गुरुवार, 16 जनवरी 2014


Self-confidence बढाने के 10 तरीके---


इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की जीवन में सफलता पाने के लिए self-confidence एक बेहद important quality है . जीवन में किसी मुकाम पर पहुंच चुके हर एक व्यक्ति में आपको ये quality दिख जाएगी , फिर चाहे वो कोई film-star हो , कोई cricketer, आपके पड़ोस का कोई व्यक्ति , या आपको पढ़ाने वाला शिक्षक . आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है जो हर किसी में होता है , किसी में कम तो किसी में ज्यादा . पर ज़रुरत इस बात की है कि अपने present level of confidence को बढ़ा कर एक नए और बेहतर level तक ले जाया जाये . और आज AKC पर मैं आपके साथ कुछ ऐसी ही बातें share करूँगा जो आपके आत्म-विश्वास को बढाने में मददगार हो सकती हैं :

1) Dressing sense improve कीजिये :

आप किस तरह से dress-up होते हैं इसका असर आपके confidence पर पड़ता है . ये बता दूँ कि यहाँ मैं अपने जैसे आम लोगों की बात कर रहा हूँ , Swami Vivekanand और Mahatma Gandhi जैसे महापुरुषों का इससे कोई लेना देना नहीं है , और यदि आप इस category में आते हैं तो आपका भी .

मैंने खुद इस बात को feel किया है , जब मैं अपनी best attire में होता हूँ तो automatically मेरा confidence बढ़ जाता है , इसीलिए जब कभी कोई presentation या interview होता है तो मैं बहुत अच्छे से तैयार होता हूँ . दरअसल अच्छा दिखना आपको लोगों को face करने का confidence देता है और उसके उलट poorly dress up होने पे आप बहुत conscious रहते हैं .

मैंने कहीं एक line पढ़ी थी ,” आप कपड़ों पे जितना खर्च करते हैं उतना ही करें , लेकिन जितनी कपडे खरीदते हैं उसके आधे ही खरीदें ” . आप भी इसे अपना सकते हैं.

2) वो करिए जो confident लोग करते हैं :

आपके आस -पास ऐसे लोग ज़रूर दिखेंगे जिन्हें देखकर आपको लगता होगा कि ये व्यक्ति बहुत confident है . आप ऐसे लोगों को ध्यान से देखिये और उनकी कुछ activities को अपनी life में include करिए . For example:

• Front seat पर बैठिये .

• Class में , seminars में , और अन्य मौके पर Questions पूछिए / Answers दीजिये

• अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये

• दबी हुई आवाज़ में मत बोलिए .

• Eye contact कीजिये , नज़रे मत चुराइए .

3) किसी एक चीज में अधिकतर लोगों से बेहतर बनिए :

हर कोई हर field में expert नहीं बन सकता है , लेकिन वो अपने interest के हिसाब से एक -दो areas चुन सकता है जिसमे वो औरों से बेहतर बन सकता है . जब मैं School में था तो बहुत से students मुझसे पढाई और अन्य चीजों में अच्छे थे , पर मैं Geometry में class में सबसे अच्छा था (thanks to Papa :)), और इसी वजह से मैं बहुत confident feel करता था . और आज मैं AKC को world’s most read Hindi Blog बना कर confident feel करता हूँ . अगर आप किसी एक चीज में महारथ हांसिल कर लेंगे तो वो आपको in-general confident बना देगा . बस आपको अपने interest के हिसाब से कोई चीज चुननी होगी और उसमे अपने circle में best बनना होगा , आपका circle आप पर depend करता है , वो आपका school,college, आपकी colony या आपका शहर हो सकता है .

आप कोई भी field चुन सकते हैं , वो कोई art हो सकती है , music, dancing,etc कोई खेल हो सकता है , कोई subject हो सकता है या कुछ और जिसमे आपकी expertise आपको भीड़ से अलग कर सके और आपकी एक special जगह बना सके . ये इतना मुश्किल नहीं है , आप already किसी ना किसी चीज में बहुतों से बेहतर होंगे , बस थोडा और मेहनत कर के उसमे expert बन जाइये , इसमें थोडा वक़्त तो लगेगा , लेकिन जब आप ये कर लेंगे तो सभी आपकी respect करेंगे और आप कहीं अधिक confident feel करेंगे .

और जो व्यक्ति किसी क्षेत्र में special बन जाता है उसे और क्षेत्रों में कम knowledge होने की चिंता नहीं होती , आप ही सोचिये क्या कभी सचिन तेंदुलकर इस बात से परेशान होते होंगे कि उन्होंने ज्यादा पढाई नहीं की ….कभी नहीं !

4) अपने achievements को याद करिए :

आपकी past achievements आपको confident feel करने में help करेंगी . ये छोटी -बड़ी कोई भी achievements हो सकती हैं . For example: आप कभी class में first आये हों , किसी subject में school top किया हो , singing completion या sports में कोई जीत हांसिल की हो , कोई बड़ा target achieve किया हो , employee of the month रहे हों . कोई भी ऐसी चीज जो आपको अच्छा feel कराये .

आप इन achievements को dairy में लिख सकते हैं , और इन्हें कभी भी देख सकते हैं , ख़ास तौर पे तब जब आप अपना confidence boost करना चाहते हैं .इससे भी अच्छा तरीका है कि आप इन achievements से related कुछ images अपने दिमाग में बना लें और उन्हें जोड़कर एक छोटी सी movie बना लें और समय समय पर इस अपने दिमाग में play करते रहे . Definitely ये आपके confidence को boost करने में मदद करेगा .

5) Visualize करिए कि आप confident हैं :

आपकी प्रबल सोच हकीकतबनने का रास्ता खोज लेती है , इसलिए आप हर रोज़ खुद को एक confident person के रूप में सोचिये . आप कोई भी कल्पना कर सकते हैं , जैसे कि आप किसी stage पर खड़े होकर हजारों लोगों के सामने कोई भाषण दे रहे हैं , या किसी seminar haal में कोई शानदार presentation दे रहे हैं , और सभी लोग आपसे काफी प्रभावित हैं , आपकी हर तरफ तारीफ हो रही है और लोग तालियाँ बजा कर आपका अभिवादन कर रहे हैं . Albert Einstein ने भी imagination को knowledge से अधिक powerful बताया है ; और आप इस power का use कर के बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं .

6) गलतियाँ करने से मत डरिये:

क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हो जिसने कभी गलती ना की हो ? नहीं जानते होंगे , क्योंकि गलतियाँ करना मनुष्य का स्वभाव है , और मैं कहूँगा कि जन्मसिद्ध अधिकार भी . आप अपने इस अधिकार का प्रयोग करिए . गलती करना गलत नहीं है ,उसे दोहराना गलत है . जब तक आप एक ही गलती बार -बार नहीं दोहराते तब तक दरअसल आप गलती करते ही नहीं आप तो एक प्रयास करते हैं और इससे होने वाले experience से कुछ ना कुछ सीखते हैं .

दोस्तों कई बार हमारे अन्दर वो सब कुछ होता है जो हमें किसी काम को करने के लिए होना चाहिए , पर फिर भी failure के डर से हम confidently उस काम को नहीं कर पाते . आप गलतियों के डर से डरिये मत , डरना तो उन्हें चाहिए जिनमे इस भय के कारण प्रयास करने की भी हिम्मत ना हो !! आप जितने भी सफल लोगों का इतिहास उठा कर देख लीजिये उनकी सफलता की चका-चौंध में बहुत सारी असफलताएं भी छुपी होंगी .

Michel Jordan, जो दुनिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ basketball player माने जाते हैं; उनका कहना भी है कि , “मैं अपनी जिंदगी में बार-बार असफल हुआ हूँ और इसीलिए मैं सफल होता हूँ.”

आप कुछ करने से हिचकिचाइए मत चाहे वो खड़े हो कर कोई सवाल करना हो , या फिर कई लोगों के सामने अपनी बात रखनी हो , आपकी जरा सी हिम्मत आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा सकती है . सचमुच डर के आगे जीत है!

7) Low confidence के लिए अंग्रेजी ना जानने का excuse मत दीजिये :

हमारे देश में अंग्रेजी का वर्चस्व है . मैं भी अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक मानता हूँ ,पर सिर्फ इसलिए क्योंकि इसके ज्ञान से आप कई अच्छी पुस्तकें , ब्लॉग , etc पढ़ सकते हैं , आप एक से बढ़कर एक programs, movies, इत्यादि देख सकते हैं . पर क्या इस भाषा का ज्ञान confident होने के लिए आवश्यक है , नहीं . English जानना आपको और भी confident बना सकता है पर ये confident होने के लिए ज़रूरी नहीं है . किसी भी भाषा का मकसद शब्दों में अपने विचारों को व्यक्त करना होता है , और अगर आप यही काम किसी और भाषा में कर सकते हैं तो आपके लिए अंग्रेजी जानने की बाध्यता नहीं है .

मैं गोरखपुर से हूँ , वहां के संसद योगी आदित्य नाथ को मैंने कभी अंग्रेजी में बोलते नहीं सुना है , पर उनके जैसा आत्मविश्वास से लबरेज़ नेता भी कम ही देखा है . इसी तरह मायावती , और मुलायम सिंह जैसे नेताओं में आत्मविश्वास कूट -कूट कर भरा है पर वो हमेशा हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते हैं . दोस्तों, कुछ जगहों पर जैसे कि job-interview में अंग्रेजी का ज्ञान आपके चयन के लिए ज़रूरी हो सकता है , पर confidence के लिए नहीं , आप बिना English जाने भी दुनिया के सबसे confident व्यक्ति बन सकते हैं .

8 ) जो चीज आपका आत्मविश्वास घटाती हो उसे बार-बार कीजिये :

कुछ लोग किसी ख़ास वजह से confident नहीं feel करते हैं . जैसे कि कुछ लोगों में stage-fear होता है तो कोई opposite sex के सामने nervous हो जाता है . यदि आप भी ऐसे किसी challenge को face कर रहे हैं तो इसे beat करिए . और beat करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो activity आपको nervous करती है उसे इतनी बार कीजिये कि वो आप ताकत बन जाये . यकीन जानिए आपके इस प्रयास को भले ही शुरू में कुछ लोग lightly लें और शायद मज़ाक भी उडाएं पर जब आप लगातार अपने efforts में लगे रहेंगे तो वही लोग एक दिन आपके लिए खड़े होकर ताली बजायेंगे .

गाँधी जी की कही एक line मुझे हमेशा से बहुत प्रेरित करती रही है “पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे.” तो आप भी उन्हें ignore करने दीजिये , हंसने दीजिये ,लड़ने दीजिये ,पर अंत में आप जीत जाइये . क्योंकि आप जीतने के लिए ही यहाँ हैं , हारने के लिए नहीं .

9) विशेष मौकों पर विशेष तैयारी कीजिये :

“सफलता के लिए आत्म-विश्वास आवश्यक है, और आत्म-विश्वास लिए तैयारी”-Arthur Ashe

जब कभी आपके सामने खुद को prove करने का मौका हो तो उसका पूरा फायदा उठाइए . For example: आप किसी debate,quiz, dancing या singing competition में हिस्सा ले रहे हों , कोई test या exam दे रहे हो ,या आप कोई presentation दे रहे हों , या कोई program organize कर रहे हों . ऐसे हर एक मौके के लिए जी -जान से जुट जाइये और बस ये ensure करिए कि आपने तैयारी में कोई कमी नहीं रखी , अब result चाहे जो भी हो पर कोई आपकी preparation को लेकर आप पर ऊँगली ना उठा पाए.

Preparation और self-confidence directly proportional हैं . जितनी अच्छी तैयारी होगी उतना अच्छा आत्म -विश्वास होगा .और जब इस तैयारी की वजह से आप सफल होंगे तो ये जीत आपके life की success story में एक और chapter बन जाएगी जिसे आप बार -बार पलट के पढ़ सकते हैं और अपना confidence boost कर सकते हैं .

10)Daily अपना MIT पूरा कीजिये :

कुछ दिन पहले मैंने AKC पर MIT यानि Most Important Task के बारे में लिखा था , यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है तो ज़रूर पढ़िए . यदि आप अपना daily का MIT पूरा करते रहेंगे तो निश्चित रूप से आपका आत्म -विश्वास कुछ ही दिनों में बढ़ जायेगा . आप जब भी अपना MIT पूरा करें तो उसे एक छोटे success के रूप में देखें और खुद को इस काम के लिए शाबाशी दें .रोज़ रोज़ लगातार अपने important tasks को successfully पूरा करते रहना शायद अपने confidence को boost करने का सबसे कारगर तरीका है . आप इसे ज़रूर try कीजिये.

Friends, ये याद रखिये कि आपका confidence आपकी education, आपकी financial condition या आपके looks पर नहीं depend करता और आपकी इज़ाज़त के बिना कोई भी आपको inferior नहीं feel करा सकता. आपका आत्म-विश्वास आपकी सफलता के लिए बेहद आवश्यक है,और आजआपका confidence चाहे जिस level हो, अपने efforts से आप उसे नयी ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं.


5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ?


5 things you should stop doing.

दोस्तों जाने अनजाने हम ऐसी कई चीजें करते हैं जो हमारे personal development के लिए ठीक नहीं होतीं. वैसे तो इन चीजों की list बहुत लम्बी हो सकती है पर मैं आपके साथ सिर्फ पांच ऐसी बातें share कर रहा हूँ जो मैं follow करता हूँ .हो सकता है कि आप already इनमे से कुछ चीजें practice करते हों , पर अगर आप यहाँ से कुछ add-on कर पाते हैं तो definitely वो आपके life को better बनाएगा . So , let’s see those 5 things:

5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ?

1) दूसरे की बुराई को enjoy करना

ये तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं की दुसरे के सामने तीसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए , पर एक और बात जो मुझे ज़रूरी लगती है वो ये कि यदि कोई किसी और की बुराई कर रहा है तो हमें उसमे interest नहीं लेना चाहिए और उसे enjoy नहीं करना चाहिए . अगर आप उसमे interest दिखाते हैं तो आप भी कहीं ना कहीं negativity को अपनी ओर attract करते हैं . बेहतर तो यही होगा की आप ऐसे लोगों से दूर रहे पर यदि साथ रहना मजबूरी हो तो आप ऐसे topics पर deaf and dumb हो जाएं , सामने वाला खुद बखुद शांत हो जायेगा . For example यदि कोई किसी का मज़ाक उड़ा रहा हो और आप उस पे हँसे ही नहीं तो शायद वो अगली बार आपके सामने ऐसा ना करे . इस बात को भी समझिये की generally जो लोग आपके सामने औरों का मज़ाक उड़ाते हैं वो औरों के सामने आपका भी मज़ाक उड़ाते होंगे . इसलिए ऐसे लोगों को discourage करना ही ठीक है .

2) अपने अन्दर को दूसरे के बाहर से compare करना

इसे इंसानी defect कह लीजिये या कुछ और पर सच ये है की बहुत सारे दुखों का कारण हमारा अपना दुःख ना हो के दूसरे की ख़ुशी होती है . आप इससे ऊपर उठने की कोशिश करिए , इतना याद रखिये की किसी व्यक्ति की असलियत सिर्फ उसे ही पता होती है , हम लोगों के बाहरी यानि नकली रूप को देखते हैं और उसे अपने अन्दर के यानि की असली रूप से compare करते हैं . इसलिए हमें लगता है की सामने वाला हमसे ज्यादा खुश है , पर हकीकत ये है की ऐसे comparison का कोई मतलब ही नहीं होता है . आपको सिर्फ अपने आप को improve करते जाना है और व्यर्थ की comparison नहीं करनी है.

3) किसी काम के लिए दूसरों पर depend करना

मैंने कई बार देखा है की लोग अपने ज़रूरी काम भी बस इसलिए पूरा नहीं कर पाते क्योंकि वो किसी और पे depend करते हैं . किसी व्यक्ति विशेष पर depend मत रहिये . आपका goal; समय सीमा के अन्दर task का complete करना होना चाहिए , अब अगर आपका best friend तत्काल आपकी मदद नहीं कर पा रहा है तो आप किसी और की मदद ले सकते हैं , या संभव हो तो आप अकेले भी वो काम कर सकते हैं .

ऐसा करने से आपका confidence बढेगा , ऐसे लोग जो छोटे छोटे कामों को करने में आत्मनिर्भर होते हैं वही आगे चल कर बड़े -बड़े challenges भी पार कर लेते हैं , तो इस चीज को अपनी habit में लाइए : ये ज़रूरी है की काम पूरा हो ये नहीं की किसी व्यक्ति विशेष की मदद से ही पूरा हो .

4) जो बीत गया उस पर बार बार अफ़सोस करना

अगर आपके साथ past में कुछ ऐसा हुआ है जो आपको दुखी करता है तो उसके बारे में एक बार अफ़सोस करिए…दो बार करिए….पर तीसरी बार मत करिए . उस incident से जो सीख ले सकते हैं वो लीजिये और आगे का देखिये . जो लोग अपना रोना दूसरों के सामने बार-बार रोते हैं उसके साथ लोग sympathy दिखाने की बजाये उससे कटने लगते हैं . हर किसी की अपनी समस्याएं हैं और कोई भी ऐसे लोगों को नहीं पसंद करता जो life को happy बनाने की जगह sad बनाए . और अगर आप ऐसा करते हैं तो किसी और से ज्यादा आप ही का नुकसान होता है . आप past में ही फंसे रह जाते हैं , और ना इस पल को जी पाते हैं और ना future के लिए खुद को prepare कर पाते हैं .

5) जो नहीं चाहते हैं उसपर focus करना

सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है. इसलिए आप जो होते देखना चाहते हैं उस पर focus करिए , उस बारे में बात करिए ना की ऐसी चीजें जो आप नहीं चाहते हैं . For example: यदि आप अपनी income बढ़ाना चाहते हैं तो बढती महंगाई और खर्चों पर हर वक़्त मत बात कीजिये बल्कि नयी opportunities और income generating ideas पर बात कीजिये .

इन बातों पर ध्यान देने से आप Self Improvement के रास्ते पर और भी तेजी से बढ़ पायेंगे और अपनी life को खुशहाल बना पायेंगे . All the best. 

शुक्रवार, 10 जनवरी 2014


पुरुषों में सेक्स संबंधी समस्याएं एवं उपचार---------------------------------------------

आमतौर पर महिलाएं सेक्स संबंधी समस्याओं से घिरी रहती है, लेकिन ऐसा नहीं कि पुरूषों को यौन समस्याएं नहीं होती। पुरूषों में अकसर तनाव संबंधी समस्याओं के कारण यौन समस्याएं होती है। विटामिन बी के सेवन से पुरूष सेक्स संबंधी कई समस्याओं से अपना बचाव कर सकते हैं। बहरहाल, आइए जानते हैं पुरूषों में सेक्स संबंधी समस्याओं के बारे में।

पुरुषों में सेक्स समस्याओं की बात आते ही सबसे पहले उन लोगों पर ध्यान जाता है, जो चाह कर भी सेक्स में रुचि नहीं ले पाते हैं या जिनकी सेक्स करने में कोई दिलचस्पी नहीं होती।
सेक्स क्षमता में कमी पुरुषों में आम समस्या बन चुकी है। इसके वास्तविक कारण होते हैं सेक्स हॉरमोन टेस्टोस्टेरोन की कमी। पुरुषों में 40 की उम्र के पार होने पर रक्त में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा में कमी आना एक आम बात है। हार्मोन में कमी उम्र के साथ जुड़ी समस्या है लेकिन कुछ लोग अपनी उम्र की शुरुआत में ही इससे पीड़ित हो जाते हैं। ये डाइबिटीज या अन्य तनाव संबंधी कारणों से भी पनप सकता है। रक्त में टेस्टोस्टेरोन की कमी से शरीर में थकान, दिमागी परिवर्तन, अनिद्रा के साथ ही सेक्स की चाहत में कमी हो जाती है।
यौन समस्याओं में सबसे आम समस्या है पुरुषों में शीघ्रपतन। सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष स्खलन होने के साथ ही पुरुष की उत्तेजना शांत हो जाती है फिर चाहे उसकी महिला साथी की कामोत्तेजना शांत न भी हो।
ज्यादातर लोगों में सेक्स में दिलचस्पी खत्म होने का सबसे बड़ा कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी लिंग की मांसपेशियां कमजोर पड़ना है। ये समस्या कई बार विटामिन बी के सेवन न करने से, कई बार बुरी आदतें व लाइफस्टाइल के कारण हो सकती है। कई लोगों में तनाव संबंधी समस्याओं के कारण ऐसा होता है।
शराब पीने वालों कोकीन, आदि ड्रग्स लेने वाले लोग सेक्स के प्रति उदासीन होते हैं। मोटापा व्यक्ति को सेक्स से विचलित करता है। कई बीमारियां जैसे- हृदय रोग, एनीमिया और मधुमेह जैसी बीमारियां भी पुरुष को सेक्स के प्रति उदासीन बनाती हैं।
तनाव संबंधी समस्याएं या अत्यधिक व्यस्त रहने वाले लोगों का सेक्स जीवन भी उदासीन हो जाता है।
बहुत से लोगों को यह भम्र हो जाता है कि एक उम्र के बाद शरीर में सेक्स शक्ति में कमी आ जाती है। लेकिन ये धारणा गलत है क्योंकि यदि इस उम्र के पुरुष अपने स्वास्थ्य की ठीक प्रकार से देखभाल करते हैं तो वह सेक्स का आनन्द उसी प्रकार से ले सकते हैं, जिस प्रकार से एक युवा पुरुष सेक्स क्रिया का आनन्द लेता है।
सेक्स इच्छा में कमी कई बार अधिक दवाइयों का प्रयोग करने, शरीर में रोगों का प्रभाव होने, मूत्रनली से संबंधित रोग होने, तनाव होने और मानसिक समस्या के कारण हो सकते हैं।
बढ़ती उम्र में पुरूषों में सेक्स इच्छा तेज हो जाना भी एक समस्या है जिसका कारण प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना है।
पुरूष अपनी यौन समस्याओं से निजात पाने के लिए विटामिन बी का सेवन कर, तनाव संबंधी समस्याओं को दूर कर और पौष्टिक आहार लेते हुए अपनी सही तरह से देखभाल कर सकते हैं।
सेक्स पावर बढ़ाने को लेकर समाज में ना जाने कितनी भ्रांतियां है। लेकिन यह खबर यकीनन मानवता को शर्मसार करती है। होश उड़ा देनेवाली खबर ये है कि चीन में कुछ लोग सेक्स पावर बढ़ाने के लिए बेबी सूप पीते और खाते है। 

सिओल टाइम्स की खबर के मुताबिक चीन के कुछ समाज में यह बरसों पुरानी परंपरा है। यहां सेक्स पावर में इजाफा करने के लिए वह मानव भ्रूण (बेबी भ्रूण) का मांस बड़े चाव से खाते है और उसका सूप भी पीते है। दुनिया के विचित्र होने का इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन के दक्षिण गुआंगडोंग प्रांत के एक कस्बे में परंपरानुसार हर्बल बेबी सूप पीने का चलन बरसों से जारी है।

सिओल टाइम्स में जब यह खबर छपी तो पूरी दुनिया सकते में आ गई। इस खबर ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। सोशल नेटवर्किग साइट पर भी इस खबर को लेकर काफी आलोचनाएं हुए। कमेंट करनेवालों का तांता लग गया।

अखबार और वेबसाइट पर छपी तस्वीरें तो कुछ ज्यादा ही खौफनाक थी। इन तस्वीरों में कुछ चीनी लोगों को मानव भ्रूण के सूप लोगों को बड़े चाव से पीते हुए बताया और दिखाया गया।

शादी से पहले ऐसे घटाएं अपना वजन---------------------------------------

विशेषज्ञों का कहना है कि शादी के माहौल में चारों ओर से बरस रही मिठाइयों के बीच भी वजन घटाने की गुंजाइश है। इसलिए अगर आप अपनी शादी के दिन कमनीय दिखना चाहती हैं तो वास्तविक लक्ष्य निर्धारित करें। उन पर ध्यान लगाएं। स्वस्थ रहने के लिए लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। प्रत्येक सप्ताह एक किलोग्राम वजन घटाना स्वास्थ्यकर है।तुरंत परिणाम देने का दावा करने वाली डाइटिंग से बचें। आप जितनी तेजी से वजन घटाएंगी, उतनी ही तेजी से बढ़ भी जाएगा। ऐसे आहार और व्यायाम का पालन करें जो कि आपको दीर्घकालिक नतीजे दें।

साथ ही आप ज्यादा न खाएं, यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप भूखे न रहें। अपने चयापचय को बढ़ावा देने के लिए अपने दिन की शुरुआत पोषक नाश्ते से करें। अंडे की सफेद जर्दी, गेहूं से बनी ब्रेड, ताजे फल और दही के साथ बादाम, लस्सी के साथ जई का दलिया, पोहा या सांभर के साथ इडली नाश्ते के अच्छे विकल्प हैं।

शारीरिक गतिविधियों के बिना कोई पर आहार कार्यक्रम काम नहीं करेगा। व्यायाम में तैराकी, नृत्य या खेल को शामिल किया जा सकता है। शादी की योजना बहुत तनावपूर्ण हो सकती है, इसलिए अच्छे से योजना बनाएं और शांत रहें। घर में चिप्स, मिठाई, कुकीज और चॉकलेट्स न रखें।

अगर आप अपनी प्रगति पर नजर रखना चाहते हैं तो खाद्य एवं व्यायाम डायरी बनाएं। दिनभर में आपने जो कुछ खाया उसे दर्ज करें और अपना व्यायाम कार्यक्रम भी लिखें। यह आपके कार्यक्रम को पटरी पर लाने में मदद करेगा।

महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम------------------------------------------------------------------------------------

महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोमनई दिल्ली: क्या आप चेहरे के बालों, मुहासों और अनियमित माहवारी की समस्याओं से जूझ रही हैं? अगर हां, तो हो सकता है कि आप पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) की शिकार हों। पीसीओएस जीवनशैली संबंधी बीमारी है, जो औरतों में होती है। भारतीय महिलाओं, खासतौर से युवतियों में यह बीमारी बढ़ रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि, हालांकि इस परिस्थिति के मुख्य कारणों के बारे में पता नहीं चला है, लेकिन यह बीमारी काफी हद तक अंडाशय को प्रभावित करती है। सर गंगाराम अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ माला श्रीवास्तव बताती हैं कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए समस्या दोगुनी हो जाती है क्योंकि लक्षण के बिना रोग का उपचार किया जाना मुश्किल है।

चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में आने वाले पीसीओएस के कुल मरीजो में से 30-40 प्रतिशत किशोरियां होती हैं। पीसीओएस अधिकतर युवतियों को प्रभावित करता है। मधुमेह, गर्भाशय कैंसर और उच्च कोलेस्ट्रॉल से ग्रसित 40-60 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस से भी पीड़ित हैं।

पूरी दुनिया में महिलाओं की कुल आबादी का 4-11 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित हैं। शहर में जहां 30 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं, वहीं ग्रामीण महिलाओं में यह समस्या कम है।

मोटापे को इसका मुख्य कारण बताते हुए माला ने बताया कि मोटापा हार्मोन मे बदलाव करता है जिससे पीसीओएस पनपता है। माला के मुताबिक, कुछ महिलाएं इंसुलिन प्रतिरोधी होती हैं, जिससे उनका मोटापा बढ़ता है और हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओएस होता है।

मैक्स अस्पताल की प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ सलाहकार अनीता तलवार कहती हैं कि यह 11 साल की लड़की को भी हो सकता है। महिलाओं के प्रजननीय सालों में यह बीमारी 11.2 प्रतिशत होती है, जबकि किशोरियों में 50 प्रतिशत तक यह बीमारी होती है।

अमेरिक जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में पिछले साल एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था जिसमें पीसीओएस पीड़ित महिलाओं में मोटापा और ब्लड शुगर कम करने वाले ग्लाइसेमिक आहार और कम वसा, उच्च रेशेयुक्त आहार के प्रभाव का परीक्षण किया गया।
शोध में पाया गया कि वजन कम करने और ब्लड शुगर नियंत्रित करने वाला खाने वाली महिलाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर थी। महिलाएं अपनी माहवारी को नियमित करके पीसीओएस से बच सकती हैं। इसके अलावा अंतराल पर हार्मोन प्रोजेस्टेरोन थेरेपी भी एक विकल्प है। यह अनियमित माहवारी और गर्भाशय का खतरा कम करती है। लेकिन यह गर्भनिरोध की सुविधा नहीं देता।

गुरुवार, 9 जनवरी 2014

Kunyaza: wet sex secrets revealed

Kunaza: wet sex orgasm secrets revealed

Kunyaza will “rouse the sleeping fire in your woman”, 
This technique is renowned for giving women intense squirting orgasms. But just how does it work and why? 

More on ways to make love

With kunyaza, the man takes holds of his penis and uses it to tap or rub his partner’s vulva. But what’s the advantage of using your penis instead of just your fingers?

Erogenous zones
For one thing, “many people who work hard have hard hands,” says the doctor. “So they can’t stimulate well, it’s not very comfortable. But the penis skin is always soft.”

Kunyaza – how to do it

Basics

Hold your penis between your fingers and thumb.
Use the head to tap your partner’s clitoris, labia and vaginal opening.
Move the rhythmic tapping around the vulva in circular or zigzag movements.
Start gently, then get more vigorous as your partner becomes more aroused.

Variations

Rub the head of your penis up and down, side to side or in circles over the whole vulva.
Still holding your penis, make similar movements with it inside the vagina.

Positions

Your partner on her back, you kneeling between her legs.
You sitting down, your partner sitting in your lap facing you.

Tips

Use plenty of lubrication – saliva for example.
Your partner can also take hold of your penis and give you a hand.
Be prepared for wet patches!
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Kunyaza: the African secret to female orgasm
Anyway, the penis is a better tool for the job, he says. “With the penis you can stimulate several erogenous zones almost at the same time, moving from the vaginal opening up to the beginning of the clitoris. By doing this you stimulate at least three erogenous zones.”

Clitoris
The secret of the tapping or slapping action is that it gives deep clitoral stimulation. The little bump we think of as the clitoris is really just just the very tip – a bit like the head of the penis. The whole organ carries on deep inside the body.

“Kunyaza stimulates the part we see, and the inner part, the part we don’t see – if you do it forcefully.”

Multiple orgasms
Kunyaza can be a boon to women who have trouble having an orgasm, says Dr Bizimana. Here the technique beats intercourse hands down, he says. After all, only around three women in ten ever manage to reach orgasm from intercourse alone.

His study on a group of 55 women aged between 20 and 56 backs up the theory. Using kunyaza, the number of women in the group who never had orgasms nearly halved, and the number of women who had multiple orgasms nearly doubled.

It doesn’t take years of practice to master the method, the doctor says. “It’s easy, you only have to decide to do it. The problem is that the women want to try it, but the men don’t want to learn!”

Men
Which raises the question, what’s in it for the man exactly? Apart from the satisfaction of pleasing your partner, of course. How do men have an orgasm with kunyaza?

“It varies,” the doctor says. “But anyhow, the men can have orgasm just from the vulval stimulation, without vaginal penetration.”

Fluid
And there are other benefits. “This technique is stimulating because the man experiences a lot of warmth from the fluid – it’s very good! And the sound can also arouse him. Because when you do it, you have a noise like a dog drinking water.”

This brings us to the reputation for sopping wet sex from which kunyaza gets its name. “The main characteristic is that women produce and eject a lot of liquid," says the doctor. "Literally translated, kunyaza means to urinate. But it’s not urine, it’s vaginal fluid.”

Glands
Female ejaculation is usually said to be produced by stimulating the G-spot, a sensitive spot inside the vagina on the front wall. Don’t you need penetration for a squirting orgasm?

“It’s not important,” says Dr Bizimana with a gleam in his eye. “I know myself.” The secret of the squirting could be partly to do with stimulating glands in the folds of the labia, Bartholin’s glands and Skene’s glands, he says.

“The next step is that we want to do a chemical analysis of the fluid, to prove it’s not urine. Because some women produce 600 millilitres! One German woman measured it. It’s not a myth, it exists.”
महिलाओं का ओर्गास्म: मिथ्या तोड़ो



महिला का ओर्गास्म एक मुश्किल विषय है समझने के लिए। यह सिर्फ पुरुषों के लिए समझना ही पेचीदा नहीं है, बल्कि कई महिलाओं के लिए भी इसे समझना मुश्किल हो जाता है। इससे जुड़े बहुत सारे मिथ्या इससे जुडी गलतफहमियों को और बढ़ावा देते हैं। 

'सेक्स मिथ्या तोड़ो' के इस भाग में, हम बात करेगे महिलाओं के ओर्गास्म के बारे में। 

मिथ्या 1: इंटरकोर्स से ही महिलों को ओर्गास्म होता ह

जी नहीं! यह ज़रूरी नहीं है। सच यह है कि कई सारे शोध के द्वारा ये पता चला है कि केवल एक तिहाई महिलाओं को ही इंटरकोर्स के द्वारा ओर्गास्म होता है। अधिकतर महिलाओं को मुखमैथुन और हाथों के इस्तेमाल के ज़रिये ओर्गास्म होता है। अगर आप यह जानना चाह रहे हैं कि आपके साथी के लिए क्या काम करता है, तो उनसे खुलकर बात करिए और पूछिए। सेक्स कि अलग-अलग मुद्राएं करने कि कोशिश करिये और अलग-अलग तरीको से अपनी सेक्स लाइफ को रोमांचक बनाने के कोशिश भी करिये - अपना समय लीजिये ये समझने के लिए कि सबसे बेहतर तरीका क्या है आपके साथी को चरम तक पहुचाने का।

मिथ्या 2: वो बिलकुल 'ठंडी' है अगर उसे चरम नहीं होता तो

महिला के ओर्गास्म तक ना पहुच पाने के कुछ मेडिकल और मनोवैज्ञानिक सम्बन्धी कारण भी हो सकते हैं। डॉक्टर्स और विशेषज्ञ इस अवस्था को 'एनओर्गेस्मिया' बुलाते हैं। अगर किसी महिला को ओर्गास्म होने में परेशानी होती है या वो चरम तक पहुच ही नहीं पाती, तो इसका मतलब यह नहीं कि वो 'ठंडी' है, या आपकी तरफ उसे कोई रुचि नहीं है।

मिथ्या 3: अगर उसे ओर्गास्म नहीं हो पा रहा तो यह उसके साथी कि गलती है

महिला के ओर्गास्म नहीं हो पाने के कारण बहुत सारे हो सकते हैं - कोई ऐसी सेक्स मुद्रा जो शायद उनके लिए काम नहीं कर रही है, सेक्स में दोनों साथियों का ताल-मेल ना बैठ पाना, फोरेप्ले कि कमी, या शायद 'एनओर्गेस्मिया'। लेकिन इनमें से कोई भी कारण का मतलब यह नहीं कि आपके साथी कि गलती है।

महिला का ओर्गास्म खुद उनकी ज़िम्मेदारी भी है - एक महिला को खुलकर यह बताना चाहिए कि उनके लिए क्या काम कर रहा है और क्या नहीं और उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं, ताकि उनका साथी भी ये समझ सके।

कुछ टिप्स चाहिए? पढ़िए: सेक्स के बारे में बातचीत करना: क्या करें और क्या नहीं

मिथ्या 4: ओर्गास्म नहीं = बुरा सेक्स

ये शायद सुनने में अजीब लगे, लेकिन महिलाएं ऐसा सेक्स भी बहुत बार अच्छा लगता है जिसमे शायद उन्हें ओर्गास्म ना हो। बहुत सारी महिलाओं के लिए अपने अपने साथी के साथ नीजि सम्बन्ध बनाना और एक दूसरे को सुख और मज़ा देने वाले आंगों के साथ खेलना ही बहुत संतुष्टि देता है।

मिथ्या 5: ओर्गास्म वैसे होते हैं जैसे फिल्मों में देखते हैं

महिलाओं को ओर्गास्म देना आसान नहीं होता। और पोर्न फिल्मों कि तरह तो बिलकुल भी नहीं या शायद जैसे हॉलीवुड कि फिल्मों में देखने को मिलता है। और ऐसा भी नहीं है कि हर महिला को बिलकुल विक्षुब्ध कर देने वाला ओर्गास्म होता है हमेशा ही। कुछ महिलाओं को चरम बहुत शांत तरीके से भी होता है। तो फिल्मों के एक्टरों कि बात को सच मत मानिये और महिलाओं के ओर्गास्म का पूरा सच जनिये।

मिथ्या 6: केवल महिलाएं ओर्गास्म होने का झूट-मूठ नाटक करती हैं

अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हैं। क्यूंकि पुरुष भी ओर्गास्म होने का झूठा नाटक करते हैं! जी हाँ। एक अध्यन के अनुसार जो कि यूनिवर्सिटी ऑफ़ केंसास में किया गया था, उससे पता चला कि एक चौथाई पुरुष भी झोटे ओर्गास्म का नाटक करते हैं।

मिथ्या 7: महिलायों में वीर्यपात नहीं होता

यह सच नहीं! क्यूंकि महिलाओं में भी वीर्यपात होता है! हाँ उनका वीर्य पुरुष के वीर्य कि तरह सफ़ेद उअर दूधिया भी हो सकता है या केवल पानी कि तरह भी। कई महिलाओं को इंटरकोर्स से बहुत ज़यादा कामोत्तेजना होती है, जिससे उन्हें ओर्गास्म होता है और उसमे वीर्यपात भी होता है। यह जी-स्पॉट के रगड़ने से भी होता है, जो कि महिलाओं कि यूनि का बहुत ही सम्वेदनशील भाग होता है। और अफ्रीका कि एक बहुत ही जानी-मानी तकनीक है 'कुनयाज़ा' जो कि महिलों को इस तरह का ओर्गास्म देने में मदद करती है।

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