मंगलवार, 2 जुलाई 2024

यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ के नुकसान

                             
               

यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ के नुकसान


शादी-विवाह के बाद शीघ्रपतन पुरुषों के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी साबित होती है, जिसे दूर करने के लिए पुरुष न जाने क्या-क्या तरीके अपनाते हैं। इन्हीं तरीकों में से एक है यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ का सेवन।  अलग-अलग नाम से बिकने वाली ये दवाईयां बाजार में धड़ल्‍ले से बिक रही हैं और पुरुष इनका इस्तेमाल बिना किसी सलाह के कर भी लेते हैं। कुछ लोग कभी-कभार इन दवाओं का सेवन करते हैं तो कुछ लोगों को नियमित रूप से इन दवाओं की जरूरत पड़ती है। मौजूदा चलन में हर उम्र के लोग इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं और यही कारण है कि 20 से 25 साल के युवा भी इन दवाओं के झांसे में आकर अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं।


यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं के नुकसान


सिरदर्द

इन दवाओं के नियमित सेवन के बाद पुरुषों को जिस आम समस्या का सामना करना पड़ता है वह है सिरदर्द। मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवाओं का ये सबसे आम दुष्प्रभाव हैं। इन दवाओं के सेवन से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण रक्त प्रवाह में अचानक से बदलाव हो जाता है और सिरदर्द शुरू हो जाता है। पुरुषों को इन दवाओं का सेवन करते वक्त हमेशा एमजी का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि नाइट्रिक ऑक्साइड का बढ़ा हुआ स्तर चक्कर और सिरदर्द का कारण बन सकता है। इन दवाओं के कारण सिरदर्द, चक्कर आना आम होता है। कई मामलों में तो कुछ पुरुष बेहोशी का भी शिकार हो जाते हैं, जो कि एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकता है।
 
पाचन तंत्र का बिगड़ जाना

मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवा का दूसरा साइड इफेक्ट है पाचन तंत्र का बिगड़ना। पाचन तंत्र के बिगड़ने में सबसे आम लक्षण है अपच और दस्त। इस समस्या से बचने के लिए आप अपनी डाइट में बदलाव कर सकते हैं। आप दवाओं के साथ कभी भी कैफीनयुक्त पेय, शराब, या जूस न पिएं बल्कि पानी का विकल्प चुनें।
 
दृष्टि हानि

शीघ्रपतन को रोकने वाली दवाओं का सेवन आपमें विजन लॉस की समस्‍या का कारण बन सकता है। इन दवाओं से आपको धुंधला-धुंधला दिखाई देना शुरू हो सकता है। अगर आपको इन दवाओं के बाद ऐसी समस्या होती है तो इन दवाओं के सेवन से बचें।
 
शरीर में दर्द

कुछ पुरुषों को इन दवाओं के सेवन से पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द होता है। अगर आपको भी इन दवाओं का सेवन करते वक्त शरीर में दर्द होता है, तो पेनकिलर आपकी इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।







मंगलवार, 18 जून 2024

लिंग में सूजन का होना

                               

लिंग में सूजन का होना

लिंग में सूजन (इन्फेक्शन) होना एक  पेनाइल डिसऑर्डर है, जिसमें लिंग की चमड़ी में संक्रमण के कारण लिंग के ऊपरी हिस्से में सूजन आ जाती है। यह बीमारी किसी भी पुरुष को प्रभावित कर सकती है।
ऐसे पुरुष जिनका खतना नहीं हुआ होता है, उनमें इस बीमारी के पनपने का खतरा अधिक रहता है। इस बीमारी से बचने के लिए अपने लिंग की चमड़ी जिसे हम फोरस्किन के नाम से जानते हैं इसकी देखभाल करनी चाहिए तथा समय-समय पर हल्के गर्म पानी से उसकी सफाई करनी चाहिए।
डॉक्टर का कहना है कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों में यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है, जो कुछ समय के बाद खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यही समस्या वयस्क में हो जाए तो इलाज की आवश्यकता पड़ती है।
जो लोग फाइमोसिस से पीड़ित होते हैं, उन्हें यह समस्या होने का खतरा अधिक होता है। क्योंकि फाइमोसिस की स्थिति में लिंग की ऊपरी चमड़ी काफी टाइट हो जाती है, जिसके कारण उसे पीछे हटाने में परेशानी होती है। चमड़ी पीछे न हटने के कारण इंफेक्शन, सूजन, दर्द और जलन होने की संभावना भी बढ़ जाती है।


लिंग में इन्फेक्शन होने के कारण

लिंग की चमड़ी में इन्फेक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर आपको पहले से इन कारणों के बारे में पता हो तो आप कुछ सावधानियां अपनाकर बहुत आसानी से इस बीमारी की रोकथाम कर सकते हैं।

स्मेग्मा – स्मेग्मा (लिंग की चमड़ी के नीचे मौजूद मोटे सफेद पदार्थ) के कारण लिंग की चमड़ी में सूजन हो सकता है। यह एक प्राकृतिक रूप से चिकनाई प्रदान करने वाला पदार्थ है जो लिंग में नमी बनाए रखता है। जिसके कारण लिंग की सफाई नहीं हो पाती है और संक्रमण पैदा हो जाता है।

फंगल इन्फेक्शन – फफुन्दीय संक्रमण भी बैलेनाइटिस के कारणों में से एक है। एक बहुत ही सामान्य प्रकार का जीवाणु बैलेनाइटिस का कारण बन सकता है।

एलर्जी – किसी चीज के प्रति एलर्जी तथा स्किन में जलन होने के कारण लिंग में सूजन हो सकता है। आमतौर यह केमिकल वाले साबुन, शैंम्पू, क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करने से होता है।

त्वचा संबंधी बीमारी – एटॉपिक एक्जिमा या सोरिएसिस जैसी अंडरलाइंग स्किन डिजीज से पीड़ित होने की स्थिति में लिंग की चमड़ी में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है। लाइकेन प्लेनस शरीर को प्रभावित करने वाला एक गैर-संक्रामक और खुजलीवाला चकत्ता है जो लिंग को प्रभावित करता है। लाइकेन स्क्लेरोसस प्राइवेट पार्ट्स में होने वाली एक स्किन डिजीज है जिससे पीड़ित पुरुष को बैलेनाइटिस होने का खतरा होता है।

यौन संक्रमण – योनि संक्रमण से पीड़ित महिला के साथ सेक्स करने से लिंग में सूजन पैदा हो सकता है। यौन संचारित बीमारियां जैसे कि जननांग दाद, क्लैमाइडिया प्रमेह या सिफलिस आदि भी लिंग में सूजन का कारण बन सकते हैं।
लेटेक्स कंडोम – अगर आप सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बैलेनाइटिस होने की संभावना रहती है क्योंकि कंडोम में प्रयोग होने वाले लेटेक्स से लिंग में जलन पैदा हो सकती है। हालांकि, सेक्स के दौरान सुरक्षा के लिए कंडोम का उपयोग करना बहुत जरूरी है,

जुंस बैलेनाइटिस - एक असामान्य बीमारी है जो मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। इससे पीड़ित होने की स्थिति में लिंग का सिर लाल हो जाता है तथा उसमें सूजन, जलन और खुजली होती है। 

कुंडलाकार बैलेनाइटिस - एक तरह का सोरिएसिस है जो प्रतिक्रियाशील गठिया से पीड़ित पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके कारण लिंग की चमड़ी और सिर पर लाली, जलन, सूजन, दर्द और खुजली होता है। जिसकी वजह से पेशाब करने में परेशानी होती है। इन सबके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से एक पुरुष के लिंग की चमड़ी में सूजन हो सकता है।



सोमवार, 3 जून 2024

डिप्रेशन से आती है यौन इच्छा की कमी

 


डिप्रेशन से आती है यौन इच्छा की कमी


डिप्रेशन के कारण व्यक्ति का यौन जीवन प्रभावित होता है। संबंधों में मधुरता बनाए रखने के लिए सेक्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यौन संबंधों की कमी आपके रिलेशन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। डिप्रेशन के लक्षणों की वजह से व्यक्ति की यौन इच्छा कम हो जाती है।

डिप्रेसन को कुछ आसान उपायों की मदद से दूर किया जा सकता है।


व्यक्ति के यौन संबंध ना बनाने के पीछे के कारण

यौन संबंध ना बनाने के पीछे दो महत्वपूर्ण कारण होते हैं। पहला आपका साथी डिप्रेशन में है और दूसरा डिप्रेशन की वजह से सेक्स ड्राइव की कमी है। अगर आप डिप्रेशन की समस्या से बाहर आ जाते हैं तो आपकी सेक्स ड्राइव खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है।


डिप्रेशन के लक्षण


ब्रेन में रासायनिक असंतुलन के कारण डिप्रेशन का शिकार होना पड़ सकता है। हार्मोन संबंधी कारकों की वजह से से भी आपको डिप्रेशन हो सकता है। अन्य बीमारियों के कारण भी डिप्रेशन हो सकता है।

डिप्रेशन के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:-

1-
हमेशा उदास रहना।

2-
अपनी गतिविधियों में रुचि कम लेना।

3-
किसी बात से निराश हो जाना।

4-
अनिद्रा और थकान के कारण।

5-
चिड़चिड़ापन और चिंता।

6-
बहुत कमजोरी और दर्द होना।

7-
यौन रोग की समस्या।


डिप्रेशन के दौरान सेक्स लाइफ वापस लाने के उपाय


1-अपने साथी से बात करें

अगर आपका साथी डिप्रेशन में है तो इस बारे में अपने साथी से बात करें। अपने साथी से बात करने से आप दोनों के बीच रिश्ता गहरा होगा और इंटिमेसी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही यह आपको सेक्स ड्राइव कम होने के गिल्ट को कम करता है। रिश्ता गहरा होने से आपकी इच्छा बढ़ती है। अगर आप रिलेशनशिप में नहीं है तो इस बारे में अपने दोस्त से बात करें।

2-एक्सरसाइज करें

इस समस्या को दूर करने के लिए आप वॉकिंग, स्वीमिंग, या बाइक राइडिंग जैसी एक्सरसाइज कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से आपके दिमाग में केमिकल रिलीज होते हैं और डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ाने वाले केमिकल को कम करते हैं।

3-सेक्सोलोगिस्ट  से बात करें

बहुत से लोगों को यौन समस्या को लेकर प्रोफेशनल से बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। अगर आप डिप्रेशन से ग्रसित हैं तो इसके लिए आप प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।

4-मेडिटेशन का अभ्यास करें 

डिप्रेसन को दूर करने के लिए इसके कारण का पता होना जरूरी होता है।मेडिटेशन, दिमाग को शांत रखने और भावात्मक रूप से मजबूत होने में मदद करता है। मेडिटेसन का अभ्यास करने से डिप्रेसन के लक्षण कम होते है। 








शनिवार, 1 जून 2024

नपुंसकता क्या होती है? इसे कैसे दूर करें

                  

नपुंसकता क्या होती है? इसे कैसे दूर करें


नपुंसकता का अर्थ है पुरुष में बाँझपन। जब कोई पुरुष अपनी पत्नी को गर्भवती नहीं कर पाता, तो उसे नपुंसक कहा जाता है।

नपुंसकता के कई कारण हो सकते है

हॉर्मोनल असंतुलन:
टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन की कमी से नपुंसकता हो सकती है।

धूम्रपान और मदिरापान : धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

दवाएँ: कुछ दवाएँ जैसे उच्च रक्तदाब की दवाएँ, नपुंसकता का कारण बन सकती हैं।

जीवनशैली: संतुलित आहार और व्यायाम की कमी से यौन स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

मानसिक समस्याएं: मानसिक तनाव और चिंता भी नपुंसकता के मुख्य कारण होते हैं।

नपुंसकता के लक्षण

संवेदनहीनता: पुरुष को यौन संवेदना की कमी अनुभव होती है।

सेक्स ड्राइव की कमी : पुरुषों में सेक्स ड्राइव की कमी हो सकती है, जिससे यौन संबंध बनाने में समस्या होती है।

वीर्य की कमी: वीर्य की मात्रा में गिरावट हो सकती है।

तनाव और चिंता: यौन संबंध के समय चिंता और तनाव की भावना होती है।

स्तन में बदलाव: स्तन की सूजन या दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।

नपुंसकता को दूर करने के उपाय क्या-क्या है


हॉर्मोनल उपचार: टेस्टोस्टेरोन की स्तर को सही करना ।

शल्य चिकित्सा: जैसे कि वृषण में सूजन, नसों का बंद होना आदि का उपचार करना ।

नपुंसकता दूर करने के उपाय:



जीवनशैली में बदलाव: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली अपनाने से नपुंसकता से बचाव होता है।

धूम्रपान और मदिरा से परहेज:
धूम्रपान और शराब का सेवन कम करने से नपुंसकता पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

स्ट्रेस राहित जीवन: योग और ध्यान से मानसिक संतुलन बनाया जा सकता है।

हर्बल उपचार: कुछ हर्बल उपचार भी नपुंसकता के उपचार में सहायक होते हैं।

डॉक्टर से सलाह: समस्या ज्यादा होने पर डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।









गुरुवार, 2 मई 2024

निरंतर जननांग उत्तेजना विकार (प्रियापिज़्म)

                               

निरंतर जननांग उत्तेजना विकार(प्रियापिज़्म)

निरंतर जननांग उत्तेजना विकार, अत्यधिक अवांछित जननांग  उत्तेजना है, जिसमें यौन गतिविधि की इच्छा के बिना ही जननांगों में रक्त के प्रवाह में वृद्धि और योनि स्राव में वृद्धि शामिल है।

निरंतर जननांग उत्तेजना विकार किस कारण से होता है यह अज्ञात है। यह पुरुषों या महिलाओँ दोनों में हो सकता है और यह यौन या गैर-यौन गतिविधि या बिना किसी स्पष्ट उत्तेजना के शुरू हो सकता है।

विकार की पुनरावृत्ति कब होगी इसके बारे में व्यग्रता और चिंता से यह अविरत बना रह सकता है। तंग पेल्विक मांसपेशियां, लक्षणों के प्रति योगदान कर सकती हैं, जननांग क्षेत्र में और उसके आसपास लगातार असुविधाजनक झुनझुनी या धड़कता हुआ महसूस हो सकता है।

महिलाओ में निरंतर जननांग उत्तेजना विकार में, शारीरिक परिवर्तन जो 
 दिखाई देते हैं।आमतौर पर यौन स्टिम्युलेशन से उत्पन्न होते हैं, फिर भले ही महिला को यौन गतिविधि में संलग्न होने की कोई इच्छा न हो और मानसिक या भावनात्मक रूप से भी उत्तेजित न हो,  क्लिटरिस में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे क्लिटरिस और योनि की दीवारें सूज जाती हैं इस प्रक्रिया को अधिरक्तता कहा जाता है । बढ़े हुए रक्त प्रवाह के कारण योनि स्राव में वृद्धि होती है। जननांग क्षेत्र में झुनझुनी या धड़कता हुआ महसूस हो सकता है। संवेदनाएं घंटों या दिनों तक बनी रहती हैं। ज़्यादातर महिलाएं इन परिवर्तनों को दखल देने वाला मानती हैं और उनसे व्यथित और शर्मिंदा होती हैं।

डॉक्टर विशिष्ट लक्षणों के आधार पर निरंतर जननांग उत्तेजना विकार का निदान करते हैं, लेकिन केवल तभी, जब महिलाएं लक्षणों से बहुत परेशान होती है।
 

निरंतर जननांग उत्तेजना विकार का उपचार


1-   पेल्विक फ्लोर शारीरिक चिकित्सा

2-   मनोवैज्ञानिक थेरेपी

निरंतर जननांग उत्तेजना विकार का उपचार स्पष्ट नहीं है।

सबसे पहले, चरम सुख (आत्म-उत्तेजित किए गए हों) अस्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं, लेकिन वे अक्सर कम प्रभावी हो जाते हैं, साथ ही वे असंतोषजनक, अव्यवहारिक समाधान भी होते हैं।

पेल्विक फ़्लोर शारीरिक थेरेपी, जिसमें बायोफ़ीडबैक वाले मांसपेशियों को आराम देने वाले व्यायाम शामिल हैं, उससे मदद मिल सकती है, खासकर जब इसमें माइंडफुलनेस-आधारित संज्ञानात्मक थेरेपी (MBCT) शामिल हो जाती है।
चयनात्मक सेरोटोनिन रीअपटेक अवरोधक (SSRI), जो एक एंटीडिप्रेसन्ट है, प्रभावी हो सकता है, लेकिन इसकी उपयोगिता का समर्थन करने के लिए बहुत कम प्रमाण हैं।

इस विकार के अस्तित्व की सरल मान्यता, इस आश्वासन के साथ कि यह सहज रूप से हल हो सकती है, यह जानकारी कुछ महिलाओं की मदद कर सकती है। मनोवैज्ञानिक थेरेपी और/या दवाओं सहित, चिंता के विशिष्ट उपचार की तरह ही, विकार और समर्थन के बारे में जानकारी भी सहायक होती है।







बुधवार, 17 अप्रैल 2024

यौन रोगों से कैसे बचा जा सकता है


यौन रोगों से कैसे बचा जा सकता है

यौन रोग रोकने का पहला कदम, ये समझना है कि यौन रोग कैसे फैलते हैं।
शरीर के तरल पदार्थों जैसे सीमन, योनि या गुदा के पानी से होने वाले यौन रोग, इसमें क्लेमेडिया और गोनोरिया शामिल है। जिसे रोकने के लिए कंडोम और डेंटल डैम एक कारगर उपाय हैं। त्वचा से फैलने वाले यौन रोगों को भी कंडोम या डेंटल डैम पहन कर रोका जा सकता है, भले उसमें मुंह का इस्तेमाल हो, जैसे रिमिंग।

यदि आप कंडोम का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो ल्युब का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा में होने वाले छोटे-मोटे छिलन (जो यौन रोग का खतरा बढ़ा सकते हैं) से आप बच सकते हैं। कुछ यौन रोग जैसे “हेपेटाइटिस ए” और “एचपीवी” को आप वैक्सीन लेकर उनके सम्पर्क में आने से पहले ही बच सकते हैं।

यदि आपको एचआईवी नहीं है तो इससे बचने के कई कारगर उपाय हैं। PrEP एक रोज़ लेने वाली दवा है जिसके इस्तेमाल से आप “एचआईवी” के इंफ़ेक्शन से बच सकते हैं। यदि आपको ऐसा लगता कि आप एचआईवी के सम्पर्क में आ चुके हैं तो आप 72 घंटों के भीतर PEP लेकर इसे रोक सकते हैं। PrEP और PEP केवल एचआईवी से बचाव करते हैं और यौन रोगों से नहीं।

हमेशा की तरह, आप कैसे भी सेक्स करें, हर 3 या 6 महीने में अपने यौन रोगों की जाँच आपको आपके यौन रोग की स्थिति के बारे में जागरूक रख सकती है।

यौन संबंधित रोगों से बचाव के तरीके

* सेक्सुअल रिलेशन बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
* फिजिकल रिलेशन बनाने के पहले और बाद में जननांगों को जरूर धोएं।
* बुखार, वायरल, किसी इंफेक्शन से ग्रस्त होने पर और पीरियड के दौरान सेक्स करने से बचें। अन्यथा आपका पार्टनर हेल्थ प्रॉब्लम की समस्या में फंस सकता है।
* अजनबियों के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाने से बचें।
* सिर्फ अपने पार्टनर के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाएं। यह सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के खतरे को कम करता है।
* किसी अन्य का टॉवल या अंडरगार्मेंट शेयर न करें।
* अपना रेगुलर टेस्ट करवाएं ताकि आप किसी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से संक्रमित है या नहीं, इसके बारे में पता लगाया जा सके।
* हेपेटाइटिस-बी का वैक्सिन लगवाएं।


सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से संक्रमित होने पर क्या करें

अगर टेस्ट करवाने पर आप एसटीआई या एसटीडी पॉजिटिव निकलते हैं, तो आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।
* सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से संक्रमित होने पर एहतियात के तौर पर अपने पार्टनर का टेस्ट भी जरूर करवाएं।
* तब तक सेक्स करने से दूर रहें, जब तक आप पूरी तरह स्वस्थ न हो जाएं।
* डॉक्टर के निर्देशों का गंभीरता से पालन करें।
* सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
* समय-समय पर अपना टेस्ट करवाते रहें ताकि इसका पता चल सके कि एसटीडी कितना कंट्रोल हुआ है या ठीक हुआ है।





रविवार, 17 मार्च 2024

पुरुष गुप्त रोगों में लौंग वाला दूध पीने के फायदे





पुरुष गुप्त रोगों में 'लौंग वाला दूध' पीने के फायदे -.

क्या आपकी कामेच्छे कम होती जा रही है या स्पर्म कि क्वालिटी सही नहीं है? अगर आप शीघ्रपतन, लो सेक्स ड्राइव, लो स्पर्म काउंट और लो टेस्टोस्टेरोन जैसी यौन रोगों से परेशान है, अगर आप अपने पार्टनर को बिस्तर पर संतुष्ट नहीं कर पा रहे या आपके अंदर वीकनेस है तो आप रोज रात में लौंग वाला दूध पीना शुरू कर दें। ये छोटा सा घरेलू उपाय आपकी सेक्स से जुड़ी अनेकों समस्याओं में लाभ प्रदान करती है। आयुर्वेद में लौंग वाले दूध को गुप्त रोगों के लिए उपयोगी माना गया है।

'लौंग वाला दूध' पीने के फायदे


लौंग वाला दूध पुरुषों के मर्दाना ताकत को बढ़ाने के साथ उनके तमाम गुप्त रोंगों का इलाज करता है। नियमित रूप से लौंग वाले दूध अगर सोने से पहले लिया जाए तो शीघ्रपतन, लो स्पर्म काउंट, लो सेक्स ड्राइव और टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन में कमी में लाभ होता है।

शीघ्रपतन रोकने में उपयोगी

लौंग के अंदर वाजीकरण गुण होते हैं। जो आपकी परफॉर्मेंस को सुधारने का काम करते हैं. 2020 में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार लौंग के सेवन से प्री-मैच्योर इजैक्युलेशन यानी शीघ्रपतन को रोका जा सकता है।

स्पर्म काउंट बढ़ाने में उपयोगी

स्पर्म काउंट यानी शुक्राणुओं की कमी से पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या बढ़ती है लेकिन लौंग में मौजूद फ्लेवेनोइड्स, विटामिन ए प्रोटीन और कार्ब्स स्पर्म काउंट को बढ़ाने में जादुई असर दिखाते हैं।

कामेच्छा की कमी दूर करने में उपयोगी

लो सेक्स ड्राइव या यौनेच्छा में कमी को झेल रहे पुरुष अगर रोज रात में सोने से पहले लौंग वाला दूध पीएं तो ये समस्या भी खत्म हो जाएगी। लौंग के अंदर एफ्रोडिसिएक गुण होते है जो पुरुषों के लिंग में ब्लड फ्लो बढ़ा देते है। इससे सेक्स ड्राइव बढ़ने लगती है।

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में उपयोगी 

टेस्टोस्टेरोन को पुरुषों का 'सेक्स हॉर्मोन' कहा जाता है। जिसपर उनका यौन स्वास्थ्य निर्भर करता है। शरीर में टेस्टोस्टेरोन कम होने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, लो स्पर्म काउंट, गंजापन, कमजोरी जैसी समस्या आ जाती है। लेकिन आयुर्वेद में लौंग वाले दूध को टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का कारगर उपाय माना गया है.

कैसे और कब पिएं लौंग वाला दूध 

एक गिलास दूध में 2 लौंग डालकर उबाल ले, फिर इसे गर्म-गर्म रात में सोने से पहले पीना चाहिए।


रविवार, 3 मार्च 2024

“जिनसेंग” यौन समस्याओं की उपयोगी औषधि


                                         

“जिनसेंग” यौन समस्याओं की उपयोगी औषधि


यौन समस्या और बांझपन आज दुनियां में बढ़ती हुई एक आम समस्‍या बन चुकी है। दुनिया भर में लगभग 48 प्रतिशत पुरुष यौन कमजोरी और बांझपन के शिकार हैं।
प्रजनन क्षमता में कमी होने के कई कारण होते हैं। लेकिन सेक्‍स और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में आहार और औषधियां अहम योगदान देते हैं। बहुत से लोग यौन शक्ति बढ़ाने और बांझपन को दूर करने के नाम पर कई प्रकार की औषधियां  उपयोग कर रहे हैं। प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली औषधि के रूप में बहुत से आयुर्वेदिक चिकित्‍सक जिनसेंग का उपयोग करने की सलाह देते हैं।

जिनसेंग क्‍या है?


जिनसेंग एक औषधीय जड़ी बूटी है जो प्राचीन समय से ही यौन कमजोरी और बांझपन को दूर करने में उपयोग की जा रही है। जिनसेंग को वैज्ञानिक रूप से पैनेक्‍स जिनसेंग (Panax ginseng) के रूप में जाना जाता है। सामान्‍य रूप से इस औषधी का उपयोग शारीरिक थकान, तनाव और अनिद्रा का इलाज करने में प्रभावी माना जाता है। ये सभी कारण किसी भी महिला या पुरुष में बांझपन का कारण बनते हैं।
औषधी के रूप में नियमित सेवन करने पर जिनसेंग बांझपन और यौन दुर्बलता को कम करने में सहायक होते हैं।
 
यौन समस्‍या के प्रकार

हम सभी लोग यौन समस्‍याओं या यौन रोग का नाम सुनते ही सीधे बांझपन या नामर्दानगी समझ लेते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। यौन समस्‍याओं के प्रकार अलग-अलग होते हैं 
यौन रोग सामान्‍य रूप से 3 प्रकार के होते हैं।


स्‍तंभन दोष

किसी भी पुरुष में स्‍तंभन दोष (Erectile dysfunction) सेक्‍स करने के दौरान आने वाली समस्‍या है। इस दौरान सेक्‍स करते समय पुरुषों के लिंग में पर्याप्‍त उत्‍तेजना या कड़ापन नहीं होता है। इस यौन समस्‍या के पीछे कई शारीरिक और मानसिक कारण होते हैं।
शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं में मधुमेह, गुर्दे और यकृत की समस्‍याएं, हृदय रोग और हार्मोनल असंतुलन आदि। जबकि मानसिक कारणों में तनाव, अनिद्रा और अवसाद आदि होते हैं।
स्तंभन दोष से बचने के लिए आप इन स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यओं पर विशेष ध्‍यान दें।

स्‍खलन में परेशानी

यौन संबंध बनाने के दौरान स्‍खलन में होने वाली कठिनाई पुरुषों की प्रमुख यौन समस्‍या में से एक है। स्‍खलन की 3 श्रेणियां होती हैं।

शीघ्रपतन (premature) – इस दौरान जब कोई पुरुष यौन संबंध बनाता है तब वह समय से पहले या बहुत ही जल्‍दी स्‍खलित हो जाता है। जिससे उसे और महिला साथी को पर्याप्‍त यौन सुख प्राप्‍त नहीं होता है।

रुक-रुक कर स्‍खलन होना (inhibited) –इस दौरान किसी पुरुष साथी को सेक्‍स के दौरान वीर्य उत्‍सर्जन करने में बहुत परेशानी होती है। इस यौन समस्‍या में यौन संबंध बनाते समय या तो स्‍खलन होता ही नहीं है या बहुत देर तक रूक-रुक कर होता है।

वीर्य का पीछे जाना (retrograde) – इस प्रकार की समस्‍या में स्‍खलन तो होता है लेकिन वीर्य मूत्र मार्ग से बाहर जाने की बजाय अंदर की तरफ मूत्राशय में ही प्रवाहित होते हैं। यह स्‍खलंन संबंधी समस्‍याओं में सबसे गंभीर स्थिति होती है।

पुरुषों में प्रजनन क्षमता संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी 


इस प्रकार की यौन समस्‍या गंभीर होती है क्‍योंकि यह सीधे ही आपकी यौन और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं। इस प्रकार की यौन समस्‍या हार्मोनल असंतुलन, लगातार अवसादरोधी (antidepressants) दवाओं अधिक का सेवन, धूम्रपान और मदिरापान आदि के कारण होती हैं। ये सभी कारण किसी भी पुरुष में बांझपन का कारण बन सकते हैं। लेकिन ऊपर बताई गई सभी यौन समस्‍याओं को दूर करने में जिनसेंग एक प्रभावी औषधी मानी जाती है।
 जिनसेंग पुरुष और महिलाओं दोनों की कामेच्‍छा को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जिन लोगों को प्रजनन क्षमता संबंधी समस्‍याएं होती हैं उन्‍हें विशेष रूप से जिनसेंग का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जिनसेंग में कई प्रकार के जिनसिनोइड सैपोनिन (ginsenosidesaponins) होते हैं। ये घटक प्रभावशील फाइटोकेमिकल्‍स होते हैं। जिसके कारण तनाव, चिंता आदि को दूर करने के साथ ही यह रोगप्रतिरोध क्षमता में वृद्धि करता है। आप अपनी जीवनशक्ति, ऊर्जा, समग्र स्‍वास्‍थ्‍य और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए जिनसेंग जड़ी बूटी का औषधीय उपयोग कर सकते हैं।

जिनसेंग के लाभ 

 
जिनसेंग पुरुषों के शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए

यौन कमजोरी का एक सामान्‍य कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो सकती है। जिनसेंग का नियमित सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है। इसके अलावा जिनसेंग तनाव को कम करने, स्‍वस्‍थ रक्‍त परिसंचरण को बढ़ावा देने और सहनशक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। यदि आपके शरीर में इस प्रकार की समस्‍याएं होती हैं तो ये आपकी यौन क्षमता के लिए हानिकारक हो सकता है। जिससे पुरुषों में बांझपन की समस्‍या हो सकती है।
 
जिनसेंग शुक्राणुओं की संख्‍या बढ़ाये

जिनसेंग का नियमित सेवन पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्‍या और उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है। जिनसेंग का उपभोग करने पर प्रत्‍येक स्‍खलन के दौरान शुक्राणुओं की गतिशीलता और संख्‍या में वृद्धि के कारण प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है। यदि शुक्राणुओं की संख्‍या प्रति स्‍खलन के दौरान 20 मिलियन से कम होती है तो यह प्रजनन क्षमता में कमी या बांझपन के लक्षणों को दर्शाता है। स्‍वस्‍थ यौन क्षमता वाले लोगों में शुक्राणु मूत्र मार्ग में सीधे आगे बढ़ते हैं जबकि जिन लोगों की प्रजनन क्षमता कमजोर होती है उनके शुक्राणु सर्पिल गति से चलते हैं। जिससे वे महिला अंडाशय को निषेचित करने में अस्मर्थ रहते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि जिनसेंग का सेवन करने से 50 प्रतिशत तक प्रति स्‍खलन तक समग्र गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है।

जिनसेंग हाइपोथैलेमस को नियंत्रित करे

अध्‍ययनों से पता चलता है कि जिनसेंग का सेवन करने से पुरुषों के शरीर में हाइपोथैलेमस को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जिससे पुरुषों में टेस्‍टोस्‍टेरोन के स्‍तर को बढ़ाया जा सकता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन एक प्रमुख यौन हार्मोन है जो यौन क्षमता को बढ़ाने के साथ ही हृदय को भी स्‍वस्‍थ रखता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन पुरुषों के शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन को भी नियंत्रित करता है जो तनाव और अवसाद आदि का प्रमुख कारण होता है।
 
जिनसेंग रक्‍त शर्करा कम करे

मानव शरीर में रक्‍त शर्करा का उच्‍च स्‍तर भी प्रजनन क्षमता में कमी या बांझपन का कारण बन सकता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि जिनसेंग का सेवन करने से रक्‍त शर्करा के स्‍तर को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है। शरीर में ग्‍लूकोज का उच्‍च स्‍तर होने के पुरुषों की सेक्‍स सहनशक्ति कमजोर हो सकती है। जिससे वे सेक्‍स के दौरान लंबे समय तक नहीं टिक पाते हैं। यही कारण है कि अधिकांश मधुमेह रोगी बांझपान या कमजोर यौन शक्ति का शिकार होते हैं। लेकिन नियमित रूप से आप जिनसेंग का औषधीय सेवन कर इस प्रकार की समस्‍या से बच सकते हैं।
 
जिनसेंग तनाव कम करे

जिनसेंग एक जड़ी बूटी है जिसमें औषधीय गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। यह न केवल आपके यौन स्‍वास्‍थ्‍य बल्कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी बढ़ावा देने में प्रभावी मानी जाती है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि जिनसेंग का मानव शरीर में शांत प्रभाव पड़ता है जो तनाव प्रबंधन में मदद करता है। यदि आप भी तनाव या अवसाद जैसी स्थितियों से गुजर रहे हैं तो यह आपकी कामेच्‍छा पर नकारात्‍मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए अपने तनाव को कम करने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए आप जिनसेंग का उपयोग कर सकते हैं।
 
जिनसेंग यौन प्रदर्शन बढ़ाये

यौन शक्ति बढ़ाने के पारंपरिक उपचार में जिनसेंग का व्‍यापक रूप से उपयोग किया जाता है। प्रजनन क्षमता संबंधी लाभों के संदर्भ में जिनसेंग पर कई प्रकार के अध्‍ययन किये गए हैं जिनसे यह पुष्टि होती है कि जिनसेंग यौन प्रदर्शन और सेक्‍स क्षमता दोनों को बढ़ा सकता है। एक अध्‍ययन में स्‍तंभन दोष वाले 45 रोगियों को श‍ामिल किया गया जिन्‍हें नियमित रूप से जिनसेंग का सेवन कराया गया। इन सभी लोगों के स्‍तंभन प्रदर्शन में सुधार पाया गया। बांझपन जैसी समस्‍या को दूर करने के लिए 8 सप्‍ताह तक प्रतिदन 900 मिली ग्राम जिनसेंग का सेवन दिन में 3 बार करना चाहिए। ऐसा करने से स्‍तंभन दोष सहित अन्‍य यौन कमजोरियों और परेशानीयों को प्रभावी रूप से दूर किया जा सकता है।

जिनसेंग कामेच्‍छा बढ़ाये

जिनसेंग पर किये गए अध्‍ययनों से पता चलता है कि एशियाई और अमेरिकी दोनों प्रकार की जिनसेंग का नियमित सेवन करने से यौन इच्‍छा में वृद्धि में हाती है। एक पशु अध्‍यनन के अनुसार चूहों को प्रति किलो ग्राम वजन के अनुसार एशियाइ जिनसेंग 25-100 मिली ग्राम और अमेरिकी जिनसेंग 2.5 से 10 मिली ग्राम का दैनिक आधार पर सेवन कराया गया। जिससे उन चूहों में सेक्‍स की प्र‍वृत्ति में वृद्धि देखी गई। जिनसेंग का नियमित रूप से पुरुषों द्वारा सेवन करने पर उनके शरीर में हार्मोन संतुलन को बनाए रखने में भी मदद मिलती है। जिनसेंग के औषधीय गुण पुरुष सेक्‍स स्‍टेरॉयड, टेस्‍टोस्‍टेरोन, ल्‍यूटिनाइजिंग हार्मोन आदि को भी बढ़ाने में सहायक होता है। जिससे पुरुषों की कामेच्‍छा में सुधार होता है। यदि आप में भी कामेच्‍छा की कमी है तो अपने दैनिक दिनचर्या में जिनसेंग का नियमित सेवन शामिल करें।

जिनसेंग के उपयोग में सावधानियाँ 

जिनसेंग एक औषधीय जड़ी बूटी है जो स्‍वाभाविक रूप से मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छी होती है। लेकिन औषधीय गुण होने के कारण इसके कुछ दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। विशेष रूप से अधिक मात्रा में सेवन करने के दौरान।

मधुमेह रोगियों को जिनसेंग का सेवन करने से पहले अपने स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकार से बात करनी चाहिए। क्‍योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह शरीर में रक्‍त शर्करा को सबसे निचले स्‍तर पर ले जा सकता है।

कैफीन और अन्‍य उत्‍तेजक पदार्थों के साथ जिनसेंग का सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए जिनसेंग का सेवन करने के दौरान अपने डॉक्‍टर को अपनी स्थिति की पूरी जानकारी दें और उनकी सलाह पर ही जिनसेंग का सेवन करें।

कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का उपयोग करने के दौरान जिनसेंग का इस्‍तेमाल करने से बचना चाहिए। यदि आप हृदय रोगी हैं, खून पतला करने की दवा ले रहे हैं, उच्‍च या निम्‍न रक्‍तचाप की दवाएं ले रहे हैं, तब ऐसी स्थिति में जिनसेंग का सेवन करने से बचना चाहिए।




मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

धात गिरने की समस्या (धातुरोग) और समाधान



धात गिरने की समस्या (धातुरोग)और समाधान


व्यक्तियों में बिना किसी से यौन संबंध बनायें वीर्य के अत्यधिक स्राव का होना धात गिरना, स्पर्मेटोरिया, शुक्राणु रोग या धातु रोग कहलाता है। सरल शब्दों में, यौन क्रिया में शामिल हुए बिना ही  स्खलन होना ‘धातु रोग’ कहलाता है।

यह घटना पेशाब या मल त्याग के दौरान भी देखी जा सकती है। इस स्थिति के साथ लिंग में जलन और कमजोरी जैसे विशिष्ट लक्षण भी आ सकते हैं।

आयुर्वेदिक के अनुसार, "धातु" शारीरिक ऊतक प्रणालियों का प्रतीक है। शरीर के भीतर सात अलग-अलग ऊतक प्रणालियाँ होती हैं, जिन्हें "सप्त धातु" कहा जाता है। प्रजनन ऊतकों की पहचान "शुक्र" (वीर्य) धातु के रूप में की जाती है। सात धातुओं में से, शुक्र धातु सबसे परिष्कृत है और इसमें अन्य सभी धातुओं की सर्वोत्कृष्टता समाहित होती है।


वीर्यपात के कारण


यौन गतिविधियों में कभी-कभार शामिल होने से स्पर्मेटोरिया का विकास हो सकता है।
अत्यधिक शराब का सेवन इस स्थिति की शुरुआत में योगदान कर सकता है।
हस्तमैथुन में अत्यधिक लिप्तता भी एक कारण हो सकता है ।
 
शुक्रमेह या धातु रोग के लक्षण

· वीर्य का अनैच्छिक स्राव,

· बेचैनी, रात में हल्का पसीना,

· अनिद्रा (नींद न आना),

· पेशाब करने में कठिनाई,

· हल्की भावनात्मक गड़बड़ी,

· चक्कर आना,

· ऊर्जा की कमी,

· एकाग्रता में कमी

स्पर्मेटोरिया का तुरंत समाधान करने में विफलता से विभिन्न प्रजनन संबंधी विकारों के साथ-साथ कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हो सकती हैं।
धातु रोग या स्पर्मेटोरिया का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद के अनुसार, पुरुषों में पाया जाने वाला घना, सफेद, चिपचिपा पदार्थ शुक्र, प्रजनन में अपनी भूमिका के कारण जीवन के सार का प्रतिनिधित्व करता है।

इसके अलावा, यह मनुष्य की शारीरिक शक्ति, बुद्धि, स्मृति और समग्र रूप को बढ़ाता है। इसलिए, वीर्य की कमी को जीवन शक्ति की हानि, स्मृति में कमी के साथ जोड़ा गया है।

शुक्र धातु में संतुलन बहाल करने के लिए, शमन (शांति) और शोधन (शुद्धि) उपचारों का संयोजन नियोजित किया जाता है।
धातु रोग से राहत पाने के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेदिक औषधियां

आयुर्वेद धातु रोग का समग्र रूप से इलाज करने की वकालत करता है, जिसमें आहार समायोजन, जीवनशैली में बदलाव और विशिष्ट हर्बल उपचार शामिल हैं।

यहां कुछ आयुर्वेदिक औषधियां हैं जो अक्सर धातु रोग के उपचार के लिए निर्धारित की जाती हैं:
 
1. शिलाजीत

शिलाजीत एक चिपचिपा राल जैसा आयुर्वेदिक दवा है जो सहस्राब्दियों से हिमालय के ऊंचे इलाकों में पौधे और सूक्ष्मजीवी मलबे के टूटने से उत्पन्न होता है। इसमें खनिज, फुल्विक एसिड और अन्य लाभकारी पदार्थों की उच्च सांद्रता होती है। शिलाजीत को आयुर्वेद में एक प्रभावी रसायन (कायाकल्प करने वाला) पौधा माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि शिलाजीत शरीर को पुनर्जीवित करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है और शक्ति बहाल करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, सामान्य स्वास्थ्य में सुधार करता है। शिलाजीत में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो प्रजनन प्रणाली में सूजन और दर्द को कम करने में सहायता कर सकते हैं। यह एक कामोत्तेजक है और माना जाता है कि यह प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ाकर यौन प्रदर्शन में सुधार करता है।

2. अश्वगंधा


अश्वगंधा, जिसे अक्सर "इंडियन जिनसेंग" के नाम से जाना जाता है, और ये बिना किसी संदेह के, भारत में स्वप्नदोष की सर्वोत्तम आयुर्वेदिक दवा है। यह कई फायदे प्रदान करता है जो धातु रोग और संबंधित समस्याओं से निपटने में बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।

अश्वगंधा एक इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग और पुनर्जीवन देने वाला पौधा है। यह शुक्राणु हानि के इलाज के लिए एक प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है क्योंकि यह पुरुष प्रजनन प्रणाली को बढ़ाती है। यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाता है और शुक्राणु की गतिशीलता और चिपचिपाहट को भी बढ़ाता है।

यह तनाव और उदासी का मुकाबला कर सकता है, ये दोनों ही स्पर्मेटोरिया के कारण हैं। इसके अलावा, यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। इसका सेवन सीधे या तेल, पाउडर या काढ़े के रूप में किया जा सकता है।

3. सफेद मूसली


सफेद मूसली एक पौधा है जिसका उपयोग लंबे समय से कामोत्तेजक और अनुकूलन के रूप में किया जाता रहा है। सफेद मूसली यौन इच्छा और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली कामोद्दीपक है। यह शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है, जो धातु रोग प्रबंधन के लिए आवश्यक है। कहा जाता है कि सफेद मूसली शक्ति को बढ़ाती है।
 
4. गोक्षुरा

गोक्षुरा अपने मूत्रवर्धक और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले गुणों के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। गोक्षुरा अच्छे मूत्र क्रिया को बढ़ावा देता है, जो धातु रोग के इलाज में सहायता कर सकता है। यह स्वस्थ शुक्राणु उत्पादन और गुणवत्ता को प्रोत्साहित करके पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। गोक्षुरा एक कामोत्तेजक है जो यौन इच्छा को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
 
5. चन्द्रप्रभा वटी

चंद्रप्रभा वटी एक आयुर्वेदिक हर्बल फॉर्मूलेशन है जो अपने मूत्र और प्रजनन प्रणाली प्रभावों के लिए पहचाना जाता है। चंद्रप्रभा वटी अच्छे मूत्र क्रिया को बढ़ावा देती है, जो धातु रोग से निपटने के लिए आवश्यक है। यह प्रजनन अंगों को सही ढंग से संचालित करके सामान्य प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
 
6. शतावरी

शतावरी एक टॉनिक है जो गुर्दे संबंधी विकारों के इलाज में बेहद उपयोगी है। यौन दुर्बलता के सबसे प्रचलित कारणों में से एक गुर्दे की बीमारी है। परिणामस्वरूप, रात्रिकालीन उत्सर्जन, यौन दुर्बलता और बांझपन का इलाज करने में इसकी दृढ़ता से सलाह दी जाती है।

यह शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और जीवन शक्ति को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। यह सबसे प्रभावी प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर है। शतावरी को सीधे आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में लिया जा सकता है, या इसे व्यापक रूप से सुलभ हर्बल फॉर्मूलेशन, पाउडर, तेल या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है।
 

नेचुरल ट्रीटमेंट फॉर स्पर्मेटोरिया


स्पर्मेटोरिया का इलाज न कराने से बांझपन और विभिन्न यौन विकार हो सकते हैं।

· पोषक तत्वों से भरपूर और अच्छी तरह से संतुलित आहार लेने से शुक्राणु रोग के इलाज में पर्याप्त सहायता मिल सकती है।

· यह देखते हुए कि अवसाद और तनाव शुक्राणु रोग के लिए महत्वपूर्ण ट्रिगर हैं ऐसे में ध्यान, योग और नियमित व्यायाम से लाभ होता है ।

· भारत में वीर्यपात को कम करने के लिए कई घरेलू उपचार मौजूद है। इन उपचारों में केसर (केसर), बादाम, काली फलियाँ, अनार का रस और शतावरी की जड़ शामिल हैं।

· शुक्राणु रोग से पीड़ित व्यक्तियों को शराब, धूम्रपान और कड़वे और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।





यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ के नुकसान

                                              यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ के नुकसान शादी-विवाह के बाद शीघ्रपतन पुरुषों के लिए सबसे बड़ी सिरदर...