मंगलवार, 5 जनवरी 2016

सेक्स समस्या और समाधान
आज पूरी दुनिया यौन‍रोगों से पीड़ित है। भारत में ही करीब दस करोड़ व्यक्तियों के यौन विकारों से पीड़ित होने की संभावना है। ऐसे मामलों में दिक्कत यह होती है कि रोगी खुद इसे प्रकट नहीं करना चाहता भारतीय पुरुष यदि जल्द ही अपने खान-पान की आदतों में सुधार नहीं लाते हैं और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो 2025 तक दुनिया में सबसे ज्यादा सेक्स समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति भारत में होंगे।
यह चेतावनी भले ही अच्छी नहीं लगे लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि एशिया में सबसे ज्यादा सेक्स समस्याओं के शिकार सर्वाधिक व्यक्ति भारत में हैं। हाल में स्वीडन के गोटेबर्ग शहर में संपन्न दसवीं ‘वर्ल्ड कांग्रेस फॉर सेक्सुएल हेल्थ’ में बताया गया कि दुनिया में सबसे ज्यादा सेक्स समस्याओं के शिकार अधिकतर व्यक्ति एशिया, अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में हैं
एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक शोध में यह आशंका व्यक्त की गई है जिसमें 2025 तक सबसे ज्यादा सेक्स समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों की सर्वाधिक संख्या भारत में होगी। इसके लिए जिम्मेवार कारणों में ग्लोबल वार्मिंग समेत भारतीयों की अनियमित जीवन शैली है।
पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही वीर्य निकल जाना आदि परूषों में सेक्स समस्याओं के लक्षण हैं । इस प्रकार की परिस्थिति में पुरुष, स्त्री के संपर्क में आने से कतराता है या आता भी है तो शरम महसूस करता है।यौनपरक सम्भोग में पर्याप्त आन्न्द पाने के लिए जब पुरूष का लिंग खड़ा नहीं हो पाता या खड़ा होकर रूक नहीं पाता तो उसे नपुंसकता भी कहते हैं जोकि परूषों के लियें सेक्स समस्या का एक खतरनाक स्तर होता है जिसको शीघ्र दूर करना अत्यंत आवश्यक है
पुरुष के वीर्य में शुक्राणु होते हैं। ये शुक्राणु स्त्री के डिम्बाणु को निषेचित कर गर्भ धारण के लिये जिम्मेदार होते हैं। वीर्य में इन शुक्राणुओं की तादाद कम होने को शुक्राणु अल्पता की स्थिति कहा जाता है। शुक्राणु अल्पता को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं। लेकिन अगर वीर्य में शुक्राणुओं की मौजूदगी ही नहीं है तो इसे एज़ूस्पर्मिया संग्या दी जाती है। ऐसे पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं। यह भी परूषों के लिए एक गंभीर सेक्स समस्या है
स्त्री की ठंडी पड चुकी सेक्स भावना low libido स्स्त्रियों के लिए एक गंभीर सेक्स समस्या है अनुभवी चिकित्सकों का मत है कि मेनोपोज(ऋतु निवृत्ति) के बाद हारमोन संतुलन बिगड जाने से स्त्रियां सेक्स-विमुख हो जाती हैं।पुरुष के प्रति आकर्षण में गिरावट आ जाती है। बहुत सी स्त्रियों में तो मेनोपोज के पहिले ही काम वासना का स्तर बहुत नीचे आ जाता है। दूसरी और पुरुष का सेक्स ड्राईव बना रहता है।पुरुषों के लिये यौन सक्रियता काल महिलाओं की बनिस्बत ज्यादा लंबा होता है। जो लोग ज्यादा सेक्स-सक्रिय रहते हैं उनके अधिक स्वस्थ रहने की उम्मीद ज्यादा रहती है। पुरुषों में अच्छे स्वास्थ्य का संबंध उनकी यौन सक्रियता से जुडा रहता है। समान स्वस्थ-यौन संबंध पुरुषों और महिलाओं में एक समान नहीं होते हैं। अगर एक पुरुष ५५ साल की उम्र तक पूरी तरह स्वस्थ है और यौन सक्रियता कायम है तो उसके जीवन में यौन सक्रियता ५-७ साल और बढ जाया करती है। लेकिन महिलाओं के मामले में अच्छे स्वास्थ्य की महिला का सेक्स जीवन खराब स्वास्थ्य वाली महिला की तुलना में सिर्फ़ ३ या ४ साल बढता है।
चिकित्सा विग्यान का सबसे ज्यादा ध्यान पुरुषों के से़क्स ड्राईव को बढाने वाली दवाओं की खोज में लगा हुआ है। महिलाओं मे सेक्स के प्रति अनिच्छा loss of libido दूर करने वाले तत्वों की खोज भी अहम विषय है। यह समझ लेना जरूरी है कि स्त्री हो या पुरुष सेक्स में संतुष्टि का स्तर सबका अलग-अलग होता है।
कारण
वो लोग देखे हैं जो ८० साल कि उम्र में भी सेक्स करते हैं उनका सेक्स क्यूँ नहीं ख़तम हुआ | तो मैं आपको आज इसका पूरा विज्ञान बताता हूँ |
हर सात साल में मनुष्य के शरीर में बदलाव होते हैं
0 से ७ साल में सेक्स का कोई अनुभव नहीं होता |
७ से १४ साल के बीच सेक्स के बारे में समझ पैदा होती है
( इस वक़्त बच्चे का रुझान शरीर में होने वाले बदलाव कि तरफ होता है)
१४ से २१ साल के बीच सेक्स तूफ़ान पे होता है | इस वक़्त उसे ज़रूरत होती है कुछ अच्छे मार्गदर्शन की यदि इस समय व्यक्ति को अच्चा मार्गदर्शन नही मिल सका तब वह गलत अवधारणा का शिकार हो कर अपना भविष्य बर्बाद कर सकता है
अश्लील चलचित्र, साहित्य, विज्ञापन- ये मनुष्य की आंखों पर आक्रमण करते हैं, उसकी सुप्त काम-वृत्ति को उद्दीप्त करते हैं। इसलिए शिष्ट लोग चाहते हैं, ऐसा न हो। किंतु प्रतिप्रश्न होता है, इस अर्थ-प्रधान युग में ऐसा क्यों न हो?
मनुष्य की दुर्बलता यह है कि वह काम-वृत्ति को उभारने वाले वृत्तों से अधिक आकृष्ट होता है। और गलत विचार मन में पलकर हस्तमैथुन करने लगता है जिसके कारण वह अपना योन जीवन बर्बाद कर लेता है और विवाहहित जीवन तक पहुंचने से पहले ही सब कुछ खो चूका होता है
सेक्स समस्या का समाधान
विशेष रूप से आधुनिक चिकित्सा यौन रोगों के लिए एक पूर्ण इलाज नहीं है. और यह एक सार्वभौमिक सच्चाई यह है कि अस्तित्व और वृद्धि के अपने लंबे साल से आयुर्वेद  द्वारा संभावित इलाज व उपचार किया गया है
आज हर दूसरे व्यक्ति को एक समस्या है अंग्रेज़ी दवाओं की तुलना में अब प्राकृतिक दवाई की ओर मुड़ रहा है क्योंकि कृत्रिम जीवन शैली में उनकी बीमारियों का सफल और सुरक्षित इलाज केवल प्राक्रतिक दवाइयां हैं क्योंकि इन दवाईयों का कोई भी सह प्रभाव नही होता है यह दवाइयां हमारे स्वस्थ के लिये बहुत अधिक सुरक्षित होती हैं Dr B K Kashyap

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