शनिवार, 11 अप्रैल 2015

दीर्घायु और स्वस्थ रखे ताम्र पात्र का जल

दीर्घायु और स्वस्थ रखे ताम्र पात्र का जल

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ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीने का अक्सर निर्देश
भारतीय बुजुर्ग और वैद्य देते हैं |इसके अनेकानेक
वैज्ञानिक कारण हैं |सभी धातुओं में से ताम्बे के पात्र में
रखा जल सर्वाधिक लाभप्रद होता है |

आयुर्वेद केअनुसार, तांबे के बर्तन में संग्रहीत पानी में आपके शरीर में
तीन दोषों (वात, कफ और पित्त) को संतुलित करने
की क्षमता होती है और यह ऐसा सकारात्मक पानी चार्ज
करके करता है। तांबे के बर्तन में जमा पानी 'तमारा जल'
के रूप में भी जाना जाता है और तांबे के बर्तन में कम 8
घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है।

जब
पानी तांबे के बर्तन में संग्रहित किया जाता है तब
तांबा धीरे से पानी में मिलकर उसे सकारात्मक गुण प्रदान
करता है। इस पानी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है
कि यह कभी भी बासी (बेस्वाद) नहीं होता और इसे
लंबी अवधि तक संग्रहित किया जा सकता है।
तांबे को प्रकृति में ओलीगोडिनेमिक के रूप में
(बैक्टीरिया पर धातुओं की स्टरलाइज प्रभाव)
जाना जाता है और इसमें रखे पानी के सेवन से
बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है।

तांबा आम जल जनित रोग जैसे डायरिया, दस्त और
पीलिया को रोकने में मददगार माना जाता है। जिन देशों में
अच्छी स्वच्छता प्रणाली नहीं है उन देशों में
तांबा पानी की सफाई के लिए सबसे सस्ते समाधान के रूप
में पेश आता है।

थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड
की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में
तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस
होना आदि हैं। कॉपर थायरॉयड ग्रंथि के बेहतर कार्य
करने की जरूरत का पता लगाने वाले सबसे महत्वपूर्ण
मिनरलों में से एक है। थायराइड विशेषज्ञों के अनुसार,
कि तांबे के बर्तन में रखें पानी को पीने से शरीर में
थायरेक्सीन हार्मोन नियंत्रित होकर इस
ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे में
मस्तिष्क को उत्तेजित करने वाले और विरोधी ऐंठन गुण
होते हैं। इन गुणों की मौजूदगी मस्तिष्क के काम
को तेजी और अधिक कुशलता के साथ करने में मदद करते
है।

गठिया या जोड़ों में दर्द की समस्या आजकल कम उम्र के
लोगों में भी होने लगी है। यदि आप भी इस समस्या से
परेशान हैं, तो रोज तांबे के पात्र का पानी पीये। तांबे में
एंटी-इफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह गुण दर्द से राहत और
दर्द की वजह से जोड़ों में सूजन का कारण बने -
गठिया और रुमेटी गठिया के मामले विशेष रूप से फायदेमंद
होते है। त्वचा पर सबसे अधिक प्रभाव
आपकी दिनचर्या और खानपान का पड़ता है। इसीलिए अगर
आप अपनी त्वचा को सुंदर बनाना चाहते हैं तो रातभर तांबे
के बर्तन में रखें पानी को सुबह पी लें। ऐसा इसलिए
क्योंकि तांबा हमारे शरीर के मेलेनिन के उत्पादन का मुख्य
घटक है। इसके अलावा तांबा नई कोशिकाओं के उत्पादन में
मदद करता है जो त्वचा की सबसे ऊपरी परतों की भरपाई
करने में मदद करती है। नियमित रूप से इस नुस्खे
को अपनाने से त्वचा स्वस्थ और चमकदार लगने लगेगी।
पेट जैसी समस्याएं जैसे एसिडिटी, कब्ज, गैस आदि के
लिए तांबे के बर्तन का पानी अमृत के सामान होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपने शरीर से विषाक्त
पदार्थों को बाहर निकालना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में
कम से कम 8 घंटे रखा हुआ पानी पिएं। इससे पेट की सूजन
में राहत मिलेगी और पाचन की समस्याएं भी दूर होंगी।
अगर आप त्वचा पर फाइन लाइन को लेकर चिंतित हैं
तो तांबा आपके लिए प्राकृतिक उपाय है। मजबूत एंटी-
ऑक्सीडेंट और सेल गठन के गुणों से समृद्ध होने के कारण
कॉपर मुक्त कणों से लड़ता है---जो झुर्रियों आने के मुख्य
कारणों में से एक है---और नए और स्वस्थ
त्वचा कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। ज्यादातर
भारतीय महिलाओं में खून
की कमी या एनीमिया की समस्या पाई जाती है। कॉपर के
बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह
शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक
होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक
तत्वों को अवशोषित कर रक्त वाहिकाओं में इसके प्रवाह
को नियंत्रित करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे
पानी को पीने से खून की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।
गलत खान-पान और अनियमित जीवनशैली के कारण कम
उम्र में वजन बढ़ना आजकल एक आम समस्या हो गई है।
अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो एक्सरसाइज के
साथ ही तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके लिए
फायदेमंद साबित हो सकता है। इस पानी को पीने से शरीर
की अतिरिक्त वसा कम हो जाती है। तांबे के बर्तन में
रखा पानी वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने
में मदद करता है। इस प्रकार से इस पानी में एंटी-
ऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैसर से लड़ने की शक्ति प्रदान
करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर
की शुरुआत को रोकने में मदद करता है, कैसे इसकी सटीक
कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ अध्ययनों के
अनुसार, तांबे में कैंसर विरोधी प्रभाव मौजूद होते है।
तांबा अपने एंटी-बैक्टीरियल, एंटीवायरल और
एंटी इफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। इसलिए इसमें
कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए
कि तांबा घावों को जल्दी भरने के लिए एक शानदार
तरीका है। दिल के रोग और तनाव से ग्रसित
लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ
भी ये परेशानी है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से
आपको लाभ हो सकता है। तांबे के बर्तन में रखे हुए
पानी को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन
रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल
की बीमारियां दूर रहती हैं

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