रविवार, 11 सितंबर 2016

सेक्स क्या है ?

सेक्स क्या है ?






सेक्स का आवेग इतना तीव्र होता है कि नर का जननांग मादा के 

जननांग के मिलन के लिए और मादा नर के जननांग के लिए आतुर हो 


जाती है, यह क्रिया पूर्णतया नैसर्गिक होती है।


सब प्राणियों में सेक्स के लिए सन्देश दिमाग से जननांगों तक जाता है, 


और जननांग सम्भोग के लिए उत्तेजित हो जाते हैं। फिर नर अपना लिंग


नारी की योनि में प्रवेश करा के वीर्य को नारी की योनि में संचित होने के 


लिए छोड़ देता है।



सेक्स के विचार से या किसी स्त्री के साथ सम्भोग की इच्छा होने से लिंग 


में खून के प्रवाह से तनाव आता है, लिंग से बिना रंग का चिकना पदार्थ 


रिसने लगता है। इसी तरह स्त्री के मन में सम्भोग की इच्छा या विचार 


आने से योनि में संकुचन और फैलाव होने लगता है। योनि से भी एक 


रंगहीन चिकना तरल पदार्थ निकलने लगता है। इस पदार्थ से लिंग और 


योनि को सम्भोग के समय घर्षण के दौरान चिकनाई मिलती है।


मेरे अनजाने में मेरा लिंग क्यों खड़ा हो जाता है?


अनजाने में लिंग का खड़ा होना बचपन से अधेड़ उम्र तक होता रहता है। 


किशोर उम्र और शुरुआती जवानी में लिंग बार बार खड़ा होना आम बात 


है। रोज रात में नींद में भी लिंग कई बार तन जाता है।



यह इसलिए भी होता है कि आस पास कई तरह के सेक्स उत्तेजक 


मौजूद होते हैं। जैसे की सड़क पर जानवरों का सेक्स देखना, कोई 


उत्तेजक कहानी पढ़ना या उत्तेजक विचार आना, उत्तेजक फिल्म या 


चित्र देखना आदि, इसके बारे में चिन्ता की कोई बात नहीं।



यह होना एकदम नैसर्गिक है।


Kashyap Clinic Pvt. Ltd.


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