सोमवार, 2 मार्च 2015


अपनी पत्नी के साथ मित्र जैसा व्यवहार करें।
आप अपनी पत्नी को जितना खुलने का अवसर देंगे उतना ही आप दोनों का बन्धन सुदृढ होगा।
अपनी पत्नी को प्रोत्साहन दें। एक पति से मिला प्रोत्साहन विचित्र शक्ति भर सकता है एक पत्नी में और वो अपने कार्यों तथा विचारों में और उन्नति कर सकती है।
दूसरों के सामने कभी भी अपनी पत्नी को अपशब्द ना कहें। यदि आप कोई भूल को उजागर करना भी चाहते हैं तो एकान्त में बात करें।
दूसरों से कभी भी अपनी पत्नी की निन्दा ना करें। आपकी पत्नी आपका सबसे सच्ची मित्र होनी चाहिये। उसकी निन्दा दूसरों के सामने कभी ना करें।
अपनी दिनचर्या में से जितना समय मिल सके, अपनी पत्नी के साथ बितायें। अपनी पुरुष मित्रों के साथ व्यर्थ समय बिताने के स्थान पर वही समय अपनी पत्नी के साथ बितायें।
जितना हो सके घर के कार्य में हाथ बटायें। पुरातन विचारों को त्यागें कि केवल स्त्रियों को ही घर का काम-काज करना चाहिये।
यदि आपको किसी प्रकार के कार्य में विशेष रुचि है तो अपनी पत्नी को वो कार्य करने के लिये आमन्त्रित करें। उनको भी आपकी रुचि को जानने का अवसर दें। ये संबन्धों को गहन करने में सहायता करता है।
जितना हो सके अतीत से बाहर निकलें। वर्तमान काल में जीने का प्रयास करें।
यदि ये सहायक हो तो महीने में एक बार अपने अच्छे पलों को पुनः स्मरण करें। ये उस महीने की सारी कड़वाहट (यदि कोई है) को मिटा देता है।
जब भी अवसर मिले आपसी प्रेम व्यक्त करें।

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