मंगलवार, 10 सितंबर 2024

शीघ्रपतन की समस्याऔर इसके आयुर्वेदिक समाधान

                                                                                                                      
                 

शीघ्रपतन की समस्या और इसके आयुर्वेदिक समाधान


शीघ्रपतन क्या है?


शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष यौन संबंध के दौरान अपनी इच्छानुसार स्खलन को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और बहुत जल्दी स्खलन हो जाता है। यह समस्या पुरुषों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकती है। इसे यौन विकार के रूप में देखा जाता है, जो रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है।


शीघ्रपतन के कारण


शीघ्रपतन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों कारक शामिल हैं। मुख्य कारणों में निम्नलिखित आते हैं:

1. मानसिक तनाव और चिंता: जब व्यक्ति बहुत अधिक चिंतित या तनाव में रहता है, तो इससे यौन क्रियाओं पर भी असर पड़ता है।

2. हार्मोनल असंतुलन: शरीर में हार्मोन का असंतुलन भी शीघ्रपतन का कारण हो सकता है।

3. यौन अनुभव की कमी: कुछ पुरुषों में यौन अनुभव की कमी के कारण भी शीघ्रपतन हो सकता है।

4. स्वस्थ जीवनशैली की कमी: धूम्रपान, शराब, और अस्वस्थ खानपान जैसे आदतें भी शीघ्रपतन को प्रभावित करती हैं।


आयुर्वेद में शीघ्रपतन का उपचार


आयुर्वेद प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जो शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने पर आधारित है। आयुर्वेद में शीघ्रपतन को ‘धातु क्षीणता’ या ‘धातु दोष’ के रूप में देखा जाता है। आयुर्वेदिक उपचार से न केवल इस समस्या का समाधान होता है, बल्कि यौन जीवन में सुधार भी होता है।
 

1. अश्वगंधा (Ashwagandha)


अश्वगंधा एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो तनाव और चिंता को कम करती है। यह मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाकर शीघ्रपतन में लाभकारी होती है। यह यौन क्षमता को सुधारने और स्खलन के समय को बढ़ाने में सहायक मानी जाती है।

2. शिलाजीत (Shilajit)


शिलाजीत एक शक्तिशाली औषधि है, जो यौन शक्ति को बढ़ाती है और शीघ्रपतन की समस्या में राहत प्रदान करती है। यह शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाती है और यौन स्वास्थ्य में सुधार करती है। नियमित रूप से शिलाजीत का सेवन करने से धातु को मज़बूती मिलती है और यौन सहनशक्ति में वृद्धि होती है।


3. कौंच बीज (Kaunch Beej)


कौंच बीज आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध जड़ी-बूटी है, जो यौन स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए जानी जाती है। यह वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाने में सहायक होती है। कौंच बीज शीघ्रपतन को नियंत्रित करने के साथ ही यौन जीवन को संतुलित करने में सहायक मानी जाती है।

4. ब्राह्मी (Brahmi)


ब्राह्मी मानसिक शांति प्रदान करती है और मस्तिष्क को शांत करती है। यह तनाव, चिंता और मानसिक अस्थिरता को कम करने में सहायक है, जो शीघ्रपतन के कारणों में से एक है। ब्राह्मी के नियमित सेवन से मानसिक संतुलन बना रहता है और यौन क्रियाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

5. गोक्षुर (Gokshura)


गोक्षुर एक अन्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होती है। यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को संतुलित करती है और यौन क्षमता में सुधार करती है। गोक्षुर शीघ्रपतन के कारण होने वाली कमजोरी को भी दूर करता है।

6. आहार और जीवनशैली में सुधार


आयुर्वेद के अनुसार, शीघ्रपतन से निपटने के लिए स्वस्थ आहार और जीवनशैली का पालन करना बेहद जरूरी है। प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। धूम्रपान और शराब से बचें, और रोज़ाना योग और ध्यान करें। नियमित रूप से ध्यान करने से मानसिक संतुलन बना रहता है और यौन शक्ति में सुधार होता है।

7. त्रिफला


त्रिफला शरीर के विषाक्त पदार्थों को निकालकर शरीर को शुद्ध करने का काम करता है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है। त्रिफला का सेवन यौन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है और शीघ्रपतन की समस्या को नियंत्रित करता है।

निष्कर्ष


शीघ्रपतन एक आम यौन समस्या है, जिसे आयुर्वेदिक उपचार, जीवनशैली में सुधार और मानसिक शांति के द्वारा हल किया जा सकता है। आश्वगंधा, शिलाजीत, ब्राह्मी, कौंच बीज, और गोक्षुर जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का नियमित सेवन शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में सहायक है।





शुक्रवार, 30 अगस्त 2024

पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए केगेल व्यायाम: लाभ और तरीके

 


पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए केगेल व्यायाम: लाभ और तरीके


केगेल व्यायाम क्या है?

केगेल व्यायाम, जिसे पेल्विक फ्लोर व्यायाम भी कहा जाता है, उन मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो आपके मूत्राशय, गर्भाशय, छोटी आंत, और मलाशय का समर्थन करती हैं। केगेल व्यायाम में पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को संकुचित और फिर आराम करने की प्रक्रिया शामिल होती है। इन मांसपेशियों का सही तरीके से काम करना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये मूत्राशय और मलाशय के कार्य को नियंत्रित करती हैं।

केगेल व्यायाम पुरुषों के लिए न केवल मूत्राशय और आंत के नियंत्रण में सुधार करता है, बल्कि यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी अत्यधिक फायदेमंद है। इस व्यायाम का नियमित अभ्यास पुरुषों को यौन प्रदर्शन में सुधार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन में राहत, और बेहतर यौन संतुष्टि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

 

पुरुषों के लिए केगेल व्यायाम के यौन लाभ

 

1. इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) में सुधार:

केगेल व्यायाम पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो इरेक्शन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इससे इरेक्शन की शक्ति और अवधि में सुधार होता है, जिससे यौन क्रिया में आत्मविश्वास और प्रदर्शन में बढ़ोतरी होती है।

 

2. शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) को नियंत्रित करना:

केगेल व्यायाम का नियमित अभ्यास पुरुषों को यौन क्रिया के दौरान अधिक नियंत्रण पाने में मदद करता है। यह शीघ्रपतन की समस्या को कम कर सकता है, जिससे यौन संतुष्टि बढ़ती है और प्रदर्शन में सुधार होता है।

 

3. यौन सहनशक्ति में वृद्धि:

पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत करने से यौन सहनशक्ति में सुधार होता है, जिससे यौन क्रिया का समय बढ़ता है और प्रदर्शन बेहतर होता है।

 

4. प्रोस्टेट स्वास्थ्य में सुधार:

केगेल व्यायाम प्रोस्टेट सर्जरी के बाद या प्रोस्टेट से संबंधित समस्याओं में भी सहायक हो सकता है। यह प्रोस्टेट की समस्याओं के बाद मूत्राशय के नियंत्रण को सुधारने में मदद करता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।

 

 केगेल व्यायाम कैसे करें?

 

1. सही मांसपेशियों की पहचान करें:

   पेशाब करते समय बीच में ही रोकने का प्रयास करें। जिस मांसपेशी का आप उपयोग कर रहे हैं, वही पेल्विक फ्लोर मांसपेशी है। इसे पहचानने के बाद, आप इस व्यायाम को किसी भी समय और कहीं भी कर सकते हैं।

 

2. मांसपेशियों को संकुचित करें:

   पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को धीरे-धीरे संकुचित करें, जैसे कि आप पेशाब रोक रहे हों। इसे 3-5 सेकंड तक संकुचित रखें, फिर मांसपेशियों को आराम दें। इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं।


3. दोहराव बढ़ाएं:

दिन में 3-4 बार यह व्यायाम करें। समय के साथ, आप संकुचन की अवधि और दोहराव की संख्या बढ़ा सकते हैं, जिससे मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में सुधार हो सके।

सावधानियां


1- इस व्यायाम को करते समय सांस रोकने से बचें और सामान्य रूप से सांस लें।

2- केवल पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को संकुचित करें; पेट, जांघ, या नितंब की मांसपेशियों को संकुचित न करें।

3- बहुत जल्दी या ज्यादा दोहराव न करें; धीरे-धीरे अभ्यास की तीव्रता बढ़ाएं। 


निष्कर्ष


पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए केगेल व्यायाम एक सरल, सुरक्षित, और प्रभावी तरीका है। इसके नियमित अभ्यास से इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शीघ्रपतन, और यौन सहनशक्ति में सुधार किया जा सकता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसके यौन लाभों का आनंद लें।



Kashyap Clinic Pvt. Ltd.


Gmail: dr.b.k.kashyap@gmail.com


Blogger:  https://drbkkashyap.blogspot.com/   


Justdial:

https://www.justdial.com/Allahabad/Kashyap-Clinic-Pvt-Ltd-in-Civil-Lines/group


Website:  http://www.drbkkashyapsexologist.com/


https://www.youtube.com/c/KashyapClinicPrayagraj/videos

https://www.facebook.com/profile.php?id=100086022823455

https://www.instagram.com/kashyapclinicprayagraj

https://x.com/Sexologistdrbk

Lybrate:  https://www.lybrate.com/allahabad/doctor/dr-b-k-kashyap-sexologist

Sehat :  https://www.sehat.com/dr-bk-kashyap-ayurvedic-doctor-allahabad


Linkdin: https://www.linkedin.com/in/dr-b-k-kashyap-24497780/?

शनिवार, 17 अगस्त 2024

“आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट” डॉक्टर की मदद से करें “पुरुष यौन समस्याओं” का समाधान”


                             

“आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट” डॉक्टर की मदद से करें “पुरुष यौन समस्याओं” का समाधान”

आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति, आजकल पुरुष यौन स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पुरुषों में यौन समस्याएँ जैसे कि नपुंसकता, शीघ्रपतन, और कामेच्छा में कमी आम हो गई हैं, और इनका समाधान प्राकृतिक और पारंपरिक उपायों से किया जा सकता है। आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे आप अपने आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की मदद से अपनी यौन समस्याओं को सुधार सकते हैं।

1. सही डॉक्टर का चयन करें

पहले कदम के रूप में, आपको एक अनुभवी और योग्य आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करना होगा। ऐसे डॉक्टर खोजें

जिनके पास अच्छी साख और अनुभव हो। आप ऑनलाइन रिव्यूज़ पढ़ सकते हैं, दोस्तों और परिवार से सिफारिश ले सकते हैं, या चिकित्सा संघों से संपर्क कर सकते हैं।

2. पूर्ण और सटीक जानकारी प्रदान करें

डॉक्टर को अपनी पूरी चिकित्सा इतिहास और यौन स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करें। इसमें आपकी जीवनशैली, आहार, मानसिक स्थिति, और किसी भी प्रकार की पूर्व चिकित्सा भी शामिल होनी चाहिए। यह जानकारी डॉक्टर को सही निदान और उपचार योजना बनाने में मदद करेगी।

3. आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों का पालन करें

आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर आपके लिए व्यक्तिगत दवाइयाँ और जड़ी-बूटियाँ निर्धारित कर सकते हैं। ये औषधियाँ आमतौर पर प्राकृतिक होती हैं और आपके शरीर की स्वाभाविक क्षमता को बढ़ावा देती हैं। डॉक्टर के सुझावों और निर्देशों का पालन करें, और किसी भी दवा या उपचार का सेवन करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।

4. आहार और पोषण पर ध्यान दें

आयुर्वेद के अनुसार, सही आहार और पोषण यौन स्वास्थ्य में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपके डॉक्टर आपको विशेष आहार योजना और पोषण संबंधी सलाह दे सकते हैं जो आपके यौन स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इनमें शक्तिशाली और ऊर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जैसे कि अश्वगंधा, शतावरी, और गिलोय।

5. योग और ध्यान का अभ्यास करें

आयुर्वेदिक चिकित्सा में योग और ध्यान का महत्वपूर्ण स्थान है। नियमित योगाभ्यास और ध्यान तनाव को कम करने, मानसिक संतुलन बनाए रखने, और यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। अपने डॉक्टर से योग और ध्यान की तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

6. जीवनशैली में सुधार

सही जीवनशैली भी यौन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। तनाव प्रबंधन, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आपकी यौन शक्ति और संप्रेरणा में सुधार हो सकता है। अपने डॉक्टर से जीवनशैली में बदलाव के लिए सुझाव प्राप्त करें और उन्हें लागू करने की कोशिश करें।

7. नियमित परामर्श और फॉलो-अप

डॉक्टर के साथ नियमित परामर्श और फॉलो-अप आवश्यक हैं। इससे डॉक्टर आपकी प्रगति की निगरानी कर सकते हैं और उपचार योजना को आवश्यकतानुसार समायोजित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और आपकी समस्याएँ सही तरीके से हल हो रही हैं। इन कदमों का पालन करके, आप आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की मदद से पुरुष यौन समस्याओं का प्रभावी समाधान प्राप्त कर सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्राकृतिक और संतुलित दृष्टिकोण से आपके यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायता मिल सकती है। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और पेशेवर सलाह का पालन करें।


मंगलवार, 2 जुलाई 2024

यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ के नुकसान

                             
               

यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ के नुकसान


शादी-विवाह के बाद शीघ्रपतन पुरुषों के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी साबित होती है, जिसे दूर करने के लिए पुरुष न जाने क्या-क्या तरीके अपनाते हैं। इन्हीं तरीकों में से एक है यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओ का सेवन।  अलग-अलग नाम से बिकने वाली ये दवाईयां बाजार में धड़ल्‍ले से बिक रही हैं और पुरुष इनका इस्तेमाल बिना किसी सलाह के कर भी लेते हैं। कुछ लोग कभी-कभार इन दवाओं का सेवन करते हैं तो कुछ लोगों को नियमित रूप से इन दवाओं की जरूरत पड़ती है। मौजूदा चलन में हर उम्र के लोग इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं और यही कारण है कि 20 से 25 साल के युवा भी इन दवाओं के झांसे में आकर अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं।


यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं के नुकसान


सिरदर्द

इन दवाओं के नियमित सेवन के बाद पुरुषों को जिस आम समस्या का सामना करना पड़ता है वह है सिरदर्द। मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवाओं का ये सबसे आम दुष्प्रभाव हैं। इन दवाओं के सेवन से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण रक्त प्रवाह में अचानक से बदलाव हो जाता है और सिरदर्द शुरू हो जाता है। पुरुषों को इन दवाओं का सेवन करते वक्त हमेशा एमजी का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि नाइट्रिक ऑक्साइड का बढ़ा हुआ स्तर चक्कर और सिरदर्द का कारण बन सकता है। इन दवाओं के कारण सिरदर्द, चक्कर आना आम होता है। कई मामलों में तो कुछ पुरुष बेहोशी का भी शिकार हो जाते हैं, जो कि एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकता है।
 
पाचन तंत्र का बिगड़ जाना

मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवा का दूसरा साइड इफेक्ट है पाचन तंत्र का बिगड़ना। पाचन तंत्र के बिगड़ने में सबसे आम लक्षण है अपच और दस्त। इस समस्या से बचने के लिए आप अपनी डाइट में बदलाव कर सकते हैं। आप दवाओं के साथ कभी भी कैफीनयुक्त पेय, शराब, या जूस न पिएं बल्कि पानी का विकल्प चुनें।
 
दृष्टि हानि

शीघ्रपतन को रोकने वाली दवाओं का सेवन आपमें विजन लॉस की समस्‍या का कारण बन सकता है। इन दवाओं से आपको धुंधला-धुंधला दिखाई देना शुरू हो सकता है। अगर आपको इन दवाओं के बाद ऐसी समस्या होती है तो इन दवाओं के सेवन से बचें।
 
शरीर में दर्द

कुछ पुरुषों को इन दवाओं के सेवन से पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द होता है। अगर आपको भी इन दवाओं का सेवन करते वक्त शरीर में दर्द होता है, तो पेनकिलर आपकी इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।







मंगलवार, 18 जून 2024

लिंग में सूजन का होना

                               

लिंग में सूजन का होना

लिंग में सूजन (इन्फेक्शन) होना एक  पेनाइल डिसऑर्डर है, जिसमें लिंग की चमड़ी में संक्रमण के कारण लिंग के ऊपरी हिस्से में सूजन आ जाती है। यह बीमारी किसी भी पुरुष को प्रभावित कर सकती है।
ऐसे पुरुष जिनका खतना नहीं हुआ होता है, उनमें इस बीमारी के पनपने का खतरा अधिक रहता है। इस बीमारी से बचने के लिए अपने लिंग की चमड़ी जिसे हम फोरस्किन के नाम से जानते हैं इसकी देखभाल करनी चाहिए तथा समय-समय पर हल्के गर्म पानी से उसकी सफाई करनी चाहिए।
डॉक्टर का कहना है कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों में यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है, जो कुछ समय के बाद खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यही समस्या वयस्क में हो जाए तो इलाज की आवश्यकता पड़ती है।
जो लोग फाइमोसिस से पीड़ित होते हैं, उन्हें यह समस्या होने का खतरा अधिक होता है। क्योंकि फाइमोसिस की स्थिति में लिंग की ऊपरी चमड़ी काफी टाइट हो जाती है, जिसके कारण उसे पीछे हटाने में परेशानी होती है। चमड़ी पीछे न हटने के कारण इंफेक्शन, सूजन, दर्द और जलन होने की संभावना भी बढ़ जाती है।


लिंग में इन्फेक्शन होने के कारण

लिंग की चमड़ी में इन्फेक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर आपको पहले से इन कारणों के बारे में पता हो तो आप कुछ सावधानियां अपनाकर बहुत आसानी से इस बीमारी की रोकथाम कर सकते हैं।

स्मेग्मा – स्मेग्मा (लिंग की चमड़ी के नीचे मौजूद मोटे सफेद पदार्थ) के कारण लिंग की चमड़ी में सूजन हो सकता है। यह एक प्राकृतिक रूप से चिकनाई प्रदान करने वाला पदार्थ है जो लिंग में नमी बनाए रखता है। जिसके कारण लिंग की सफाई नहीं हो पाती है और संक्रमण पैदा हो जाता है।

फंगल इन्फेक्शन – फफुन्दीय संक्रमण भी बैलेनाइटिस के कारणों में से एक है। एक बहुत ही सामान्य प्रकार का जीवाणु बैलेनाइटिस का कारण बन सकता है।

एलर्जी – किसी चीज के प्रति एलर्जी तथा स्किन में जलन होने के कारण लिंग में सूजन हो सकता है। आमतौर यह केमिकल वाले साबुन, शैंम्पू, क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करने से होता है।

त्वचा संबंधी बीमारी – एटॉपिक एक्जिमा या सोरिएसिस जैसी अंडरलाइंग स्किन डिजीज से पीड़ित होने की स्थिति में लिंग की चमड़ी में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है। लाइकेन प्लेनस शरीर को प्रभावित करने वाला एक गैर-संक्रामक और खुजलीवाला चकत्ता है जो लिंग को प्रभावित करता है। लाइकेन स्क्लेरोसस प्राइवेट पार्ट्स में होने वाली एक स्किन डिजीज है जिससे पीड़ित पुरुष को बैलेनाइटिस होने का खतरा होता है।

यौन संक्रमण – योनि संक्रमण से पीड़ित महिला के साथ सेक्स करने से लिंग में सूजन पैदा हो सकता है। यौन संचारित बीमारियां जैसे कि जननांग दाद, क्लैमाइडिया प्रमेह या सिफलिस आदि भी लिंग में सूजन का कारण बन सकते हैं।
लेटेक्स कंडोम – अगर आप सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बैलेनाइटिस होने की संभावना रहती है क्योंकि कंडोम में प्रयोग होने वाले लेटेक्स से लिंग में जलन पैदा हो सकती है। हालांकि, सेक्स के दौरान सुरक्षा के लिए कंडोम का उपयोग करना बहुत जरूरी है,

जुंस बैलेनाइटिस - एक असामान्य बीमारी है जो मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। इससे पीड़ित होने की स्थिति में लिंग का सिर लाल हो जाता है तथा उसमें सूजन, जलन और खुजली होती है। 

कुंडलाकार बैलेनाइटिस - एक तरह का सोरिएसिस है जो प्रतिक्रियाशील गठिया से पीड़ित पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके कारण लिंग की चमड़ी और सिर पर लाली, जलन, सूजन, दर्द और खुजली होता है। जिसकी वजह से पेशाब करने में परेशानी होती है। इन सबके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से एक पुरुष के लिंग की चमड़ी में सूजन हो सकता है।



सोमवार, 3 जून 2024

डिप्रेशन से आती है यौन इच्छा की कमी

 


डिप्रेशन से आती है यौन इच्छा की कमी


डिप्रेशन के कारण व्यक्ति का यौन जीवन प्रभावित होता है। संबंधों में मधुरता बनाए रखने के लिए सेक्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यौन संबंधों की कमी आपके रिलेशन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। डिप्रेशन के लक्षणों की वजह से व्यक्ति की यौन इच्छा कम हो जाती है।

डिप्रेसन को कुछ आसान उपायों की मदद से दूर किया जा सकता है।


व्यक्ति के यौन संबंध ना बनाने के पीछे के कारण

यौन संबंध ना बनाने के पीछे दो महत्वपूर्ण कारण होते हैं। पहला आपका साथी डिप्रेशन में है और दूसरा डिप्रेशन की वजह से सेक्स ड्राइव की कमी है। अगर आप डिप्रेशन की समस्या से बाहर आ जाते हैं तो आपकी सेक्स ड्राइव खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है।


डिप्रेशन के लक्षण


ब्रेन में रासायनिक असंतुलन के कारण डिप्रेशन का शिकार होना पड़ सकता है। हार्मोन संबंधी कारकों की वजह से से भी आपको डिप्रेशन हो सकता है। अन्य बीमारियों के कारण भी डिप्रेशन हो सकता है।

डिप्रेशन के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:-

1-
हमेशा उदास रहना।

2-
अपनी गतिविधियों में रुचि कम लेना।

3-
किसी बात से निराश हो जाना।

4-
अनिद्रा और थकान के कारण।

5-
चिड़चिड़ापन और चिंता।

6-
बहुत कमजोरी और दर्द होना।

7-
यौन रोग की समस्या।


डिप्रेशन के दौरान सेक्स लाइफ वापस लाने के उपाय


1-अपने साथी से बात करें

अगर आपका साथी डिप्रेशन में है तो इस बारे में अपने साथी से बात करें। अपने साथी से बात करने से आप दोनों के बीच रिश्ता गहरा होगा और इंटिमेसी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही यह आपको सेक्स ड्राइव कम होने के गिल्ट को कम करता है। रिश्ता गहरा होने से आपकी इच्छा बढ़ती है। अगर आप रिलेशनशिप में नहीं है तो इस बारे में अपने दोस्त से बात करें।

2-एक्सरसाइज करें

इस समस्या को दूर करने के लिए आप वॉकिंग, स्वीमिंग, या बाइक राइडिंग जैसी एक्सरसाइज कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से आपके दिमाग में केमिकल रिलीज होते हैं और डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ाने वाले केमिकल को कम करते हैं।

3-सेक्सोलोगिस्ट  से बात करें

बहुत से लोगों को यौन समस्या को लेकर प्रोफेशनल से बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। अगर आप डिप्रेशन से ग्रसित हैं तो इसके लिए आप प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।

4-मेडिटेशन का अभ्यास करें 

डिप्रेसन को दूर करने के लिए इसके कारण का पता होना जरूरी होता है।मेडिटेशन, दिमाग को शांत रखने और भावात्मक रूप से मजबूत होने में मदद करता है। मेडिटेसन का अभ्यास करने से डिप्रेसन के लक्षण कम होते है। 








शीघ्रपतन की समस्याऔर इसके आयुर्वेदिक समाधान

                                                                                                                                            ...