शुक्रवार, 9 जून 2017

इस प्रकार हित, अहित, सुख और दु:ख, आयु के ये चार भेद हैं।

इस प्रकार हित, अहित, सुख और दु:ख, आयु के ये चार भेद हैं। 



वेद शब्द के सत्ता, लाभ, गति, विचार, प्राप्ति और ज्ञान के साधन, ये अर्थ होते हैं, और आयु के वेद को आयुर्वेद कहते हैं। अर्थात जिस शास्त्र में आयु के स्वरूप, आयु के विविध भेद, आयु के लिए हितकारक और अप्रमाण तथा उनके ज्ञान के साधनों का एवं आयु के विभिन्न अवयव शरीर, इंद्रिय, मन, और आत्मा, इनमें सभी या किसी एक के विकास के साथ हित, सुख और दीर्घ आयु की प्राप्ति के साधनों का तथा इनके बाधक विषयों के निराकरण के उपायों का विवचेन हो उसे आयुर्वेद कहते हैं।

                                                                                                                                                                               क्रमशः

अधिक जानकारी के लिए Dr.B.K.Kashyap से सं
पर्क करें 8004999985
Kashyap Clinic Pvt. Ltd.
Website-www.drbkkashyapsexologist.com
Gmail-dr.b.k.kashyap@gmail.com
Fb-https://www.facebook.com/DrBkKasyap/ Youtube-https://www.youtube.com/channel/UCE1Iruc110axpbkQd6Z9gfg
Twitter- https://twitter.com/kashyap_dr

Justdial--  https://www.justdial.com/Allahabad/Kashyap-Clinic-Pvt-Ltd-Near-High-Court-Pani-Ki-Tanki-Civil-Lines/0532PX532-X532-121217201509-N4V7_BZDET

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सफेद मूसली से यौन समस्याओं का प्राकृतिक समाधान

                                           सफेद मूसली से यौन समस्याओं का प्राकृतिक समाधान सफेद मूसली ( Chlorophytum borivilianum) आयुर्वेद...