लिंग के
रोग (Panis Disorders)
पेनिस (लिंग) रोग (Panis
Disorders) पुरुषों के लिए बहुत गंभीर समस्या है। यह समस्या
पुरुष के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं । वास्तव में ऐसी कई सामान्य बीमारियां हैं, जो लिंग को काफी हद
तक प्रभावित कर सकती हैं। और आगे चलकर यौन संक्रमित संक्रमण का कारण बनती हैं। अतः
लिंग से सम्बंधित समस्या एक पुरुष के सम्पूर्ण जीवन को खतरे में डाल सकती है।
प्रत्येक पुरुष को पेनिस (लिंग) से सम्बंधित रोग और उनके लक्षणों के बारे में
जानकारी होना अतिआवश्यक है। पेनिस (लिंग) के रोग क्या हैं, इनके लक्षण क्या हैं, कारण, प्रकार, उपचार और बचाव की जानकारी दी जा रही
है।
लिंग के रोग (Panis Disorders) क्या हैं
पेनिस (लिंग) के रोग पुरुषों
में लिंग से सम्बंधित विभिन्न समस्याएं हैं, जो यौन
समस्याओं का कारण बनते हैं।
एक स्वस्थ व्यक्ति के पास
स्वस्थ लिंग होने की निम्न विशेषताएं पाई जाती हैं जैसे – मूत्र त्यागने में सक्षम, तरल पदार्थ में
संतुलन बनाए रखना, यौन संबंध रखने में सक्षम और गर्भ
में वीर्य स्थापित करने में सक्षम होना।
लेकिन लिंग के सीधा होने वाली
कठिनाई, पूर्ण यौन संभोग करने में असमर्थ तथा लिंग
में झुकाव ये सभी सामान्य स्थितियाँ लिंग और यौन जीवन को प्रभावित कर सकती है।
पेनिस (लिंग) रोग के लक्षण
पेनिस रोग (Panis
disease) लिंग के आधार, शाफ्ट या
सिरे को प्रभावित कर सकते हैं। यह फोरस्किन (foreskin) या
लिंग की चमड़ी को भी प्रभावित करते है। अतः पेनिस (लिंग) रोग के प्रकारों के आधार
पर निम्न लक्षण प्रकट हो सकते हैं ।
Ø लिंग में दर्द
Ø लिंग क्षेत्र में खुजली होना
Ø जलन महसूस होना
Ø लिंग की नोक पर सूजन
Ø मूत्र या वीर्य में रक्त की उपस्थिति
Ø निचली कमर में दर्द होना
Ø वीर्यपात के दौरान दर्द होना
Ø लिंग को खड़ा करने या रखने में समस्याएं
Ø लिंग में घाव आना
Ø बुखार आना
Ø लगातार पेशाब आना
Ø मूत्र त्याग करने में दर्द और जलन महसूस होना
Ø पेशाब सम्बन्धी तीव्र इच्छा
Ø मूत्रमार्ग (Urethra) में दर्द
होना
Ø लिंग से रिसाव होना
पेनिस (लिंग) के रोग के कारण
पेनिस के रोग विभिन्न प्रकार
की गतिविधियों के कारण उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे –
Ø शराब का अत्यधिक सेवन करने से
Ø किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने से, जिसे पहले से ही संक्रमण हो
Ø असुरक्षित सेक्स करने से
Ø अवैध दवाओं का अत्यधिक लम्बे समय तक सेवन करने से
Ø एक से अधिक भागीदारियों के साथ यौन संबंध रखने से
Ø लिंग (panis) या रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से
Ø एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होने पर
Ø लिंग की नियमित सफाई न करने से
Ø सेक्स गतिविधियों के दौरान लिंग को नुकसान होने से
Ø हार्मोन असंतुलन, विशेष
रूप से टेस्टोस्टेरोन (testosterone) की कमी के कारण ।
पेनिस के रोग के प्रकार
जब लिंग (पेनिस) में कोई
समस्या उत्पन्न होती है, तो यह समस्या यौन जीवन के साथ-साथ
सम्पूर्ण स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। लिंग (Panis) को प्रभावित करने वाली कुछ सबसे सामान्य स्थितियां निम्न हैं:
प्रियापिज्म
यह समस्या लिंग में स्थिर
दृढंता (Priapism) का कारण बनती है। प्रियापिज्म (Priapism) एक गंभीर स्थिति है, जिसमें एक आदमी का लिंग
चार घंटे से अधिक समय तक खड़ा रहता है या अपनी वास्तविक स्थिति में नहीं आता है।
यह काफी दर्दनाक हो सकता है, तथा यह घंटों या कई दिनों
तक रह सकता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाने
की ज़रूरत होती है।
फाइमोसिस
एक ऐसी स्थिति जिसमें लिंग के सिर को कवर करने वाली अतिरिक्त
त्वचा (foreskin) बहुत अधिक टाइट होती है। जिसके
कारण इसे वास्तविक स्थिति से हटाकर लिंग के सिरे को देखना मुश्किल हो जाता है।
फाइमोसिस (Phimosis) का इलाज करने के लिए सर्जरी का उपयोग
किया जा सकता है।
पैराफिमोसिस
यह तब होता है, जब फोरस्किन (foreskin) या चमड़ी, लिंग के सिर के पीछे फंस जाता है, और अपने वास्तविक स्थान पर वापस नहीं आ सकती है। यह चिकित्सा आपातकालीन
स्थिति है, जो इलाज नहीं किए जाने पर गंभीर जटिलताओं का
कारण बन सकती है।
पेरोनी रोग
यह एक ऐसी स्थिति हैं, जो लिंग
के भीतरी अस्तर पर घाव, ऊतक में कठोर गांठ के अतिरिक्त
लिंग के खड़ा होने पर एक तरफ झुकने का कारण बनती है। इस बीमारी का कारण ज्ञात नहीं
है। उपचार के बिना भी यह बीमारी ठीक हो जाती है। लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी का
आवश्यकता पड़ती है।
रेट्रोग्रेड
स्खलन
इस समस्या का संबंध उस स्थिति से है, जब संभोग किए जाने के दौरान वीर्य, लिंग की नोक
से बाहर आने की बजाय मूत्राशय में प्रवेश करता है। यह एक “शुष्क संभोग” की ओर संकेत करता है। चूंकि
रेट्रोग्रेड स्खलन (Retrograde ejaculation) हानिरहित
होता है, लेकिन यह पुरुष बांझपन (male
infertility) का कारण बन सकता है।
पेनिस में
सूजन बैलेनाइटिस
बैलेनाइटिस (Balanitis) को लिंग के सिर या फोरस्किन (foreskin) की सूजन
या संक्रमण के रूप में जाना जाता है। यह लिंग में लालिमा, रिसाव, खुजली और दर्द का कारण बनता है। यह स्थिति गंभीर नहीं है, परन्तु दर्दनाक हो सकती है। इसे दवाओं का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है।
क्रोनिक नॉनबैक्टीरियल
प्रोस्टटाइटिस
क्रोनिक
नॉनबैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस एक ऐसी स्थिति है, जो
पुरुषों में निचले मूत्र पथ और पौरुष ग्रंथि (prostate) में दर्द और सूजन का कारण बनती है।
पुरुष गुप्त रोग जननांग हरपीज
जेनिटल हर्पीज़ (Genital Herpes) एक यौन संक्रमित बीमारी है। यह हर्पस घावों (herpes sores) या दाद जैसे घावों का कारण बनती है, जो दर्दनाक
फफोले (तरल पदार्थ से भरे हुए) के रूप में हो सकते हैं।
यूरेथ्राइटिस
यूरेथ्राइटिस (Urethritis) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मूत्रमार्ग (urethra) या ट्यूब, जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर के बाहर
ले जाती है, में सूजन और परेशान का कारण बनती है। यह
समस्या मूत्रमार्ग (urethra) में संक्रमण के कारण
उत्पन्न होती है।
पुरुष खमीर संक्रमण
यीस्ट संक्रमण (Yeast
infections) महिलाओं में एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह संक्रमण पुरुषों में भी हो सकता है, यह
यौन संचारित बीमारी है। लिंग की नोक पर लालिमा, खुजली
और जलन इसके लक्षणों को प्रगट करते हैं। यीस्ट संक्रमण (Yeast
infections) का इलाज ओवर-द-काउंटर एंटीफंगल मलहम (antifungal
ointment) के साथ किया जा सकता है।
लिंग का रोग सिफलिस
सिफलिस (Syphilis), ट्रेपेनेमा पैलिडम (Treponema pallidum) नामक
बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक यौन संचारित
रोग (sexually transmitted disease) है। प्रारंभिक संक्रमण की अवस्था में यह आमतौर पर लिंग या अंडकोश की थैली
पर एक साधारण, गोल आकर में और दर्द रहित अल्सर (छाले)
का कारण बनता है। लेकिन समय के साथ यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है, और कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
पेनिस
कैंसर
लिंग कार्सिनोमा (Carcinoma) या लिंग कैंसर (penile
cancer) एक काफी दुर्लभ स्थिति है। यह त्वचा पर या लिंग के
ऊतकों में अनियमित और दर्द रहित गांठ या अल्सर (छाले) के रूप में शुरू होता है। यह आमतौर पर लिंग के
बाकी हिस्सों में तेजी से बढ़ता है।
अतः लिंग
से सम्बंधित अधिकतर मामलों में उपचार संभव हैं। इनमें से कुछ स्थितियों को अच्छी
स्वच्छता रखकर रोका जा सकता है। चूंकि लिंग से सम्बंधित कुछ स्थितियां चिकित्सा
आपातकालीन स्थिति हैं, इसलिए इन समस्याओं के लक्षणों को पूरी तरह
से जानना महत्वपूर्ण होता है।
पेनिस रोग होने पर डॉक्टर को कब दिखायें ?
लिंग (Panis) से सम्बंधित निम्न समस्याएं उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना
चाहिए:
Ø लिंग में दर्द, सूजन या कोमलता आने
पर
Ø इरेक्शन (erection) या लिंग के
खड़े होने का समय, 4 घंटे या उससे अधिक तक रहने पर
Ø एक फोरस्किन (foreskin) या लिंग की
चमड़ी का बहुत टाइट होने पर
Ø मूत्र या वीर्य में रक्त निकलने पर
Ø एक असामान्य रिसाव या स्खलन होने पर
Ø लिंग के क्षेत्र में खुजली, फफोले, घाव या छोटे लाल धब्बे आने पर
लिंग में दर्द की रोकथाम
लिंग में दर्द (Panis
Pain) विकसित होने की संभावनाओं को कम करने के लिए निम्न उपाय
अपनाये जा सकते हैं, जैसे कि:
Ø यौन संबंध रखते समय कंडोम का उपयोग करें
Ø सक्रिय संक्रमण (active infection) वाले किसी भी व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए
Ø यौन संभोग के दौरान लिंग के झुकाव या घुमाव वाली किसी भी तरह की
गतिविधियों से बचना चाहिए।
Ø संक्रमण या फोरस्किन (foreskin) से सम्बंधित समस्याओं को कम करने के लिए फोरस्किन या लिंग की त्वचा के
नीचे परिशुद्ध करण (circumcision) या सफाई करनी चाहिए।
पेनिस के रोग को दूर करने के उपाय
लिंग स्वास्थ्य को बनाए रखने
एवं लिंग से सम्बंधित समस्याओं को रोकने के लिए निम्न कदम उठाये जा सकते हैं:
लिंग को साफ रखें
कम साबुन
का उपयोग कर धीरे-धीरे लिंग को पानी से साफ करना चाहिए। तथा यदि संभव हो तो
फोरस्किन के नीचे भी साफ करना सुनिश्चित करें।
नियमित
रूप से लिंग की जांच करें
प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से सभी यौन अंगों जैसे कि अंडकोष और
अंडकोश की थैली (Scrotum) आदि में असामान्यता की जाँच
करनी चाहिए।
सेक्स
भागीदारों को कम करें
अधिक व्यक्तियों के साथ यौन संबंध रखने से बचें तथा बच्चे के
लिए प्रयास ना करने के दौरान प्रत्येक बार सेक्स करते समय कंडोम का प्रयोग करें।
धूम्रपान
बंद करें
धूम्रपान मानव के सम्पूर्ण स्वास्थ्य
और लिंग (Panis) के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता
है। अतः धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य
प्रबंधन
विभिन्न चिकित्सकीय स्थितियां और दवाएं का प्रभाव सम्पूर्ण
स्वास्थ्य पर होता है जो कि लिंग के कार्य को भी प्रभावित कर सकती हैं।
खेल और अन्य गतिविधियों के
दौरान प्रत्येक व्यक्ति को लिंग (Panis) की
सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सुरक्षात्मक सामग्री का उपयोग करना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति, लिंग (Panis) में किसी भी तरह के बदलाव का
अनुभव कर रहा हो तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए Dr.B.K.Kashyap से संपर्क करें 9305273775
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