कहीं आप भी तो नहीं हो रहे नपुंसकता के शिकार?--- 21वीं सदी के आधुनिक जीवन में कई कारण हैं, जिनकी वजह से पुरुष नपुंसकता की ओर बढ़ रहे हैं और उन्हें पता तक नहीं है। बेतरतीब खान-पान, अत्याधिक वर्कलोड और ढेर सारा तनाव, पुरुषों के शुक्राणुओं की गति को धीमा करता है, जिस वजह से उनके वीर्य में शुक्राणु की संख्या घट जाती है और वे नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं।
वैसे आज के युग में वीर्य में स्पर्म यानी शुक्राणु की संख्या का कम होना आम बात है, इसका मतलब यह नहीं कि पुरुष नपुंसक हो गया क्योंकि नपुंसकता तो तब आती है जब शुक्राणु की संख्या जरूरत से ज्यादा कम हो जाती है। इसे स्पर्म मोटिलिटी भी कहते हैं।
क्या है स्पर्म मोटिलिटी?
ऐसा नहीं है कि महिला पार्टनर को प्रेगनेंट करने के लिए आपके वीर्य में शुक्राणु की मात्रा का अधिक होना जरूरी है। बल्कि स्पर्म की क्वालिटी कैसी है, उस पर भी निर्भर करता है कि आप बाप बनेंगे या
नहीं। चाहे भले ही र्स्पम कितने भी ज्यादा क्यों न हों। यदि आपके वीर्य में मात्रा से अधिक स्पर्म हैं, लेकिन कमजोर हैं और उनमें तेज़ दौड़ने की क्षमता नहीं है, तो भी वो अंडाशय में जाकर प्रजनन में असफल हो जाते हैं। और वो व्यक्ति सब कुछ होते हुए भी पिता नहीं बन पाता है।
विज्ञान कहता है कि प्रजनन (बच्चा पैदा करना) के लिए दो चीजें बहुत जरूरी हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान रखियेगा। पहला यह कि अंडाशय से मिलने के लिए आपके स्पर्म को ऊर्जावान होना जरूरी है और दूसरा उसे तेज़ गति से तैरना आना चाहिये यानी उसे तेज़ गति से अंडाशय में प्रवेश करना आना चाहिये। इसी को स्पर्म मोटिलिटी कहते हैं यानी स्पर्म की गतिशीलता।
कैसे कम हो जाती है स्पर्म की गति
इस बात पर ढेर सारे अनुसंधान और खोज हुईं, जिनमें कुछ बातें सामने निकल कर आयीं, जिनमें प्रमुख बातें हम आपको बता रहे हैं-
- जरूरत से ज्यादा काम: आज के ज्यादातर प्रोफेशनल्स दिन भर ऑफिस में मशीनों के सामने बैठकर काम करते हैं और फिर घर पर भी आकर काम करते हैं। खास तौर से युवा वर्ग जो जरूरत से ज्यादा ओवरटाइम करता है। वे अपनी फिटनेस और पोषण पर ध्यान नहीं देता। इसका असर उनके अंदर बनने वाले वीर्य पर पड़ता है।
- दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठने से हमारा शरीर एक ही दिशा में ढल जाता है। हम व्यायाम नहीं करते और कई जरूरी पोषक चीजें नहीं लेते। इस कारण हमारे अंदर के स्पर्म की गतिशीलता घट जाती है।
- जरूरत से ज्यादा तनाव भी इसका कारण है। आज के दौर में लोग दिन भी अपनी नौकरी व परिवार के विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव में रहते हैं और यदि सेक्स करते वक्त आपके मन में जरा भी तनाव है तो आपके वीर्य में मौजूद स्पर्म की गति कम हो जाती है।
- स्टीरियॉइड: कई डॉक्टर विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए स्टीरियॉइड की टैबलेट लिख देते हैं। इसका सीधा असर यौन क्षमता पर पड़ता है।
- शराब, तंबाकू का सेवन एवं धूम्रपान: गुटखा, सिगरेट, शराब, आदि का सेवन आज स्पर्म मोटिलिटी के कम होने का सबसे बड़ा कारण बन गया है। एक शोध में पाया गया है कि तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों के स्पर्म में असामान्यता भी आ जाती है, यानी उनके होने वाले बच्चों में कोई न कोई विकार आ सकता है।
वैसे आज के युग में वीर्य में स्पर्म यानी शुक्राणु की संख्या का कम होना आम बात है, इसका मतलब यह नहीं कि पुरुष नपुंसक हो गया क्योंकि नपुंसकता तो तब आती है जब शुक्राणु की संख्या जरूरत से ज्यादा कम हो जाती है। इसे स्पर्म मोटिलिटी भी कहते हैं।
क्या है स्पर्म मोटिलिटी?
ऐसा नहीं है कि महिला पार्टनर को प्रेगनेंट करने के लिए आपके वीर्य में शुक्राणु की मात्रा का अधिक होना जरूरी है। बल्कि स्पर्म की क्वालिटी कैसी है, उस पर भी निर्भर करता है कि आप बाप बनेंगे या
नहीं। चाहे भले ही र्स्पम कितने भी ज्यादा क्यों न हों। यदि आपके वीर्य में मात्रा से अधिक स्पर्म हैं, लेकिन कमजोर हैं और उनमें तेज़ दौड़ने की क्षमता नहीं है, तो भी वो अंडाशय में जाकर प्रजनन में असफल हो जाते हैं। और वो व्यक्ति सब कुछ होते हुए भी पिता नहीं बन पाता है।
विज्ञान कहता है कि प्रजनन (बच्चा पैदा करना) के लिए दो चीजें बहुत जरूरी हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान रखियेगा। पहला यह कि अंडाशय से मिलने के लिए आपके स्पर्म को ऊर्जावान होना जरूरी है और दूसरा उसे तेज़ गति से तैरना आना चाहिये यानी उसे तेज़ गति से अंडाशय में प्रवेश करना आना चाहिये। इसी को स्पर्म मोटिलिटी कहते हैं यानी स्पर्म की गतिशीलता।
कैसे कम हो जाती है स्पर्म की गति
इस बात पर ढेर सारे अनुसंधान और खोज हुईं, जिनमें कुछ बातें सामने निकल कर आयीं, जिनमें प्रमुख बातें हम आपको बता रहे हैं-
- जरूरत से ज्यादा काम: आज के ज्यादातर प्रोफेशनल्स दिन भर ऑफिस में मशीनों के सामने बैठकर काम करते हैं और फिर घर पर भी आकर काम करते हैं। खास तौर से युवा वर्ग जो जरूरत से ज्यादा ओवरटाइम करता है। वे अपनी फिटनेस और पोषण पर ध्यान नहीं देता। इसका असर उनके अंदर बनने वाले वीर्य पर पड़ता है।
- दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठने से हमारा शरीर एक ही दिशा में ढल जाता है। हम व्यायाम नहीं करते और कई जरूरी पोषक चीजें नहीं लेते। इस कारण हमारे अंदर के स्पर्म की गतिशीलता घट जाती है।
- जरूरत से ज्यादा तनाव भी इसका कारण है। आज के दौर में लोग दिन भी अपनी नौकरी व परिवार के विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव में रहते हैं और यदि सेक्स करते वक्त आपके मन में जरा भी तनाव है तो आपके वीर्य में मौजूद स्पर्म की गति कम हो जाती है।
- स्टीरियॉइड: कई डॉक्टर विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए स्टीरियॉइड की टैबलेट लिख देते हैं। इसका सीधा असर यौन क्षमता पर पड़ता है।
- शराब, तंबाकू का सेवन एवं धूम्रपान: गुटखा, सिगरेट, शराब, आदि का सेवन आज स्पर्म मोटिलिटी के कम होने का सबसे बड़ा कारण बन गया है। एक शोध में पाया गया है कि तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों के स्पर्म में असामान्यता भी आ जाती है, यानी उनके होने वाले बच्चों में कोई न कोई विकार आ सकता है।
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