गुरुवार, 28 दिसंबर 2023

चालीस के बाद सेक्शुअल हेल्थ को कैसे रक्खे सही


चालीस के बाद सेक्शुअल हेल्थ को कैसे रक्खे सही

 
उम्र बढ़ने पर कपल्स के मन में कई तरह की शंकाएं और बीमारिया बढ़ने लगती हैं। इसकी वजह से उनकी सेक्स लाइफ खराब होने लगती है। खासतौर पर 40 के बाद कपल्स के बीच इस तरह की परेशानियां कॉमन हैं। उनकी लाइफ में धीरे-धीरे सेक्सुअल एक्टिविटी खत्म होने लगती है। अपने शरीर को फिट रखिए। 40 के बाद बहुत सी बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल आदि का खतरा बढ़ जाता है। ये बीमारियां आपकी सेक्शुअल परफॉरमेंस को भी घटाती हैं। इसलिए योग, एक्सरसाइज, जॉगिंग, जुम्बा, कुछ भी करिए लेकिन अपने शरीर का ध्यान रखिए। ऐसे में आपको 40 के बाद सेक्सुअली एक्टिव रहना बहुत ही जरूरी है।
 

40 के बाद सेक्स क्यों है जरूरी

 
कुछ रिसर्च के अनुसार, जो कपल्स को सप्ताह में कम से कम 3 बार सेक्स करते हैं, उनके नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। साथ ही इससे उनका मानसिक तनाव भी कम होता है। वहीं, इससे महिलाओं में मेनोपॉज के बाद होने वाली ड्राईनेस, दर्द इत्यादि को कम किया जा सकता है। ध्यान रखें कि 40 के बाद सेक्सुअली एक्टिव रहने का मतलब सिर्फ इंटीमेसी नहीं होता है, बल्कि आप एक-दूसरे के प्यार से गले लगाएं और किस करें, तो यह भी आपके लिए काफी है।
 

संवाद को न दें ब्रेक


40 के बाद आपके बीच का कम्यूनिकेशन नहीं टूटना चाहिए। कपल्स को हमेशा एक-दूसरे के साथ खुलकर बातचीत करते रहना चाहिए। इससे न सिर्फ आप एक-दूसरे की समस्याओं का हल कर सकते हैं, बल्कि इससे सेक्सुअली एक्टिव रहने में भी मदद मिलती है। साथ ही यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए भी जरूरी है।

बीमारियों को न आने से सेक्सुअल हेल्थ के बीच


कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो कपल्स सेक्स लाइफ को 80 से 90 साल तक एक्टिव रख सकते हैं। इसमें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है, लेकिन कई बार बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों की वजह से सेक्सुअल लाइफ खराब होने लगता है। ऐसे में आपको अपने लाइफस्टाइल और हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। 
अपने शरीर को फिट रखिए। 40 के बाद बहुत सी बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल आदि का खतरा बढ़ जाता है। ये बीमारियां आपकी सेक्शुअल परफॉरमेंस को भी घटाती हैं। इसलिए योग, एक्सरसाइज, जॉगिंग, जुम्बा, कुछ भी करिए लेकिन अपने शरीर का ध्यान रखिए। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली बीमारियों की समय-समय पर जांच कराते रहें। साथ ही समय पर अपनी दवाएं लें। इससे आपको सेक्सुअली एक्टिव रहने में काफी हद तक मदद मिलेगी।


रोजाना करें एक्सरसाइज


एक्सरसाइज हर एक वर्ग के लिए जरूरी होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रहे तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। उम्र बढ़ने पर एक्सरसाइज को इग्नोन न करें। अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे सेक्सुअली एक्टिव रहने में मदद मिलेगी। दरअसल, एक्सरसाइज करने से सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान होने वाली परेशानी जैसे- कमर दर्द, पीठ दर्द की परेशानियों से राहत मिल सकता है। वहीं, एक्सरसाइज से ब्रेन का वर्कआउट भी बेहतर होगा, जो आपके मूड को अच्छा करता है। इससे आपके सेक्स लाइफ बेहतर होगी।

सेक्स लाइफ में ट्राई करें कुछ नया


कई बार कपल्स सोचते हैं कि अब उम्र हो चुका है, तो इन सब की कुछ जरूरत नहीं है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि युवा या फिर वयस्क ही सेक्स लाइफ के दौरान नई-नई चीजों को ट्राई करें। आप अपनी बढ़ती उम्र के साथ भी सेक्सुअल एक्टिविटी को बेहतर करने के लिए कुछ नया कर सकते हैं। इससे आपका सेक्स लाइफ काफी अच्छा होगा।
बढ़ती उम्र के साथ सेक्सुअल लाइफ को बेहतर करने के लिए आप इन आसान से उपायों का सहारा ले सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी सेक्स लाइफ की परेशानियां बढ़ रही हैं तो इस स्थिति में एक्सपर्ट से सलाह लें।

हेल्दी भोजन करें


मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए आपको संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए क्योंकि ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। इसके अलावा सभी प्रकार के मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करें। मर्दाना ताकत को कमजोर करने वाले फूड्स जैसे प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से दूरी बनाना ही सही होगा।



बुधवार, 29 नवंबर 2023

आयुर्वेद में वाजीकरण थेरेपी

                         



                                                                          

आयुर्वेद में वाजीकरण थेरेपी क्या है?

 

वाजीकरण थेरेपी


वजीकरण थेरेपी, आयुर्वेद को जानने वाले इस्तेमाल करते हैं। इसके जरिये शरीर में असंतुलित चीजों को संतुलन में लाकर ऊर्जा और शक्ति का संचार किया जाता है। ये थेरेपी लोगों में एंग्जायटी को कम कर के सेक्स ड्राइव को बढ़ाने का काम करती है और प्रजनन यानी रिप्रोडक्शन के हॉर्मोन को भी बढ़ाती है।

वाजीकरण


वाजीकरण आयुर्वेद की वो शाखा है जो सीधे-सीधे आपके यौन स्वास्थ्य पर आधारित है | वाजीकरण विषय स्वस्थ एवं सुदृढ़ काया, कामोत्तेजना, पौरुष शक्ति, शीघ्रपतन, स्तम्भन दोष एवं संतान प्राप्ति से सम्बंधित है |
    मह्रिषी चरक के अनुसार यौन स्वस्थता के लिए उचित खान पान, सही दिनचर्या एवं अच्छी नींद बहुत जरुरी है |

स्वस्थ एवं सुखी जीवन के तीन मुख्य आधार हैं 

· शुद्ध एवं संतुलित आहार |

· अच्छी नींद |

· स्वस्थ यौन संबंधो से भरा वैवाहिक जीवन |

यह तीनों आधार एक दुसरे से इतने जुड़े हैं कि किसी एक में कमी होने से बाकि दोनों भी प्रभावित होते हैं, एवं व्यक्ति मानसिक एवं शारीरिक असंतुष्टि महसूस करता है

आयुर्वेदानुसार किसी व्यक्ति की यौन क्षमता को चार भागो में विभाजित किया गया है 

1. चटक (Sparrow) :- इस प्रकृति का व्यक्ति कम समय तक सहवास कर पाता है एवं वीर्य की मात्रा भी कम होती है |

2. गज (Elephant) :- इस प्रकृति का व्यक्ति बहुत अधिक समयांतराल में यौन सम्बन्ध बनाता है | वीर्य स्खलन की मात्रा बहुत अधिक होती है |

3. वरुषा(Bull) :- इस प्रकृति का व्यक्ति अधिक मात्रा में वीर्य के साथ नियमित एवं अधिक समय तक सहवास की क्षमता |

4. अश्व (Horse) :- इस प्रकृति का व्यक्ति यौन शक्ति का प्रतिक माना जाता है, अच्छी स्तम्भन शक्ति एवं यौन क्षमता से भरपूर होता है |

घोड़े एवं बैल जैसी यौन शक्ति प्राप्त करने के लिए वाजीकरण में बताये गए योगो (दवाओं), खान-पान एवं दिनचर्या का कड़ाई से पालन करना बहुत आवश्यक है |
    वाजीकरण में बताये गए उपायों का उपयोग करके व्यक्ति 8 साल के घोड़े जैसी अच्छी काया, सामर्थ्य, कामोत्तेजना एवं यौन शक्ति प्राप्त कर सकता है | चरक संहिता के अनुसार यौन संतुष्टि, सुख की प्राप्ति एवं संतानोत्पति के लिए वाजीकरण का सहारा लेना चाहिए | वाजीकरण का प्रमुख लक्ष्य स्वस्थ मैथुन एवं प्रजनन क्षमता विकसित करना है | इसकी सहयता से व्यक्ति महिला के साथ घोड़े जैसी शक्ति से सम्भोग कर सकता है |

वाजीकरण में त्रिदोष एवं सप्त धातु के असंतुलन का प्रभाव 


आयुर्वेदानुसार मनुष्य ब्रह्माण्ड का एक अभिन्न अंग है | हमारा शरीर ब्रह्माण्ड का एक अंश है | त्रिदोष (वात, पित्त एवं कफ) व्यक्ति की प्रकृति को दर्शाते हैं | इन तीनों दोषों में असंतुलन हो जाये तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है |

· वात :- धरती एवं हवा (Earth + Air)

· पित्त :- अग्नि एवं पानी (Fire + Water)

· कफ :- पानी एवं अग्नि (Water + Fire)

ख़राब दिनचर्या, अनुचित खान-पान एवं खाद्य पदार्थो का अनुचित संगम त्रिदोष असंतुलन का मुख्य कारण है | इससे व्यक्ति का स्वास्थय एवं यौन शक्ति प्रभावित होती है |

इसके साथ ही आयुर्वेद में सप्त धातु का वर्णन है | ये धातुएं एक नियमित संतुलन में शरीर में मौजूद होती है | इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी या असंतुलन बीमारियों का कारण बनता है | ये धातुएं हैं :-

· रस (Plazma)

· रक्त (Blood)

· स्नायु (Muscle)

· वसा (Fat)

· अस्थि (Bone)

· मज्जा (Bone Marrow)

· शुक्र (Reproductive liquid)
 

वाजीकरण अपनाकर पायें घोड़े जैसी अपार यौन शक्ति 


संस्कृत में वाजी का अर्थ है घोड़ा, वाजीकरण यानि घोड़े जैसे ताक़त एवं यौन शक्ति प्राप्त करना | आयुर्वेद की इस शाखा में उन सभी उपायों एवं उपचारों का उल्लेख है जिनका उपयोग करके व्यक्ति अपार यौन सामर्थ्य एवं बल प्राप्त कर सकता है | इस विषय में ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों एवं रसायनों की जानकारी दी गयी है जो शीघ्रपतन, यौन दुर्बलता, धात की कमी, शुक्राणु की कमी, स्तम्भन दोष एवं कामोत्तेजना में कमी जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने का सामर्थ्य रखती हैं |

लेकिन इनका पुर्णतः लाभ तभी मिल पाता है जब आप स्वस्थ जीवनशैली, उचित खान-पान एवं परहेज अपनाते हैं | इसलिए वाजीकरण द्रव्यों का इस्तेमाल करने के साथ अपनी जीवनशैली में बदलाव करना भी जरुरी है |

बाजार में मिलने वाले बहुत से वाजीकरण रसायन एवं दवाइयां इसलिए अपेक्षित लाभ नहीं करती क्योंकि या तो उनमे मिलावट होती है, या फिर आप उपयुक्त आहार एवं जीवनशैली नहीं अपना रहें है |

वाजीकरण में 100 से भी ज्यादा रसायनों एवं दवाओं का वर्णन है जो कामशक्ति बढाने के लिए बेहद लाभदायी हैं | यहाँ पर हम आपको वाजीकरण में वर्णित सबसे प्रभावशाली रसायनों एवं दवाओं के बारे में बतायेंगे | अगर ये रसायन आप को शुद्ध एवं मिलावट रहित मिल जाए तो आप अपनी यौन कमजोरियों को बड़ी आसानी से दूर कर सकते हैं |


1.वृहनी गुटिका (VRIHANI GUTIKA)


यह सबसे शक्तिशाली वाजीकरण रसायन है | वाजीकरण रसायन विशेष श्रेणी के रसायन होते हैं | ये हमारे मस्तिष्क एवं शरीर पर इस तरह से असर करते हैं की कामशक्ति एवं प्रजनन क्षमता दोनों में वृधि होती है | इनके सेवन से मानसिक तनाव एवं शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है | वृहनी गुटिका सबसे ताक़तवर रसायन है, आइये जानते हैं इसके बारे में :-

वृहनी (Vrihani) गुटिका घटक द्रव्य 

· शारा जड़ (Roots of Saccharum Munja), इक्षु जड़ (Roots of Saccharum officinarium)

· कांदेक्शु (Asteracantha longifolia), इक्शुवालिका (Hygrophila spinosa)

· शतावरी (Asperagusracemosus), पयास्य (Holostemmarheedianum)

· विदारीकन्द (Diascoreabulbifera), काँटाकरिका (Solanum indicum)

· जीवंती (Leptadonia reticulata), जीवक (substitute Pueraria tuberosa)

· मेदा (substitute Asparagus racemosus), ग्वारपाठा (Aloe Vera)

· रिश्भाक (substitute Pueraria tuberosa), बला (Sida cordifolia)

· रिद्धि (substitute Diascoreabulbifera), गोक्षुर (Tribulus terrestris)

· रसना (Pluchea lanceolata), कपिकच्छु (Mucuna pruriens)

· पुनर्नवा (Boerhaaviadiffusa), घी (clarified butter)

· दूध (Milk), वंशलोचन (Bambusaerandinacia), पिप्पली (Piper longum)

· मरीच (Piper nigram), त्वक (Cinnamomum zeyliicum)

· एला (Ellataria cardamomum), नागकेसर (Nagkesar)

· शहद (Honey)

 
वृहनी गुटिका के फायदे एवं लाभ (Benefits of VrihaniGutika)


यह अद्भुद रसायन निम्न रोगों को जड़ से उखाड़ फेंकने का सामर्थ्य रखता है

· स्तम्भन दोष (Erectile Dysfunction)

· स्वपन दोष (Nightfall)

· वीर्य का पतलापन (watery Sperm)

· शीघ्रपतन (Pre-mature ejaculation)

· कामोत्तेजना की कमी (sexual desire)

 

2. वाजीकरण घृतं (Vajikaran Ghritam)


ये भी बहुत गुणकारी औषधि है | यह वाजीकरण रसायन मुख्यतः व्यक्ति के जननांग (Penis) की ताक़त बढाता है | इसमें निम्न घटक द्रव्यों का उपयोग होता है :-

· उड़द, कपिकच्छु, जीवक, रिश्भक, ग्वारपाठा

· मेदा, रिद्धि, शतावरी, मधुक, अश्वगंधा

· विदारीकन्द एवं इक्षु जूस

· शहद, वंशलोचन, शक्कर, पिप्पली

इस औषधि को रोजाना उपयोग करने से स्तम्भन दोष जड़ से ख़त्म हो जाता है | इसके साथ ही यह अन्य यौन कमजोरियों में भी फायदा पहुंचता है |
 

3. कामसुधा योग (Kamsudha Yog)


यह वर्त्तमान समय में यौन कमजोरियों के लिए सबसे गुणकारी एवं विश्वसनीय रसायन है | कामसुधा योग 20 से भी अधिक वाजीकरण द्रव्यों एवं खनिजों का अद्भुद योग है | यह सभी प्रकार की यौन समस्यों एवं शारीरिक क्षमता बढाने के लिए बहुत उपयोगी है |
सबसे अच्छी बात ये है की इसमें औषधियों को उनके सामान्य रूप में नहीं लेके उनका एक्सट्रेक्ट (सार द्रव्य) उपयोग में लिया जाता है | इस कारण यह सुरक्षित एवं प्रभावी वाजीकरण रसायनों में से एक है |

कामसुधा योग के फायदे 

· शीघ्रस्खलन या शीघ्रपतन को जड़ से खत्म कर देता है |

· स्तम्भन में वृद्धि करता है |

· कामोत्तेजना का संचार करता है |

· आंशिक एवं पूर्ण नपुंसकता में लाभदायी है |

· वीर्य को गाढ़ा करता है |

· शुक्राणुओं की कमी को दूर करता है |
 

4. मेदादी योग (Medadi Yog)


यह वृद्धों में कामोत्तेजना बढाने एवं यौन शक्ति का संचार करने के लिए सबसे उपयुक्त वाजीकरण दवा है | उम्र बढने के साथ साथ व्यक्ति अपनी कामशक्ति में भी कमी का एहसास करता है | मेदादी योग का सेवन करने से वृद्ध भी पुनः नवयुवको वाला जोश एवं कामशक्ति प्राप्त कर सकते हैं | आइये जानते हैं इसके घटक द्रव्य :-

· मेदा ( Asparagus racemosus)

· पयस्या (Holostemmarheedianum),

· जीवंती(Leptadonia reticulata)

· विदारीकन्द (Pueraria tuberosa)

· कंटकारी (Solanum xanthocarpum)

· गोक्षुर (Tribulus terrestris)

· उड़द (Black gram)

· गेंहू (wheat)

· चावल (Shali rice)










शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2023

फ्लूइड बान्डिंग क्या है और क्या है इसके रिस्क फैक्टर -डॉ0 बी0 के0 कश्यप (Psycho sexologist )




                                     


फ्लूइड बान्डिंग क्या है और क्या है  इसके रिस्क फैक्टर -डॉ0 बी0 के0 कश्यप (Psycho sexologist )


सेक्स के दौरान व्यक्ति कई तरह की सावधानियां बरतना भूल जाता है, तो ऐसे में अनचाहा गर्भ ठहरना, सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज आदि होने का जोखिम बढ़ जाता है। 
    कुछ लोग सेक्स के दौरान बॉडी का तरल पदार्थ एक-दूसरे के साथ आदान प्रदान करते हैं। जिसमें सीमन, लार, ब्लड और इजैकुलेट भी शामिल है। इस तरह के बॉन्डिंग को फ्लूइड बॉन्डिंग कहते हैं।
    सेफ सेक्स के दौरान कॉन्डम, डेंटल डैम आदि का इस्तेमाल बैरियर की तरह काम करता है। जिससे कई तरह की सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से रोकथाम होती है।


फ्लूइड बॉन्डिंग लोग क्यों करते हैं?

फ्लूइड बॉन्डिंग में बहुत सारे लोगों का मानना है कि बैरियर मेथेड से वो अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय नहीं कर पाता है, लेकिन जो लोग फ्लूइड एक्सचेंज करते हैं, वे लोग सिर्फ एक व्यक्ति के साथ कमिटेड रहते हैं। ऐसे लोगों में अगर फ्लूइड बॉन्डिंग होती है तो वे काफी आत्मविश्वास के साथ एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप का आनंद लेते हैं, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है कि फ्लूइड एक्सचेंज से कोई खास भावनात्मक जुड़ाव होता है।


क्या बॉडी फ्लूइड ट्रांसफर से इमोशनल बॉन्डिंग बढ़ती है?

कुछ कपल्स का मानना है कि बॉडी फ्लूइड ट्रांसफर करने से हमारे बीच में इमोशनल बॉन्डिंग बढ़ती है। उनका ये भी मानना है कि ऐसा करने से उनके रिश्ते को एक नई दिशा मिलती है। बॉडी फ्लूइड ट्रांसफर करने से डीपर फिजिकल कनेक्शन का एहसास होता है। लेकिन फिर भी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन होने का जोखिम तो होता ही है।

फ्लूइड बॉन्डिंग बहुत सारे लोग एक से अधिक लोगों के साथ भी करते हैं। इससे यौन संचारित रोग फैलते हैं, लेकिन ऐसा करने के पीछे उनकी साइकोलॉजी जिम्मेदार होती है। ऐसा करने से उन्हें लगता है कि उन्होंने सेक्स के सभी स्टेप्स को बिना किसी बैरियर के कम्प्लीट किया है।

क्या सभी प्रकार के असुरक्षित यौन संबंध फ्लूइड बॉन्डिंग है?

असुरक्षित यौन संबंध का मतलब होता है कि बिना किसी बैरियर के पार्टनर के साथ सेक्स करना, लेकिन फ्लूइड बॉन्ड सभी तरह के अनसेफ सेक्स में नहीं होता है। फ्लूइड बॉन्ड कपल जानबूझ कर बनाते हैं। वहीं, कई बार सेफ सेक्स होने के बावजूद कॉन्डम फटने के कारण जो फ्लूइड ट्रांसफर होता है, उसे फ्लूइड बॉन्ड नहीं कहते हैं। वहीं विथड्रा सेक्स मेथेड को अपनाने के बाद भी फ्लूइड ट्रांसफर नहीं होता है, लेकिन ये एक असुरक्षित सेक्स ही माना जाएगा।

 
फ्लूइड बॉन्डिंग कितनी सुरक्षित है?

सभी सेक्शुअल एक्टिविटीज जोखिम भरी होती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि रिलेशनशिप में बैरियर का इस्तेमाल करने से बर्थ कंट्रोल होता है। अगर आप एक ही पार्टनर के साथ इस तरह की बॉन्डिंग का फैसला करते हैं, तो कुछ ऐसी चीजें हैं जो आपके रिस्क को कम कर सकती हैं :


अपने साथी के लिए ईमानदार बनें

अपने पार्टनर के लिए ईमानदार बनें। इसके लिए आपको "पहले और वर्तमान" में किसी और के साथ रिलेशनशिप में नहीं रहना चाहिए। ये विश्वास आपके और आपके रिश्ते के लिए अच्छा होता है।
 
अपनी जांच कराएं

क्या आपको कोई सेक्सुअल डिजीज है? अगर नहीं पता है तो जरूर अपनी जांच कराएं। बेसिक स्क्रीनिंग कराने से सभी तरह की सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का पता नहीं चलता है। इसलिए अपनी सेक्शुअल हिस्ट्री के बारे में डॉक्टर से जरूर बात कर लें। क्योंकि अगर आप ओरल सेक्स करते हैं तो आपको मुंह की भी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको अपने मुंह से लेकर गले तक की जांच करानी पड़ सकती है।


कुछ बैरियर का इस्तेमाल जरूर करें

सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन आसानी से ना फैलें इसलिए आपको थोड़े बैरियर इस्तेमाल करने की जरूरत है। जैसे- एचआईवी किस करने से नहीं फैलता है, लेकिन ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) और हर्पीस किस करने से भी फैल सकता है।

फ्लूइड बॉन्ड में सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के रिस्क को कैसे कम करें?

फ्लूइड बॉन्डिंग के लिए सबसे बड़ा नियम है विश्वास रखना। किसी एक ही व्यक्ति के साथ हमेशा कमिटेड रहना। ऐसे में अगर आपको फ्लूइड ट्रांसफर करते हुए अपनी सेक्स लाइफ को बिना किसी रिस्क के एंजॉय करना है तो आपको सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन की जांच समय-समय पर करानी होगी। सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन की जांच ना सिर्फ आपके लिए जरूरी है, बल्कि आपके पार्टनर के लिए भी जरूरी है।
यूं तो आपको हर महीने पर सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का टेस्ट जरूर कराना चाहिए, लेकिन अगर संभव ना हो तो एक साल में जरूर टेस्ट कराएं। 

कुछ सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के टेस्ट आपको जल्दी-जल्दी कराने की जरूरत है :

· एचआईवी की जांच फ्लूइड ट्रांसफर के तीन हफ्ते बाद कराएं।

· गोनोरिया का टेस्ट फ्लूइड ट्रांसफर के दो हफ्ते बाद कराएं।

· क्लैमाइडिया की जांच फ्लूइड ट्रांसफर के दो हफ्ते बाद कराएं।

· सिफिलिस की जांच फ्लूइड ट्रांसफर के छह हफ्ते, तीन महीने और छह महीने बाद कराएं।

· जेनाइटल हर्पीस का टेस्ट फ्लूइड ट्रांसफर के तीन हफ्ते बाद कराएं।

· जेनाइटल वार्ट की जांच लक्षणों के प्रदर्शित होने पर कराएं।

नोट :-
अगर आपका टेस्ट पॉजिटिव आता है तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और साथ ही अपने पार्टनर के साथ भी इस बात को शेयर करें। अगर जरूरत न हो तो फ्लूइड ट्रांसफर न करें।  अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।










बुधवार, 11 अक्तूबर 2023

बेहतरीन सेक्स लाइफ के लिए उपयोगी सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्टस

                 


बेहतरीन सेक्स लाइफ के लिए उपयोगी सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्टस


सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट्स क्या होते है?

एक बेहतरीन और स्वस्थ सेक्स जीवन के लिए सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं। ये एलोपैथ और आर्युवेद दोनों ही प्रकार के मिलते हैं। जिनका उपयोग करने से आपको सेक्स करने से पहले या दौरान होने वाली दिक्कत से निजात मिल सकती है। जैसे :

· गुप्तांगों में खिंचाव न आना

· गुप्तांग में दर्द

· लिंग का न खुलना

· योनि में सूखापन

· लिंग से बदबू आना

इस तरह की तमाम परेशानियां सेक्स लाइफ को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। इस वजह से कई बार सेक्स का मूड बीच में ही गड़बड़ हो जाता है। खासकर, महिलाओं की यौन इच्छा मर जाती है। इसलिए सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट का उपयोग करने की सलाह डॉक्टर देते हैं।


सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट्स के फायदे (Benefits Of Sexual Wellness Products)

आपकी सेक्स लाइफ में अगर उपरोक्त किसी भी प्रकार की समस्या है। जिसकी वजह से आप सेक्स एंजॉय नहीं कर पा रहे हैं तो इन चीजों का प्रयोग करें। इससे आपको एक नहीं कई फायदे मिलेंगे।

1. कंडोम और कॉन्डम

सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट्स की लिस्ट से कंडोम को कोई भी नंबर 1 पोजिशन से नहीं हटा सकता। यह कई फायदे देता है और सबसे सस्ता भी मिलता है। मगर, उपयोग के आधार पर कंडोम कई प्रकार के होते हैं। इसलिए यहां पर कंडोम से जुड़ी खास जानकारी जान लें।

2. लुब्रिकेंट जेल (Lubricant Gel)

कई बार सेक्स के दौरान योनि सूखी रहती है। इसके बाद भी अगर सेक्स किया गया तो योनि और पुरुष का लिंग छिलने का डर रहता है। यह काफी दर्दभरा होता है। इसलिए चिकनाहट की जरूरत होती है।

ऐसी परिस्थिति के लिए लुब्रिकेंट जेल का उपयोग सुरक्षित माना जाता है। कई लोग लार या थूक का इस्तेमाल करते हैं जो कि सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

3. मालिश करने का तेल (Herbals Stress Relief Massage Oil)

तनाव के कारण सेक्स का आनंद नहीं ले पाते हैं तो उसको दूर करने के लिए कुछ इस तरह के ऑयल का प्रयोग सही माना जाता है। सामान्य तेल की जगह इस तरह के खास ऑयल से पार्टनर की मालिश करें।

4. शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल (Shilajit Gold Capsules)

शिलाजीत, क्रांच पाक, अश्वगंधा जैसी चीजों को घर पर रखें। इनका सेवन आप नियमित रूप से या सेक्स करने के कुछ घंटे पहले भी कर सकते हैं। इससे आपको नेचुरल एनर्जी मिल सकती है। जिससे कि आप पहले की तुलना में ज्यादा देर तक सेक्स कर सकते हैं।







गुरुवार, 10 अगस्त 2023

क्या किडनी की बीमारी यौन जीवन को प्रभावित करती है?

                                       

क्या किडनी की बीमारी यौन जीवन को प्रभावित करती है?


सेक्स में आपकी रुचि बदल सकती है

किडनी की बीमारी या किडनी फेल होने की वजह से सेक्स में आपकी रुचि बदल सकती है। सबसे पहले सेक्स को लेकर आपकी रुचि कम हो सकती है यह इसलिए हो सकता है क्योंकि हमें अपनी बीमारी से लड़ने के लिए शारीरिक और भावनात्मक रुप से ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लेकिन समय के साथ आपकी रुचि सामान्य हो सकती है।

लिंग को अधिक देर तक खड़ा रखने में असमर्थ हो सकते है

कुछ लोग अपने लिंग को अधिक देर तक खड़ा रखने में असमर्थ होते हैं और किडनी फेल होने वाले मामलों में यह बेहद आम है । यह किडनी की दवाओं के साइड इफेक्ट से हो सकता है । खून में गंदे या ज़हरीले पदार्थों का निर्माण होता है जो डायलिसिस या दूसरे तरीकों से हटाया नहीं जा सकता है। इनमें से कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता है, इसलिए सवाल पूछने या मदद लेने से कतराना नहीं चाहिए ।

           सेक्स प्रक्रिया को कभी-कभी भावनायें भी प्रभावित करती है। इसमें तनाव, डिप्रैशन, विकलांगता, मृत्यु का डर और शादी की समस्याएं जैसे बहुत कुछ शामिल हैं। कुछ लोगों में, किडनी की बीमारी होने से शारीरिक परिवर्तन हो सकते हैं जो उन्हें कम आकर्षक महसूस करा सकते हैं। इससे सैक्स करने को लेकर रुचि भी प्रभावित हो सकती है । उन्हें अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इनमें से कई समस्याओं का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है।


क्या सेक्स  किडनी के रोगियों के लिए सुरक्षित है ?

कुछ रोगियों और उनके पार्टनर को यह चिंता हो सकती है कि सेक्स करने से रोगी की मृत्यु हो सकती है या डायलिसिस के इस्तेमाल और किडनी ट्रांसप्लांट को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर सेक्स, रोगी पर किसी प्रकार को कोई दबाव, चिंता या तनाव नहीं डालता है, तो इससे नुकसान नहीं होगा। यह डर लोगों के सेक्स गतिविधि न करने का कारण बन सकता है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तब तक सेक्स के लिए इंतजार करना ज़रुरी है जब तक टांकों के निशान ठीक नहीं हो जाते और अगर एक बार डॉक्टर ने कह दिया कि सेक्स गतिविधि कर सकते हैं तो उसके बाद सेक्स करने को लेकर ट्रांसप्लांट किडनी के नुकसान के बारे में चिंता करना बेकार है।

किडनी के मरीज खुद की मदद कैसे कर सकते हैं?

किडनी की बीमारी और उसके उपचार के बारे में जानने में एक्टिव रहें, संतुलित आहार का पालन करें, सभी दवाओं को ठीक से लें और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट के बारे में डॉक्टर को बताएं, इसके अलावा मांसपेशियों की टोन, शक्ति की मदद करने के लिए एक व्यायाम प्रोग्राम के लिए पूछें। यदि आवश्यक हो तो आपका डॉक्टर वजन बढ़ाने या किसी कार्यक्रम का सुझाव दे सकते हैं । एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं । ऐसी चीज़ों से दूर रहें जो आपकी सेक्स क्रिया को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे - बहुत अधिक शराब पीना और धूम्रपान करना आदि ।


क्या बच्चे पैदा करने में कोई समस्या है?

स्पर्म यानि वीर्य उत्पादन किडनी की बीमारी से प्रभावित नहीं होता लेकिन हां, गर्भाश्य में जटिलताएं हो सकती हैं और गर्भावस्था शरीर पर बहुत तनाव डाल सकती है । अगर आपको किडनी की बीमारी या आपकी किडनी फेल है, तो यह आपको और आपके अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में डालने के लिए काफी है । यह किडनी की बीमारी को और भी बदतर बना सकता है। यदि आप गर्भवती होने की सोच रही हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सावधानी से चर्चा करनी चाहिए।

किडनी की बीमारी यूं तो सेक्स जीवन पर प्रभाव नहीं डालती परंतु यदि आप सामान्य लोगों की तरह जीवनशैली अपनाएंगे तो आपको समस्या हो सकती है, इसलिए जागरुक रहने की आवश्यकता है । तनाव न लें और जितना हो सके सावधानी बरतें ।



बुधवार, 19 जुलाई 2023

सेक्स के दौरान परफ़ॉर्मेंस की चिंता करना ही सेक्स में असफल होने का प्रमुख कारण है

                             


सेक्स के दौरान परफ़ॉर्मेंस की चिंता करना ही सेक्स में असफल होने का प्रमुख कारण है -

सेक्स से जुड़ी सबसे ज्यादा समस्याएँ पुरुषों को होती है जिसमें सामान्य से लेकर अति गंभीर सेक्स समस्याएँ तक होती है।
पुरुषों से जुड़ी अगर सबसे गंभीर सेक्स समस्या के बारे में बात करें तो वह नपुंसकता है। नपुंसकता, एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से एक पुरुष का जीवन खराब हो जाता है कि उसे डिप्रेशन और अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ, चरमसुख के बारे में बात कि जाए तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को चरमसुख प्राप्त कर पाना काफी मुश्किल होता है।


नपुंसकता क्या है? What is impotence or erectile dysfunction?

अगर पुरुष के लिंग में पर्याप्त तनाव न आए या पर्याप्त तनाव आने के बाद भी वह सही तरीके से संभोग न कर पाए जिसमें वीर्य न निकल पाए या पर्याप्त वीर्य न निकल पाए (ejaculate) तो इस स्थिति को नपुंसकता कहा जाता है। वर्तमान में नपुंसकता या इम्पोटेंसी की बजाय इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) मतलब "सही तनाव का अभाव" कहा जाता है।
 
नपुंसकता के कारण क्या है? What is the cause of erectile dysfunction?

नपुंसकता होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है अपने साथी को खुश करने का दबाव। यदि आप किसी महिला साथी के साथ सेक्स कर रहे हैं और सेक्स के दौरान आपको हमेशा परफॉर्मेंस चिंता (performance concern) लगी रहती है तो यही नपुंसकता का सबसे बड़ा कारण बनता है। आपको यह समझना जरूरी है कि हर बार अपने साथी को खुश कर पाना मुमकिन नहीं है, इसके लिए आपको अपने साथी से बात करनी चाहिए और इसके उपायों पर भी काम करना चाहिए।

नपुंसकता के अन्य कारण जो निम्नलिखित हो सकते हैं :-

1. मानसिक तनाव

2. पहले कई बार साथी को खुश करने में असमर्थ

3. हार्मोन का असंतुलन

4. वीर्य से जुड़ी समस्याएँ

5. ज्यादा धुम्रपान करने की आदत

6. सामान्य से ज्यादा नशीलें उत्पादों का सेवन

7. शराब पीने की ज्यादा आदत

8. शरीर में पौषक तत्वों की कमी

9. हस्तमैथुन की आदत

10. सामान्य से ज्यादा संभोग का इतिहास

11. लिंग का छोटा आकार या लिंग से जुड़ी कोई समस्या


नोट:- किसी पुरुष को नपुंसकता किस कारण हुई है यह दुसरे पुरुष से भिन्न हो सकती है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो बिना किसी शर्म के अपने डॉक्टर से बात करें और सबसे जरूरी है कि आप अपने साथी से इस बारे में जरूर बात करें।


परफॉर्मेंस की चिंता और नपुंसकता के बीच क्या संबंध है ? What is the relationship between performance anxiety and erectile dysfunction?

परफॉर्मेंस की चिंता और नपुंसकता को कई तरीकों से जोड़ा जा सकता है। रिसर्च बताती है कि एक व्यक्ति के मन की स्थिति और सेक्स परफॉर्मेंस करने की उसकी क्षमता के बीच एक स्पष्ट संबंध होता है। जब भी कोई पुरुष अपने साथी के साथ सेक्स करता है और अगर उसे इस बात की चिंता बनी रहती कि कहीं वह अपने साथी को खुश नहीं कर पाया तो या उसे चरमसुख नहीं दिला पाया तो क्या होगा? 
भारत में इस दौरान पुरुष अपनी मर्दानगी को साबित करने की कोशिश में लगा रहता है, अब वो चाहे पुरुष की उम्र कोई भी क्यों न हो। खुद को साबित करने की चिंता के कारण से ही पुरुष को कई बार नपुंसकता का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, पुरुषों को इसकी वजह से अन्य यौन रोगों से भी जूझना पड़ता है।

नोट:-अगर सेक्स के दौरान पुरुष खुद को साबित करने की जगह पूरा ध्यान सेक्स पर लागाए तो शायद ऐसी समस्या का सामना न करना पड़े।
 
क्यों होती है परफॉर्मेंस एनज़ाइटी ? Why is there performance anxiety?

सेक्सुअल परफॉर्मेंस की चिंता सेक्स लाइफ में अपने पार्टनर को संतुष्ट ना कर पाने के डर की वजह से हावी होती है। यह एक मानसिक स्थिति होती है, जिसका ज्यादातर केसेज में वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता है। इसमें सेक्स को लेकर क्षमता की कमी या साथी को खुश करने की क्षमता की कमी जैसी भावनाएं शामिल हो सकती हैं।

हर व्यक्ति में परफॉर्मेंस एंग्जाइटी की वजह अलग-अलग हो सकती हैं। उदाहरण के लिए अगर आप बहुत ज्यादा पोर्न देखते हैं और लंबे समय से रेग्युलरली मास्टरबेट करते है तो ऐसे में आपको सेक्स फैंटसी (sex fantasy) में खो जाने की दिक्कत देखने को मिलती है।

जबकि लड़कियों में आमतौर पर परफॉर्मेंस एंग्जाइटी की  वजह इंटरकोर्स के दौरान होनेवाले दर्द का डर होता है।

नोट:- आपको यह समझना होगा कि हर बार सेक्स फैंटसी (sex fantasy) को पूरा नहीं किया जा सकता, ऐसे में पोर्न में किये गये सेक्स को वास्तविकता में कर पाना संभव नहीं है।

परफॉर्मेंस की चिंता के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of peformance anxiety?

परफॉर्मेंस की चिंता हर किसी पर अलग तरह से प्रभाव डालती है, क्योंकि हर कोई अलग-अलग तरीकों से तनाव और चिंता को झेलता है। शरीर में यह अलग-अलग प्रकार के लक्षण पैदा कर सकता है जो कि निम्नलिखित है :-

1. शीघ्रपतन

2. सेक्स का ठीक से मजा न उठा पाना

3. सेक्स में कम रुचि

4. सेक्स में कुछ नया अपनाने में समस्या

5. चरमसुख को प्राप्त न कर पाना

6. सेक्स को काम की तरह लेना

7. पार्टनर में रुचि कम होना

8. जल्दी से जल्दी सेक्स को खत्म करने की कोशिश करना

यह कुछ सामान्य लक्षण है जो कि हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं।


परफॉर्मेंस की चिंता का सामना कैसे करें? How to deal with performance anxiety?

ऐसे कईं सुझाव हैं जो लोगों को परफॉर्मेंस की चिंता और नपुंसकता से निपटने में मदद कर सकते हैं और उन्हें सकारात्मक यौन अनुभव प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।


1- किसी सेक्सोलोजिस्ट से बात करें:- किसी काउंसलर या सेक्सोलोजिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट लें, जिसे यौन समस्याओं के इलाज का अनुभव हो। सेक्सोलोजिस्ट आपको समझने और फिर उन मुद्दों को कम करने या उनसे छुटकारा पाने में मदद कर सकता है जो आपके यौन प्रदर्शन की चिंता पैदा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप शीघ्रपतन के बारे में चिंतित हैं, तो आप कुछ तकनीकों को आजमा सकते हैं जो आपको अधिक नियंत्रण प्राप्त करने में मदद करती हैं।

2- अन्य तरीकों से अंतरंग हो जाओ :- बिना संभोग के अंतरंग होना सीखें। अपने साथी को कामुक मालिश दें या साथ में गर्म स्नान करें। बारी-बारी से एक-दूसरे को हस्तमैथुन से खुश करें ताकि आपको हमेशा यौन प्रदर्शन करने के लिए दबाव महसूस न करना पड़े।

3- तनाव और चिंता के चक्र में न फंसे :- कई पुरुष प्रदर्शन की चिंता के चक्र में पड़ सकते हैं। उम्मीद के अनुसार परफॉर्म न कर पाना पूरी तरह से सामान्य है और नपुंसकता के लक्षण आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते हैं।हालांकि, परफॉर्मेंस की चिंता करने वाले पुरुष इस चिंता के चक्र में फंस सकते है नकारात्मक बातों पर ध्यान देने के बजाय, वह यह पहचाने कि नपुंसकता के लक्षणों को किस तनाव या चिंता ने प्रभावित किया है। ऐसा करने से व्यक्ति के मन की यह भ्रांति दूर होगी कि हर बार परफॉर्मेंस एक जैसी नहीं होती, खासकर तब जब व्यक्ति तनाव से गुज़र रहा हो ।

4- अपने साथी के साथ खुल कर बात करें Talk openly with your partner :- अपनी चिंता के बारे में अपने साथी से बात करने से आपकी कुछ चिंताओं को कम करने में मदद मिल सकती है। जब आप एक साथ किसी समाधान पर पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो आप एक जोड़े के रूप में करीब आ सकते हैं और अपने यौन संबंधों में सुधार कर सकते हैं।

5- कुछ एक्सरसाइज़ करें Do some exercise :- एक हफ्ते में कई बार 20 से 30 मिनट की एक्सर्साइज़ की एक सामान्य दिनचर्या भी परफॉर्मेंस की चिंता या तनाव के स्तर को कम कर सकती है। सामान्य व्यायाम के अलावा, कुछ विशेष व्यायाम भी लक्षणों में भी मदद कर सकते हैं। पैल्विक व्यायाम, जैसे केगेल व्यायाम, नपुंसकता के दौरान लिंग में रक्त को पंप या प्रवाहित (pump blood to the penis) करने के लिए जिम्मेदार मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा कुछ और तकनीकें भी हैं। परफॉर्मेंस की चिंता और नपुंसकता के इलाज के लिए कई दूसरी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इनमें निम्न बातें शामिल हैं:

1. मेडिटेशन

2. जोड़ों यानी सेक्स साथियों की काउंसलिंग

3. सेक्स थेरेपी

4. यौन शिक्षा

यह किसी व्यक्ति को अपनी परफॉर्मेंस की चिंता के बारे में उसके यौन साथी के साथ खुलने में मदद कर सकता है। यह तनाव को कम कर सकता है और साथी उसकी चिंता दूर करने के लिए समाधान खोजने में उनकी मदद कर सकता है।

निष्कर्ष:-

नपुंसकता और परफॉर्मेंस एनज़ाइटी के कारण पार्टनर के साथ रिश्ते प्रभावित होने लगते है और सेक्सुअल डिजायर कम हो जाता है। इसका प्रमुख कारण तनाव, डिप्रेशन आदि है इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। कई बार नपुंसकता से ग्रसित व्यक्ति शर्म के लिहाज से डॉक्टर के पास जाने से कतराते है लेकिन इसके कारण यह समस्या और जटिल हो जाती है इसलिए नपुंसकता के उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह पर उपचार करवाए।







गुरुवार, 15 जून 2023

यौन समस्या “ब्लू बॉल” क्या होता है इसके लक्षण क्या है और इसको कैसे ठीक किया जा सकता है?

                                       

यौन समस्या “ब्लू बॉल” क्या होता है इसके लक्षण क्या है और इसको कैसे ठीक किया जा सकता है?

‘ब्लू बॉल’ ये एक ऐसी समस्या है जिसका नाम पुरुषों ने कम ही सुना होता है लेकिन इसका अनुभव सबने ही कभी न कभी किया जरूर होता है।इस समस्या में पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में दर्द होता है और अंडकोश में ब्लू-पर्पल निशान पड़ सकता है ।  इसका शरीर पर कोई नुकसान नहीं होता है। ये आम स्थिति है जिससे निपटना कठिन नहीं है।

क्या होता ब्लू बॉल

ये एक मानसिक स्थिति है। ये ऐसे पुरुषों को होती है जो शारीरिक संबंध बनाए बिना ही लंबे समय तक उत्तेजित रहते हैं। ये वो स्थिति है, जिसमें पुरुष उत्तेजित तो रहते हैं लेकिन उन्हें ऑर्गेज्म नहीं हो पाता है। फिर आखिर में उन्हें ये एक फ्रेस्ट्रेशन जैसा लगता है।


ब्लू बॉल के लक्षण

ब्लू बॉल के कई लक्षण हो सकते हैं जो पुरुषों को शारीरिक तौर पर परेशान कर सकते हैं। इसके चलते पुरुषों को दर्द भी महसूस होता है। कुछ खास लक्षण ये रहे-

· अंडकोष में भी दिक्कत हो सकती है ।

· पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में दर्द हो सकता है।

· दर्द कई बार इतना ज्यादा हो सकता है कि पेट के निचले हिस्से और कमर तक भी जा सकता है।

 
ब्लू बॉल की स्थिति आती क्यों है?

पुरुषों में जब सेक्सुअल ऑर्गन्स उत्तेजित होता है, तो उनके पेनिस और टेस्टिकल्स की ब्लड वेसल्स में ब्लड फ्लो का वॉल्यूम अधिक बढ़ जाता है। लंबे समय तक सेक्सुअल ऑर्गन्स उत्तेजित होने की वजह से ब्लड ब्लड पेनिस और टेस्टिकल्स में जमा होने लगते हैं। ऐसे में पेनिस और टेस्टिकल्स में दर्द होने लगता है।  कुछ पुरुषों के जेनिटल एरिया में ब्लड लंबे समय तक स्टे कर सकता है, ऐसे में यह परेशानी बढ़ सकती है। ब्लू बॉल के कारण आदमियों को अनकम्फर्टेबल महसूत होने लगता है हालांकि ये स्थिति अगले कुछ घंटों में ठीक हो जाती है।

ऑर्गेज्म है पहला सॉल्यूशन

ब्लू बॉल का पहला हल ऑर्गेज्म है। ये सबसे तेज असर करता है। हालांकि आपको इसमें कुछ दिक्कत भी हो सकती है। दरअसल ऑर्गेज्म से दबाव कम हो जाता है। जैसे ही ऑर्गेज्म की स्थिति आती है आपके प्राइवेट पार्ट में ब्लड ड्रेन होकर आपको आराम दे देता है। ये काम हस्तमैथुन के साथ आसानी से हो सकता है।
इसके अलावा पार्टनर के साथ संबंध बनाकर भी ऐसा किया जा सकता है। लेकिन इस काम के लिए हो सकता है आपको अपनी पार्टनर पर बेवक्त दबाव बनाना पड़े। इसलिए परिस्थिति के हिसाब से काम करें।

ठंडा पानी करेगा मदद

अगर ऑर्गेज्म संभव नहीं है तो ठंडा पानी भी आपकी मदद कर देगा। दरअसल कई बार हस्तमैथुन या सेक्स के लिए सही समय और परिस्थिति नहीं होती है। इस वक्त आपको इस वक्त टेस्टिकल्स पर ठंडा पानी डालकर परेशानी से निकाला जा सकता है। शुरू में ये आपके लिए कठिन होगा। लेकिन इससे दर्द जरूर दूर हो जाएगा।
ब्लू बॉल पास हो जाने तक ये आपको अच्छा महसूस करने में मदद करेगा। समय हो तो आप नहा भी सकते हैं। लेकिन इसके बाद टेस्टिकल्स पर टॉवल रखें, इन्हें खुद छूने की कोशिश न करें।

व्यायाम भी है विकल्प

व्यायाम इस काम में असर करेगा या नहीं, इसको लेकर पक्का नहीं कहा जा सकता है लेकिन काफी हद तक इससे आराम मिल जाता है। दरअसल व्यायाम करने से ब्लड जेनिटल्स से हट जाता है। ये शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच जाता है। इसके साथ ही ये आपका ध्यान भी दर्द से हटा देता है। व्यायाम करते हुए भी आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती है। लेकिन जैसे ही जेनिटल्स से ब्लड हटेगा आपको आराम मिल जाएगा।

 दूसरे कामो में मन लगाइए

ब्लू बॉल की स्थिति होने पर दूसरे कामों में मन लगाना भी विकल्प हो सकता है। दरअसल दर्द से मन हटेगा तो आप बाकी काम आसानी से कर पाएंगे और ब्लू बॉल एक समय के बाद खुद ही ख़त्म हो जाएगा।
इसलिए इस वक्त वो काम करें जो आपका दिल लगा ले जैसे म्यूजिक सुनें, फिल्म देखें, पजल हल करें आदि।

सेक्स से जुड़ी बातें

ध्यान रखिए अगर ऑर्गेज्म की स्थिति नहीं है तो सेक्स से जुड़ी बातों से आपको अपना मन हटाना है।  सेक्स से जुड़े ख्यालों को दूर करके आप इस स्थिति से जल्दी निकल पाएंगे। इसलिए कोशिश यही करें कि सेक्स से जुड़े ख्यालों को खुद से दूर ही रखें। इस तरह से ब्लू बॉल से निकलना आसान हो जाएगा।

ध्यान देने योग्य बातें- 

· उत्तेजना के समय टेस्टिकल में भारीपन तो नहीं । 

· उत्तेजना के समय ही ब्लू बॉल की स्थिति आती है।

· अगर ऑर्गेज्म के बिना ही आपको उत्तेजना महसूस हो। इसके साथ जेनिटल्स में दर्द हो तो ब्लू बॉल की स्तिथि हो सकती है । 

· हर किसी के लिए ब्लू बॉल की स्थिति अलग हो सकती है। कुछ पुरुषों को भारीपन लगता है लेकिन दर्द नहीं होता है। जबकि कुछ को बहुत दर्द होता है।

· ब्लू बॉल नुकसान नहीं देते हैं इसलिए जब तक दर्द बहुत ज्यादा न हो डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं होती है।








गुरुवार, 8 जून 2023

एक्सरसाइज से बड़ती है सेक्स पेरफ़ॉर्मेंस और कामेच्छा - डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist)





एक्सरसाइज करने से बड़ती है सेक्स पेरफ़ॉर्मेंस और कामेच्छा - डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist)

एक्सरसाइज करने के फायदों के बारे आपने खूब सुना होगा। महिला हो या पुरुष, एक्सपर्ट दोनों को ही रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।

एक्सरसाइज का यह मतलब नहीं कि आप इसे जिम जाकर ही कर सकते हैं। आप घर पर, पार्क में या छत पर भी कसरत कर सकते हैं। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे तो कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। जैसे, रनिंग, वॉकिंग, योगा आदि।

एक्सरसाइज याददाश्त बढ़ाने, बीमारी से बचाव करने और वजन कंट्रोल करने में भी मदद करती है। इन सब चीजों को पढ़कर यह कह सकते हैं कि हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए वर्कआउट / एक्सरसाइज करना जरूरी है।

इन सबके अलावा एक्सरसाइज करना आपकी सेक्स लाइफ (Sex Life) के लिए भी फायदेमंद है।‘महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही एक्टिव होना कामोत्तेजक (aphrodisiac) होने की निशानी है।

इसलिए यह जानना जरूरी है कि वर्कआउट किस तरह आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है। आइए कुछ बातों से समझते हैं एक्सरसाइज सेक्स लाइफ के लिए किस तरह फायदेमंद है।


1. वर्कआउट करने से कूल और अट्रैक्टिव दिखते हैं

जिम में लगे कांच में जब आप अपना शरीर देखते हैं तो आपको महसूस होता है ‘अरे, मैं तो अच्छा लग रहा हूं।’ लेकिन जब यही कॉन्फिडेंस आपके पार्टनर के साथ बेडरूम में आए तो मजा दोगुना हो जाता है।

रेगुलर एक्सरसाइज से सेल्फ स्ट्रीम (self-esteem) बेहतर करने में मदद मिलती है। जब हम किसी को पर्सनली पसंद करते हैं तो हमारी बॉडी और हम कैसे दिखते हैं। ये हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।

एक्सरसाइज करने से बॉडी की पॉजिटिव इमेज बनती है। यह सेल्फ स्ट्रीम को बढ़ा सकती है और लोगों को अधिक सेक्सी, कॉन्फिडेंट और अट्रैक्टिव महसूस करा सकती है। ये सभी चीजें सेक्शुअल एक्टिविटी में भी मैटर करती हैं।

2. एक्सरसाइज से बढ़ती है सेक्शुअल परफॉर्मेंस

कोई भी फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) शरीर को शेप देने और सेक्शुअल परफॉर्मेंस बढ़ाने में मदद करती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक रेगुलर एक्सरसाइज ने पुरुषों में इंटिमेट एक्टिविटीज, सेक्स के दौरान पर्याप्त फंक्शन और सेटिस्फाइंग ऑर्गेजम को बढ़ाया था।

(1) महिलाओं की बात करें तो टेक्सास यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक एक्सरसाइज से महिलाओं में शारीरिक यौन उत्तेजना (physiological sexual arousal) बढ़ती है।

(2) एक्सरसाइज सेक्स लाइफ और सेक्स परफॉर्मेंस, दोनों को ही प्रभावित करती है। साथ ही इससे हार्ट रेट और मसल्स की एक्टिविटी बढ़ती है जो सेक्शुअल परफॉर्मेंस और सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन (sexual performance and sexual satisfaction) को बढ़ा सकती है।
 
3. तनाव कम करके मूड फ्रेश रखती है एक्सरसाइज

आप अगर तनाव ग्रस्त हो तो आपका शरीर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करता है। जैसे, हार्डकोर वर्कआउट करना, एक्सरसाइज करने में चिढ़ होना, छोटी सी बात पर भी गुस्सा आना, कामेच्छा (libido) कम होना आदि।

तनाव का कारण शरीर में कार्टिसोल हार्मोन (Cortisol hormone) का उत्पादन बढ़ना होता है। यह समय के साथ आपकी सेक्स में रुचि भी कम कर सकता है।

ऐसे में एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो कार्टिसोल लेवल को कम करता है। इससे साफ है कि एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम होता है और इंटिमेट होते समय सेक्स ड्राइव को बनाए रखने में मदद करता है।
4. फ्लेग्जिबिलिटी बढ़ाने में मददगार है एक्सरसाइज

यदि आप नियमित एक्सरसाइज या योग करते हैं तो इससे आपका शरीर लचीला होगा। इससे आप बेडरूम में अलग-अलग तरह की सेक्स पोजिशन ट्राय करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।

एक्सरसाइज का यह भी फायदा है कि आपके शरीर को कुछ पोजिशन में अधिक ताकत की जरूरत होती है। इसमें आपके मसल्स सहायता करते हैं।वेटलिफ्टिंग कामेच्छा बढ़ाने में मददगार होती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

एक्सरसाइज करने से ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है। एक्सरसाइज आपकी सेक्स लाइफ को कैसे प्रभावित करती है। यह आपकी उम्र और शारीरिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।
इसलिए लंबे समय तक अच्छी सेक्स लाइफ के लिए एक्सरसाइज करते रहना जरूरी है। इसलिए एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।







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