सोमवार, 9 मार्च 2015

अनेक रोगों की दवा भी है सेक्स
आप शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे कि भला सेक्स भी रोगों की दवा हो सकता है? तो इसमें चौंकने जैसी कोई बात नहीं है। डॉक्टरों व वैज्ञानियों ने शोध करके यह पता लगाया है कि सेक्स अनेक रोगों की दवा भी है। जहां विवाहित जीवन में सेक्स एक-दूजे के बीच सुख, आनन्द, अपनापन लाता है, वही एक-दूजे के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को भी बनाए रखता है।सेक्स से शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। सेक्स से शरीर में उत्पन्न एस्ट्रोजन हार्मोन ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी नहीं होने देता है। सेक्स करने से एब्*डराफिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे त्वचा सुंदर, चिकनी व चमकदार बनी रहती है।एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर के लिए एक चमत्कार है, जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। सफल व नियमित सेक्स करने वाले दंपति अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। उनका सौंदर्य भी लंबी उम्र तक बना रहता है। उनमें उत्*तेजना, उत्साह, उमंग और आत्मविश्*वास भी अधिक होता है। सेक्स से परहेज करने वाले शर्म, संकोच, अपराधबोध व तनाव से पीड़ित रहते हैं।दिमाग को तरोताजा रखने व तनाव को दूर करने के लिए नियमित सेक्स एक अच्छा उपाय है। सेक्स के समय फेरोमोंस नामक रसायन शरीर में एक प्रकार की गंध उत्पन्न करता है, जिसे आप सेक्स परफ्यूम भी कह सकते हैं। यह सेक्स परफ्यूम दिल व दिमाग को असाधारण सुख व शांति देता है। सेक्स हृदय रोग, मानसिक तनाव, रक्*तचाप और दिल के दौरे से दूर रखता है। सेक्स से दूर भागने वाले इन रोगों से अधिक पीड़ित रहते हैं।सेक्स व्यायाम भी है:सेक्स एक प्रकार का व्यायाम भी है। इसके लिए खास किस्म के सूट, शू या महंगी एक्सरसाइज सामग्री की आवश्यकता नहीं होती। जरूरत होती है बस शयनकक्ष का दरवाजा बंद करने की। सेक्स व्यायाम शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव को दूर करता है और शरीर को लचीला बनाता है। एक बार की संभोग क्रिया, किसी थका देने वाले व्यायाम या तैराकी के 10-20 चक्करों से अधिक असरदार होती है। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा दूर करने में सेक्स काफी सहायक सिद्ध होता है। सेक्स करने से शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे कि चर्बी घटती है। एक बार की संभोग क्रिया में 500-1000 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। सेक्स के समय लिया गया चुंबंन भी मोटापा दूर करने में सहायक सिद्ध होता है। विशेषज्ञों के अनुसार सेक्स के समय लिए गए एक चुंबन से लगभग 9 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। इस तरह 390 बार चुंबन लेने से आधा किलो वजन घट सकता है।दर्दो की अचूक दवा:आह, उह, आउच, कमर दर्द, पीठ दर्द से परेशान पत्*नी आज नहीं, अभी नहीं करती है, लेकिन यदि वह बिना किसी भय के पति के साथ संभोग क्रिया में शामिल हो जाए तो उसके दर्द को उड़न-छू होने में देर नहीं लगती। सिरदर्द, माइग्रेन, दिमाग की नसों में सिकुड़न, उन्माद, हिस्टीरिया आदि का सेक्स एक सफल इलाज है। अनिद्रा की बीमारी में बिस्तर पर करवट बदलने या बालकनी में रातभर टहलने के बजाय बेड पर बगल में लेटी या लेटे साथी से सेक्स की पहल करें, फिर देखें कि खर्राटे आने में ज्यादा देर नहीं लगती। नियमित रूप से संभोग क्रिया में पति को सहयोग देने वाली पत्*नी माहवारी के विकारों से दूर रहती है। रात्रि के अंतिम पहर में किया गया सेक्स दिनभर के लिए तरोताजा कर देता है।सेक्स को सिर्फ यौन संबंध बनाने तक ही सीमित न रखें। इसमें अपनी दिनचर्या की छोटी-छोटी बातें, हंसी-मजाक, स्पर्श, आलिंगन, चुंबंन आदि को भी शामिल करें, संभोग क्रिया तभी पूर्ण मानी जाएगी। सेक्स के बारे में यह बात ध्यान रखें कि अपनी पत्*नी के साथ या पति के साथ किया गया सेक्स स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखता है। इस प्रसंग में यह बात विशेष ध्यान देने योग्य है कि जहां विवाहित जीवन में पत्*नी के साथ संभोग क्रिया अनेक तरह से लाभप्रद है, वहीं अवैध रूप से बनाए गए सेक्स संबंधों से अनिद्रा, हृदय रोग, मानसिक विकार, ठंडापन, सिफलिस, सूजाक, गनोरिया, एड्स जैसे अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है।


महिलाओं के कामुक अंग
कानकानों के चारों ओर चैतन्य नसों का जमावड़ा होता है, जो कान को उत्तेजना के प्रति अतिरिक्त चैतन्य बनाती हैं. अपनी उंगलियों से उन्हें हल्के से सहलाइए या खींचिये, कान के पीछे की ओर चूमे और कान के निचले गुद्देदार हिस्से को हल्के से काटे. इससे महिलाओं में उत्तेजना पूर्ण सनसनाहट का संचार होता है. कई महिलाएं अपने कान में जीभ फेरना पसंद नहीं करती लेकिन सौम्य तरीके से कान के चारों ओर जीभ घुमाना भी उनमें उत्तेजना का संचार करता है.होंठचूमना… किसी महिला के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वांइट होता है. जब रिलेशन बन रहे होते हैं तो किस(kiss) ऐसी पहली चीज होती है सर्वप्रथम अस्वीकार की जाती है, लेकिन इसमें देर नहीं करना चाहिये. होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं. इन्हें तुरंत सीधे तौर पर इसलिए जीभ में नहीं डुबाना चाहिये. आपकी किस द्वारा सौम्यता से कामुकता में तीव्रता से परिवर्तन होता है. सबसे पहले उसके निचले होंठो पर अपनी जीभ फेरें फिर उसे अपने होंठों के बीच फंसाकर चूसे साथ ही उसे भी ऐसा करने दें. जब आप उसे किस कर रहें हो तो अपने हाथ उसकी गर्दन पर रखे या फिर उसकी कमर या नितंबों पर या फिर इस दौरान उसके इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं यह दिखाने के लिये कि आप उससे कितना कुछ चाहते हैं.गर्दनइसे चूमना, चाटना, सौम्य तरीके से काटना और हल्के से थपथपाना उसको सिसकने के मजबूर कर देता है. लेकिन यहां जोर से नहीं काटना चाहिये क्योंकि यहां की त्वचा ब्रेक हो सकती है.कंधेगर्दन की तरह- कई महिलाएं कंधों को चूमने और आलिंगन करने से काफी उत्तेजना का अनुभव करती हैं. पूर्व की तरह जो प्रक्रिया गर्दन में कर रहे हैं वही करते हुए कंधों तक आएं ताकि उस पता चल सके कि आप कितने सेन्सुअल लवर हैं.कोहनीकोहनी के अंदर की ओर चूमने से महिलाओं में हल्की उत्तेजना का संचार होता है. कोहने के अंदर की ओर की त्वचा कोमल होती है, इस जगह हल्के से काटते हुए किस करते चले जाएं. देखें इससे उसे कैसे आनंद की अनुभूति होती है.अंगुलियांमहिलाओं की उंगलियां भी काफी उत्तेजक होती हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस ओर ध्यान नहीं देते. उंगलियों के पोरों को हल्के-हल्के सहलाते हुए दबाने से महिलाओं में तीव्र उत्तेजना का संचार होता है. साथ ही जैसे-जैसे उत्तेजना बढ़ती जाती है आपको उसकी उंगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए फिर होंठो से सहलाते हुए धीरे धीरे चूसना चाहिए. इस क्रिया से वह नशे की सी स्थिति में आ जाएगी. यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि उंगलियों में सर्वाधिक कामुक बिन्दु उसके पोर होते हैं.स्तनस्तन महिला के सेक्सुअल और कामुक अंगों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. यह महिलाओं में सेक्सुअल आकांक्षा के साथ सेक्सुअल उत्तेजना जागृत करने में सहायक होता है साथ ही सेक्सुअल उत्तेजना के लिये अत्यंत संवेदनशील होता है. परन्तु इसके लिए सीधे छलांग नहीं लगा देनी चाहिये. आप अपने रास्ते उसके शरीर में नीचे की ओर जाते जाएं व उन्हें सहलाते रहे लेकिन स्तनों को तब तक न छुएं जब तक कि आपको यह न पता चल जाए कि वह स्वयं चाह रही है कि आप उसके स्तनों को छुएं. शुरुआती दौर में उनके साथ सौम्य तरीके से पेश आएं. इसके लिये शुरुआत किनारे से करें, फिर केन्द्रीभूत तरीके से गोल घेरे में अपनी उंगलियां उसके स्तनों के चारों ओर घूमाएं, ऐसा तब तक करें कि जब तक कि स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुंच जाएं, यहां कुछ देर तक उंगलियां फिराने के बाद निप्पल तक पहुंचना चाहिए. अब आप तो निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएं, खींचे, दबाएं, चूमे और चूसे. इस दौरान आप चाहें तो सौम्य तरीके से हल्के से दांतो से काट सकते हैं. जब आप का मुंह एक स्तन पर है तो इस दौरान आपका हाथ दूसरे स्तन पर खेलना चाहिए तभी वह सब कुछ सौंपने को आतुर होगी. इसके पश्चात स्तन बदल कर यही क्रिया दोहराएं. फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिये साथ ही बीच में अपने पार्टनर से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी क्रिया आनंददायी लगती है. कभी भी पार्टनर की इच्छाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिये. स्तनों के बीच की हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है जबकि यह भी कामुक क्षेत्र होता है.पीठशुरुआत हल्के तरीके से सहलाने से करें. इसके लिए कंधों के निचले हिस्से से शुरू करें फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर आती जायें(इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधे छूने से बचे यह खतरनाक हो सकता है). इस दौरान पीठ पर मिले जुले कभी हल्के कभी तेज थपथपाहट करनी चाहिये. इसे और बेहतर बनाने के लिये टेलकम पावडर या तेल का प्रयोग कर सकते हैं. यहां यह ध्यान दें कि उसकी पीठ के किस हिस्से में टच करने पर ज्यादा उत्तेजना का संचार होता हैं इसके लिये आप चाहें तो अपने पार्टनर से पूछ सकते हैं. फिर उसकी पीठ के मध्य में रीढ़ की हड्डी के उपर बने नालीदार हिस्से पर हल्के हाथ से उंगलियां फिराते हुए नीचे की ओर नितंबों तक आना चाहिये यह क्रिया चाहें तो कई बार दोहरा सकते हैं. ऐसा करने से उसे आराम की अनुभूति तो होगी ही, साथ ही इससे रक्त का संचार उसके पेल्विक क्षेत्र की ओर होने लगता है- इससे उसकी उत्तेजना चरम की ओर पहुंचने लगती है. उसकी पीठ के निचले हिस्से में या ठीक नितंब के उपर बने गङ्ढे (dimple) भी उत्तेजक अंग होते हैं. उसकी रीढ़ के समानान्तर ऊपर से नीचे की ओर(top to the bottom) जीभ फेरने पर उसके उत्तेजना की आग सुलग उठती है.नितंब या कूल्हेकई महिलाएं अपने नितंबों को जोर से दबाना या तेज दबाव की मालिश पसंद करती हैं. आप यहां पर शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा ज्यादा दबाव दे सकते हैं. कुछ महिलाएं नितंब पर हल्के थप्पड़ो का प्रहार पसंद करती हैं- किन्तु ऐसा करने से पहले अपने पार्टनर से पूछ लें.इस मामले को जोर का दबाव या थपथपाहट मजाक का विषय नहीं बनाना चाहिये – क्योंकि कई महिलाएं अपने नितंब के आकार को लेकर काफी आशंकित रहती हैं.मोन्सजैसे ही आप भग क्षेत्र या बाह्य जननेन्द्रियों (genital area) को पाते हैं, तो उसमें छलांग लगाना काफी सरल होता है लेकिन उसके पहले भगशिश्न के उपर स्थित उस गुद्देदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों (pubic hair) से घिरा होता है. इसे थपथपाना और रगड़ना उसे सिसकने को मजबूर कर देगा वहीं रोमों को(यदि हैं तो) उंगलियों में फंसाकर हल्के से खींचने पर उसे मीठे दर्द की अनुभूति होती है जो उसमें उत्तेजना का संचार करती है.भगशिश्नयह महिलाओं का सबसे कामुक अंग होता है. भगशिश्न को आसानी से खोजा जा सकता है. यह भगोष्ठ (vaginal lips) के उपर की ओर उभरा हुआ हिस्सा होता है. यह उत्तेजक उत्तकों से बना हुआ होता है और इसका काम पुरुषों को शिश्न मुण्ड की ही तरह होता है. उत्तेजना के दौरान यह रक्त से भरा रहता है. कुछ महिलाओं का भगशिश्न इतना सेन्सटिव होता है कि कई बार परेशानी का सबब भी बन जाता हैं क्योंकि हल्की सी छुअन भी उसमें उत्तेजना भर देती है. इस तरह की स्थितियों में इसे सीधे न छूकर इसके किनारों से स्पर्श करना चाहिए और उस नीचे (base) से उत्तेजित करना चाहिये. कुछ महिलाएं जैसे-जैसे उत्तेजित होती जाती हैं वैसे-वैसे वे अपने भगशिश्न में ज्यादा दबाव चाहती हैं. लेकिन भगशिश्न में दबाव व स्पर्श के लिये पार्टनर से पूछ कर ही हरकत करना चाहिये. यदि आप मुखमैथुन कर रहें हैं तो भगशिश्न तक किनारे से पहुंचे. इस तरीके से उसे ज्यादा आनंद आएगा.योनियोनि वह दूसरा क्षेत्र है जहां कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुंच जाते हैं. जब आप वहां पहुंच जाएं तो उसके बाहर रुके, तब आपको काफी पसंदीदा तरीके से अंदर के लिये वेलकम किया जाएगा. जैसे ही महिला उत्तेजित होती है उसका गर्भद्वार उपर की ओर खिसक जाता है जिससे योनि कीगहराई बढ़ जाती है और आपको गहरे तक प्रवेश का आनंद मिलता है. इस लिए यह आपकी पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं. जितना समय यहां दिया जाएगा उतना ही आनंद आपको लिंग प्रवेश पर मिलेगा.जी-स्पॉटयोनि की गहराई के एक तिहाई रास्ते पर यह क्षेत्र योनि की बाहरी दीवार पर (आमाशय या पेट के सामने न कि गुदा की ओर ) एक स्पंजी क्षेत्र पाया जाता है यह लगभग मुंह के उपरी हिस्से की तरह होता है जब जीभ से छुआ जाता है. यदि इस जगह पर लगातार उंगली चलाई जाती है तो कई महिलाएं काफी मात्रा में पानी छोड़ती है. पानी की यह धार काफी तेज भी होती है. वहीं कुछ महिलाओं को ऐसा अनुभव होता है कि मानों उन्हें पेशाब जाना हो, तो कई को कुछ और ही अनुभूति होती है. कुल मिला कर जी-स्पाट उत्तेजना के महिलाओं में अलग-अलग अनुभव होते हैं. इसलिए अपने पार्टनर से पूछिये कि उसे क्या अनुभूति हो रही है और उसे कैसा लग रहा है.

औरत ये भी समझें

 रिलेशनशिप का एक बड़ा पहलू है सेक्स, लेकिन अक्सर कुछ गलत थॉट्स इन स्पेशल मोमेंट्स को खराब कर देते हैं। ऐसे में कई बातों पर महिलाओं को सोच बदलने की जरूरत हैहर बात की तरह सेक्स में भी एक-दूसरे की फीलिंग्स की कद्र करके ही रिलेशन अच्छा बनाया जा सकता है। ऐसे में लेडीज को मेल ऐंगल से भी बात समझने की जरूरत है, तभी रिश्ता हमेशा फ्रेश रहेगा।


अग्रेसिव है चाहतहाल में एक रिसर्च के मुताबिक मेल पार्टनर भी चाहते हैं कि जिस तरह वे अपनी फीमेल पार्टनर के साथ इंटीमेट होने के लिए अग्रेसिव रहते हैं, उनकी पार्टनर भी वैसा ही फील करे। जबकि महिलाएं अक्सर इस लेवल पर अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस नहीं कर पातीं या फिर कहीं ना कहीं अपनी फीलिंग्स कंट्रोल कर लेती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स आपको खुलकर रिलेशन जीने की सलाह देते हैं।


लुक्स की टेंशनआप अपने पार्टनर के साथ टाइम स्पेंड करना चाहती हैं, लेकिन अपने लुक्स को लेकर टेंशन में रहती हैं। कभी आप अपने बैली फैट के बारे में सोचती हैं, तो कभी मेकअप के बारे में। यही वजह है कि जब आप बेड पर होती हैं, तब अपने पार्टनर से पूरी तरह मिक्सअप नहीं हो पातीं। जबकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस पॉइंट पर हर हज्बंड चाहता है कि उसकी वाइफ उस वक्त सारी टेंशन छोड़कर बस प्लेजर फील करे।


जस्ट सेक्सअक्सर सभी वाइफ सोचती हैं कि उनके हज्बंड के लिए सेक्स बस ही सेक्स है। लेकिन कुछ रिसर्च बताती हैं कि लड़का-लड़की रिलेशनशिप में आने के बाद ही अपनी सेक्स लाइफ अच्छे से एंजॉय कर पाते हैं और ऐक्ट के बाद सेटिस्फाइड भी होते हैं। वैसे, एक रिसर्च यह भी बताती है कि मैरिड लोग अपनी सेक्स लाइफ ज्यादा अच्छे से एंजॉय करते हैं।


हमेशा रेडी नहींक्या आप भी यही सोचती हैं कि पुरुष हमेशा सेक्स के लिए किसी भी टाइम रेडी रहते हैं। लेकिन यह बिल्कुल सही नहीं है। हां, टीनेज में सेक्स उनके लिए अडवेंचर या प्लेजर हो सकता है, लेकिन मैरिड लाइफ में ऐसा नहीं है। एक रिसर्च बताती है कि इस बात को लेडीज ऐक्सेप्ट नहीं कर पातीं और जब उनके हज्बंड उन्हें सेक्स के लिए ना कहते हैं, तब वे रिलेशन को लेकर इनसिक्योर होने लगती हैं। जाहिर है कि वाइफ को हज्बंड को लेकर यह सोच बदलनी होगी, तभी वह सामने वाले की फीलिंग्स की रिस्पेक्ट कर पाएंगी।


गाइडेंस ना देंआप अपने पार्टनर के साथ लव टाइम स्पेंड कर रही हैं और साथ ही आप उन्हें इंस्ट्रक्शंस भी दे रही हैं कि अब उन्हें क्या करना है, तो अपनी यह आदत अभी बदल दें। दरअसल, कोई मेल नहीं चाहता है कि वाइफ इसे इस सब्जेक्ट पर गाइड करे। अगर आप ऐसा करती हैं, तो वह आपके सामने अपनी फीलिंग्स फ्री होकर नहीं शेयर कर पाएंगे। वैसे, रिलेशनशिप एक्सपर्ट का मानना है कि मेन्स अपनी वाइफ को सेटिस्फाइड करना बहुत अच्छे से जानते हैं, इसलिए वे इंस्ट्रक्शंस लेना पसंद नहीं करते।


कुछ करना हो नयाअगर आपका हज्बंड आपको कुछ नया करने के लिए कहता है, तो यह ना सोचें कि वह रिलेशन से खुश नहीं हैं। ऐसी बातों पर लेडीज अक्सर सही मूव्स लेने की बजाय अपना मूड ऑफ कर लेती हैं। जबकि आपको इसे दिल पर ना लेते हुए कुछ नया करने के बारे में सोचना चाहिए, जो दोनों के कंफर्ट जोन में हो।

कैसे बढ़ाए यौन-शक्ति
अकसर लोग यौन-शक्ति को बढ़ाने कि लिए तरह-तरह के उपचार, उपाए और नुस्खे खोजते रहते है। कई लोग तो यौन-शक्ति की कमी को लेकर इतने परेशान हो जाते है कि वो महंगे से महंगा उपाए भी करने से परहेज नहीं करते। लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है, अगर आप कुछ घरेलु नुस्खों को अपनाए तो आपकी सेक्स लाइफ की परेशानियां भी हो सकती है छूमंतर।
लहुसन:- कच्चे लहसुन की 2-3 कलियो का प्रतिदिन सेवन करना यौन-शाक्ति बढ़ाने का बेहतरीन घरेलु उपचार है।
प्याज:- लहसुन के बाद प्याज एक और कारगर उपाय है। सफेद कच्चे प्याज का प्रयोग अपने नित्य आहार मे करें।
काले चने:- काले-चने से बने खाद्य-पदार्थ जैसे डोसा आदि का हफ्ते मे 2-3 बार प्रयोग काफी लाभकारी होता है।
गाजर:- 150 ग्राम बारीक कटी गाजर को एक उबले हुए अंडे के आधे हिस्से मे एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में एक बार सेवन करे। इसका प्रयोग लगातार 1-2 महीने तक करें।
भिंडी:- प्राचीन भारतीय साहित्य के अनुसार 5-10 ग्राम भिंडी की ज़ड के पाउडर को एक गिलास दूध तथा दो चम्मच मिश्री मे मिलाकर नित्य सेवन करने से आपकी यौन-शक्ति कभी कम नही प़डेगी।
सफे द मूसली:- यूनानी चिकित्सा के अनुसार सफेद मूसली का प्रयोग भी बेहद लाभदायक होता है। 15 ग्राम सफेद मूसली को एक कप दूध मे उबालकर दिन मे दो बार पीने से यौन-शक्ति बढ़ती है।
सहजन:- 15 ग्राम सहजन के फूलो को 250 मिली दूध मे उबालकर सूप बनाए। यौन-टौनिक के रूप मे इसका सेवन करे।
अदरक:- आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच शहद तथा एक उबले हुए अंडे का आधा हिस्सा, सभी को मिलकार मिश्रण बनाए प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक महीने तक सेवन करे।
खजूद:- बादाम, पिस्ता खजूर तथा श्रीफल के बीजो को बराबर मात्रा मे लेकर मिश्रण बनाए। प्रतिदिन 100 ग्राम सेवन करे।
किशमिश:- 30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोए, 200 मिली दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन करे। ध्यान रखिए की प्रत्येक बार ताजा मिश्रण तैयार करे। धीरे धीरे 30 ग्राम किशमिश की मात्रा को 50 ग्राम तक करें।
ताजे फलो का सेवन:- यौन-शक्ति कमजोरी से पीडित रोगियो को शुरू में 5-5 घंटे के अंतराल से विशेष रूप से ताजा फलो का आधार लेना चाहिए उसके बाद वह पुन: अपनी नियमित खुराक धीरे-धीरे प्रारंभ कर सकते है। रोगी को धूम्रपान , शराब चाय तथा कॉफी के सेवन से बचना चाहिए, और विशेष रूप से सफेद चीनी तथा मैदे या उनसे बने उत्पादो का परहेज करना चाहिए।

गुरुवार, 5 मार्च 2015

आपकी सेक्स समस्या और उपाय ...!एक प्रयास है आपकी सेक्स समस्या का निराकरण करने का .....

महिला और पुरुष ‌की काम उत्तेजना-एक साथ कैसे हो....!
* आप थके हुए हैं और कोई अच्छी किताब में खो जाना चाहते हैं – इसी वक़्त आपका साथी पूरी तरह उत्तेजित है और वो आपमें खो जाने की इच्छा रखता है। मेरी नज़र में यह काफी महिलाओं के लिए एक बहुत ही आम स्थिति है.

* ये समझना मुश्किल हो जाता है कि अचानक मेरे पुरुष साथी की ये इच्छा कैसे जाग्रत हो गयी.

सम्भोग सिर्फ एक औपचारिकता के लिए ना करें:-
-------------------------------------------------------
सबसे पहली सलाह – सम्भोग सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए ना करें, बल्कि इसलिए करें क्यूंकि आपको ये करना पसंद है।
* सचमुच समझना मुश्किल ही है, लेकिन प्लान के मुताबिक दोनों की उत्तेजना एक साथ हो, इसके भी उपाय हैं।
* बहुत सी महिलाएं महसूस करती हैं कि उनका सम्भोग करने का मन नहीं हो तो भी अपने पुरुष साथी की इच्छा के लिए वो सम्भोग कर लेती हैं। यदि ‪#‎सम्भोग‬ के लिए आपकी यह सोच है तो संभव है कि समय के साथ आपका दिमाग ये सचमुच मान ले कि आपको सम्भोग वाकई पसंद ही नहीं है।
* सम्भोग का आनंद सिर्फ एक सहूलियत ही नहीं, बल्कि महिलाओं की ज़रूरत भी है। यदि आप सम्भोग से पहले उत्तेजित ना हों तो सम्भोग चिकनाई के अभाव में एक दर्दनाक क्रिया में परिवर्तित हो जाता है।पुरुष सम्भोग में अपना आनंद ढूँढते हैं, महिलाओं को भी ऐसा करना चाहिए
* बहुत सी महिलाओं को ये सच बुरा लगता है कि उन्हे सम्भोग आनंददायी नहीं लगता। लेकिन संभव है कि उन्हे सम्भोग तो पसंद हो लेकिन जिस तरह का सम्भोग उन्हें मिल रहा हो वे आनंद दायक ना हो।मैं ऐसे में महिलाओं को स्थिति में बदलाव की सलाह देती हूँ। महिलाओं को ये सोचना चाहिए कि उन्हें क्या चाहिए ना कि ये कि उन्हें क्या नहीं चाहिए।
* अक्सर पुरुषों की सोच सम्भोग के बारे में ऐसी ही होती है।वोआनंद चाहते हैं। महिलाओं को भी सम्भोग के आनंद के बारे में पुरुषों की तरह सोचना चाहिए। ये समझना चाहिए कि यौन सुख साधारण चीज़ है, कोई बोनस नहीं।
* मेथी का इस्तेमाल करने वाले पुरूषों की सेक्स पावर 25 फीसदी ज्यादा रहती है। मेथी के बीज में सैपनियन नाम का केमिकल होता है, जो सेक्स हार्मोन को शरीर में बढा देता है।
* हिमालय में पायी जाने वाली एक फफूंद वियाग्रा का बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।कुमाऊं में 'कीड़ा जड़ी' कहा जाता है. तिब्बत में इसे यारसागुम्बा कहा जाता है। इस जड़ी को इकट्ठा करने के लिए कुमाऊं में लोगों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ग्रामीण गुफा में जाकर इसकी तलाश करते हैं।
* यदि कोई पुरूष या महिला रोज एक गिलास अनार का जूस पीता है, तो उसे सेक्स पावर बढ़ाने के लिए किसी भी तरह के वियाग्रा की जरूरत नहीं है। अनार का जूस सेक्स की इच्छा को जगाने वाले हॉर्मोन टेस्टास्टेरॉन की मात्रा को बढ़ाता है। प्रतिदिन जूस पीने से यह मात्रा 16 से 30 फीसदी तक बढ़ जाती है।
* तरबूज के गूदे और छिलके में सिट्रुलिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं में वियाग्रा जैसा असर पैदा कर देता है। बूढ़ा भी जवान की तरह हरकत करने लगता है।
* अगर किसी को मेथी, अनार या तरबूज से फायदा मिलता है तो उसे दवाओं के चक्कर में पड़ने की जरुरत नहीं है। क्योकि ये सब कुदरत की देन हैं इसमें कोई खतरा नहीं है। इसे हमारे लिए ही बनाया गया है।
2. खुद को असक्षम पाते है सेक्स के लिए तो करे ये उपाय.....!
* यौन दुर्बलता एक गंभीर समस्या है आज के युग में हमारे प्रदूषित खान -पान की वजह से और स्वयं के गलत हरकतों के कारण युवक-युवतियां असमय ही दुर्बलता के शिकार होते जा रहे है ..और इस तरह की समस्याओं में डॉक्टर के पास जाने से घबराते हैं।
* ऐसे में घरेलू उपाय को अपनाकर सेक्स लाइफ को बुस्टअप कर सकते हैं:-
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग 

* आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी शीशी में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।
*लहसुन आपके खाने का स्वाद ही नहीं बढाता है बल्कि आपकी सेक्स लाइफ को भी बढाता है| ऐसे में अगर आप लहसुन नहीं खा रहे हैं तो आज से ही खाना शुरू कर दीजिये| क्योंकि लहसुन की 2-3 कलियां और प्याज का प्रतिदिन सेवन से यौन- शाक्ति बढ़ती है। ऐसे में अगर आप सप्ताह में दो से तीन बार काले चने से बने खाद्य पदार्थों को प्रयोग में ला रहे है तो आपके लिए यह लाभकारी है|
* 15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन
दुर्बलता दूर होती है।
* एक सेब में हो सके जितनी ज्यादा से ज्यादा लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग शीशी में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40 दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।
* 15 ग्राम सफेद मूसली को एक कप दूध मे उबालकर दिन मे दो बार पीने से ज्यादा शक्तिशाली महसूस करेंगे।
* कच्चा गाजर या इसका जूस भी यौन शक्ति को बढ़ाने में मददगार है। हफ्ते में दो बार भिंडी और सहजन खाने से काफी फायदा होता है।
* 15 ग्राम सहजन के फूलो को 250 मिली दूध मे उबालकर सूप बनाए। इसे यौन-टौनिक के रूप मे इस्तेमाल करें। इसके अलावा आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच शहद तथा एक उबले हुए अंडे का आधा हिस्सा, सभी को मिलकार मिश्रण बनाए प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक महीने तक सेवन करें।
* बादाम, पिस्ता खजूर तथा श्रीफल के बीजो को बराबर मात्रा मे लेकर मिश्रण बनाए। प्रतिदिन 100 ग्राम सेवन करें।
* इसके अलावा आप 30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोए, 200 मिली दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन लें।
* घी के साथ उड़द की दाल को भूनकर और इसके अंदर दूध को मिलाकर तथा अच्छी तरह से पकाकर इसकी खीर तैयार कर लें। इसके बाद इसमें चीनी या खांड मिलाकर इसका इस्तेमाल करने से वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है तथा संभोग करने की शक्ति भी बढ़ जाती है।
* 5 मिलीलीटर से 10 मिलीलीटर के आसपास पुराने सेमल की जड़ का रस निकालकर व इसका काढ़ा बना लें तथा इसके अंदर चीनी मिला लें। इस मिश्रण को 7 दिनों तक पीने से वीर्य की बहुत ही अधिक बढ़ोत्तरी होती है|
* 100 ग्राम आंवले के चूर्ण को लेकर आंवले के रस में 7 बार भिगों लें इसके बाद इसे छाया में सूखने के लिए रख दें। इसके सूख जाने के बाद इसको इमामदस्ते से कूट-पीसकर रख लें। रोजाना इस चूर्ण को एक चम्मच लेकर शहद के साथ मिलाकर चाट लें तथा इसके ऊपर से एक गिलास दूध पी लें। इसका सेवन करने से आपकी यौन शक्ति में आई दुर्बलता दूर हो जायेगी|
* सूर्यास्त से पहले बरगद के पेड़ से उसके पत्ते तोड़कर उसमें से निकलने वाले दूध की 10-15 बूंदें बताशे पर
रखकर खाएं। इसके प्रयोग से आपका वीर्य भी बनेगा और सेक्स शक्ति भी अधिक हो जाएगी।
* चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू तथा दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर
दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।
* वीर्य अधिक पतला होने पर 1 चम्मच शहद में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना सुबह के समय खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसका विस्तृत रुप से इस्तेमाल करने से संभोग करने की शक्ति बढ़ जाती है.
आयुर्वेद में भी क्रियात्मक क्षमता बनाए रखने की बहुत सी दवाएं हैं:-
वसंत मालती:-
---------------
स्त्री-पुरूष् दोनों में शारीरिक क्षमता और दुर्बलता, चाहे किसी कारण भी हो, नाशक स्वर्ण तथा मोती युक्त औष्ाधि है। ज्वरों के पश्चात के दौर्बल्य में भी अत्यंत उपयोगी है।
वसंत कुसुमाकर:-
------------------
बलवर्घक, कामोत्तेजक, मधुमेह नियंत्रक के रूप में प्रयुक्त होता है। इसमें सोना, मोती, कस्तूरी, चांदी आदि प्रयुक्त होते हैं।
वसंत तिलकरस:-
-------------------
विशेष् रूप से पुरूष् द्वारा उपयुक्त बलवर्घक वाजीकरण तथा कामोद्दीपक, स्वर्णमुक्ता आदि प्रधान औष्धियां हैं। वृहऊंगेश्वस, वंगेश्वर दोनों ही मूल्यवान दवाइयां हैं। çस्त्रयों के जननांगों के रोगों, श्वेत प्रदर, कामशीतलता आदि तथा पुरुषों के दुर्बलता शीघ्रपतन, शुक्रमेह आदि में लाभदायक दवाएं हैं।
शक्रवल्लभ रस:-
-----------------
पुरुषों द्वारा अधिक सेवनीय बलवर्घक पौष्टिक उत्तेजक वाजीकर औष्ाधियां हैं। इसमें भी सोना, मोती आदि मूल्यवान दवाएं डाली जाती हैं।
शतावरी मोदक:-
-----------------
प्रमुख रूप से स्त्रियों द्वारा सेवन की जाने वाली यह औषधि शक्तिवर्घक स्तन रोग नाशक जननांगों के प्रदरों व गर्भाशय शिथिलता नाशक है।
शिलाजीत शुद्ध:-
------------------
स्त्रियों व पुरुषों के सभी रोगों में उपयोगी। निरंतर प्रयोग से सभी रोग होने से रोकता है। बुढ़ापा थामता है दीर्घजीवन देता है।
शुक्रमातृकावटी व शिवा गुटिका:-
----------------------------------
अधिकतर पुरुषों को वीर्यविकारों, मूत्ररोगों, वायुविकारों, प्रोस्टेट वृद्धि आदि में दिया जाता है। शिव गुटिका स्त्रियों के कमरदर्द, थकान और मूत्र रोगों में उपयोगी है।
मदनानंद मोदक, नारी गुटिका, कौंचपाक, मूसलीपाक, मदनमोदक ये दवाइयां पुरूष्ाों द्वारा विशेष कर यौन शक्ति वृद्धि बनाए रखने व पूरे वर्ष के लिए पुष्टि प्रदान के लिए प्रयुक्त होती है। इनमें कुछ नशीले पदार्थ भांग, अफीम आदि में प्रयुक्त किए जाते हैं। कामेश्वर, कामचूड़ामणि, मन्मथ रस ये स्त्री व पुरुषों दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी है। शक्ति, बल सामथ्र्य तथा कार्यक्षमता वर्घक बलवर्घक दवाइयां हैं।ये सामान्यत: नीम-हकीम तथा बिना चिकित्सक के परामर्श से इनका प्रयोग नौजवान लड़के ज्यादा करते हैं।
रतिवल्लभ मूंगपाक, सौभाग्यशुंठी ये दोनों दवाइयां मुख्यत: स्त्रियों के सेवनार्थ बनी हैं। प्रथम ये दवाये जननांगों को शक्ति, पुष्टि संकोच, गर्भाधान योग्य बनाती हैं। सोहाग सोंठ प्रसव के बाद की दुर्बलता, पीड़ा कमरदर्द, थकान, ज्वर को मिटाती है। आयुर्वेद में कामोत्तेजक, स्तंभक, वाजीकरण शक्तिवर्घक तथा स्त्री के स्त्रीत्व को पुष्पित और प्रशस्त रखने वाली दवाओं की कमी नहीं है।
3. लिंग कमजोर है तो पुष्ट करे ये है उपाय ....!
* आज हर युवा वर्ग कुसंगति में पड़ कर अपने ही शरीर को पतन की ओर ले जाने में अग्रसर है समाज में इसका एक योगदान सोसल साइट को भी जाता है देर रात गए अश्लीलता से भरे साईट को देख कर अपने मन मस्तिष्क को उन्मुक्त करते हुए अनेक बीमारियों का शिकार हो रहे है वैसे भी आज के युग में दूषित खान -पान से युवाओं को कुछ नहीं मिल रहा उसपे जंक फ़ूड , अनियमित दिन चर्या से रोगों की बहुतायात बढ़ी है सभी युवा से विनम्र निवेदन है ये इश्वेर का दिया शरीर आपकी श्रेठ पूंजी है ,इसे यूँ न बेकार की बातो में खराब करे ...!
* जो लोग पीड़ित हो चुके है आज ही सोचे और अभी से संकल्प ले इससे मुक्ति पाने का क्युकि ये आपकी जमा पूंजी है जो जीवन पर्यन्त आपका साथ देने वाली है .पीड़ित लोग करे ये उपाय :-

* रीठे की छाल और अकरकरा को बराबर मात्रा में लेकर शराब में मिलाकर खरल कर लें। इसके बाद लिंग के आगे के भाग को छोड़कर लेप करके ऊपर से ताजा साबुत पान का पत्ता बांधकर कच्चे धागे से बांध दें। इस क्रिया को नियमित रूप से करने से लिंग मजबूत हो जाता है।
* सुअर की चर्बी और शहद को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर लिंग पर लेप करने से लिंग में मजबूती आती है।
* हींग को देशी घी में मिलाकर लिंग पर लगा लें और ऊपर से सूती कपड़ा बांध दें। इससे कुछ ही दिनों में लिंग मजबूत हो जाता है।
* भुने हुए सुहागे को शहद के साथ पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है।
* जायफल को भैंस के दूध में पीसकर लिंग पर लेप करने के बाद ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। सुबह इस पत्ते को खोलकर लिंग को गर्म पानी से धो लें। इस क्रिया को लगभग 3 सप्ताह करने से लिंग पुष्ट हो जाता है।
* शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
* बकरी के घी को लिंग पर लगाने से लिंग मजबूत होता है और उसमें उत्तेजना आती है।
* बेल के ताजे पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर लगाने से लिंग में ताकत पैदा हो जाती है।
* धतूरा, कपूर, शहद और पारे को बराबर मात्रा में मिलाकर और बारीक पीसकर इसके लेप को लिंग के आगे के भाग (सुपारी) को छोड़कर बाकी भाग पर लेप करने से संभोग शक्ति तेज हो जाती है।
* असगंध, मक्खन और बड़ी भटकटैया के पके हुए फल और ढाक के पत्ते का रस, इनमें से किसी भी एक चीज का प्रयोग लिंग पर करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली बनता है।
* पालथ लंगी का तेल, सांडे का तेल़, वीर बहूटी का तेल, मोर की चर्बी, रीछ की चर्बी, दालचीनी का तेल़, आधा भाग लौंग का तेल, 4 भाग मछली का तेल को एकसाथ मिलाकर कांच के चौड़े मुंह में भरकर रख लें। इसमें से 8 से 10 बूंदों को लिंग पर लगाकर ऊपर से पान के पत्ते को गर्म करके बांध लें। इस क्रिया को लगातार 1 महीने तक करने से लिंग का ढीलापन समाप्त हो जाता है़, लिंग मजबूत बनता है। इस क्रिया के दौरान लिंग को ठंडे पानी से बचाना चाहिए।
* एक लौंग को चबाकर उसकी लार को लिंग के पिछले भाग पर लगाने से संभोग करने की शक्ति तेज हो जाती है।
* 20 ग्राम लोंग को 50 ग्राम तिल के तेल में जला कर मालिश करने से लिंग में मजबूती आती है
* शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
4.पहली बार जब सम्भोग करे तो रक्खे ध्यान .....!
* इस लेख में किसी कुँवारी लड़की के साथ पहली बार सम्पूर्ण सम्भोग की विधि बताई गई है। इसे हिन्दी में कौमार्य-भंग, योनिछेदन, सील तोड़ना व अंग्रेज़ी में Deflowering कहते हैं। यह किसी भी लड़की के लिए उसके जीवन की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण घटना होती है जिसे वह ज़िंदगी भर नहीं भूल सकती।

* यह एक ऐसा अवसर होता है जिसकी वह तब से कल्पना कर रही होती है जब से उसके बदन में यौन-कामुकता का जन्म होता है और वह अपने स्त्रीत्व का अनुभव करने लगती है। अकसर लड़कियाँ अपनी शादीशुदा या अनुभवी सहेलियों से इस बारे में चर्चा करती हैं... और यह भी देखा गया है कि ज़्यादातर लड़कियाँ अपने अनुभव बढ़ा-चढ़ा कर ही बयान करती हैं जिससे उनके मर्द पर आंच ना आए।
* अपनी सहेलियों की मधुर कहानियाँ सुन कर लड़कियों के मन में लुभावने सपनों का जन्म होना स्वाभाविक है। अब यह पुरुषों पर निर्भर है कि वे अपनी प्रेयसी या पत्नी के भोले और बरसों से संजोये हुए सपनों को कितना साकार कर पाते हैं या उन्हें कुचल देते हैं।

* किसी लड़की का कौमार्य भंग करना पुरुष के लिए एक बहुत ही ज़िम्मेदारी का काम होता है। उसे इस मौक़े को उतनी ही तवज्जोह देनी चाहिए जितनी किसी पूजा को दे जाती है। उसे लड़की के लिए यह मौक़ा हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहिए। उसे इस दिशा में हर वह प्रयत्न करना चाहिए जिससे लड़की अपना सबसे मूल्यवान उपहार उस पुरुष को देते हुए खुश हो।
* पुरुष के लिए यह इतना कठिन काम नहीं है क्योंकि एक कुँवारी लड़की की अपेक्षाएं ज्यादा नहीं होतीं। वह यौन के सुखों से अब तक अनभिज्ञ होती है और उसके मन में आकांक्षा, व्यग्रता, चिंता और डर जैसे कई विचार घूम रहे होते हैं। पुरुष का कर्तव्य बनता है कि वह उसकी भावनाओं की कद्र करते हुए बड़े प्यार से उसको धीरे धीरे इस नई डगर पर ऐसे ले जाए कि वह उसके साथ बार-बार उस डगर पर चलना चाहे।
सुहागरात की तैयारी:-
<<<<<<>>>>>>>>
* मर्दों और लड़कियों दोनों के लिए सबसे ज़रूरी तैयारी है अपनी शारीरिक स्वच्छता या सफाई। यौन सम्भोग एक ऐसा मिलन है जिसमें हमारा संपर्क एक दूसरे के पूरे अंग से होता है। तो लाज़मी है कि हमारा पूरा शरीर एकदम साफ़ हो। गुप्तांगों की सफाई तो ज़रूरी है ही, साथ ही साथ हमारे बाकी अंग, खास तौर से मुँह, जीभ और बगलें साफ़ होना बहुत आवश्यक हैं। बेहतर होगा अगर दोनों जने बिस्तर पर जाने से पहले नहा लें। लड़कियों को चाहिए कि अपनी योनि, गुदा, नाभि और स्तनों को अच्छे से धो लें और लड़कों को अपने लिंग को अच्छे से साफ़ कर लेना चाहिए।
* अगर लिंग खता हुआ नहीं है (uncircumcised) तो उसके सुपाड़े की परत को जांच लेना चाहिए। कई बार वहाँ गंदगी (smegma) छिपी होती है जो दिखती नहीं है। शरीर से कोई दुर्गन्ध नहीं आनी चाहिए। मेरी सलाह है कि शरीर पर कोई खुशबू (इत्र, सेंट, डियो इत्यादि) लगाने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ साफ़-सुथरा बदन ही काफी है जिससे हमारे बदन की प्राकृतिक गंध (Pheromones) नष्ट ना हो जाए जो यौनाकर्षण में एक अहम भूमिका निभाती है। हाँ, लड़कों को अपनी उँगलियों के नाखून छोटे कर लेने चाहिए और यकीन करना चाहिए कि वे नुकीले नहीं हैं। नाखून काटने के बाद उन्हें फ़ाइल कर लेना चाहिए वरना अनजाने में लड़की के गुप्तांगों को ज़ख़्मी कर सकते हैं।
* इसके अलावा यौन संसर्ग के लिए आवश्यक है कि एक शीतल कमरा हो जिसमें एक आरामदेह बड़ा बिस्तर हो। कमरे के साथ बाथरूम लगा हुआ हो जिसमें ठण्डे और गर्म पानी का बंदोबस्त हो। गोपनीयता और एकांत के लिए गहरे परदे और मंद रोशनी बेहतर रहेगी। बिस्तर पर तीन-चार तकिये और एक-दो तौलिए होने चाहिए। कुछ लोगों की राय में वातावरण को रूमानी बनाने के लिए सुगन्धित मोमबत्तियाँ और हल्का संगीत होना चाहिए। मैं इसे ज़रूरी नहीं समझता। अगर हो सके तो ठीक है पर ज़रूरी नहीं है।

* मेरी राय में जब लड़का-लड़की यौन के आवेश में आ जाते हैं तो उनकी सब इन्द्रियाँ सिर्फ सम्भोग पर केंद्रित हो जाती हैं और वातावरण की सुगंध या संगीत का अहसास उन्हें कतई नहीं होता।
* किसी भी सम्भोग के पहले पेट हल्का होना चाहिए। तो, दोनों को हल्का भोजन करना चाहिए और कच्चा प्याज-लहसुन से परहेज़ करना चाहिए जिससे मुँह से दुर्गन्ध ना आये। वैसे भी खाना खाने के बाद मुँह अच्छे से साफ़ कर लेना चाहिए।
* अमूमन लोग सोचते हैं कि संभोग का मज़ा बढ़ाने के लिए मदिरा-पान कर लेना चाहिए। पर यह ना तो ज़रूरी है और ना ही मैं इसकी सलाह देता हूँ। मैं मदिरा-पान के खिलाफ नहीं हूँ और एक-आध पैग में कोई बुराई भी नहीं है परन्तु यौन का मज़ा जो पूरे होशो-हवास में आता है वह नशे की हालत में कहाँ आ सकता है। यौन तो खुद ही सर्वोत्तम नशा है.....
* फिर शराब का सहारा किस लिए ....? वैसे भी डॉक्टरों का मानना है कि शराब लिंग के लिए उत्तेजक नहीं बल्कि एक अवरोधक का काम करता है। शराब के बाद पुरुष सेक्स के बारे में बातें तो बहुत कर सकता है पर उसकी पौरुष शक्ति कमज़ोर हो जाती है और कई बार वह सम्भोग में विफल भी हो सकता है।
* हाँ, एक और बात.... अपने मोबाइल फोन बंद करना ना भूलें वरना वे ऐसे समय बजेंगे कि सारा मज़ा किरकिरा हो जायेगा।
* पुरुष के लिए ज़रूरी है कि वह किसी बात के लिए जल्दबाज़ी न दिखाए। भले ही लड़का-लड़की पहले से एक दूसरे को जानते हों या फिर पहली बार एकांत में मिल रहे हों.....
* शुरुआत में दोनों को एक अजीब सी झिझक होगी। लड़की को खास तौर से काफी संकोच और असमंजस हो सकता है .... थोड़ी-थोड़ी घबराहट भी हो सकती है। कुछ मर्द भी ऐसे मौक़ों पर घबराहट महसूस कर सकते हैं खास तौर से वे जिन्हें अपना लिंग छोटा लगता हो या जिन्हें शीघ्र-पतन का डर हो। मेरी राय में दोनों को ही अपनी शंकाओं पर काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए और प्रकृति की इस नायाब अनुभूति का आनन्द उठाने का प्रयास करना चाहिए।
* बेहतर होगा अगर शुरुआत बातचीत से की जाये। पुरुष को पता होना चाहिए कि सेक्स के प्रांगण में हर तरह की पहल उसे ही करनी होती है। लड़की को ऐसे मौक़े पर ‪#‎लज्जा‬ और झिझक ही शोभा देती है। ठीक तरह से बातचीत करने के लिए भी पहले से तैयारी करना बेहतर होगा। पुरुष को चाहिए कि इस बारे में पहले से सोच ले क्या क्या बात करनी है वरना उस वक्त दिमाग धोखा दे सकता है।
* अकसर लड़कियों को अपने घरवालों की और खुद की तारीफ सुनना अच्छा लगता है। अगर ‪#‎सुहाग‬-रात शादी के बाद मनाई जा रही है तो अकसर लड़की काफी थकी हुई होती है .... उसकी थकान दूर करने के लिए पुरुष उसके हाथ, कंधे, बाजू, सिर इत्यादि दबाने के बहाने उसको छू सकता है। इससे शुरू-शुरू की झिझक तोड़ने में सहायता मिलेगी और लड़की को साहस भी मिलेगा।

* सम्भोग से पहले लड़की को निर्वस्त्र करना एक ऐसा अवसर है जो दोनों को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है। इस अवसर का सही उपयोग करना चाहिए। अगर पुरुष लड़की का शरीर दबा कर उसकी थकान मिटाने में जुटा है तो वह आसानी से धीरे धीरे उसके कपड़े इस तरह अलग कर सकता है मानो वे उसके रास्ते में आ रहे हों। लड़की का चीर-हरण धीरे धीरे करना चाहिए। अकसर लड़कियाँ ऊपरी कपड़े उतरवाने में ज्यादा संकोच नहीं करतीं पर पहली बार किसी के सामने ब्रा और पैन्टी उतरवाने में शर्म के कारण आपत्ति कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो पुरुष को लड़की की इच्छा की कद्र करनी चाहिए और रुक जाना चाहिए। इस समय वह खुद अपने आप को निर्वस्त्र कर सकता है। कुछ लड़कियों को रोशनी में नंगा होने से संकोच होता है तो उजाला कम कर देना चाहिए ... पर बिलकुल अँधेरा ठीक नहीं है।
* हालाँकि मेरा यह मानना है कि सच्चा पुरुष वही है जो स्त्री की इच्छाओं की कद्र करे और उसकी भौतिक कमजोरी का नाजायज़ फ़ायदा ना उठाये। पर यह भी सही है कि पुरुष को दृढ़ता से वे सब काम करने चाहिए जो कि उचित और ज़रूरी हों। अगर लड़की को ज्यादा ही संकोच या आपत्ति हो तो उसे अपना हक़ जता कर या ज़रूरत हो तो थोड़ा बल इस्तेमाल करके लड़की को सही मार्ग पर लाना चाहिए। इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि लड़की का बलात्कार किया जाये .... आशा है पाठक मेरा उद्देश्य समझ गये होंगे।
* सम्भोग का उद्देश्य तो सब जानते हैं .... पुरुष के लिंग का स्त्री की योनि में प्रवेश और फिर जितनी ज्यादा देर हो सके मैथुन करना। इस उद्देश्य को पाने के लिए पुरुष के लिंग और स्त्री की योनि को सम्भोग के लिए तैयार होना चाहिए, अर्थात पुरुष का लिंग सख्ती से खड़ा होना चाहिए और लड़की की योनि भीगी हुई होनी चाहिए। प्रकृति ने इसका प्रावधान किया हुआ है और जब भी स्त्री-पुरुष यौनाग्नि से उत्तेजित होते हैं तो स्वतः ही उनके यौनांग सम्भोग के लिए तत्पर हो जाते हैं। लेकिन वर्षों के सामाजिक प्रतिबंधों और सांस्कारिक बंदिशों के कारण हमारी लड़कियों में यौन के प्रति भांति भांति की गलत धारणाएं हैं जो उन्हें यौन-संसर्ग के आनन्दों को लूटने से रोकती हैं। अतः जहाँ पुरुष यौन-आवेश में आसानी से उत्तेजित हो जाता है वहीँ हमारी स्त्री संकुचित रह जाती है जिससे उसकी इन्द्रियाँ अपना प्राकृतिक काम नहीं कर पातीं। इससे उसकी योनि में रस-संचार में देरी लगती है और वह सम्भोग के लिए जल्दी तैयार नहीं हो पाती। यह दोष प्राकृतिक नहीं बल्कि सामाजिक है। पुरुष को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और स्त्री को धीरज के साथ यौन के लिए तैयार करना चाहिए।
* लड़की को उत्तेजित करना आसान है पर इनकी उत्तेजना का स्रोत मर्दों से परे होता है। हमारी पाँच मूल इन्द्रियाँ हैं ..... दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, स्वाद और गंध। वैसे तो मैथुन में सभी इन्द्रियों का प्रयोग होता है लेकिन स्त्री-पुरुष में उत्तेजना पैदा करने में इन्द्रियों का योगदान अलग-अलग होता है। मर्दों में दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण होती है और उसके बाद स्पर्श। मर्दों को उकसाने में गंध, श्रवण और स्वाद बहुत कम असर करते हैं। स्त्रियों में स्पर्श सबसे अधिक कारगर होता है और इसके बाद क्रमशः श्रवण, गंध, दृष्टि और स्वाद आते हैं। इसीलिये नंगी लड़की की तस्वीर या ब्लू-फिल्म देखकर लड़के आसानी से उत्तेजित हो जाते हैं जबकि लड़कियाँ नहीं होतीं। उन्हें उत्तेजित होने के लिए प्यारे प्यारे स्पर्श के साथ अच्छी अच्छी बातें सुनना और सुगन्धित वातावरण ज़रूरी हैं। एक सफल आशिक़ इस बारीकी को अच्छी तरह समझता है।
* मतलब यह कि लड़की को नंगा करके, उसे आरामदेह बिस्तर पर लिटा कर, उससे प्यार भरी बातें करते हुए उसके शरीर पर हल्के-हल्के हाथ फेरना चाहिए। अगर बिस्तर के पास ताज़ा फूलों का गुलदस्ता और कुछ भीनी अगरबत्तियाँ हों तो अच्छा रहेगा। इस तरह लड़की की सही इन्द्रियों का उपयोग होगा और मर्द की उपयुक्त इन्द्रियों का भी क्योंकि वह नंगी लड़की को देख और छू रहा होगा। उससे प्यार भरी बातें करना बहुत ज़रूरी है। लड़की की कामुकता जगाने के लिए उसके कान और मर्द के हाथ और उँगलियाँ बहुत काम आते हैं।
* पहले लड़की को उलटा लिटा दो। उसकी बाजुओं को बदन से थोड़ा अलग कर दो और टांगों को भी थोड़ा खोल दो। फिर उसके पास बैठ कर उसकी पीठ पर अपने हाथ फिराओ। पीठ के बीच से शुरू करते हुए अपनी उँगलियों और नाखूनों से पीठ पर गोलाकार रेखाएँ खींचो। साथ ही झुक-झुक कर उसकी गर्दन और पीठ पर अपने होंठों से चुम्बन करो। अब अपनी उँगलियाँ पीठ से हटा कर उसकी दोनों बगलों पर चलाओ। इससे उसको गुदगुदी होगी और वह इधर-उधर हिलेगी। धीरे-धीरे अपने हाथों को उसके नितंब (चूतड़) और जाँघों से बचाते हुए टांगों पर ले आओ। कुछ देर उसकी पिण्डलियों और टांगों पर हाथ फिराओ और फिर उसके पैर के तलवों को सहलाते हुए उसके पाँव की उँगलियों के बीच अपनी उँगलियाँ घुसा कर उनकी मालिश करो। बीच-बीच में नीचे झुक कर उसके बदन पर इधर-उधर चुम्मियाँ लेते रहो, साथ ही उससे कुछ ना कुछ प्यारी बातें कहते रहना अच्छा रहेगा।
* अब, अपने हाथ उसके पाँवों से सरका कर उसकी जाँघों और नितंब पर ले आओ। यह बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है और लड़की ज़रूर कसमसाएगी। उसकी कसमसाहट का आनन्द लेते हुए उसके इस हिस्से से खिलवाड़ करो। अपने हाथों और उँगलियों से इस पूरे इलाक़े का निरीक्षण करो। वह अपनी टाँगें भींचने का प्रयत्न करेगी पर उन्हें थोड़ा खुला ही रखो और उसकी जाँघों के मर्मशील हिस्से को ऊँगली के सिरे और नाखूनों से सहलाओ। अब, एक-एक बड़ी पुच्ची उसके दोनों चूतड़ों पर जमाओ और एक ऊँगली उसके बीच की दरार में डाल कर ऊपर से नीचे तक एक-दो बार चलाओ। ध्यान रहे कि अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल निरंतर होना चाहिए। अगर एक हाथ नितंब के लिए काफी है तो दूसरा हाथ पीठ पर चला सकते हो।
* लड़की के बदन के पूरे पिछवाड़े को सहलाने के बाद उसको पलट कर सीधा कर दो। हो सकता है लज्जा-वश वह अपनी टाँगें सिकोड़ ले और अपने हाथों से अपने स्तन ढक ले। ऐसे में दृढ़ता से उसकी टाँगें सीधी करो और उसके हाथों को हटा कर बगल के साथ कर दो। उसके हाथ उठा कर उसके सिर के पास कर दो तो और भी अच्छा रहेगा।
* अब जैसे पीठ पर किया था वैसे ही उसके पेट पर एक हाथ फेरना शुरू करो और दूसरे से उसके सिर के बाल सहलाओ। साथ ही उसके माथे, आँखों, नाक, कान और ठोड़ी पर पुच्चियाँ करो। लड़कियों के कान और उनके पीछे का इलाका उन्हें बहुत गुदगुदाता है, वहाँ पुच्ची करो।
अभी उसके होंठों पर चुम्बन ना करो ....
* अब अपना ध्यान उसकी टांगों और पाँव पर ले जाओ और प्यार से उन पर हाथ फिराओ। उसके तलवे गुद्गुदाओ और उसके घुटनों पर अपनी हथेलियाँ जमा कर गोल-गोल घुमाओ। अपने पोले-पोले हाथों और नाखूनों से उसकी जाँघों को कुरेदो। अधिकांश लड़कियाँ इस समय तक कामुकता में लोप हो गई होती हैं.... उनके दिल की धड़कन और साँसें तेज हो जाती हैं, बदन अकड़ने सा लगता है, स्तन उभरते हैं और स्तनाग्र पैने होने लगते हैं। जब ये संकेत मिलने लगें तो समझ लो लड़की लगभग तैयार है। अधिकांश मर्द इस पूरी क़वायद के दौरान उत्तेजित ही रहते हैं।
* अब एक तकिया लड़की के नितंबों के नीचे रख कर उसे थोड़ा उठा दो और खुद उसके घुटनों और जाँघों के बीच बैठ जाओ। अपना वज़न उसकी टांगों पर न डालो। अब आगे झुक कर उसके स्तनों को दोनों हाथों में लेकर प्यार से मसलना और सहलाना शुरू करो, साथ ही उसके होंठों पर अपना मुँह रखकर प्यार करो। अपनी जीभ से उसके मुँह को खोल कर जीभ अंदर डालने की कोशिश करो और फिर उसकी जीभ से खिलवाड़ करो।
* इस अवस्था में तुम्हारे हाथ रास्ते में आ सकते हैं तो उन्हें हटा कर लड़की को लेटे-लेटे ही आलिंगन में ले लो और अपने सीने से उसके स्तनों को मलो। अब तुम्हारा पेट उसके पेट को छू रहा होगा। ज़्यादातर लड़कियाँ इस समय अपनी टाँगें स्वतः खोल कर मोड़ लेती हैं। अगर वह ना करे तो अपने पाँव और घुटनों से उसकी टाँगें खोल दो। उसके मुँह, गर्दन और स्तनों पर पुच्चियाँ करते हुए अपना एक हाथ उसकी योनि पर ले जाओ। उसकी योनि के इर्द-गिर्द उंगली फिराते हुए उसके कटाव में हलके से दबाव डालो। लगभग सभी लड़कियों की योनि इस समय भीगी हुई मिलेगी। अगर भीगी है और मर्द का लिंग भी तैयार है तो सम्भोग हो सकता है।
* अगर पुरुष के लिए यह सम्भोग का पहला मौक़ा है तो सकता है उसे स्त्री के यौनांगों का ठीक से ज्ञान ना हो और वह अपने निशाने से चूक सकता है या फिर गलत निशाना लगा सकता है। कुछ मर्द इतने नादान होते हैं कि वे गुदा को ही अपना लक्ष्य समझते हैं। शायद वे सोचते हैं कि योनि सिर्फ पेशाब के लिए होती है और उनका मोटा लिंग उसमें नहीं घुस पाएगा। जबकि कुछ मर्दों को यह गलत धारणा नहीं होती और उन्हें मालूम भी होता है कि उन्हें योनि को ही भेदना है पर उन्हें उस छेद को अपने लिंग के सुपारे से ढूँढना नहीं आता।अच्छा होता अगर भगवान ने एक आँख मर्दों के सुपारे पर भी लगाई होती !!
* जो पुरुष पहली बार यह कर रहे हों उनके लिए लाज़मी है या तो लड़की उनके लिंग को पकड़ कर सही छेद पर टिका दे पर अगर वह शर्मीली है तो पुरुष अपनी उंगली से छेद को टटोल ले और फिर वहीं अपने सुपारे को टिका दे।
* वैसे तो सम्भोग के लिए कई आसन हैं पर पहली बार के लिए एक ऐसा आसन होना चाहिए जो दोनों के लिए सरल हो, जिसमें मर्द का नियंत्रण रहे और जिसमें गहराई तक लिंग प्रवेश मुमकिन हो। इसके लिए लड़की पीठ के बल नीचे लेटी हो और मर्द उसके ऊपर हो (missionary position) उचित है। इसीलिए मैंने अपने पात्रों को इस अवस्था में छोड़ा है।
* अब बहुत ही अहम समय आ गया है जब लड़का अपना लिंग लड़की की योनि में डालने की कोशिश करेगा। लड़के को उठ कर लड़की की टांगों के बीच अपने घुटनों के बल बैठ जाना चाहिए और लड़की के नीचे रखे तकिये के सहारे उसके नितंबों को पर्याप्त ऊँचाई देनी चाहिए। अगर तकिया पतला है तो दो तकिये ले सकते हैं। अब लड़की की टाँगें पूरी तरह खोल कर चौड़ी कर देनी चाहिए और लड़के को घुटनों के बल आगे-पीछे खिसक कर अपने आप को सही जगह ले आना चाहिए जिससे उसका लिंग योनि में आसानी से प्रवेश कर सके। ज़रूरत हो तो लड़की की टाँगें उठा कर मर्द के कन्धों पर भी रखी जा सकती हैं। इससे लिंग काफी गहराई तक अंदर जा सकता है। अब अपनी उंगली से मर्द को योनि का मुआयना करते हुए उसके छेद का पता लगा लेना चाहिए। फिर आगे झुक कर अपना सुपाड़ा उंगली की जगह रख कर टिका देना चाहिए। यह सुनिश्चित कर लें कि योनि भीगी हुई है वरना अपने थूक से या तेल से लिंग को गीला कर लें। अब सब तैयार है।
* इस समय लड़की का संकुचित होना स्वाभाविक है। वह आकांक्षा और आशंका से जूझ रही होती है। पुरुष को चाहिए कि वह उसे दिलासा दे, उसका साहस बढ़ाये तथा उसे आश्वस्त करे कि वह उससे प्यार करता है और उसे तकलीफ नहीं पहुँचाएगा।
* इसके लिए कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है .... सिर्फ प्यार से उसके सिर और बदन पर हाथ फेरना काफी होगा।
* अब पुरुष के प्रहार करने की घड़ी आ गई है। उसे आगे झुक कर लड़की के कन्धों को विश्वासपूर्वक पकड़ लेना चाहिए जिससे वह ज्यादा हिल-डुल ना सके। फिर अपने सुपारे पर शरीर द्वारा इस तरह दबाव बनाना शुरू जिससे सुपारा योनि में घुसने लगे।
* अब लड़की की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना चाहिए। उसके लिए यह एक नया अनुभव है और उसके मन का डर उसे रुकने के लिए उकसाएगा। थोड़ी बहुत आपत्ति को तो नज़रंदाज़ कर सकते हैं पर अगर लड़की को ज्यादा तकलीफ हो रही हो तो पुरुष को रुक जाना चाहिए। कुछ देर अंदर की ओर दबाव बनाये रखने के बाद ढील देनी चाहिए और फिर से उतना ही दबाव बनाना चाहिए। लड़की को धीरे-धीरे सुपारे को योनि-द्वार में महसूस करने और उसके आकार को भांपने का मौक़ा देना चाहिए जिससे वह शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आप को ढाल सके। आखिर वह भी सम्भोग के लिए उतनी ही लालायित है अपितु आशंकित भी है।
* दो-तीन बार इस तरह दबाव डालने से योनि-द्वार थोड़ा खुल सा जाएगा और सुपाड़ा उसमें फंसने लगेगा। अब और अधिक प्रवेश तब ही हो पाएगा जब लिंग योनि की कौमार्य-झिल्ली को भेदे। इसके लिए पुरुष को अपना लिंग इतना बाहर निकाल लेना चाहिए जिससे कि सुपाड़ा योनि-द्वार का रास्ता ना खो जाये। फिर स्त्री के शरीर को कसकर पकड़ कर और उसे बिना किसी चेतावनी दिए एक ज़ोरदार धक्का अंदर की ओर लगाना चाहिए।
* इससे लड़की को दर्द तो ज़रूर होगा पर और उसकी झिल्ली का पतन आसानी से हो जायेगा। लिंग को एक झटके में अंदर डालने से दर्द भी क्षणिक ही होगा। झिल्ली-भेदन से कुछ खून भी निकल सकता है जो कि किन्हीं कारणों से मर्दों को बहुत अच्छा लगता है। पर इस रक्त-प्रवाह से घबराने की बात नहीं है। यह झिल्ली के फटने से हुआ प्रवाह है जो थोड़ी देर में अपने आप रुक जायेगा। अगर यह खून ना निकले तो ज़रूरी नहीं कि लड़की कुंवारी नहीं है। लड़कियों की झिल्ली सिर्फ सम्भोग से ही नहीं कई और कारणों से भी फट सकती है जैसे घुड़-सवारी, साइकिल चलाना, योगाभ्यास, जिमनास्टिक्स या कोई दुर्घटना। इसलिए मर्द को लड़की के चरित्र पर सोच-समझ कर शक करना चाहिए।
* कौमार्य-झिल्ली योनि-द्वार से करीब एक इंच की गहराई में होती है अतः इसे भेदने के लिए पूरा लिंग अंदर डालने की ज़रूरत नहीं है। वैसे भी एक कुंवारी योनि में एक विकसित लिंग को एक ही झटके में पूरा अंदर डालना नामुमकिन सा है। यह तो तभी संभव है जब कोई खूंखार मर्द किसी अबला लड़की का बेरहमी से बलात्कार करे।
* इस अचानक किये प्रहार के बाद पुरुष को लड़की को प्यार से आलिंगन-बद्ध कर लेना चाहिए और उसे देर तक पुचकारना चाहिए। इस पूरे समय उसे अपना लिंग बाहर नहीं निकालना चाहिए जिससे योनि को उसे ग्रहण करने का और अपने आकार को समायोजित करने का समय मिले। जब लगे कि लड़की अब संभल गई है तो लड़के को धीरे-धीरे दो-तीन बार लिंग को अंदर-बाहर करना चाहिए। इस समय लिंग को उतना ही अंदर ले जाएँ जितना पहले झटके में गया था।
* जब योनि इस घर्षण को स्वीकार करने लगे तो धीरे-धीरे लिंग को निरंतर बढ़ती हुई गहराई से अंदर डालना शुरू करना चाहिए। यह पुरुष के लिए एक बहुत ही आनन्ददायक अहसास होता है जब उसका सुपारा योनि की अंदर से चिपकी हुई दीवारों को हर प्रहार के साथ थोड़ा-थोड़ा खोलता जाता है, मानो एक नया रास्ता बना रहा हो।
* मेरा आशय है कि लड़की को भी उसकी इस निरंतर अंदर से खुलती हुई योनि का आभास सुखदायक होता होगा और उसको अब पहली बार चिंता-मुक्त आनन्द की अनुभूति होती होगी। जब ऐसा होगा तो लड़की के माथे से शिकन मिट जायेगी, उसका कसा हुआ शरीर थोड़ा शिथिल हो जायेगा और वह मैथुन से मानसिक विरोध बंद कर देगी।
* फिर हौले-हौले उसका साहस बढ़ेगा और हो सकता है वह सम्भोग में सहयोग भी करने लगे। वह कितनी जल्दी सहयोग करने लगती है यह पुरुष के यौन-सामर्थ्य, उसके आचरण और अपने साथी के प्रति उसकी चिंता पर निर्भर है। पुरुष जितना लड़की का ध्यान रखेगा, लड़की उससे भी ज्यादा उसका सहयोग करेगी और उसे खुश रखने का भरपूर प्रयास करेगी। यह बात यौन में ही नहीं, जीवन के हर पहलू में लागू हैं।
* अब वह स्थिति आ गई है जब पुरुष चाहे तो अपना पूरा लिंग अंदर-बाहर करना शुरू कर सकता है। और उसे यह करना भी चाहिए क्योंकि तब ही उसे मैथुन का पूरा मज़ा आएगा। अगर लिंग को जड़ तक अंदर बार-बार नहीं पेला तो क्या सम्भोग किया !!
* जहाँ तक लड़कियों का सवाल है, उनकी योनि कि तंत्रिकाएँ योनि-द्वार से करीब दो इंच अंदर तक ही होती हैं। उसके बाद योनि में कोई अहसास का माध्यम नहीं होता। इसीलिए लड़की को यौन सुख देने के लिए ढाई इंच का लिंग भी काफी है। बड़ा लिंग होना तो मर्दों की सनक है जिसे वे मर्दानगी का द्योतक मान बैठे हैं वरना औरतों को तो मर्दानगी उनके आचरण और व्यवहार में दिखती है .... उनकी शिष्टता, शौर्य और खुद्दारी में दिखती है, ना कि उनके लिंग की लम्बाई में।
* अकसर मर्द किसी कुंवारी लड़की को भेदने के बाद ज्यादा देर तक मैथुन नहीं कर पाता क्योंकि उसकी उत्तेजना एक नई योनि के आभास से शीघ्र ही चरम सीमा तक पहुँच जाती है!

बुधवार, 4 मार्च 2015

शीघ्रपतन की बीमारी को नपुंसकता श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.....!

* सेक्स क्रिया में मानवों के बीच शीघ्रपतन नामक शब्द काफी अहमियत रखता है. यदि इस शब्द की शाब्दिक व्याख्या करें तो शीघ्र गिर जाने को शीघ्रपतन कहते हैं। लेकिन सेक्स के मामले में यह शब्द वीर्य के स्खलन के लिए, प्रयोग किया जाता है।

 * पुरुष की इच्छा के विरुद्ध उसका वीर्य अचानक स्खलित हो जाए, स्त्री सहवास करते हुए संभोग शुरू करते ही वीर्यपात हो जाए और पुरुष रोकना चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, अधबीच में अचानक ही स्त्री को संतुष्टि व तृप्ति प्राप्त होने से पहले ही पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाना या निकल जाना, इसे शीघ्रपतन होना कहते हैं।

* इस व्याधि का संबंध स्त्री से नहीं होता (क्योंकि स्त्रियों में स्खलन की क्रिया नहीं पायी जाती), यह पुरुष से ही होता है और यह व्याधि सिर्फ पुरुष को ही होती है। शीघ्र पतन की सबसे खराब स्थिति यह होती है कि सम्भोग क्रिया शुरू होते ही या होने से पहले ही वीर्यपात हो जाता है। सम्भोग की समयावधि कितनी होनी चाहिए यानी कितनी देर तक वीर्यपात नहीं होना चाहिए, इसका कोई निश्चित मापदण्ड नहीं है। यह प्रत्येक व्यक्ति की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति पर निर्भर होता है। वीर्यपात की अवधि स्तम्भनशक्ति पर निर्भर होती है और स्तम्भन शक्ति वीर्य के गाढ़ेपन और यौनांग की शक्ति पर निर्भर होती है।
* स्तम्भन शक्ति का अभाव होना #शीघ्रपतन है।

* बार-बार कामाग्नि की आंच (उष्णता) के प्रभाव से वीर्य पतला पड़ जाता है सो जल्दी निकल पड़ता है।

*  ऐसी स्थिति में #कामोत्तेजना का दबाव यौनांग सहन नहीं कर पाता और उत्तेजित होते ही वीर्यपात कर देता है। यह तो हुआ शारीरिक कारण, अब दूसरा कारण मानसिक होता है जो शीघ्रपतन की सबसे बड़ी वजह पाई गई है। एक और लेकिन कमजोर वजह और है वह है हस्तमैथुन. हस्तमैथुन करने वाला जल्दी से जल्दी वीर्यपात करके कामोत्तेजना को शान्त कर हलका होना चाहता है और यह शान्ति पा कर ही वह हलकेपन तथा क्षणिक आनन्द का अनुभव करता है। इसके अलावा अनियमित सम्भोग, अप्राकृतिक तरीके से वीर्यनाश व अनियमित खान-पान आदि।

* शीघ्रपतन की बीमारी को नपुंसकता श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि यह बीमारी पुरुषों की मानसिक हालत पर भी निर्भर रहती है। मूलरूप से देखा जाय तो 95 फीसदी शीघ्रपतन के मामले मानसिक हालत की वजह से होते हैं और इसके पीछे उनमें पाई जाने वाली सेक्स अज्ञानता व शीघ्रपतन को बीमारी व शीघ्रपतन से संबंधी बिज्ञापन होते हैं. कई बार तो इन विज्ञापनों से वीर्य स्खलन का समय इतना अधिक बता दिया जाता है जो मानव शक्ति से काफी परे होता है मसलन 20 मिनट से आधे घंटे तो कई बार इससे भी ज्यादा जबकि वर्तमान शोधों से पता चला है स्खलन का सामान्य समय तीन से चार मिनट का होता है.

* कई युवकों और पुरुषों को मूत्र के पहले या बाद में तथा शौच के लिए जोर लगाने पर धातु स्राव होता है या चिकने पानी जैसा पदार्थ किलता है, जिसमें चाशनी के तार की तरह लंबे तार बनते हैं। यह मूत्र प्रसेक पाश्वकीय ग्रंथि से निकलने वाला लसीला द्रव होता है, जो कामुक चिंतन करने पर बूंद-बूंद करके मूत्र मार्ग और स्त्री के योनि मार्ग से निकलता है, ताकि इन अंगों को चिकना कर सके। इसका एक ही इलाज है कि कामुकता और कामुक चिंतन कतई न करें। एक बात और पेशाब करते समय, पेशाब के साथ, पहले या बीच में चूने जैसा सफेद पदार्थ निकलता दिखाई देता है, वह वीर्य नहीं होता, बल्कि फास्फेट नामक एक तत्व होता है, जो अपच के कारण मूत्र मार्ग से निकलता है, पाचन क्रिया ठीक हो जाने व कब्ज खत्म हो जाने पर यह दिखाई नहीं देता है।

* धातु क्षीणता आज के अधिकांश युवकों की ज्वलंत समस्या है। कामुक विचार, कामुक चिंतन, कामुक हाव-भाव और कामुक क्रीड़ा करने के अलावा खट्टे, चटपटे, तेज मिर्च-मसाले वाले पदार्थों का अति सेवन करने से शरीर में कामाग्नि बनी रहती है, जिससे शुक्र धातु पतली होकर क्षीण होने लगती है। दरअसल सेक्स के दौरान शीघ्रपतन होना एक सामान्य समस्या है। यह समस्या अधिकांशत: युवाओं के बीच कहते- सुनते देखा जा सकता है। एक अमेरिकी सर्वे के अनुसार दुनिया की 43 फीसदी महिलाएं और 31 प्रतिशत पुरूष शीघ्रपतन की समस्या के शिकार हैं। हालांकि यह समस्या गर्भधारण या जनन के लिए बाधा उत्पन्न नहीं करती है, फिर भी यह एक स्वस्थ शरीर और अच्छे व्यक्ितत्व के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

* इस समस्या से ग्रसित व्यक्ित के स्वभाव में सबसे पहले परिवर्तन आता है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि इस परेशानी की वजह से पीडि़त व्यक्ित का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। वह अक्सर सिरदर्द जैसे शारीरिक समस्याओं से भी ग्रसित हो सकता है या कुछ समय के बाद सेक्स में अरूचि भी आ जाने की संभावना रहती है। इसके अलावा शारीरिक दुर्बलता भी हो सकती है।आज भी बहुत से लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं। जो लेते भी हैं वह इस समस्या को किसी के सामने रखने से डरते हैं। एक आकलन के अनुसार पुरूष का #संभोग समय औसतन तीन मिनट का होता है। कुछ लोग दस मिनट तक संभोगरत रहने के बाद खुद को इस समस्या से बाहर मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके बरक्स अगर आप एक दूसरे को संतुष्ट करने से पहले ही स्खलित हो जाते हैं तो यह शीघ्रपतन माना जाता है। यह समस्या असाध्य नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य से इसके उपचार को लेकर लोगों में अनेक तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं।

*जबकि #सेक्स के कुछ तरीकों में परिवर्तन करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। सबसे पहले तो इस समस्या को भी एक आम शारीरिक परेशानी की तरह लें। सेक्स के दौरान चरम पर आने से पहले सेक्स के विधियों में बदलाव करें। मसलन आप मुखमैथुन, गुदामैथुन आदि की ओर रूख कर सकते हैं। इसके बाद भी अपनी अवस्थाओं को बदलते रहने का प्रयास करते रहें। सेक्स के दौरान कुछ देर तक लंबी सांस जरूर लें। यह प्रक्रिया शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करती है।

* आपको मालूम होना चाहिए कि एक बार के सेक्स में करीब 400 से 500 कैलोरी तक ऊर्जा की खपत होती है। इसलिए अगर संभव हो सके तो बीच-बीच में त्वरित ऊर्जा देने वाले तरल पदार्थ जैसे ग्लूकोज, जूस, दूध आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आपसी बातचीत भी आपको स्थायित्व दे सकता है।

* ध्यान रखें, संभोग के दौरान इशारे में बात न करके सहज रूप से बात करें।डर, असुरक्षा, छुपकर सेक्स, शारीरिक व मानसिक परेशानी भी इस समस्या का एक कारण हो सकती है। इसलिए इससे बचने का प्रयत्न करें। इसके अलावे कंडोम का इस्तेमाल भी इस समस्या के निजात के लिए सहायक हो सकता है। समस्या के गंभीर होने पर आप किसी अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट से सलाह ले सकते हैं।

* शीघ्रपतन से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है कि आप अपने दिमाग से यह निकाल दें कि आप शीघ्रपतन के शिकार हैं और शीघ्रपतन कोई बीमारी है. शुरुआती दौर में अस्सी फीसदी लोग संभोग के दौरान शीघ्रपतन का शिकार होते है. इसलिये इसे बीमारी के रूप में न लें न ही विज्ञापनों से भ्रमित हों.

कुछ येसे प्रयोग दे रहा हूँ जो शीघ्रपतन पे कुछ हद तक अंकुश लगा सकता है और आपको देर तक न स्खलित होने की सीमा को बढ़ा सकता है :-----------------------------------

 * श्वेत कंटकारी के पंचांग को सुखाकर पाउडर बना लें तथा स्त्री में मासिक धर्म के ५ वें दिन से लगातार तीन दिन प्रातः एक बार दूध से दें एवं पुरुष को : अश्वगंधा 10 ग्राम, शतावरी 10 ग्राम, विधारा 10 ग्राम, तालमखाना 5 ग्राम, तालमिश्री 5 ग्राम सब मिलकर 2 चम्मच दूध के साथ प्रातः सायं लेने पर निश्चित लाभ होता है।

* स्त्री में "फलघृत" नामक आयुर्वेदिक औषधि भी इनफरटीलीटी को दूर करता है।

* पलाश के पेड़ की एक लम्बी जड़ में लगभग 250 एम.एल. की एक शीशी लगाकर, इसे जमीन में दबा दें, एक सप्ताह बाद इसे निकाल लें, अब इसमें इकठ्ठा होने वाला निर्यास द्रव प्रातः पुरुष को एक चम्मच शहद से दें। यह शुक्रानुजनित कमजोरी (ओलिगोस्पर्मीया) को दूर करने में मददगार होता है।

* अश्वगंधा 1.5 ग्राम. शतावरी 1.5 ग्राम, सफ़ेद मुसली 1.5 ग्राम एवं कौंच बीज चूर्ण को 75 मिलीग्राम की मात्रा में गाय के दूध से सेवन करने से भी नपुंसकता दूर होकर कामशक्ति बढ़ जाती है।

* शिलाजीत का 250 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम की मात्रा में दूध के साथ नियमित सेवन भी मधुमेह आदि के कारण आयी नपुंसकता को दूर करता है।

शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी:-<<<<<<<<<>>>>>>>>>>

* तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से समस्या दूर होती है नपुंसकता:--<<<<>>>>

* तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।

* किसी भी औषधि विक्रेता से आप सौ ग्राम बडे गोखरू ले लीजिये, दस से बीस रपये के बीच मिल जायेंगे, यदि न मिलें तो ये गाँव इत्यादि में भरपूर रूप से मिलते हैं, बस वो सुखाने पड़ेंगे, वैसे औषधि विक्रेता से मिल जायेंगे अवश्य ही.....!

* अब आप इन सौ ग्राम गोखरू को साफ़ कर लें, झाड़ लें कपडे से, ताकि मिट्टी न बचे, आप धो भी सकते हैं, अब इनको पीस लीजिये, चाहे तो मिक्सर में ही पीस लीजिये, जब बारीक चूर्ण की तरह से हो जाएँ, तो एक तवे पर चार चम्मच चायवाले भरकर देसी घी खौला लीजिये, और इन पिसे हुए गोखरू में डाल लीजिये, जब घी ठंडा हो जाए तो अब इस घी को मिला लीजिये इस चूर्ण में, और किसी डिब्बे में रख लीजिये, अब रोज रात को आधा चम्मच ये लीजिये, और आधा कप गुनगुने दूध के साथ इसका सेवन करें, सोने से पहले, एक हफ्ते में अपनी रंगत और ताक़त देखिये! दाम्पत्य जीवन में जो लम्हों का होता था, अब दस गुना बढ़ जाएगा! शरीर में ताक़त, चेहरे में कांति, अलसायापन ख़तम, स्फूर्ति, चुस्ती और चहकने लगोगे....

उम्र भले ही कोई हो......! करके देखिये........! ये वाजीकारक का एक अहम् नुस्खा है.....!लाभ मिले तो धन्यवाद कहिये.......!बिना नागा, अर्थात कोई भी दिन खाली न जाए......! अब चाहे व्रत हो अथवा स्वास्थय ही खराब हो.......!

केवल रात को ही ले जब तक आप का दिल करे तब तक सेवन करेँ...!

* गोखरू का फल कांटेदार होता है और औषधि के रूप में काम आता है। बारिश के मौसम में यह हर जगह पर पाया जाता है। नपुंसकता रोग में गोखरू के लगभग 10 ग्राम बीजों के चूर्ण में इतने ही काले तिल मिलाकर 250 ग्राम दूध में डालकर आग पर पका लें। पकने पर इसके खीर की तरह गाढ़ा हो जाने पर इसमें 25 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर सेवन करना चाहिए। इसका सेवन नियमित रूप से करने से नपुसंकता रोग में बहुत ही लाभ होता है।

* इसके अलावा गोखरू का चूर्ण, आंवले का चूर्ण, नीम और गिलोय को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इस बने हुए चूर्ण को रसायन चूर्ण कहा जाता है। इस चूर्ण को रोजाना 3 बार 1-1 चम्मच की मात्रा में दूध या ताजे पानी के साथ लेने से नपुंसकता, संभोग करने की इच्छा न करना, वीर्य की कमी होना, प्रमेह, प्रदर और मूत्रकृच्छ जैसे रोगों में लाभ होता है।

सेक्स के बारे में जानने की उत्सुकतावश युवा कई गलत कदम उठा बैठते हैं...
* बहुत तेजी से जवानी की दहलीज पर कदम रखने की ओर बढ़ रहे युवा अक्सर सपनों की दुनिया में जीते हैं. वे सेक्स को लेकर बहुत ज्यादा उत्साही होते हैं और इस अति उत्साह में कई गलतियां भी कर जाते हैं. वे ऐसी-ऐसी हरकतें कर बैठते हैं, जिसका उन्हें बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है. कई बार सेक्स के बारे में जानने की चाहत में बाहरी नुकसान तो कम होता है, लेकिन उन्हें नैतिकता का नुकसान जरूर उठाना पड़ता है.
आपकी सेक्स समस्या और उपाय
* आइये हम आपको युवाओ की करी जाने वाली गलतियों से भी अवगत कराते है .
* कुछ युवा पार्कों में कपल्स के पास जाकर उन्हें परेशान करते है ये सेक्स और रिलेशनशिप को लेकर ये युवा बहुत ज्यादा उत्साही होते हैं. इसी उत्साह में वे पार्कों, सिनेमाघरों आदि में एकांत में बैठे प्रेमी जोड़े के पास जाकर उन्हें परेशान करते हैं. सेक्स से जुड़ी अपनी कुंठाओं के चलते वे किसी भी तरह से लड़की को हासिल करना चाहते हैं. यही कोशिश परेशानी का सबब है और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है.
* युवाओं को लगता है कि महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स किसी दूसरी दुनिया की चीजें हैं. वे छिप-छिप कर उन्हें देखने की कोशिश करते रहते हैं. कई बार बाहर सूख रहे अंडरगार्मेंट्स पर कमेंट करना और कई बार आसपास मौजूद लड़कियों के अंडरगार्मेंट्स में झांकने की कोशिश उन्हें बड़ी मुसीबत में डाल सकती है.
* जिज्ञासावश या कुंठा के कारण युवा और भी कई गलतियां कर जाते हैं. उनमें से एक ये भी है कि अगर उन्हें कहीं से किसी अनजान लड़की का फोन नंबर मिल जाए तो वे उस पर ब्लैंक कॉल करने लगते हैं. अश्लील मैसेज और वीडियो शेयर करके भी लड़कियों को परेशान करने से बाज नहीं आते. ऐसे में वे कभी भी साइबर क्राइम के जाल में फंस सकते हैं.
* सेक्स एजुकेशन की सड़कछाप किताबें पढ़ना सेक्स के बारे में जानने की इतनी ललक इन युवाओं में होती है कि वे कहीं से भी इसके बारे में जानने की फिराक में रहते हैं. इसके लिए वे इंटरनेट से लेकर सड़कछाप सेक्स एजुकेशन की किताबों तक का सहारा लेते हैं. ‘मस्तराम’ टाइप की ये किताबें उन्हें सेक्स एजुकेशन कितना देती हैं, इस पर कोई दावा तो किताब छापने वाले भी नहीं कर सकते. लेकिन ये किताबें उनमें सेक्स से जुड़ी कुंठाएं जरूर भर देती हैं.
* लड़कियों के स्कूल के बाहर घूमना-फिरना और उनकी छुट्टी के वक्त रास्ते में खड़े होने जैसी हरकतें भी इस उम्र में देखी जाती हैं. इस बीच लड़कियों को छेड़ना, उन पर फब्तियां कसना जैसी हरकतें करके उन्हें लगता है कि वे अब बड़े हो गए हैं और उनकी यह हरकतें उन्हें लड़कियों की नजर में ऊंचा उठा रही हैं. लेकिन ये हरकतें उन्हें पिटवाने के साथ ही पुलिस के चक्कर में भी फंसा सकती हैं
* अपनी उत्सुकता को शांत करने के लिए ये युवा महिलाओं के वॉशरूम में ताक-झांक करने से भी बाज नहीं आते. सेक्स के बारे में अपने ज्ञान की कुंजी को मोटा करने के लिए वे महिलाओं के वॉशरूम में जाकर उसे करीब से देखने भी पहुंच जाते हैं. असल में वे जानना चाहते हैं कि महिलाओं के वॉशरूम पुरुषों के वॉशरूम से अलग कैसे होते हैं. यह गलती भी कई बार उन्हें भारी पड़ जाती है.
* इस उम्र में सेक्स को लेकर युवा बहुत ज्यादा उत्सुक होते हैं और ऐसे में वे पब्लिक प्लेस में लड़कियों से चिपकने की भी कोशिश से बाज नहीं आते. भीड़ भरी बस हो या मेट्रो और बड़े मेले, ये युवा लड़कियों के ज्यादा से ज्यादा करीब पहुंचकर उन्हें छूने की हर कोशिश करते हैं. ऐसे में लड़किेयों से चिपकना, उन्हें जबरदस्ती छूने की कोशिश करना कई बार इन युवाओं को कानून के पचड़ों में फंसा देता है. इसके अलावा पब्लिक के बीच सरेआम जिल्लत का भी सामना करना पड़ जाता है.
* जैसे-जैसे मोबाइल और इंटरनेट क्रांति आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे ये बीमारी भी बढ़ रही है. यौवन की दहलीज पर कदम रखने की तरफ बढ़ रहे युवा गलती से इस जाल में फंस जाते हैं. वे मनोरंजन के लिए और सेक्स के बारे में जानने के लिए अश्लील वीडियो का सहारा लेते हैं. उनकी यह गलती तब और बढ़ जाती है, जब वे ऐसे वीडियो दोस्तों के साथ शेयर भी करने लगते हैं. ऐसे में उनके कानून के जाल में फसंने की गुंजाइश बहुत ज्यादा होती है.
* इस उम्र में हम-उम्र लड़कियों से दोस्ती होना आम बात है. लेकिन तेजी से जवान हो रहे लड़के हर मुमकिन कोशिश करते हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड किसी तरह बेडरूम तक पहुंच जाए. ऐसे में वे अपने दोस्तों तक से लड़ पड़ते हैं. वे दोस्ती के इस रिश्ते में सेक्स खोजने की भरसक कोशिश करते हैं. कई बार तो यह कोशिश जबरदस्ती तक पहुंच जाती है. कच्ची समझ के कारण ऐसा कदम उठाने के कारण उन्हें जुवेनाइल होम की सैर भी करनी पड़ सकती है.
* सेक्स से जुड़ी अपनी कुंठाओं को पूरा करने के लिए युवा हद से ज्यादा हस्तमैथुन करने लगते हैं. हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि हस्तमैथुन से किसी तरह की कोई कमजोरी आती है. लेकिन बार-बार इस क्रिया से उनकी सेक्स से जुड़ी कुंठाएं और बढ़ती जाती हैं, जो आगे चलकर उनके लिए घातक हो सकती हैं. उनके खुद के लिए और समाज के लिए भी.
परिणाम :-<<<>>>
* * आजकल के युवा बिंदास लाइफ जीना पसंद करते हैं। उन्हें अपनी लाइफ में किसी का भी हस्तक्षेप पसंद नही है। 72 फीसदी युवाओं को बिंदास लाइफ, नशा और सेक्स पसंद है। युवाओं को शादी से पहले सेक्स संबंध गलत नहीं लगते। सर्वे में 72 फीसदी युवाओं ने माना कि अगर रजामंदी हो तो शादी से पहले सेक्स को वे गलत नही मानते।
* ये है जल्द से जल्द जवान होने की सोच का परिणाम की शादी से पहले ही नामर्दी की दवा खोजे देखे जाते है और असमय ही बुढ़ापे की तरफ अग्रसर हो जाते है पहले के लोग जो संयम से अपने शरीर की रक्षा करते थे उनकी उम्र के साथ-साथ शारीरिक छ्मताये भी होती थी पैसठ सत्तर साल की उम्र में भी संभोग करने में सक्षम पाए जाते थे आज के युवाओ में पूरी उम्र भी इतनी नहीं रह गई है तीस साल में ही खुद का खेल खतम कर लेते है ...क्या आप बता सकते है कि जो लड़की को शादी करके घर में लाते है उसकी इक्छाओ की पूर्ति करना और संतुष्ट करना आपकी नेतिक जिम्मेदारी नहीं है फिर सोचे कि ये कसूर आखिर किसका है ...?

संभोग समय बढ़ाने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

                                    संभोग समय बढ़ाने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव , अनियमित जीवनशैली औ...