गुरुवार, 15 जून 2023

यौन समस्या “ब्लू बॉल” क्या होता है इसके लक्षण क्या है और इसको कैसे ठीक किया जा सकता है?

                                       

यौन समस्या “ब्लू बॉल” क्या होता है इसके लक्षण क्या है और इसको कैसे ठीक किया जा सकता है?

‘ब्लू बॉल’ ये एक ऐसी समस्या है जिसका नाम पुरुषों ने कम ही सुना होता है लेकिन इसका अनुभव सबने ही कभी न कभी किया जरूर होता है।इस समस्या में पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में दर्द होता है और अंडकोश में ब्लू-पर्पल निशान पड़ सकता है ।  इसका शरीर पर कोई नुकसान नहीं होता है। ये आम स्थिति है जिससे निपटना कठिन नहीं है।

क्या होता ब्लू बॉल

ये एक मानसिक स्थिति है। ये ऐसे पुरुषों को होती है जो शारीरिक संबंध बनाए बिना ही लंबे समय तक उत्तेजित रहते हैं। ये वो स्थिति है, जिसमें पुरुष उत्तेजित तो रहते हैं लेकिन उन्हें ऑर्गेज्म नहीं हो पाता है। फिर आखिर में उन्हें ये एक फ्रेस्ट्रेशन जैसा लगता है।


ब्लू बॉल के लक्षण

ब्लू बॉल के कई लक्षण हो सकते हैं जो पुरुषों को शारीरिक तौर पर परेशान कर सकते हैं। इसके चलते पुरुषों को दर्द भी महसूस होता है। कुछ खास लक्षण ये रहे-

· अंडकोष में भी दिक्कत हो सकती है ।

· पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में दर्द हो सकता है।

· दर्द कई बार इतना ज्यादा हो सकता है कि पेट के निचले हिस्से और कमर तक भी जा सकता है।

 
ब्लू बॉल की स्थिति आती क्यों है?

पुरुषों में जब सेक्सुअल ऑर्गन्स उत्तेजित होता है, तो उनके पेनिस और टेस्टिकल्स की ब्लड वेसल्स में ब्लड फ्लो का वॉल्यूम अधिक बढ़ जाता है। लंबे समय तक सेक्सुअल ऑर्गन्स उत्तेजित होने की वजह से ब्लड ब्लड पेनिस और टेस्टिकल्स में जमा होने लगते हैं। ऐसे में पेनिस और टेस्टिकल्स में दर्द होने लगता है।  कुछ पुरुषों के जेनिटल एरिया में ब्लड लंबे समय तक स्टे कर सकता है, ऐसे में यह परेशानी बढ़ सकती है। ब्लू बॉल के कारण आदमियों को अनकम्फर्टेबल महसूत होने लगता है हालांकि ये स्थिति अगले कुछ घंटों में ठीक हो जाती है।

ऑर्गेज्म है पहला सॉल्यूशन

ब्लू बॉल का पहला हल ऑर्गेज्म है। ये सबसे तेज असर करता है। हालांकि आपको इसमें कुछ दिक्कत भी हो सकती है। दरअसल ऑर्गेज्म से दबाव कम हो जाता है। जैसे ही ऑर्गेज्म की स्थिति आती है आपके प्राइवेट पार्ट में ब्लड ड्रेन होकर आपको आराम दे देता है। ये काम हस्तमैथुन के साथ आसानी से हो सकता है।
इसके अलावा पार्टनर के साथ संबंध बनाकर भी ऐसा किया जा सकता है। लेकिन इस काम के लिए हो सकता है आपको अपनी पार्टनर पर बेवक्त दबाव बनाना पड़े। इसलिए परिस्थिति के हिसाब से काम करें।

ठंडा पानी करेगा मदद

अगर ऑर्गेज्म संभव नहीं है तो ठंडा पानी भी आपकी मदद कर देगा। दरअसल कई बार हस्तमैथुन या सेक्स के लिए सही समय और परिस्थिति नहीं होती है। इस वक्त आपको इस वक्त टेस्टिकल्स पर ठंडा पानी डालकर परेशानी से निकाला जा सकता है। शुरू में ये आपके लिए कठिन होगा। लेकिन इससे दर्द जरूर दूर हो जाएगा।
ब्लू बॉल पास हो जाने तक ये आपको अच्छा महसूस करने में मदद करेगा। समय हो तो आप नहा भी सकते हैं। लेकिन इसके बाद टेस्टिकल्स पर टॉवल रखें, इन्हें खुद छूने की कोशिश न करें।

व्यायाम भी है विकल्प

व्यायाम इस काम में असर करेगा या नहीं, इसको लेकर पक्का नहीं कहा जा सकता है लेकिन काफी हद तक इससे आराम मिल जाता है। दरअसल व्यायाम करने से ब्लड जेनिटल्स से हट जाता है। ये शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच जाता है। इसके साथ ही ये आपका ध्यान भी दर्द से हटा देता है। व्यायाम करते हुए भी आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती है। लेकिन जैसे ही जेनिटल्स से ब्लड हटेगा आपको आराम मिल जाएगा।

 दूसरे कामो में मन लगाइए

ब्लू बॉल की स्थिति होने पर दूसरे कामों में मन लगाना भी विकल्प हो सकता है। दरअसल दर्द से मन हटेगा तो आप बाकी काम आसानी से कर पाएंगे और ब्लू बॉल एक समय के बाद खुद ही ख़त्म हो जाएगा।
इसलिए इस वक्त वो काम करें जो आपका दिल लगा ले जैसे म्यूजिक सुनें, फिल्म देखें, पजल हल करें आदि।

सेक्स से जुड़ी बातें

ध्यान रखिए अगर ऑर्गेज्म की स्थिति नहीं है तो सेक्स से जुड़ी बातों से आपको अपना मन हटाना है।  सेक्स से जुड़े ख्यालों को दूर करके आप इस स्थिति से जल्दी निकल पाएंगे। इसलिए कोशिश यही करें कि सेक्स से जुड़े ख्यालों को खुद से दूर ही रखें। इस तरह से ब्लू बॉल से निकलना आसान हो जाएगा।

ध्यान देने योग्य बातें- 

· उत्तेजना के समय टेस्टिकल में भारीपन तो नहीं । 

· उत्तेजना के समय ही ब्लू बॉल की स्थिति आती है।

· अगर ऑर्गेज्म के बिना ही आपको उत्तेजना महसूस हो। इसके साथ जेनिटल्स में दर्द हो तो ब्लू बॉल की स्तिथि हो सकती है । 

· हर किसी के लिए ब्लू बॉल की स्थिति अलग हो सकती है। कुछ पुरुषों को भारीपन लगता है लेकिन दर्द नहीं होता है। जबकि कुछ को बहुत दर्द होता है।

· ब्लू बॉल नुकसान नहीं देते हैं इसलिए जब तक दर्द बहुत ज्यादा न हो डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं होती है।








गुरुवार, 8 जून 2023

एक्सरसाइज से बड़ती है सेक्स पेरफ़ॉर्मेंस और कामेच्छा - डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist)





एक्सरसाइज करने से बड़ती है सेक्स पेरफ़ॉर्मेंस और कामेच्छा - डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist)

एक्सरसाइज करने के फायदों के बारे आपने खूब सुना होगा। महिला हो या पुरुष, एक्सपर्ट दोनों को ही रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।

एक्सरसाइज का यह मतलब नहीं कि आप इसे जिम जाकर ही कर सकते हैं। आप घर पर, पार्क में या छत पर भी कसरत कर सकते हैं। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे तो कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। जैसे, रनिंग, वॉकिंग, योगा आदि।

एक्सरसाइज याददाश्त बढ़ाने, बीमारी से बचाव करने और वजन कंट्रोल करने में भी मदद करती है। इन सब चीजों को पढ़कर यह कह सकते हैं कि हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए वर्कआउट / एक्सरसाइज करना जरूरी है।

इन सबके अलावा एक्सरसाइज करना आपकी सेक्स लाइफ (Sex Life) के लिए भी फायदेमंद है।‘महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही एक्टिव होना कामोत्तेजक (aphrodisiac) होने की निशानी है।

इसलिए यह जानना जरूरी है कि वर्कआउट किस तरह आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है। आइए कुछ बातों से समझते हैं एक्सरसाइज सेक्स लाइफ के लिए किस तरह फायदेमंद है।


1. वर्कआउट करने से कूल और अट्रैक्टिव दिखते हैं

जिम में लगे कांच में जब आप अपना शरीर देखते हैं तो आपको महसूस होता है ‘अरे, मैं तो अच्छा लग रहा हूं।’ लेकिन जब यही कॉन्फिडेंस आपके पार्टनर के साथ बेडरूम में आए तो मजा दोगुना हो जाता है।

रेगुलर एक्सरसाइज से सेल्फ स्ट्रीम (self-esteem) बेहतर करने में मदद मिलती है। जब हम किसी को पर्सनली पसंद करते हैं तो हमारी बॉडी और हम कैसे दिखते हैं। ये हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।

एक्सरसाइज करने से बॉडी की पॉजिटिव इमेज बनती है। यह सेल्फ स्ट्रीम को बढ़ा सकती है और लोगों को अधिक सेक्सी, कॉन्फिडेंट और अट्रैक्टिव महसूस करा सकती है। ये सभी चीजें सेक्शुअल एक्टिविटी में भी मैटर करती हैं।

2. एक्सरसाइज से बढ़ती है सेक्शुअल परफॉर्मेंस

कोई भी फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) शरीर को शेप देने और सेक्शुअल परफॉर्मेंस बढ़ाने में मदद करती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक रेगुलर एक्सरसाइज ने पुरुषों में इंटिमेट एक्टिविटीज, सेक्स के दौरान पर्याप्त फंक्शन और सेटिस्फाइंग ऑर्गेजम को बढ़ाया था।

(1) महिलाओं की बात करें तो टेक्सास यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक एक्सरसाइज से महिलाओं में शारीरिक यौन उत्तेजना (physiological sexual arousal) बढ़ती है।

(2) एक्सरसाइज सेक्स लाइफ और सेक्स परफॉर्मेंस, दोनों को ही प्रभावित करती है। साथ ही इससे हार्ट रेट और मसल्स की एक्टिविटी बढ़ती है जो सेक्शुअल परफॉर्मेंस और सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन (sexual performance and sexual satisfaction) को बढ़ा सकती है।
 
3. तनाव कम करके मूड फ्रेश रखती है एक्सरसाइज

आप अगर तनाव ग्रस्त हो तो आपका शरीर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करता है। जैसे, हार्डकोर वर्कआउट करना, एक्सरसाइज करने में चिढ़ होना, छोटी सी बात पर भी गुस्सा आना, कामेच्छा (libido) कम होना आदि।

तनाव का कारण शरीर में कार्टिसोल हार्मोन (Cortisol hormone) का उत्पादन बढ़ना होता है। यह समय के साथ आपकी सेक्स में रुचि भी कम कर सकता है।

ऐसे में एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो कार्टिसोल लेवल को कम करता है। इससे साफ है कि एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम होता है और इंटिमेट होते समय सेक्स ड्राइव को बनाए रखने में मदद करता है।
4. फ्लेग्जिबिलिटी बढ़ाने में मददगार है एक्सरसाइज

यदि आप नियमित एक्सरसाइज या योग करते हैं तो इससे आपका शरीर लचीला होगा। इससे आप बेडरूम में अलग-अलग तरह की सेक्स पोजिशन ट्राय करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।

एक्सरसाइज का यह भी फायदा है कि आपके शरीर को कुछ पोजिशन में अधिक ताकत की जरूरत होती है। इसमें आपके मसल्स सहायता करते हैं।वेटलिफ्टिंग कामेच्छा बढ़ाने में मददगार होती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

एक्सरसाइज करने से ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है। एक्सरसाइज आपकी सेक्स लाइफ को कैसे प्रभावित करती है। यह आपकी उम्र और शारीरिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।
इसलिए लंबे समय तक अच्छी सेक्स लाइफ के लिए एक्सरसाइज करते रहना जरूरी है। इसलिए एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।







मंगलवार, 30 मई 2023

आज-कल के लड़के डबल कंडोम क्यों पहनते है? क्या ये सही है?



                               

आज-कल के लड़के डबल कंडोम क्यों पहनते है? क्या ये सही है? आइए जानते है जाने माने Pycho Sexologist डॉ0 बी0 के0 कश्यप से-

सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना सही माना जाता है। हां, लेकिन कंडोम को उपयोग करने की सही जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि कई लोग अपने मनचाहे तरीके से इसे यूज करने के बारे में सोचते हैं। कई बार कपल्स मनमाने तरीके से उपयोग कर के खुद को परेशानी में भी डाल देते हैं।

जैसे- कई लड़के एक साथ दो कंडोम यानी डबल कंडोम का उपयोग करना चाहते हैं। कईयों ने इस्तेमाल किया भी होता है। हमने काउन्सलिंग  के जरिये कुछ लड़कों से बात की। उसमें से कुछ ने बताया की दो कंडोम पहनने से उनको अधिक सुरक्षा मिलती है तो कुछ ने बताया की दो कंडोम पहनने से पेनिस सामान्य से अधिक मोटा हो जाएगा। इससे पार्टनर को संतुष्ट करने में मदद मिलेगी। हालांकि, सेक्स, संतुष्टि और पेनिस की मोटाई में कोई खास आपसी संबंध नहीं है। इस बात को समझने की जरूरत सभी को है। इसके अलावा दो कंडोम पहनने से कंडोम के आपस मे रगड़ कर फटने का भी डर बना रहता है।

और रही बात दो कंडोम पहनकर मोटाई बढ़ाने की, तो उसके लिए कंपनियों के पास दूसरा विकल्प है। हां, आपको यदि मोटा कंडोम चाहिए तो वैसे कंडोम बाजार में मिल जाएंगे। इसके लिए “थिक साइज कंडोम” (Thick Size Condoms) खरीदकर उपयोग कर सकते है। थिक कंडोम, सामान्य कंडोम की तुलना में अधिक मोटे होते हैं।

एक साथ डबल कंडोम का इस्तेमाल करना सही या गलत?

कंडोम का उपयोग करना सही है। इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन एक साथ दो कंडोम लगाकर सेक्स करना सही है या नहीं, इसके बारे में जान लेते हैं। इस पर एक्सपर्ट्स का मानना है, कि “एक बार में एक ही कंडोम का उपयोग करना चाहिए। यही बात सेक्सोलॉजिस्ट के अलावा कंडोम के डिब्बे पर भी यह लिखी हुई मिल जाएगी”।
अब इस बात को कुछ यूं समझ लें। शर्ट के ऊपर शर्ट/ पैंट के ऊपर पैंट पहनने से क्या होगा? इससे कोई खास फायदा नहीं होगा बल्कि उससे लुक बिगड़ेगा और शायद शर्ट भी खराब हो जाए।
उसी तरह कंडोम के ऊपर कंडोम पहनने की जरूरत क्या है? क्योंकि जितनी सुरक्षा एक कंडोम से मिलेगी वही काम दूसरा कंडोम भी करेगा।
अगर आप कंडोम के ऊपर कंडोम पहनते हैं तो उससे नुकसान होने की संभावना बनी रहेगी।

डबल कंडोम पहने के नुकसान:-

· कंडोम लिंग पर पूरी तरह फिट नहीं बैठेगा 

· लिंग से कंडोम निकल सकता है। 

· सेक्स के दौरान कंडोम आपस में रगड़ खाकर फट सकता है। 

· एसटीडी का खतरा बढ़ जाता है।

सोमवार, 8 मई 2023

बड़ती उम्र की सेक्स समस्यायें, सेक्स की इच्छा न होना जाने क्या है समाधान

                                


       
बड़ती उम्र की सेक्स समस्यायें, सेक्स की इच्छा न होना जाने क्या है समाधान डॉ0 बी0 के0 कश्यप से-

उम्र बड़ने पर हम खुद को उतना चुस्त-दुरुस्त और फिट नहीं पाते, जितना कि 20-22 की उम्र में पाते थे। हमारी सभी शारीरिक प्रक्रियाओं में से एक सेक्सुअल इच्छा भी बढ़ती उम्र के साथ कम होने लगती है, ऐसी स्थिति में प्रौढ़ पुरुषों (Adult Men) में सेक्स से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती हैं।

बढ़ती उम्र का असर जब शरीर पर दिखने लगता है, तब सभी को इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे -

शारीरिक अस्वस्थता,

मन की व्यग्रता,

काम की अधिकता,

टेंशन या खराब मूड,

पारिवारिक परेशानियां,

घरेलू माहौल,

आर्थिक समस्या,

जिम्मेदारियों का बोझ, आदि

सेक्स की रुचि को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ऐसी स्थिति में प्रौढ़ पुरुषों में सेक्स को लेकर विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं देखने को मिलती हैं।

इरेक्शन के बावजूद सेक्स नहीं कर पाना

इरेक्शन के बावजूद सेक्स नहीं कर पाना कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है। फिर भी जो लोग इरेक्शन के बाद भी सेक्स नहीं कर पाते हैं, उन्हें थोड़ी-बहुत परेशानी और असुविधा जरूर होती है।

इरेक्शन के बावजूद सेक्स नहीं कर पाना, ऐसा तब होता है जब आप हर वक्त बिजी रहते हो और काम की टेंशन हमेशा आपके दिमाग में घूमती रहती है। अथवा आप किसी अन्य कारणों से टेंशन या डिप्रेशन में रहते हो। जबकि सेक्स के दौरान तनावमुक्त और खुश रहना बहुत जरूरी होता है, वरना संतुष्टिदायक और आनंदपूर्ण सेक्स का आनंद नहीं लिया जा सकता है। मन की व्यग्रता, मानसिक तनाव, जिम्मेदारियों का बोझ, शारीरिक अस्वस्थता, खराब मूड, पारिवारिक परेशानियां, घरेलू माहौल, आर्थिक समस्या, आदि भी सेक्स को प्रभावित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। फिर भी जरूरत हो तो किसी डॉक्टर से सलाह लें।

सेक्स के दौरान तुरंत स्खलित हो जाना

बहुत सारे पुरुषों का कहना है कि वे संभोग के दौरान कुछ ही सेकंड में स्खलित हो जाते हैं। वीर्य भी पानी की तरह पतला निकलता है। सच्चाई तो यह है कि ऐसी स्थितियां कोई असामान्य बात नहीं है। अपनी इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं। 


जैसे- ज्यादा लंबे समय तक सेक्सुअल फोरप्ले करना। 
सेक्स के कुछ निश्चित पोजिशन बनाना, जिससे लंबे समय तक इरेक्शन बना रहे। 
खुशनुमा माहौल में रिलैक्स होकर सेक्स करना। 
अपने साथी से अपने सेक्सुअल विचारों को शेयर करना, इत्यादि। 
आप कुछ सेक्सुअल एक्सरसाइज जैसे कीगल एक्सर्साइज़ और टेकनिक्स भी सीख सकते हैं, जिससे आपको मदद मिलेगी। 
फिर भी यदि समस्या गंभीर लगती हो तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

​लिंग में तनाव की कमी होना

हमारी सभी शारीरिक प्रक्रिया में से एक सेक्सुअल इच्छा भी बढ़ती उम्र के साथ कम होने लगती है, जो एक सामान्य बात है। उम्र बढ़ने के साथ सेक्स की इच्छा का कम होना, शारीरिक कमजोरी महसूस करना, सेक्स के दौरान पेनिस का इरेक्ट (तनाव) का काम  होना ऐसा अधिकांश पुरुषों के साथ होता है। लेकिन इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। आप एक्सरसाइज और योग करके खुद को फिजिकली फिट रख सकते है। 
अपनी पत्नी और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। 
अपना दृष्टिकोण पॉजिटिव रखें। 
जीवन में हो रहे परिवर्तन को सहजता से लें। 
इससे धीरे-धीरे आप बेहतर महसूस करेंगे और आपकी सेक्स लाइफ भी अच्छी होगी। सेक्स के पहले फोरप्ले में ज्यादा समय गुजारें, सेक्स में नए-नए प्रयोग करके अपनी सेक्सुअल लाइफ को रोमांचक और आनंददायक बनाएं। 
फिर भी अगर ज्यादा समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

रोजाना सेक्स करने की इच्छा होना

सेक्स पति-पत्नी के आपसी सामंजस्य और इच्छा पर निर्भर करता है कि वे 24 घंटे में कब और किंतनी बार सेक्स करते हैं। अपने पार्टनर से भावात्मक रूप से जितना अधिक जुड़ेंगे, उतनी ही उसकी इच्छा बढ़ेगी। बढ़ती उम्र में रोजाना सेक्स करने की इच्छा होना कोई गलत बात नहीं है, बल्कि यह तो आपकी एक हेल्दी सेक्सुअल एपेटाइट (भूख) है, जो एक अच्छे स्वास्थ्य को दर्शाती है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक सामान्य बात है, जो 50-60 की उम्र में भी अपनी सेक्सुअल इच्छाओं को बरकरार रखता है। यह उम्र के बजाय किसी व्यक्ति की सामान्य स्थिति को भी दर्शाता है। सेक्स को आनंददायक बनाने के लिए रोजाना सेक्स के एक ही तरीके न अपनाकर कुछ नया एक्सपेरिमेंट करें। अपने पार्टनर से सेक्स से संबंधित बातें करें, फोरप्ले में नए-नए तरीके अपनाएं, खुशनुमा माहौल में ब्लू फिल्म देखकर मूड बनाएं और हमेशा टेंशन-फ्री होकर रिलैक्स भाव से सेक्स का आनंद लें। इससे पत्नी का सपोर्ट भी आपको मिलेगा और दोनों को संतुष्टि भी मिलेगी।

उत्तेजक दृश्यों को देखने से सिरदर्द होना


ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि जिन उत्तेजक दृश्यों को देखकर पुरुष अपनी युवावस्था में जोश में आ जाते थे, बढ़ती उम्र के साथ उत्तेजक चित्रों या दृश्यों को देखकर उनके सिर में दर्द होने लगता है, मस्तिष्क की नसें खींचने लगती हैं, जो हस्तमैथुन या संभोग करने से दूर हो जाती है। ऐसा होना कोई अस्वाभाविक बात नहीं है। उपरोक्त सभी शारीरिक लक्षण सेक्सुअल उत्तेजना के कारण होते हैं। सिरदर्द किसी अन्य कारणों से भी हो सकता है। सेक्स और सिरदर्द का कोई कनेक्शन नहीं है। इसलिए सिरदर्द, मस्तिष्क की नसें खींचने, टेंशन और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को अन्य तरीके से भी दूर किया जा सकता है। सेक्स तो रिलैक्स फील करने का एक जरिया होता है।

उत्तेजक दृश्यों को देखकर सिरदर्द होने की समस्या बढ़ती उम्र में सेक्स करने की इच्छा होने पर उसे दबाने से भी हो सकता है। क्योंकि सेक्स इच्छा को ज्यादा दबाना खुद के भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होता है, जिसके कारण आपकी सेक्सुअल लाइफ और हेल्थ दोनों बाधित होती हैं। बेहतर होगा कि आप एक्सरसाइज, मेडिटेशन, योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करके मेंटली अथवा फिजिकली फिट रहने की कोशिश करें। बढ़ती उम्र के कारण सेक्स को नजरअंदाज न करें और इसका पूरा आनंद लें। पत्नी के प्रति प्यार को जताएं और उन्हें भी ऐसा करने दें।

​सेक्स के बाद लिंग में जलन


यह समस्या बढ़ती उम्र के दौर से गुजर रहे बहुत सारे लोगों के साथ होती है। संभोग के बाद लिंग में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- टेंशन, डिप्रेशन, साथी द्वारा संक्रमण, सेक्स के दौरान गलत पोजिशन का चयन और लुब्रिकेशन का कम होना। इसके अलावा लिंग या योनि में कोई बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन, यूरीनेरी इंफेक्शन, टेस्टिकुलर इंफेक्शन जैसे कारण भी हो सकते हैं। ये स्किन इंफेक्शन होते हैं, जो अक्सर कई लोगों में सेक्स के बाद होते हैं। इसे दूर करने के लिए बेहतर होगा कि आप किसी स्किन स्पेशलिस्ट या यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।


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रविवार, 23 अप्रैल 2023

क्या लिंग को लंबा-मोटा करना जरूरी है जानिए डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist) से



क्या लिंग को लंबा-मोटा करना जरूरी है जानिए डॉ0 बी0 के0 कश्यप (sexologist) से -

आज पुरुष अपने लिंग का आकार बढ़ाने (Penis Enlargement) के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं। यह एक नहीं अधिकतर भारतीय पुरुषों की समस्या होती जा रही है।

सेक्सोलॉजिस्ट (Sexologist) कहते हैं, ‘अधिकतर भारतीय पुरुष अपने लिंग का आकार बढ़ाने (Penis Size) के लिए परेशान दिखते हैं। अपने पेनिस के साइज से वे संतुष्ट नहीं हो पाते, इस कारण वे बहुत से उपाय आजमाते हैं।’
कई बार वे पेनिस एनलार्जमेंट के लिए क्रीम, तेल या वैक्यूम पंप का उपयोग करते हैं। बल्कि उनको यह समझने की आवश्यकता है कि क्या वाकई उनको लिंग का साइज बढ़ाने की जरूरत है?

लिंग साइज बढ़ाने से जुड़े भ्रम पैदा करने वाले तमाम सवालों के जवाब जिसकी जानकारी सेक्सोलॉजिस्ट डॉ0 बी0 के0 कश्यप द्वारा दी गई ताकि कोई भी पुरुष अपनी इस परेशानी से निजात पा सके।


पुरुष लिंग की लंबाई कितनी होनी चाहिए?

मेडिकल साइंस के अनुसार प्रत्येक पुरुष के पेनिस की औसतन लंबाई 4-5 इंच होती है। वह इरेक्शन / उत्तेजित होने पर करीब 6 इंच तक बढ़ सकता है। मगर इसके बाद भी कुछ पुरुष अपने लिंग को और लंबा करना चाहते हैं। जबकि, लिंग लंबा करने की जरूरत उनको है जिनके पेनिस की लंबाई 4 इंच से कम होती है।
यहां पर हमें यह भी समझने की जरूरत है कि यौन संतुष्टि (Sexual Satisfication) के लिए लिंग का लंबा होना जरूरी है या मोटा होना। ऐसी ही जरूरी बातों की जानकारी नीचे दिए सवालों के जरिए समझने की कोशिश करेंगे।


क्या पार्टनर करती हैं शिकायत?

डॉ0 कश्यप बताते है की हमारे पास ऐसे कई केस आते हैं। जिसमें पुरुष बताते हैं कि उनकी पार्टनर पेनिस साइज़ से खुश नहीं है। आगे चलकर कुछ महिलाएं इसको लेकर ताना भी मारने लगती हैं। हालांकि, कई बार पुरुष खुद ही अपने पेनिस के साइज से खुश नहीं होते हैं। इस वजह से वे अच्छी तरह से सेक्स नहीं कर पाते हैं। हालांकि यह बात साबित हो चुकी है कि ऑर्गेज्म (Orgasm) को लेकर भारतीय महिलाएं खुश नहीं। इस मामले में 70 प्रतिशत पुरुष फेल हैं।



पुरुष क्यों बढ़ाना चाहते हैं लिंग की साइज?

कई पुरुष पोर्न में देखे गए पेनिस साइज को सही मान लेते हैं। उनको साउथ अफ्रीका या अन्य देशों के पुरुषों की तरह लिंग को बढ़ाने की चाहत होती है। इसलिए हमे लिंग साइज़ से जुड़े मिथ की जानकारी कर लेनी चाहिए।



मिथ 1. छोटे या पतले लिंग का संबंध सेक्शुअल बीमारी से है?

अगर लिंग में किसी प्रकार की अपंगता जैसे लक्षण नहीं हैं। इस तरह की समस्या को बीमारी नहीं कह सकते हैं। लिंग की लंबाई इरेक्शन और मोटाई ब्लड फ्लो से बढ़ती है। इसलिए हर बार पेनिस के साइज को लेकर गलत नहीं ठहरा सकते। इसके लिए आपको अपना रक्त प्रवाह भी सही करना होगा। इसके लिए प्रतिदिन योग करने के साथ ही हेल्दी डाइट लेने की जरूरत है।

मिथ 2. क्रीम या वैक्यूम पंप से लिंग का साइज 100 प्रतिशत बढ़ सकता है?

पेनिस एनलार्जमेंट के लिए बाजार में कई भ्रामक उत्पाद बिक रहे हैं। जिसका इस्तेमाल भी धड़ल्ले से हो रहा है। मगर अब तक इन चीजों को मेडिकल अप्रूवल नहीं मिला है। इसलिए इनकी ओर से किया गया 100 प्रतिशत का दावा लुभावना है।

पेनिस एनलार्जमेंट सर्जरी में सक्सेस मिली है। लेकिन यह थोड़ी महंगी और जोखिम भरी है। हालांकि इसको भी मेडिकल अप्रूवल मिलना बाकी है।

इसलिए हम किसी प्रकार के दावे पर यकीन नहीं कर सकते। पेनिस एनलार्जमेंट क्रीम, तेल या वैक्यूम पंप के कारण कई बार लिंग को चोट पहुंच जाती है और गंभीर रूप से संक्रमण भी फैल जाता है। इसलिए ऐसी चीजों का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से मिलें। साथ ही सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट्स (Sexual Wellness Products) का इस्तेमाल करने की आदत डालें।



मिथ 3. लिंग का साइज बढ़ाने से सेक्शुअल संतुष्टि अधिक मिलती है?

सेक्स एक साइकोलॉजिकल और मूड का गेम है। लिंग के छोटा होने से उतनी दिक्कत नहीं, जितनी उसकी मोटाई कम होने से होती है। क्योंकि पतला लिंग योनी में घर्षण पैदा नहीं कर पाता है। इस वजह से सेक्स के दौरान मजा नहीं आता।


मिथ 4. क्या शादी से पहले ऐसा करना बहुत जरूरी है?

लोगों के दिमाग में ऐसे वहम भर दिए जाते हैं और अधिकतर भारतीय पुरुष शादी से पहले इस चीज को लेकर टेंशन में आ जाते हैं। जबकि दिक्कत उनके सेक्स टाइमिंग, पेनिस इरेक्शन, शीघ्रपतन को लेकर होती है न कि लिंग के साइज से कोई दिक्कत होती है।


मिथ 5. क्या किसी भी उम्र में लिंग को बड़ा या मोटा करना संभव है?

इलास्टिक टिश्यू से बने होने के कारण पुरुषों के लिंग को मोटा करना या लंबा करना संभव है। यह कम से कम 50 साल की उम्र तक किया जा सकता है। मगर इसके लिए पहले कोई सटीक दवाई बनने दें।

मिथ 6. मोटे और पतले लोगों के लिंग साइज की समस्या?

ऐसा नहीं है कि मोटे लोगों का लिंग मोटा, लंबे और पतले लोगों के लिंग उनकी बॉडी साइज की तरह ही होता हैं। बॉडी साइज़ का, पेनिस साइज़ से कोई खास कनेक्शन नहीं होता है। लेकिन ये चीजें जेनेटिक्स पर ज्यादा निर्भर करती हैं।

लेकिन एक बात कहना चाहूंगा कि पतले पुरुषों के मुकाबले मोटे पुरुषों में लिंग के साइज को लेकर दिक्कत ज्यादा देखने को मिलती है। मोटे पुरुषों को लगता है कि उनका लिंग छोटा है। मगर ऐसे लोगों को अपने फैट को कम करने की जरूरत है जिसके बाद उनका लिंग साइज का भ्रम भी मिट सकता है।


निष्कर्ष :-

पेनिस एनलार्जमेंट की सही जानकारी न होने के अभाव में कुछ लोग नीम-हकीम या झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पड़ जाते हैं। इस वजह से उनको आर्थिक और शारीरिक नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकि कई पुरुषों को इसकी जरूरत भी नहीं होती फिर भी वे भ्रामक बातों के चक्कर में पड़ जाते हैं।



रविवार, 9 अप्रैल 2023

एसटीडी (सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीस )'ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी)'

                      



ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी)  क्या है?

एचपीवी (HPV) एक आम सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection (STI)) है। HPV का इंफेक्शन, इन्फेक्टेड व्यक्ति (महिला या पुरुष) के संपर्क में आने से होता है। खास बात यह कि इस वायरस के कारण होने वाली बीमारी के लक्षणों का पता भी नहीं चलता, क्योंकि वह बेहद मामूली होते हैं। जिससे पीड़ित को खुद यह पता नहीं चल पाता की वह एचपीवी (HPV) से संक्रमित है और सेक्स के दौरान पार्टनर को भी संक्रमित कर देता है इसकी वजह से शरीर के कुछ खास ऑर्गन जैसे हाथ (Hand), पैर (Feet) और प्राइवेट ऑर्गन (Genital Organ) में मस्से बनने लगते हैं। HPV संक्रमण (HPV Infection) इंटरकोर्स की वजह से भी एक त्वचा से दूसरे व्यक्ति की त्वचा में फैल सकता है। एचपीवी कई प्रकार के होते हैं और इसके कुछ टाइप से जेनिटल वॉर्टस (Genital warts) और कैंसर (Cancers) भी हो सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि वैक्सीन के जरिए इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करके भी एचपीवी के संक्रमण से बचा जा सकता है।


एचपीवी कैसे फैलता है?

एचपीवी संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने से यह पार्टनर को भी संक्रमित कर देता है। आमतौर पर एचपीवी का संक्रमण वजाइनल, एनल या ओरल सेक्स से फैल सकता है। ज्यादातर यह वजाइनल (Vaginal) या एनल सेक्स (Anal sex) के जरिए ही फैलता है। यदि आप एचपीवी (HPV) संक्रमित के साथ यौन संबंध बनाते हैं और उस व्यक्ति में भले ही उसके कोई संकेत या लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, फिर भी आप संक्रमित हो सकते हैं। सेक्शुअली एक्टिव (Sexually active) किसी भी व्यक्ति को एचपीवी (HPV) हो सकता है, भले ही वह एक ही पार्टनर के साथ संबंध स्थापित करे। इतना ही नहीं संक्रमित होने के बाद आपको एक साल के बाद लक्षण आ सकते हैं, इसी वजह से इस बीमारी का पता लगाना और समय पर इलाज कराना मुश्किल हो जाता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि हर किसी में यह खतरनाक नहीं होता। कई बार यह अपने आप ही चला जाता है। सेक्स और एचपीवी (Sex and HPV) एक दूसरे से कनेक्टेड है, लेकिन यौन संबंध (Sex) के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखकर इस संक्रमण से पूरी तरह बचा जा सकता है।

हाई रिस्क एचपीवी में भी नहीं दिखते लक्षण (High-risk HPV symptoms)

इस वायरस से होने वाली बीमारी में सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि माइल्ड और गंभीर होने पर भी इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैँ। लो रिस्क वाले लोगों में तो एचपीवी (HPV) समय के साथ अपने आप चला जाता है, लेकिन हाई रिस्क एचपीवी में भी लक्षण न दिखना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इसलिए समय-समय पर चेकअप कराते रहना बहुत जरूरी है। बहुत से मामलों में कोशिकाओं (cell) में होने वाले असामान्य बदलाव का पता लगाकर सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer ) से बचाव किया जा सकता है, यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो कैंसर हो सकता है।


गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की असामान्य कोशिकाओं का पता पैप टेस्ट (Pap test) से लगाया जा सकता है। हालांकि पैप टेस्ट सीधे तौर पर कैंसर या एचपीवी का पता नहीं लगता है, लेकिन यह कोशिकाओं में होने वाले असामान्य बदवाव को पता लगाता है जो एचपीवी (HPV) के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
वुल्वा (vulva), पेनिस (penis), एनस (anus) और गले में हाई रिस्क एचपीवी (high-risk HPV) के लिए कोई टेस्ट नहीं है और एचपीवी का कोई लक्षण नहीं होता है। ऐसे में यदि यह कैंसर बन जाता है, तो कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। 

लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन क्यों जरूरी है? 

HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव के लिए प्रिस्क्राइब की जाती है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancers) का खतरा बढ़ने के साथ ही एनस, वल्वा, वजायना और थ्रोट के पिछले हिस्से को अपना शिकार तेजी से बनाता है। HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के किसी भी प्रकार से बचाव में मददगार मानी गई है। वहीं महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को ध्यान में रखते हुए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन को अनिवार्य बताया गया है। 

किन लोगों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा ज्यादा होता है? 

ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा निम्नलिखित लोगों में ज्यादा देखी जा सकती है। जैसे:

· अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना।

· पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है HPV खतरा।

· एक से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाना।

· इम्यूनसिस्टम (Immune system) कमजोर होना। इन स्थितियों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा बढ़ जाता है।


गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) क्या है?




स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म क्या है? (Spontaneous Orgasm)

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) का एक प्रकार है। जिस तरह सेक्स के बाद पुरुष चरम सुख की प्राप्ति करता है, उसी तरह महिलाएं भी चरम सुख का अनुभव करती हैं। उसे फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) कहते है।

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म, सेक्शुअल सेंसरी स्टिम्युलेशन (Sexual sensory stimulation) की वजह से होता है। यह भले ही थोड़े समय के लिए हो, लेकिन यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करता है। इसीलिए इस तरह के स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) बार-बार महसूस किए जा सकते हैं। हालांकि इसकी कोई वजह आज तक नहीं खोजी गई है, लेकिन कहा जाता है कि इसके ट्रिगर होने के अंडर लाइन फैक्टर्स हो सकते हैं। जिसकी वजह से शरीर स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) महसूस करता है।
 
क्या स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) सबके लिए अच्छा अनुभव लाता है?

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म कुछ महिलाओं के लिए अच्छा, तो वहीं कुछ के लिए परेशानी का सबब बन कर आता है। कुछ महिलाएं जो स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म का कभी-कभी अनुभव करती हैं, उन्हें यह प्लेजरेबल महसूस होता है। वहीं कुछ महिलाओं में स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) गलत समय पर और गलत जगह पर होता है, जिसकी वजह से शर्मिंदगी महसूस होती है और काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कुछ  महिलाओं को स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) की वजह से जेनिटल एरिया में दर्द का अनुभव भी होता है, जिसके कारण वे सेक्स एंजॉय नहीं कर पाती।


क्या स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) होना आम है?

हालांकि यह कितने लोगों को हुआ और कब हुआ, इस तरह की कोई रिसर्च अब तक एक्स्पर्ट्स के पास नहीं है, इसलिए लोगों में स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म होने का रेशो तय करना मुश्किल है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह शर्मिंदगी का कारण बन सकता है, इसलिए लोग इससे जुड़ी स्टडी में भाग नहीं लेना चाहते। यही कारण है कि अब तक पता नहीं लगाया जा सका है कि स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) जैसी स्थिति आमतौर पर लोगों को कितनी दफ़ा होती है।
 
स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) क्यों होता है?

वैसे तो स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) होने का मुख्य कारण पता नहीं लग पाया है, लेकिन फिर भी कुछ अंडरलाइन फैक्टर्स हैं, जो बॉडी के रिस्पांस को ट्रिगर कर सकते हैं। जो इस प्रकार हैं –


परसिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (Persistent genital arousal disorder)

परसिस्टेंट  अराउजल  जेनिटल डिसऑर्डर, जिसे पीजीएडी (PGAD) भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति सेक्शुअल फीलिंग और सेक्स से जुड़ी हुई नहीं होती। कई बार आपको यह फीलिंग तब होती है, जब आप सेक्स के बारे में नहीं सोच रहे होते। इसकी वजह से आपको दिक्कत हो सकती है। 
स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) के कई साइड इफेक्ट माने गए हैं, वह इस प्रकार हैं –

· जेनिटल एरिया (Genital area) में अचानक ब्लड फ्लो का बढ़ जाना

· जेनिटल एरिया में प्रेशर और कसाव महसूस होना

· अचानक इरेक्शन होना

ऐसी स्थिति में भले ही आपको टेंपरेरी रिलीफ महसूस हो, लेकिन स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) बार-बार होने की वजह से यह तकलीफ में बदलते देर नहीं लगती। पीजीएडी का सही कारण अब तक पता नहीं लगाया जा सका है, लेकिन कहा जाता है कि उस नर्व को ट्रिगर करता है, जो जेनिटल एरिया में सेंसेशन भेजने का काम करती है।

इससे सम्बंधित स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) दो प्रकार के हो सकते है, अनकॉन्शियस और कॉन्शियस ऑर्गेज्म। आइए जानते हैं, इन्हें कैसे पहचाना जा सकता है?


अनकॉन्शियस ऑर्गेज्म (Unconscious orgasms)

अक्सर अनकॉन्शियस स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) लोगों को नींद के दौरान होता है, जिसे वेट ड्रीम्स के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि कई बार अनकॉन्शियस ऑर्गेज्म में इजैक्युएशन नहीं होता, लेकिन फिर भी आपको स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म फील हो सकता है। नींद के दौरान जब आपके जेनिटल एरिया (Genital area) में ब्लड फ्लो अचानक बढ़ जाता है, तो आपको स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म हो सकता है। यह स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म वजायनल एक्टिवेशन या वजायनल लुब्रिकेशन (Vaginal lubrication) के बग़ैर भी हो सकता है।
 
कॉन्शियस ऑर्गेज्म (Conscious orgasms)

कॉन्शियस ऑर्गेज्म पीजीएडी (PGAD) की तकलीफ की तरह ही अचानक हो सकता है, जिसकी वजह से आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति की वजह अब तक पता नहीं चल पाई है, लेकिन इस पर रिसर्च जारी है। इसके अलावा स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) के यह कारण भी हो सकते हैं –

· कुछ खास तरह की दवाइयां

· एक्सरसाइज

· चाइल्ड बर्थ

यह तीनों स्थितियां भी स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) का कारण बनती है। ऐसी स्थिति में आप कुछ समय के लिए या बार-बार स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म महसूस कर सकते हैं।
 
क्या आप स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) को रोक सकते हैं?


स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म को रोकना तभी संभव है, जब इसके कारण को रोका जाए। आपको इसके ट्रिगर पहचानने होंगे, जिसे अवॉइड कर आप स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म को रोक सकते हैं। 

· यदि आपको पीजीएडी (PGAD) की समस्या है, तो आपको उन एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए, जिसमें वायब्रेशन और प्रेशर आपके वजायनल एरिया पर महसूस हो। ऐसी स्थिति में आपको स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म की समस्या बार-बार हो सकती है ।

· कुछ मामलों में स्ट्रेस के कारण भी स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) होता हुआ देखा गया है, इसलिए आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट रूटीन की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा आप कुछ तरह के योगा और मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं। इनमें शामिल हैं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, वॉक लेना, दोस्तों के साथ समय बिताना, म्यूजिक सुनना। इस तरह की रिलैक्सिंग के चलते आप स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) के ट्रिगर पॉइंट से दूर रह सकते हैं।
 
स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) के बारे में डॉक्टर को बताने की जरूरत कब पड़ती है?

स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपकी नींद में खलल पड़ता है, ऐसे में जब आपको अक्सर ये तकलीफ़ होने लगे, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है। जब आपकी नींद ठीक ढंग से नहीं होती, तो आपको स्ट्रेस की समस्या हो सकती है। इसलिए यदि स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) आपकी नींद और रोजाना के कामकाज पर असर डालने लगे, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।


स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म का इलाज : कैसे है मुमकिन? (Treatment of Spontaneous Orgasm)

जब बात हो रही है स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Orgasm) में इलाज की, तो स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म के इलाज में सबसे पहले स्ट्रेस मैनेजमेंट किया जाता है, जिसमें आपको कुछ तरह की थेरेपी और दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। जो इस प्रकार है –

· बिहेवियरल थेरेपी या सेक्स थेरेपी (Sex Therapy)

· मेडिकेशन बंद करना

· जेनिटल एरिया में डिसेंसिटाइजिंग एजेंट या टॉपिकल नंबिंग क्रीम लगाना

· नर्व के रिपेयर के लिए सर्जरी करना

इस तरह के इलाज स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) की स्थिति में दिए जा सकते हैं, जो आपकी सहायता के लिए होते हैं। डॉक्टर आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह इलाज कर सकते हैं।



आपको एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि सेक्शुअल हेल्थ के बारे में बात करना आपके लिए बेहद जरूरी है, खासतौर पर महिलाओं को फीमेल ऑर्गेज्म (Orgasm) को लेकर सचेत रहना चाहिए। ज्यादातर महिलाओं को स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म की समस्या होती है, ऐसे में आपको इसकी वजह से अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी सेक्स लाइफ पर नजर रखें और स्पॉन्टेनियस ऑर्गेज्म (Spontaneous Orgasm) की स्थिति को पहचानकर उसके लिए जरूरी क़दम उठाएं।



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