शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

आइये जानते है क्या हैं पीरियड्स से जुड़ी कुछ जानकारिया

आइये जानते है क्या हैं पीरियड्स से जुड़ी कुछ जानकारिया

महीने के वो दिन सभी महिलाओं के लिए कष्टप्रद ही होते हैं। हालांकि ये एक ऐसा शारीरिक चक्र हैं जिसके होने पर भी महिलाओं को कष्ट उठाना पड़ता है और नियमित रूप से न होने पर दूसरी कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। पीरियड्स का दर्द हर महिला के लिए अलग होता है। पीरियड्स में न केवल पेट में दर्द रहता है बल्कि पैर और पीठ में भी काफी तकलीफ बनी रहती है।
(मेन्स्ट्रूअल साइकल,) ( महीना, ) (मासिक धर्म, ) (पीरियड्स )  को लड़कियां आम बोलचाल में डाउन भी कहती हैं। यह लड़कियों में होना एकदम सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। यह उतनी ही कुदरती है, जितना कि नाक का बहना। जन्म के वक्त से ही किसी भी लड़की की ओवरी या अंडाशय में पहले से लाखों अपरिपक्व अंडे मौजूद होते हैं। 12 से 15 साल की उम्र होते-होते ओवरी में से दसियों अंडे महीने में एक बार विकसित होने शुरू हो जाते हैं। इसके लिए( एस्ट्रोजन ) और ( प्रोजेस्ट्रोन  )नाम के हॉर्मोन जिम्मेदार होते हैं। इस उम्र में लड़कियों के शरीर में कई बदलाव भी आते हैं, जैसे ब्रेस्ट और हिप्स का साइज बढ़ना। यह बेहद सहज प्रक्रिया है वैसे ही, जैसे कि छोटे बच्चे के दांत निकलना या उसका पहली बार चलना। 
क्या करें इस दौरान ?

1. साफ कपड़ा या पैड इस्तेमाल करें
सबसे जरूरी है कि आप साफ कपड़े या पैड का इस्तेमाल करें। अगर बाजार से सैनिटरी पैड्स खरीद रही हैं तो उसकी क्वॉलिटी में समझौता न करें । घर के पुराने  सूती कपड़े का इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं है, बशर्ते कपड़े को अच्छी तरह धोकर धूप में सुखाया गया हो। 

2. दिन में कम-से-कम 3 बार बदलें
कपड़े या पैड को दिन में कम-से-कम 3 बार बदलें। पीरियड्स के शुरुआती दिनों में जब खून का बहाव ज्यादा होता है तो तो 4-6 बार पैड बदलें। कई बार देखा गया है कि पीरियड्स के आखिरी दिनों में एक ही पैड 12-12 घंटे तक रह जाता है। ऐसा करने से प्राइवेट पार्ट के अंदर और आसपास बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं। बदबू भी आती है। 

3. सेक्स से दूरी बनाएं रखना ही बेहतर होगा
पीरियड्स के दौरान शरीर में थकान और दर्द होता है। ऐसे में सेक्स न करना ही बेहतर है । अगर दर्द न हो तो भी सेक्स नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दौरान प्राइवेट पार्ट की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ऐसे में सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है और दोनों पार्टनर्स को इन्फेक्शन का खतरा रहता है। पीरिड्स के आखिरी दिनों में सेक्स संबंध बनाए जा सकते हैं, लेकिन कॉन्डम का इस्तेमाल करें। असुरक्षित सेक्स न करें। हालांकि बेहतर है कि पूरे पीरियड्स के दौरान संबंध न बनाएं। वैसे, एक मिथा  यह भी है कि पीरिएड्स के दौरान सेक्स करने से पुरुषों की सेक्स क्षमता कम होती है। दूसरा मिथा यह  भी है कि अगर पीरियड्स में सेक्स किया तो प्रेग्नेंसी के चांस कम होते हैं लेकिन यह सही नहीं है। इस दौरान सेक्स करना भी पूरी तरह सेफ नहीं है। 


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