथा शर्करा लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-4 ग्राम की मात्रा को घी तथा दूध में मिलाकर पीने से सेक्स करने की इच्छा बढ़ती है। पुरूषों के इस यौन समस्या में सफेद मूसली का उपयोग बहुत लाभकारी होता है।

सफेद मूसली का उपयोगी भाग -

आयुर्वेद में सफेद मूसली के कंद, जड़ और बीज का प्रयोग औषधि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।





शुक्रवार, 11 जून 2021

चंद्रप्रभा वटी के उपयोग और फायदे





चंद्रप्रभा वटी क्या है?

आयुर्वेद में चंद्रप्रभा वटी एक बहुत ही प्रसिद्ध और उपयोगी वटी है। इसके नाम से ही उसके गुणों का भी पता चलता है। चंद्र यानी चंद्रमा, प्रभा यानी उसकी चमक, अर्थात् चंद्रप्रभा वटी के सेवन से शरीर में चंद्रमा जैसी कांति या चमक और बल पैदा होता है। इसलिए शारीरिक कमजोरी पैदा करने वाली लगभग बीमारियों में अन्य दवाओं के साथ चंद्रप्रभा वटी भी दी ही जाती है।


चंद्रप्रभा वटी के उपयोग और फायदे 


चंद्रप्रभा वटी है मधुमेह में फायदेमंद-

चंद्रप्रभा वटी का उपयोग मधुमेह (Diabetes) के नियंत्रण के लिए करते हैं। डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों के लिए यह दवा बहुत फायदेमंद है।


चंद्रप्रभा वटी ठीक करती है किडनी सम्बन्धी रोग –

किडनी के खराब होने पर मूत्र की उत्पत्ति बहुत कम होती है जो शरीर में अनेक रोग उत्पन्न करता है एवं मूत्राशय में विकृति होने पर मूत्र आने पर जलन, पेडू में जलन, मूत्र का रंग लाल होना या अधिक दुर्गन्ध होना इन सब में चन्द्रप्रभा वटी अति उपयोगी है। इससे गुर्दों की कार्यक्षमता बढ़ती है जो शरीर को साफ करते हैं। बढ़े हुए यूरिक एसिड (Uric acid) और यूरिया (Urea) आदि तत्वों को यह शरीर से बाहर निकालती है। अगर आप किडनी रोगों से पीड़ित हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेकर चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करें 
 
चंद्रप्रभा वटी है मूत्र सम्बन्धी विकारों में लाभदायक-

यह वटी पेशाब की परेशानियों और वीर्य विकार की काफी लाभकारी तथा प्रसिद्ध दवा है। मूत्र आने पर जलन, रुक–रुक कर कठिनाई से मूत्र आना, मूत्र में चीनी आना, मूत्र में एल्ब्युमिन जाना (Albumin), मूत्राशय की सूजन तथा लिंगेन्द्रिय की कमजोरी इससे शीघ्र ठीक हो जाती है।


 चंद्रप्रभा वटी से बढ़ाएं शारीरिक और मानसिक शक्ति-

पतंजलि चंद्रप्रभा वटी के नियमित सेवन से शारीरिक तथा मानसिक शक्ति मे वृद्धि होती है। यह थोड़े से श्रम से हो जाने वाली थकान और तनाव आदि को कम करती है, शरीर में स्फूर्ति लाती है और स्मरण शक्ति (memory) को बढ़ाती है। चंद्रप्रभा वटी के फायदे को देखते हुए इसे सम्पूर्ण स्वास्थ्य टॉनिक के रूप मे प्रयोग किया जाता है। इसके साथ लोध्रासव या पुनर्नवासव का भी प्रयोग करना चाहिए। टॉनिक होने के अलावा चंद्रप्रभा वटी शरीर को विभिन्न प्रकार के टॉक्सिन (toxins) से मुक्त करने का भी काम करती है।


वीर्य सम्बन्धी रोगों में चंद्रप्रभा वटी के लाभ-

पुरुषों में अधिक शुक्र क्षरण या स्त्रियों में अधिक रजस्राव होने से शारीरिक कान्ति नष्ट हो जाती है, शरीर का रंग पीला पड़ना, थोड़े ही परिश्रम से जल्दी थक जाना, आँखे अन्दर धँस जाना, भूख न लगना आदि विकार पैदा हो जाते है ऐसे में इस वटी का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। यह रक्तादि धातुओं की पुष्टि करती है। यह स्पर्मकाउंट (sperm count) को बढ़ाती है, ब्लड सेल यानी रक्त कोशिकाओं का शोधन तथा निर्माण करती है। स्वप्नदोष (Nightfall) या शुक्रवाहिनी नाड़ियों के कमजोर पड़ जाने पर इसे गुडुची के क्वाथ से लेना चाहिए।
 
स्त्री रोगों में  चंद्रप्रभा वटी के लाभ-

स्त्री रोगों के लिए भी यह एक अच्छी दवा है। यह गर्भाशय की कमजोरी दूर कर उसे स्वस्थ बनाती है। गर्भाशय के बढ़े आकार, उसकी रसौली, बारंबार गर्भपात आदि समस्याओं में चंद्रप्रभा वटी का सेवन रामबाण का काम करता है। यह गर्भाशयसंबंधी रोगों को दूर कर गर्भाशय को बल प्रदान करती है। अधिक मैथुन या अधिक संतान होने अथवा विभिन्न रोगों से गर्भाशय के कमजोर हो जाने, कष्ट के साथ मासिक धर्म आना (period pain), लगातार 10-12 दिन तक रजस्राव होना इन सब में चन्द्रप्रभा वटी को अशोक घृत या फलघृत के साथ लेना चाहिए।


चंद्रप्रभा वटी एक अच्छी दर्दनिवारक भी है-

दर्द से राहत दिलाने में भी चंद्रप्रभा वटी फायदेमंद है। यूरिक एसिड कम करने के गुण के कारण जोड़ों के दर्द, गठिया वात के दर्द, जोड़ों के सूजन आदि को यह कम और समाप्त करती है। इसके सेवन से स्त्रियों में मासिक धर्म की अनियमितताएं भी ठीक होती हैं और उसके कारण होने वाले पेड़ू के दर्द, कमर दर्द आदि में आराम मिलता है।


चंद्रप्रभा वटी के अन्य लाभ-

मंदाग्नि, अजीर्ण, भूख न लगना कमजोरी महसूस करना इन सब में पतंजलि चंद्रप्रभा वटी लाभ करती है। मल–मूत्र के साथ वीर्य का गिरना, बार–बार मूत्र आना, ल्यूकोरिया (leukorrhea) , वीर्य दोष, पथरी (kidney stone), अंडकोषों में हुई वृद्धि, पीलीया (jaundice), बवासीर (Piles), कमर दर्द (backache), नेत्ररोग तथा स्त्री-पुरुषों के जननेन्द्रिय से संबंधित रोगों को यह ठीक करती है।




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