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सोमवार, 3 मार्च 2014
सोमवार, 24 फ़रवरी 2014
Dr.B.K.Kashyap (Sexologist): महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्...
Dr.B.K.Kashyap (Sexologist):
महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्...: महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम ------------------------------ ------------------------------ -----...
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014
सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शादी से पहले सेक्स का ज्ञान ज़रूरी
----- स्त्री और पुरुष जब आपस में विवाह करते हैं तो उनके लिए सबसे पहली बात है शारीरिक संबंधों के बारे में पूरी तरह से जानकारी होना. इसको इस तरह से भी कहा जा सकता है कि भूख का लगना एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है. भूख दो प्रकार की होती है- पहली पेट की भूख और दूसरी शरीर की भूख. पेट की भूख तो बच्चे को जन्म लेते ही लगने लगती है लेकिन शरीर की भूख युवावस्था के बाद लगती है. पेट की भूख को शांत करने के लिए तो प्रकृति ने भोजन की व्यवस्था की है लेकिन शरीर की भूख को शांत करने के लिए समाज द्वारा विवाह की स्थापना की है. विवाह के बाद शरीर की भूख को शांत करने के लिए पत्नी मौजूद रहती है जिसे हर तरह की मान्यता प्राप्त होती है-
1. अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने के लिए पति-पत्नी को सेक्स क्रिया का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि इसके ज्ञान के बिना दाम्पत्य जीवन का सुख अधूरा होता है.
2. सेक्स क्रिया करना दाम्पत्य जीवन में इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इससे पति-पत्नी का आपसी संबंध गहरा होता है और वे एक-दूसरे को ठीक प्रकार से जान पाते हैं.
3. जब लड़की अपनी युवावस्था में पहुंचती है, तभी उसकी मां या सहेली, बड़ी बहन तथा कोई भी जानकार स्त्री को उसे सेक्स के बारे में शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह शादी के बाद अपना जीवन सुखपूर्वक जी सके.
4. लड़की को शादी से पहले ही सेक्स का ज्ञान देना जरूरी इसलिए होता है क्योंकि हरेक पुरुष चाहता है कि उसकी पत्नी उसे सेक्स का सुख ठीक प्रकार से दे.
5. आजकल बहुत से स्त्री-पुरुष यह सोचते हैं कि सेक्स केवल शारीरिक जरूरत है जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि सेक्स क्रिया के दौरान स्त्री-पुरुष खुलकर आपस में मिलते हैं तथा अपने अंदर के प्यार को एक-दूसरे पर लुटाने लगते हैं, इससे उनका प्यार गहरा हो जाता है. इसलिए कहा जा सकता है कि सेक्स के बिना दाम्पत्य जीवन अधूरा होता है.
6. कभी-कभी तो यह भी देखा गया है कि पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन के संबंध में पुराने-रीतिरिवाज के चक्कर से दरार पड़ने लगता है. अतः पति-पत्नी को कोई भी ऐसे रीतिरिवाज नहीं अपनाना चाहिए, जिससे आपसी संबंध में खटास उत्पन्न हो. उदाहारण के लिए बहुत से पति-पत्नी तो ऐसे होते हैं जो अपने परिवार वालों के कारण से कही बाहर एक-दूसरे के साथ नहीं जा पाते और इसके लिए पति-पत्नी का आपस में कलह होता रहता है.
7. पति-पत्नी को अपने डिप्रेशन तथा चिड़चिड़ेपन को दूर करके के लिए तथा अपने दाम्पत्य जीवन को अधिक गहरा बनाने के लिए एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए.
----- स्त्री और पुरुष जब आपस में विवाह करते हैं तो उनके लिए सबसे पहली बात है शारीरिक संबंधों के बारे में पूरी तरह से जानकारी होना. इसको इस तरह से भी कहा जा सकता है कि भूख का लगना एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है. भूख दो प्रकार की होती है- पहली पेट की भूख और दूसरी शरीर की भूख. पेट की भूख तो बच्चे को जन्म लेते ही लगने लगती है लेकिन शरीर की भूख युवावस्था के बाद लगती है. पेट की भूख को शांत करने के लिए तो प्रकृति ने भोजन की व्यवस्था की है लेकिन शरीर की भूख को शांत करने के लिए समाज द्वारा विवाह की स्थापना की है. विवाह के बाद शरीर की भूख को शांत करने के लिए पत्नी मौजूद रहती है जिसे हर तरह की मान्यता प्राप्त होती है-
1. अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने के लिए पति-पत्नी को सेक्स क्रिया का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि इसके ज्ञान के बिना दाम्पत्य जीवन का सुख अधूरा होता है.
2. सेक्स क्रिया करना दाम्पत्य जीवन में इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इससे पति-पत्नी का आपसी संबंध गहरा होता है और वे एक-दूसरे को ठीक प्रकार से जान पाते हैं.
3. जब लड़की अपनी युवावस्था में पहुंचती है, तभी उसकी मां या सहेली, बड़ी बहन तथा कोई भी जानकार स्त्री को उसे सेक्स के बारे में शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह शादी के बाद अपना जीवन सुखपूर्वक जी सके.
4. लड़की को शादी से पहले ही सेक्स का ज्ञान देना जरूरी इसलिए होता है क्योंकि हरेक पुरुष चाहता है कि उसकी पत्नी उसे सेक्स का सुख ठीक प्रकार से दे.
5. आजकल बहुत से स्त्री-पुरुष यह सोचते हैं कि सेक्स केवल शारीरिक जरूरत है जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि सेक्स क्रिया के दौरान स्त्री-पुरुष खुलकर आपस में मिलते हैं तथा अपने अंदर के प्यार को एक-दूसरे पर लुटाने लगते हैं, इससे उनका प्यार गहरा हो जाता है. इसलिए कहा जा सकता है कि सेक्स के बिना दाम्पत्य जीवन अधूरा होता है.
6. कभी-कभी तो यह भी देखा गया है कि पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन के संबंध में पुराने-रीतिरिवाज के चक्कर से दरार पड़ने लगता है. अतः पति-पत्नी को कोई भी ऐसे रीतिरिवाज नहीं अपनाना चाहिए, जिससे आपसी संबंध में खटास उत्पन्न हो. उदाहारण के लिए बहुत से पति-पत्नी तो ऐसे होते हैं जो अपने परिवार वालों के कारण से कही बाहर एक-दूसरे के साथ नहीं जा पाते और इसके लिए पति-पत्नी का आपस में कलह होता रहता है.
7. पति-पत्नी को अपने डिप्रेशन तथा चिड़चिड़ेपन को दूर करके के लिए तथा अपने दाम्पत्य जीवन को अधिक गहरा बनाने के लिए एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए.
शनिवार, 1 फ़रवरी 2014
दिनभर लिपटकर आप बचा सकते हैं शादीशुदा जिंदगी
The secret to a long and happy marriage?
यूं तो लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं लेकिन अब शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाने का नया मंत्र मिल गया है।
डेली मेल पर प्रकाशित एक सर्वे के मुताबिक, बेशक आप शादी के बाद अपने पार्टनर को अपना दोस्त समझेंगे तो आपकी मैरिड लाइफ खुशहाल होगी लेकिन इसके अलावा एक रिसर्च में नया हार्मोन पाया गया है जिससे शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाया जा सकता है।
रिसर्च के मुताबिक, लंबे समय तक मैरिज लाइफ को खु्शहाल बनाने का हार्मोन का निर्माण ब्रेन में होता है।
रिसर्च में पाया गया कि ऑक्सीटोसिन एक दूसरे के लिए भावनाओं को मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रयोग के दौरान पाया गया कि जब पुरुष अपने प्रिय की फोटो देखते हैं तो जो भावुक हो जाते हैँ और उनके ब्रेन को फोटो देखने के दौरान स्कैन किया गया तो पाया गया कि पुरुषों की नाक में वो हार्मोन पहुंच जाता है जो उन्हें भावुक बनाता है।
वहीं ऑक्सीटोसिन नाम ये हार्मोन दुख के समय में कम हो जाता है और शादी के बाद बढ़ जाता है। रिसर्च में पाया गया कि ऑक्सीटोसिन दिमाग में उपजता है लेकिन इसके कई मायने होते हैं।
सेक्स के दौरान ये हार्मोन काफी मात्रा में प्रोड्यूस होता ही। आपको जानकर हैरानी होगी इसे कडल हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है।
जब कोई प्यार में पड़ता है तब भी ये हार्मोन भारी मात्रा में प्रोड्यूस होता है। लेकिन जर्मनी की बोन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के मुताबिक, जब आप प्यार में होते हैं या लंबे समय कमिटेड होते हैं ये हार्मोन तब भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है।
रिसर्च में ये भी पाया गया कि जब आप प्यार से पार्टनर से देर तक लिपटते हैं तो ये हार्मोन निकलता है जो कि आपको खुश रखता है।
अंत में इस पूरी रिसर्च में ये पाया गया कि एक स्थायी शादी या रिलेशनशिप के बाद ऑक्सीटोसिन का उत्पादन अतिरिक्त मात्रा में होता है जो कि रिश्तों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
पुरुषों के लिए शादी का यह फायदा यकीनन चौंकाएगा आपको
married men have stronger bones
कहते हैं शादी वो लड्डू है जो खाए सो पछताए और जो न खाए वो भी पढ़ताए। ऐसे में पुरुषों के लिए शादी का ऐसा फायदा आपने नहीं सुना होगा।
हाल में हुए शोध की मानें तो 25 की उम्र में शादी करने वाले पुरुषों की हड्डियां अधिक मजबूत होती है।
ओस्टियोपोरोसिस इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित शोध की मानें तो जो पुरुष लंबे समय तक किसी संबंध या शादी में होते हैं, उनकी हड्डियां तलाकशुदा या सिंगल पुरुषों के मुकाबले अधिक मजबूत होती हैं।
हालांकि शोधकर्ताओं ने लंबे समय से शादीशुदा महिलाओं के लिए यह बात नहीं मानी है।
शोधकर्ता डॉ. कैरोलिन क्रैंडल के अनुसार, ''सेहत न सिर्फ अच्छी जीवनशैली बल्कि आपके सामाजिक परिवेश से भी प्रभावित होती है। हमने अध्ययन में पाया कि शादीशुदा जिंदगी से मिलने वाली स्थिरता और खुशहाली का प्रभाव पुरुषों की हड्डियों पर बहुत सकारात्मक है।''
शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने 1995 से लेकर 2005 तक के 25 से लेकर 75 वर्ष की आयु की सेहत का अच्छी तरह अध्ययन किया और इसी आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
हालांकि शोधकर्ताओं ने लंबे समय से शादीशुदा महिलाओं के लिए यह बात नहीं मानी है।
शोधकर्ता डॉ. कैरोलिन क्रैंडल के अनुसार, ''सेहत न सिर्फ अच्छी जीवनशैली बल्कि आपके सामाजिक परिवेश से भी प्रभावित होती है। हमने अध्ययन में पाया कि शादीशुदा जिंदगी से मिलने वाली स्थिरता और खुशहाली का प्रभाव पुरुषों की हड्डियों पर बहुत सकारात्मक है।''
शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने 1995 से लेकर 2005 तक के 25 से लेकर 75 वर्ष की आयु की सेहत का अच्छी तरह अध्ययन किया और इसी आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
गुरुवार, 16 जनवरी 2014
Self-confidence बढाने के 10 तरीके---
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की जीवन में सफलता पाने के लिए self-confidence एक बेहद important quality है . जीवन में किसी मुकाम पर पहुंच चुके हर एक व्यक्ति में आपको ये quality दिख जाएगी , फिर चाहे वो कोई film-star हो , कोई cricketer, आपके पड़ोस का कोई व्यक्ति , या आपको पढ़ाने वाला शिक्षक . आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है जो हर किसी में होता है , किसी में कम तो किसी में ज्यादा . पर ज़रुरत इस बात की है कि अपने present level of confidence को बढ़ा कर एक नए और बेहतर level तक ले जाया जाये . और आज AKC पर मैं आपके साथ कुछ ऐसी ही बातें share करूँगा जो आपके आत्म-विश्वास को बढाने में मददगार हो सकती हैं :
1) Dressing sense improve कीजिये :
आप किस तरह से dress-up होते हैं इसका असर आपके confidence पर पड़ता है . ये बता दूँ कि यहाँ मैं अपने जैसे आम लोगों की बात कर रहा हूँ , Swami Vivekanand और Mahatma Gandhi जैसे महापुरुषों का इससे कोई लेना देना नहीं है , और यदि आप इस category में आते हैं तो आपका भी .
मैंने खुद इस बात को feel किया है , जब मैं अपनी best attire में होता हूँ तो automatically मेरा confidence बढ़ जाता है , इसीलिए जब कभी कोई presentation या interview होता है तो मैं बहुत अच्छे से तैयार होता हूँ . दरअसल अच्छा दिखना आपको लोगों को face करने का confidence देता है और उसके उलट poorly dress up होने पे आप बहुत conscious रहते हैं .
मैंने कहीं एक line पढ़ी थी ,” आप कपड़ों पे जितना खर्च करते हैं उतना ही करें , लेकिन जितनी कपडे खरीदते हैं उसके आधे ही खरीदें ” . आप भी इसे अपना सकते हैं.
2) वो करिए जो confident लोग करते हैं :
आपके आस -पास ऐसे लोग ज़रूर दिखेंगे जिन्हें देखकर आपको लगता होगा कि ये व्यक्ति बहुत confident है . आप ऐसे लोगों को ध्यान से देखिये और उनकी कुछ activities को अपनी life में include करिए . For example:
• Front seat पर बैठिये .
• Class में , seminars में , और अन्य मौके पर Questions पूछिए / Answers दीजिये
• अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये
• दबी हुई आवाज़ में मत बोलिए .
• Eye contact कीजिये , नज़रे मत चुराइए .
3) किसी एक चीज में अधिकतर लोगों से बेहतर बनिए :
हर कोई हर field में expert नहीं बन सकता है , लेकिन वो अपने interest के हिसाब से एक -दो areas चुन सकता है जिसमे वो औरों से बेहतर बन सकता है . जब मैं School में था तो बहुत से students मुझसे पढाई और अन्य चीजों में अच्छे थे , पर मैं Geometry में class में सबसे अच्छा था (thanks to Papa :)), और इसी वजह से मैं बहुत confident feel करता था . और आज मैं AKC को world’s most read Hindi Blog बना कर confident feel करता हूँ . अगर आप किसी एक चीज में महारथ हांसिल कर लेंगे तो वो आपको in-general confident बना देगा . बस आपको अपने interest के हिसाब से कोई चीज चुननी होगी और उसमे अपने circle में best बनना होगा , आपका circle आप पर depend करता है , वो आपका school,college, आपकी colony या आपका शहर हो सकता है .
आप कोई भी field चुन सकते हैं , वो कोई art हो सकती है , music, dancing,etc कोई खेल हो सकता है , कोई subject हो सकता है या कुछ और जिसमे आपकी expertise आपको भीड़ से अलग कर सके और आपकी एक special जगह बना सके . ये इतना मुश्किल नहीं है , आप already किसी ना किसी चीज में बहुतों से बेहतर होंगे , बस थोडा और मेहनत कर के उसमे expert बन जाइये , इसमें थोडा वक़्त तो लगेगा , लेकिन जब आप ये कर लेंगे तो सभी आपकी respect करेंगे और आप कहीं अधिक confident feel करेंगे .
और जो व्यक्ति किसी क्षेत्र में special बन जाता है उसे और क्षेत्रों में कम knowledge होने की चिंता नहीं होती , आप ही सोचिये क्या कभी सचिन तेंदुलकर इस बात से परेशान होते होंगे कि उन्होंने ज्यादा पढाई नहीं की ….कभी नहीं !
4) अपने achievements को याद करिए :
आपकी past achievements आपको confident feel करने में help करेंगी . ये छोटी -बड़ी कोई भी achievements हो सकती हैं . For example: आप कभी class में first आये हों , किसी subject में school top किया हो , singing completion या sports में कोई जीत हांसिल की हो , कोई बड़ा target achieve किया हो , employee of the month रहे हों . कोई भी ऐसी चीज जो आपको अच्छा feel कराये .
आप इन achievements को dairy में लिख सकते हैं , और इन्हें कभी भी देख सकते हैं , ख़ास तौर पे तब जब आप अपना confidence boost करना चाहते हैं .इससे भी अच्छा तरीका है कि आप इन achievements से related कुछ images अपने दिमाग में बना लें और उन्हें जोड़कर एक छोटी सी movie बना लें और समय समय पर इस अपने दिमाग में play करते रहे . Definitely ये आपके confidence को boost करने में मदद करेगा .
5) Visualize करिए कि आप confident हैं :
आपकी प्रबल सोच हकीकतबनने का रास्ता खोज लेती है , इसलिए आप हर रोज़ खुद को एक confident person के रूप में सोचिये . आप कोई भी कल्पना कर सकते हैं , जैसे कि आप किसी stage पर खड़े होकर हजारों लोगों के सामने कोई भाषण दे रहे हैं , या किसी seminar haal में कोई शानदार presentation दे रहे हैं , और सभी लोग आपसे काफी प्रभावित हैं , आपकी हर तरफ तारीफ हो रही है और लोग तालियाँ बजा कर आपका अभिवादन कर रहे हैं . Albert Einstein ने भी imagination को knowledge से अधिक powerful बताया है ; और आप इस power का use कर के बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं .
6) गलतियाँ करने से मत डरिये:
क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हो जिसने कभी गलती ना की हो ? नहीं जानते होंगे , क्योंकि गलतियाँ करना मनुष्य का स्वभाव है , और मैं कहूँगा कि जन्मसिद्ध अधिकार भी . आप अपने इस अधिकार का प्रयोग करिए . गलती करना गलत नहीं है ,उसे दोहराना गलत है . जब तक आप एक ही गलती बार -बार नहीं दोहराते तब तक दरअसल आप गलती करते ही नहीं आप तो एक प्रयास करते हैं और इससे होने वाले experience से कुछ ना कुछ सीखते हैं .
दोस्तों कई बार हमारे अन्दर वो सब कुछ होता है जो हमें किसी काम को करने के लिए होना चाहिए , पर फिर भी failure के डर से हम confidently उस काम को नहीं कर पाते . आप गलतियों के डर से डरिये मत , डरना तो उन्हें चाहिए जिनमे इस भय के कारण प्रयास करने की भी हिम्मत ना हो !! आप जितने भी सफल लोगों का इतिहास उठा कर देख लीजिये उनकी सफलता की चका-चौंध में बहुत सारी असफलताएं भी छुपी होंगी .
Michel Jordan, जो दुनिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ basketball player माने जाते हैं; उनका कहना भी है कि , “मैं अपनी जिंदगी में बार-बार असफल हुआ हूँ और इसीलिए मैं सफल होता हूँ.”
आप कुछ करने से हिचकिचाइए मत चाहे वो खड़े हो कर कोई सवाल करना हो , या फिर कई लोगों के सामने अपनी बात रखनी हो , आपकी जरा सी हिम्मत आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा सकती है . सचमुच डर के आगे जीत है!
7) Low confidence के लिए अंग्रेजी ना जानने का excuse मत दीजिये :
हमारे देश में अंग्रेजी का वर्चस्व है . मैं भी अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक मानता हूँ ,पर सिर्फ इसलिए क्योंकि इसके ज्ञान से आप कई अच्छी पुस्तकें , ब्लॉग , etc पढ़ सकते हैं , आप एक से बढ़कर एक programs, movies, इत्यादि देख सकते हैं . पर क्या इस भाषा का ज्ञान confident होने के लिए आवश्यक है , नहीं . English जानना आपको और भी confident बना सकता है पर ये confident होने के लिए ज़रूरी नहीं है . किसी भी भाषा का मकसद शब्दों में अपने विचारों को व्यक्त करना होता है , और अगर आप यही काम किसी और भाषा में कर सकते हैं तो आपके लिए अंग्रेजी जानने की बाध्यता नहीं है .
मैं गोरखपुर से हूँ , वहां के संसद योगी आदित्य नाथ को मैंने कभी अंग्रेजी में बोलते नहीं सुना है , पर उनके जैसा आत्मविश्वास से लबरेज़ नेता भी कम ही देखा है . इसी तरह मायावती , और मुलायम सिंह जैसे नेताओं में आत्मविश्वास कूट -कूट कर भरा है पर वो हमेशा हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते हैं . दोस्तों, कुछ जगहों पर जैसे कि job-interview में अंग्रेजी का ज्ञान आपके चयन के लिए ज़रूरी हो सकता है , पर confidence के लिए नहीं , आप बिना English जाने भी दुनिया के सबसे confident व्यक्ति बन सकते हैं .
8 ) जो चीज आपका आत्मविश्वास घटाती हो उसे बार-बार कीजिये :
कुछ लोग किसी ख़ास वजह से confident नहीं feel करते हैं . जैसे कि कुछ लोगों में stage-fear होता है तो कोई opposite sex के सामने nervous हो जाता है . यदि आप भी ऐसे किसी challenge को face कर रहे हैं तो इसे beat करिए . और beat करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो activity आपको nervous करती है उसे इतनी बार कीजिये कि वो आप ताकत बन जाये . यकीन जानिए आपके इस प्रयास को भले ही शुरू में कुछ लोग lightly लें और शायद मज़ाक भी उडाएं पर जब आप लगातार अपने efforts में लगे रहेंगे तो वही लोग एक दिन आपके लिए खड़े होकर ताली बजायेंगे .
गाँधी जी की कही एक line मुझे हमेशा से बहुत प्रेरित करती रही है “पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे.” तो आप भी उन्हें ignore करने दीजिये , हंसने दीजिये ,लड़ने दीजिये ,पर अंत में आप जीत जाइये . क्योंकि आप जीतने के लिए ही यहाँ हैं , हारने के लिए नहीं .
9) विशेष मौकों पर विशेष तैयारी कीजिये :
“सफलता के लिए आत्म-विश्वास आवश्यक है, और आत्म-विश्वास लिए तैयारी”-Arthur Ashe
जब कभी आपके सामने खुद को prove करने का मौका हो तो उसका पूरा फायदा उठाइए . For example: आप किसी debate,quiz, dancing या singing competition में हिस्सा ले रहे हों , कोई test या exam दे रहे हो ,या आप कोई presentation दे रहे हों , या कोई program organize कर रहे हों . ऐसे हर एक मौके के लिए जी -जान से जुट जाइये और बस ये ensure करिए कि आपने तैयारी में कोई कमी नहीं रखी , अब result चाहे जो भी हो पर कोई आपकी preparation को लेकर आप पर ऊँगली ना उठा पाए.
Preparation और self-confidence directly proportional हैं . जितनी अच्छी तैयारी होगी उतना अच्छा आत्म -विश्वास होगा .और जब इस तैयारी की वजह से आप सफल होंगे तो ये जीत आपके life की success story में एक और chapter बन जाएगी जिसे आप बार -बार पलट के पढ़ सकते हैं और अपना confidence boost कर सकते हैं .
10)Daily अपना MIT पूरा कीजिये :
कुछ दिन पहले मैंने AKC पर MIT यानि Most Important Task के बारे में लिखा था , यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है तो ज़रूर पढ़िए . यदि आप अपना daily का MIT पूरा करते रहेंगे तो निश्चित रूप से आपका आत्म -विश्वास कुछ ही दिनों में बढ़ जायेगा . आप जब भी अपना MIT पूरा करें तो उसे एक छोटे success के रूप में देखें और खुद को इस काम के लिए शाबाशी दें .रोज़ रोज़ लगातार अपने important tasks को successfully पूरा करते रहना शायद अपने confidence को boost करने का सबसे कारगर तरीका है . आप इसे ज़रूर try कीजिये.
Friends, ये याद रखिये कि आपका confidence आपकी education, आपकी financial condition या आपके looks पर नहीं depend करता और आपकी इज़ाज़त के बिना कोई भी आपको inferior नहीं feel करा सकता. आपका आत्म-विश्वास आपकी सफलता के लिए बेहद आवश्यक है,और आजआपका confidence चाहे जिस level हो, अपने efforts से आप उसे नयी ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं.
5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ?
5 things you should stop doing.
दोस्तों जाने अनजाने हम ऐसी कई चीजें करते हैं जो हमारे personal development के लिए ठीक नहीं होतीं. वैसे तो इन चीजों की list बहुत लम्बी हो सकती है पर मैं आपके साथ सिर्फ पांच ऐसी बातें share कर रहा हूँ जो मैं follow करता हूँ .हो सकता है कि आप already इनमे से कुछ चीजें practice करते हों , पर अगर आप यहाँ से कुछ add-on कर पाते हैं तो definitely वो आपके life को better बनाएगा . So , let’s see those 5 things:
5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ?
1) दूसरे की बुराई को enjoy करना
ये तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं की दुसरे के सामने तीसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए , पर एक और बात जो मुझे ज़रूरी लगती है वो ये कि यदि कोई किसी और की बुराई कर रहा है तो हमें उसमे interest नहीं लेना चाहिए और उसे enjoy नहीं करना चाहिए . अगर आप उसमे interest दिखाते हैं तो आप भी कहीं ना कहीं negativity को अपनी ओर attract करते हैं . बेहतर तो यही होगा की आप ऐसे लोगों से दूर रहे पर यदि साथ रहना मजबूरी हो तो आप ऐसे topics पर deaf and dumb हो जाएं , सामने वाला खुद बखुद शांत हो जायेगा . For example यदि कोई किसी का मज़ाक उड़ा रहा हो और आप उस पे हँसे ही नहीं तो शायद वो अगली बार आपके सामने ऐसा ना करे . इस बात को भी समझिये की generally जो लोग आपके सामने औरों का मज़ाक उड़ाते हैं वो औरों के सामने आपका भी मज़ाक उड़ाते होंगे . इसलिए ऐसे लोगों को discourage करना ही ठीक है .
2) अपने अन्दर को दूसरे के बाहर से compare करना
इसे इंसानी defect कह लीजिये या कुछ और पर सच ये है की बहुत सारे दुखों का कारण हमारा अपना दुःख ना हो के दूसरे की ख़ुशी होती है . आप इससे ऊपर उठने की कोशिश करिए , इतना याद रखिये की किसी व्यक्ति की असलियत सिर्फ उसे ही पता होती है , हम लोगों के बाहरी यानि नकली रूप को देखते हैं और उसे अपने अन्दर के यानि की असली रूप से compare करते हैं . इसलिए हमें लगता है की सामने वाला हमसे ज्यादा खुश है , पर हकीकत ये है की ऐसे comparison का कोई मतलब ही नहीं होता है . आपको सिर्फ अपने आप को improve करते जाना है और व्यर्थ की comparison नहीं करनी है.
3) किसी काम के लिए दूसरों पर depend करना
मैंने कई बार देखा है की लोग अपने ज़रूरी काम भी बस इसलिए पूरा नहीं कर पाते क्योंकि वो किसी और पे depend करते हैं . किसी व्यक्ति विशेष पर depend मत रहिये . आपका goal; समय सीमा के अन्दर task का complete करना होना चाहिए , अब अगर आपका best friend तत्काल आपकी मदद नहीं कर पा रहा है तो आप किसी और की मदद ले सकते हैं , या संभव हो तो आप अकेले भी वो काम कर सकते हैं .
ऐसा करने से आपका confidence बढेगा , ऐसे लोग जो छोटे छोटे कामों को करने में आत्मनिर्भर होते हैं वही आगे चल कर बड़े -बड़े challenges भी पार कर लेते हैं , तो इस चीज को अपनी habit में लाइए : ये ज़रूरी है की काम पूरा हो ये नहीं की किसी व्यक्ति विशेष की मदद से ही पूरा हो .
4) जो बीत गया उस पर बार बार अफ़सोस करना
अगर आपके साथ past में कुछ ऐसा हुआ है जो आपको दुखी करता है तो उसके बारे में एक बार अफ़सोस करिए…दो बार करिए….पर तीसरी बार मत करिए . उस incident से जो सीख ले सकते हैं वो लीजिये और आगे का देखिये . जो लोग अपना रोना दूसरों के सामने बार-बार रोते हैं उसके साथ लोग sympathy दिखाने की बजाये उससे कटने लगते हैं . हर किसी की अपनी समस्याएं हैं और कोई भी ऐसे लोगों को नहीं पसंद करता जो life को happy बनाने की जगह sad बनाए . और अगर आप ऐसा करते हैं तो किसी और से ज्यादा आप ही का नुकसान होता है . आप past में ही फंसे रह जाते हैं , और ना इस पल को जी पाते हैं और ना future के लिए खुद को prepare कर पाते हैं .
5) जो नहीं चाहते हैं उसपर focus करना
सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है. इसलिए आप जो होते देखना चाहते हैं उस पर focus करिए , उस बारे में बात करिए ना की ऐसी चीजें जो आप नहीं चाहते हैं . For example: यदि आप अपनी income बढ़ाना चाहते हैं तो बढती महंगाई और खर्चों पर हर वक़्त मत बात कीजिये बल्कि नयी opportunities और income generating ideas पर बात कीजिये .
इन बातों पर ध्यान देने से आप Self Improvement के रास्ते पर और भी तेजी से बढ़ पायेंगे और अपनी life को खुशहाल बना पायेंगे . All the best.
5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ?
5 things you should stop doing.
दोस्तों जाने अनजाने हम ऐसी कई चीजें करते हैं जो हमारे personal development के लिए ठीक नहीं होतीं. वैसे तो इन चीजों की list बहुत लम्बी हो सकती है पर मैं आपके साथ सिर्फ पांच ऐसी बातें share कर रहा हूँ जो मैं follow करता हूँ .हो सकता है कि आप already इनमे से कुछ चीजें practice करते हों , पर अगर आप यहाँ से कुछ add-on कर पाते हैं तो definitely वो आपके life को better बनाएगा . So , let’s see those 5 things:
5 चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों ?
1) दूसरे की बुराई को enjoy करना
ये तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं की दुसरे के सामने तीसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए , पर एक और बात जो मुझे ज़रूरी लगती है वो ये कि यदि कोई किसी और की बुराई कर रहा है तो हमें उसमे interest नहीं लेना चाहिए और उसे enjoy नहीं करना चाहिए . अगर आप उसमे interest दिखाते हैं तो आप भी कहीं ना कहीं negativity को अपनी ओर attract करते हैं . बेहतर तो यही होगा की आप ऐसे लोगों से दूर रहे पर यदि साथ रहना मजबूरी हो तो आप ऐसे topics पर deaf and dumb हो जाएं , सामने वाला खुद बखुद शांत हो जायेगा . For example यदि कोई किसी का मज़ाक उड़ा रहा हो और आप उस पे हँसे ही नहीं तो शायद वो अगली बार आपके सामने ऐसा ना करे . इस बात को भी समझिये की generally जो लोग आपके सामने औरों का मज़ाक उड़ाते हैं वो औरों के सामने आपका भी मज़ाक उड़ाते होंगे . इसलिए ऐसे लोगों को discourage करना ही ठीक है .
2) अपने अन्दर को दूसरे के बाहर से compare करना
इसे इंसानी defect कह लीजिये या कुछ और पर सच ये है की बहुत सारे दुखों का कारण हमारा अपना दुःख ना हो के दूसरे की ख़ुशी होती है . आप इससे ऊपर उठने की कोशिश करिए , इतना याद रखिये की किसी व्यक्ति की असलियत सिर्फ उसे ही पता होती है , हम लोगों के बाहरी यानि नकली रूप को देखते हैं और उसे अपने अन्दर के यानि की असली रूप से compare करते हैं . इसलिए हमें लगता है की सामने वाला हमसे ज्यादा खुश है , पर हकीकत ये है की ऐसे comparison का कोई मतलब ही नहीं होता है . आपको सिर्फ अपने आप को improve करते जाना है और व्यर्थ की comparison नहीं करनी है.
3) किसी काम के लिए दूसरों पर depend करना
मैंने कई बार देखा है की लोग अपने ज़रूरी काम भी बस इसलिए पूरा नहीं कर पाते क्योंकि वो किसी और पे depend करते हैं . किसी व्यक्ति विशेष पर depend मत रहिये . आपका goal; समय सीमा के अन्दर task का complete करना होना चाहिए , अब अगर आपका best friend तत्काल आपकी मदद नहीं कर पा रहा है तो आप किसी और की मदद ले सकते हैं , या संभव हो तो आप अकेले भी वो काम कर सकते हैं .
ऐसा करने से आपका confidence बढेगा , ऐसे लोग जो छोटे छोटे कामों को करने में आत्मनिर्भर होते हैं वही आगे चल कर बड़े -बड़े challenges भी पार कर लेते हैं , तो इस चीज को अपनी habit में लाइए : ये ज़रूरी है की काम पूरा हो ये नहीं की किसी व्यक्ति विशेष की मदद से ही पूरा हो .
4) जो बीत गया उस पर बार बार अफ़सोस करना
अगर आपके साथ past में कुछ ऐसा हुआ है जो आपको दुखी करता है तो उसके बारे में एक बार अफ़सोस करिए…दो बार करिए….पर तीसरी बार मत करिए . उस incident से जो सीख ले सकते हैं वो लीजिये और आगे का देखिये . जो लोग अपना रोना दूसरों के सामने बार-बार रोते हैं उसके साथ लोग sympathy दिखाने की बजाये उससे कटने लगते हैं . हर किसी की अपनी समस्याएं हैं और कोई भी ऐसे लोगों को नहीं पसंद करता जो life को happy बनाने की जगह sad बनाए . और अगर आप ऐसा करते हैं तो किसी और से ज्यादा आप ही का नुकसान होता है . आप past में ही फंसे रह जाते हैं , और ना इस पल को जी पाते हैं और ना future के लिए खुद को prepare कर पाते हैं .
5) जो नहीं चाहते हैं उसपर focus करना
सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है. इसलिए आप जो होते देखना चाहते हैं उस पर focus करिए , उस बारे में बात करिए ना की ऐसी चीजें जो आप नहीं चाहते हैं . For example: यदि आप अपनी income बढ़ाना चाहते हैं तो बढती महंगाई और खर्चों पर हर वक़्त मत बात कीजिये बल्कि नयी opportunities और income generating ideas पर बात कीजिये .
इन बातों पर ध्यान देने से आप Self Improvement के रास्ते पर और भी तेजी से बढ़ पायेंगे और अपनी life को खुशहाल बना पायेंगे . All the best.
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