गुरुवार, 9 जनवरी 2014

महिलाओं का ओर्गास्म: मिथ्या तोड़ो



महिला का ओर्गास्म एक मुश्किल विषय है समझने के लिए। यह सिर्फ पुरुषों के लिए समझना ही पेचीदा नहीं है, बल्कि कई महिलाओं के लिए भी इसे समझना मुश्किल हो जाता है। इससे जुड़े बहुत सारे मिथ्या इससे जुडी गलतफहमियों को और बढ़ावा देते हैं। 

'सेक्स मिथ्या तोड़ो' के इस भाग में, हम बात करेगे महिलाओं के ओर्गास्म के बारे में। 

मिथ्या 1: इंटरकोर्स से ही महिलों को ओर्गास्म होता ह

जी नहीं! यह ज़रूरी नहीं है। सच यह है कि कई सारे शोध के द्वारा ये पता चला है कि केवल एक तिहाई महिलाओं को ही इंटरकोर्स के द्वारा ओर्गास्म होता है। अधिकतर महिलाओं को मुखमैथुन और हाथों के इस्तेमाल के ज़रिये ओर्गास्म होता है। अगर आप यह जानना चाह रहे हैं कि आपके साथी के लिए क्या काम करता है, तो उनसे खुलकर बात करिए और पूछिए। सेक्स कि अलग-अलग मुद्राएं करने कि कोशिश करिये और अलग-अलग तरीको से अपनी सेक्स लाइफ को रोमांचक बनाने के कोशिश भी करिये - अपना समय लीजिये ये समझने के लिए कि सबसे बेहतर तरीका क्या है आपके साथी को चरम तक पहुचाने का।

मिथ्या 2: वो बिलकुल 'ठंडी' है अगर उसे चरम नहीं होता तो

महिला के ओर्गास्म तक ना पहुच पाने के कुछ मेडिकल और मनोवैज्ञानिक सम्बन्धी कारण भी हो सकते हैं। डॉक्टर्स और विशेषज्ञ इस अवस्था को 'एनओर्गेस्मिया' बुलाते हैं। अगर किसी महिला को ओर्गास्म होने में परेशानी होती है या वो चरम तक पहुच ही नहीं पाती, तो इसका मतलब यह नहीं कि वो 'ठंडी' है, या आपकी तरफ उसे कोई रुचि नहीं है।

मिथ्या 3: अगर उसे ओर्गास्म नहीं हो पा रहा तो यह उसके साथी कि गलती है

महिला के ओर्गास्म नहीं हो पाने के कारण बहुत सारे हो सकते हैं - कोई ऐसी सेक्स मुद्रा जो शायद उनके लिए काम नहीं कर रही है, सेक्स में दोनों साथियों का ताल-मेल ना बैठ पाना, फोरेप्ले कि कमी, या शायद 'एनओर्गेस्मिया'। लेकिन इनमें से कोई भी कारण का मतलब यह नहीं कि आपके साथी कि गलती है।

महिला का ओर्गास्म खुद उनकी ज़िम्मेदारी भी है - एक महिला को खुलकर यह बताना चाहिए कि उनके लिए क्या काम कर रहा है और क्या नहीं और उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं, ताकि उनका साथी भी ये समझ सके।

कुछ टिप्स चाहिए? पढ़िए: सेक्स के बारे में बातचीत करना: क्या करें और क्या नहीं

मिथ्या 4: ओर्गास्म नहीं = बुरा सेक्स

ये शायद सुनने में अजीब लगे, लेकिन महिलाएं ऐसा सेक्स भी बहुत बार अच्छा लगता है जिसमे शायद उन्हें ओर्गास्म ना हो। बहुत सारी महिलाओं के लिए अपने अपने साथी के साथ नीजि सम्बन्ध बनाना और एक दूसरे को सुख और मज़ा देने वाले आंगों के साथ खेलना ही बहुत संतुष्टि देता है।

मिथ्या 5: ओर्गास्म वैसे होते हैं जैसे फिल्मों में देखते हैं

महिलाओं को ओर्गास्म देना आसान नहीं होता। और पोर्न फिल्मों कि तरह तो बिलकुल भी नहीं या शायद जैसे हॉलीवुड कि फिल्मों में देखने को मिलता है। और ऐसा भी नहीं है कि हर महिला को बिलकुल विक्षुब्ध कर देने वाला ओर्गास्म होता है हमेशा ही। कुछ महिलाओं को चरम बहुत शांत तरीके से भी होता है। तो फिल्मों के एक्टरों कि बात को सच मत मानिये और महिलाओं के ओर्गास्म का पूरा सच जनिये।

मिथ्या 6: केवल महिलाएं ओर्गास्म होने का झूट-मूठ नाटक करती हैं

अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हैं। क्यूंकि पुरुष भी ओर्गास्म होने का झूठा नाटक करते हैं! जी हाँ। एक अध्यन के अनुसार जो कि यूनिवर्सिटी ऑफ़ केंसास में किया गया था, उससे पता चला कि एक चौथाई पुरुष भी झोटे ओर्गास्म का नाटक करते हैं।

मिथ्या 7: महिलायों में वीर्यपात नहीं होता

यह सच नहीं! क्यूंकि महिलाओं में भी वीर्यपात होता है! हाँ उनका वीर्य पुरुष के वीर्य कि तरह सफ़ेद उअर दूधिया भी हो सकता है या केवल पानी कि तरह भी। कई महिलाओं को इंटरकोर्स से बहुत ज़यादा कामोत्तेजना होती है, जिससे उन्हें ओर्गास्म होता है और उसमे वीर्यपात भी होता है। यह जी-स्पॉट के रगड़ने से भी होता है, जो कि महिलाओं कि यूनि का बहुत ही सम्वेदनशील भाग होता है। और अफ्रीका कि एक बहुत ही जानी-मानी तकनीक है 'कुनयाज़ा' जो कि महिलों को इस तरह का ओर्गास्म देने में मदद करती है।

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