सेक्स ऐसा विषय है जिस पर लगभग हर व्यक्ति बात करने से कतराता है लेकिन एक समय के बाद सेक्स व्यक्ति की जरूरत बन जाता है। सेक्स को लेकर लोगों में बहुत से भ्रम व्याप्त है। कुछ लोग सेक्स को बहुत खराब और गंदा मानते हैं तो कुछ सेक्स को अच्छा व मनोरंजन का साधन मानते हैं। कुछ लोग विवाह के बाद सेक्स को अच्छा मानते है तो कुछ के लिए सेक्स मूड की तरह है। सेक्स से जुड़े कई आश्चर्यजनक तथ्य है।
कहते हैं सेक्स स्वास्थय के लिए अच्छा होता है, यह सही भी है। लेकिन जरूरी नहीं कि सेक्स हमेशा अच्छा होता है।सेक्स सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक सुख भी देता है इसीलिए जरूरी है कि सेक्स से पहले मानसिक जुड़ाव हो।कहते हैं कि नशे में सेक्स का आनंद दुगुना हो जाता है जबकि यह भ्रम के सिवा कुछ नहीं।यह सच है कि समय से पहले यौन संबंध बनाने से शारीरिक और मानसिक विकास पर बहुत प्रभाव पड़ता है।एक भ्रम यह भी है कि शादी से पहले सेक्स का वैवाहिक जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन सच तो यह है शादी से पहले सेक्स करने से वैवाहिक जीवन की खुशी छिनने का खतरा रहता है। यह अवधारणा कि शादी से पहले सेक्स आपको शादी के लिए तैयार करता है, भी बिलकुल गलत है।आपने अक्सर सुना होगा कि जो लोग अपनी सेक्स इच्छाओ को पूरी तरह से खुलकर नहीं बता पाते यानी उनके इस संकोच का कोई अहम कारण है , वो वह किसी बीमारी से ग्रस्त होते है या फिर उनमें कोई कमी है। यह बात भी एक भ्रम है। सेक्स के दौरान खुद पर संयम रखना बेहद जरूरी है।जहां सेक्स के प्रति खुलापन बढ़ा है और युवावर्ग भी विवाहपूर्व संबंध बनाने में कोई गुरेज नहीं करता। ऐसे में उन्हें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही ली जाने वाली प्रिकॉशंस और कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के बारे में अधिक जानकारी होना भी जरूरी है।यह सही है कि यौन-संबंध एक व्यक्तिगत अधिकार है और इसमे किसी एक के लिए प्रतिबद्धता होना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में इस बात का महत्व कम रह गया है।रिश्तों में सेक्स ही प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के साथ-साथ आत्मीय संबंध होना भी जरूरी है तभी आप सेक्स के महत्व को समझ सकते हैं।
कहने का अर्थ है कि सेक्स को लेकर किसी भी तरह का भ्रम या आशकांए मन में नही रहनी चाहिए। विवाह के बाद सेक्स करना चाहिए , लेकिन सेक्स के लिए मूड का होना भी जरूरी है।
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