ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) क्या है?
एचपीवी (HPV) एक आम सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection (STI)) है। HPV का इंफेक्शन, इन्फेक्टेड व्यक्ति (महिला या पुरुष) के संपर्क में आने से होता है। खास बात यह कि इस वायरस के कारण होने वाली बीमारी के लक्षणों का पता भी नहीं चलता, क्योंकि वह बेहद मामूली होते हैं। जिससे पीड़ित को खुद यह पता नहीं चल पाता की वह एचपीवी (HPV) से संक्रमित है और सेक्स के दौरान पार्टनर को भी संक्रमित कर देता है इसकी वजह से शरीर के कुछ खास ऑर्गन जैसे हाथ (Hand), पैर (Feet) और प्राइवेट ऑर्गन (Genital Organ) में मस्से बनने लगते हैं। HPV संक्रमण (HPV Infection) इंटरकोर्स की वजह से भी एक त्वचा से दूसरे व्यक्ति की त्वचा में फैल सकता है। एचपीवी कई प्रकार के होते हैं और इसके कुछ टाइप से जेनिटल वॉर्टस (Genital warts) और कैंसर (Cancers) भी हो सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि वैक्सीन के जरिए इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करके भी एचपीवी के संक्रमण से बचा जा सकता है।
एचपीवी कैसे फैलता है?
एचपीवी संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने से यह पार्टनर को भी संक्रमित कर देता है। आमतौर पर एचपीवी का संक्रमण वजाइनल, एनल या ओरल सेक्स से फैल सकता है। ज्यादातर यह वजाइनल (Vaginal) या एनल सेक्स (Anal sex) के जरिए ही फैलता है। यदि आप एचपीवी (HPV) संक्रमित के साथ यौन संबंध बनाते हैं और उस व्यक्ति में भले ही उसके कोई संकेत या लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, फिर भी आप संक्रमित हो सकते हैं। सेक्शुअली एक्टिव (Sexually active) किसी भी व्यक्ति को एचपीवी (HPV) हो सकता है, भले ही वह एक ही पार्टनर के साथ संबंध स्थापित करे। इतना ही नहीं संक्रमित होने के बाद आपको एक साल के बाद लक्षण आ सकते हैं, इसी वजह से इस बीमारी का पता लगाना और समय पर इलाज कराना मुश्किल हो जाता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि हर किसी में यह खतरनाक नहीं होता। कई बार यह अपने आप ही चला जाता है। सेक्स और एचपीवी (Sex and HPV) एक दूसरे से कनेक्टेड है, लेकिन यौन संबंध (Sex) के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखकर इस संक्रमण से पूरी तरह बचा जा सकता है।
हाई रिस्क एचपीवी में भी नहीं दिखते लक्षण (High-risk HPV symptoms)
इस वायरस से होने वाली बीमारी में सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि माइल्ड और गंभीर होने पर भी इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैँ। लो रिस्क वाले लोगों में तो एचपीवी (HPV) समय के साथ अपने आप चला जाता है, लेकिन हाई रिस्क एचपीवी में भी लक्षण न दिखना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इसलिए समय-समय पर चेकअप कराते रहना बहुत जरूरी है। बहुत से मामलों में कोशिकाओं (cell) में होने वाले असामान्य बदलाव का पता लगाकर सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer ) से बचाव किया जा सकता है, यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो कैंसर हो सकता है।
गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की असामान्य कोशिकाओं का पता पैप टेस्ट (Pap test) से लगाया जा सकता है। हालांकि पैप टेस्ट सीधे तौर पर कैंसर या एचपीवी का पता नहीं लगता है, लेकिन यह कोशिकाओं में होने वाले असामान्य बदवाव को पता लगाता है जो एचपीवी (HPV) के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
वुल्वा (vulva), पेनिस (penis), एनस (anus) और गले में हाई रिस्क एचपीवी (high-risk HPV) के लिए कोई टेस्ट नहीं है और एचपीवी का कोई लक्षण नहीं होता है। ऐसे में यदि यह कैंसर बन जाता है, तो कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं।
वुल्वा (vulva), पेनिस (penis), एनस (anus) और गले में हाई रिस्क एचपीवी (high-risk HPV) के लिए कोई टेस्ट नहीं है और एचपीवी का कोई लक्षण नहीं होता है। ऐसे में यदि यह कैंसर बन जाता है, तो कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं।
लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन क्यों जरूरी है?
HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव के लिए प्रिस्क्राइब की जाती है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancers) का खतरा बढ़ने के साथ ही एनस, वल्वा, वजायना और थ्रोट के पिछले हिस्से को अपना शिकार तेजी से बनाता है। HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के किसी भी प्रकार से बचाव में मददगार मानी गई है। वहीं महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को ध्यान में रखते हुए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन को अनिवार्य बताया गया है।
किन लोगों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा ज्यादा होता है?
ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा निम्नलिखित लोगों में ज्यादा देखी जा सकती है। जैसे:
· अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना।
· पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है HPV खतरा।
· एक से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाना।
· इम्यूनसिस्टम (Immune system) कमजोर होना। इन स्थितियों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा बढ़ जाता है।
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