शनिवार, 28 सितंबर 2019

हाई ब्लड प्रेशर ( उच्च रक्तचाप) का सेक्स जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव :



हाई  ब्लड प्रेशर ( उच्च रक्तचाप) का सेक्स जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव :

उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण दीर्घकालीन मानसिक तनाव होता है, जिसके कारण यौन संबंधों से अरुचि, शीघ्रपतन या नपुंसकता की समस्या हो सकती है। साथ ही उच्च रक्तचाप के अनेक मरीज रोग का पता लगाने पर भी चिंतित होकर तनावग्रस्त रहते हैं, जिस कारण यौन क्षमता प्रभावित होती है।

रक्तचाप हमेशा एक जैसा नहीं रहता यह बदलता रहता है। सोते समय कम हो जाता है, जबकि मानसिक तनाव, गुस्सा, चिंता, भोजन के बाद, शारीरिक श्रम, व्यायाम तथा सहवास के समय बढ़ जाता है। आराम करने से पुनः सामान्य स्तर पर आ जाता है। यदि किसी व्यक्ति का रक्तचाप लगातार सीमा से ज्यादा रहता है तो यह दशा उच्च रक्तचाप कहलाती है।

उच्च रक्तचाप बहुत ही सामान्य समस्या है। आधुनिक तनावयुक्त जीवनशैली, खानपान तनाव, भागदौड़ में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि वयस्कों में करीब 10-12 प्रतिशत व्यक्ति तो इसी समस्या से ग्रस्त हैं।

उच्च रक्तचाप के कारण शरीर के अनेक अंग जैसे गुरदे, आँखें, क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप  से ब्रेन हैमरेज  होने की संभावना हो सकती है। मरीजों में यदि रक्तचाप पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया गया तो अनेक यौन समस्याएँ भी हो सकती हैं।

उच्च रक्तचाप और सेक्स का सम्बन्ध :

यौनक्रीड़ा के समय जननांगों को भी ज्यादा रक्त की जरूरत होती है और हृदय गति तथा रक्तचाप बढ़ जाता    है। इस समय रक्तचाप बढ़कर 150 मिलीमीटर मरकरी तक पहुँच सकता है। यदि पहले से ही रक्तचाप बढ़ा है तो यह 180 मिलीमीटर मरकरी के स्तर तक पहुँचता है। यदि उच्च रक्तचाप के मरीज रक्तचाप प्रभावी नियंत्रण रखे बिना सहवास करते हैं तो रक्तचाप खतरनाक स्तर तक बढ़कर एंजाइना, हृदयाघात, पक्षाघात की संभावना बढ़ा देता है।


उच्च रक्तचाप पर प्रभावी नियंत्रण:

यदि रक्तचाप ज्यादा है तो यौन संबंधों से बचें जब तक कि यह सामान्य न हो जाए। आप उच्च रक्तचाप की दवाओं का सेवन करते हैं और यौन क्षमता में कमी हो जाती है तो दवाएँ लेना बंद न करें।

कामक्रीड़ा के समय मरीज शीघ्र थक जाते हैं। साँस भी फूलने लगती है, गंभीर रूप से हार्ट फेलेयर हो सकता है, एंजाइना व हार्ट अटैक भी हो सकता है।

            यदि आप उच्च रक्तचाप के मरीज हैं तो अपनी आदतें बदलें, भोजन में परहेज करें। जीवन सुव्यवस्थित करें, तनावमुक्त रहें। दुर्व्यसनों को त्यागें। उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण रखें। यदि रक्तचाप ज्यादा है तो यौन संबंधों से बचें जब तक कि यह सामान्य न हो जाए। आप उच्च रक्तचाप की दवाओं का सेवन करते हैं और यौन क्षमता में कमी हो जाती है तो दवाएँ लेना बंद न करें। चिकित्सक को समस्या बताएँ। वह दवा की मात्रा घटा देगा या दवाएँ बदल देगा, जिससे यौन समस्याओं से बचाव हो सकेगा।

उच्च रक्तचाप की कई दवाएं ऐसी होती हैं जिनसे नपुंसकता की शिकायत हो सकती है। चिकित्सक की सलाह से ऐसी दवाओं के डोज को नियंत्रित किया जा सकता है अथवा ऐसी दवाएं देने के लिए कहा जा सकता है जिनसे नपुंसकता भी नहीं आती और उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित हो जाता है। अपने मन से या केमिस्ट से पूछ कर नपुंसकता निवारण की कोई दवा न लें क्योंकि इनसे उच्च रक्तचाप के मरीजों को नुकसान हो सकता है।

               उच्च रक्तचाप मे मरीज जिन्हें मदिरा, तंबाकू, सिगरेट आदि की लत है को इन चीजों का त्यागकर संतुलित भोजन करना चाहिए जिस में वसा और कैलोरी की मात्रा नियंत्रित हो। नमक इस्तेमाल न करें। यदि वजन ज्यादा है तो वजन कम करें। नियमित व्यायाम करें और तनावमुक्त और हलके रह कर उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण किया जा सकता है पर उच्च रक्तचाप के अनेक मरीजों को रोग पर नियंत्रण के लिए दवाओं का सेवन करना पड़ता है।


शनिवार, 21 सितंबर 2019

सेक्स जीवन का आनंद उठाना है तो मधुमेह (Diabetes)और टेंसन पर रखें नियंत्रण:



सेक्स जीवन का आनंद उठाना है तो  मधुमेह (Diabetes)और टेंसन पर  रखें नियंत्रण:

मधुमेह (डाइबीटिज) की समस्या एक गंभीर समस्या है । इसके रोगी को जीवन के हर क्षेत्र में अनेक समस्याओं से जूझना पड़ता है। मधुमेह ग्रस्त रोगी को हमेशा स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं को झेलना पड़ता है, जिससे उसको मानसिक तनाव होने लगता है  जिसका बुरा असर सेक्स जीवन पर भी पड़ता है। और अनेक प्रकार की सेक्स समस्याए इससे उत्पन्न होती है:-
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन  
50 फीसदी डायबिटीक पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होती है। जिसका कारण ब्लड सर्कुलेशन कम होना है मधुमेह (Diabetes) पीड़ित के  ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने की वजह ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है जिससे  इरेक्शन की समस्या आती है

स्पर्म क्वालिटी
पुरुषों में डायबिटीज का बुरा असर उनके शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर होता है,जिससे सेक्स लाइफ तो प्रभावित होती ही है, प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक असरपड़ताहै।यह आपके डीएनए को काफी हद तक प्रभावित करता है।

सेक्स इच्छा में कमी
 सेक्स इच्छा में कमी का बड़ा कारण डायबिटीज हो सकता है इतना ही नहीं, डायबिटीज के कारण सेक्स संतुष्टि भी नहीं मिलती

महिलाओं में वैजाइनल ड्राईनेस
महिलाओं में डायबिटीज होने के कारण ये समस्या होना आम बात है कई महिलाएं सेक्सुअली तो एक्टिव होती हैं लेकिन डायबिटीज के कारण वैजाइनल ड्राईनेस रहती हैं मीनोपोज से पहले ऐसी महिलाओं को टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है

इंफेक्शन
अगर आप डायबिटीक हैं तो बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होने का बहुत डर रहता है ये इंफेक्शन वैजाइनल भी हो सकता है और यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन हो सकता है इतना ही नहीं, डायबिटीक को सेक्सुअल एक्सपीरिएंस भी बहुत अच्छा नहीं रहता

डाइबीटिज रोगी होने के बावजूद सेक्स जीवन का आनंद उठाने के आसान उपाय:
1.      शुगर के स्तर को नियंत्रित करें:
 शुगर के लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए डॉक्टर के सलाह के अनुसार डायट लें और नियमित रूप से व्यायाम करने की कोशिश करें। हमेशा अपने शुगर के स्तर की जाँच करें ताकि आप स्वस्थ जीवन जी सके।
2.     सेक्स करने के पहले शुगर की जाँच कर लें:
 डाइबीटिज के रोगी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या यह होती है कि सेक्स के दौरान शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है। ब्लड-शुगर कम होने पर थकान महसूस होता है और हाई होने पर पुरूषों के इरेक्शन और महिलाओं के कामोत्तेजना में कमी आ जाती है। इसलिए सेक्स करने के पहले शुगर की जाँच कर लेने से मधुमेह रोगी सही तरह से सेक्स जीवन का आनंद उठा पायेंगे।
3.      अपने पार्टनर से समस्या से बारे में बात करें:
 मधुमेह के समस्या से सिर्फ रोगी ही प्रभावित नहीं होता है इसके साथ उसका पार्टनर भी प्रभावित होता है। अपने साथी के साथ अपनी समस्या का जिक्र करने से आप समस्या को समाधान करने का रास्ता पा सकते हैं।
4.      एक दूसरे के साथ नजदीकियाँ बढ़ायें:
 सेक्स जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्यार होना ज़रूरी होता है। इसलिए रिश्ते को मजबूत करने के लिए एक दूसरे को समय दें और प्यार के पलों को एक साथ गुजारने की कोशिश कीजिए।

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शनिवार, 14 सितंबर 2019



जानें कैसे डिप्रेशन (अवसाद) रिश्‍तों और यौन संबंधों प्रभावित कर सकता है:

डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो ना सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान कर देती है। अवसाद में अकसर लोगों को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता। अधिक दुख, बहुत अधिक रोना, चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा व अन्य भावनायें प्रकट होती हैं।

डिप्रेशन की वजह से पुरूष और महिलाएं दोनों की सेक्स लाइफ प्रभावित होती है।, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सेक्स ड्राइव को भी कम कर सकता है ? जी हां, यह सच है। डिप्रेशन का असर आपकी सेक्स लाइफ को भी तबाह कर सकती है। एक शोध से पता चला है कि यदि आप क्रोनिक डिप्रेशन से पीड़ित हैं, तो आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी यौन समस्या होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही, अवसाद का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं भी आपकी कामेच्छा यानी लिबिडो पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

डिप्रेशन और यौन समस्याओं के बीच संबंध :

यौन इच्छा की शुरुआत दिमाग से होती है । दिमाग में एक केमिकल पाया जाता है जिसे न्यूरोट्रांसमीटर के नाम से जाना जाता है और यह आपके सेक्स करने की इच्छा को जागरूक करता है। इन केमिकल के कारण आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संचार होता है और यौन अंगों में रक्त प्रवाह कि गति बढ़ जाती है। बहुत सारी औरतों और पुरुषों को डिप्रेशन के कारण यौन इच्छा में कमी की शिकायत होती है और ऐसा होने से आपके संबंधों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

चरम आनंद (प्लेजर) के अहसास की कमी :

यदि आप अवसाद से पीड़ित हैं, तो आपको बेड पर अपने साथी के साथ बेहतर रात गुजारने और अच्छे मूड में आने में मुश्किल होगी। सेक्स के दौरान आप जो भी पहले किया करते थे उनसे आप उत्तेजित हो जाया करते थे, लेकिन डिप्रेशन के कारण उन सभी गतिविधियों को करने में आपको समस्याएं आ सकती हैं। आनंद की अनुभूति की कमी, जिसे चिकित्सकीय रूप से एन्हेडोनिया (Anhedonia) कहा जाता है, अवसाद के मुख्य लक्षणों में से एक है।

यौन इच्छा एवं जोश को भी कम करता है:

जब आप उदास या तनाव में होते हैं, तो आप या तो लंबे समय तक सोते हैं या आपको पर्याप्त नींद नहीं मिलती है। नींद की कमी से थकान होती है। इससे सुस्ती भी आती है। इससे जोश में भी कमी आती है, जिससे सेक्स के प्रति आपकी इच्छा कम होने लगती है। ऐसे में लोग सेक्स से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने करने लगते हैं जैसे काम से जल्दी वापस नहीं लौटते, थकान होने का बहाना करते हैं, तबीयत ठीक नहीं आदि। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि अनियमित नींद की आदतें आपकी कामेच्छा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

अवसाद, कपल्स के बीच आपसी समझ को करता है प्रभावित:

अवसाद आपके और आपके साथी के बीच बातचीत को कम कर देता है। ऐसे में आप दोनों ही अपनी किसी भी समस्या को एक-दूसरे के साथ खुलकर चर्चा कर पाने में फ्री महसूस नहीं करेंगे। इससे कई बार कपल्स के बीच गलतफहमी, झगड़े और खीज जैसी स्थिति आ जाती है। डिप्रेशन कपल्स के बीच बातचीत ना करने, अनिश्चितता और स्थिर संबंध बनाए रखने में असमर्थता के पीछे प्रमुख कारण है।

हाइपरसेक्‍सुअल बनाता है डिप्रेशन:



चिंता और अवसाद के कारण लोगों में सेक्स के प्रति चाहत कम होती है शोध से पता चला है कि चिंता से मुक्त होने के लिए लोग अधिक सेक्स करते हैं और वह 'हाइपरसेक्‍स' के शिकार हो जाते हैं, जो एक बीमारी है। इस शोध से पता चला है कि चिंता और अवसादग्रस्‍त व्यक्ति में अधिक सेक्स करने की लत लग जाती है।



क्या है हाइपरसेक्सुअलटी :

सेक्स की तीव्र इच्छा और हर वक्त सेक्स के बारे में सोचते रहने के कारण अधिक सेक्स करने को ही हाइपरसेक्सुअलटी कहा जाता है। इससे व्यक्ति का काम, रिश्ते और सामाजिक स्तर प्रभावित होता है। कई बार व्यक्ति ऑफिस में भी सेक्स के बारे में ही सोचता रहता है। सेक्स संबंधी फंतासी अवसाद को और बढ़ा देती है।


डिप्रेशन के कारण उत्पन्न हुई सेक्स संबंधित समस्याओं से कैसे बचें:

यदि आपको लग रहा है कि डिप्रेशन के कारण ही आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय नहीं बिता पा रहे हैं, तो साइकोलॉजिकल काउंसलिंग के लिए जाएं। साइकोथेरेपिस्ट से संपर्क करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। साइकोथेरेपी सेशन से आप अपने डिप्रेशन के लक्षणों को अच्छी तरह से कम और मैनेज कर सकेंगे। इसके अलावा, जब आप उदास होते हैं, तो आप अपने साथी से सेक्सुअल डिस्फंक्शन और उन चीजों के बारे में बातचीत करने से बचने की कोशिश करते हैं, तो ऐसे में आपका थेरेपिस्ट आपको अपने साथी के साथ खुलने में आपकी मदद करेगा।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और ऑर्गेज्म के सुख तक पहुंचने में असमर्थता डिप्रेशन के सबसे कॉमन सेक्स-संबंधी परिणाम हैं, इसलिए सेक्स थेरेपिस्ट के पास जाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वह आपको इन सभी शारीरिक समस्याओं में छुटकारा पाने में मदद करेगा। वह आपको सेक्सुअल डिजायर को बूस्ट करने, लुब्रिकेशन (लो लिबिडो का मुख्य कारण) को बढ़ाने के तरीके सुझाता है, ताकि आप दोबारा से सेक्सुअल लाइफ में इन्वॉल्व हो सकें।


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शनिवार, 7 सितंबर 2019

क्या मोटापे (Obesity ) से यौन समस्यायें उत्पन्न होती है :


मोटापा (Obesity)से उत्पन्न होने वाली यौन समस्यायें और  दूर करने के उपाय:
मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। यह व्यक्ति को केवल शारीरिक तौर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक तौर पर भी नुक़सान पहुंचाता है। एक रिसर्च के मुताबिक़ भारत में लगभग 50 फ़ीसदी तलाक की वजह है सेक्सुअली असंतुष्टि है, जिसका मुख्य कारण मोटापा है।
मोटापा कई तरह की बीमारियों की संभावना को बढ़ाने के अलावा पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लेवल को घटाता है। यह हार्मोन, सेक्सुअल फंक्शन के लिए आवश्यक होता है। यह यौन स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है।

 
मोटापे से होने वाली मानसिक  परेशानियां जो आपके यौन जीवन को प्रभावित करती है :
मोटापे का सीधा असर सेक्स ड्राइव पर पड़ता है।   दोनों में से एक पार्टनर अगर मोटा है, तो मोटे शरीर की वजह से सेक्स करते व़क्त वो सहज महसूस नहीं करता, जिसकी वजह से सेक्स में उसकी रुचि कम हो जाती है।
मोटापे की वजह से शरीर का आकार बिगड़ जाता है, जिसकी वजह से वह अपने पार्टनर को सेक्स करने के लिए उत्तेजित या आकर्षित नहीं कर पाता है। सेक्स करने में झिझक या सही से परफॉर्म न करने की वजह से वैवाहिक जीवन में समस्याएं आने लगती हैं।  मोटे शरीर को लेकर झिझक और शर्म महसूस करने की वजह से यह एक साइकोलॉजिकल समस्या भी बन गई है। मोटापे का असर सीधा मूड पर होता है  ख़राब मूड सेक्स क्रियाओं में बाधा बनता है। 

 
मोटापे से होने वाली शारीरिक  परेशानियां जो आपके यौन जीवन को प्रभावित करती है :
जब आपके शरीर का वजन स्वास्थ्य के जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो उसे मोटापे की समस्या आने लगती है। मोटापे का मुख्य कारण जरुरत से अधिक खाना और शारीरिक व्यायाम ना करना होता है। मोटापा कई रोगों की संभावना को बढ़ाने के अलावा आपके यौन स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है। मोटापा सेक्सुअल एक्टिविटी को भी प्रभावित करता है।  यौन क्रियाएं करने के लिए मसल्स का लचीला होना और शरीर में ऊर्जा का होना ज़रूरी है।  ज़्यादा वज़न स्टैमिना को प्रभावित करता है, स्टैमिना कम होने की वजह से ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में द़िक्क़त हो सकती है।
पुरुषों में मोटापे की समस्या से कई सेक्स समस्याएं होने की संभावनाएं होती हैं। मोटापा होने से पुरुषों को क्या सेक्स समस्याएं हो सकती हैं आइए जानते हैं:

मोटापा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को घटाता है: 
टेस्टोस्टेरॉन को मेल सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है।  इसकी कमी पुरुष को चिड़चिड़ा, गुस्सैल बना देती है।    मूड का भी सीधा संबंध इस हार्मोन से होता है।  इसकी कमी कामेच्छा को कम कर देती है।
मोटापा पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लेवल को घटाता है। यह हार्मोन सेक्सुअल फंक्शन के लिए आवश्यक होता है। इस हार्मोन में कमी इरेक्शन तक पहुंचने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है क्योंकि पेनाइल टिशू में रक्त के संचार को बनाए रखने के लिये टेस्टोस्टेरोन की जरुरत होती है।
मोटापे की वजह से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है।  शरीर में फैट्स बढ़ने की वजह से टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के स्तर में गिरावट आ जाती है, जिसकी वजह से कामेच्छा कम हो जाती है।  एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जब शरीर का फैट कम या ज़्यादा होता है, तो उसका सीधा असर कामेच्छा पर पड़ता है।      
अमेरिका में हुए एक रिसर्च के मुताबिक़ मोटे लोगों में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर 50 फ़ीसदी तक कम हो जाता है।  टेस्टोस्टेरॉन की कमी इंफर्टिलिटी का कारण बन सकती है।

मोटापा रिप्रोडक्टिव फंक्शन्स को भी प्रभावित करता है:
मोटापे के कारण निश्चित रुप से शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणु की गतिशीलता में कमी आती है। जिसके चलते मोटापा पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या का कारण बनता है। इसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के रिप्रोडक्टिव फंक्शन्स पर पड़ता है।

 
मोटापे के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन:
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के मुख्य लक्षणों में मोटापा सबसे ऊपर है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित लगभग 80 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार पाए गए हैं। मोटापे की वजह से कई बीमारियां हो जाती हैं और शरीर के कई अंगों तक रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाता।  हाई कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज़, हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों की वजह से धमनियां ब्लॉक होने लगती हैं और जननांगों तक ब्लड सर्कुलेशन ठीक ढंग से नहीं हो पाता, जिसकी वजह से इस बीमारी में पुरुष जननांग में संभोग के लिए पर्याप्त तनाव नहीं आ पाता है, जिससे वह यौन संबंध बनाने में नाकाम साबित होता है। जिसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या कहते है।

प्रीमैच्योर इजेकुलेशन:

मोटापे की वजह से पुरुष जल्दी स्खलित हो जाते हैं, जिसकी वजह से वो सेक्स के समय अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं।

मोटापा और प्रोस्टेट में बढ़ोत्तरी: 
मोटापे के तार बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाजिया से भी जुड़े हैं। प्रोस्टेट के आकार में वृद्धि होने को बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाजिया कहते हैं। वो पुरुष जो मोटापे का शिकार हैं और जिनकी कमर का आकार 43 इंच से ज्यादा है, उनमें यह समस्या होने की संभावनाएं बाकी लोगों से 2.4 गुना ज्यादा होती हैं।

 
मोटापा साथ ले आता है बीमारियां:
मोटे लोगों को ब्लडप्रेशर, हार्ट डिसीज़, डायबिटीज़ जैसी कई बीमारियां घेर लेती हैं, जिसकी वजह से दवाएं खानी पड़ती हैं।  इन बीमारियों में ली जानेवाली दवाओं से भी कामेच्छा पर असर पड़ता है।  एक रिसर्च के मुताबिक़  मोटे लोगों की सेक्स लाइफ में नॉर्मल वज़नवाले लोगों के मुकाबले 25 गुना ज़्यादा परेशानियां होती हैं।

मोटापे से पाएं छुटकारा रहें सेक्सुअली फिट:
शोध के मुताबिक, मोटापे से ग्रस्त एक तिहाई लोगों का मानना है कि वजन घटाने के बाद उन्होने सेक्सुअल फंक्शन में सुधार नोटिस किया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि करीब 5 किलो वजन घटाने से भी टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाया जा सकता है जिसके जरिए आपके यौन स्वास्थ्य मे सुधार होगा। मोटापा घटाने के लिये आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। मोटापे को कम करने के लिए ये तरीके काम आ सकते हैं।
डायट में बदलाव करें, भले ही वज़न कम न हो पाए, लेकिन खानपान पर ध्यान रखकर सेक्स ड्राइव को बढ़ाया जा सकता है:
  • लो फैट डायट के साथ फल व सब्ज़ियां खाएं।  यह डायट ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखेगा और सेक्स करने की चाह बनाए रखेगा। 
  • आहार में सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम करें और प्रोटीन की मात्रा बढाएं।  इससे वज़न कम करने में मदद मिलेगी और सेक्स हार्मोन्स का संतुलन बना रहेगा। 
  • लाइफस्टाइल बदलें और वर्कआउट करें।  ऐसी एक्सरसाइज़ या एक्टिविटीज़ जिससे जांघों, कमर, कूल्हों की मांसपेशियों तक रक्त संचार हो।  इसके लिए ब्रिस्क वॉक यानी तेज़ चलना, योग, साइकिलिंग आदि एक्टिविटीज़ जननांगों तक रक्त संचार को बढ़ा देते हैं और मोटापा कम करने में भी मदद करते हैं।  जिससे कामोत्तेजना बढ़ जाती है। 
  • अगर मोटापे का कारण आनुवांशिक है, तो डॉक्टर की मदद लें। 
  • जीवनशैली सुधारें।  धूम्रपान, अल्कोहल से दूरी बनाएं। 



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