शनिवार, 31 अगस्त 2019

यौन रोग: पुरुषों में होने वाली रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन(प्रतिगामी स्खलन) की समस्या:



यौन रोग: पुरुषों में होने वाली रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन(प्रतिगामी स्खलन) की समस्या:

पुरुषों में होने वाली रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन की समस्या एक ऐसी समस्या है जिसमें सेक्स के समय  वीर्य लिंग (पेनिस) से बाहर न निकलकर मूत्राशय में आ जाता है और वीर्य पेशाब के साथ निकलता है
हालांकि, ऐसा होने के बावजूद भी चरमोत्कर्ष का अनुभव होता है।
रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन (प्रतिगामी स्खलन) में सेक्स के समय  वीर्य या तो निकलता नहीं है या बहुत कम ही निकलता है। इस स्थिति को ड्राई ओर्गाज्म भी कहते हैं।
दरअसल सामान्य स्थिति में चरमोत्कर्ष के दौरान पुरुषों में मूत्राशय का द्वार बंद हो जाता है, ताकि वीर्य मूत्राशय में ना जाकर मूत्रमार्ग के रास्ते बाहर निकल जाए।
 रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन की स्थिति में मूत्राशय का द्वार चोट या अन्य किसी कारण पूरी तरह से बंद नहीं हो पाता और वीर्य बाहर जाने की बजाय मूत्राशय में चला जाता है। रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन (प्रतिगामी स्खलन) कहते है

 रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन(प्रतिगामी स्खलन) के रिस्क फैक्टर क्या है: 

रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन हानिकारक नहीं है लेकिन ये पुरुषों में बांझपन की वजह बनता है। रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन की समस्या आम नहीं होती। बहुत ही कम मामलों में ही पुरुषों के साथ ये समस्या होती है। मूत्राशय में वीर्य की उपस्थिति भी हानिकारक नहीं होती है। रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन के उपचार की जरुरत बस पुरुषों में बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है।

 रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन के लक्षण: 

रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन की समस्या आपके लिंग में तनाव होने में बाधा नहीं डालती, ना हीं ये आपको ओर्गाज्म का आनंद लेने से रोकती है। रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन की समस्या में निम्नलिखित लक्षण सामने आते हैं।
  • चरम उत्कर्ष (क्लाइमेक्स) के बाद वीर्य पुरुषो में 1.5 ml से ज्यादा निकलता है परन्तु रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन  में  वीर्य का न निकलना या बहुत कम निकलना।
  • बांझपन।
  • सम्भोग के बाद पेशाब में वीर्य घुला होना।

  रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन के कारण:

रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन के पीछे निम्नलिखित वजहें होती हैं।
  • पुरुषग्रंथि (प्रोस्टेट) या मूत्राशय की सर्जरी।
  • डायबिटीज(मधुमेह)
  • हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप)
  • मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस
  • पेट, पेडू और जननांगों का ऑपरेशन

 परीक्षण:

यह मूत्र विश्लेषण के माध्यम से पता लगाया जा सकता है परीक्षण स्खलन के तुरंत बाद एकत्र मूत्र पर आयोजित किया जाता है. यह इसमें बड़ी मात्रा में शुक्राणु की उपस्थिति प्रकट करेगा

 रोकथाम:

चीनी स्तर डायबिटीज (मधुमेह) को नियंत्रण में रखने और जांचने के लिए सलाह दी जाती है ऐसी दवाओं से बचें, जो इस स्थिति को दुष्प्रभाव के रूप में ले जा सकते हैं

  जटिलतायें :

यह एक घातक स्थिति नहीं है लेकिन इससे आपके जीवन में अवांछित जटिलताओं का कारण  बन जाएगा आपको बांझपन और तनाव का सामना करना पड़ेगायह आपके वैवाहिक संबंध और यौन जीवन को काफी हद तक बाधित कर देगा
   

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शनिवार, 24 अगस्त 2019

सेक्स और गर्भनिरोध के कुछ खतरनाक मिथक (भ्रान्ति) और सावधानिया :


सेक्स और गर्भनिरोध के कुछ खतरनाक मिथक (भ्रान्ति) और सावधानिया :

पहला मिथक (भ्रान्ति)  

पहली बार इंटरकोर्स से  स्त्री प्रेग्नेंट नहीं हो सकती है:
यह बात बिल्कुल गलत है। 
एक स्त्री के गर्भवती  होने के चांसेज कुछ विशेष परिस्थितियों के अलावा हमेशा एक जैसे ही होते है  मेडिकल साइंस का मानना है की ओव्युलेसन की प्रोसेस की शुरुआत के बाद यदि इंटरकोर्स हो तो स्त्री प्रेग्नेंट हो सकती है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की इन्टरकोर्स पहली बार हुआ है की नहीं, अगर आप को कोई सलाह दे की पहली बार में चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है और आप सेफ है तो ये बात गलत है साथ ही ये भी जान लीजिये प्रेगनेंसी की कोई उम्र नहीं होती है समय के साथ इसकी सम्भावना कम या ज्यादा हो सकती है, लेकिन किसी उम्र को निर्धारित लिमिट कहना गलत होगा. मेडिकल साइंस में इस भ्रान्ति को पूरी तरह नकार दिया जाता है और सलाह दी जाती है की यदि बच्चा नहीं चाहिए तो गर्भ निरोधक के विभिन्न तरीको के बारे में विशेषज्ञ से परामर्श करें। 

दूसरा मिथक  (भ्रान्ति)  

इंटरकोर्स के फ़ौरन बाद नहाने या पेशाब (यूरिन ) करने से गर्भ नहीं होता। 
सच्चाई इस भ्रान्ति से बिलकुल उलट है। 
सेक्स के बाद पेशाब (यूरिन ) करने  या नहाने का एग फर्टीलाइजेशन से कोई सम्बन्ध नहीं है एग फर्टीलाइजेशन के लिए केवल एक स्पर्म की जरुरत होती है . इंटरकोर्स के दौरान कभी भी एग फर्टीलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है आज के समय में कुछ स्प्रे भी आने लगे है जिनके लिए दावा किया जाता है की उन्हें छिड़कने से प्रेग्नेंसी नहीं होती ये सभी बाते गलत है ऐसे स्प्रे प्रभावी नहीं होते साथ ही इस तरह के प्रोडक्ट को प्रयोग करने के पहले किसी योग्य यौन विशेषज्ञ या गायनिकोलाजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। 

 तीसरा मिथक  (भ्रान्ति)  

यदि पुरुष योनि (वजाइना) के बाहर स्खलन करे तो गर्भ नहीं ठहरता:
यह मिथक लम्बे समय से अक्सर सुना – सुनाया जाता रहा है लेकिन मेडिकल साइंस इसे पूरी तरह नकारती है
 इस तरीके को विड्राल कहा जाता है , लेकिन  प्रेग्नेसी रोकने के लिए यह भरोसे मंद तरकीब नहीं है
सेक्सुअल इंटरकोर्स  के दौरान उत्तेजित होने के बाद पुरुष शीघ्र स्खलित हो जाते है . प्री –इजैकुलेट फ्लुइड में 300000 स्पर्म हो सकते है, ऐसे में विड्राल का का यह तरीका बहुत कारगर नहीं माना जाता है यही नहीं योनि (वजाइना) के आस पास सीमेन का प्रवाह भी गर्भ ठहरने के लिहाज से काफी जोखिम भरा हो सकता है। 

चौथा मिथक (भ्रान्ति)     

मासिक धर्म (पीरियड्स) के समय सेक्स में गर्भ नहीं ठहरता :
स्त्री के मासिक धर्म (पीरियड्स) के समय सेक्स में प्रेग्नेंसी नहीं होती काफी लोग इस भ्रान्ति में यकींन करते है लेकिन मेडिकल साइंस इसे पूरी तरह नकारती है स्त्री मासिक धर्म (पीरियड्स) के किसी भी स्टेज में गर्भवती हो सकती है. पीरियड्स होने का मतलब ओव्युलेसन का प्रोसेस नहीं चल रहा है लेकिन जिन महिलाओं को छोटे या अनियमित मासिक धर्म की शिकायत होती है, उनमे पीरियड्स के दौरान भी ओव्युलेसन हो सकता है .
इसके अलावा एक स्त्री के शरीर में स्पर्म पांच दिन तक जीवित रह  सकते है . इसलिए अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद 5 दिनों में अगर ओव्युलेसन होता है तो प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़  जाती है .पीरिएड्स के दौरान सेक्स से बचना चाहिए, इस समय इन्फेक्शन का खतरा बड जाता है।   

पांचवा मिथक (भ्रान्ति)   

गर्भ निरोधक गोलिओ से कैंसर का खतरा होता है :
ऐसा भ्रम है की महिलाओ द्वारा ली जाने वाली गर्भ निरोधक गोलिओं से कैंसर का खतरा हो सकता है लेकिन इस  बात में अभी तक कोई अधिकारिक तथ्य सामने नहीं आया है विभिन्न रिसर्ज में इसके विपरीत तथ्य सामने आये है एक रिसर्च में पिल्स का प्रयोग करने वाली स्त्रियों में कैंसर विकसित होने की सम्भावना एक तिहाई तक कम हो जाती है। 

छठा मिथक (भ्रान्ति)    

टाईट कोंडम पहन कर सेक्स करना सेफ होता है:
यह एक अजीब सी धारणा है की टाईट कोंडम  पहन कर सेक्स करना सेफ होता है परन्तु यह सत्य नहीं है ज्यादा टाईट कोंडम  पहन कर सेक्स करने से कोंडम फटने की संभावना ज्यादा होती है
कोंडम एक प्रमुख गर्भ निरोधक माना जाता है लेकिन ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोंडम का गर्भ निरोधक के रूप में असफलता की दर 5 प्रतिशत है।   

   

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शनिवार, 17 अगस्त 2019

पुरुषो से चरम आनंद की प्राप्ति के लिए महिलाये उन हसीन लम्हों में अपनाये ये टिप्स-


पुरुषो से चरम आनंद (ऑर्गज़्म ) की प्राप्ति के लिए महिलाये उन हसीन लम्हों में अपनाये ये  टिप्स-

अक्सर महिलाएं पुरुषों को लेकर सेक्स के दौरान कई तरह की अपेक्षाये रखती है पर अपनी ओर से कुछ बातें नज़रंदाज कर जाती हैं जो कहीं ना कहीं स्त्री सुख से भी जुड़ता है। सेक्स के दौरान महिलाओ को पुरुषों की अपेक्षाओ का भी  ख्याल रखना चाहियें।

यौन संबंध बनाते समय  यह बहुत जरूरी है कि इस बात का विरोष ध्यान रखा जाए कि आपके साथी की पंसद नापंसद क्या है। एक अध्ययन के अनुसार खासकर पुरूषों में यौन-संबधो को लेकर खास पसंद-नापसंद होती हैं।

1- सबसे महत्वपूर्ण बात जो पुरूषो को बिल्कुल नापसंद है, वह है कि कुछ महिलाए सेक्स के दौरान कुछ नही करती है, बस एक मृत शरीर की तरह लेट जाती है इस उम्मीद के साथ कि उनका साथी ही सब कुछ करेगा।
महिलाओं को चाहिए कि अपने साथी को इस बात का एहसास दिलाए कि आप भी उस समय सेक्स का भरपूर मजा ले रही है। इसलिए महिलाओं को पुरूषों के सर से शुरूआत कर पैर तक अपनी सुहानी अदाओं से आर्कषित करना चाहिए।

2- पुरुषों को उत्तेजित करने के लिए महिलाएं उनके होठों पर किस करें. किस करने के भी कई तरीके होते हैं, इसके लिए महिलाओं को साथी पुरुष के होठों पर हल्के से किस करते हुए अपने होठों को उनके होठों पर थोड़ी देर तक रखना होगा. किस करने से शरीर में कई तरह के बदलाव होना शुरू हो जाते हैं. किस करने से शरीर के अंदर ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन स्त्रावित होने लगता है. इस हार्मोन को प्यार की भावना को जागृत करने वाला हार्मोन कहा जाता है

3- लगभग सभी महिलाएं इस बात से सहमत है कि उन्हें अपने शरीर पर चुंबन पसंद है ठीक वैसा ही पुरूषों के साथ है वह भी आपके द्वारा अपने शरीर पर किए गए चुंबन व आंलिगन से पागल हो जाते है इसलिए चुंबन व आंलिगनो के इस सिलसिले को लगातार बरकरार रखना चाहिए।

 4- महिलाओं की तरह ही कान पुरुषों में भी उत्तेजना बढ़ाने वाला अंग माना जाता है. पुरुषों के संवेदनशील अंग पर चर्चा की जाए तो कान उत्तेजना को बढ़ाने वाला अंग कहा जा सकता है, कान से मस्तिष्क तक कई नसें गुजरती है इन नसों से ही मस्तिष्क तक उत्तेजना के संकेत पहुंचते हैं

5- कुछ पुराने जमाने की महिलाओं को अब भी लगता है कि बिस्तर पर सेक्स की सारी जिम्मेदारी सिर्फ पुरूष की ही होती है, जो कि बिलकुल गलत है, आपको भी अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने साथी को यह एहसास दिलाना चाहिए कि आप सेक्स चाहती है साथ ही यह भी बतायें कि आपके साथी पुरूष को आपके साथ क्या करना चाहिए।

6-  जैसे हर महिला चाहती है कि पुरूष उसके साथ ब़डी नाजुकता के साथ पेश ऑंए, उसी प्रकार पुरूषों को भी अपने साथ नाजुकता पसंद है। पुरूषों का शरीर भी बहुत नाजुक होता है जो आपके सुहाने स्पर्श से यौन संबंध बनाने के लिए जल्द ही तैयार हो जाता है। इसलिए महिलाओं को सेक्स के दौरान अपने पुरूष साथी को बहुत नाजुकता के साथ भरपूर आनंद देने की कोशिश करनी चाहिए।

7-अगर आप स्वंय सेक्स के सुख का अनुभव करना चाहती है तो अपने साथी को भी इसका सुखद अनुभव देना न भूलें। कई बार पुरूष इस विचार में उलझे रहते है कि हमबिस्तर होते वक्त उनकी महिला साथी को उनके द्वारा की गई क्रिया-प्रतिकियाओ का कोई अहसास हो रहा है की नहीं।

8- कई बार पुरूष ये समझ नही पाते कि उनके द्वारा यौन संबंध बनाते वक्त आपको दिए जाने वाला अनुभव आप पसंद भी कर रही है या नहीं, इसलिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में किसी भी प्रकार की शर्म महसूस न करे, कुछ खुशनुमा चीखें व आवाजें निकालते रहें क्योंकि यही वो सबसे अच्छा तरीका है अपने साथी को बताने का कि आप उसके द्वारा कि जाने वाली हरकतो से सुखद अनुभव कर ही हैं।

9- क्या आपको लगता है आपका यौन-जीवन थोडा उबाऊ हो रहा है तो इसमें कुछ नयापन लाइए अपने साथी को आर्कषित करने के लिए कुछ उत्तेजनक वस्त्र धारण करने में शर्म महसूस मत करिए



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शनिवार, 10 अगस्त 2019

सेक्स के मिथक (भ्रांतिया ) और निवारण



सेक्स के मिथक (भ्रांतिया ) और निवारण -


क्या अंडरवियर आपकी फर्टीलिटी प्रभावित को कर सकता है 
पुरुषों में फर्टीलिटी को प्रभावित करने के कई कारण हो सकते हैं। आपके अंडरवियर का प्रकार भी इनमें से एक हो सकता है। अगर आपका अंडरवियर टाइट है तो इससे आपकी फर्टीलिटी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पुरुषों में इनफर्टीलिटी की परेशानी आम होती है लेकिन बहुत सारे लोग इस परेशानी के बारे में ज्यादा जागरुक नहीं होते हैं। तनाव और अस्वस्थ आदतें जैसी कई चीजें है जो पुरुषों में फर्टीलिटी की परेशानी को बढ़ा देती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अंडरवियर पहनने का तरीका और इससे जुड़ी गलतियां भी पुरुषों की फर्टीलिटी के लिए हानिकारक हो सकती हैं। आपके अंडकोश का तापमान आपके स्पर्म के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव डालता है। अधिक तापमान आपके स्पर्म गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए वो व्यक्ति जो टाइट अंडरवियर पहनना पसंद करते हैं उनके स्पर्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शरीर का तापमान अंडकोश के प्राकृतिक तापमान से अधिक होता है। अगर अंडकोश अधिक गर्म हो तो इसका आपके स्पर्म के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। साथ ही यह वायु के संचारण को भी कम करते है जिससे आपके अंडकोष का तापमान और बढ़ने लगता है।
तापमान स्पर्म क्वालिटी को कैसे प्रभावित करता है
 आपके शरीर के तापमान और आपके शरीर में स्पर्म की संख्या के बीच एक संबंध होता है। जब अंडकोश गर्मी के संपर्क में आता है तो इन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके कारण शुक्राणुओं की संख्या कम होने लगती है जो कि पुरुषो में फर्टीलिटी कम होने का प्रमुख कारण है।

इस समस्या का समाधान कैसे करें
इस समस्या को सही करने का तरीका यह है कि इसे जड़ से खत्म कर दिया जाए। आपको हमेशा ऐसा अंडरवियर पहनना चाहिए जो आपके अंडकोश को पर्याप्त स्थान दे। यह आपकी जींस और पैंट पर भी लागू होता है। बहुत ज्यादा टाइट जींस और अंडरवियर पहनना भी शुक्राणुओं की संख्या को कम कर देता है। इसलिए कोशिश करें कि जब आप सो रहें हो तो नग्न होकर सोएं जो कि प्राकृतिक रुप से आपकी फर्टीलिटी को स्वस्थ रखता है। 

क्या शीघ्र पतन पिता बनने में बाधक है
 संभोग के दौरान यदि किसी व्यक्ति का वीर्य उसकी अपेक्षा से जल्दी निकल जाता है तो इस स्थिति को शीघ्रपतन कहते हैं, लेकिन उस वीर्य में शुक्राणुओं की वही मात्रा रहती है जो देर से निकलने वाले वीर्य में होती है। अत: शीघ्र पतन की समस्या पिता बनने में बाधक नहीं है। अत: आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हां, शीघ्र पतन के कारण आपकी पत्नी को आप संतुष्ट नहीं कर पाते होंगे, अत: इस समस्या का किसी योग्य चि‍कित्सक से इलाज करवाएं।

क्या 'डीप माउथ किस' से कोई नुकसान है
'डीप माउथ किस' में दोनों पार्टनरों के होठ मिलने के साथ ही जीभ का अंदर जाना भी जरूरी है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि दोनों व्यक्तियों के मुंह स्वच्छ होने चाहिए। किसी तरह का संक्रमण नहीं होना चाहिए। यदि दोनों पार्टनर स्वच्छ और स्वस्थ हैं तो आप डीप किस का मजा ले सकते हैं।
हां, यह अवश्य ध्यान रखें कि यदि आपके मुंह में किसी तरह की कोई संक्रामक बीमारी है तो आप डीप किस से बचें क्योंकि ऐसे में आपका प्यार (डीप किस) आपके पार्टनर को नुकसान पहुंचा सकता है।

पेशाब के समय मेरे लिंग में से वीर्य जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलता है इससे शरीर को किसी तरह का नुकसान हो सकता है
पेशाब के वक्त कुछ चिपचिपा पदार्थ निकलना जिस आमतौर पर धातु जाना कहते हैं, यह पदार्थ पेशाब की नली को चिकना बनाने वाली ग्रंथियों का स्राव होता। इसमें न तो शुक्राणु होते हैं और न ही इससे शरीर में दुर्बलता आती है। अत: इससे आपको चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। 

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धात रोग की समस्या और इसका आयुर्वेदिक समाधान

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