गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

डायबिटीज का यौन स्वास्थ (sex life)पर पड़ने वाला प्रभाव

                         



डायबिटीज का यौन स्वास्थ  (sex health)पर पड़ने वाला प्रभाव-



Diabetes and Sexual Health:

डायबिटीज़ (Diabetes) एक हार्मोन्स से जुड़ी गडबड़ी है, जिसकी वजह से रक्त में शुगर की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। यह बढ़ा हुआ ग्लूकोज़ लेवल आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है। लेकिन इस बीमारी का असर लोगों की सेक्स लाइफ पर भी पड़ता, जिसके बारे में बहुत कम बातें की जाती हैं। डायबिटीज सेक्स लाइफ को कई तरीकों से प्रभावित करती है। यही नहीं यह महिलाओं और पुरूषों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती है। सेक्स लाइफ पर डायबिटीज के साइड-इफेक्ट्स में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
 (erectile dysfunction) से लेकर वजाइनल ड्राईनेस (vaginal dryness) यानि योनि में सूखापन जैसी कई समस्याएं होती हैं।

5 मुख्य  सेक्सुअल प्रॉब्लम्स जो डायबिटीज के मरीजों को अक्सर महसूस होती हैं।



लो सेक्स ड्राइव: डायबिटीज के मरीज़ों में धीरे-धीरे सेक्स की इच्छा खत्म हो जाती है। अगर, किसी व्यक्ति को यह समस्या महसूस हो रही हो तो, उसे अपने ब्लड शुगर लेवल चेक करने चाहिए। सेक्सुअल डिज़ायर की कमी (Lack of Sexual Desire) के साथ ऑर्गैज़्म तक न पहुंचना और संतुष्टि महसूस ना करने जैसी समस्याएं भी डायबिटीज के मरीज़ों में बहुत अधिक देखी जाती हैं।



इरेक्टाइल डिस्फंक्शन : डायबिटीज से पीड़ित आधे से अधिक पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आती है। इसमें, टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज, दोनों के मरीज़ शामिल हैं। दरअसल, पेनिस और जेनाइटल एरिया की तरफ ब्लड सर्कुलेशन कमज़ोर होने और नसों को नुकसान पहुंचने की वजह से लोगों को यह समस्या होती है।



नर्व डैमेज़ (Nerve damage): हाई ब्लड शुगर (High blood sugar levels) की वजह से आपको नर्व डैमेज़ जैसी परेशानी हो सकती हैं। इसकी वजह से सेक्सुअल अराउजल यानि उत्तेजना कम हो जाती है। जिससे, लोगों को सेक्स में दिक्कतें आती हैं।



लो स्पर्म क्वालिटी (Sperm quality):
कुछ स्टडीज़ का दावा है कि डायबिटीज के मरीज़ों में हाई ब्लड शुगर लेवल ना केवल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन बल्कि स्पर्म क्वालिटी से जुड़ी समस्याएं भी पैदा करते हैं। हाई ग्लूकोज़ लेवल की वजह से स्पर्म मोटिलिटी (sperm motility) और सीमेन यानि वीर्य (semen) की क्वालिटी कम हो सकती है। 


योनि में सूखापन: वजाइनल ड्राईनेस (Vaginal dryness) डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में बहुत अधिक होती है। इसके अलावा इन महिलाओं को वजाइना में इंफेक्शन का रिस्क भी बहुत अधिक होता है। कैंडिडाइसिस (candidiasis) यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (urinary tract infection) का रिस्क ऐसी महिलाओं में अधिक होता है जिन्हें डायबिटीज़ की समस्या होती है।






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