गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

डायबिटीज का यौन स्वास्थ (sex life)पर पड़ने वाला प्रभाव

                         



डायबिटीज का यौन स्वास्थ  (sex health)पर पड़ने वाला प्रभाव-



Diabetes and Sexual Health:

डायबिटीज़ (Diabetes) एक हार्मोन्स से जुड़ी गडबड़ी है, जिसकी वजह से रक्त में शुगर की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। यह बढ़ा हुआ ग्लूकोज़ लेवल आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है। लेकिन इस बीमारी का असर लोगों की सेक्स लाइफ पर भी पड़ता, जिसके बारे में बहुत कम बातें की जाती हैं। डायबिटीज सेक्स लाइफ को कई तरीकों से प्रभावित करती है। यही नहीं यह महिलाओं और पुरूषों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती है। सेक्स लाइफ पर डायबिटीज के साइड-इफेक्ट्स में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
 (erectile dysfunction) से लेकर वजाइनल ड्राईनेस (vaginal dryness) यानि योनि में सूखापन जैसी कई समस्याएं होती हैं।

5 मुख्य  सेक्सुअल प्रॉब्लम्स जो डायबिटीज के मरीजों को अक्सर महसूस होती हैं।



लो सेक्स ड्राइव: डायबिटीज के मरीज़ों में धीरे-धीरे सेक्स की इच्छा खत्म हो जाती है। अगर, किसी व्यक्ति को यह समस्या महसूस हो रही हो तो, उसे अपने ब्लड शुगर लेवल चेक करने चाहिए। सेक्सुअल डिज़ायर की कमी (Lack of Sexual Desire) के साथ ऑर्गैज़्म तक न पहुंचना और संतुष्टि महसूस ना करने जैसी समस्याएं भी डायबिटीज के मरीज़ों में बहुत अधिक देखी जाती हैं।



इरेक्टाइल डिस्फंक्शन : डायबिटीज से पीड़ित आधे से अधिक पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आती है। इसमें, टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज, दोनों के मरीज़ शामिल हैं। दरअसल, पेनिस और जेनाइटल एरिया की तरफ ब्लड सर्कुलेशन कमज़ोर होने और नसों को नुकसान पहुंचने की वजह से लोगों को यह समस्या होती है।



नर्व डैमेज़ (Nerve damage): हाई ब्लड शुगर (High blood sugar levels) की वजह से आपको नर्व डैमेज़ जैसी परेशानी हो सकती हैं। इसकी वजह से सेक्सुअल अराउजल यानि उत्तेजना कम हो जाती है। जिससे, लोगों को सेक्स में दिक्कतें आती हैं।



लो स्पर्म क्वालिटी (Sperm quality):
कुछ स्टडीज़ का दावा है कि डायबिटीज के मरीज़ों में हाई ब्लड शुगर लेवल ना केवल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन बल्कि स्पर्म क्वालिटी से जुड़ी समस्याएं भी पैदा करते हैं। हाई ग्लूकोज़ लेवल की वजह से स्पर्म मोटिलिटी (sperm motility) और सीमेन यानि वीर्य (semen) की क्वालिटी कम हो सकती है। 


योनि में सूखापन: वजाइनल ड्राईनेस (Vaginal dryness) डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में बहुत अधिक होती है। इसके अलावा इन महिलाओं को वजाइना में इंफेक्शन का रिस्क भी बहुत अधिक होता है। कैंडिडाइसिस (candidiasis) यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (urinary tract infection) का रिस्क ऐसी महिलाओं में अधिक होता है जिन्हें डायबिटीज़ की समस्या होती है।






शनिवार, 20 नवंबर 2021

पेरोनीज रोग (लिंग का टेढ़ा होना), जानें इसके कारण, लक्षण और ठीक करने के उपाय-

                                    

                   

पेरोनीज रोग (लिंग का टेढ़ा होना), जानें इसके कारण, लक्षण और ठीक करने के उपाय-


पुरुषों में लिंग के टेढ़ा होने की समस्या को पेरोनीज (Peyronies) कहा जाता है। चलिए  डॉक्टर कश्यप से जानते हैं इसके लक्षण, कारण और जोखिम।

महिलाओं और पुरुषों को कई तरह के गुप्तांग रोगों से परेशान होना पड़ता है, जो यौन जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। पुरुषों में गुप्तांग रोगों में से एक पेरोनीस है। पेरोनीस में पुरुषों के लिंग में टेढ़ापन आ जाता है। यह बीमारी प्लेक नामक स्कार टिश्यू के कारण होता है, यह टिश्यू लिंग के अंदर बनता है। इस स्थिति में लिंग सीधा रहने के बजाय टेढ़ा हो जाता है। यह समस्या अकसर 40 साल के बाद देखने को मिलती है। 

पेरोनीस की बीमारी पुरुषो में लिंग का झुकना या टेढ़ा होना होता है। संभोग के दौरान बार-बार सूक्ष्म चोटों के कारण प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं  के कारण 
पेरोनीस होने की संभावना होती है ।


पेरोनीस होने पर होने वाली परेशानियाँ -

· पेरोनीस की समस्या होने पर पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाने या संभोग करने में कठिनाई होती है।

· झुकते समय दर्द महसूस होना

· इरेक्शन  के समय लिंग में दर्द महसूस होना

 शुरुआत में इसका इलाज दवाइयो से किया जा सकता है। अगर लिंग 30 डिग्री से ज्यादा टेढ़ा हो जाता है, तो ऐसे में इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है। इतना ही नहीं गंभीर लंबे समय तक चलने वाले मामलों में या तो निशान हटाने के लिए या लिंग के झुकने को ठीक करने के लिए सर्जिकल उपचार की आवश्यकता हो सकती है। कई ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जिसमें पुरुषो का लिंग पूरी तरह से टेढ़ा हो जाता है। सर्जरी के बाद उन्हें नियमित रूप से फॉलो-अप पर रहने की जरूरत है।
 
पेरोनीस के लक्षण -

· संभोग करने में कठिनाई

· इरेक्शन के समय दर्द होना या लिंग का मुड़ना या झुकना

· लिंग में दर्द होना

· सूजन होना

· लिंग का मुड़ना

· लिंग का लचीलापन कम होना

· इरेक्शन के बाद लिंग का सामान्य से छोटा दिखाई देना

· लिंग में गांठ महसूस होना





पेरोनीस के कारण-

वैसे तो पेरोनीस के कोई स्पष्ट कारण नहीं है, लेकिन कई ऐसे कारक है, जो लिंग के टेढ़ापन का कारण बन सकते हैं।

1 -   लिंग के ऊत्तको में चोट लगने पर अकसर पेरोनीज की समस्या देखने को मिलती है। दरअसल, ऊत्तको में चोट लगने की वजह से लिंग के अंदर रक्तस्त्राव हो जाता है। जो धीरे-धीरे लिंग के टेढ़ापन का कारण बन सकता है।

2 - अगर किसी के पिता को यह समस्या है, तो उसके बेटे को भी पेरोनीज नामक समस्या हो सकती है। यह आनुवंशिक भी हो सकता है।

3 - इतना ही नहीं पेरोनीस की समस्या दवाओ के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकता है । इसलिए दवाओ का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहियें।

4 - कई बार शारीरिक संबंध बनाते समय गलती करने पर भी लिंग में टेड़ेपन की समस्या आ जाती है।
 
पेरोनीस के जोखिम कारक -

· धूम्रपान की लत या आदत

· डायबिटीज

· हाइपरटेंशन

· कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर

· लिंग में चोट लगना


पेरोनीस के बचाव टिप्स -

पेरोनीस की समस्या से बचने के लिए आपको कुछ जरूरी बातो पर ध्यान देना चाहिए।

1- शारीरिक संबंध बनाते समय सावधानी बरतना।

2 - लिंग की चोट को नजरअंदाज न करना। चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना।

3- यह अकसर बढ़ी उम्र में होता है, इसलिए बढ़ती उम्र की वजह से होने वाली समस्या को रोकने के लिए अच्छी डाइट लेना।

4-   धूम्रपान की लत को छोड़ना जरूरी है।

5- अगर आप शारीरिक रूप से थके हुए है, तो संभोग करने से बचें।

अगर आपको भी पेरोनीस से जुड़ा कोई लक्षण नजर आए, तो इसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है। शुरुआत में इसे दवाइयो से ठीक किया जा सकता है, लेकिन समस्या बढ़ने पर इंजेक्शन या सर्जरी करवानी पड़ती है।









बुधवार, 27 अक्टूबर 2021

पुरुष बांझपन (Male Infertility) कारण एवं उपचार

                                 




पुरुष बांझपन (Male Infertility) कारण एवं उपचार-


पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या के कारण वे पिता बनने के सुख से वंचित रह जाते हैं। 
इनफर्टिलिटी (बांझपन) एक ऐसा मुद्दा है जिसे हमेशा से महिलाओं से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन असल बात यह है कि संतान पैदा न होने के पीछे पुरुषों की भी कमियां या कमजोरियां होती हैं। किसी भी पुरुष के लिए बाप बनना एक सुखद अनुभव है लेकिन आज के समय में कई कारणों से तमाम पुरुष इस सुखद अनुभव से वंचित रह जाते हैं। जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है जिसकी वजह से तमाम लोग पिता बनने से वंचित रह जाते हैं। इसके अलावा शैक्षिक और करियर से जुड़े कारणों की वजह से कई कपल्स प्रेग्नेंसी को सही समय पर नहीं अपनाते हैं जिसकी वजह से भी समस्याएं होती हैं। अधिकांश लोग आज के समय में भी शर्मिंदगी की वजह से इनफर्टिलिटी जैसे विषयों पर बात नहीं करते हैं।
लेकिन शर्मिंदगी को त्यागकर इसे एक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या के रूप में देखा जाना बहुत जरूरी है। अगर कोई भी कपल एक साल की कोशिश के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ हैं तो उन्हें दोनों को एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बार इनफर्टिलिटी की वजह से गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। जब तक पति-पत्नी दोनों की सही ढंग से जांच नहीं होती है तब तक इसके पीछे के असल कारणों को पहचानने में सफलता नहीं मिलती है। इसलिए पुरुषों को भी शर्म और झिझक को त्याग कर अपने फर्टिलिटी के बारे में बात जरूर करनी चाहिए।

पुरुषों में इनफर्टिलिटी (बांझपन) के प्रमुख कारण -

आज के समय में अनुचित खानपान और जीवनशैली की वजह से पुरुषों में इनफर्टिलिटी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इनके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। पुरुषों में इनफर्टिलिटी या बांझपन के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

· वैरिकोसिल के कारण।

· अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन।

· शारीरिक व्यायाम की कमी।

· नींद से जुड़ी समस्याओं के कारण।

· बढ़ती उम्र की वजह से।

· स्मोकिंग की वजह से।

· क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और सिस्टिक फाइब्रोसिस।

· कैंसर और कैंसर के इलाज की वजह से।


पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के आसान उपाय -

जीवनशैली और खानपान से कई कारणों की वजह से पुरुषों की फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। इसके पीछे कई आनुवंशिक और उम्र से जुड़े कारण भी प्रमुखता से जिम्मेदार माने जाते हैं। पुरुषों को पिता बनने के लिए उनके शुक्राणुओं में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी जरूर रखनी चाहिए। अगर आप एक साल या उससे अधिक समय से पिता बनने की कोशिश में नाकाम हो रहे हैं तो उसके पीछे आपनी फर्टिलिटी भी एक प्रमुख वजह हो सकती है। पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने के कुछ आसान उपाय इस प्रकार से हैं।

वजन को हमेशा रखें नियंत्रित-

स्वस्थ रहने के लिए वजन का शरीर की लंबाई के अनुपात में होना जरूरी होता है। वजन बढ़ने की समस्या में आपके शरीर में कई समस्याएं तो होती ही हैं लेकिन इसकी वजह से आपके शुक्राणुओं पर भी प्रभाव पड़ता है। अधिक वजन होने से आपके शुक्राणुओं का विकास प्रभावित होता है और आपके शुक्राणु डीएनए में भी बदलाव आ सकता है। स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना और नियमित रूप से व्यायाम करने से आप अपने वजन को कम कर सकते हैं। संतुलित वजन होने से आपको ये समस्याएं नहीं होती हैं।

स्ट्रेस को कम करें-

अधिक तनाव लेने की वजह से भी पुरुषों की फर्टिलिटी प्रभावित होती है। यह देखा गया है कि जो पुरुष तनाव में रहते हैं उनके शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर असर पड़ता है जिसकी वजह से गर्भधारण नहीं हो पाता है। तनाव को कम करने के लिए आप मेडिटेशन, एक्सरसाइज या योग, तैराकी आदि का सहारा ले सकते हैं।

धूम्रपान को कहें अलविदा-

धूम्रपान वैसे भी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। धूम्रपान करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ता है। धूम्रपान आपके दिल की सेहत पर भी बुरा असर डालता है। अधिक धूम्रपान करने वाले पुरुषों की फर्टिलिटी पर भी इसका असर पड़ता है। धूम्रपान की वजह से आपके शुक्राणुओं की संख्या कम होती है और शुक्राणु की गतिशीलता भी प्रभावित होती है। महिलाओं के गर्भपात का भी एक अहम कारण उनके पुरुष का धूम्रपान करना होता है। धूम्रपान करने से बचने पर आपके शुक्राणुओं की गुणवत्ता सही हो सकती है और इसके बाद आप पिता बन सकते हैं।

लैपटॉप को गोद में रखकर देर तक काम करने की वजह से -

आज के समय में इंसान का ज्यादा से ज्यादा काम लैपटॉप या कंप्यूटर के सहारे होता है।  ऐसे में लैपटॉप का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है। लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने की वजह से आपकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने से उससे निकलने वाला रेडिएशन आपके शुक्राणुओं के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है और इसका असर आपकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। इसलिए इनफर्टिलिटी से बचने के लिए आपको लैपटॉप को गोद में रखकर ज्यादा देर तक काम करने से बचना चाहिए।

स्वस्थ आहार का सेवन करें-

स्वस्थ आहार का सेवन आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। इनफर्टिलिटी की समस्या खानपान की वजह से भी हो सकती है। इसलिए पुरुषों को इनफर्टिलिटी से बचने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन जरूर करना चाहिए। आप एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें। इसके अलावा ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने और शुक्राणुओं के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है।

पुरुषों की इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज-

पुरुषों में बांझपन या इनफर्टिलिटी का इलाज कई तरीकों से किया जाता है।
इसके प्रमुख 3 तरीके इस प्रकार से हैं।

· चिकित्सा प्रबंधन

· सर्जिकल प्रबंधन

· जीवन शैली में परिवर्तन

चिकित्सा प्रबंधन - पुरुषों में बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए इलाज में विटामिन सी, विटामिन ई, ग्लूटाथियोन जैसे एंटीऑक्सिडेंट का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुषों का ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉफिन (एचसीजी) के साथ उपचार किया जा सकता है जो एफएसएच और एलएच हार्मोन के स्तर में सुधार कर सकता है जो बदले में शुक्राणु के उत्पादन को बढ़ा सकता है।

सर्जिकल प्रबंधन - सर्जिकल प्रबंधन के द्वारा पुरुषों की इनफर्टिलिटी को भी दूर किया जाता है। सर्जरी के माध्यम से इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए इन चीजों का सहारा लिया जाता है।

1.माइक्रो-टेज (माइक्रोस्कोपिक टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन)

इस प्रक्रिया में अशुक्राणुता (ऐसी स्थिति जिसमें वीर्य में कोई शुक्राणु नहीं पाया जाता है) से पीड़ित पुरुषों के मामले में वृषण से शुक्राणुओं को पुनः प्राप्त करने के लिए उपचार किया जाता है।

2. वैरिकोसेलेक्टोमी

वैरिकोसिल अवस्था से ग्रस्त पुरुष वैरिकोसेलेक्टोमी नामक सर्जरी के माध्यम से इनफर्टिलिटी को दूर कर सकते हैं। वैरिकोसिल एम्बोलाइजेशन एक और कम आक्रामक प्रक्रिया है जिसका उपयोग पुरुषों की इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए किया जाता है।

3. वेसेक्टोमी (पुरुष नसबंदी) रिवर्सल

पुरुष जो पुरुष नसबंदी (जन्म नियंत्रण उपाय) से गुजर चुके हैं, वे भी वेसेक्टोमी (पुरुष नसबंदी) रिवर्सल प्रक्रिया के माध्यम से फर्टिलिटी को प्राप्त कर सकते हैं और एक बार फिर अपने पितृत्व के सपने को पूरा कर सकते हैं।

जीवन शैली में परिवर्तन - जीवनशैली में कुछ बदलाव कर आप इनफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए आपको स्वस्थ और संतुलित आहार के सेवन के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम का अभ्यास करना होगा। इसके अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।

ज्यादातर पुरुष शुक्राणु की गुणवत्ता और इसके महत्व और गर्भावस्था में में इसकी भूमिका से अनजान हैं। एंड्रोलाइफ विज्ञान की विशेष शाखा है जो पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित है और एंड्रोलॉजिस्ट विशेष विशेषज्ञ हैं जो पुरुष वन्ध्यत्व का उपचार करते हैं। यदि आप गर्भधारण करने में असमर्थ हैं, तो बेझिझक किसी फर्टिलिटी विशेषज्ञ से मिलें। ऐसी कई उन्नत तकनीकें हैं जिनके द्वारा पुरुषों की इनफर्टिलिटी को दूर किया जा सकता है।




रविवार, 26 सितंबर 2021

क्या आप जानते है मैरेज लाइफ में सेक्स ना करने पर आपके शरीर पर पड़ता है विपरीत प्रभाव - डॉ0 बी0 के0 कश्यप




क्या  आप जानते है मैरेज लाइफ में  सेक्स ना करने पर आपके शरीर पर पड़ता है विपरीत प्रभाव - डॉ0 बी0 के0 कश्यप 


किसी ना किसी समय सभी लोगों को शारीरिक स्पर्श और सेक्स की इच्छा होती है। इस बात को स्वीकार करने में कोई शर्म की बात नहीं कि हमारे शरीर को यौन संबंधों की आवश्यकता होती है। हमारा शरीर सेक्स के अभाव में बहुत सारे बदलावों का सामना करता है। इनके बारे में आपको जानना चाहिए।

हम सभी जानते हैं कि हमारी जिंदगी के लिए बुनियादी जरूरते क्या हैं। हालांकि, जब सेक्स की बात आती है, तो हम सभी बहुत अजीब महसूस करते हैं। आप यह स्वीकार करें या नहीं लेकिन यह सच है कि शारीरिक संबंध हमारे शरीर की जरूरत हैं। यौन रुप से सक्रिय होने के बाद आप इस बात को महसूस कर सकते हैं। हालांकि, ऐसे भी लोग हैं जो इस बात को स्वीकार करने में हिचकिचाते हैं कि उनके शरीर को शारीरिक स्पर्श की आवश्यकता होती है। यौन रुप से सक्रिय रहने वाले लोग अपने शरीर में कई बदलाव महसूस करते हैं। शारीरिक बदलावों से लेकर मानसिक बदलावों तक, आप बहुत सी चीजों का सामना करते हैं। इसके विपरीत, अगर शरीर सेक्स के अभाव में होता है तो भी आप कई बड़े बदलावों को देखेंगे। आइए जानते हैं कि सेक्स ना करने पर आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं। 

आप इसके (सेक्स ) बारे में अधिक सोचने लगते  हैं-

आप इस बात पर विश्वास करें या नहीं लेकिन यह सच है कि सेक्स के अभाव होने पर आप इसके बारे में अधिक सोचने लगते हैं। आप जिस इंसान को पसंद करते हैं उसके साथ आप शारीरिक संबंधों बनाने के बारे में सोचने लगते हैं।

आप तनाव में रहते हैं-

सेक्स के अभाव में आपका शरीर तनाव में आ जाता है। आप अचानक तनाव का शिकार हो जाते है। इस कारण आपको मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, नींद ना आने, और भूख ना लगने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

इम्यूनिटी का कम होना-

आपका इम्यून सिस्टम आपके कई बीमारियों से बचाता है। हालांकि जब शरीर से यौन संबंधों के अभाव में होता है, तो यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। आप जल्द बीमार पड़ने लगते हैं। सेक्स करने से आपके शरीर में इम्यूनोग्लोबिन केमिकल बढ़ता है जो बेहतर तरीके से रोगों से लड़ने में मदद करता है।

आप खुद पर संकोच करने लगते हैं-

हम सभी के लिए खुद को प्यार करना और पसंद करना जरुरी होता है। इससे आप अपने बारे में अच्छा महसूस कर पाते हैं। सेक्स के दौरान हमारे शरीर में डोपामाइन नामक हार्मोन रिलीज होता है जो कि एक हैप्पी हार्मोन है। इससे आपका आत्मविश्वास बना रहता है और आप खुश रहते हैं लेकिन सेक्स के अभाव में आपका शरीर उदास होने लगता है और आप खुद पर ही संकोच करने लगते हैं।

त्वचा पर प्रभाव-

यौन संबंध आपकी त्वचा को भी प्रभावित करते हैं। इससे आपकी त्वचा में निखार आता है। डोपामाइन का स्तर बढ़ने से आपकी स्किन ग्लो करती है। इसके विपरीत, सेक्स के अभाव में आपकी त्वचा बेजान और मुरझाई हुई दिखने लगती है।



गुरुवार, 23 सितंबर 2021

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए खुद को ऐसे रखें सेक्शुअली फिट- डॉ0 बी0 के0 कश्यप

                                 




सुखी वैवाहिक जीवन के लिए  खुद को ऐसे रखें सेक्शुअली फिट:

शादी से पहले भले ही सेक्स न करें, लेकिन विवाह करने के बाद सेक्शुअल संबंध बनते ही हैं। अगर आप वैवाहिक जीवन का सुख चाहते हैं और संतान की इच्छा है तो इसके लिए सेक्शुअली फिट (Sexually Fit) रहना होगा। यह बहुत ही जरूरी है।

अगर आप शादी के बाद सेक्शुअली फिट नहीं रहेंगे तो इससे आगे चलकर सेक्स लाइफ और संतान उत्पन्न करने को लेकर दिक्कत होगी। इसलिए हमें स्वस्थ सेक्स लाइफ (Men's Healthy Sex Life) को लेकर कुछ जरूरी बातें जाननी होंगी। 


1. अपना सेक्स पावर खुद से करें चेक (Test Sexual Stamina or Sex Power at Home)

यौन शक्ति या पौरुष शक्ति के बिना सेक्स लाइफ का आनंद संभव नहीं है। हमें मर्दाना ताकत की सही जानकारी होनी चाहिए। जबकि इसको लेकर कई लड़कों को सही जानकारी नहीं होती है। वे किसी न किसी भ्रम में पड़कर सेक्सपावर को बढ़ाने की दवाइयां खाना शुरू कर देते हैं।

इस वजह से वह अपनी नेचुरल शक्ति को खो देते हैं। इसलिए हमें ऐसी अफवाहों से भी खुद को बचाना है। सेक्स पावर / स्टेमिना (Sexual Stamina) को इस तरह से टेस्ट कर सकते हैं।

क्या आप लिंग की लंबाई और मोटाई जानतेहैं?

· क्या आपके पेनिस में पूरी तरह तनाव आता है?

· क्या आपके भीतर सेक्स की इच्छा होती है?

· आप उपरोक्त बातों के आधार पर अपना सेक्शुअल फिटनेस जांच सकते हैं।



 
2. पुरुषों की हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए जरूरी चीजें (Men's Sexual Performance Products)

पुरुषों की हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए कुछ जरूरी चीजें होती हैं। इनका इस्तेमाल हर दिन किया जा सकता है। क्योंकि हम पुरुषों को कुछ जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हमें इनकी पूर्ति करनी जरूरी है। जो लोग नहीं कर पाते वे कमजोर हो जाते हैं।

अगर आप इन हेल्दी सेक्स लाइफ वाली चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे सेक्स टाइमिंग, वीर्य की गुणवत्ता, लिंग का तनाव आदि को लेकर फायदा होता है। इसलिए लड़कों को इन चीजों का सेवन करते रहना चाहिए।



3. अपने लिंग को रखें हेल्दी (Keep Your Penis Healthy)

स्वस्थ सेक्स जीवन के लिए लिंग को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है। अगर आपका पेनिस हेल्दी (Healthy Penis) नहीं है तो फिर दिक्कत होनी है। हालांकि, लड़के कुंवारे में अपने लिंग को लेकर कई तरह गलतियां कर देते हैं जिसकी वजह से दिक्कतें होती हैं। हेल्दी पेनिस के लिए निम्निलिखित बातों का ध्यान रखें-

· लिंग पर सही तेल की मालिश करें

· पेनिस लंबा करने के लिए उसे जबरन खींचे-तानें नहीं

· लिंग की लंबाई बढ़ाने के लिए किसी उपकरण का इस्तेमाल न करें

· प्राइवेट एरिया की सफाई करते रहें

· 'एक्सपायर' अंडरवियर न पहनें

 
4. शराब-सिगरेट का सेवन कम करें या न करें (No Smoking No Alcohol)

कुछ लड़के शराब-सिगरेट का सेवन अधिक करने लगते हैं। सेक्स लाइफ के लिए ये चीजें बेहद खतरनाक होती हैं। मगर जवानी के आरंभ में हमें इसका अंदाजा नहीं होता है। जबकि हमें उसी दौरान इन चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

 
5. वर्कआउट पर दें ध्यान (Do Workout Regularly)
 
अगर आप खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो वर्कआउट जरूर करें। डॉक्टर हमेशा इस बात की सलाह देते हैं। अगर आप खुद को आलस से बाहर नहीं निकालेंगे तो इससे दिक्कत होगी। इसलिए योग, दौड़ना, टहलना या जिम करना शुरू कर दें। इससे आपकी सेक्स लाइफ भी दुरुस्त होगी।


सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन (Sexual frustration) की समस्या से जूझते पुरुषों को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन के लक्षण सामान्य होते हैं। किंतु धीरे-धीरे यह सेक्स की समस्या गंभीर हो जाती है। इसके चलते सेक्स लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है।

इसलिए सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन से खुद को संभालने का तरीका पता होना चाहिए। हम यहां पर सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन को दूर करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप भी सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन से निजात चाहते हैं तो यहां पर बताए टिप्स फॉलो करें।
 
सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन क्या होता है? (What Is Sexual frustration)

आप सेक्स लाइफ में जो चाहते हैं, वैसा हो नहीं पाता। जो सेक्स लाइफ में रियल एक्सपीरियंस और सेक्स की चाहत या जरूरत के बीच असंतुलन होता है, तभी इस तरह की दिक्कत होती है। इस तरह की समस्या को सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन कहते हैं।

हमें सेक्स लाइफ में इस तरह के असंतुलन के बीच संतुलन बनाना जरूरी होता है। जो लोग ऐसा नहीं कर पाते वे दिमागी रूप से परेशान हो जाते हैं। जब ये बुरी तरह हावी हो जाती है, तब दिक्कत बढ़ जाती है।
 
सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन के लक्षण (Sexual Frustration Symptoms)

· सेक्स लाइफ से नाखुश

· पार्टनर को नापसंद करना

· चिड़चिड़ापन या बौखलाहट

· नींद की कमी

· सेक्स के बारे में अत्याधिक सोचना

· सेक्स के बाद मास्टरबेशन करना

· पार्टनर के साथ सेक्स में दिलचस्पी नहीं

उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन को समझ सकते हैं। ये सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन के लक्षण हैं। हालांकि, ये शुरुआती संकेत हैं, जिनके आधार पर आसानी से पहचान कर सकते हैं। ऐसे लक्षण बार-बार या लंबे समय तक दिखें, तब सावधान हो जाएं और समाधान पर विचार करें।

 
सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन को दूर करने के तरीके (Best Way To Deal With Sexual Frustration)

हम यहां पर सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन को दूर करने के बारे में बात करेंगे। इन निम्नलिखित आसान तरीकों की मदद से फायदा मिल सकता है। पुरुषों को इन टिप्स के बारे में जानना चाहिए-


1. समझें, आखिर सेक्स में मजा क्यों नहीं आ रहा है?

हर समस्या के कारण को समझना बहुत जरूरी है। अगर आपको मूल कारण की जानकारी होगी, तभी उसका समाधान खोज पाएंगे। इसलिए अपने यौन इच्छा की कमी के कारण को समझें। कहीं यौन इच्छा की कमी आपके पार्टनर में तो नहीं? इस बात को अच्छी तरह समझ लें।

अगर आपके भीतर सेक्स को लेकर इच्छा नहीं हो रही है तो उसे स्वीकार करें। क्योंकि कई लड़के मानते हैं कि इसे बताने से पार्टनर उनको कमजोर मानेगी। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता। अगर आप में कमी है तो उसको दूर करें। इसके बाद शायद आपको सेक्स लाइफ में मजा आने लगेगा।
 
2. मजेदार सेक्स लाइफ के लिए अपनाएं ये तरीके

हमेशा एक जैसी चीज को आजमाने से मन भर जाता है। किसी एक ही चीज को बार-बार दुहराने से बोर हो जाना स्वभाविक है। इस बात को लेकर परेशान न हों। आप इसके लिए कुछ मजेदार तरीकों को आजमा सकते हैं। इससे फायदा मिल सकता है।

· मजेदार सेक्स गेम (Sex Games)

· हॉट सेक्स पोजीशन (Hot Sex Positions For Orgasm)


3. वर्कआउट पर बिताएं अधिक समय

अगर सेक्स के प्रति रूचि खत्म हो रही है तो इसके लिए वर्कआउट करने की आवश्यकता है। अगर आप रनिंग, वॉकिंग या सिंपल एक्सरसाइज करते हैं तब भी इससे मदद मिलेगी।

एक्सरसाइज करने से सेक्स लाइफ को फायदा मिलेगा। इसलिए इस बात को नजरअंदाज न करें और वर्कआउट शुरू करें।

 
4. इंटरकोर्स करने में हड़बड़ी नहीं


हां, थोड़ा स्लो चलें। सेक्स को आराम से एंजॉय करें।  फोर प्ले पर अधिक समय बिताएं और पार्टनर के अंगों के साथ समय बिताएं। कई लोग बस इंटरकोर्स के चक्कर में रहते हैं और इससे भी सेक्स का मजा गड़बड़ाता है।

 
5. रोमांटिक गानें और फिल्में मददगार

सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन से उबरने के लिए रोमांटिक गाने और फिल्मों की मदद लें। ये सबसे बेहतरीन तरीका है जो आपके मन-मस्तिष्क को तरोताजा करने का काम करेगा। इसलिए आप इसे भी आजमाकर देख सकते हैं।

आप इन तरीकों से सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन से निजात पा सकते हैं। अगर आपको मदद नहीं मिलती है तो किसी एक्सपर्ट या सेक्सोलॉजिस्ट की मदद लें। 



शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

कामोत्तेजना और नपुंसकता की समस्या के लिए उपयोगी है चिलगोजा का प्रयोग


चिलगोज़ा के फायदे और उपयोग-


चिलगोजा – Pine Nuts

चिलगोजा, पिस्ता, बादाम की तरह ही एक ड्राई फ्रूट है। आयुर्वेद के अनुसार, चिलगोजा एक बहुगुणी औषधि है। चिलगोजा के सेवन से एक-दो नहीं बल्कि कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। चलिए जानते हैं चिलगोजा खाने के फायदे क्या होते हैं।



चिलगोजा क्या होता है?

चिलगोजा का इस्तेमाल मेवे के रूप में होता है। यह एक पौष्टिक तथा स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ एक औषधि भी है। चिलगोजा के तेल का भी प्रयोग औषधि के रूप में होता है। चिलगोगा के वृक्ष लगभग 24 मीटर ऊंचे, एवं 3 मीटर चौड़े, तथा मध्यम आकार होते हैं। पेड़ की छाल पतली, चिकनी, खुरदरी, और भूरे रंग की होती है। इसके पत्ते तीन गुच्छों वाले और कठोर होते हैं।

चिलगोजा (pine nuts) के फल 2.5 सेमी लम्बे, चपटे, और भूरे रंग के होते हैं। इस फल को ही चिलगोजा कहते हैं। इसके बीज 2-2.5 सेमी लम्बे, गहरे भूरे रंग के होते हैं। फलों के अन्दर की गिरी सफेद, मीठी होती है। चिलगोजा के वृक्ष में फरवरी से दिसम्बर तक फूल, और फल होते हैं। चिलगोजा के बीज वृक्षों से नीचे गिरते हैं। इन्हीं बीजों को बाजार में बेचा जाता है।



चिलगोजा के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार, चिलगोजा खाने के फायदे (chilgoza benefits), औषधीय प्रयोग, इस्तेमाल की मात्रा, एवं विधियां ये हैंः-


चिलगोजा के फायदे से होती है शारीरिक कमजोरी दूर

शारीरिक कमजोरी की शिकायत है तो चिलगोजा का सेवन करें। बच्चे भी चिलगोजा का प्रयोग कर सकते हैं। चिलगोजा की गिरी का सेवन करने से हाथ-पैर की कमजोरी दूर होती है, और शरीर स्वस्थ होता है।



नपुंसकता की समस्या, और कामोत्तेजना के लिए चिलगोजा का प्रयोग

वर्तमान में कई लोग नपुंसकता, और सेक्स संबंधी विकार से ग्रस्त हैं। अस्वस्थ्य जीवनशैली, अस्वस्थ्य आहार का सेवन, या शारीरिक रोग आदि कई कारण हैं, जिनके कारण लोगों को ऐसी बीमारियां होती हैं। 

 1 गिलास दूध में 5-10 ग्राम चिलगोजा गिरी का चूर्ण, तथा मिश्री मिलाकर पीने से वीर्य संबंधी रोग दूर होता है, और वीर्य स्वस्थ होता है।

· चिलगोजा (pine seeds) के सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होती है, शरीर में उत्तेजना आती है, कामशक्ति (सेक्सुअल पॉवर) पॉवर बढ़ती है। वीर्य की बीमारी ठीक होती है।

· धातु की बीमारी में 20-25 बीज की गिरी को दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है।

· जो लोग सेक्सु्ल पॉवर या यौन शक्ति की कमी से परेशान रहते हैं, वे चिलगोजा, बादाम, मुनक्का, छुहारा, तथा अंजीर को मिलाकर दूध में पकाएं। दूध को ठंडाकर लें, और इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे उनका शरीर स्वस्थ्य होगा, और कामशक्ति में बढ़ोतरी होती है।


पाचनतंत्र विकार में चिलगोजा के सेवन से लाभ


आप जो खाना खाते हैं, उसे पाचनतंत्र पचाने का काम करता है। जब पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, तो भोजन को सही से पचाता है। इसी तरह पाचनतंत्र के बीमार हो जाने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना बन जाती है। चिलगोजा खाने के फायदे इसमें भी होता है। पाचन क्रिया खराब होने पर चिलगोजा का सेवन करना चाहिए। इससे पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, और सही तरह से काम करता है।



चिलगोजा के फायदे से खांसी और दमा का इलाज

दुनिया भर में दमा रोग से हजारों ग्रस्त हैं। यह एक गंभीर रोग है। चिलगोजा की 5-10 ग्राम गिरी को पीस लें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से दमा में फायदा होता है। इसे पीने से खांसी में भी आराम मिलता है।

चिलगोजा के फायदे से गठिया में लाभ

चिलगोजा (pine seeds) के तेल को लगाने से गठिया का दर्द ठीक होता है।



चिलगोजा के फायदे बुखार उतारने में

बुखार से पीड़ित मरीज चिलगोजा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। बुखार होने की स्थिति में 18-18 ग्राम त्रिफला, त्रिकटु, दालचीनी, चित्रक, ककुभ मूल, सालिम लें। इनके साथ ही बाबूना का फूल, 100 ग्राम अंगूर, 4 ग्राम चिलगोजा मज्जा, तथा 6 ग्राम नारियल लें। इनका पेस्ट बनाकर पका लें। इसे गाढ़ा बना लें। इसमें 375 ग्राम मधु मिला लें, और जेली (चटनी) बना लें। इस जेली (चटनी) को 5-10 ग्राम सुबह और शाम सेवन करें। इससे बुखार में लाभ होता है। 



चिलगोजा का इस्तेमाल कैसे करें? 

चिलगोजा का सेवन इस तरह किया जा सकता हैः-

· चिलगोजा का चूर्ण- 2-5 ग्राम

आप चिलगोजा का इस्तेमाल कर भरपूर फायदा लेना चाहते हैं, तो इसके इस्तेमाल से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह जरूर लें।
 

चिलगोजा के साइड इफेक्ट 

जिस तरह अच्छी चीजों को खाने से शरीर में लाभ होता है, और सामान्य से अधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान हो सकता है। उसी तरह चिलगोजा के अत्यधिक सेवन से भी कुछ हानि हो सकती है, जो ये हैः-

· चिलगोजा की गिरी देर से पचती है।

· इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से पेट संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।

आप उपरोक्त रोगों की रोकथाम में चिलगोजा का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए डॉक्टर की सलाह से चिलगोजा का इस्तेमाल करना चाहिए।

चिलगोजा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Chilgoza Found or Grown?)

चिलगोजा की खेती कई स्थानों पर की जाती है। भारत में उत्तर-पश्चिम में चिलगोजा की खेती होती है। हिमालय में 1800-3000 मीटर की ऊंचाई पर देवदार व चीड़ के वृक्षों के साथ-साथ चिलगोजा भी पाया जाता है। यह विश्व में अफगानिस्तान, बलूचिस्तान एवं पाकिस्तान में भी पाया जाता है।










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