रविवार, 2 नवंबर 2025

अधिक हस्तमैथुन की आदत से होने वाले नुकसान और उसका समाधान



                           

अधिक हस्तमैथुन की आदत से होने वाले नुकसान और उसका समाधान


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यौन इच्छाएं और उनसे जुड़ी जिज्ञासाएं स्वाभाविक हैं। लेकिन जब यह जिज्ञासा आदत में बदल जाती है, तो यह शरीर और मन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
हस्तमैथुन (Masturbation) एक सामान्य यौन क्रिया है, लेकिन जब यह अत्यधिक मात्रा में किया जाने लगे तो यह शारीरिक कमजोरी, मानसिक तनाव और यौन दुर्बलता का कारण बन सकता है।
आयुर्वेद में अधिक हस्तमैथुन को “धातु क्षय” का कारण माना गया है, जो व्यक्ति की ऊर्जा और यौन शक्ति दोनों को प्रभावित करता है।

हस्तमैथुन क्या है?


हस्तमैथुन का अर्थ है स्वयं अपने जननांगों को उत्तेजित करके यौन सुख प्राप्त करना। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, विशेषकर युवावस्था में।
लेकिन जब यह बार-बार किया जाता है, बिना किसी नियंत्रण के, तो यह एक लत (Addiction) का रूप ले लेता है। इससे न केवल शारीरिक कमजोरी आती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक असंतुलन भी उत्पन्न होता है।


अधिक हस्तमैथुन के दुष्प्रभाव


1. शारीरिक कमजोरी (Physical Weakness)

लगातार हस्तमैथुन से शरीर में वीर्य की हानि होती है। आयुर्वेद के अनुसार वीर्य ही शरीर की अंतिम धातु है, जो सात धातुओं के निर्माण का परिणाम है।
अधिक हानि से शरीर कमजोर, सुस्त और थका हुआ महसूस करता है।

2. यौन दुर्बलता (Sexual Weakness)

अत्यधिक हस्तमैथुन से शीघ्रपतन, नपुंसकता (Erectile Dysfunction) और वीर्य पतलापन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
समय के साथ व्यक्ति अपने साथी को संतुष्ट करने में असमर्थ हो जाता है।

3. मानसिक तनाव और अवसाद )Mental Stress and Depression)

यह आदत व्यक्ति को अपराधबोध, चिंता और तनाव की स्थिति में डाल देती है। धीरे-धीरे आत्मविश्वास और सामाजिक व्यवहार पर भी असर पड़ता है।

4. नींद और ध्यान में कमी (Lack of Concentration and Sleep Issues)

लगातार मानसिक उत्तेजना और हस्तमैथुन से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। व्यक्ति को थकान, अनिद्रा और ध्यान की कमी महसूस होती है।

5. प्रजनन क्षमता में कमी (Reduced Fertility)

लगातार वीर्य की हानि से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पर असर पड़ता है, जिससे बांझपन (Infertility) की संभावना बढ़ जाती है।


आयुर्वेद के अनुसार ‘कारण’


आयुर्वेद में अधिक हस्तमैथुन को "धातु क्षय" का प्रमुख कारण माना गया है।
यह तब होता है जब शरीर में वात दोष बढ़ जाता है और ओज (Vital Energy) की हानि होती है।
धातु क्षय से व्यक्ति को शारीरिक थकान, मानसिक उदासी, और यौन दुर्बलता जैसी समस्याएं घेर लेती हैं।


अधिक हस्तमैथुन से बचने के आयुर्वेदिक उपाय

1. अश्वगंधा (Ashwagandha)

अश्वगंधा एक शक्तिशाली रसायन औषधि है जो शरीर की ऊर्जा बढ़ाने, तनाव घटाने और यौन शक्ति को पुनःस्थापित करने में मदद करती है।
👉 रोजाना 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण दूध के साथ लेना लाभदायक है।

2. शिलाजीत (Shilajit)

शिलाजीत शरीर में टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है, जिससे यौन शक्ति और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार होता है।
👉 सुबह खाली पेट 250mg से 500mg शुद्ध शिलाजीत गर्म दूध के साथ लें।

3. सफेद मूसली (Safed Musli)

यह प्राकृतिक यौन टॉनिक है जो धातु की पुनःपूर्ति करता है और शरीर को ताकत देता है।
👉 सफेद मूसली का चूर्ण 1 चम्मच दूध के साथ लेना उत्तम माना गया है।

4. काउंसलिंग और ध्यान (Counseling & Meditation)

अधिक हस्तमैथुन केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक लत होती है। ध्यान, योग और मानसिक काउंसलिंग से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
👉 प्राणायाम और ध्यान करने से मन शांत होता है और यौन विचारों पर नियंत्रण आता है।

5. संतुलित आहार (Balanced Diet)

आयुर्वेद में सही आहार को सबसे बड़ा उपचार माना गया है।
👉 दूध, बादाम, अंजीर, खजूर, घी, फल और हरी सब्जियां सेवन करें।
👉 चाय, कॉफी, फास्ट फूड और शराब से बचें क्योंकि ये उत्तेजना बढ़ाते हैं।

अधिक हस्तमैथुन की आदत छोड़ने के मनोवैज्ञानिक उपाय


1. Triggers पहचानें: किस स्थिति या विचार से यह आदत बढ़ती है, उसे पहचानें और उनसे दूरी बनाएं।

2. नई आदतें विकसित करें: जिम, योग या कोई नया हॉबी अपनाएं।

3. सोशल इंटरैक्शन बढ़ाएं: अकेले रहने की बजाय परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताएं।

4. डिजिटल कंट्रोल: अश्लील वेबसाइट्स या वीडियो से दूरी बनाएं; डिजिटल डिटॉक्स करें।

5. प्रेरणा बनाएं: खुद से वादा करें कि शरीर को संभालना आपकी जिम्मेदारी है। हर दिन की जीत को नोट करें।

योग और प्राणायाम से नियंत्रण

· भुजंगासन (Cobra Pose): रक्त प्रवाह सुधारता है और जननांगों की ताकत बढ़ाता है।

· मूलबंध (Mula Bandha): यौन ऊर्जा को नियंत्रित करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है।

· कपालभाति और अनुलोम-विलोम: मानसिक शांति और नियंत्रण बढ़ाते हैं।

· ध्यान (Meditation): मानसिक उत्तेजना और तनाव को घटाता है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा और परामर्श

यदि यह आदत लंबे समय से है और शरीर में कमजोरी महसूस होती है, तो किसी अनुभवी आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लें।
वे आपकी शारीरिक संरचना (प्रकृति) के अनुसार औषधि और आहार योजना तैयार करेंगे, जिससे आपको स्थायी लाभ मिलेगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

अधिक हस्तमैथुन कोई लाइलाज समस्या नहीं है, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण और जागरूकता से ठीक की जा सकती है।
आयुर्वेद हमें सिखाता है कि शरीर और मन का संतुलन ही स्वस्थ यौन जीवन की कुंजी है।
अगर समय रहते इस पर नियंत्रण किया जाए, तो व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रह सकता है।






शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

स्वप्नदोष क्या है इसके कारण और आयुर्वेदिक उपाय

 


स्वप्नदोष क्या है इसके कारण और आयुर्वेदिक उपाय


स्वप्नदोष (Nightfall) जिसे स्वप्नशुक्रपात या नाइट फॉल भी कहा जाता है, पुरुषों की एक सामान्य यौन समस्या है। इसमें नींद के दौरान अनैच्छिक रूप से वीर्य का स्खलन हो जाता है। अधिकतर मामलों में यह किशोरावस्था और युवावस्था में देखा जाता है, जब शरीर में हार्मोनल परिवर्तन तेजी से होते हैं। 
सामान्य स्थिति में कभी-कभार स्वप्नदोष होना हानिकारक नहीं है, लेकिन यदि यह समस्या बार-बार हो रही हो, तो यह शारीरिक, मानसिक और यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या वीर्य धातु की दुर्बलता, अग्नि दोष और मन की असंयमता के कारण होती है। उचित जीवनशैली, आहार और आयुर्वेदिक औषधियों से इसका सफलतापूर्वक उपचार संभव है।
 

स्वप्नदोष के कारण


स्वप्नदोष के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें शारीरिक, मानसिक और जीवनशैली से संबंधित कारकों में बांटा जा सकता है।
 

1. शारीरिक कारण


· हार्मोनल असंतुलन – युवावस्था में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन तेजी से बढ़ता है, जिससे कामेच्छा (Sexual Desire) अधिक होती है।

· अत्यधिक उत्तेजना – बार-बार अश्लील विचारों, अश्लील फिल्में या चित्र देखने से मस्तिष्क और जननांगों पर प्रभाव पड़ता है।

· कमजोर पाचन शक्ति – आयुर्वेद में पाचन की कमजोरी से धातु पोषण सही से नहीं होता, जिससे वीर्य दुर्बल होकर जल्दी बाहर निकलने लगता है।

· मूत्र और प्रजनन तंत्र की कमजोरी – बार-बार हस्तमैथुन करने से जननांगों की नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे स्वप्नदोष की समस्या बढ़ सकती है।
 

2. मानसिक कारण

· तनाव और चिंता – अधिक मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद से मस्तिष्क उत्तेजित रहता है।

· यौन विचारों में डूबना – दिनभर यौन कल्पनाएँ करने से नींद में भी ऐसे विचार आते हैं और वीर्य स्खलन हो जाता है।

· अनियमित नींद – देर रात तक जागना या पर्याप्त नींद न लेना भी इसका एक कारण है।
 

3. जीवनशैली से जुड़े कारण

· असंतुलित और तैलीय, मसालेदार भोजन का अत्यधिक सेवन।

· शराब, धूम्रपान और नशे की आदत।

· शारीरिक श्रम और व्यायाम की कमी।

· अनुशासनहीन दिनचर्या।

स्वप्नदोष के लक्षण


· बार-बार नींद में वीर्य का स्खलन होना।

· जननांगों में कमजोरी और ढीलापन।

· थकान, आलस्य और नींद पूरी न होना।

· मन में अपराधबोध या आत्मविश्वास की कमी।

· कभी-कभी पीठ दर्द और आंखों में जलन।

स्प्नदोष के दुष्परिणाम


· शारीरिक कमजोरी – बार-बार वीर्य स्खलन से शरीर में कमजोरी आ जाती है।

· यौन दुर्बलता – शीघ्रपतन और नपुंसकता जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

· मानसिक तनाव – रोगी बार-बार डर और अपराधबोध में जीने लगता है।

· स्मरणशक्ति और एकाग्रता की कमी – पढ़ाई और कामकाज पर असर पड़ता है।


स्वप्नदोष के आयुर्वेदिक उपाय


आयुर्वेद में स्वप्नदोष को धातु दुर्बलता और मन:दोष से उत्पन्न माना गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए औषधियाँ, योग, आहार और जीवनशैली पर ध्यान देना आवश्यक है।

 
1. आयुर्वेदिक औषधियाँ

· अश्वगंधा – यह शक्ति और वीर्यवर्धक है। इसका सेवन दूध के साथ करने से धातु मज़बूत होती है।

· शिलाजीत – यह प्राकृतिक टॉनिक है, जो कामशक्ति और वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाता है।

· सफेद मूसली – यह उत्तम वृष्य औषधि है, जो स्वप्नदोष और शीघ्रपतन को दूर करती है।

· कौंच बीज – यह शुक्रधातु को पुष्ट करता है और मानसिक उत्तेजना को नियंत्रित करता है।

· विदारीकंद और गोखरू – ये शरीर को बल, ओज और वीर्य प्रदान करते हैं।

👉 औषधियों का सेवन किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में करना चाहिए।

 
2. आहार और दिनचर्या

· दूध, घी, बादाम, अखरोट, किशमिश, छुहारे का सेवन करें।

· हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, चुकंदर, पालक, लौकी का सेवन करें।

· तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड से बचें।

· शराब, धूम्रपान और नशे से पूरी तरह दूर रहें।

· हल्का और सुपाच्य भोजन करें।


3. योग और प्राणायाम

· वज्रासन – पाचन और धातु को मजबूत करता है।

· सर्वांगासन – प्रजनन अंगों की शक्ति बढ़ाता है।

· भुजंगासन और धनुरासन – नसों और जननांगों को मज़बूत करते हैं।

· प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति) – मानसिक तनाव दूर करता है और मन को स्थिर बनाता है।

· ध्यान (Meditation) – अनावश्यक यौन विचारों पर नियंत्रण करता है।


4. जीवनशैली सुधार

· नियमित व्यायाम और सुबह की सैर करें।

· समय पर सोने और उठने की आदत डालें।

· रात को सोने से पहले अश्लील फिल्में या मोबाइल का प्रयोग न करें।

· ठंडे पानी से स्नान करें और जननांगों को साफ रखें।

· नकारात्मक और कामुक विचारों से बचें।


निष्कर्ष

स्वप्नदोष सामान्य अवस्था में चिंता का विषय नहीं है, लेकिन यदि यह बार-बार होने लगे तो यह शारीरिक, मानसिक और यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, स्वप्नदोष का कारण धातु की कमजोरी, असंयमित आहार-विहार और मानसिक उत्तेजना है। आयुर्वेदिक औषधियों, संतुलित आहार, योग-प्राणायाम और स्वस्थ दिनचर्या अपनाकर इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

याद रखें, यह रोग शर्म की बात नहीं बल्कि उपचार योग्य स्थिति है। यदि समस्या लगातार बनी रहे तो किसी योग्य आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।









मंगलवार, 23 सितंबर 2025

नपुंसकता (Erectile Dysfunction) का प्राकृतिक समाधान :आयुर्वेद और घरेलू उपायों से पायें यौनशक्ति और आत्मविश्वास

 


नपुंसकता (Erectile Dysfunction) का प्राकृतिक समाधान: आयुर्वेद और घरेलू उपायों से पायें यौनशक्ति और आत्मविश्वास


परिचय

नपुंसकता  (Erectile Dysfunction) आजकल पुरुषों में एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसमें पुरुष संभोग के दौरान पर्याप्त समय तक इरेक्शन बनाए रखने में असमर्थ होता है। यह समस्या न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक आत्मविश्वास और वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करती है।

आधुनिक जीवनशैली, तनाव, अनियमित खान-पान, धूम्रपान और मद्यपान जैसी आदतें इस समस्या को और बढ़ाती हैं। अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद और घरेलू उपायों से नपुंसकता का प्राकृतिक समाधान संभव है।

इस ब्लॉग में डॉ0 बी0के0 कश्यप (आयुर्वेदाचार्य) नपुंसकता के कारण, इसके दुष्प्रभाव और इसके प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक समाधान पर बात करेगे।

 

नपुंसकता के मुख्य कारण

1.     तनाव और चिंतामानसिक दबाव और चिंता यौन क्षमता को प्रभावित करते हैं।

2.     खराब खान-पानतैलीय, जंक फूड और पोषण की कमी इरेक्शन की क्षमता को घटाती है।

3.     शारीरिक बीमारियाँडायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्मोनल असंतुलन इसका बड़ा कारण हैं।

4.     धूम्रपान और शराबनशे की आदत रक्त संचार को कमजोर कर देती है जिससे लिंग में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पाता।

5.     व्यायाम की कमीनिष्क्रिय जीवनशैली से शरीर और प्रजनन क्षमता दोनों प्रभावित होते हैं।


नपुंसकता के दुष्प्रभाव

·        आत्मविश्वास की कमी

·        वैवाहिक जीवन में तनाव

·        समय से पहले स्खलन या यौन संतुष्टि में कमी

·        डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याएँ

 

नपुंसकता का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद के अनुसार नपुंसकता मुख्य रूप से वात दोष और धातु क्षीणता के कारण होती है। जब शरीर की ओज और वीर्य शक्ति कमजोर हो जाती है, तब यौन क्षमता प्रभावित होती है।


आयुर्वेदिक औषधियाँ और जड़ी-बूटियाँ

1.     अश्वगंधातनाव कम करती है और वीर्य शक्ति बढ़ाती है।

2.     शिलाजीतऊर्जा और यौन क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाता है।

3.     सफ़ेद मुसलीकामेच्छा और इरेक्शन को मज़बूत करती है।

4.     गोखरूहार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है और स्टैमिना बढ़ाता है।

5.     विदारीकंदथकान और कमजोरी को दूर कर यौन शक्ति में वृद्धि करता है।

👉 इन जड़ी-बूटियों का सेवन डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह से करना चाहिए।

 

नपुंसकता के घरेलू उपाय

1.     लहसुन और प्याजइन्हें प्राकृतिक कामोत्तेजक माना जाता है।

2.     शहद और अदरकमिश्रण का सेवन रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

3.     बादाम और अखरोटटेस्टोस्टेरोन हार्मोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं।

4.     दूध और केसरऊर्जा और यौन क्षमता को बढ़ाते हैं।

5.     मेथीदाना पानीहार्मोनल संतुलन और स्टैमिना को बेहतर करता है।


जीवनशैली में बदलाव

·        नियमित योग और प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, कपालभाति) करें।

·        रोज़ाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।

·        नींद पूरी लें और देर रात तक जागने से बचें।

·        तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और ध्यान अपनाएँ।

·        धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें।


योगासन जो नपुंसकता में लाभकारी हैं

1.     भुजंगासनरक्त प्रवाह बढ़ाता है।

2.     पश्चिमोत्तानासनपेल्विक मांसपेशियों को मज़बूत करता है।

3.     वज्रासनपाचन सुधारता है और यौन क्षमता बढ़ाता है।

4.     धनुरासनशरीर को ऊर्जा और लचीलापन प्रदान करता है।

5.     कंधरासनप्रजनन अंगों की क्षमता को मज़बूत करता है।

 

निष्कर्ष

नपुंसकता कोई स्थायी रोग नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी स्थिति है जिसे प्राकृतिक उपायों, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और स्वस्थ जीवनशैली से ठीक किया जा सकता है।

अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले शर्म और संकोच छोड़ें, क्योंकि यह एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। संतुलित आहार, नियमित योग और आयुर्वेदिक औषधियाँ आपकी यौन शक्ति और आत्मविश्वास दोनों को वापस ला सकती हैं।


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गुरुवार, 28 अगस्त 2025

संभोग समय बढ़ाने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

                                   

संभोग समय बढ़ाने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय :

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान के कारण पुरुषों में यौन समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें से सबसे आम समस्या है संभोग का समय कम होना या शीघ्रपतन (Premature Ejaculation)। जब पुरुष बहुत जल्दी स्खलित हो जाता है, तो न केवल उसका आत्मविश्वास प्रभावित होता है बल्कि दाम्पत्य जीवन में भी असंतोष पैदा होता है।

अच्छी बात यह है कि इस समस्या का समाधान घरेलू नुस्खों और आयुर्वेदिक उपायों के जरिए किया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप प्राकृतिक और घरेलू तरीकों से संभोग का समय बढ़ा सकते हैं।

1. संतुलित आहार का सेवन करें

खानपान का सीधा असर यौन क्षमता पर पड़ता है। यदि आप अस्वस्थ, तैलीय या फास्ट फूड अधिक खाते हैं तो शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होगी, जिससे संभोग का समय प्रभावित होता है।

·        प्रोटीनयुक्त भोजन : दूध, दही, पनीर, दालें, अंडे, मछली आदि का सेवन करें।

·        मेवे और ड्राई फ्रूट्स : बादाम, अखरोट, काजू और किशमिश वीर्य को गाढ़ा करते हैं और सहनशक्ति बढ़ाते हैं।

·        जड़ी-बूटियां : अश्वगंधा, शिलाजीत, सफेद मुसली और गोखरू जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां संभोग शक्ति बढ़ाने में सहायक हैं।

2. दूध और शहद का सेवन

दूध और शहद दोनों ही यौन शक्ति के लिए अमृत समान माने गए हैं।

·        रोज़ाना रात को गुनगुना दूध पीकर उसमें एक चम्मच शहद डालने से पुरुषों में स्टैमिना बढ़ता है।

·        यह वीर्य की गुणवत्ता सुधारता है और संभोग का समय बढ़ाने में मदद करता है।

3. व्यायाम और योग

कमजोर शरीर और तनावग्रस्त मन जल्दी थक जाता है। इसलिए नियमित योग और व्यायाम करना बहुत जरूरी है।

·        केगल एक्सरसाइज : यह व्यायाम पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करता है और स्खलन पर नियंत्रण करने में मदद करता है।

·        भुजंगासन, हलासन और पद्मासन : यह योगासन यौन अंगों में रक्तसंचार को सुधारते हैं।

·        दौड़ना और पुशअप्स : शरीर की ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाते हैं।

4. तनाव से दूरी बनाएँ

तनाव और चिंता यौन समस्याओं की सबसे बड़ी जड़ है। जब दिमाग तनावग्रस्त होता है, तो शरीर जल्दी थक जाता है और शीघ्रपतन की समस्या बढ़ जाती है।

·        ध्यान (Meditation) और प्राणायाम करें।

·        सोने और उठने का समय निश्चित रखें।

·        कैफीन और धूम्रपान से दूरी बनाएं।

5. लहसुन और प्याज का सेवन

लहसुन और प्याज को प्राकृतिक कामोत्तेजक (Aphrodisiac) माना जाता है।

·        सुबह खाली पेट 2-3 लहसुन की कली चबाना या दूध के साथ लेना यौन शक्ति को बढ़ाता है।

·        कच्चे प्याज का सेवन शरीर में ऊर्जा और उत्तेजना को बढ़ाता है।

6. बादाम और किशमिश का नुस्खा

·        5-6 भीगे हुए बादाम को पीसकर दूध में डालकर रोज़ पीएं।

·        किशमिश को उबालकर दूध के साथ सेवन करने से सहनशक्ति बढ़ती है और संभोग का समय भी अधिक होता है।

7. तेल से मालिश

नियमित रूप से जांघों और निचले पेट पर सरसों या जैतून के तेल से मालिश करने से रक्तसंचार बेहतर होता है। यह यौन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

8. आयुर्वेदिक नुस्खे

·        अश्वगंधा चूर्ण : एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को दूध के साथ लेने से मानसिक तनाव दूर होता है और यौन शक्ति बढ़ती है।

·        शिलाजीत : यह प्राकृतिक स्टैमिना बूस्टर है। रोजाना शिलाजीत लेने से ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ती है।

·        सफेद मुसली : इसे दूध के साथ मिलाकर लेने से संभोग का समय बढ़ाने में मदद मिलती है।

9. शराब और धूम्रपान से बचें

नशे की आदत यौन शक्ति को धीरे-धीरे कमजोर कर देती है। शराब और धूम्रपान रक्तसंचार को बाधित करते हैं जिससे इरेक्शन की समस्या और शीघ्रपतन हो सकता है।

10. पर्याप्त नींद लें

रात को देर तक जागने और नींद की कमी का सीधा असर यौन जीवन पर पड़ता है। नींद पूरी होने से शरीर की थकान दूर होती है और ऊर्जा बनी रहती है।

11. सहनशीलता तकनीक (Start-Stop Method)

संभोग के दौरान जब आपको स्खलन की अनुभूति हो तो थोड़ी देर रुककर गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ें। इससे समय बढ़ता है और आत्मनियंत्रण विकसित होता है।

12. साथी से संवाद करें

यौन जीवन में संतुलन तभी आता है जब दोनों साथी एक-दूसरे के साथ खुलकर बात करें। संवाद से तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे संभोग का समय भी स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

संभोग का समय बढ़ाने के लिए महंगे और हानिकारक रासायनिक दवाओं की जरूरत नहीं है। हमारे आसपास उपलब्ध घरेलू नुस्खे और प्राकृतिक उपाय ही पर्याप्त हैं। संतुलित आहार, योग, ध्यान, आयुर्वेदिक औषधियां और जीवनशैली में सुधार करके आप लंबे समय तक स्वस्थ और संतोषजनक यौन जीवन का आनंद ले सकते हैं।


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अधिक हस्तमैथुन की आदत से होने वाले नुकसान और उसका समाधान

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