शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर हस्‍तमैथुन के प्रभाव

महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर  हस्‍तमैथुन  के प्रभाव
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पुरुषों और महिलाओं में हस्‍तमैथुन यानी मास्‍टरबेशन आम बात है। लोग मानते हैं कि मैथुन का दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।  आज हम चर्चा करेंगे महिलाओं की। 
गुप्‍तरोग विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं पर हस्‍तमैथुन के प्रभाव सकारात्‍मक कम, नकारात्‍मक ज्‍यादा होते हैं। 
आज हम बात करेंगे महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर  हस्‍तमैथुन के प्रभाव की- कहा जाता है  हस्‍तमैथुन की प्रक्रिया 12 से 13 वर्ष की उम्र में शुरू होती है, यानी जब व्‍यक्ति किशोरावस्‍था में कदम रखता है। 
महिलाओं में यह प्रक्रिया सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक प्रभाव भी डालती है। पति से संबंधों पर प्रभाव: हाल ही में अमेरिका के टैक्‍सास शहर में हुए सर्वेक्षण के मुताबिक जो महिलाएं किशोरावस्‍था में हस्‍तमैथुन शुरू कर देती हैं, उन्‍हें शादी के बाद अपने पति के साथ संभोग के दौरान ज्‍यादा अच्‍छा अनुभव नहीं होता। कारण अकेलेपन की चाहत। 
इस वजह से वो मानसिक तनाव से ग्रसित हो जाती हैं। ऐसी महिलाओं के पति जब उनके करीब जाते हैं, तो उन्‍हें गुस्‍सा आता है और इस वजह से उनका शादी-शुदा जीवन भी प्रभावित होता है।
 तनाव: कई स्त्रियां हस्‍तमैथुन के लिए एक समय सेट कर लेती हैं, यदि उस दौरान उन्‍हें अकेलापन नहीं मिलता तो उन्‍हें तनाव होने ल गता है और गुस्‍सा आने लगता है। 
ऐसे में अन्‍य लोगों से झगड़े की संभावना बढ़ जाती है। 
हीमेच्‍यूरिया: हीमेच्‍यूरिया स्त्रियों में पायी जाने वाली वह बीमारी है, जिसमें यूरीन में ब्‍लड आने लगता है। 
यूरीन गाढ़ी हो जाती है और उसमें से गंध आने लगती है। 
गुप्‍त रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मैथुन की वजह से इस बीमारी के लगने की आशंका बढ़ जाती है।
 इससे काफी कमजोरी भी आती है और खून की कमी हो जाती है। 
गुप्‍तांग में सूखापन: जरूरत से ज्‍यादा मैथुन करने से पीरियड, मासिक धर्म अथवा मेंसुरेशन साइकिल में समस्‍याएं उत्‍पन्‍न होने लगती हैं। इस वजह से गुप्‍तांग में सूखापन आ जाता है और वहां खुजली एवं दर्द होता है। यही नहीं इससे आगे चलकर बच्‍चा होने में भी दिक्‍कत होती है। 
अंत में सबसे अहम बात यह कि मैथुन से महिलाओं में यौन इच्‍छाएं कम होने लगती हैं। 
ऐसा करने पर उन्‍हें संभोग में ज्‍यादा मजा नहीं आता और फिर उन्‍हें सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में दिक्‍कत होती है।

Kashyap Clinic Pvt. Ltd.

Website-www.drbkkashyapsexologist.com

Gmail-dr.b.k.kashyap@gmail.com

Fb-https://www.facebook.com/DrBkKasyap/

महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर हस्‍तमैथुन के प्रभाव

महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर  हस्‍तमैथुन  के प्रभाव
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पुरुषों और महिलाओं में हस्‍तमैथुन यानी मास्‍टरबेशन आम बात है। लोग मानते हैं कि मैथुन का दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।  आज हम चर्चा करेंगे महिलाओं की। 
गुप्‍तरोग विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं पर हस्‍तमैथुन के प्रभाव सकारात्‍मक कम, नकारात्‍मक ज्‍यादा होते हैं। 
आज हम बात करेंगे महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर  हस्‍तमैथुन के प्रभाव की- कहा जाता है  हस्‍तमैथुन की प्रक्रिया 12 से 13 वर्ष की उम्र में शुरू होती है, यानी जब व्‍यक्ति किशोरावस्‍था में कदम रखता है। 
महिलाओं में यह प्रक्रिया सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक प्रभाव भी डालती है। पति से संबंधों पर प्रभाव: हाल ही में अमेरिका के टैक्‍सास शहर में हुए सर्वेक्षण के मुताबिक जो महिलाएं किशोरावस्‍था में हस्‍तमैथुन शुरू कर देती हैं, उन्‍हें शादी के बाद अपने पति के साथ संभोग के दौरान ज्‍यादा अच्‍छा अनुभव नहीं होता। कारण अकेलेपन की चाहत। 
इस वजह से वो मानसिक तनाव से ग्रसित हो जाती हैं। ऐसी महिलाओं के पति जब उनके करीब जाते हैं, तो उन्‍हें गुस्‍सा आता है और इस वजह से उनका शादी-शुदा जीवन भी प्रभावित होता है।
 तनाव: कई स्त्रियां हस्‍तमैथुन के लिए एक समय सेट कर लेती हैं, यदि उस दौरान उन्‍हें अकेलापन नहीं मिलता तो उन्‍हें तनाव होने ल गता है और गुस्‍सा आने लगता है। 
ऐसे में अन्‍य लोगों से झगड़े की संभावना बढ़ जाती है। 
हीमेच्‍यूरिया: हीमेच्‍यूरिया स्त्रियों में पायी जाने वाली वह बीमारी है, जिसमें यूरीन में ब्‍लड आने लगता है। 
यूरीन गाढ़ी हो जाती है और उसमें से गंध आने लगती है। 
गुप्‍त रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मैथुन की वजह से इस बीमारी के लगने की आशंका बढ़ जाती है।
 इससे काफी कमजोरी भी आती है और खून की कमी हो जाती है। 
गुप्‍तांग में सूखापन: जरूरत से ज्‍यादा मैथुन करने से पीरियड, मासिक धर्म अथवा मेंसुरेशन साइकिल में समस्‍याएं उत्‍पन्‍न होने लगती हैं। इस वजह से गुप्‍तांग में सूखापन आ जाता है और वहां खुजली एवं दर्द होता है। यही नहीं इससे आगे चलकर बच्‍चा होने में भी दिक्‍कत होती है। 
अंत में सबसे अहम बात यह कि मैथुन से महिलाओं में यौन इच्‍छाएं कम होने लगती हैं। 
ऐसा करने पर उन्‍हें संभोग में ज्‍यादा मजा नहीं आता और फिर उन्‍हें सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में दिक्‍कत होती है।

गुरुवार, 28 जुलाई 2016

क्यो आवश्यक है संभोग के पूर्व एवम बाद मे सम्पूर्णा स्वच्छता

क्यो आवश्यक है संभोग के पूर्व एवम बाद मे सम्पूर्णा स्वच्छता 
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यदि आप खुद को संक्रमण या जीवाणुओं से बचाना चाहते हैं, तो संभोग के पहले और बाद में कुछ स्वच्छता नियमों का पालन जरुर करें। नीचे दिये गए बेहद जरुरी हाइजीन नियम पुरुषों और महिलाओं दोनों पर लागू होते हैं। इससे पहले की आपके मन में प्यार की उमंग जागे, बेहतर होगा कि आप अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी प्रकार से साफ-सुथरा कर लें।
अगर आपको पता है कि के जनांगो पर घाव या दाने निकले हुए हैं, तो बेहतर होगा कि उस दिन आप संभोग करने से बचें नहीं तो आपको यौन रोग या दाद आदि जैसी बीमारियां होने की गुंजाइश हो सकती है। इसके अलावा आपको अपने दांतों को भी अच्छी तरह से ब्रश करना चाहिये, जिससे आपका पार्टनर आपकी सांसों की बदबू से हताश ना हो।
अब आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ मुख्य बिंदु जिन पर आपको ध्यान देने की जरुरत है।

पेशाब कर लें
संभोग करते वक्त कभी भी पेशाब को रोक कर न रखें। अगर आपने ऐसा किया तो बैक्टीरिया का निर्माण होगा जिससे संक्रमण फैलने की गुंजाइश हो सकती है।
जनांग क्षेत्र की शेविंग
पुरुष और महिला दोनों को ही ये हिदायत दी जाती है कि वे अपने जनांगो के क्षेत्रों की शेविंग कर लें , जिससे पसीना पैदा होने पर संक्रमण या अन्य बीमारियां पैदा न हों।


ब्रश करें
प्यार करते वक्त अगर आप अपनी पार्टनर को अपनी गंदी सांसों की बदबू से डराना नहीं चाहते, तो अच्छा होगा कि आप दोनों ही दांतों को ब्रश कर लें।


शॉवर जरुर लें
ब्रश करने के अलावा आप दोनों को अच्छी प्रकार से शॉवर लेना चाहिये। यह एक अच्छी हाइजीन की आदत है।

कंडोम पहनना न भूलें
संभोग करने से पहले किसी भी तरह की असावधानी न बरतें। इससे न केवल अनचाहा गर्भ ठहरने से रूकता है बल्कि यौन रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

खुद को एक बार जांचे
पुरुषों को एक बार अपने प्राइवेट पार्ट्स को भली प्रकार से जांच लेना चाहिये कि कहीं उनमें घाव या छाले तो नहीं हो गए हैं। इस‍ी तरह से महिलाओं को भी देखना चाहिये।

टॉयलेट जरूर जाए
संभोग करने के बाद महिलाओं को एक बार टॉयलेट जरुर जाना चाहिये नहीं तो उन्हें मूत्र संक्रमण हो सकता है।

चुंबन करने से बचे
क्या आप जानते हैं कि चुंबन करने से आपके मुंह का बैक्टीरिया आपके साथी के शरीर में प्रवेश कर सकता है। अगर मुंह में किसी प्रकार का भी घाव है तो चुंबन करने से हमेशा बचना चाहिये।

इस जगह को हमेशा साफ करें
बेसिक हाइजीन रूल कहता है कि इंटरकोर्स करने से पहले अपने प्राइवेट पार्ट्स को हमेशा धो लें। ऐसा करने आप किसी भी बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया या फंगस को बढ़ने से रोक देते हैं।

दुबारा से लें स्नान
संभोग करने के बाद हर किसी को दुबारा नहाना चाहिये, जिससे आप अपने शरीर पर लगी हुई गंदगी को साफ कर सकें और इन्फेक्शन से बच सकें।

बेड की चादर बदलें
कई सारे जीवाणु होने के नाते कभी भी उसी बेड शीट पर नहीं सोना चाहिये, जिस पर आपने संभोग किया था।

साफ अंडरवेयर पहने

इंटरकोर्स करने के बाद हमेशा साफ कपड़े और अंडरवेयर ही पहनें।

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बुधवार, 27 जुलाई 2016

हर दिन 19 बार विचार आता है सेक्स के लिये

हर दिन 19 बार विचार आता है सेक्स के  लिये
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सेक्स एक ऎसी क्रिया है जिसका अनुभव हर कोई करना चाहता है। 

महिलाओं से ज्यादा सेक्स के बारे में पुरूष दिन में सोचते हैं। एक अध्ययन के परिणाम से पता चला कि एक व्यक्ति औसतन दिन में 19 बार सेक्स के बारे में सोचता है। कुछ लोग कहते हैं कि पुरूष प्रत्येक 7 मिनट पर सेक्स के बारे में सोचते हैं, जबकि अन्य कहते हैं कि हमेशा। लेकिन सच्चाई ये है कि औसत व्यक्ति प्रतिदिन 19 बार सेक्स के बारे में सोचते हैं। ये जानकारी  एक अध्ययन से सामने आई है। ओहियो स्टेट युनिवर्सिटी के अनुसंधानकतार्अो ने एक लोगों को एक क्लिकर दिया और उसमें अपने अनुभव के आधार पर तीन बटनों में से किसी एक को क्लिक करने को कहा। ये तीन बटन सेक्स, फूड, स्लीप के थे। अनुसंधान में शामिल लोगों से कहा गया कि इन तीन विषयों में से जिसके बारे में मन में बार-बार विचार उत्पन्न होते हों, उससे संबंधित बटन को दबाएं। अध्ययन के परिणाम से पता चला कि एक व्यक्ति औसतन दिन में 19 बार सेक्स के बारे में सोचता है। ओहियो स्टेट युनिवर्सिटी के प्रमुख अनुसंधानकर्ता टेरी फिशर ने कहा कि हम हालांकि ये अध्ययन नहीं कर पाए कि विचार कितने समय तक रहते हैं या किस तरह के विचार थे, लेकिन ये सच है कि ये क्लिकिंग का तरीका उन्हें सौंपे गए विषयों के बारे में उनके विचारों से उन्हें अधिक जागरूक किया।" अनुसंधानकतार्अों ने "द अटलांटिक" में प्रकाशित एक रपट में कहा है कि किसी व्यक्ति के विचार को समझना कठिन है, चाहे कोई भी प्रौद्योगिकी क्यों न अपनाई जाए।

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मंगलवार, 26 जुलाई 2016

गर्भधारण करने के तरीके

गर्भधारण  करने के तरीके



गर्भ धारण करने के आसान तरीके
यह देखने में आया है कि नव विवाहित स्त्रियों में 8० प्रतिशत एक साल के अन्दर ही गर्भ धारण करने में कामयाब हो जाती है| यदि एक साल तक प्रयास करने पर भी बच्चा ना हो तो यह समस्या का विषय हो सकता है , और ऐसे जोड़े को इनफरटाईल समझा जाता हैं.
बच्चा पैदा होने के लिए दम्पती के बीच सम्भोग का होना अनिवार्य है. और इसके दौरान पुरुष का लिंग स्त्री की योनी में प्रविष्ट होकर स्त्री की योनी में शुक्राणु उत्सर्जित करने होंगे , जिससे शुक्राणु गर्भाशय के मुख के पास इकठ्ठा हो जायेगे|. यह प्रक्रिया सेक्स के दौरान स्वत: ही हो जाती है , इसलिए इसकी चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है.
इसके आलावा सम्भोग अंडाणु उत्सर्जन के समय के आस-पास होना चाहिए. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे महिलाओं के अंडाशय से अंडे निकलते हैं| अंडाणु उत्सर्जन मासिक धर्म चक्र का भाग होता है, जो कि ऋतू स्राव के चौदहवें दिन, जब रक्त स्राव शुरू हो जाता है तब शुरू होता है.

१) बच्चा पैदा करने की योजना करने के लिए सबसे पहिले स्त्री-पुरुष दोनों को अपने प्रजनन अंगों की भली प्रकार चिकित्सकीय जांच कराना चाहिए| प्रजनन अंगों के दोषों का पता लगाकर इलाज कराना चाहिए| बच्चा पैदा करने के लिए महिलाओं में सेक्स के दौरान चरम आल्हाद (orgasm ) होना अनिवार्य नहीं है| दरअसल स्त्री की फेलोपियन नलिका जो कि अंडे को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाती है , शुक्राणु को अपने अन्दर खींच लेती है और उसे अंडाणु से मिलाने की कोशिश करती है. और इसके लिए महिलाओं में ओर्गास्म का आना जरूरी नहीं है

2) अंडाणु उत्सर्जन के समय के आस-पास सम्भोग करें-
स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चा पैदा करने के लिए स्त्री के अंडाणु अंडाशय से निकलने के 24 घंटे के अन्दर ही निषेचित होने चाहियें. पुरुष के शुक्राणु स्त्री के प्रजनन पथ में 48 से 72 घंटे तक ही जीवित रह सकते हैं. चूँकि बच्चा पैदा करने के लिए आवश्यक भ्रूण अंडाणु और शुक्राणु के मिलन से ही बनता है , इसलिए दंपत्ति को अंडाणु उत्सर्जन के दौरान कम से कम ४८ घंटे में एक बार ज़रूर सम्भोग करना चाहिए और इस दौरान पुरुष को स्त्री के ऊपर होना चाहिए ताकि शुक्राणु के लीकेज की सम्भावना कम हो.|
अंडाणु उत्सर्जन का समय कैसे पता करें ?
अंडाणु उत्सर्जन का समय पता करने का अर्थ है उस समय का पता करना जब स्त्री के अंडाशय से निषेचन के लिए तैयार अंडाणु निकले| इसे जानने के लिए आपको अपने मासिक-धर्म का अंदाजा होना चाहिए| यह 24 से 40 दिन के बीच हो सकता है.| अब यदि आप को अपने अगले मासिक धर्म होने का अंदाजा है तो आप उससे 12 से 16 दिन पहले का समय पता कर लीजिये , यही आपका अंडाणु उत्सर्जन का समय होगा .
उदाहरण के तौर पर यदि मासिक धर्म की शुरुआत 30 तारीख को होनी है तो 14 से 18 तारिख का समय अंडाणु उत्सर्जन का समय होगा.
बच्चा पैदा करने के लिए उपयुक्त समय का पता करने का एक और तरीका है स्त्री की योनी से निकलने वाले चिपचिपे तरल को अपने ऊँगली पर लीजिये और उसकी elasticity check कीजिये, जब ये अधिक और देर तक लचीला रहे तो समझ जाइये कि अंडाणु उत्सर्जन हुआ है और अब आप बच्चा पैदा करने के लिए सम्भोग कर सकते हैं.

3) एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं -
बच्चा पैदा करने के अवसर बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है कि पति-पत्नी एक स्वस्थ्य- जीवनशैली बनाये रखें. इससे होने वाली संतान भी अच्छी होगी. खाने – पीने में पर्याप्त भोजन और फल की मात्रा रखें .विटामिन प्राप्त होने से पुरुष-स्त्री दोनों की प्रजनन शक्ति बढती है | रोजाना घूमने और योग करने से भी फायदा होता है.
ध्यान देने योग्य है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भ धारण करने के अवसर काफी हद तक घट जाते हैं|

4) तनाव-मुक्त रहने का प्रयास करें:
इसमें कोई शक नहीं है कि अत्यधिक तनाव आपके प्रजनन कार्य में बाधा डालेगा. तनाव से कामेच्छा समाप्त हो सकती है , और स्त्रियों में रजस्वला होने की प्रक्रिया में बाधा पड सकती है| एक शांत मन आपके शरीर पर अच्छा प्रभाव डालता है और आपके गर्भ धारण करने की सम्भावना को बढाता है इसके लिए आप अनुलोम विलोम प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं|

5) अंडकोष को ज्यादा गर्मी से बचाएँ :
ध्यान रहे शुक्राणु ज्यादा तापमान में मृत हो सकते हैं. इसीलिए अंडकोष जहाँ शुक्राणु का निर्माण होता है शरीर के बाहर होते हैं ताकि वो ठंडे रह सकें| गरम पानी के टब में न बैठें| जो लोग आग की भट्टी या किसी गरम स्थान पर देर तक काम करते हैं उन्हें सावधान रहने की ज़रुरत है

6) सेक्स के बाद थोड़ी देर आराम करें:
सेक्स के बाद थोड़ी देर लेटे रहने से महिलाओं की योनी से शुक्राणु के निकलने के अवसर नहीं रहते. इसलिए सेक्स के बाद 15-20 मिनट लेटे रहना ठीक रहता है.

7) किसी तरह का नशा ना करे:
ड्रग्स , नशीली दवाओं, सिगरेट या शराब


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रविवार, 24 जुलाई 2016

सुहागरात के टिप्स

सुहागरात के  टिप्स


First night या  Suhagrat किसी भी Male और Female  के जीवन की अविस्मरणीय रात होती है और झिझक, प्रेम भावना से भरी होती है. इसके साथ साथ नवदम्पति Husband wife के लिए सबसे अहम हिस्सा होता है शारीरिक सम्बन्ध (Physical Relationship) बनाना यानि संभोग, रतिक्रिया कई भ्रांतियों के चलते उनके मन में आशाकाएं और डर जगह कर जाती है. इसके कारण जोड़ा वह सम्पूर्ण आनंद नहीं ले पाता जो वास्तविकता प्रकृति ने सभी के लिए बनाया है. आम तौर पर एक Man ज्यादा चिंतित होता है की वह अपने Female Partner को पूरी तरह से तृप्त कर पायेगा या नहीं. इसी Tension को समाप्त करने के लिए कुछ बेहतरीन First Night Suhagrat Tips Help :-


  • Suhagrat में सबसे पहले आप अपने आप को Confidence से भर लीजिये और Chill करिए.
  • कमरे में प्रवेश करने से पूर्व ही अनचाहे बालों की खेती की सफाई कर लेवें
  • हेलमेट (बैलून) आदि व्यवस्था अपने पास जरुर रखें वर्ना पछताना पड़ सकता है.
  • Partner के पास बैठ कर कुछ समय बातचीत में बिताएं, जल्दबाजी बिलकुल न करें.
  • हालाँकि आज के मोबाइल युग में पति पत्नी शादी से पहले ही इतनी बातें कर चुके होते हैं की बाकी कुछ भी नहीं रहता, किन्तु फिर भी धैर्य न खोएं.
  • अपनी पूर्व की प्रेमिका या अन्य किसी भी महिला का जिक्र भूलकर भी न करें.
  • पहले मन को मिलाएं और बाद में तन को.
  • सरप्राइज गिफ्ट देवें.
  • यहाँ एक ख़ास बात का ध्यान अवश्य रखें की आपकी पत्नी अब उम्र भर के लिए आपकी ही है इसलिए उसे पूरी तरह से सुरक्षित रखना भी आपका दायित्व बनता है अर्थात् बिना उसकी मर्जी के जोर जबरदस्ती का प्रयास बिलकुल न करें.
  • यह किसी भी किताब में नहीं लिखा है की First night या सुहागरात को सेक्स करना अति आवश्यक है.
  • अपने Life Partner की मंजूरी लेने के बाद ही आगे कदम बढ़ाएं.
  • कमरे का माहौल खुशनुमा बनाएं, छोटी मोटी शरारतों से शुरुआत करें.
  • सुगन्धित द्रव्य का स्प्रे करें, इससे काम इच्छा जागृत होती है.
  • अधिकतर स्त्री शर्मीली स्वभाव की होती है अतः वह कभी भी स्टार्ट नहीं करेगी और जल्दी से तैयार भी न होगी.
  • अब आप अपने साथी को  night dress पहनने के लिए कहें और स्वयं भी change कर लेवे.
  • बत्ती बंद होने पर ही आपकी गाड़ी स्टार्ट हो पाएगी अन्यथा आपका पार्टनर नहीं मानेगा. इसलिए नाइट लेंप जला लेवें.
  • छोटी छोटी शरारतें करें और धीरे धीरे शुरुआत करें जैसे Love Romance की बातचीत करना, चुम्मन, आलिंगन, लिपटना, प्राइवेट पार्ट को स्पर्श करना, Husband को सर्वप्रथम अपने पार्टनर को उत्तेजित करना चाहिए, स्त्री में काम वासना जगाने के लिए पुरे बदन को चूमना शुरू करें, स्तन के टॉप्स को सहलाने के साथ चूम सकतें है.
  •  First Time क्रिया करने से पहले हमारे आर्टिकल Better love Life Tips को अवश्य पढ़ें.
  •  यह आवश्यक नहीं है की प्रथम संभोग क्रिया के दौरान ब्लडिंग होती ही है, यदि संभोग के दौरान Blooding न हो, घबराएँ नहीं, सामान्यतया झिल्ली पहले ही अन्य कार्य ख़त्म हो जाती है, तो बेवजह वहम न पाले.
  •  संभोग किया करने के लिए कंडोम का प्रयोग करे, यह सबसे अच्छा विकल्प है अनचाहे गर्भ को रोकने का.
  •  अश्लीन फिल्म आदि से प्रभावित होकर कठिन स्टेप्स करने की कोशिश बिलकुल न करें.
  •  संभोग करने में जल्दबाजी न करें, Slow Slow अपना कार्य शुरू करें.
  •   शिशन के साइज़ को लेकर कोई चिंता न करें, इससे फर्क नहीं पड़ता की कितना लंबा है मोटा है, इसलिए किसी प्रकार की टेंशन न लेवें.
  •  स्खलन हो जाने के बाद तौलिये से दोनों के प्राइवेट पार्ट को पौछ देवें और थोड़े समय बाद दुध का सेवन कर सकते है.
  •  Romance के तुरंत बाद ही मुंह घुमाकर सो जाने की भूल न करे, इससे आपका साथी यह मन सकता है की आपको सिर्फ सेक्स से ही Love है.

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शनिवार, 23 जुलाई 2016

क्यों होती है घबराहट पहले सेक्स सम्बन्ध मे

 क्यों होती है घबराहट पहले सेक्स सम्बन्ध मे




लोग पहली बार सेक्स करते है तो उनको बहुत खुशी होती है। वह जोश के साथ सेक्स करते है और इसके साथ ही लोगो को बहुत घबराहट भी होती है। महिलाओं को लगता है कि पेनिस और वेजाइना में क्रिया होने के समय वो दर्द को सहन नहीं कर पायेंगी। लेकिन ये सिर्फ एक शंका है। ये घबराहट दिमाग में सेक्स को लेकर पहले से बैठे मिथकों की वजह से पैदा होती है। पहली बार इस  अहसास को महसूस करने के लिए घबराहट को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी है। - 

ब्लीडिंग- सबसे भी कॉमन है लोगों का ये सोचना कि पहली बार इन्टरकोर्स के दौरान ल़डकी के जननांगों से ब्लीडिंग होनी जरूरी है। कुछ लोग तो इसे लडकी के कौमार्य से जो़डकर देखते हैं। ब्लीडिंग न होने पर ये मान लिया जाता है कि लडकी पहले किसी के साथ जिस्मानी तौर पर रिश्ता बना चुकी है या वो वर्जिन नहीं हैं। सेक्सोलॉजिस्ट की मानें तो ब्लीडिंग ब्लड वेन्स के फटने की वजह से होती हैं। ऎसा दूसरी या तीसरी बार इंटरकोर्स करने पर भी हो सकता है। ब्लीडिंग होना जरूरी नहीं है। आजकल लडकियां स्पोट्र्स और उछलकूद की काफी एक्टिविटीज करती हैं। ऎसे में ब्लड वेन्स पहले ही फट सकती हैं जिसकी वजह से ऎसा हो सकता है कि सेक्स के दौरान ब्लीडिंग न हो। 

दर्द- कई महिलाएं पहली बार सेक्स के दौरान होने वाले दर्द को लेकर काफी डरी होती हैं। उन्हें लगता है कि पेनिस और वेजाइना में क्रिया होने के समय वो दर्द को सहन नहीं कर पायेंगी। लेकिन ये सिर्फ एक शंका है। ऎसा तब होता है, जब दोनों में से किसी के पर्सनल पार्ट सूखे हों। इसके लिए इंटरकोर्स से पहले फोरप्ले करें। ऎसा करने से दोनों पार्टनर के सेक्सुअल ऑर्गेन्स से रंगहीन लसलसा पदार्थ निकलता है, जो चिकनाई पैदा करता है। अगर फिर भी दर्द हो तो इंटरकोर्स धीरे-धीरे करें। 

कंडोम से मजा नहीं- कंडोम के इस्तेमाल करने पर लडके सेक्स का मजा नहीं ले पाते। ये आपके कंडोम के ब्रांड पर डिपेंड करता है। इसके लिए कम्फरटेबल और लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करें। 

नशे से इंजॉयिंग सेक्स- ड्रिकिंग, ड्रग्स या कई तरह का नशा करके लोगों को लगता है कि सेक्स का मजा दोगुना हो जाता है, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। नशे की हालत में कोई आपका रेप और असॉल्ट भी कर सकता है। 

प्रेग्नेंसी से बचें- ज्यादातर पहली बार सेक्स बिना किसी प्लैनिंग के होता है। ऎसे में जाहिर है आपके पास कंडोम या किसी और तरह की प्रिकॉशन नहीं होती है। ऎसे हालात में एक कॉमन मिथ है कि अगर इंटरकोर्स के तुरंत बाद ल़डकी यूरीन पास करती हैं तो प्रेग्नेंसी नहीं होगी। सच ये है कि यूरीन यूट्रेस से पास होता है और स्पर्म डोम का इस्तेमाल करें। 

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क्यों होती है घबराहट पहले सेक्स सम्बन्ध मे

 क्यों होती है घबराहट पहले सेक्स सम्बन्ध मे




लोग पहली बार सेक्स करते है तो उनको बहुत खुशी होती है। वह जोश के साथ सेक्स करते है और इसके साथ ही लोगो को बहुत घबराहट भी होती है। महिलाओं को लगता है कि पेनिस और वेजाइना में क्रिया होने के समय वो दर्द को सहन नहीं कर पायेंगी। लेकिन ये सिर्फ एक शंका है। ये घबराहट दिमाग में सेक्स को लेकर पहले से बैठे मिथकों की वजह से पैदा होती है। पहली बार इस  अहसास को महसूस करने के लिए घबराहट को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी है। - 

ब्लीडिंग- सबसे भी कॉमन है लोगों का ये सोचना कि पहली बार इन्टरकोर्स के दौरान ल़डकी के जननांगों से ब्लीडिंग होनी जरूरी है। कुछ लोग तो इसे लडकी के कौमार्य से जो़डकर देखते हैं। ब्लीडिंग न होने पर ये मान लिया जाता है कि लडकी पहले किसी के साथ जिस्मानी तौर पर रिश्ता बना चुकी है या वो वर्जिन नहीं हैं। सेक्सोलॉजिस्ट की मानें तो ब्लीडिंग ब्लड वेन्स के फटने की वजह से होती हैं। ऎसा दूसरी या तीसरी बार इंटरकोर्स करने पर भी हो सकता है। ब्लीडिंग होना जरूरी नहीं है। आजकल लडकियां स्पोट्र्स और उछलकूद की काफी एक्टिविटीज करती हैं। ऎसे में ब्लड वेन्स पहले ही फट सकती हैं जिसकी वजह से ऎसा हो सकता है कि सेक्स के दौरान ब्लीडिंग न हो। 

दर्द- कई महिलाएं पहली बार सेक्स के दौरान होने वाले दर्द को लेकर काफी डरी होती हैं। उन्हें लगता है कि पेनिस और वेजाइना में क्रिया होने के समय वो दर्द को सहन नहीं कर पायेंगी। लेकिन ये सिर्फ एक शंका है। ऎसा तब होता है, जब दोनों में से किसी के पर्सनल पार्ट सूखे हों। इसके लिए इंटरकोर्स से पहले फोरप्ले करें। ऎसा करने से दोनों पार्टनर के सेक्सुअल ऑर्गेन्स से रंगहीन लसलसा पदार्थ निकलता है, जो चिकनाई पैदा करता है। अगर फिर भी दर्द हो तो इंटरकोर्स धीरे-धीरे करें। 

कंडोम से मजा नहीं- कंडोम के इस्तेमाल करने पर लडके सेक्स का मजा नहीं ले पाते। ये आपके कंडोम के ब्रांड पर डिपेंड करता है। इसके लिए कम्फरटेबल और लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करें। 

नशे से इंजॉयिंग सेक्स- ड्रिकिंग, ड्रग्स या कई तरह का नशा करके लोगों को लगता है कि सेक्स का मजा दोगुना हो जाता है, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। नशे की हालत में कोई आपका रेप और असॉल्ट भी कर सकता है। 

प्रेग्नेंसी से बचें- ज्यादातर पहली बार सेक्स बिना किसी प्लैनिंग के होता है। ऎसे में जाहिर है आपके पास कंडोम या किसी और तरह की प्रिकॉशन नहीं होती है। ऎसे हालात में एक कॉमन मिथ है कि अगर इंटरकोर्स के तुरंत बाद ल़डकी यूरीन पास करती हैं तो प्रेग्नेंसी नहीं होगी। सच ये है कि यूरीन यूट्रेस से पास होता है और स्पर्म डोम का इस्तेमाल करें। 

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गुरुवार, 21 जुलाई 2016

कैसे समझे की हमारा पार्टनर सेक्‍स के लिये तैयार है

कैसे समझे की हमारा पार्टनर सेक्‍स के लिये तैयार है 




हो सकता है ये सवाल आपको अजीब लगे, क्‍योंकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अक्‍सर ये सवाल सुनने में आते हैं कि "मुझे हमेशा सेक्‍स करने का मन करता है" लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि केवल आप ही हैं जो ऐसा सोंचते हैं लेकिन हमेशा सेक्‍स के बारे में सोंचना ये सहीं नहीं है। 
लोग इस तरह की बातें अपने देस्‍तों से भी छुपाते हैं। दरअसल ये कोई बीमारी नहीं बस दिमाग का एक वहम है।
 जिसे आप चाहें तो निकाल सकते हैं फिर आप चाहें पुरुष हों या फिर महिला कोई फर्क नहीं पड़ता। 
अगर ये लत आपकी निजी लाइफ में दिक्‍कत कर रही है तो ये आपके लिए बाद में खतरनाक हो सकता है। 
लत क्‍या हर महिला या फिर पुरुष को देखकर उसके साथ सेक्‍स करने का मन होता है। 
अंतवस्‍त्रों को देखकर सेक्‍स करने का मन करता है। 
क्‍या आप हस्‍तमैथून करते हैं ऑफिस में भी काम करते समय सेक्‍स करने का मन करता है। 
क्‍या करें ये कोई शारीरिक बीमारी नहीं है बल्‍कि दिमाग का बस एक वहम या फिर कहें आदत है जिसे आप खुद ठीक कर सकते हैं बस इसके लिए आप अपने पाटर्नर से सेक्‍स को लेकर अपनी बात रखें।
अगर आप शादीशुदा है तो इसके लिए आप अपने परिवार की ओंर ध्‍यान दें, साथ ही अपने पाटर्नर से हो सके तो इस बात को शेयर करें। 
सेक्‍स करने के बाद आप इस बात को समझे की अब अगला टर्न एक समय के बाद ही आएगा। 
अगर आप शादीशुदा नहीं है तो अपने करियर और आगे आने वाले भविष्‍य के बारे में सोंचे और इस बात को समझे कि हर चीज का एक समय होता है।

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रविवार, 17 जुलाई 2016

यौन सुख को बढ़ाता है खुश्‍बूदार माहौल और खुश्‍बूदार कंडोम

यौन सुख को बढ़ाता है खुश्‍बूदार माहौल और खुश्‍बूदार कंडोम 



ज्‍यादातर दंपत्ति कंडोम से नफरत करते हैं। वो सोचते हैं कि कंडोम उनके संभोग के मजे को कम कर देता है। खास तौर से महिलाओं को लगता है कि कंडोम के बगैर संभोग का मजा ज्‍यादा है, यही कारण है कि कई बार महिलाएं कंडोम की वजह से सेक्‍स की चरमसीमा तक नहीं पहुंच पातीं। यदि आपके जीवन में ऐसा हो रहा है, तो एक उपाय हम आपको बता सकते हैं। वो उपाये है खुश्‍बूदार कंडोम। जी हां अगर आप खुश्‍बूदार कंडोम का इस्‍तेमाल करते हैं, तो न केवल सेक्‍स का मजा बढ़ जाता है, बल्कि यौन जीवन में परिर्वतन भी दिखाई दे सकते हैं। सबसे पहली बात यह कि फोरसेक्‍स के पहले पुरुषों के लिंग से एक तरह की महक उठती है, जो महिलाओं को संभोग के लिए उत्‍तेजित करती है। यह महक महिलाओं को काफी पसंद भी होती हैं। ऐसे में यदि आप फ्लेवर्ड कंडोम यानी खुश्‍बूदार कंडोम का इस्‍तेमाल करते हैं, तो वो आपकी पार्टनर को ज्‍यादा मजा दे सकता है। बाजार में कई प्रकार की खुश्‍बू वाले कंडोम बिकते हैं। इसलिए जब भी आप किसी फ्लेवर्ड कंडोम का इस्‍तेमाल करें तो अपनी पार्टनर से जरूर पूछें कि उन्‍हें कैसा लगा। यदि किसी फ्लेवर से वो इनकार करती है, तो उसे दोबारा मत लें। कई बार डॉटेड कंडोम कंडोम के चक्‍कर में पसंदीदा फ्लेवर नहीं मिल पाता है। इसके लिए आपको अपनी झिझक खत्‍म करनी होगी। जिस तरह साबुन-तेल खरीदते वक्‍त आप तमाम कंपनियों के प्रॉडक्‍ट देखते हैं, उसी तरह कंडोम खरीदते वक्‍त भी विभिन्‍न कंपनियों के बारे में पूछें। बेहतर होगा यदि आप बदल-बदल कर फ्लेवर लें, क्‍योंकि एक ही फ्लेवर से आपकी पार्टनर बोर हो सकती है। कुल मिलाकर फ्लेवर भी उसी प्रकार काम करता है, जिस तरह कुछ महिलाओं को केला अच्‍छा लगता है तो कुछ को स्‍ट्रॉबेरी या चॉकलेट। इसलिए पार्टनर का मूड बनाने के लिए उसकी पसंद का फ्लेवर ही लेकर जायें। 


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शनिवार, 16 जुलाई 2016

सेक्स के वक्त यदि महिलाएं 'यह' करें तो चरम सुख देते हैं पुरुष

सेक्स के वक्त यदि महिलाएं 'यह' करें तो चरम सुख देते हैं पुरुष
क्या सेक्स के वक्त आप अपने पार्टनर को पूरी खुशी नहीं दे पाती हैं? क्या आपको पता है मर्दों के वो नाजुक अंगस्थल जहां छूने से वे हो जाते हैं चरम सुख देने को बेताब? 
पुरुषों के 10 ऐसे संवेदनशील अंग, जहां पर हल्का-सा स्पर्श भी उन्हें रोमांचित कर देता है...  


नेक- यहां हल्की-सी छुअन भी उनके शरीर में झनझनाहट पैदा कर सकती है। अगली बार उनकी गर्दन पर गर्म सांसे फेंकते हुए किस करिए, उसके बाद का अहसास आप भूल नहीं पाएंगी। 

कान - कान में ही फुसफुसाने और उसको चूमने तक ही सीमित न रहें, बल्कि कान के पीछे का हिस्सा भी काफी संवेदनशील होता है। उनके कान के टॉप को अपने दांतों से हल्का-सा काटें और वहां पर जोर-जोर से सांसे लें। सेक्स का मजा दोगुना हो जाएगा।

 हिप- हिप मर्दों के हिप काफी सेंसिटिव होते हैं। जब वे आपके उपर छाए हों, या जब भी मौका मिले, उनके हिप्स को जरूर ध्यान में रखें। वहां पर हल्का-सा मसाज भी पुरुषों को बहुत उत्तेजित करता है।

 त्वचा - त्वचा स्किन मर्दों को उत्तेजित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सेक्स में सबसे ज्यादा यही अंग शामिल रहता है। त्वचा को चूमने, उसे रगड़ने से ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाती है और पुरुषों को उत्तेजित होने में मदद मिलती है। तो अगली बार उन हसीन लम्हों के लिए पूरी तैयारी करके जाइए।

 एड़‍िया- अपने पार्टनर के पैरों का हल्का-सा मसाज करें, यह न सिर्फ उन्हें जोश दिलाएगा, बल्कि उनकी परफॉर्मेंस को भी कई गुना बढ़ाने में मदद करेगा। और वैसे भी, जब वह ऑफिस से थक-हार कर घर आएंगे, तो एक हल्का सा फुट मसाज उनके लिए बड़ी राहत की वजह बनेगा। फिर तो आराम से खेलिए प्यार वाला खेल।

 जीभ- जीभ यह बताने की जरूरत नहीं है कि एक लंबा और प्यारा-सा किस सेक्स के दौरान कितना जरूरी होता है। यह आपके पार्टनर को उत्तेजित करने का सबसे आसान तरीका है। हां, किस करते वक्त यह याद रखें कि हर मूव के बाद इसमें कुछ नयापन हो। पहले हल्का किस, फिर धीरे-धीरे गहरे किस करते रहना चाहिए। और हां, इस दौरान अपनी जीभ का जमकर इस्तेमाल करें।

होंठ- होंठ जैसा कि हमने पहले ही कहा, किस करना प्यार में तड़का लगाने का सबसे कारगर तरीका है। आप अपने पार्टनर के होठों को चूसकर, उन्हें चूमकर उन्हें काफी उत्तेजित कर सकते हैं। उसके बाद तो सेक्स के खूबसूरत अहसास के लिए तैयार रहिए।

 जांघों-  जांघों का भीतरी हिस्सा यह आपके पार्टनर के लिंग के पास का सबसे करीबी हिस्सा होता है, और यहां हल्की-सी छुअन भी काफी जोश दिला सकती है। तो अगली बार एक कमाल के सेक्स अनुभव के लिए तैयार रहिए।

 चेहरा - चेहरा क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जब आप अपने पार्टनर के चेहरे को छूती हैं, तो उसके चेहरे पर कितनी चमक आ जाती है? मर्दों को लड़कियों द्वारा चेहरा छूना बहुत ही अच्छा लगता है।

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इस गर्मी बाथरूम में कीजिये सेक्स

इस गर्मी बाथरूम में कीजिये सेक्स



अपने पुरुष अथवा महिला पार्टनर को महज नग्न देखने भर से आपके अंदर जोश भर जायेगा? नहीं ऐसा नहीं है, उसके लिये जगह का काफी महत्व होता है। बेडरूम में तो संभोग आप अकसर करते ही होंगे, लेकिन कभी बाथरूम में भी ट्राई किया है क्या? अगर नहीं तो एक बार जरूर ट्राई कीजिये। आपको एक अलग ही अनुभूति होगी। और ऐसे में जब गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, तो पानी में रंगरलियों का मजा ही अलग होगा। बाहर तेज गर्मी और घर के अंदर बाथरूम के टब और शावर में ठंडा पानी, साथ में आपकी पार्टनर वो भी निर्वस्त्र। ऐसे सुहावने पल का अंदाजा आपको अभी से लग गया होगा। लेकिन सिर्फ अंदाजा मात्र लगाने से कुछ नहीं होने वाला, इस सुखद पल का बेहतरीन अनुभव प्राप्त करने के लिये आपको कुछ अलग हटके करना होगा।
सरप्राइज सेक्स बाथरूम में सेक्स करना है तो उसका मजा तभी है जब आप अपनी पार्टनर को सरप्राइज दें। बेहतर होगा अगर आप बाथरूम में पहले से तैयारी कर के रख लें और अचानक पार्टनर को बहाने से अंदर ले जायें, तब जो शूरुआत होगी वो अलग ही होगी।

शावर के नीचे सेक्स बाथरूम में ले जाने के बाद यदि आप पहले फोरसेक्स करते हैं, तो ज्यादा बेहतर होगा। शावर से टप-टप गिरती बूंदें और उनके नीचे आप दोनों एक दूसरे की बाहों में। यहां पर धीरे-धीरे कपड़े उतारना और फोर सेक्स करने का मजा अलग ही होगा।
वॉटरप्रूफ सेक्स ट्वॉय सेक्स करते वक्त यदि आपके पास सेक्स ट्वॉय है तो उसका इस्तेमाल जरूर करें।

डॉगी स्टाइल सेक्स शावर के नीचे सबसे अच्छी स्टाइल डॉगी स्टाइल ही रहती है।
अब आप टब के अंदर लेट जाइये और ऊपर आपकी पार्टनर। टब में बबल और पानी के अंदर संभोग का आनंद लीजिये।
टब नहीं है तो अगर बाथरूम में टब नहीं है, और बाथरूम इतना बड़ा है कि आप लेट सकते हैं, तो लेट जाइये, गीले फर्श पर संभोग का अनुभव अलग ही होता है।

मस्ती जारी रखें बाथरूम में सेक्स के दौरान मस्ती जारी रखें। अगर हैंड शावर (फॉसेट) है तो उससे पार्टनर के विशेष अंगों पर पानी जरूर डालें, पानी में छप-छप करते वक्त बूब्स से खेलना मिस मत करें।

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शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

पार्टनर के सामने सोच-समझकर उतारें कपड़े

पार्टनर के सामने सोच-समझकर उतारें कपड़े



माना जाता है कि जब स्‍त्री-पुरुष मिलते हैं और स्‍त्री कपड़े उतारना शुरू करती है, तब पुरुष तुरंत उत्‍तेजित हो उठते हैं। यह बात तो 100 फीसदी सही है, लेकिन अगर स्‍त्री ने गलत तरीके से कपड़े उतारे, तो कई बार उनके पार्टनर का मूड खराब भी हो सकता है। जी हां बेडरूम के अंदर के इसी सीक्रेट को यहां हम आपके साथ शेयर करेंगे। असल में कपड़े उतारते वक्‍त कब पुरुष पार्टनर का मूड फीका पड़ गया इस बात का अंदाजा उसकी नजरों से आप लगा सकती हैं। अगर वो आपकी तरफ देख रहा है, तो समझिये सब ठीक है, लेकिन अचानक इधर-उधर देखने लगे, तो समझिये कहीं न कहीं कुछ ऐसा हुआ है, जिस वजह से उनका मूड फीका पड़ गया है। यदि आप उत्‍तेजक कपड़े पहनी हैं, तब उसे उतारने की जल्‍दी मत करें। पहले अपने पार्टनर के करीब जायें और स्‍पर्श के माध्‍यम से अपने प्रेम का इजहार करें। फिर धीरे-धीरे कपड़े उतारें। इसकी शुरुआत ऊपर से ही होनी चाहिये। यदि आप सीधे कपड़े उतारकर अंडरगार्मेन्‍ट्स में आ जायेंगी, तो अचानक उनका मन विचलित हो सकता है और हो सकता है कि आपको देख कर वो ठंडे पड़ जायें। कपड़े उतारते वक्‍त यदि आप अपने पार्टनर का इंवॉल्‍वमेंट रखती हैं, तो अंत तक उत्‍तेजकता बनी रहती है। अब बात करते हैं उन महिलाओं की जो गहनों के साथ पारंपरिक परिधान में हैं। यदि आप बेडरूम में जाने से पहले चेंज नहीं कर पायी हैं, तो पार्टनर के सामने कपड़े उतारने की जल्‍दबाजी मत करें। पार्टनर के साथ बैठकर मीठी-मीठी बाते करें और फिर बात करते-करते गहने उतार दें। उसके बाद पार्टनर की बाहों में चली जायें। कपड़े पहने-पहने ही थोड़ा फोरसेक्‍स करें या चुंबन लें। उसके बाद धीरे-धीरे कपड़े उतारें और यौन क्रियाएं शुरु करें। कपड़े उतारते वक्‍त आपका एटिट्यूड सेक्‍स से भरा होना चाहिये। यदि आप फीके मन से कुछ भी करेंगी, उसका सीधा प्रभाव पार्टनर के मूड पर पड़ेगा। 

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बुधवार, 6 जुलाई 2016

सेक्‍स के दौरान सिसकियन क्यो भरती है महिलाएं

सेक्‍स के दौरान सिसकियन क्यो भरती है महिलाएं 
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सेक्‍स के दौरान कई ऐसी प्रकियाएं होती हैं जो एक दूसरे को आनंद देती है जिनमें से महिलाओं का सेक्‍स के दौरान आवाज निकालना भी है। 
अगर सेक्‍स के दौरान आपकी पार्टनर भी आह या उफ की आवाजें निकालती है तो ये एक साधारण प्रकिया है। 
इसका मतलब ये नहीं कि आपकी पाटर्नर संतुष्‍ट हो रही है। हां लेकिन कुछ केसेस में महिलाएं संतुष्‍टी के दौरान भी आवाजे निकालती हैं। ज्‍यादातर महिलाओं से इस बारे में पूंछा गया तो उनका जवाब बिल्‍कुल सीधा था वे ऐसा अपने पुरुष साथी को संतुष्‍ट करने के लिए करती है। 
जबकि कुछ का कहना था जब उनके साथी जब अधिक स्‍ट्रोक देते हैं तो वे आवाज निकालती हैं। सेक्‍स के दौरान ज्‍यादातर महिलाएं आह... आउच या फिर ओ मॉय गॉड की अवाज निकालती हैं ऐसा हम नहीं बल्‍कि महिलाओं के बीच किए गए सर्वे में पता चला है। 
सेक्‍स के दौरान ज्‍यादातर आवाजें महिलाएं फोरप्‍ले या फिर मेल एजुकुलेशन के समय निकालती हैं। 
अगर आकड़ों पर नजर डालें तो 66 प्रतिशत महिलाएं अपने पार्टनर के आर्गज्म को और अधिक बढ़ाने के लिए इस तरह की आवाजें निकालती है वहीं दूसरी ओंर 92 प्रतिशत महिलाएं सेक्‍स के दौरान आवाजे निकालकर अपने पार्टनर को सेक्‍स की रफ्तार तेज करने का सकेंत देतीं हैं। 
ऐसा नहीं है कि सेक्‍स के दौरान केवल महिलाएं ही आवाज निकालती हैं पुरुष भी आवाज निकालते हैं लेकिन केवल एजुकुलेशन के समय जो साधारण सी बात है। 
1. ओह बेबी- ओ बेबी शब्‍द का प्रयोग अक्‍सर पुरुष लोग करते हैं जिसका सीधा मतलब होता है पुरुष पाटर्नर को आप संतुष्‍ट कर रहीं हैं। 
2. आउच- सेक्‍स करते समय जब पुरुष ज्‍यादा तेजी से स्‍ट्रोक देते हैं तो कुछ समय के लिए महिला पाटर्नर को दर्द होता है जिससे ये साउंड निकलता है। 
3. आह- सेक्‍स के समय जब महिला पार्टनर पूरी तरह से इसे इंज्‍वाय कर रहीं हो तभी ये साउंड निकलता है। 
4. येस- जब महिला पाटर्नर चरम सीमा में हो तब ये साउंड उनके मुहं से निकलता है। 
इस समय पुरुष पाटर्नर को पूरी तरह से एक्‍टीवेट रहना चाहिए।

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मंगलवार, 5 जुलाई 2016

महिलाओं और पुरूषो में बांझपन या अनुवंसिक्ता



महिलाओं और पुरूषो में बांझपन या अनुवंसिक्ता





बांझपन या अनुवंसिक्ता क्या है?

एक वर्ष तक प्रयास करते रहने के बाद अगर गर्भधारण नहीं होता तो उसे बन्ध्यता या अनुर्वरता कहते हैं।

बांझपन, प्रजनन प्रणाली की एक बीमारी है जिसके कारण किसी महिला के गर्भधारण में विकृति आ जाती है। गर्भधारण एक जटिल प्रक्रिया है जो कई बातों पर निर्भर करती है- पुरुष द्वारा स्वस्थ शुक्राणु तथा महिला द्वारा स्वस्थ अंडों का उत्पादन,

   


अबाधित गर्भ नलिकाएं ताकि शुक्राणु बिना किसी रुकावट के अंडों तक पहुंच सके, मिलने के बाद अंडों को निषेचित करने की शुक्राणु की क्षमता, निषेचित अंडे की महिला के गर्भाशय में स्थापित होने की क्षमता तथा गर्भाशय की स्थिति।
अंत में गर्भ के पूरी अवधि तक जारी रखने के लिए गर्भाशय का स्वस्थ होना और भ्रूण के विकास के लिए महिला के हारमोन का अनुकूल होना जरूरी है। इनमें से किसी एक में विकृति आने का परिणाम बांझपन हो सकता है।

बांझपन क्यों होता है ?

पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी का सबसे सामान्य कारण शुक्राणु का कम या नहीं होना है। कभी-कभी शुक्राणु का गड़बड़ होना या अंडों तक पहुंचने से पहले ही उसका मर जाना भी एक कारण होता है। महिलाओं में बांझपन का सबसे सामान्य कारण मासिक-चक्र में गड़बड़ी है। इसके अलावा गर्भ-नलिकाओं का बंद होना, गर्भाशय में विकृति या जननांग में गड़बड़ी के कारण भी अक्सर गर्भपात हो सकता है।



क्या अनुर्वरता केवल औरतों के कारण होती है?

नहीं, यह केवल औरत के कारण नहीं होती। केवल एक तिहाई सन्दर्भों में अनुर्वरता औरत के कारण होती है। दूसरे एक तिहाई में पुरूष के कारण होती है। शेष एक तिहाई में औरत और मर्द के मिले जुले कारणों से या अज्ञात कारणों से होती है।


 
पुरूषों में अनुर्वरता के क्या कारण होते हैं?

पुरूषों में अनुर्वरता के कारण हैं 

(1) शुक्राणु बनने की समस्य - बहुत कम शुक्राणू या बिलकुल नहीं। 

(2) अण्डे तक पहुंच कर उसे उर्वर बनाने में शुक्राणु की असमर्थता - शुक्राणु की असामान्य आकृति या बनावट उसे सही ढंग से आगे बढ़ पाने में रोकती है। 



(3) कई बार पुरूषों में जन्मजात ऐसी समस्या होती है जो कि उनके शुक्राणुओं को प्रभावित करती है। 

(4) अन्य सन्दर्भों में किसी बीमारी या चोट के परिणाम स्वरूप समस्या शुरू हो जाती है।

पुरूष में अनुर्वरता का खतरा किन चीज़ों से बढ़ जाता है?

पुरूष के सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं जीवन शैली का प्रभाव शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। जिन चीज़ों से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता घटती है उस में शामिल हैं। 

मदिरा एवं ड्रग्स 
वातावरण का विषैलापन जैसे कीटनाशक दवाएं
सिगरेट पीना 
मम्पस का इतिहास 
विशिष्ट दवाँ। 
कैंसर के कारण रेडिएशन।

औरतों में अनुर्वरता के क्या कारण होते हैं?

औरतों में अनुर्वरता के कारण हैं -

(1) अण्डा देने में कठिनाई 
(2) बन्द अण्डवाही ट्यूबें 

(3) गर्भाशय की स्थिति की समस्या 

(4) युटरीन फाइवरॉयड कहलाने वाले गर्भाशय के लम्पस।

किन चीज़ों से महिला में अनुर्वरकता का खतरा बढ़ जाता है?

बच्चें को जन्म देने में बहुत सी चीजें प्रभाव डाल सकती हैं। इनमें शामिल हैं -

(1) बढ़ती उम्र

(2) दबाव

(3) पोषण की कमी

(4) अधिक वजन या कम वजन

(5) धूम्रपान

(6) मदिरा

(7) यौन संक्रमिक रोग

(8) हॉरमोन्स में बदलाव लाने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं।

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सोमवार, 4 जुलाई 2016

माहवारी (Menstruation) में सम्भोग क्रिया उचित है?

 माहवारी (Menstruation) में सम्भोग क्रिया उचित है?




माहवारी में सम्भोग करने में कोई हर्ज नहीं है, दो चार बातें ध्यान में रखना है, कुछ स्त्रियों को माहवारी में बहुत परेशानी होती है, जैसे की कमर या पीठ में दर्द, सर दर्द पेट दर्द आदि।
कुछ पुरुषों या स्त्रियों को अच्छा नहीं लगता, किन्ही को डर भी लगता है, धार्मिक मान्यताएँ भी आड़े आती हैं।
ऐसे में सम्भोग आपसी सहमति से करें।
इसके विपरीत कुछ लोगों को कोई परेशानी नहीं होती। जो स्त्रियाँ तंदुरुस्त होती हैं उन्हें इस अवस्था में सम्भोग से कोई एतराज नहीं होता।
एक स्टडी में यह बात सामने आई है की कुछ स्त्रियों को माहवारी के समय योनि में एक अजीब सी मीठी खुजली महसूस होती है। इस समय उनकी योनि अधिक सन्वेदनशील होती है। इस समय सम्भोग करने पर लिंग के योनि के अन्दर घर्षण से उन्हें बहुत सुकून मिलता है और आनन्द प्राप्त होता है।
लिंग से योनि की सफाई भी हो जाती है। माहवारी के समय झांट के बाल शेव कर लें तो बहुत अच्छा है।
माहवारी में सम्भोग करने से स्त्री पुरुष दोनों को कोई नुकसान नहीं है, अपनी अपनी पसन्द है।

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रविवार, 3 जुलाई 2016

सेक्स मे चरम सुख प्राप्ति का उचित समय

सेक्स मे चरम सुख प्राप्ति का उचित  समय 
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अक्सर पुरुषों-महिलाओं की चाहत रहती है कि सेक्स में चरम सुख तक कैसे, कब और किस तरकीब से पहुंचा जाए। तो इंडि‍यन सूत्र लाया है आपका जवाब बस चंद शब्दों में-

एक ताजा सर्वे में यह पता चला है कि शनिवार को रात 11 बजे से पहले किए गए 23 मिनट के सेक्स से लोगों को चरम आनंद की प्राप्ति हुई। सर्वे में सामने आया कि अधिकतर पार्टनर सेक्स संबंध वीकेंड में बनाना पसंद करते हैं।  
सर्वे में शामिल आधे लोगों का यह भी कहना है कि वह सप्ताह में एक बार पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाना पसंद करेंगे। सर्वे में 2000 लोग शामिल हुए जिनमें करीब 65 फीसदी लोगों ने शारीरिक संबंध के लिए रात 10 बजे से 11 बजे के समय को चुना। 
जबकि मात्र 6 फीसदी लोगों ने सुबह 7 से 8 बजे के बीच हमबिस्तर होने की चाहत रखी। इस सर्वे में पाया गया कि औसतन ब्रिटीश चरम सुख प्राप्त करने से पहले पार्टनर के साथ फोरप्ले करना पसंद करते हैं। 
तो आप भी अपनाएं ये नुस्खा और बन जाएं अपनी पत्नी के लिए 'मिस्टर पर्फेक्ट पार्टनर'।

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सफेद मूसली से यौन समस्याओं का प्राकृतिक समाधान

                                           सफेद मूसली से यौन समस्याओं का प्राकृतिक समाधान सफेद मूसली ( Chlorophytum borivilianum) आयुर्वेद...