बुधवार, 19 अगस्त 2020

ऐसे करें पुरुष बाँझपन की जाँच

 



ऐसे करें पुरुष बाँझपन की जाँच :-

 

बच्चा न होने के 40-50% मामलों में पुरुष की इन्फर्टिलिटी जिम्मेदार होती है। ऐसे में आप पिता बनने में कितने सक्षम हैं, इसकी जांच करने के ये 7 तरीके हैं।

हर कोई अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए एक संतान चाहता है। मगर कई बार महिला या पुरुष को शारीरिक-मानसिक समस्याओं के कारण बच्चा होने में परेशानी आती है। बहुत सारे लोग आज भी यही समझते हैं कि इन्फर्टिली (Infertility) यानी बांझपन सिर्फ महिलाओं की शारीरिक कमियों के कारण होता है, जबकि ऐसा नहीं है। पुरुषों में भी बांझपन होता है, जिसके कारण उन्हें पिता बनने में परेशानी आती है। इसे पुरुष बांझपन (Male Infertility) कहते हैं। दुनिया में जिन भी कपल्स को बच्चा होने में परेशानी आती है, उनमें से 40 से 50 प्रतिशत मामलों में पुरुष की कमी जिम्मेदार होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के सभी पुरुषों में से लगभग 7% पुरुष वयस्क बनने तक पिता बनने की क्षमता खो देते हैं।

पुरुषों में इन्फर्टिलिटी की मुख्य वजहें हैं-

शुक्राणुओं की कमी (Low Sperm Count),

शुक्राणुओं का ठीक से फंक्शन न करना (abnormal sperm function),

 कोई बीमारी, कोई चोट, सेहत से जुड़ी कोई समस्या, गलत लाइफस्टाइल और कुछ अन्य फैक्टर्स।

लेकिन पुरुष बांझपन की जांच कराना आज के समय में आसान हो गया है।

हम आपको बता रहे हैं कि कौन सी जांच कराकर पुरुष जांच सकते हैं कि वो पिता बनने में सक्षम हैं अथवा नहीं।

हार्मोन टेस्ट (Hormone testing)

पुरुषों के शुक्राणुओं के निर्माण से लेकर इनके ठीक से फंक्शन करने तक, हार्मोन्स का बड़ा रोल होता है। सेक्सुअल एक्टिविटीज से संबंधित हार्मोन्स पिट्यूटरी ग्लैंड, हाइपोथेलेमस और टेस्टिकल्स (अंडकोष) में बनाए जाते हैं। इनके अलावा अन्य हार्मोन्स भी कई बार छोटी-मोटी समस्याएं पैदा करते हैं, जिससे पुरुषों को पिता बनने में परेशानी आती है। पुरुषों में खासकर टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के कारण कई समस्याएं आती हैं। पुरुष इनकी जांच के लिए अपना हार्मोन टेस्ट करा सकते हैं, जिसके लिए खून का नमूना (Blood Sample) लिया जाता है।

अंडकोष का अल्ट्रासाउंड (Scrotal  ultrasound)

इस टेस्ट में आपको अंडकोष का अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जिससे डॉक्टर द्वारा आपके टेस्टिकल्स में या इसके इसको सपोर्ट करने वाले दूसरे अंगों में होने वाली समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।

इजैकुलेशन के बाद यूरिन की जांच (Post ejaculation urinalysis)

इस जांच में यूरिन यानी पेशाब में मौजूद स्पर्म की जांच करके इस बात का पता लगाया जा सकता है कि कहीं इजैकुलेशन के दौरान आपका वीर्य वापस ब्लैडर में तो नहीं चला जाता। इस जांच के लिए पुरुषों का यूरिन सैंपल लिया जाता है।

जेनेटिक टेस्ट (Genetic tests)

अगर आपके वीर्य में स्पर्म का कंसंट्रेशन बहुत कम है, तो ये इस बात का संकेत हो सकता है कि आप जेनेटिक कारणों से पिता नहीं बन पा रहे हैं। इस जांच के लिए भी खून का सैंपल लिया जाता है। जेनेटिक टेस्टिंग से कई ऐसी समस्याओं का भी पता चल जाता है, जिनका आपके परिवार में इतिहास रहा हो, यानी जो समस्याएं आपके परिवार में पहले से चली आ रही हों।

स्पर्म फंक्शन टेस्ट (sperm function tests)

इसमें ढेर सारे टेस्ट शामिल हैं, जो इस बात का पता लगाते हैं कि आपके स्पर्म इजैकुलेशन के बाद कितने समय तक जीते हैं, वो महिला के अंडों तक पहुंचकर उसमें प्रवेश करने में कितने सक्षम हैं या फिर कोई अन्य समस्या है। आमतौर पर ये टेस्ट कम किए जाते हैं।

टेस्टिकुलर बायोप्सी (Testicular  biopsy)

इस टेस्ट के लिए आपके टेस्टिकल्स (अंडकोष) से सुई के द्वारा एक छोटा सा सैंपल लिया जाता है और फिर इसका टेस्ट किया जाता है। इससे इस बात का पता लगाने में मदद मिलती है कि क्या आपका टेस्टिस सही से स्पर्म बना रहा है अथवा नहीं। अगर इस टेस्ट में स्पर्म ठीक बनता हुआ दिखता है, तो इसका अर्थ है कि ब्लॉकेज या स्पर्म ट्रांसपोर्ट की समस्या हो सकती है।

ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड (Transrectal  ultrasound)

इस टेस्ट में आपके गुदा द्वार में एक चिकनाईयुक्त वैन्ड (रॉडनुमा डिवाइस) डाली जाती है, जिससे डॉक्टर को यह जांचने में मदद मिलती है कि वीर्य बाहर निकलने के रास्ते में कोई ब्लॉकेज तो नहीं है।

ये सभी टेस्ट्स डॉक्टर्स के द्वारा आपका मेडिकल इतिहास, आदतों, लक्षणों और समस्या को ध्यान में रखकर किए जाते हैं। इसलिए अगर आपको पिता बनने में परेशानी आ रही है या फिर लंबे समय से प्रयास के बाद भी आपकी साथी को गर्भ नहीं ठहर रहा है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर इनमें से कोई टेस्ट करा सकते हैं।

 

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रविवार, 5 जुलाई 2020

रेगुलर एक्सरसाइज करने से आप रहेगें सेक्सुअली फिट




रेगुलर एक्सरसाइज करने से आप रहेगें सेक्सुअली फिट  :-

 रोज़ाना एक्सरसाइज़ करने से न स़िर्फ बॉडी फिट एंड फाइन रहती है, बल्कि ये सेक्स लाइफ को हेल्दी बनाने में भी मदद करता है।  रेग्युलर जिम जाना आपके अंतरंग पलों के लिए क्यों फ़ायदेमंद है? आइए, जानते हैं:-


1. टेस्टोस्टेरॉन लेवल बढ़ता है

अंतरंग पलों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  ये हार्मोन सेक्स की इच्छा और क्रियाशीलता के लिए उत्तरदायी है।  रिसर्च बताती है कि रेग्युलर एक्सरसाइज़, ख़ासकर जिम में किए जानेवाले एक्सरसाइज़ से टेस्टोस्टेरॉन लेवल बढ़ता है।  

2. एनर्जी लेवल बढ़ता है

रेग्युलर एक्सरसाइज़ करने से एनर्जी लेवल बढ़ता है और ये एनर्जी सेक्स लाइफ में भी आपको एनर्जेटिक बनाए रखता है और आप सेक्स को ज़्यादा एंजॉय कर पाते हैं। 

3. आत्मविश्‍वास बढ़ता है

मोटापा सेक्स के लिए हानिकारक है. इससे जल्दी थकान महसूस होने लगती है और मोटापे का शिकार व्यक्ति पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाता।  इससे उसका आत्मविश्‍वास टूट जाता है और वह सेक्स से दूर भागने लगता है।  जिम में एक्सरसाइज़ करने से मोटापा कम होता है और टेस्टोस्टेरॉन लेवल बढ़ने से सेक्स की इच्छा जागने लगती है।  

4. मिलती है टोन्ड-अट्रैक्टिव बॉडी

स्लिम-ट्रिम व टोन्ड बॉडी सबको आकर्षित करती है।  जिम जाने से एब्स टोन्ड होते हैं।  हाथ और पैरों की मसल्स स्ट्रॉन्ग होती हैं।  महिलाओं की कमर पतली होने लगती है।  बॉडी में कर्व्स आने लगते हैं।  प्यार के उन ख़ास पलों में आपकी आकर्षक बॉडी पार्टनर को आपके और क़रीब ले आती है। 

5. दूर होता है स्ट्रेस

आमतौर पर स्ट्रेस के कारण कपल्स अंतरंग पलों को पूरी तरह एंजॉय नहीं कर पाते।  तनावग्रस्त होने पर उन्हें सेक्स की इच्छा नहीं होती।  स्ट्रेस से स्टेमिना भी घटता है।  जिम में रेग्युलर एक्सरसाइज़ स्ट्रेस बस्टर का काम करता है।  एक्सरसाइज़ करने के बाद आप रिलैक्स महसूस करते हैं। 

6. बैलेंस डायट

जिम में एक्सरसाइज़ के साथ ही ट्रेनर आपको डायट चार्ट भी देते हैं।  वो आपके एक्सरसाइज़ टाइप और शरीर की ज़रूरतों के अनुसार आपका डायट चार्ट बनाते हैं।  वर्कआउट के बाद शरीर को पोषक तत्वों की ज़रूरत पड़ती है।  मसल्स और बॉडी बिल्डिंग के लिए हाईप्रोटीन और ज़िंक युक्त डायट लेनी चाहिए।  हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए बैलेंस डायट बहुत ज़रूरी है। 

7. ब्रीदिंग पर कंट्रोल होता है


एक्सरसाइज़ और योग आपको ब्रीदिंग पर कंट्रोल करना सिखाता है और सही ब्रीदिंग टेकनीक से आप सेक्स का ड्यूरेशन और प्लेज़र दोनों बढ़ा सकते हैं। 


8. ऑर्गेज़म को बेहतर बनाता है

रिसर्च से ये बात पता चली है कि जो महिलाएं रेग्युलर एक्सरसाइज़ करती हैं, वे जल्दी उत्तेजित हो जाती हैं और ऑगेज़म को एन्जॉय करती हैं. दरअसल एक्सरसाइज़ से उनमें सेक्स हार्मोन्स का लेवल बढ़ जाता है, जिससे वे बेहतर सेक्स पार्टनर साबित होती हैं। 

गुरुवार, 25 जून 2020

अच्छा स्वास्थ (फिटनेस) हेल्दी रिलेशनशिप की नीव है


अच्छा स्वास्थ (फिटनेस) हेल्दी रिलेशनशिप की नीव है-
अच्छा स्वास्थ अब तक हेल्थ से ही जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन सच तो यह है कि आपकी अच्छा स्वास्थ आपके रिश्ते को भी प्रभावित कर सकती है। आप फिट रहेंगे, तो आपका रिश्ता भी हेल्दी और फिट बना रहेगा। 
अगर आप भी अपने रिश्ते को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो आज से ही अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू कर दें। 
शादी से पहले ही नहीं, शादी के बाद भी फिट रहना बेहद ज़रूरी है। तो आज और अभी से ही अपने रिश्ते को बनाएं हेल्दी और अपने फिटनेस पर विशेष ध्यान दें। 

एक्सपर्ट्स के अनुसार-
शादी और फिटनेस में बहुत गहरा संबंध है। फिट और हेल्दी रहने से आप अधिक ऊर्जा व उत्साह का अनुभव करते हैं, जिससे आप अपने रिश्ते में भी अधिक उत्साह का अनुभव करते हैं। 
फिटनेस से आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता है, जिससे सीधा-सीधा असर आपके रिश्ते पर भी पड़ता है। 
  1. एक साथ वर्कआउट करने से आप अपने साथी के क़रीब आते हैं। आप दोनों में आपसी समन्वय व सामंजस्य बेहतर होता है। शेयरिंग की भावना बढ़ती है। सेक्स लाइफ भी बेहतर होती है।  बढ़ी हुई ऊर्जा और बेहतर बॉडी इमेज आपसी आकर्षण को बढ़ाते हैं। 
  2. तनाव कम होता है हेल्दी रहने और रेग्यूलर एक्सरसाइज़ से आपका स्ट्रेस लेवल कम होता है। एक्सपर्ट्स यह बताते हैं कि तनाव आपको शारीरिक व भावनात्मक रूप से कमज़ोर बनाकर रिश्तों की आत्मीयता को धीरे-धीरे ख़त्म करता है। यहां तक कि सेक्स लाइफ को स्पॉइल करने में सबसे बड़ा रोल स्ट्रेस यानी तनाव का ही होता है। जहां सेक्स लाइफ अच्छी नहीं होगी, वहां रिश्ता अपने आप कमज़ोर होता चला जाएगा। ऐसे में जब तनाव कम होगा, तो आपका रिश्ता भी तनाव से मुक्त होगा। 
  3. आप जब अपने पार्टनर के साथ मिलकर फिटनेस गोल डिसाइड करते हैं, तो और भी उत्साह के साथ अपना लक्ष्य पाने की कोशिश करते हैं। फिटनेस से यदि आप दोनों और क़रीब आएं, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है इसे सीधे तौर पर कहा जाए, तो जब आप ख़ुद अच्छा महसूस करते हो, तो आप एक बेहतर पति/पत्नी बन सकते हो। 
  4. यदि आपको जिम की मेंबरशिप या योगा क्लासेस की टाइमिंग्स सूट नहीं करती या महंगी लगती है, तो दूसरे तरी़के से फिटनेस प्रोग्राम प्लान किया जा सकता है। जैसे- आप दोनों सुबह जल्दी उठकर वॉक पर जाएं या टेरेस पर स्किपिंग व स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करें। 
  5. शाम को ऑफिस से आते समय या घर आने के बाद ही साथ में बाहर वॉक करते हुए मार्केट जाएं और सब्ज़ी व ज़रूरी सामान साथ लाएं। 
  6. लिफ्ट का इस्तेमाल न करें. सीढ़ियों से जाएं। घर के काम में साथ-साथ हाथ बंटाएं।  कपड़ों को लॉन्ड्री में देने की बजाय उनकी इस्तरी ख़ुद करें. एक दिन आप करें और एक दिन आपका पार्टनर, इस तरह से काम बांट लें। 
  7. इन सबके अलावा नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर लेवल, बीपी, कोलेस्ट्रॉल व अन्य टेस्ट्स करवाएं.
एक अध्ययन से यह बात सामने आई कि कुछ कपल्स ने यह महसूस किया कि फिटनेस से उनके व्यक्तित्व व रिश्ते पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। 
अपने अनुभव के बारे में बताते हुए एक शख़्स ने कहा, पहले मुझे लगता था कि एक्सरसाइज़ और फिटनेस स़िर्फ पर्सनल केयर के अंतर्गत आता है, लेकिन मुझे किसी ने सलाह दी कि इसे इस तरह से देखो कि तुम्हें अपनी फैमिली, अपने पार्टनर के लिए भी फिट रहना है। इस सोच के साथ जब मैंने वर्कआउट और डायट वगैरह पर ध्यान देना शुरू किया, तो वाकई मेरा कॉन्फिडेंस भी बढ़ा और जब-जब मैंने अपनी बेटी और पत्नी को कहा कि मुझे तुम्हारे लिए फिट रहना है, ताकि मैं भी तुम्हारी तरह यंग और फिट नज़र आऊं। यह सुनकर मेरी फैमिली भी बेहद ख़ुश हुई और हमारी बॉन्डिंग और स्ट्रॉन्ग हुई। 
शादी के बाद फिटनेस का ख़्याल रखना और भी ज़रूरी हो जाता है, क्योंकि इससे आप में और आपके पार्टनर दोनों में यह एहसास बढ़ता है कि आप एक-दूसरे के लिए हेल्दी और आकर्षक नज़र आना चाहते है। इसके अलावा आप अधिक उत्साह व उमंग का अनुभव भी करते हैं। 
अमूमन लोगों की, ख़ासतौर से भारतीय लोगों की यह सोच रहती है कि जब तक शादी न हो जाए, तक तक ही आपको फिट और अट्रैक्टिव लगना है, लेकिन शादी के बाद वो इस पहलू को इस कदर नज़र अंदाज़ कर देते हैं कि उनमें न स़िर्फ बेहिसाब मोटापा बढ़ जाता है, बल्कि कई बीमरियों के भी शिकार होने लगते हैं।  जिस वजह से रिलेशनशिप और यहां तक कि सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है। 

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मंगलवार, 9 जून 2020

क्या आप जानते है गर्मी आपके फर्टिलिटी (शुक्राणु) को कम कर सकती है?




क्या आप जानते है  गर्मी आपके फर्टिलिटी (शुक्राणु) को कम कर सकती है?

बहुत लोगों को इनफर्टिलिटी और स्पर्म काउंट कम होने की शिकायत होती है। मेडिकल ट्रीटमेंट और सप्लीमेंट इसका समाधान हो सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको जीवनशैली में भी कुछ बदलाव करने होते हैं।
स्वस्थ और फिट रहने के लिए यौन स्वास्थ्य को बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। यौन स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या आपको माता-पिता बनने से रोक सकती है। यदि आपको लगातार इंफर्टिलिटी या शुक्राणुओं की कम संख्या की शिकायत हो रही हैं, तो आपको अपने शुक्राणु के स्वास्थ्य को लेकर सचेत होना चाहिए। शरीर के प्रत्येक अंग को टॉक्सिन्स फ्री और स्वस्थ रहने के लिए एक मुक्त वातावरण और पर्याप्त मात्रा में पोषण की आवश्यकता होती है। हालांकि, आपकी कुछ आदतें शुक्राणुओं के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती हैं।
लोग लैपटॉप को अक्सर गोद में रखकर काम करते हैं या अत्यधिक गर्म पानी से स्नान करते हैं जिससे इनकी गर्मी शुक्राणु के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। शुक्राणुओं को शरीर की तुलना में कम से कम 4 डिग्री कम तापमान की आवश्यकता होती है। आइए उन कारणों के बारे जानें जो आपके शुक्राणु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं और आपकी फर्टिलिटी को कम कर सकते हैं।
लैपटॉप
लैपटॉप से निकलने वाली हीट आपके स्पर्म के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यह आपके टेस्टिकल्स को गर्म कर देती है जबकि स्पर्म को कम तापमान की जरुरत होती है। इसलिए लैपटॉप को गोद में रखकर अधिक देर तक इस्तेमाल करने से शरीर में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।
स्मार्टफोन्स
आपके मोबाइल फोन्स भी आपके स्पर्म के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। बहुत से लोग अपने फोन को जेब में रखते हैं जिससे उस हिस्से में हीट पहुंचती है। बैटरी की गर्मी और इलैक्ट्रोमेगनेटिक वेव्स शुक्राणुओँ की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं और प्रजनन क्षमता को कम करती हैं।
तंग कपड़े
कुछ पुरुषों को तंग कपड़े पहनना पसंद होता है। हालांकि इससे उनके स्पर्म काउंट पर बुरा असर होता है। टेस्टिकल्स को सांस लेने के लिए ताजा हवा की आवश्यकता होती है। इसलिए ढ़ीले पैंट और अंडरवियर पहनना फायदेमंद होता है।
गर्म पानी से नहाना
थक जाने के बाद हर किसी को हॉट शावर लेना पसंद होता है। हालांकि, पानी के गर्म तापमान से आपके टेस्टिकल्स का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए हॉट शावरों कम लें।
स्पर्म के स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखें

अध्ययनों के मुताबिक, गर्मियों के मौसम में शुक्राणुओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ऐसा अत्यधिक गर्मी के कारण होता है। इसलिए सूरज के संपर्क में अधिक समय तक ना रहें।
तंग कपड़े ना पहनें। इस हिस्से को ठंडा रखने के लिए ढीले स्वेटपैंट्स या बॉक्सर्स पहनें।
शरीर के तापमान को कम रखने गर्मियों के दौरान स्विमिंग करने जाएं।
वजन कम करें। मोटापे के कारण स्क्रोटम पर फैट की एक परत जम जाती है, जो टेस्टिकल्स को लगातार गर्म रखती है। यह शुक्राणुओं के उत्पादन को कम करता है। इसके अलावा, मोटापा इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण है।


रविवार, 31 मई 2020

यौन जीवन में व्याप्त भ्रांतियां जो आपके यौन संबंधो पर विपरीत प्रभाव डालती है


यौन जीवन में व्याप्त भ्रांतियां जो आपके  यौन संबंधो पर विपरीत प्रभाव डालती है:

सेक्स, प्यार का ही एक स्वरूप है और आपके रिश्ते को जोड़े रखने वाली मज़बूत कड़ी व नींव भी है।  यदि यह नींव किन्हीं कारणों से कमज़ोर पड़ गई तो इसका सीधा असर आपके रिश्ते पर ही पड़ेगा।  सेक्स को लेकर आज भी बहुत सी भ्रांतियां व डर हैं जो आपके रिश्ते पर नकारात्मक असर डालते हैं। 
क्या हैं ये भ्रांतियां और क्या है सच्चाई यह जानना ज़रूरी है ताकि आपका रिश्ता बना रहे व मज़बूती से टिका भी रहे। 

भ्रांतियां:-

1- रोज़ाना सेक्स नहीं करना चाहिए

यह मात्र ग़लतफ़हमी है।  आप दोनों अगर रोज़ाना सेक्स करने की इच्छा रखते हो तो ख़ुद को रोके रखने में समझदारी नहीं है पति का मन है, लेकिन पत्नी के मन में यह बात घर कर गई है कि यह रोज़ करनेवाली क्रिया नहीं है ऐसे में पति का नाराज़ होना जायज़ है।  बेहतर होगा कि इस बात को मन से निकाल दें और अपनी सेक्स लाइफ को क्रिएटिव बनाने की तरफ़ ध्यान दें। 

2- दिन में बस एक बार ही सेक्स करना चाहिए

यह दूसरी सबसे बड़ी भ्रांति है।  भूल जाइए कि आपके दोस्त व रिश्तेदार क्या कहते हैं क्योंकि ऐसा कोई फिक्स नंबर नहीं है और न ही कोई मैजिक नंबर है जो आपको पता चल जाए और आप उसको फॉलो करें।  सेक्स हमेशा सहज और स्वाभाविक होना चाहिए।  कपल जब भी एक-दूसरे के लिए यह महसूस करें उन्हें सेक्स करना चाहिए और यदि दोनों में से एक का भी मन न हो, तो इंतज़ार करना ही बेहतर होगा, क्योंकि यह किसी एक को ख़ुश व संतुष्ट करने की क्रिया नहीं बल्कि आपके रिश्ते को और भी ख़ूबसूरत बनाने की क्रिया है।  तो यह जितना सहज होगा उतना बेहतर होगा। 

3- सेक्स के लिए नियम नहीं बनाना चाहिए

जी नहीं।  आप इसका टाइम टेबल ज़रूर बना सकते हो और यह आपको फन का एक्सपीरियंस देगा।  यह सच है कि सेक्स सहज होना चाहिए, लेकिन याद करें रिश्ते के शुरुआती दिन, जब आप बन-ठनकर, कैंडल्स जलाकर, सेक्सी ड्रेस पहनकर मूड ऑन करते थे तो क्यों न अपने कैलेंडर पर नए तरी़के से काम करें और सेक्स के लिए भी टाइम टेबल बनाकर रिश्ते में नयापन व ताज़गी लाएं। 

4- सभी पुरुष रोज़ सेक्स करने की चाह रखते हैं

अधिकांश महिलाएं पुरुषों के बारे में यही राय रखती हैं।  उन्हें लगता है पुरुष हमेशा सेक्स के लिए तैयार रहते हैं और यदि उन्हें ख़ुश न रखा गया, तो वो रिश्ते से बाहर सेक्स व प्यार ढूंढ़ने लगते हैं।  जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं।  पुरुष ही नहीं, बहुत सी महिलाएं भी हैं जिनके सेक्स की चाहत अपेक्षाकृत अधिक होती है।  यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसकी सेक्स की इच्छा कब और कितनी होती है।

5- महिलाएं सेक्स को एंजॉय नहीं करतीं

यह भी बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी है और इसका शिकार भी सबसे ज़्यादा महिलाएं ही हैं।  महिलाओं को ख़ुद लगता है कि सेक्स स़िर्फ पुरुषों को ख़ुश करने के लिए होता है।  ऐसे में वो सेक्स में पहल करने से भी कतराती हैं और सेक्स की इच्छा या अनिच्छा होने पर व्यक्त भी नहीं कर पातीं, वो अपने पार्टनर के मन व मूड के अनुसार सेक्स करती हैं।  लेकिन इस तरह का सेक्स मशीनी प्रक्रिया से अधिक कुछ नहीं होगा।  सेक्स भावना है, कोई रूटीन काम नहीं, जिसे बस निपटाना है. इस भावना को जब तक महसूस नहीं करेंगे तब तक पार्टनर से कैसे जुड़ाव महसूस करेंगे?

6- उम्र बढ़ने पर सेक्स की इच्छा कम हो जाती है, इसलिए ख़ुद पर कंट्रोल रखना चाहिए

अधिकांश भारतीयों में यह सोच होती है कि बच्चे बड़े हो रहे हैं तो ऐसे में यह सब शोभा नही देता।   सेक्स से उम्र या बच्चों का कोई लेना-देना नहीं होता आप जब तक हेल्दी हैं और जब तक आपकी इच्छा है आप सेक्स कर सकते हैं इसमें कोई बुराई नहीं है। 

7- मेरे पार्टनर को पता होना चाहिए कि मुझे सेक्स के दौरान क्या पसंद है, क्या नहीं

सबसे पहले तो यह जान लें कि आपका पार्टनर माइंड रीडर नहीं है।   जब तक आप दोनों कम्यूनिकेट नहीं करेंगे, तब तक किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।  आप दोनों बस अंदाज़ा ही लगाते रह जाओगे।  जिस तरह रिश्ते की मज़बूती के लिए कम्यूनिकेशन ज़रूरी है उसी तरह अच्छी सेक्स लाइफ के लिए भी कम्यूनिकेशन बेहद ज़रूरी है. आप दोनों को एक-दूसरे से बात करनी चाहिए अपनी फैंटसीज़, अपने प्लेज़र पॉइंट्स आदि बताने चाहिए, ताकि सेक्स आप दोनों के लिए संतोषजनक हो। 

8- शादीशुदा कपल पारंपरिक सेक्स ही करते हैं

अधिकांश कपल्स की सेक्स को लेकर कई तरह की फैंटसीज़ होती हैं।  उनकी कल्पना का सेक्स अलग ही होता है जबकि हक़ीक़त इससे कोसों दूर होती है क्योंकि सेक्स को लेकर आपके मन में बहुत से मिथ्स होते हैं आपको लगता है कि शादी के बाद सेक्स में ज़्यादा एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकते हैं जबकि आप अपनी फैंटसीज़ एक-दूसरे के साथ डिसकस कर सकते हैं और जितना संभव हो, उन्हें पूरा करने का प्रयास भी कर सकते हैं चाहे सेक्स पोज़ीशन की बात हो या नई जगह पर सेक्स करना, आप सब कुछ ट्राई कर सकते हो,  ज़रूरी नहीं कि आप अपनी सेक्स लाइफ को पारंपरिक सेक्स का नाम देकर बोरिंग बना दें और अपने रिश्ते को कमज़ोर करने की नींव रख दें। 

9- बढ़ती उम्र के साथ फोरप्ले और नॉटी बातें कम होती जाती हैं

यह सच नहीं है।   आपकी उम्र से इन सब बातों का कोई लेना-देना नहीं होता।  फोरप्ले हमेशा ही ज़रूरी होता है और नॉटी बातें आपके रोमांस को बरक़रार रखती हैं।  बेहतर सेक्स व रिलेशनशिप के लिए दोनों का ही नॉटी होना बेहद ज़रूरी है, चाहे आपकी उम्र कितनी भी हो। 

10- किसी यंग के साथ सेक्स का अनुभव बेहतर होता है

यह भी बहुत बड़ी भ्रांति है।  सेक्स अनुभव व उम्र के साथ बेहतर होता जाता है और आप दोनों ही समय के साथ एक-दूसरे को बेहतर समझने लगते हैं।  ऐसे में उम्र का सेक्स के अनुभव व बेहतर सेक्स से कोई लेना-देना नहीं होता।  यह कतई ज़रूरी नहीं कि यंग पार्टनर के साथ सेक्स का अनुभव ज़्यादा अच्छा रहेगा।  यहां मामला उल्टा भी हो सकता है। 



11- पत्नी को ऑर्गैज़्म न मिला, तो वो पति को कमज़ोर समझेगी

यह सोच पुरुष व महिलाएं दोनों में होती है।  यदि सही तरी़के से फोरप्ले किया जाए, तो दोनों को ही एक साथ ऑर्गैज़्म मिल सकता है।  लेकिन यदि इस क्रिया में कभी ज़्यादा एक्साइटमेंट के चलते या कभी अन्य कारणों से कोई एक जल्दी स्खलित हो जाए, तो इसका यह कतई अर्थ नहीं कि वो कमज़ोर है।  ऐसा होना स्वाभाविक है। समय के साथ-साथ जब आप दोनों की कंपैटिबिलिटी व समझ बढ़ेगी, तो सेक्स को लेकर सहजता भी बढ़ेगी और आपका अनुभव बेहतर होता जाएगा।  कई बार तो पत्नियां भी मात्र इस बात का प्रदर्शन करती हैं कि उन्हें ऑर्गैज़्म मिला है, पर बेहतर होगा सेक्स को लेकर खुलकर बात करें।  इससे आपका रिश्ता भी बेहतर होगा, वरना कुंठाएं जन्म लेंगी। 

12- सेक्स से कमज़ोरी आती है

यह सोच आज भी है।  लंबे समय तक एथलीट्स को भी यही सलाह दी जाती थी कि अपनी परफॉर्मेंस से पहले की रात वो सेक्स न करें।  इस सोच के पीछे की धारणा यह होती थी कि सेक्स न करने से आपकी ऊर्जा बचती है और वो एग्रेशन आप अपनी परफॉर्मेंस में देते हैं, जिससे आपका प्रदर्शन बेहतर होता है।  पर अब कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि इसमें सच्चाई कम ही है।  बेहतर सेक्स आपके प्रदर्शन को बेहतर करता है, न कि कमज़ोर।

13- पोर्न फिल्म्स से आप अपनी सेक्स लाइफ में नई ताज़गी ला सकते हैं

बहुत से लोग यह सोचते हैं कि इस तरह की फिल्म्स में जो दिखाया जाता है वह सच में संभव है, जबकि यह मात्र सेक्स को ग़लत संदर्भ में ग़लत तरी़के से दिखाती हैं।  यह स़िर्फ पैसे कमाने की इंडस्ट्री है, इसे आपकी सेक्स लाइफ या आपको एजुकेट करने में कोई दिलचस्पी नहीं होती।  ये आपको वही दिखाती हैं, जो आपको अधिक उत्तेजक लगे, लेकिन यथार्थ में वह संभव नहीं हो सकता।  कई लोग जब अपने पार्टनर पर पोर्न फिल्म देखकर उसी तरह परफॉर्म करने का दबाव बनाते हैं, तो रिश्तों में दूरियां व दरार आने लगती है।  बेहतर सेक्स के लिए पार्टनर की भावनाओं का ख़्याल रखना सबसे ज़रूरी है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पोर्न देखने की लत से आपका सेक्स जीवन पूरी तरह से ख़त्म होने की कगार पर आ सकता है, क्योंकि उसके बाद आपको रियल सेक्स बोरिंग लगने लगता है और आपको वो नकली दुनिया ज़्यादा हसीन व रंगीन नज़र आती है. बेहतर होगा कि इन फिल्मों की लत से बचें।

14- अल्कोहल सेक्सुअल परफॉर्मेंस बेहतर करता है

शुरुआती दौर में आपको ऐसा लगता है, लेकिन अल्कोहल आगे चलकर आपकी परफॉर्मेंस व सेहत दोनों को ख़राब ही करता है।  साथ ही यह रिश्तों पर नकारात्मक असर डालता है. इसलिए कभी-कभार इसका सेवन आपका मूड बेहतर कर सकता है, पर इसकी भी लत अच्छी नहीं और इसे लेकर यह भ्रम ख़तरनाक है कि आपकी सेक्सुअल परफॉर्मेंस इससे बेहतर होगी। 

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