मंगलवार, 19 नवंबर 2013

चुंबन लेना
  • अक्सर जब आपको प्यार होता है, तो इसका आरंभ चुंबन लेने से ही होता है। लेकिन शुरु कैसे करें? और आप कब इसे सही तरीके से करते हैं?

    जीभ से चुंबन
    जीभ का इस्तेमाल करते हुए चुंबन लेने को फ्रेंच किसिंग भी कहा जाता है, ऐसा करते समय आपके मुंह खुले होते हैं, और एक-दूसरे की जीभ आपस में छू रही होती है। इसे कई तरीके से किया जा सकता है। आप अपने साथी के मुंह में जीभ डाल सकते हैं। आप दोनों अपनी जीभ एक दूसरे की जीभ पर फिरा या सहला सकते हैं। होठों के अंदरूनी हिस्से को भी सहलाना न भूलें।

    क्या मेरा तरीका सही है?
    चुंबन लेने पर तो कोई किताब या अध्याय नहीं है। इसे आप स्वयं अभ्यास से सीखते हैं। इसे सीखना इतना कठिन भी नहीं हैं। जीभ से चुंबन लेने का आरंभ, पहले होठों पर चुंबन लेने से होता है। आप अपने होंठ से अपने साथी के होठों को महसूस करते हैं। उसके बाद आप अपने सिर को एक ओर थोड़ा घुमा लेते हैं, जिससे आपकी नाक बीच में न आएं, फिर अपना मुंह खोलते हैं और अपने साथी के मुंह में धीरे से अपनी जीभ का प्रवेश कराते हैं। यदि आपको अच्छा लग रहा है तो आपका तरीका सही है!

    क्या आप जानते हैं...?
    चुंबन लेते समय आपके दिल की धड़कन 70 प्रति मिनट से बढ़कर 100 से 150 प्रति मिनट के बीच हो जाती है।

    क्या अच्छा लगता है?
    यह सुनिश्चित कर लें कि आपके साथी को भी इसमें आनंद आ रहा है। साथ ही उन्हें स्पष्ट कर दें कि आपको क्या पसंद है। कुछ लोगों को गीले होंठ पसंद हैं, जबकि कुछ को ऐसा पसंद नहीं है। कुछ धीरे से चुंबन लेना पसंद करते हैं, जबकि कुछ अपने साथी के मुंह के अंदर काफी भीतर तक जीभ का प्रवेश पसंद करते हैं।

    धीरे-धीरे आगे बढ़ें
    लगातार 10 मिनट तक चुंबन लेना बहुत अधिक होता है। अब रुक जाएं और एक-दूसरे की आंखों में देखें। धीरे-धीरे आगे बढ़ें। यदि आपको लगता है कि आपके साथी रुकना चाहते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, कुछ देर बाद फिर से प्रयास कर सकते हैं।

    सुनिष्चित कर लें कि आपकी सांस दुर्गंधयुक्त नहीं हैं
    चुंबन लेना अच्छा अनुभव हो सकता है। लेकिन यदि आपकी सांस से दुर्गंध आ रही हो तो इसमें आनंद नहीं आता। कई लोगों की सांस में कभी-कभार बुरी गंध आती है। अक्सर जब आप सुबह सो कर उठते हैं, तो ऐसा होता है। अपने दांतों को अच्छी तरह ब्रुश और साफ़ (फ्लोक्स) कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। अपने खान-पान पर भी ध्यान दें- तेज़ मसाले, प्याज़ और लहसुन खाने से आपकी सांस से दुर्गंध आ सकती है। लेकिन यदि आपके साथी ने भी वही चीज़ें खाई हैं जो आपने खाई हैं तो गंध का उतना अधिक पता नहीं चलता।

    चुंबन लेना ओर सहलाना
    कुछ लोग चुंबन लेते समय अपनी आंखें बंद रखते हैं। जबकि कुछ लोग आंखे खुली रहने से रोमांच महसूस करते हैं। कुछ लोग कम आवाज़ करते हैं जबकि कुछ लोग आवाजें नहीं निकालते हैं।
    जब आप चुंबन ले रहे होते हैं तो अपने हाथों का भी प्रयोग कर सकते हैं। आप एक-दूसरे को साथ-साथ सहला सकते हैं और एक-दूसरे के संवेदनषील अंगों को महसूस कर सकते हैं। चुंबन करने पर सेक्स की भी इच्छा हो सकती है - लेकिन ऐसा होना ज़रूरी नहीं है।

    क्या आप जानते हैं...?
    जोश के साथ चुंबन लेने से आप अपना वज़न घटा सकते हैं! ऐसा करने से आप प्रति मिनट कम से कम 6.4 कैलोरी खर्च करते हैं, अतः 10 मिनट तक चुंबन लेने से आप एक बिस्कुट में जितनी कैलोरी होती है उसके बराबर कैलोरी खर्च करते हैं।
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ओर्गास्म - पांच बडे तथ्य

ओर्गास्म - हिला देना वाला बिलकुल अदभुत अनूठा अनुभव हो सकता है!
लेकिन किसी दिन जब आप थकान से चूर हों, और आप जानते हों की आप चरम तक नहीं पहुँच पाएंगी - तो क्या आपको ओर्गास्म का दिखावा करना चाहिए? यह जानने के लिए हमारे 'पांच बडे तथ्य' श्रंखला का नया लेख पढे। 
आखिर ओर्गास्म है क्या?
जब आप सेक्स या हस्तमैथुन के दौरान बहुत ज़्यादा काम उत्तेजना महसूस कर रहे हों, तो आपको ओर्गास्म का अनुभव हो सकता है, इसे चरम आनंद या 'कलाईमेक्स' भी कहा जाता है। इस पल आपकी मांसपेशिय तन जाती हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है और आप बहुत ज़्यादा शारीरिक आनंद से भर जाते हैं। पुरुष और कुछ महिलाओं को ओर्गास्म के दौरान जननांग से द्रव का स्त्राव होता है। ओर्गास्म आपको गहरा शारीरिक सुख और संतुष्टि का एहसास कराता है।
महिलाओं में ओर्गास्म
बहुत सी महिलाओं को सिर्फ सेक्स से ओर्गास्म नहीं हो पाता है। ओर्गास्म तक पहुचने के लिए उन्हें ठीठीनी को सहलाके या मुहं से मुखमैथुन के ज़रिये उत्तेजित करना पड़ता है। योनि की तुलना में ठीठीनी बहुत ज़्यादा संवेदनशील होती है - लिंग के उपरी हिस्से के समान।
जहाँ पुरुषों की तुलना में महिलाओं का ओर्गास्म तक पहुंचना थोडा मुश्किल है, लेकिन इसके साथ ही एक दिशा में उनको पुरुषों के मुकाबले एक बोनस है। वो यह की महिलाओं को एक से ज़्यादा ओर्गास्म हो सकता है और उनका चरम आनंद पुरुषों की तुलना में ज़्यादा देर तक रहता है। लेकिन हर बार ओर्गास्म ना होना भी स्वाभाविक बात है, तो इसके लिए ज़्यादा कोशिश न करें और सेक्स का पूरा आनंद उठाएं।
पुरुषों में ओर्गास्म
जब पुरुष को ओर्गास्म आनंद होता है, तो उनके शरीर की गति रुक जाती है। इस पल में उनका जननांग काफी संवेदनशील हो जाता है खासकर लिंग मुंड। अगर इस समय उसे छुआ जाये तो यह कष्टदायक होता है। यही वजह हैं की ओर्गास्म के बाद के असर से बाहर निकलने के लिए पुरुषों को थोडा समय लगता है।
ओर्गास्म आनंद पर पहुँचने पर उनके लिंग से वीर्य स्त्राव 46 km प्रति घंटा की गति से होता है।
ओर्गास्म का दिखावा
...शायद यह सही नहीं है. हाल ही में किये गए एक अध्यन से पता चला है की महिलाएं अक्सर ओर्गास्म होने का झूठा दिखावा करती हैं। पुरुष भी ऐसा करते हैं लेकिन हर 4 में से 1 को ही ऐसा करने की ज़रूरत पड़ती है। लोग ऐसा इसलिए नहीं करते क्यूंकि वो सेक्स का सही अंत करना चाहते हैं और अपने साथी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुचना चाहते।
लेकिन दिखावा लगातार करने का नतीजा सेक्स में घटती हुई रूचि की कमी हो सकता है। और आपका साथी आपको उस पल का एहसास करने के लिए कोशिश करना बंद कर देगा। तो अपने आप से ईमानदार रहिये - झूठे ओर्गास्म का दिखावा मत करिए! सेक्स बहुत मजेदार है अगर आप ओर्गास्म का दिखावा न करे।

चरम और जानवर
केवल इंसान ही शारीरिक आनंद के लिए सेक्स करने वाली अकेली प्रजाति नहीं है - डोल्फिन और बन्दर भी शारीरिक आनंद के लिए सेक्स करते हैं। और जहाँ कुछ लोग अगला तथ्य जानकर सूअरों से इर्ष्य करेंगे, क्यूंकि सूअर को 30 मिनट तक ओर्गास्म होता है। वहीँ सभी पुरुष यह जानकर खुश होंगे की वो नर मधुमाखी नहीं है क्यूंकि जब नर रानी मधुमखी के साथ सेक्स करता है, चरम पहुचने पर उनका जननांग विस्फोट से टूट जाता है। तो आप नर मधुमखी न हनी पर खुश हैं?

सोमवार, 18 नवंबर 2013

प्यार

प्यार एवं रिष्तेजब आपको प्यार हो जाता है तो आप दिनभर उन्हीं के बारे में सोचते रहते हैं जिनसे आप प्यार करते हैं। आपको लगता है की जो भी वे करते हैं वह अनोखा है। प्यार में होना आपको सातवें आसमान पर होने जैसा एहसास दे सकता है, पर यह आपको धैर्यहीन या अशांत भी बना सकता है।

उस व्यक्ति को मिलकर आपको एक अनजाना अशांत एहसास होता है। आपको पेट में दर्द भी हो सकता है। आप हमेशा मुस्कराते रहते हैं। उन्हें देखकर आप निःशब्द हो जाते हैं या फिर - आप उन्हें प्रभावित करने की कोशिश में बहुत ज़्यादा बोलने लगते हैं। यदि आपको यह सब जाना पहचाना लग रहा है तो सम्भवतः आपको प्यार हो गया है!
 

यदि आप यह जानना चाहते हैं की दूसरे व्यक्ति आपके बारे में क्या सोचते हैं तो आपको अपनी भावनाओं पर भरोसा करना होगा। अक्सर आप यह महसूस कर लेते हैं की दूसरे व्यक्ति आपमें रुचि रखते हैं या नहीं। यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं तो थोड़ी हिम्मत दिखाएं! ऐसे मौकों की तलाश करें जहाँ आपको उनसे बात करने का अवसर मिल सके। आप उन्हें फोन पर संदेश भेज सकते हैं या एम एस एन जैसी किसी इंटरनेट साइट पर उनसे संपर्क कर सकते हैं। यदि आपको लगता है की वे आपके संदेश का जवाब नहीं देना चाह रहे हैं या आपको टालना या आपसे बचना चाह रहें हैं तो इसकी बहुत संभावना है की वे आपकी भावनाओं का प्रत्युत्तर नहीं देगें।

संदेश को पहचानें

हालांकि, प्यार के खेल में यह एक अत्यधिक पेचीदा पहेली होती है, यह ध्यान में रखें की कुछ लोग आपसे आकर्षित होने के बाद भी आपसे दूर रहते हैं क्योंकि उन्हें अपनी ही भावनाओं को संभालने का तरीका नहीं पता होता है! या उन्हें यह भी लग सकता है की आपके प्रयास अच्छे लगने पर भी उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। अतः यदि कोई लड़का या लड़की आपके संदेश का तुरन्त जवाब नहीं देते हैं तो तुरन्त ही यह न सोच लें की वे आपमें रुचि नहीं रखते हैं।

दूसरी ओर, यदि आपके दो चार बार संपर्क करने की कोशिश का कोई जवाब न मिले तो आपको संदेश समझ लेना चाहिए। या फिर, उन्हें थोड़ा समय दें। किसी पर दबाव डालने से या उन्हें परेशान करने से वे आपमें ज़्यादा रुचि नहीं दिखाएंगें। हो सकता है इससे कुछ हाथ न लगे, पर धैर्य बनाए रखें, आपके लिए उनकी भावनाओं में बदलाव भी आ सकता है। यदि आपको साफ़ ’ना’ का संदेश मिल जाता है तो अपने जीवन में आगे बढ़ें और उस व्यक्ति को अकेला छोड़ दें।

प्यार दुख https://plus.google.com/100888533209734650735/postsदेता है

कभी कभी प्यार की कहानियों का अंत सुखद होता है पर हमेशा नहीं। हो सकता है आप किसी से प्यार करने लगें पर उनकी भावनाएं आपके लिए वैसी ही न हों। या आपके गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड आपसे संबंध खत्म कर लें। या आप प्यार में तो हैं, पर कुछ परिस्थियों - जैसे पारिवारिक दबाव, जिम्मेदारियों का एहसास, धार्मिक मान्यता, दूसरों द्वारा करवाई गई शादी - के कारण उस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। या आप प्यार तो करते हैं पर कुछ कारणों की वजह से आपको एक दूसरे से काफी समय दूर रहना पड़ रहा है। प्यार सच में बहुत दुख दे सकता है।

यह एक जानी मानी कहावत समझ लीजिए, परन्तु सत्य है। जब दिल टूटता है तो यह विश्वास कर पाना मुश्किल लगता है की आप फिर से पहले जैसा महसूस कर पाएंगें। पर आप ऐसा कर सकेंगें। इसमें थोड़ा समय लगता है। अपना मन कहीं और लगाने की कोशिश करें - कोई खेल खेलें या संगीत सुनें। इसके बारे में अपने किसी अच्छे मित्र से बात करें, अपनी भावनाओं को कविता या गीत के रुप में लिखें। और याद रखें की हर किसी को कभी न कभी प्यार में दर्द मिलता है। यहाँ तक की कक्षा के सबसे लोकप्रिय लड़के एवं लड़कियों को भी।

प्यार और सेक्स
बहुत सारे लोग केवल उन्हीं लोगों के साथ सेक्स करते हैं जिनसे उन्हें प्यार होता है या जिन्हें वे प्यार करते हैं। पर प्यार सेक्स के समान नहीं होता और सेक्स प्यार का प्रतिरुप नहीं होता है। आप सेक्स काम प्रवृति के कारण भी कर सकते है, केवल सेक्स का आनन्द लेने के लिए। पर ज़्यादातर लोगों के लिए, उन्हें उन लोगों के साथ सेक्स करने में ज़्यादा गहरा आनन्द मिलता है जिनसे वे प्यार करते हैं।
क्या सोचकर आपको ऐसा लगता है की आपको प्यार हो गया है?

पहली नज़र में प्यार - ये एक ऐसी चीज़ है जिसमे मुझे बिलकुल विश्वास नहीं लेकिन मुझे बताया गया है की ऐसा होता है। कम से कम मैंने अभी तक इसका सबूत नहीं देखा है।
जब मेरी एक दोस्त ने मुझे बताया की उसे एक लड़के से पहली बार मिलने पर ही प्यार हो गया, तो मुझे और जानने की जिज्ञासा हुई। "ये सच है, विश्वास करो मेरा", उसने कहा। हालाँकि मुझे विश्वास नहीं हुआ लेकिन मेरी जिज्ञासा और बढ़ गयी, 'लव मैटर्स' की तरह।
दुविधा
मुझे पहली नज़र मैं प्यार के बारे में हमेशा दुविधा हुई है। शायद अपने नीजी तजुर्बे की बदौलत। और मैंने कभी भी असली पहली नज़र में प्यार की कहानियां असल लोगो से सुनी भी नहीं। और हाँ, होलीवूड और बोलीवूड जो दिखाते है उस पर विश्वास करने से में इनकार करती हूँ।

अधिकतर पहली बार सहमती से हुए सेक्स की बातें जो मैंने सुनी है वो है सुबह के तीन बजे की नशे में धुत उग्र असार सेक्स की. और मेरे नज़रिए में ये प्यार नहीं। 
होश में
लेकिन मेरी ये दोस्त जो मुझे बता रही थी कुछ सुनाने में अलग लग रहा था। "हम दोनों नशे में नहीं थे। पूरे होश में थे। एक बूँद शराब की नहीं। मेरा काम का दिन था और में फिल्ड वर्क में व्यस्त थी", उसने कहा। "और तभी मेरी मुलाकात हुई एक बेहद ही खुबसूरत, आकर्षक लड़के से। और मुझे पता चला की वो मेरे ही पड़ोस में रहता है।  
मैंने उसे बोला की विस्तारता को थोडा संक्षेप में बताये। "मुझे बताओ, तुम्हे ऐसा क्यूँ लगता है की तुम्हे प्यार हो गया है," मैंने उससे पुछा।
आँखें
"ये आँखों में होता है। मुझे नहीं पता। जिस तरह से हमने एक दुसरे को देखा ऐसा लगा की हमारे बीच कोई बहुत गहरा जुड़ाव है, " उसने समझाया।
मैं अभी भी दुविधा में थी: "तुम इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकती हो ये सिर्फ शारीरिक आकर्षण नहीं है? तुमने कहा था न की वो सुंदर और आकर्षक है।"
उत्सुक
"नहीं...नहीं। उस दिन हम केवल एक घंटे के लिए मिले। कोई सेक्स नहीं। अब मुझे उसे देखे हुए ४८ घनते हो चुके है लेकिन मैं फिर भी लगातार उसके बारे में सोच रही हूँ। मैं सोच रही हूँ की अब अब वो क्या कर रहा होगा, क्या सोच रहा होगा, क्या वो मेरे बारे मैं सोच रहा होगा। मैं बैचैन भी हूँ और उत्सुक भी, " उसने कहा। 
मैंने उसे सुझाव दिया की वो उसे फ़ोन करे और कहीं मिलने का प्लान बनाये, लेकिन उसने कहा ये इतना आसान नहीं: "अगर सिर्फ मैं ही पागलों की तरह उसके बारे में सोच रही हूँ। अगर उसे मुझसे प्यार नहीं तो? उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए की मैं उसको लेकर बहुत उत्साहित हो रही हूँ।"
पीछा करना
अच्छा, चलो ठेक है। "लेकिन एक बात मुझे बताओ उस लड़के में ऐसी क्या बात है जो...तुम्हे...इतना उत्साहित कर रही है?" और उसका जवाब था, "मैं क्या कहूँ? मैं उसको इतने आचे से जानती भी नहीं के तुम्हे बताओ उसमे मुझे क्या अच्छा लगा। मैं कल से उसे इन्टरनेट पर ढूँढ रही हूँ ताकि उसके बारे मैं और जानकारी ले सकूँ।"
"तुम उसका पीछा कर रही हो! तुम पागल तो नहीं हो," मैं ज़ोर से उस पर चिलायी।
"मैं उसका पीछा नहीं कर रही हूँ। सिर्फ अपनी जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश कर रही हूँ। ऐसा प्यार मैं होता है। जिससे आप प्यार करते हो उसके बारें मैं सब कुछ जानने का मन करता है," उसने जवाब दिया।
असीम आनंद
मुआझे अभी तक ये समझ नहीं आया था की वो उस लड़के के बारे में जानने के लिए इन तरीको का इस्तेमाल क्यूँ कर रही थी जबकि वो उससे मिलकर भी ये सब कुछ उससे खुद जान सकती थी।
"प्यार आपको पागल बना देता है," उसने कहा। शायद कुछ मिनटों के लिए ही, लेकिन ये एक अलग ही एहसास है। जैसे की आपको अनंत आनंद मिल गया हो।"
उफ़, ये ऐसी मानसिक स्तिथि लग रही थी जिसमे सभी का रहने का मन करे। मैंने कहा मैं यह कोशिश करने के लिए तैयार हूँ, "लेकिन उसी वक्त मेरी दोस्त ने कहा "तू अपनी जहाँ चाह-है-वहां-राह-है वाला तर्क इसमें मत डाल।  प्यार ऐसे काम नहीं करता।"https://www.facebook.com/DrBkKasyap

रविवार, 17 नवंबर 2013

आउटरकोर्स : पांच मुख्य तथ्य

आउटरकोर्स? इस निर्मित शब्द का अर्थ इंटरकोर्स से विपरीत है।आउटर कोर्स का अर्थ है बिना लिंग के योनि में प्रवेश के सेक्स।
 
कुछ लोग इसे गर्भ नियोजन का अच्छा तरीका मानते हैं, दूसरों के लिए ये सेक्स का एक आनंददायक तरीका है। वजह जो भी हो, सच ये है की आजकल आउटर कोर्स बहुत से बीएड रूम्स में किय़ा जाता है! तो इस्सलिये इस बार के हमारे पांच मुख्या तथ्य इसी पर आधारित हैं।
 
आखिर ये है क्या?
 
आउटरकोर्स, जिसे बिना लिंग प्रवेश के सेक्स भी कहा जाता है, इसका अर्थ सरल है, ऐसा सेक्स जिसमे लिंग योनि के भीतर प्रवेश नहीं करता। तो कोई लिंग, योनि या गुदा इसका हिस्सा नहीं है। कुछ लोगों के लिए मुख मैथुन भी इसका हिस्सा नहीं है।आउटरकोर्स के दौरान, हमारी परिभाषा के अनुसार कपल्स चुम्बन के साथ विभिन प्रयोग करते हैं, परस्पर हस्त मैथुन, एक दूसरे के शरीर को शरीर से रगड़ना, साथ में कामुक फिल्में देखना या सेक्स टॉयज का उपयोग करते हैं।
 
तो आखिर ये फॉरप्ले से अलग कैसे है? असल में ये अलग नहीं है- फर्क सिर्फ ये है की फोरप्ले के बाद अगला कदम सम्भोग होता है जबकि आउटर कोर्स में ऐसा नहीं होता। आउटर कोर्स में हर कदम पर असल में सेक्स ही हो रहा होता है। आउटरकोर्स का पहला और आखिरी कदम सेक्स ही है।
 
आउटर कोर्स की वजह?
 
कुछ लोग इसका उपयोग बर्थ कण्ट्रोल यानी गर्भवती होने से बचाव या फिर सेक्स संक्रमित इन्फेक्शन से बचने के लिए करते हैं। रिलेशन की शुरुवात में जो लोग अपने आप को सेक्स के लिए तैयार नहीं मानते, उनके लिए ये एक सुरक्षित और सहज शुरुव्वत है एक दुसरे के शरीर को जानने और समझने की। महिला और पुरुष दोनों ही को आउटरकोर्स से ओर्गास्म होता है। और ये मत भूलिए की दुनिया में सिर्फ एक तिहाई महिलाओं को ही सम्भोग  के दौरान  ओर्गास्म हो पाता है। तो उनके लिए, ये अवश्य की एक अच्छा तरीका साबित हो सकने में सक्षम है।
 
कम रिस्क 
 
जैसा की नाम ही से पता चलता है, इसके दौरान लिंग योनि में प्रवेश नहीं करता। तो इसका अर्थ है की योनि में वीर्य जाने की सम्भावना ख़तम हो जाती है। और इसलिए गर्भ ठेहेरने की सम्भावना भी। शारीरिक द्रवों का एक्सचेंज न होने से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के फैलने की सम्भावना भी काफी कम हो जाती है।
 
सावधानी 
 
इस सब से ये पूरी तरह सुनिश्चित नहीं होता की ये प्रक्रिया पूरी तरह फूलप्रूफ है। यदि इस दौरान लिंग को योनि के आसपास छुआ गया हो तो वीर्य के प्रवेश की सम्भावना बनी रहती है जिससे गर्भ ठहर सकता है। शारीरिक फ्लुइड्स का छोटे से छोटा एक्सचेंज भी इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। बहुत से लोग इस क्रिया के दौरान कामोत्तेजित होकर अपने आपको सम्भोग करने से नहीं रोक पाते। इसलिए ये बेहतर है की आउटर कोर्स के दौरान भी कंडोम का प्रयोग भी किया जाये, खासकर यदि मुख मैथुन किया जा रहा हो।  
 
फायदे 
 
आउटरकोर्स निश्चित रूप से प्यार करने का सुरक्षित तरीका है। इसके कोई चिकित्सा या हर्मोने सम्बंधित साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। इससे सेक्स संक्रमित रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। ये दो साथियों के बीच की दूरियां कम करता है और विश्वास बढाता है। और जब आपके पास कोई गर्भनिरोधन ना हो और सेक्स करने से अपने आप को रोक न पा रहे हों, तो ये सर्वोत्तम उपाय है।
गैर-यौनिक संभोग (आउटरकोर्स)

खूबियां: इसे कभी भी बंद कर सकते हैं और आसानी से इसे पलटा जा सकता है, किसी डाक्टर या स्वास्थ्य कर्मी की ज़रूरत नहीं होती, किसी नुस्खे की ज़रूरत नहीं होती, कोई दुष्प्रभाव नहीं होते। यह मुफ़्त है।
खामियां: कुछ दंपती भावना के बहाव में आकर अपनी यौनिक क्रियाओं को गैर-यौनिक संभोग तक सीमित नहीं रख पाते। आप 100 प्रतिशत समय गैर-यौनिक संभोग अपनाते हैं, फिर भी गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है। इससे यौनसंचारित रोगों से बचाव नहीं होता।
गैर-यौनिक संभोग (आउटरकोर्स) क्या है?
अलग-अलग लोगों के लिए गैर-यौनिक संभोग का अर्थ अलग-अलग होता है।
कुछ लोग संभोग (जब पुरुष महिला की योनि में लिंग प्रवेष कराता है) के अलावा किए जाने वाले किसी दूसरे तरह की यौन छेड़छाड़ को गैर-यौनिक संभोग मानते हैं। जबकि दूसरे लोगों के लिए गैर-यौनिक संभोग का मतलब, शरीर के किसी भी अंग (मुख, गुदा, योनि) में लिंग को प्रवेश किए बिना की जाने वाली यौन क्रिया है।
गैर-यौनिक संभोग से गर्भधारण से कैसे बचाव होता है?
गैर-यौनिक संभोग, शुक्राणु को योनि में जाने से रोककर गर्भधारण से बचाता है।
गैर-यौनिक संभोग कैसे करें?
सेक्स करने के ऐसे कई तरीके हैं जिनमें यौनिक संभोग करने की ज़रूरत नहीं होतीः
  • चुंबन
  • हस्तमैथुन
  • हाथ से छेड़छाड़
  • ज़ोर से सहलाना
  • यौन कल्पना को अभिनय का रूप देना
  • सेक्स खिलौनों (ट्वायज़) का प्रयोग करना
  • मुख मैथुन
  • गुदा मैथुन
चुंबन: आप शरीर के विभिन्न अंगों को चूम सकतें हैं।
हस्तमैथुनः आप अपने जननांगों को छूकर सेक्स का आनंद उठा सकतें हैं। आप अपने साथी के जननांगों को छूकर उन्हें आनंद दे सकतंे हैं। आप अपने साथी को हस्तमैथुन करते हुए देखें या अपने साथी को दिखाते हुए हस्तमैथुन कर सकतें हैं, इससे इस बात को समझने में सहायता मिलती है कि आप दोनों को किस प्रकार और कहां छूना पसंद है।
ज़ोर से या फिर हल्के से दबाव देना या सहलानाः आप अपने शरीर को अपने साथी के षरीर के साथ हल्के या फिर ज़ोर से दबाव देते हुए सहला़ सकते हैं। कई लोग इसे आनंददायी मानते हैं और एक-दूसरे के जननांगों को तीव्र या फिर हल्के से आपस में मलने से चरम आनंद प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा करने को ग्राइंडिंग, ड्राई हंपिंग या फ़ॉटेज भी कहा जाता है।

यौन कल्पना को अभिनय का रूप देनाः आप ऐसी सेक्स कल्पनाओं के बारे में बात कर सकते हैं या ऐसे कार्य कर सकते हैं जिससे आपको अपने साथी के साथ सेक्स करने का विचार आए। अथवा आप दोनों साथ-साथ कोई उत्तेजक फिल्म देख सकते हैं या ऐसी कोई कहानी पढ़ सकते हैं।
सेक्स खिलौनों का प्रयोगः आप वाइब्रेटर या डिल्डो से अपने षरीर या अपने साथी के शरीर के अंगों को अनुभव कर सकते हैं या सहला सकते हैं। यदि आप अपने सेक्स खिलौने को अपने साथी के साथ आदान-प्रदान करना चाहते हैं, और आप उसका प्रयोग अपनी योनि या गुदा में डालकर करते हैं, तो उस पर कंडोम लगाकर प्रयोग करना ज़रूरी है। हर साथी के लिए सेक्स खिलौने पर नया कंडोम पहनाकर उसका प्रयोग करें।
मुख मैथुन: आप अपने साथी के जननांगों को मुख से महसूस कर सकते हैं। आप मुख मैथुन करने या करवाने से गर्भवती नहीं हो सकतीं, इससे संक्रमण फैल सकता है। यदि आप पुरुष हैं, तो कंडोम का प्रयोग कर संक्रमण फैलाने से बच सकते हैं। यदि आप महिला हैं, तो अपने जननांगों को किसी प्लास्टिक (या कंडोम को वर्गाकार आकार में काटकर) से ढककर संक्रमण फैलाना रोक सकती हैं।
गुदा मैथुन: आप अपने साथी के नितंबो, गुदा या गुदा द्वार को उंगली, मुख, जननांग या खिलौने से महसूस कर सकते हैं। गुदा मैथुन करने से आप गर्भवती नहीं होगी, लेकिन इससे संक्रमण फैलना काफ़ी आसान होता है। अपनी उंगली या जननांगों पर कंडोम पहनने से संक्रमण फैलाने का जोखिम काफी कम हो जाता है।
गर्भधारण से बचने के लिए मुझे इस विधि का प्रयोग कब-कब करना चाहिए?
जब तक आप और आपके साथी गैर-यौनिक संभोग जारी रखेंगे और संभोग (जिसमें पुरुष महिला की योनि में लिंग प्रवेश करातें हैं), नहीं करेंगे तब तक आप गर्भधारण से बची रहेंगी।
गर्भधारण रोकने में गैर-यौनिक संभोग कितना प्रभावी है?
यदि आप और आपके साथी गैर-यौनिक संभोग सही तरीके से करते हैं तो गर्भवती होने की संभावना लगभग शून्य होती है। गुदा मैथुन और अपने जननांगों को अपने साथी के जननांगों के संपर्क में लाने पर वीर्य या वीर्यपात से पूर्व निकलने वाले द्रव की योनि के अंदर जाने की संभावना रहती है। इसलिए यदि आप 100 प्रतिषत सुनिष्चित होना चाहती हैं तो कंडोम का प्रयोग करें।
गैर-यौनिक संभोग कितना सुरक्षित है?
गैर-यौनिक संभोग के कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होते। अतः गर्भनिरोधक उपाय के रूप में कोई भी इनका प्रयोग कर सकता है।
क्या इसके लिए किसी डाक्टरी नुस्खे की ज़रूरत होती है?
नहीं
कीमत?
कुछ नहीं, यह मुफ़्त है!
क्या यह आसानी से उपलब्ध है?
जी हाँ
गैर-यौनिक संभोग करने में केवल एक ही समस्या है, कि आप और आपके साथी दोनों को इसके लिए राज़ी होना चाहिए।
फायदे?
गैर-यौनिक संभोग मुफ़्त है, इसके कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हैं, और यह सुरक्षित सेक्स करने का आनंददायी तरीका हो सकता है, खासकर तब, जब वीर्य या वीर्यपात से पहले निकलने वाले द्रव से एक-दूसरे को आदान-प्रदान नहीं होता।
महिलाओं के लिए गैर-यौनिक संभोग इस बात को समझने में सहायक हो सकता है कि वे चरम आनंद कैसे प्राप्त करें। कई महिलाएं योनि उत्तेजना या (केवल संभोग से) चरम आनन्द महसूस नहीं करतीं बल्कि टिठनी के उत्तेजित होने पर करती हैं।
पुरुशों के लिए गैर-यौनिक संभोग, संभोग को करने के दबाव के बिना यौन उत्तेजना महसूस कराता है।
इस प्रकार साथियों के लिए गैर-यौनिक संभोग एक-दूसरे के षरीर के बारे में अच्छी तरह जानने और किसी गर्भधारण की चिंता किए बिना यौन आनंद को अनुभव करने का तरीका हो सकता है।
नुकसान?
साथियों के लिए गैर-यौनिक संभोग से हटकर संभोग न करना काफी कठिन होता है। इसलिए जब वे गैर-यौनिक संभेाग करते हैं तो असुरक्षित (बिना किसी गर्भनिरोधक के) हो सकते हैं, जिससे अनचाहा गर्भधारण या यौनसंचारित रोग हो सकता है।
यदि साथी गैर-यौनिक संभोग भी कर रहे हों तब भी योनि में कुछ शुक्राणु प्रवेश करने की संभावना बनी रहती है।
यौनसंचारित रोगों से सुरक्षा?
नहीं
गैर-यौनिक संभोग करने से आपको यौनसंचारित रोग होने का जोखिम कम होता है, किंतु इस बात की कोई गारंटी नहीं है। मुख और गुदा मैथुन करने के दौरान दोनों साथी के शरीर के तरल पदार्थों का आदान-प्रदान होता है, जिससे आपको यौनसंचारित रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है। हर्पीज़ और एचपीवी जैसे कुछ यौनसंचारित रोग केवल एक-दूसरे की त्वचा संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे को लग सकते हैं। इसलिए जहां यौनसंचारित रोगों का जोखिम काफ़ी कम होता है, वहीं केवल चुंबन या जोर से सहलाने से भी आपको यौनसंचारित रोग होने का जोखिम बना रहता है। यदि आपको यौनसंचारित रोगों के संक्रमण की चिंता है, तो अपनी सुरक्षा के लिए कंडोम या किसी ऐसे ही अवरोधक उपाय का प्रयोग करें।

शनिवार, 16 नवंबर 2013

फोरप्ले: क्या करें और क्या नहीं

फोरप्ले: क्या करें और क्या न करें 
 
फोरप्ले: असल सम्भोग करने से पहले जो प्यार की मीठी क्रीडा आप करते हैं। कुछ लोगों के लिए चूमना, सहलाना, चाटना सम्भोग जितना ही मेहेत्वपूर्ण होता है- और शायद उतना ही ऑर्गैस्मिक भी! दूसरों के लिए ये असल एहसास की शुरुवात का पहला कदम होता है। महिलाओं के लिए फोरप्ले काफी मेहेत्वपूर्ण होता है, उनकी योनि को लुब्रिकेट करने और उन्हें सम्भोग के लिए तैयार करने में। फोरप्ले के बारे में और जानिए!
 
क्या करें...
 
...उन् हॉटस्पॉट्स को पहचानिए 
 
सिर्फ लिंग या योनि पर ही ध्यान मत केन्द्रित करिए। हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हॉट स्पॉट्स हो सकते हैं, यानि की शरीर के वो हिस्से जहाँ छूना और सहलाना उन्हें जादुई एहसास करता है। और उन्हें कामोत्तेजित कर देता है। जैसे की निप्पल्स, गर्दन, कान, पीठ या नितम्ब। लेकिन क्यूंकि हर व्यक्ति अलग है, तो बेहतर है की आप अपने पार्टनर के उस ख़ास हॉट स्पॉट की खोज करें। और ये खोज जारी रखें- सिर्फ किताब में लिखे अंगों तक सीमित न रहे. कुछ नया करके अपने साथी को सरप्राइज करें।
 
हॉट स्पॉट्स जानिए:  अपने साथी के शरीर को जानिए 
 
...घुला-मिला दीजिये 
 
हर रोज़ एक ही चीज़ करने से ज्यादा बोरिंग और कुछ नहीं होता। अच्छा चुम्बन, स्तन पर हाथ, लिंग को ऊपर नीचे करना, और बस! अरे, कुछ और मज़ेद्दर करो, कुछ अलग करो! अलग अलग चीज़ें आज़माओ! अपने साथी को छूकर, अचानक से चूम कर चिढाओ। अरे कुछ चीज़ों का इस्तेमाल भी कर सकते हो जैसे पंख। चिकनाई पदार्थ का इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं। अपने साथी की शरीर की भाषा को समझने की कोशिश करिए यह जानने के लिए की उन्हें क्या अच्छा लग रहा है और क्या नहीं। अगर आपको लगे की जो आप कर रहे हैं वो उन्हें पसंद आ रहा है तो करते रहिये. अगर नहीं, तो कुछ और कोशिश करिए। 
 
ज़रूरत है की जो आप करें वो बोरिंग ना हो। अपने साथी को सर्प्राइज़ करिए, क्यूंकि यही तो चाबी है बढ़िया फोरप्ले और सेक्स की! 
 
...एक दुसरे को बिगाड़ये 
 
इससे अच्छा और कुछ नहीं लगता की आपका साथी आपको अच्छा अच्छा महसूस कराये। तो इसके लिए समय निकालिए। आलिंगन, चुम्बन, एक दुसरे के शरीर को सहलाना - सब कुछ करिए। अपना वो स्पेशल मस्साज वाला तेल निकालिए और एक दुसरे के शरीर पर लगाइए। कामुक छुअन बहुत अच्छी लगती है और शायद आपके साथी को मूड में ले आये, चाहे कुछ समय पहले तक उन्हें सेक्स का कोई मन ना हो। 
 
और हाँ कई बार यह सब करने के बाद भी शायद आपके साथी को सेक्स करने की इच्छा न हो, तो मन ख़राब मत करिए, शायद अगली बार यह सब काम आये! 
 
...क्या नहीं करें 
 
फोरप्ले सबसे ज़्यादा ज़रूरी है महिलाओं के लिए। एक बार पुरुषों का लिंग तन जाए, तो उनके लिए तो सीधे सेक्स ही आता है। महिलाओं को थोडा समय लगता है मूड में आने के लिए, भावनात्मक और शारीरिक दोनों तौर पर। उनकी यॊनि में गीलापन आना ज़रूरी होता हा , ताकि जब लिंग यॊनि के अन्दर जाए तो दर्द महसूस ना हो। तो सेक्स के लिए जल्दबाजी करना अच्छा आईडिया नहीं है क्यूंकि वो सेक्स का मज़ा आप दोनों ही नहीं ले पाएंगे। और  महिलाओं को इंटरकोर्स के दौरान ओर्गास्म हमेशा नहीं होता, तो इसका मतलब है की फोरप्ले और भी ज़्यादा ज़रूरी है उनको चरमानंद तक पहुचाने के लिए।  और यह सब और ज़रूरी तब भी है जब आपका साथी सेक्स के बाद सीधे खराटे लेने वाला हो और भूल जाये की उसने अपनी साथी को संतुष्ट किया भी है या नहीं। 
 
लेकिन हाँ, कई बार फोरप्ले छोड़कर सीधे 'क्विकी' कर लेना भी दोनों साथियों के लिए बहुत मजेदार हो सकता है। 
 
…ज़्यादा ना करो 
 
हाँ तो फोरप्ले बहुत ज़रूरी है और मज़ेदार भी तो के इसका मतलब है की आप यह करते ही जाए, बस करते ही जाये? हम यह नहीं कह रहे है की यह बिलकुल अनिवार्य है - हम यह कह रहे हैं की यह सेक्स का मज़ा आप दोनों के लिए और बढ़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आप हर बार इसे करना अनिवार्य समझे। 
 
और अगर आपके साथी को शीघ्र वीर्यपात की समस्या है, तो फिर ज़्यादा फोरप्ले आपके लिए नुक्सान दायक भी बन सकता है। ज़्यादा लम्बा फोरप्ले खीचने से शायद वो इंटरकोर्स पर पहुचने से पहले ही वीर्य निकाल दे। और यह भी हो सकता है की वो इसे रोक पाए लेकिन शायद फिर उसे बाद में वीर्यपात में परेशानी आये। 
 
फोरप्ले का कोई परफेक्ट टाइम नहीं होता; यह हर एक के लिए अलग है, और कुछ दिन आप इसका मज़ा ज़्यादा लेना पसंद करते हैं और कुछ दिन नहीं। 
 
...फोरप्ले सिर्फ बिस्तर पर 
 
फोरप्ले सिर्फ तभी शुरू नहीं होता जब आप दोनों बिस्तर पर हों। यह काफी पहले भी शुरू हो सकता है. घर के किसी भी कोने में, कार में, एक दुसरे को मदहोशी भरी निगाहों से देखना, एक दुसरे के शरीर के अंगो को छूना और एक दुसरे को चुम्बन देना। सिर्फ शब्दों से भी आप दोनों एक दुसरे को उत्तेजित कर सकते हैं। और बातचीत का मतलब यह नहीं की आप 'गन्दी' बात ही करें। इसका मतलब है की आप एक दुसरे की तारीफ़ भी कर सकते हैं और यह ज़ाहिर कर सकते है की आप एक दुसरे की तरफ कितना आकर्षित हैं। 
 
लेकिन शारीरिक फोरप्ले की तरह, अपनी साथी की प्रतिक्रिया पर ध्यान दीजिये। अगर आप का कुछ भी कहना या करना उन्हें अच्छा नहीं महसूस करा रहा तो रुक जाइये! और अगर उन्हें पसंद आये, तो लगे रहिये...और फोरप्ले का मज़ा लीजिये और दीजिये!  
 
लेख: 
फोटो: MaxFX
 
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कुछ लोगों के लिए चूमना, सहलाना, चाटना सम्भोग जितना ही महत्वपूर्ण होता है- और शायद उतना ही ऑर्गैस्मिक भी! दूसरों के लिए ये असल एहसास की शुरुवात का पहला कदम होता है। महिलाओं के लिए फोरप्ले काफी महत्वपूर्ण होता है, उनकी योनि को लुब्रिकेट करने और उन्हें सम्भोग के लिए तैयार करने में। फोरप्ले के बारे में और जानिए!
 
क्या करें...
 
...उन् हॉटस्पॉट्स को पहचानिए 
 
सिर्फ लिंग या योनि पर ही ध्यान मत केन्द्रित करिए। हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हॉट स्पॉट्स हो सकते हैं, यानि की शरीर के वो हिस्से जहाँ छूना और सहलाना उन्हें जादुई एहसास करता है। और उन्हें कामोत्तेजित कर देता है। जैसे की निप्पल्स, गर्दन, कान, पीठ या नितम्ब। लेकिन क्यूंकि हर व्यक्ति अलग है, तो बेहतर है की आप अपने पार्टनर के उस ख़ास हॉट स्पॉट की खोज करें। और ये खोज जारी रखें- सिर्फ किताब में लिखे अंगों तक सीमित न रहे. कुछ नया करके अपने साथी को सरप्राइज करें।
 
 
...घुला-मिला दीजिये 
 
हर रोज़ एक ही चीज़ करने से ज्यादा बोरिंग और कुछ नहीं होता। अच्छा चुम्बन, स्तन पर हाथ, लिंग को ऊपर नीचे करना, और बस! अरे, कुछ और मज़ेद्दर करो, कुछ अलग करो! अलग अलग चीज़ें आज़माओ! अपने साथी को छूकर, अचानक से चूम कर चिढाओ। अरे कुछ चीज़ों का इस्तेमाल भी कर सकते हो जैसे पंख। चिकनाई पदार्थ का इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं। अपने साथी की शरीर की भाषा को समझने की कोशिश करिए यह जानने के लिए की उन्हें क्या अच्छा लग रहा है और क्या नहीं। अगर आपको लगे की जो आप कर रहे हैं वो उन्हें पसंद आ रहा है तो करते रहिये. अगर नहीं, तो कुछ और कोशिश करिए। 
 
ज़रूरत है की जो आप करें वो बोरिंग ना हो। अपने साथी को सर्प्राइज़ करिए, क्यूंकि यही तो चाबी है बढ़िया फोरप्ले और सेक्स की! 
 
...एक दुसरे को बिगाड़ये 
 
इससे अच्छा और कुछ नहीं लगता की आपका साथी आपको अच्छा अच्छा महसूस कराये। तो इसके लिए समय निकालिए। आलिंगन, चुम्बन, एक दुसरे के शरीर को सहलाना - सब कुछ करिए। अपना वो स्पेशल मस्साज वाला तेल निकालिए और एक दुसरे के शरीर पर लगाइए। कामुक छुअन बहुत अच्छी लगती है और शायद आपके साथी को मूड में ले आये, चाहे कुछ समय पहले तक उन्हें सेक्स का कोई मन ना हो। 
 
और हाँ कई बार यह सब करने के बाद भी शायद आपके साथी को सेक्स करने की इच्छा न हो, तो मन ख़राब मत करिए, शायद अगली बार यह सब काम आये! 
 
क्या नहीं करें 
...जल्दबाज़ी 
 
फोरप्ले सबसे ज़्यादा ज़रूरी है महिलाओं के लिए। एक बार पुरुषों का लिंग तन जाए, तो उनके लिए तो सीधे सेक्स ही आता है। महिलाओं को थोडा समय लगता है मूड में आने के लिए, भावनात्मक और शारीरिक दोनों तौर पर। उनकी यॊनि में गीलापन आना ज़रूरी होता हा , ताकि जब लिंग यॊनि के अन्दर जाए तो दर्द महसूस ना हो। तो सेक्स के लिए जल्दबाजी करना अच्छा आईडिया नहीं है क्यूंकि वो सेक्स का मज़ा आप दोनों ही नहीं ले पाएंगे। और  महिलाओं को इंटरकोर्स के दौरान ओर्गास्म हमेशा नहीं होता, तो इसका मतलब है की फोरप्ले और भी ज़्यादा ज़रूरी है उनको चरमानंद तक पहुचाने के लिए।  और यह सब और ज़रूरी तब भी है जब आपका साथी सेक्स के बाद सीधे खराटे लेने वाला हो और भूल जाये की उसने अपनी साथी को संतुष्ट किया भी है या नहीं। 
 
लेकिन हाँ, कई बार फोरप्ले छोड़कर सीधे 'क्विकी' कर लेना भी दोनों साथियों के लिए बहुत मजेदार हो सकता है। 
 
…ज़्यादा ना करो 
 
हाँ तो फोरप्ले बहुत ज़रूरी है और मज़ेदार भी तो के इसका मतलब है की आप यह करते ही जाए, बस करते ही जाये? हम यह नहीं कह रहे है की यह बिलकुल अनिवार्य है - हम यह कह रहे हैं की यह सेक्स का मज़ा आप दोनों के लिए और बढ़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आप हर बार इसे करना अनिवार्य समझे। 
 
और अगर आपके साथी को शीघ्र वीर्यपात की समस्या है, तो फिर ज़्यादा फोरप्ले आपके लिए नुक्सान दायक भी बन सकता है। ज़्यादा लम्बा फोरप्ले खीचने से शायद वो इंटरकोर्स पर पहुचने से पहले ही वीर्य निकाल दे। और यह भी हो सकता है की वो इसे रोक पाए लेकिन शायद फिर उसे बाद में वीर्यपात में परेशानी आये। 
 
फोरप्ले का कोई परफेक्ट टाइम नहीं होता; यह हर एक के लिए अलग है, और कुछ दिन आप इसका मज़ा ज़्यादा लेना पसंद करते हैं और कुछ दिन नहीं। 
 
...फोरप्ले सिर्फ बिस्तर पर 
 
फोरप्ले सिर्फ तभी शुरू नहीं होता जब आप दोनों बिस्तर पर हों। यह काफी पहले भी शुरू हो सकता है. घर के किसी भी कोने में, कार में, एक दुसरे को मदहोशी भरी निगाहों से देखना, एक दुसरे के शरीर के अंगो को छूना और एक दुसरे को चुम्बन देना। सिर्फ शब्दों से भी आप दोनों एक दुसरे को उत्तेजित कर सकते हैं। और बातचीत का मतलब यह नहीं की आप 'गन्दी' बात ही करें। इसका मतलब है की आप एक दुसरे की तारीफ़ भी कर सकते हैं और यह ज़ाहिर कर सकते है की आप एक दुसरे की तरफ कितना आकर्षित हैं। 
 
लेकिन शारीरिक फोरप्ले की तरह, अपनी साथी की प्रतिक्रिया पर ध्यान दीजिये। अगर आप का कुछ भी कहना या करना उन्हें अच्छा नहीं महसूस करा रहा तो रुक जाइये! और अगर उन्हें पसंद आये, तो लगे रहिये...और फोरप्ले का मज़ा लीजिये और दीजिये!  

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