वे योगासन, जो आपकी स्पर्म
काउंट बढानें में मदद करते है:
कई पुरुषों को स्पर्म
काउंट की कमी की समस्या होती है। जिसकी वजह से उनका यौन जीवन प्रभावित होता है। इस
समस्या को दूर करने के लिए कुछ योगासन की मदद ली जा सकती है।
स्पर्म काउंट कम हो जाने
की वजह से पुरुषों का यौन जीवन प्रभावित होता है। इससे इनफर्टिलिटी की समस्या भी
हो सकती है। स्पर्म काउंट कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जेनेटिक प्रॉबल्म, शरीर में पोषक तत्वों की कमी,
अत्यधिक मात्रा में एल्कोहल का सेवन, विषाक्त
पदार्थ, धूम्रपान जैसे कई चीजें स्पर्म काउंट कम होने के कारण
बनते हैं। इस समस्या को दूर करने में योग मदद करता है। योगा आपके पेल्विक फ्लोर,
लोअप बैक और एब्डोमिन को मजबूती प्रदान करने के साथ पेल्विक रिजन
में रक्त का संचार और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। योग की मदद से तनाव कम होता
है और रिप्रोडक्टिव ग्लैंड के स्वास्थ्य में सुधार होता है जो स्पर्म काउंट को
बढ़ाने में मदद करता है। तो आइए आपको कुछ योगासन के बारे में बताते हैं जो स्पर्म
काउंट बढ़ाने में मदद करते हैं।
स्पर्म काउंट बढ़ाने वाले
योगासन
सर्वांगासन
हलासन
भुजंगासन
नौकासन
हलासन
भुजंगासन
नौकासन
सर्वांगासन:
सर्वांगासन करने के लिए पीठ के बल दोनों पैरों को एक साथ करके लेट जाएं। उसके बाद गहरी सांस लें और पैरों को ऊपर उठाकर ले जाएं। इसके बाद अपने हाथों को कूल्हों पर रखें और आपके पैर बिल्कुल सीधे होने चाहिए। इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रहें।
सर्वांगासन करने के लिए पीठ के बल दोनों पैरों को एक साथ करके लेट जाएं। उसके बाद गहरी सांस लें और पैरों को ऊपर उठाकर ले जाएं। इसके बाद अपने हाथों को कूल्हों पर रखें और आपके पैर बिल्कुल सीधे होने चाहिए। इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रहें।
फायदे:
इस योगासन से पूरे शरीर और थायरॉइड ग्रंथि को मजबूती मिलती है।
इस योगासन से पूरे शरीर और थायरॉइड ग्रंथि को मजबूती मिलती है।
हलासन:
इसे करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं उस दौरान आपके हाथ फर्श पर होने चाहिए। अब सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाते हुए सिर के ऊपर से लाते हुए फर्श से पंजे को टच कराएं। इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रुकें।
फायदे:
यह योगासन पेल्वित एरिया में रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है।
यह योगासन पेल्वित एरिया में रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है।
भुजंगासन:
इस योगासन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं उसके बाद शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ लेकर आएं इस दौरान आपके हाथ फर्श पर ही होने चाहिए। साथ ही सिर को ऊपर की तरफ रखें।
इस योगासन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं उसके बाद शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ लेकर आएं इस दौरान आपके हाथ फर्श पर ही होने चाहिए। साथ ही सिर को ऊपर की तरफ रखें।
फायदे:
भुजंगासन कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी से तनाव दूर करने में मदद करता है। साथ ही प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य में सुधार करता है जिससे फर्टिलिटी बूस्ट होती है।
भुजंगासन कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी से तनाव दूर करने में मदद करता है। साथ ही प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य में सुधार करता है जिससे फर्टिलिटी बूस्ट होती है।
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं उसके बाद पैरों को जितना ऊपर ला सकते हैं लेकर आएं। फिर कमर को सीधा रखते हुए शरीर को आगे की तरफ लेकर आइए और हाथों से पैर की अंगुली छूने की कोशिश करें।
फायदे:
नौकासन आपके कूल्हों, पैरों और एब्डोमिन को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह पेल्विक मसल्स को भी टोन करने में मदद करता है।
नौकासन आपके कूल्हों, पैरों और एब्डोमिन को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह पेल्विक मसल्स को भी टोन करने में मदद करता है।
अधिक जानकारी के लिए Dr.B.K.Kashyap से संपर्क करें 9305273775
Kashyap Clinic Pvt. Ltd.
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