सोमवार, 23 दिसंबर 2019


 सेक्स टाइमिंग बढ़ाना चाहते है तो करें लाइफस्टाइल में बदलाव :-


सेक्स के दौरान अपने पार्टनर की अपेक्षा जल्दी से क्लाइमेक्स पर पहुँच जाना एक बहुत कॉमन बात है, तो इसकी वजह से खुद को कम न आँकें। खुशकिस्मती से, ऐसे वो सारे लोग, जो इस तरह से जल्दी क्लाइमेक्स पर पहुँच जाते हैं, वो बेड पर ज्यादा वक़्त तक ठहरे रहना सीख सकते हैं। एक्सर्साइजेज़ और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने से, इसके ऊपर कंट्रोल पाने में मदद मिल सकती है और लंबे समय तक टिके रहने के लिए ऐसी बहुत सारी टेक्निक्स मौजूद हैं, जिन्हें आप सेक्स के दौरान यूज कर सकते हैं। क्लाइमेक्स को कंट्रोल करने वाले प्रोडक्ट्स और दवाइयों को भी इस्तेमाल करके देखा जा सकता है। अगर आपका पार्टनर बहुत जल्दी रुक जाता है, तो उसके साथ मिलकर, एक टीम की तरह, इस टॉपिक पर  बात करें। उसके ऊपर सारा दोष मढ़ने से बचें और उसे ये मालूम होने दें, कि आप उसके साथ मिलकर फिजिकल और इमोशनल इंटिमेसी को सुधारने के लिए  काम करना चाहते हैं।


लाइफस्टाइल में बदलाव करना 

रिलेक्स रहें और खुद को प्रोत्साहित करें: चिंता और अपने ऊपर भरोसे की कमी, मूड को बरबाद करने की सबसे बड़ी वजह होती हैं, तो इसलिए आशावादी नजरिया अपनाने की कोशिश करें। सेक्स की तरफ कोन्फ़िडेंस, सेल्फ रिस्पेक्ट और पॉज़िटिव एटिट्यूट के साथ अप्रोच करना, आप दोनों ही पार्टनर के बीच में एक काफी बड़ा बदलाव ला सकता है। अपने परफ़ोर्मेंस से जुड़े हुए नेगेटिव विचारों को अपने  ऊपर मत हावी होने।


मास्टरबेशन के दौरान लंबे वक़्त तक टिके रहें:
मास्टरबेशन के दौरान जल्दी से जल्दी क्लाइमेक्स पर पहुँचने की कोशिश करना भी आपके शरीर को जल्दी से रुकने या सबकुछ जल्दी खत्म करने की आदत डाल देता है। हफ्ते में कुछ बार और सेक्स के कुछ घंटे पहले मास्टरबेशन करना, क्लाइमेक्स को कुछ वक़्त तक आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है, खासकर कि अगर आप मास्टरबेट करते वक़्त लंबे वक़्त तक बने रहने की प्रैक्टिस करते आ रहे हों।


पेल्विक फ्लोर (pelvic floor) एक्सर्साइज़ करना शुरू करें: शीघ्रपतन (ejaculation) को कंट्रोल करने वाली मसल्स की एक्सर्साइज़ करना, आपको लंबे वक़्त तक टिकाए रखने में मदद करेगा। इन मसल्स की पहचान करने के लिए, यूरिन करते वक़्त बीच में रुक जाएँ और उन मसल्स को टाइट कर लें, जो गैस को पास होने से रोकती हैं। इनकी एक्सर्साइज़ करने के लिए, इन्हें 3 सेकंड्स के लिए टाइट करके रखने की कोशिश करें, 3 सेकंड्स के लिए रिलेक्स करें, फिर इसे 5 से 10 बार दोहराएँ।

इन एक्सर्साइजेज़ को शुरुआत में लेटकर या बैठकर करना आसान लगेगा, लेकिन इन्हें खड़े होकर भी करने की कोशिश करें। जब आप मसल्स को स्ट्रेंथ दे रहे हों, रोजाना 10 रिपीटीशन के 3 सेट्स करने का लक्ष्य बनाएँ।

एक्सर्साइज़ करते वक़्त नॉर्मल तरीके से साँस लें और अपनी साँसों को रोककर रखने से बचें।

अल्कोहल या और दूसरे ड्रग्स को लेना कम करें: अल्कोहल और इसी तरह के दूसरे सब्सटेन्स प्रीमेच्योर इजेक्यूलेशन (शीघ्रपतन), इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) और परफ़ोर्मेंस से जुड़ी दूसरी प्रॉब्लम्स को खड़ा कर देती हैं। सेक्स से पहले ड्रग्स और अल्कोहल को लेना अवॉइड करें और इनके इस्तेमाल के ऊपर रोक या कमी करने की कोशिश करें।

अगर हो सके, तो एक रेगुलर सेक्सुअल पार्टनर की तलाश करें: अगर आप आमतौर पर सिर्फ डेट किया करते हैं, तो अब किसी एक के साथ सेटल होने का फ़ैसला कर लें। किसी एक ही इंसान के साथ इंटिमेट होना, सेक्स के दौरान और ज्यादा कम्फ़र्टेबल और कॉन्फिडेंट बनने में मदद कर सकता है। जब आप किसी के साथ कम्फ़र्टेबल होते हैं, तो ऐसे में उसके साथ मिलकर सेक्स लाइफ के ऊपर सुधार करने के बारे में बात करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। 
सेक्स के दौरान टेक्निक्स का इस्तेमाल करके देखना 

पहले अपने पार्टनर को एक्साइटेड करने की कोशिश करें: खुद को एक्साइटेड किए बिना, अपने पार्टनर को कुछ अटेन्शन दें या उन्हें आपके सेंसिटिव पार्ट्स को छूने दें। इस तरह से वो आपके एक्साइटमेंट के लेवल से मेल खा सकेंगे और दोनों एक ही वक़्त पर क्लाइमेक्स तक पहुँच सकेंगे।

धीमे मूवमेंट्स यूज करें: अपना वक़्त लेकर आगे बढ्ने से आपको देर तक टिके रहने में मदद मिलेगी, इसलिए डेस्टिनेशन तक पहुँचने की कोशिश की बजाय, अपनी जर्नी को अहमियत देने की कोशिश करें। सेक्स को एक जल्दबाज़ी में खत्म किए जाने वाला काम समझने के बजाय, इसे एक सेन्सुअल डांस की तरह समझने की कोशिश करें।

नई पोजीशन्स अपनाकर देखें: पोजीशन बदलना, आपको उस मौजूदा स्थिति के ऊपर फिर से फोकस करने में मदद कर सकता है और आपके एक्साइटमेंट लेवल को रीसेट कर सकता है। इसके साथ ही नई पोजीशन्स को इस्तेमाल करने से आपके शरीर को इसके नॉर्मल रूटीन से हटके कुछ करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, अगर ऐसी कोई एक पोजीशन है, जो हमेशा आपके लिए कमाल का काम करती है,  तो उसे आखिर के लिए बचाए रखें।
जब आपको क्लाइमेक्स आता नजर आए, तब धीमी, गहरी साँसें लें: क्लाइमेक्स को भांपते ही अपनी साँसों को धीमा करने की वजह से ओर्गेज़्म रिफ़्लेक्स रुक जाता है। हल्की, धीमी साँसें लें और साँस लेते वक़्त अपने पेट को बढ़ाएँ। अपनी साँसों को 2 या 3 सेकंड्स के लिए रोककर रखें, फिर धीरे-धीरे साँसों को छोड़ें

जब तक कि आपको क्लाइमेक्स जाता हुआ नजर न आ जाए, तब तक इस तरह से धीमी साँसें लेना जारी रखें।

एक पल के लिए किसी और चीज़ के बारे में सोचें: जब आप करीब जाते हुए नजर आएँ, तो उस वक़्त पर कुछ ऐसी चीज़ के बारे में सोचकर खुद को डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश करें, जो नॉन-सेक्सुयल हों, जैसे कि आपका काम, एक टीवी शो, या स्कूल। अपने ध्यान को कुछ वक़्त के लिए भटकाने से आपको धीमा पड़ने में और रिलेक्स होने में मदद मिल सकती हैअपना सारा वक़्त बस किसी और चीज़ के बारे में सोचते हुए ही न बिता दें। आपको अभी भी उस पल में शामिल रहना है और आपके पार्टनर को खुश करने की कोशिश भी करना है।

ब्रेक्स लेने की कोशिश करें: इस स्टॉप एंड स्टार्ट मेथड में, जब आप आखिरी पल आता महसूस करते हैं, उस वक़्त जरा सी देर के लिए अपने पार्टनर से दूर जाना शामिल है। लगभग 30 सेकंड्स का एक ब्रेक लें, फिर दोबारा सेक्स करना शुरू कर दें। इस स्टॉप एंड स्टार्ट टेक्निक को उस वक़्त तक रिपीट करते रहें, जब तक कि आप और आपका पार्टनर, दोनों ही क्लाइमेक्स तक पहुँचने को तैयार न हो जाएँ।
आप ब्रेक के दौरान गहरी साँसें ले सकते हैं या फिर किसी और चीज़ के बारे में भी सोच सकते हैं।

एक मोटा कंडोम पहनें: अपने लोकल ड्रगस्टोर में क्लाइमेक्स कंट्रोल कंडोम्स की तलाश करें। ये काफी मोटे होते हैं और कुछ ब्रांड्स में एक तरह का नंबिंग एजेंट होता है, जो कुछ वक़्त के लिए सेंसिटिविटी को कम करने में मदद करता है।

एक कपल्स थेरेपी लेने के बारे में सोचें: परफ़ोर्मेंस से जुड़ी हुई परेशानियों की वजह से रिश्तों के ऊपर एक तरह का तनाव सा बन जाता है। हालांकि इस परिस्थिति को एक टीम की तरह अप्रोच करना फायदेमंद होता है, लेकिन फिर भी आपको अपनी सारी फीलिंग्स को लेकर भी ईमानदार रहना होगा, जिसमें आपकी हताशा भी शामिल है। कपल्स काउंसलिंग आपके और आपके पार्टनर के बीच के कॉम्प्लेक्स इमोशन्स को सुलझाने में मदद करेगी और साथ ही उन सारी समस्याओं को समझने में मदद करेगी, जो आपकी इंटिमेसी पर असर डाल रही है।
आप जब काउंसलिंग के ऊपर डिस्कस कर रहे हों, तो इसे नेगेटिव ढंग से न लें। इसकी बजाय, आप कुछ ऐसा बोल सकते हैं, “हम दोनों अलग-अलग तरह के इमोशन्स को फील कर रहे हैं और मुझे लगता है, कि एक काउंसलर हमें एक नया नजरिया देने में मदद कर सकता है। अपनी फीलिंग्स को एक-दूसरे के ऊपर निकालने के बजाय, बेहतर होगा अगर हम अपनी फीलिंग्स को समझ लें।”


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