गुरुवार, 27 सितंबर 2018

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से बचने के लिए क्या करें आइये कुछ खाश बाते जाने डॉ०कश्यप द्वारा ?

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से बचने के लिए क्या करें 
आइये कुछ खाश बाते जाने डॉ०कश्यप द्वारा ?




इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण आपका यौन जीवन प्रभावित होता है । इस समस्या के दौरान पुरुषों को इरेक्शन होने में परेशानी होती है । आप कुछ तरीकों के जरिए इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से बच सकते हैं ।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक यौन समस्या है जो कि किसी भी पुरुष के साथ हो सकती है। इसके दौरान पुरुषों को इरेक्शन होने में परेशानी होती है । उम्र बढ़ने के साथ इस समस्या की संभावनाएं बढ़ जाती हैं । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण आपका यौन जीवन प्रभावित होता है और आपको अपने प्रेम संबंधों के दौरान शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ सकती है । बहुत से लोग इस समस्या को किसी के साथ साझा नहीं करते, यहां तक कि वो अपने पार्टनर के साथ इस बात को शेयर करने से कतराते हैं । इस कारण समस्या का समाधान और मुश्किल हो जाता है । इसलिए बेहतर है कि आप इस समस्या से बचने और निजात पाने के लिए कुछ तरीकों को अपनाएं या किशी अच्छे सेक्सोलोजिस्ट सेकाउंसलिंग करे । 
एल्कोहल का सेवन कम कर दें
एल्कोहल का सेवन जहां आपकी सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाता है वहीं आपकी परफॉर्मेंस को कम कर देता है । इसलिए अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन ना करें । यह आपकी लव लाइफ के लिए खतरा हो सकती है ।

धमनियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें
अगर आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो इस कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है । कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने के कारण आपकी धमनियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे आपके गुप्तांगमें रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता और दूसरा ट्रेसटोस्ट्रोन की कमी  होनेलगती है जीसके कारण इरेक्शन होने में दिक्कत होती है । इसलिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें और धमनियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें । 
धूम्रपान ना करें
सिगरेट का सेवन भी आपका यौन जीवन बिगाड़ सकता है। सिगरेट में मौजूद निकोटीन आपकी रक्त धमनियों को सिकोड़ देता है जिससे आपको निजी अंगों में रक्त पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है और इसी कारण इरेक्शन नहीं होता है। 

वजन नियंत्रित रखें
शोधकरता  बताते हैं कि जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं उन्हें इरेक्शन में अधिक दिक्कत होती है । इसलिए बेहतर है कि आप स्वस्थ वजन रखें। इसके लिए आप नियमित रुप से एक्सरसाइज करें, साथ ही आप सही आहार भी ले सकते हैं । इससे ना केवल आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या कम होगी बल्कि आपका संपूर्ण स्वास्थ्य स्वस्त बना रहता है ।
साइकिल ज्यादा ना चलाएं
अधिक साइकिल चलाने से  और टाइट अंडरवियर या अधिक लंगोट पहनने वालो को प्यूबिक एरिया में अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण रक्त धमनियों और नसों में रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं होता है । इस कारण लिंग तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंचता और यही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बनता है।

नियमित रुप से यौन संबंध बनाए
अगर आप नियमित रुप से यौन संबध बनाते हैं तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या नहीं होती । इसलिए सप्ताह में एकया एक  बार से अधिक यौन संबंध जरुर बनाएं । 



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मंगलवार, 18 सितंबर 2018

आइये जानें क्या है व्यक्तित्व व सेक्स के बीच संबंध डॉ बी० के० कश्यप द्वारा

                 आइये जानें क्या है व्यक्तित्व व सेक्स के बीच संबंध
                           डॉ बी० के० कश्यप द्वारा

यौन इच्‍छा आदमी की जरूरत है और मनोविकार उसमें बाधा। व्‍यक्तित्‍व विकार यानी कि पर्सनालिटी डिसार्डर ऐसी बीमारी है जिसमें आदमी अपनी शख्सियत भूल जाता है। इसमें आदमी अपने व्‍यक्तिगत संबंधों को लेकर बहुत ही अनिश्चित हो जाता है। इस बीमारी से ग्रस्‍त लोग अपनी फीलिंग्‍स पर काबू नही रख पाते हैं। बीपीडी से ग्रस्‍त व्‍यक्ति में सेक्‍स को लेकर इस प्रकार के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त ज्‍यादा एक्‍साइटेड होना, ज्‍यादातर अलग-अलग पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाना, कई दिनों तक यौन संबंध बनाने की इच्‍छा न होना, अजनबियों से शारीरिक संबंध बनाना, रेप का शिकार होना आदि।
पर्सनालिटी डिसॉर्डर होने पर ऐसा भी हो सकता है कि आदमी के अंदर यौन संवेदनायें पैदा ही न हों और ऐसी स्थिति भी आ सकती है वह बार-बार सेक्‍स संबंध बनाने की इच्‍छा जताये । आइए हम आपको बताते हैं कि पर्सनालिटी डिसॉर्डर और सेक्‍स एक-दूसरे को कितना प्रभावित करते हैं ।
यह एक दिमागी बीमारी है जिसमें आदमी सोचने और समझने की शक्ति खो देता है । सामान्‍य शब्‍दों में कहा जाये तो व्‍यक्तित्‍व विकार ऐसा रोग है जिसमें आदमी सामान्‍य स्थितियों में भी बेतुकी बहस करता है ।
दूसरे की बातें गलत लगती हैं और आदमी अपनी बात को मनवाने की कोशिश करता है। व्यक्तित्व विकार का पता अक्सर भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से लगाया जा सकता है। व्यक्ति की भावनात्मक तरीके में प्रतिक्रिया व्यक्त करने की प्रवृत्ति अलग होती है।
व्‍यक्तित्‍व विकार से ग्रस्‍त आदमी अपनी भावनाओं पर काबू नही रख पाता है। सार्वजनिक जगहों पर इंटीमेसी दिखाने में भी उसे कोई दिक्‍कत नही होती है।
ऐसे लोग बड़ी जल्‍दी सेक्‍सुअल पार्टनर भी ढूंढ़ लेते हैं। अक्‍सर इस बीमारी से ग्रस्‍त लोगों के सेक्‍सुअल पार्टनर अलग-अलग होते हैं।
इस बीमारी से ग्रस्‍त लोग एक महिला या पुरुष के साथ यौन संपर्क बनाने से बचते हैं। ऐसे लोग एक पार्टनर के ज्‍यादा करीब भी आने की कोशिश नही करते हैं।
ऐसे लोगों को सेक्‍स आकर्षित नही कर पाता है । इस बीमारी से ग्रस्‍त लोग कई दिनों तक सेक्‍स संबंध भी नही बनाते हैं।
ऐसे लोग यौन इच्‍छा की पूर्ति के लिए ज्‍यादातर अजनबियों के प्रति आकर्षित होते हैं । महिलायें हर बार नए पार्टनर की तलाश करती हैं।
बार-बार एक जैसा माहौल और पुराने लागों की संगत से दूर भागते हैं। पुरानी जगहों पर बार-बार जाने से बचते हैं ।
व्‍यक्तित्‍व विकार से ग्रस्‍त लोग एकांत गतिविधियों में लिप्‍त रहना पसंद करते हैं। लोगों के संपर्क में आने से कतराते हैं और मेलजोल करने से बचते हैं।
इस बीमारी से ग्रस्‍त आदमी को सेक्‍स क्रियायें उत्‍तेजित नही करती हैं क्‍योंकि दिमाग काम करना बंद कर देता है और यौन संकेतों को समझने में दिक्‍कत होती है।
बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी से ग्रस्‍त लोग यौन संबंध बनाते वक्‍त अचानक ज्‍यादा एग्रेसिव हो सकते हैं और पार्टनर का रेप भी कर सकते हैं।
व्‍यक्तित्‍व विकार से ग्रस्‍त महिलायें अक्‍सर किसी अजनबी आदमी से रेप का शिकार होती हैं क्‍योंकि वो अपनी भावनाओं को काबू नही कर पाती और अनजान व्‍यक्ति यौन संबंध बना लेती हैं।
ऐसे लोग होमोसेक्‍सुअल गतिविधियों में भी लिप्‍त रहते हैं। ऐसी स्थिति महिलाओं में ज्‍यादा देखी जाती है। महिलायें पुरुषों की तुलना में महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाती है 
बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी से ग्रस्‍त लोग रिश्‍तों को ज्‍यादा दिनों तक बनाये रखने में सफल नही होते हैं। मानसिक विकार के कारण ऐसे लोगों में अलगाव बहुत जल्‍दी हो जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलायें इस बीमारी का ज्‍यादा शिकार होती हैं ।


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बुधवार, 12 सितंबर 2018

# कंडोम चुनते समय कुछ खास बातों का रखें खयाल #

              # कंडोम चुनते समय कुछ खास बातों का रखें खयाल #


कंडोम खरीदते वक्त जरूरी है कि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो। इसलिए यहां कुछ खास टिप्स दिए जा रहे हैं जो सही कंडोम चुनने में आपकी मदद करेंगे।
1. कंडोम का चुनाव
कंडोम कई प्रकार के साइज में उपलब्ध होता है। ज्यादातर कंडोम लैटेक्स और पोलीस्प्रीन के बने होते हैं। कंडोम के चुनाव के वक्त कई बातें ध्यान में रखनी पड़ती है क्योंकि सवाल आपकी सेक्स लाइफ का है। आइए जानें कैसे करें कंडोम का चुनाव 
2. साइज ध्यान में रखें
कंडोम का चुनाव करते समय साइज को ध्यान में रखना ना भूलें। अगर  आपने गलत साइज का कंडोम खरीद लिया है तो यह सेक्स के दौरान  आपको काफी परेशानी हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए कंडोम खरीदते समय साइज को जरूर ध्यान में रखें।
3. कलरफुल कंडोम
आजकल बाजार में कई प्रकार के रंगीन कंडोम उपलब्‍ध हैं। कई लोगों को यह भ्रम होता है कि कण्‍डोम का प्रयोग करने से सेक्‍स का आनंद समाप्‍त हो जाता है, किंतु वास्‍‍तविकता इससे अलग है। कंडोम का इस्‍तेमाल सेक्‍स क्षमता या उसके आनंद पर कोई नकारात्‍मक प्रभाव नहीं डालता, बल्कि यह आपको सुरक्षित रखता है।

4.महिलाओं के लिए
आमतौर पर यह माना जाता है कि कण्‍डोम केवल पुरुषों के लिए है और इसका प्रयोग वे ही कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आजकल बाजार में महिलाओं के लिए भी कण्‍डोम उपलब्‍ध हैं। ये कंडोम भी उतने ही सुरक्षित और प्रयोग में सरल हैं, जितने कि आमतौर पर मिलने वाले पुरुष कण्‍डोम होते हैं। यदि पुरुष को कंडोम का प्रयोग करने में समस्‍या है तो महिला कंडोम का प्रयोग आसानी से कर सकती है।
5.फ्लेवर कंडोम
बाजार में कई प्रकार के फ्लेवर्स के कंडोम उपलब्‍ध हैं। आप अपने साथी की पसंद का ध्‍यान रखते हुए कंडोम का चुनाव कर सकते हैं। ये नए फ्लेवर्स आपके सेक्‍स को और भी अधिक रोमांचक बना सकते हैं और आपको पार्टनर को और भी रोमांचित कर सकते हैं।

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सोमवार, 3 सितंबर 2018

Why Space is Important to Our Sex ( सेक्स में क्यों जरूरी हैं गैप )

                Why Space is Important to Our Sex 
                        ( सेक्स में क्यों जरूरी हैं गैप )



सेक्स सिर्फ शारीरिक संबंध ही नहीं बल्कि मानसिक संबंध भी होता है। सेक्स के दौरान आप मानसिक रूप से भी एक दूसरे से जुड़ाव महसूस करते हैं। कई शोधों के मुताबिक, आप सेक्स उसी व्यक्ति के साथ कर सकते हैं जिससे आप मानसिक और भावनात्मक रूप से जुड़े हों। आपको चाहिए‍ कि आप जब बहुत गुस्से में हो या फिर आपके अपने पार्टनर से तनाव चल रहा हो तो उस दौरान सेक्स ना करें। अन्यथा आपको इसके नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। हाल ही में आए एक शोध में यह भी बात सामने आई है कि सेक्स में गैप होना जरूरी है यानी रोजाना सेक्स के आपको नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। अब सवाल ये उठता है कि वे कौन से कारण हैं जिनसे सेक्स में गैप होना जरूरी है। आइए जानें, सेक्स में क्यों जरूरी है गैप।

यह तो सभी जानते हैं सेक्स के जरिए आप चुस्त-दुरूस्त रह सकते हैं ।
यदि आप अपने पार्टनर से स्वस्थ रिश्ते‍ चाहते हैं तो आपके सेक्सुअल रिलेशंस का ठीक होना भी बहुत जरूरी हो जाता है।
सेक्स करने के फायदे बहुत हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी आपको उठाने पड़ सकते हैं
सेक्स में क्यों जरूरी है गैप
हार्मोंस का संतुलन बनाए रखने के लिए सेक्स रोजाना ना करें- महिलाओं में शादी के बाद हार्मोंस में बदलाव होता है, ऐसा सेक्सुअल रिलेशंस के कारण होता है। यदि आप चाहते हैं कि आपको कोई शारीरिक समस्या ना हो तो आपको बीच-बीच में सेक्स करना बंद कर देना चाहिए।
बोरियत से बचने के लिए रोजाना ना करें सेक्स- इंसान की स्वाभाविक प्रवृति होती है कि वह एक ही चीज से जल्दी ही बोर हो जाता है, ऐसे में यदि आप अपने संबंधों को रोमांचक बनाना चाहते हैं तो आपको सेक्स रोजाना नहीं करना चाहिए। कुछ दिनों बाद सेक्स से आपके बीच प्यार भी अधिक बढेगा और आप अपने पार्टनर को अपने और करीब महसूस करेंगे।
माहवारी के दौरान ना करें सेक्स
 महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कई बार बहुत परेशानियां होती हैं तो कई बार महिलाएं बीमार भी पड़ जाती हैं। जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान थोड़ा सा भी दर्द होता है उन्हें माहवारी के दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए। अन्यथा उनको कोई गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है।
इंफेक्शन होने पर ना करें सेक्स
 कई बार आपको सेक्सुअल संबंधी संक्रमण एसटीडी (सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डीजीज) और एसटीआई (सेक्सुअल ट्रांसमिटिड इंफेक्शन) हो तो आपको सेक्स करने से बचना चाहिए, अन्यथा ऐसे इंफेक्शंस आपके पार्टनर को भी हो सकता है।
मानसिक रूप से स्वस्थ ना होने पर ना करें सेक्स
 यदि आपका साथी मानसिक रूप से अस्वस्थ है या फिर वह बहुत चिंता, तनाव या किसी बड़ी समस्या से गुजर रहा है तो आपको सेक्स करने से बचना चाहिए।
किसी भी वक्त ना करें सेक्स– कई बार आपका अचानक दिन में सेक्स करने का मूड करता है लेकिन ठीक इसके विपरीत आपका साथी इसके लिए तैयार नहीं तो आपको सेक्स करने से बचना चाहिए या फिर अपने साथी को पहले इसके लिए तैयार करना चाहिए और उसके बाद ही आराम से सेक्स करना चाहिए।


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धात रोग की समस्या और इसका आयुर्वेदिक समाधान

धात रोग की समस्या और इसका आयुर्वेदिक समाधान : Dr. B.K. Kashyap (Sexologist) परिचय: धात रोग , जिसे अक्सर ' स्वपनदोष ' या ' व...